Tuesday, June 15, 2010

भोपाल गैस कांडः अर्जुन सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज

भोपाल।। भोपाल गैस कांड में यूनियन कार्बाइड के चीफ वॉरेन एंडरसन को गलत तरीके से रिहा किए जाने के मामले में यहां की स्थानीय अदालत में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। इसके साथ ही एंडरसन को आसानी से निकलने देने के आरोप में भोपाल के तत्कालीन कलेक्टर मोती सिंह और एसपी स्वाराज पुरी के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई गई है। एडवोकेट फुर्खान खान ने एक निजी शिकायत चीफ जूडिशल मजिस्ट्रेट (सीजीएम)आर. जी. सिंह की कोर्ट में दर्ज कराई। उन्होंने मांग की है एंडरसन को गलत तरीके से भोपाल से निकल जाने में मदद करने के लिए अर्जुन सिंह के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज किया जाए।

वाजपेयी, प्रियंका व जायसवाल की चादरें पेश

ख्वाजा साहब के उर्स में अपनी हाजिरी लगाने के लिए विशिष्ट व्यक्तियों ने चादरें भेजनी शुरू कर दी हैं। दरगाह में सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, प्रियंका गांधी वाड्रा व केंद्रीय कोयला राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीप्रकाश जायसवाल की ओर से चादर पेश की गई। इस दौरान दरगाह के बुलंद दरवाजे पर उर्स मौके पर अवाम के नाम भेजा गया उनका संदेश पढकर भी सुनाया गया। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से बुधवार सुबह 8 बजे गरीब नवाज की दरगाह में चादर पेश की जाएगी।
वाजपेयी की चादर लेकर उनके निजी सचिव शिवकुमार शर्मा यहां आए। स्थानीय भाजपा नेताओं के साथ उन्होंने चादर पेश की। वाजपेयी ने अपने संदेश में कहा है कि 'ख्वाजा साहब की ओर से दिए गए सर्वधर्म समभाव, सद्भावना और भाईचारे के संदेश की प्रासंगिकता जितनी पहले थी, उतनी ही आज भी है।'
प्रियंका वाड्रा की चादर अमेटी से दरगाह कमेटी सदस्य हाफिज वकील अहमद लेकर आए। प्रियंका ने अपने संदेश में कहा है कि 'ख्वाजा साहब का उर्स सभी धर्मों के लोग श्रद्धा के साथ मनाते हैं। यह हमारी सामाजिक एकता की मिसाल है। हम सबकी कोशिश होनी चाहिए कि ख्वाजा साहब के उसूलों को दूर-दूर तक फैलाएं।' हाफिज ने जायसवाल की ओर से भी चादर पेश कर अमन-चैन के लिए दुआ की।
गहलोत आएंगे सोनिया की चादर पेश करनेकांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया की ओर से चादर पेश करने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री सी.पी.जोशी, केंद्रीय न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मुकुल वासनिक, केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री सलमान खुर्शीद सहित अन्य मंत्री व कांग्रेस नेता बुधवार को अजमेर आएंगे। सोनिया ने सोमवार को ऑल इंडिया कांग्रेस के सचिव अनीस दुर्रानी को दिल्ली में चादर सौंपी। दुर्रानी चादर लेकर मंगलवार दोपहर शताब्दी एक्सप्रेस से अजमेर पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि कई मंत्रियों की मौजूदगी में सोमवार सुबह उन्हें चादर सौंपी गई।

