Wednesday, May 5, 2010

अनंत बोले, लालू देशद्रोही

सुदीप बंद्योपाध्याय और मणिशंकर अय्यर की विपक्ष के खिलाफ की गई टिप्पणियों को लेकर गतिरोध समाप्त ही हुआ था कि बुधवार को लोकसभा में भाजपा के अनंत कुमार द्वारा राजद प्रमुख लालू प्रसाद के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल करने से नया बखेडा खडा हो गया और शाम पौने पांच बजे पांचवीं बार बाधा के बाद सदन की कार्यवाही गुरूवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
स्थिति ऎसी बनी कि बंद्योपाध्याय से माफी की मांग करने वालों में शामिल भाजपा सदन के निशाने पर आ गई। उसके सहयोगी दलों ने अनंत को टिप्पणी वापस लेने की सलाह दे डाली।
तीखी नोंकझोंक लोकसभा में भोजनावकाश के बाद जनगणना पर चर्चा शुरू हुई तो अनंत कुमार ने बांग्लादेशी, नेपाली और पाकिस्तानी घुसपैठियों का सवाल उठाया। इस पर लालू ने कहा कि अनंत मुद्दे से हट कर बोल रहें हैं और वे संघ के एजेंडे को लागू कर रहे हैं। इस पर अनंत ने लालू को कहा कि वह 'देशद्रोही' हैं और देश के साथ गद्दारी कर रहे हैं। इस पर लालू ने कहा, आप मुझे सर्टिफिकेट देने वाले कौन होते हैं। अनंत ने लालू की चुटकी लेते हुए यह भी कहा कि संसद से छुट्टी हो गई तो वह 'लाफ्टर चैलेंज' कार्यक्रम में जाएंगे।
सुदीप-आचार्य विवाद इससे पहले, मंगलवार को माकपा नेता बासुदेव आचार्य के खिलाफ तृणमूल नेता सुदीप बंद्योपाध्याय की टिप्पणी पर वाम नेताओं ने बुधवार को लोकसभा में बंदोपाध्याय से बिना शर्त माफी की मांग की और हंगामा शुरू हो गया। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के हस्तक्षेप से सदन में जारी गतिरोध समाप्त हो गया।
नहीं चली कार्रवाई उधर, राज्यसभा में मनोनीत सदस्य मणिशंकर अय्यर द्वारा सोमवार को विपक्ष के नेता अरूण जेटली के खिलाफ की गई कथित टिप्प्णी पर भाजपा के सदस्यों ने बुधवार को भी हंगामा किया और इस कारण प्रश्नकाल के बाद कार्यवाही नहीं चल पाई तथा बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

महिला आरक्षण विधेयक को भले ही फिलहाल ठंडे बस्ते में

सरकार महिला आरक्षण विधेयक को भले ही फिलहाल ठंडे बस्ते में डालने के मूड में हो, लेकिन कांग्रेस की महिला इकाई इसके लिए तैयार नहीं है। इकाई ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। महिला कांग्रेस ने मांग की है कि सरकार विधेयक को बजट सत्र में पेश करे। बजट सत्र शुक्रवार को समाप्त हो रहा है। जो हालात दिख रहे हैं उसमें विधेयक के फिलहाल पेश होने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं।
दरअसल कांग्रेस विधेयक को लेकर दुविधा मे फंस गई है। महिला आरक्षण विधेयक का विरोध कर रहे दलों ने कटौती प्रस्ताव में सरकार का साथ देकर एक प्रकार से सरकार पर इस विधेयक को पेश न करने का दबाव बना दिया था। बसपा, राजद और सपा जैसे दल इस विधेयक इसके मौजूदा स्वरूप में विरोध कर रहे हैं।
इन दलों की वजह से ही सरकार कटौती प्रस्ताव में जीत हासिल कर पाई थी। अब सरकार इन दलों को नाराज करने के मूड में नहीं है। ऎसे में इस विधेयक के फिलहाल ठंडे बस्ते में जाने की संभावनाएं बढ गई हैं। हालांकि महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभा ठाकुर ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर विधेयक को इसी सत्र में लोकसभा में लाए जाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विधेयक मौजूदा स्वरूप में ही पेश किया जाना चाहिए। जो दल विरोध कर रहे हैं वे अपने-अपने हिसाब से आरक्षण दे सकते हैं।

