tag:blogger.com,1999:blog-85175372447562196922024-02-19T16:20:42.367-08:00RAJNITI SAMACHARRAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.comBlogger1807125tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-86532185202028875462013-04-05T07:40:00.002-07:002013-04-05T07:42:44.004-07:00सारे देश का है सपना, गुजरात जैसा बनना ׃किरण माहेश्वरी<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg8tN5F2EFoEw8Qued1VwLKTpHH_YXygzJ-qXZRlCxl4zM127ckJc_qJqIAW_6ZjJx7FWUF7FmlFImGS2b3o0WUEeu_lJUgTZSTO0Ss6vte1A-r8BeFsTIWBPtGaTFecBA34mghuayi_GN8/s1600/Kiran+PP+1212.jpg" imageanchor="1" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img border="0" height="320" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg8tN5F2EFoEw8Qued1VwLKTpHH_YXygzJ-qXZRlCxl4zM127ckJc_qJqIAW_6ZjJx7FWUF7FmlFImGS2b3o0WUEeu_lJUgTZSTO0Ss6vte1A-r8BeFsTIWBPtGaTFecBA34mghuayi_GN8/s320/Kiran+PP+1212.jpg" width="216" /></a></div>
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राजसमन्द। भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं विधायक किरण माहेश्वरी नें कहा कि कांग्रेस नरेन्द्र भाई मोदी से बुरी तरह भयभीत है। इसी कारण वे गुजरात की प्रतिष्ठा हनन का सतत प्रयास करते रहते हैं। कांग्रेस को डर है कि कहीं सारा देश गुजरात नहीं बन जाए। किन्तु देश की जनता का तो यही सपना है। सभी गुजरात के विकास, रोजगार सृजन और विश्व स्तरीय संरचना की अनुकृति अपने यहाँ चाहते हैं।</div>
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किरण नें कहा कि कांग्रेस के प्रमुख सामन्त कह रहे हैं कि एक व्यक्ति देश नहीं बदल सकता है। एक व्यक्ति क्या कर सकता है, यह अटल बिहारी वाजपेयी, नरेन्द्र भाई मोदी और जय प्रकाश नारायण से सीखें। जयप्रकाश नारायण जी नें देश को आपातकाल की पराधीनता से मुक्त करवाया। अटल नें देश को परमाणु महाशक्ति बनाया और वैश्विक महाशक्ति बनाने की नींव रखी। नरेन्द्र भाई नें गुजरात का काया कल्प कर दिया। </div>
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किरण नें कहा कि गुजरात में मुस्लिम समुदाय की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर है। यह राज्य विगत 11 वर्षों से दंगामुक्त राज्य है। जबकि राजस्थान और उत्तरप्रदेश में दंगों के नए अपकीर्तिमान बने हैं। भाजपा की सोच स्पष्ट है कि देश के संसाधनों पर सभी देशवासियों का समान अधिकार है, किसी भी समुदाय का प्रथम अधिकार नहीं। सर्वपंथ समादर ही सौहाद्र्ध का आधार है। </div>
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किरण नें कहा कि यह विचित्र है कि देश पर 55 वर्षों तक राज करने वाले अब देश की दुर्दशा पर घडिय़ाली आंसु बहा रहे हैं। जिन्हें समस्याओं का समाधान करना था, वे अपने दायित्व से भाग रहे हैं। सशक्त और समृद्ध भारत के लिए कांग्रेस के भ्रष्ट और जन विरोधी शासन से मुक्ति पहली आवश्यकता है।</div>
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RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-62798914602103115502013-04-05T07:39:00.002-07:002013-04-05T07:39:09.995-07:00जनता ने बढ़ाया मेवाड़ का मान:किरण माहेश्वरी<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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<span style="color: #f1c232;">राजसमन्द। भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं विधायक किरण माहेश्वरी नें कहा कि सुराज संकल्प यात्रा के शुभारंभ पर उमड़ा भारी जनसमूह कांग्रेस के विरुद्ध जनरोष की अभिव्यक्ति है। यात्रा का गांव गांव ढाणी ढाणी में हुए अपूर्व स्वागत से स्पष्ट है कि वसुंधरा राजे ही राज्य की सर्वाधिक लोकप्रिय नेत्री है। यात्रा को भारी समर्थन एवं असीम प्यार देकर जनता नें मेवाड़ का मान बढ़ाया है। उन्होंने यात्रा के ऐतिहासिक शुभारंभ के लिए जनता और सभी कार्यकर्ताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है।</span></div>