एंडरसन को भगाने के लिए अर्जुन जिम्मेदार: अमर

लखनऊ। लोकमंच के संयोजक और सांसद अमर सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी का बचाव करते हुए कहा है कि भोपाल गैस त्रासदी के मुख्य आरोपी वारेन एंडरसन को बचाने के लिए मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह जिम्मेदार हैं।
सिंह ने सोमवार को पत्रकारों से कहा कि इस सम्बंध में गांधी के सचिव रहे पी.सी अलेक्जेण्डर का बयान भ्रामक है क्योंकि अलेक्जेण्डर की राजनीतिक निष्ठाएं लगातार बदली हैं।
यदि गांधी का एंडरसन को भगाने में जरा भी हाथ था तो अलेक्जेण्डर ने भोपाल त्रासदी के समय ही इसका खुलासा क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा कि अलेक्जेण्डर की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से नजदीकियां जगजाहिर हैं। सिंह ने कहा कि गांधी की मृत्यु हो चुकी है इसलिए अब उन्हें इस विवाद में नहीं खींचा जाना चाहिए। अर्जुन सिंह ने घटना के समय पूरी जिम्मेदारी अपने ऊपर ली थी। उस बयान को उन्होंने अभी तक वापस नहीं लिया है। इसलिए भोपाल गैस त्रासदी की जिम्मेदारी उन्हीं की है।

मेघवाल इस्तीफा दें-वसुंधरा राजे

जयपुर । भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शिक्षकों पर की गई टिप्पणियों के लिए शिक्षा मंत्री भंवरलाल मेघवाल से शर्मिदा होकर इस्तीफा देने की बात कही है। राजे ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री ने शिक्षक समुदाय और महिलाओं के लिए जो टिप्पणियां की, वे आपत्तिजनक हैं और महिलाओं की इ"ात से खिलवाड है। हमारी संस्कृति में महिलाओं को बडा मान-सम्मान दिया गया है, उन्हें मां का दर्जा मिला हुआ है। खुद महिलाएं और जनता इसका बदला लेंगी। शिक्षा मंत्री को तो शर्मिदा होकर इस्तीफा दे देना चाहिए।