सरकार खुद भ्रष्टाचार में डूबी

वसुंधरा ने कहा कि गहलोत सरकार ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच को लेकर आयोग बैठाया है, जबकि यह सरकार खुद पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी है। इसके लिए उन्हें जनता के आयोग में जाना पडेगा। आधे घंटे के उद्बोधन में उन्होंने कांग्रेस सरकार को जमकर कोसा व जनता से आगामी चुनावमें इसे उखाड फेंकने का आह्वान किया।
पहनाया चांदी का मुकुट
समारोह में राजे का लाम्बा परिवार की ओर से चांदी का मुकुट पहनाकर व चुनरी ओढाकर स्वागत किया गया। इस दौरान उन्होंने लाम्बा परिवार की ओर से लॉयंस क्लब बिजयनगर को एम्बुलेंस भेंट की। समारोह को पूर्व जल संसाधन मंत्री सांवरलाल जाट ने भी संबोधित किया। संचालन पूर्व उप जिला प्रमुख पवन अजमेरा ने किया।
समारोह में जिला प्रमुख सुशीलकंवर पलाडा, ब्यावर विधायक शंकरसिंह रावत, पूर्व मंत्री राजेन्द्रसिंह राठौड, दिगम्बर सिंह, जहाजपुर विधायक शिवजीराम मीणा आदि मौजूद थे।

'भाजपा ने हटाया बीमारू प्रदेश का ठप्पा'

भाजपा के पांच साल के राज में हमने बीमारू का ठप्पा हटाकर प्रदेश को देश के विकसित राज्यों की श्रेणी में ला खडा किया है। यह बात बुधवार भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने ग्राम गोपालपुरा में आयोजित सम्मान समारोह में कही। वे यहां एक निजी समारोह में शिरकत करने आई थीं।
उन्होंने कटाक्ष किया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने जन्मदिन पर जनता को बिजली कटौती का तोहफा दिया है। इसके लिए जनता को उनका जन्मदिन हमेशा याद रहेगा। भाजपा ने प्रदेश के प्रत्येक गांव को सडकों से जोडा व जनता को पेयजल मुहैया कराया। आज कांग्रेसराज में पानी के लिए जनता को आंदोलन करना पड रहा है और बदले में लाठियां मिल रही हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि नरेगा में श्रमिकों को पूरा पैसा नहीं मिल रहा और किसानों का फसल बीमे का भुगतान अटका पडा है। वसुंधरा ने कहा कि भाजपा शासन में निजी व सरकारी क्षेत्र में 10 लाख नौकरियों का इंतजाम किया गया। आज भी नया प्रस्ताव नहीं लेकर हमारी ओर से पारित निर्णयों पर ही नौकरी दी जा रही हैं।

Tuesday, May 4, 2010

चिदंबरम के सामने नहीं चला शीला का मैजिक

मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के 'जादू' को भले ही कांग्रेस पार्टी चुनाव में भनाती रही हो लेकिन अब अपने नेताओं पर यह मैजिक नहीं चल रहा। हालत यह है कि गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने उनकी इस अपील तक को मानने से इनकार कर दिया कि दिल्ली के दो अफसरों का फिलहाल ट्रांसफर न किया जाए। मुख्यमंत्री का कहना था कि इन अफसरों को सिर्फ कॉमनवेल्थ गेम्स तक ही दिल्ली में रुकने दिया जाए, लेकिन कड़क पीसी के समक्ष शीला दीक्षित का जादू नहीं चल पाया। उन्होंने इन अफसरों से साफ कह दिया गया है कि वे जल्द से जल्द दिल्ली से अपना बोरिया बिस्तर समेटकर अंडमान और दमण की ओर रवाना हो जाएं। पीसी ने जिन अफसरों का ट्रांसफर रोकने की मुख्यमंत्री की दलील को खारिज किया, उनमें से एक अफसर तो खुद मुख्यमंत्री की अडिशनल सेक्रेटरी अलका दीवान हैं। इसके अलावा वित्त मंत्री डॉ. अशोक कुमार वालिया के सचिव राकेश बाली का भी फिलहाल ट्रांसफर रोकने के लिए कहा गया था। इन अफसरों का पहले भी ट्रांसफर करने के आदेश दिए गए थे, लेकिन बाद में मुख्यमंत्री ने खुद केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुरोध किया कि कम से कम अलका दीवान का ट्रांसफर तो कॉमनवेल्थ गेम्स तक के लिए टाल दिया जाए। हालांकि इसके बाद भी पीसी के सामने मुख्यमंत्री की भी नहीं चली और गृह मंत्रालय की ओर से साफ कह दिया गया कि अलका दीवान को दमण जाना होगा। इसी तरह राकेश बाली को अंडमान भेजा गया है। दिल्ली की एक अन्य सेक्रेटरी सुमति मेहता का ट्रांसफर मिजोरम भेजा गया है। हालांकि यह माना जाता है कि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का अपनी पार्टी और नेताओं पर गहरा असर है, लेकिन पी. चिदंबरम के मामले में हर बार मुख्यमंत्री की बात को अनसुना ही किया गया है। पिछले साल भी मुख्यमंत्री चाहती थीं कि दिल्ली के तत्कालीन पर्यावरण सचिव जे. के. दादू का ट्रांसफर न किया जाए, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनकी सारी कोशिशों पर पानी फेर दिया और आखिरकार दादू को दिल्ली से जाना ही पड़ा। इस तरह मुख्यमंत्री ने पिछले ही साल एमसीडी को दिल्ली सरकार के मातहत लाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री से कई स्तरों पर बातचीत की, लेकिन उनकी दाल तब भी गल पाई और पीसी अपनी बात पर अड़े रहे। यहां तक की पीसी ने अपने वादे को भी दरकिनार करते हुए एमसीडी के संबंध में दिल्ली सरकार को दिए जाने वाले अधिकारों में भी कटौती कर दी। मुख्यमंत्री के लिए राहत की बात केवल यह है कि उनके विशेष सचिव केशव चंदा को जरूर यह छूट दी गई है कि वे नवंबर में ही गोवा ट्रांसफर होंगे।

मनमोहन ने ठुकरा दी राजा की सिफारिशें

केन्द्रीय संचार मंत्री ए.राजा ने महानगर टेलीफोन निगम के पूर्व सीएमडी आरएसपी सिंह के सेवाकाल में बढ़ोतरी के लिए निगम के लेखों में हेराफेरी कर उसे लाभ में दिखाने की कोशिश की थी। यह मामला प्रधानमंत्री तक भी पहुंचा लेकिन उन्होंने राजा की सिफारिश को रद्द करते हुए आरएसपी सिंह के सेवा काल में बढ़ोतरी का प्रस्ताव ठुकरा दिया था। सूत्रों के अनुसार महानगर टेलीफोन निगम ने कर्मचारियों की भविष्य निधि की राशि में कटौती करके निगम को 20 करोड़ रूपए के लाभ में दिखाया था जबकि वास्तव में निगम को 40 करोड़ रूपए का घाटा हुआ था।सिंह को सेवाकाल में बढ़ोतरी दिलाने के लिए निगम को लाभ में दिखाने की कोशिश की गई थी। इस कोशिश में एमटीएनएल की आर्थिक सलाहकार एजेंसी पर दबाव डाला गया था कि वह भविष्य निधि की राशि 8.5 प्रतिशत के बजाय 8 प्रतिशत जमा कराए। भविष्य निधि के नियमों के अनुसार 8.5 प्रतिशत धनराशि भविष्य निधि के रूप में जमा कराना जरूरी था। जब यह बात निदेशक अनीता सोनी की जानकारी में लाई गई तो उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर इस अनियमितता की जानकारी दी।