Saturday, June 12, 2010

गैस की आंच से राजीव को बचाने उतरी कांग्रेस

कांग्रेस ने जोरदार ढंग से अपने नेता का बचाव करते हुए कहा है कि एंडरसन के भारत
से भागने के मामले में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की कोई भूमिका नहीं थी। कांग्रेस कोर ग्रुप ने शुक्रवार को भोपाल गैस कांड के राजनीतिक पहलुओं पर चर्चा की। मुख्य विषय था बीजेपी द्वारा इस मामले में राजीव गांधी पर सवाल उठाना और मामले की आंच राजीव पर आने से रोकना। कोर ग्रुप ने यूनियन कार्बाइड के पूर्व प्रमुख वॉरेन एंडरसन की गिरफ्तारी, उसकी जमानत, राज्य सरकार के विमान से दिल्ली जाने और फिर भारत छोड़ने के नए खुलासों से निपटने के तौर तरीकों पर विचार किया। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, प्रणव मुखर्जी, पी. चिदंबरम, ए. के. एंटनी और अहमद पटेल मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि ऐसे कठिन समय में कुछ वरिष्ठ नेताओं द्वारा अपने हिसाब बराबर करने के लिए इस संवेदनशील मामले का इस्तेमाल करना कांग्रेस के लिए और बड़ी समस्या बन गया है। पार्टी के कुछ नेता सारी जिम्मेदारी तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह पर डालने की जिस तरह कोशिश कर रहे हैं, उससे भी पार्टी नेतृत्व सशंकित है। हालांकि नेतृत्व को अर्जुन सिंह पर पूरा भरोसा है, लेकिन यह शंका भी बनी हुई है कि अगर पार्टी में हाशिए पर पड़े अस्वस्थ अर्जुन सिंह को ज्यादा भड़काया तो उनकी चुप्पी टूट भी सकती है। किसी समय पार्टी में बेहद ताकतवर रहे अर्जुन सिंह को नेहरू- गांधी परिवार के अनन्य वफादारों में माना जाता है।
पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में संवाददाताओं के ढेर सारे सवालों के जवाब में प्रवक्ता जयंती नटराटजन ने कहा कि एंडरसन के मामले में न तो तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की कोई भूमिका थी और न ही केन्द्र सरकार की। जयंती ने कहा कि सचाई सामने आना चाहिए। इसीलिए केन्द्र सरकार ने एक मंत्री समूह (जीओएम) का गठन किया है। सारे तथ्य इसके जरिए सामने लाए जाएंगे। लेकिन जयंती ने बीजेपी की इस मांग पर कोई टिप्पणी करने से इनकार दिया कि अर्जुन सिंह को सारे तथ्य सामने रखना चाहिए। जयंती से यह भी पूछा गया कि क्या कांग्रेस के कुछ नेता अर्जुन सिंह को बोलने के लिए उकसा रहे हैं? जयंती ने कहा कि ऐसा नहीं है। उधर अपनी पत्नी के इलाज के सिलसिले में अमेरिका गए दिग्विजय ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने कभी भी केन्द्र सरकार को जिम्मेदार नहीं कहा। एंडरसन की जमानत और भागने के मामले में दिग्विजय ने कहा वे इस घटनाक्रम से अवगत नहीं हैं। इन सारे मामलों के जवाब उस समय के मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह, चीफ सेक्रेटरी ब्रह्मस्वरुप, कलेक्टर मोती सिंह और एसपी स्वराज पुरी ही दे सकते थे। ब्रह्मस्वरुप का निधन हो चुका है। दिग्विजय उस समय अर्जुन मंत्रिमंडल के सदस्य थे। लेकिन लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके थे। दिग्विजय ने कहा कि गैस कांड के बाद राजीव गांधी अपने चुनावी दौरे को बीच में छोड़कर भोपाल आए थे और गैस प्रभावित क्षेत्रों में जाकर पीड़ितों से मिले थे। उस समय राजीव ने गैस त्रासदी के लिए यूनियन कार्बाइड को दोषी ठहराया था। उस समय राजीव के पिंसिपल सेक्रेटरी रहे पी. सी. अलेकजेंडर ने कहा है कि मुझे नहीं लगता कि इस मामले में राजीव गांधी की कोई भूमिका थी। उसी दौरान राजीव के निजी सचिव रहे आर. के. धवन ने भी कहा कि राजीव गांधी को एंडरसन के मामले में कोई जानकारी नहीं थी। एक आदमी जो सारे जवाब दे सकता है वह अर्जुन सिंह हैं।

MNS ने निलंबन रद्द करने की शर्त पर दिया समर्थन!

राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के 13 विधायकों के समर्थन की बदौलत कांग्रेस और एनसीपी के सात उम्मीदवार विधान परिषद की चुनावी वैतरणी पार कर गए। क्या अपने चार विधायकों का निलंबन खत्म करने की शर्त पर MNS ने इन सत्तारूढ़ दलों को समर्थन दिया? राजनीतिक गलियारों में ये सवाल उछल रहा है और इस समर्थन से सबसे ज्यादा फायदा पाने वाली कांग्रेस पार्टी पूरे मामले से हाथ धोने में जुटी है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने शुक्रवार को जब प्रेस सम्मेलन बुलाया तो यही सवाल गूंज रहा था। माणिकराव ने सफाई वही सफाई दी जो एक दिन पहले अशोक चव्हाण दे चुके थे। उन्होंने कहा, 'जब हमारे तीनों उम्मीदवारों को जिताने लायक वोट हमारे पास थे, तब MNS से समर्थन मांगने का सवाल कहां उठता है'। कांग्रेस के समर्थन पर चुनाव लड़ रहे निर्दलीय उम्मीदवार विजय सावंत को मिले वोटों का मामला वे निर्दलीय और छोटे दलों का समर्थन बताकर लगभग टाल गए। इस मामले में उनकी मुश्किल इसलिए भी बढ़ गई है कि चुनाव के तुरंत बाद एनसीपी के उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल ने MNS के समर्थन की बात मानी और उन्हें इसके लिए धन्यवाद भी दिया। कांग्रेस की मुश्किल यह है कि वह चौथे निर्दलीय को जितवाने का श्रेय तो चाहती है मगर इसके लिए किए गए समझौतों को सार्वजनिक तौर पर स्वीकारना नहीं चाहती। इधर, शुक्रवार के मतदान के बाद MNS विधायकों में निलंबन रद्द होने को लेकर उत्साह है। बताया जाता है कि मतदान खत्म होने के बाद MNS विधायक रमेश वांजिले और राम कदम ने विधानसभा अध्यक्ष दिलीप वलसे पाटील से मुलाकात की। चार साल के MNS के दौरान विधानभवन परिसर में उनके कदम न रखने का प्रतिबंध वैसे भी शुक्रवार को शिथिल कर दिया गया। जानकार सूत्रों के अनुसार, वर्षाकालीन सत्र की शुरुआत में उनका निलंबन रद्द करने की पूरी तैयारी है। मुख्यमंत्री को जब पत्रकारों ने घेरा तो उन्होंने स्वीकार किया कि निलंबन खत्म करने का मसला फिलहाल विधानसभा की 'कामकाज सलाहकार समिति' के सामने विचाराधीन है। सत्ताधारी कांग्रेस और एनसीपी दलों के समर्थन के बाद निलंबन रद्द होना औपचारिकता भर रह जाएगी। विधान परिषद चुनाव में शिवसेना उम्मीदवार अनिल परब को पटखनी देने में सफल रही कांग्रेस पार्टी की मुश्किल ये है कि अगर वह MNS का समर्थन लेना स्वीकारती है तो समझौते की शर्तें भी उजागर करनी पड़ेंगी। अगर निलंबन रद्द करने को लेकर 'समझौता' नहीं हुआ तो किन शर्तों पर मामला तय हुआ, इस टेढ़े सवाल का जवाब वैसे भी आसान नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि MNS के चार विधायकों शिशिर शिंदे, वसंत गिते, वांजिले, कदम को अक्टूबर में विधानसभा की पहली बैठक में हंगामा करने को लेकर चार साल के लिए निलंबित कर दिया गया था।

भाजपा जाति के जंजाल में फंसी

जाति आधारित जनगणना का भाजपा के संसदीय नेतृत्व द्वारा समर्थन करने का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और पार्टी के एक वर्ग की ओर से विरोध को देखते हुए शनिवार से यहां शुरू हो रही पार्टी की राष्र्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में घमासान की आशंका है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि बीच का रास्ता निकालने के लिए समिति का गठन किया जा सकता है।
संघ ने जाति आधारित जनगणना का भाजपा के समर्थन की आलोचना की है। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने भी कहा कि आपसी विचार विमर्श किए ç्बना ही पार्टी ने जाति आधारित जनगणना का समर्थन कर दिया। मुरली मनोहर जोशी समेत कई नेता जाति आधारित जनगणना का खुला विरोध कर रहे हैं।

दो समितियों में विधायकों का मनोनयन

जयपुर । विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत ने 17 विधायकों को राज्य सरकार की ओर से गठित दो समितियों में सदस्य के रूप में मनोनीत किए जाने की सिफारिश की है। शेखावत ने बताया कि राजस्थान राज्य वन्यजीव मण्डल में विधायक मलखान सिंह, रीटा कुमारी तथा रतन देवासी के नाम की अनुशंषा की गई है। इसके अलावा राजस्थान अनुसूचित जनजाति परामर्शदात्री समिति में सदस्य के रूप में विधायक गोपाल मीणा, गंगाबेन गरासिया, सज्जन कटारा, बसन्ती देवी, नगराज मीणा, शंकर लाल घाटिया, राईया मीणा, सुरेन्द्र बामनिया, शंकरलाल अहारी, कान्ता गरासिया, अर्जुन बामणिया, निर्मला सहरिया, कैलाश मीणा तथा फतेह सिंह के नामों की सहमति दी गई है।