लोकसभा की राजनीति करेंगे गडकरी

भाजपा में कौन केंद्रीय नेता लोकसभा की राजनीति करता है और कौन राज्यसभा की। यह मुद्दा पार्टी के छोटे-बड़े नेताओं के बीच बहस का मुद्दा बनता रहा है। भाजपा के कई नामचीन नेताओं के बारे में दबे सुर में पार्टी कार्यकर्ता ही कहते हैं कि पार्टी में कई बड़े नेता हैं जिन्हें लोकसभा चुनाव लडऩे के नाम से ही पसीना आने लगता है। लिहाजा बिना चुनाव लड़े राज्यसभा में जाने का रास्ता तलाशते हैं। दूसरी तरफ भाजपा की बागडोर संभालने के बाद से ही कार्यकर्ताओं के बीच नई-नई मिसाल पेश करने में लगे भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने तय किया है कि वह राज्यसभा के बजाय लोकसभा का चुनाव लड़कर संसदीय राजनीति करेंगे। गडकरी कहते हैं, मैं मानता हूं कि जनता को ध्यान में रखकर विकास आधारित राजनीति होनी चाहिए। गडकरी का लोकसभा चुनाव लडऩे का फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि उन्होंने भाजपा अध्यक्ष बनते ही यह घोषणा की थी कि जब तक वह अध्यक्ष पद पर रहेंगे तब तक चुनाव नहीं लड़ेंगे। पर अब गडकरी लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में लोकसभा सीट तैयार कर रहे हैं। फिलहाल गडकरी की नजर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और केंद्रीय नागरिक एवं उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल की भंडारा-गोंदिया संसदीय सीट पर है। गडकरी ने गन्ना किसानों और बेरोजगारी को मुद्दा बनाकर एनसीपी के गढ़ को भेदने का ऑपरेशन शुरू कर दिया है। पटेल के संसदीय क्षेत्र में रविवार को एक बड़ी किसान रैली करके गडकरी ने एनसीपी के सामने बड़ी लकीर खींचनी शुरू कर दी है। गडकरी ने कहा कि एनसीपी नेताओं को न किसान की चिंता है और न महंगाई की। उन्हें आईपीएल की चिंता है।गडकरी ने प्रफुल्ल के संसदीय क्षेत्र में बंदी के कगार पर पहुंची एक चीनी मिल को लगभग 14 करोड़ रूपए में खरीद कर उसे पुन: चालू करवाने का ऐलान कर दिया। यह चीन मिल पूर्ति समूह ने खरीदी है जिसके सर्वेसर्वा गडकरी हैं। सहकारी स्तर पर चल रही यह संस्था 'ग्राम विकास से राष्ट्र विकास' के मूलमंत्र को लेकर ग्रामीण क्षेत्र में किसानों को आर्थिक स्वालंबी और ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी की समस्या के निदान में लगी है। इसी के तहत गडकरी ने प्रफुल्ल पटेल के क्षेत्र में चीनी मिल खरीद कर छह हजार लोगों को बेरोजगार होने से बचा लिया।

''कांग्रेस से ही हो रहे चिदंबरम पर हमले''

वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने माओवादियों के साथ ही उन ''अद्र्ध माओवादियों'' से भी सावधान रहने की सलाह दी है जो अपने बयानों से इस लड़ाई को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि भाजपा सहित पूरा विपक्ष जब नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में गृहमंत्री पी चिदंबरम का साथ दे रहा है, कांग्रेस और यूपीए के अंदर से ही उनके खिलाफ उठ रही आवाजें इस लड़ाई को कमजोर कर रही हैं।जेटली ने कहा कि माओवादी गरीबी उन्मूलन के नहीं, बल्कि लोकतंत्र उन्मूलन के अभियान में लगे हैं। ये दरअसल, भारतीय राज्य पर कब्जा करना चाहते हैं। लोकतांत्रिक तरीके से चुन कर आई सरकार को हटा कर खुद सत्ता हासिल करने की तैयारी में हैं और संसदीय लोकतंत्र की जगह वैचारिक तानाशाही स्थापित करना चाहते हैं।उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले तक लग रहा था कि वामपंथी अतिवाद को काफी हद तक समाप्त कर दिया गया है, लेकिन इस दशक के उत्तराद्र्ध में इसने एक बार फिर से उभार लिया है। साथ ही इसका भौगोलिक विस्तार भी हो रहा है। यूपीए सरकार की पहली पारी के दौरान इसमें खासी बढ़ोतरी हुई। क्योंकि तब सरकार ने इस मुद्दे को पूरी तरह उपेक्षित कर दिया और तब के गृह मंत्री सिर्फ यह कहते रहे कि इन इलाकों में विकास योजनाओं को पहुंचाना है।भाजपा नेता के मुताबिक दूसरी पारी में यूपीए सरकार ने इसकी गंभीरता को समझा है। गृहमंत्री भी गंभीर नजर आते हैं, लेकिन जिस तरह के बयान वे अक्सर देते रहते हैं, उससे समस्या खड़ी हो जाती है। हाल ही में वे पश्चिम बंगाल की यात्रा पर गए तो वहां के मुख्यमंत्री के बारे में ऐसा बयान दे आए जिस पर कड़ी प्रतिक्रिया हुई, लेकिन 48 घंटों के अंदर ही दंतेवाड़ा कांड हो गया जिसके बाद उन्हीं के मुहावरे का इस्तेमाल कर उनको कठघरे में खड़ा किया जाने लगा।इस कांड के बावजूद भाजपा सहित पूरा विपक्ष नक्सलियों के खिलाफ इस लड़ाई में चिदंबरम के साथ खड़ा रहा, लेकिन उन पर कांग्रेस और यूपीए के अंदर से ही हमला होने लगा। जेटली ने कहा, हमें यह समझना चाहिए कि नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में पहले ही काफी देर हो चुकी है। अब इस तरह के बयान देकर इस लड़ाई को और कमजोर न करें।

Monday, May 3, 2010

केंद्रीय मंत्री पर गंभीर आरोप

राज्यसभा में आज माकपा द्वारा एक केंद्रीय मंत्री पर बांग्लादेश के हथियार कारोबारियों के साथ कथित सौदा करने के आरोप लगाने और सरकार से उस मंत्री के नाम का खुलासा करने की मांग पर विपक्षी राजग, वाम और अन्नाद्रमुक के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण बैठक शून्यकाल में एक बार के स्थगन के बाद एक घंटे के लिए करीब पौने दो बजे तक स्थगित कर दी गई।शून्यकाल में माकपा के मोइनुल हसन ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि एक केंद्रीय मंत्री के बारे में यह आरोप हैं कि उन्होंने बांग्लादेश के हथियार कारोबारियों के साथ सौदा किया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन सौदों के जरिए मंगाए गए हथियारों से हाल ही में पश्चिम बंगाल में एक बैंक में लूटपाट की गई। हसन ने आरोप लगाया कि माओवादी भी इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने इस मामले को देश की संप्रभुता से जुड़ा हुआ करार दिया और कहा कि पूरे मामले की जांच करानी चाहिए तथा उसके नतीजों से सदन को अवगत कराया जाना चाहिए। इसके फौरन बाद वाम और विपक्षी राजग के सदस्य सरकार से मांग करने लगे कि वह मामले की जांच करे तथा मंत्री का नाम बताए।विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने कहा, हम संविधान से बंधे हुए हैं तथा मंत्री भी संविधान एवं देश की संप्रभुता की रक्षा की शपथ लेते हैं। इस मामले में जो आरोप लगाए जा रहे हैं उनके अनुसार, देश की संप्रभुता से समझौता किया गया है। यह गंभीर मामला है और सरकार को यह आश्वासन देना चाहिए कि वह मामले की जांच कर कल उसके नतीजों से सदन को अवगत कराएगी।विपक्षी सदस्य इस बात पर भी जोर देने लगे कि पीठासीन अध्यक्ष पी जे कुरियन सरकार को इस मामले में जवाब देने के लिए निर्देश दें। कुरियन ने कहा कि वह सरकार को जवाब देने के लिए निर्देश नहीं दे सकते, यह सरकार पर निर्भर है कि वह इस मामले में प्रतिक्रिया दे या न दे। हंगामे के बीच, संसदीय कार्य राज्य मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि सरकार सदन में उठाए गए हर मामले को गंभीरता से लेती है तथा वह इस मामले को भी गंभीरता से ले रही है। उन्होंने कहा कि यदि किसी सदस्य के पास किसी मंत्री के खिलाफ कोई ठोस प्रमाण हैं तो वह समुचित प्रस्ताव लाए।

मोदी की तारीफों के पुल बांधे आडवाणी ने

हाल ही में गुजरात में हुए 'स्वर्णिम गुजरात समारोह' से अभिभूत भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी समारोह के बाद अब प्रदेश के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में जुट गए हैं।आडवाणी ने अपने ब्लॉग में लिखा है, पिछले ६० साल में मैंने कई सरकारी नेताओं को कई घटनाओं या संस्थानों की रजत और स्वर्ण जयंती का आयोजन करते देखा है, लेकिन गुजरात में नरेंद्र मोदी ने जो समारोह किया, वह अपने आप में अनूठा था। उन्होंने लिखा है, स्वर्णिम गुजरात समारोह केवल एक सरकारी समारोह नहीं था। अपनी सोच, नया कुछ करने की इच्छा, करिश्माई अपील और कड़ी मेहनत से मोदी ने इसे एक व्यापक जन समारोह बना दिया।आडवाणी ने लिखा है, उदाहरण के लिए भारत के बाहर से आए देशवासियों और प्रदेश के बाहर से आए लोगों के लिए किए गए समारोह जय नाद, जिसमें राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मैंने भाग लिया, उसका आयोजन न केवल इसी स्थान पर हुआ, बल्कि इसे उसी समय प्रदेश के हजारों गांवों, कस्बों और शहरों में भी आयोजित किया गया।

पप्पू यादव की जमानत निरस्त

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी नेता अजित सरकार की हत्या के मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को पटना उच्च न्यायालय से मिली जमानत सोमवार को निरस्त कर दी।
न्यायाधीश मार्केडेय काटजू एवं एके पटनायक की खंडपीठ ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के वकील की दलीलें सुनने के बाद बाहुबली नेता की जमानत निरस्त कर दी।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बी एम श्रीवास्तव ने 14 फरवरी 2008 को यादव को हत्या का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। लेकिन, पटना उच्च न्यायालय ने गत वर्ष 18 फरवरी को उन्हें जमानत दे दी थी। सीबीआई के वकील ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्चतम न्यायालय से यादव की जमानत निरस्त करने की मांग की थी। ज्ञात हो कि माकपा नेता सरकार की 14 जून 1998 में बिहार में पूर्णिया शहर के सुभाष नगर इलाके में हत्या कर दी गई थी।

Sunday, May 2, 2010

मुख्यमंत्री को चूहे ने काटा

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सीतीमढ़ी के सर्किट हाउस में शनिवार की रात एक चूहे ने काट लिया।नीतीश कुमार इन दिनों विश्वास यात्रा के तहत पूरे बिहार की यात्रा कर रहे हैं। इसी दौरान नीतीश शनिवार को सीतामढ़ी पहुंचे जहां रात को सोते वक्त एक चूहे ने उनके बिछावन पर आकर उनके दाहिने हाथ की बीच वाली अंगुली को काट लिया।इस बात का पता चलते ही डॉक्टरों की एक टीम ने मुख्यमंत्री के अंगुली पर बेंडेज कर उन्हें इंजेक्शन लगाई।

''बसपा से निकाले जाएंगे सभी दागी''

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को यहां कहा कि समाजवादी पार्टी तथा कुछ अन्य विरोधी दलों ने विधानसभा चुनाव से पूर्व सोची समझी राजनीति के तहत अपने आपराधिक तत्वों को बसपा में शामिल कराया और अब पार्टी ने सभी आपराधिक चरित्र वाले लोगों को बाहर का रास्ता दिखाने का अभियान शुरू कर दिया है जिसके तहत अब तक लगभग 500 लोगों को पार्टी से बाहर निकाला जा चुका है।मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि गत विधानसभा चुनाव में उन्होंने प्रदेश की चाकचोबंद सुरक्षा और अपराध मुक्त प्रदेश का वादा किया था और सरकार बनते ही आपराधिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी गई थी, इसके बाद समाजवादी पार्टी तथा कुछ अन्य दलों ने षडयंत्र के तहत अपने आपराधिक तत्वों को हमारे यहां शामिल होने के लिए भेजना शुरू कर दिया।मायावती ने कहा कि जब उन्हें अपने विश्वस्त सूत्रों से इस षडयंत्र की जानकारी लगी तो उन्होंने गत 17 अप्रैल को अपनी पार्टी की कोर इकाई को तत्काल सख्त निर्देश देकर 29 अप्रैल तक प्रदेश के सभी जिलों में बसपा में शामिल आपराधिक तत्वों को बाहर का रास्ता दिखाए जाने के निर्देश दे दिए थे।उन्होंने बताया कि आपराधिक तत्वों को पार्टी से निकाले जाने के लिए चलाए गए इस विशेष अभियान में अब तक लगभग 500 आपराधिक इतिहास वाले लोगों को पार्टी से निकाला जा चुका है और जिला इकाइयों को पुन: निर्देश दिए गए है कि 13 मई से पहले शेष अगर बचे हो तो उन आपराधिक तत्वों की सूची बनाकर इन्हें भी पार्टी से तुरन्त निकाल दिया जाए।यह पूछे जाने पर कि अब तब निकाले गए 500 आपराधिक छवि के लोगों में क्या विधायक और सांसद भी शामिल है, मायावती ने कहा कि अभी निकाले गए आपराधिक छवि के लोगों की सूची की छंटनी नहीं की गई है। इस सूची में विधायक और सांसद भी हो सकते हैं।

राजा के इस्तीफे की मांग अस्वीकार्य : करूणानिधि

द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (डीएमके) के अध्यक्ष व तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. करूणानिधि ने रविवार को संकेत दिया कि उनकी पार्टी 2जी स्पेक्ट्रम विवाद के मद्देनजर विपक्ष की ओर से संचार मंत्री ए. राजा के इस्तीफे की मांग को स्वीकार नहीं करेगी।विपक्ष द्वारा राजा के इस्तीफे की मांग के बारे में पूछे जाने पर करूणानिधि ने पत्रकारों से कहा, मैं यहां आपको खुशखबरी देने नहीं आया हूं।करूणानिधि के बेटे व केंद्रीय रसायन व ऊर्वरक मंत्री एम. के. अलागिरी की संसद में बदस्तूर अनुपस्थिति के बारे में पूछ जाने पर उन्होंने कहा, आप उनसे ही पूछिए, मुझसे मत पूछिए।रविवार सुबह दिल्ली पहुंचे करूणानिधि ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील से मुलाकात की और उन्हें जून महीने में कोयम्बटूर में आयोजित होने वाल विश्व तमिल सम्मेलन में आमंत्रित किया।उन्होंने कहा, मुझे पूरी उम्मीद है कि राष्ट्रपति हमारे आमंत्रण को स्वीकार करेंगी।