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<span style="color: #f1c232;">किरण नें कहा कि विगत 4 वर्षों से मेवाड़ की सभी क्षेत्रों में भारी उपेक्षा की जा रही है। भाजपा सरकार ही मेवाड़ के विकास के द्वार खोलेगी। सुराज संकल्प यात्रा से भयभीत कांग्रेस नें नकल करते हुए संदेश यात्रा प्रारम्भ की है। उनकी यात्रा में वसुंधरा राजे की चालिसा पढऩे का सतत क्रम बना हुआ है। इससे दिखता है कि वसुंधरा राजे की लोकप्रियता से कांग्रेस नेतृत्व में कितनी घबराहट है। राज्य में कांग्रेस सरकार की उल्टी गिनती चालु हो गई है।</span></div>
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RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-3878453506543783922013-04-05T07:34:00.003-07:002013-04-05T07:35:40.662-07:00राजस्थान के मान व सम्मान को बढ़ाने के लिए सुराज संकल्प यात्रा : वसुंधरा राजे<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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सुराज संकल्प यात्रा में जनसैलाब उमड़ा<br />
- राजस्थान के हर हिस्से से कार्यकर्ता पहुंचे<br />
राजसमंद। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में सुराज संकल्प यात्रा का आगाज गुरुवार को राजसमंद की ऐतिहासिक तीर्थनगरी तथा भारतीय जनता पार्टी के लिए शासन का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले चारभुजानाथ स्थल से हुआ। चारभुजा कस्बे से मात्र दो किमी दूर बने पाण्डाल में एक लाख से अधिक आमजन को सम्बोधित करते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्रीमती वसुंधरा राजे ने कहा कि सुराज संकल्प यात्रा राजस्थान के मान व सम्मान बढाने के लिए की जा रही है। वहीं कांग्रेस के कुशासन से गरीब जनता को मुक्ति दिलाना इसका एकमात्र ध्येय है। उन्होंने जनता से जय-जय राजस्थान का उद्घोष कराते हुए कहा कि आगामी छह माह में कड़ी मेहनत और खून पसीना एक करके इस सरकार को उखाड़ फैंकना है।<br />
वसुंधरा राजे ने शायराना अंदाज में कहा कि जिन मुश्किलों में मुस्कराना मना है उस मुश्किलों में मुस्कराना धर्म है। हम नये राजस्थान का संकल्प लेकर बढेंगे। हमें कोई रोक नहीं सकता। आगामी छह माह में कई अफवाहें उडेगी। झूठे केश में फंसाने की धमकियां मिलेगी। पर जनता को अफवाहों के जाल में नहीं फंसना है। मजबूती और एकजुटता के साथ हमें आगे की लड़ाई लडनी है। उन्होनेंं कहा कि 2003 में हमने जब सरकार संभाली थी तब राजस्थान को बीमारू प्रदेश कहा जाता था लेकिन हमने सरकार चलाई। हम राज करने नहीं आए थे। सेवा करने आए थे। हमने विकास में किसी कदर की कोई कमी नहीं रखी। मैंने पूर्व में आप द्वारा मेवाड़ से ओढाई गई चूनडी का मान रखा है उस पर किसी तरह का लांछन नहीं लगने नहीं दिया। आपकों नीचे देखने नहीं दिया। उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कोई पूछता है कि मैं कहा हूं? कहां चली गई थी? मैं कही नहीं गई थी। जनता के बीच थी। जनता के दिलों में थी। कुशासन से पीडि़त जनता को सम्बल दे रही थी। उन्होंने आमजन को एक परिवार बताते हुए कहा कि मेरे खून की एक-एक बूंद का कतरा इस परिवार के लिए है। हम मर मिटेंगे पर इस परिवार पर कोई आंच नहीं आने देंगे। कांग्रेस ने कई कोशिशे ही नहीं की। वरन उनकी सारी साजिशे फेल हो गई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस असभ्य भाषा पर उतर आई है। उसका जवाब मैं या पार्टी नहीं देगी। इसका जवाब यह परिवार छह माह में दे देगा। उन्होंने कहा कि जनता के साथ विश्वासघात करने वाले अब साढ़े चार वर्ष गुजरने के बाद नया राजस्थान बनाने की बात कर रहे है और संदेश यात्रा निकाल रहे है।<br />
वसुंधरा राजे ने महाराणा प्रताप के शौर्य एवं बलिदान को याद करते हुए कहा कि यह मेवाड़ है जहंा भूखा प्यासा रह कर भी स्वाभिमान की लडाई लड़ी गई है। उन्होंने महिला सम्मान की बात करते हुए कहा कि मीरा की भक्ति, पन्नाधाय की स्वामीभक्ति, पदमिनी का जौहर आज भी मेवाड़ के कण-कण में विद्यमान है, लेकिन वर्तमान में महिलाओं का इस राज में जीना दूभर हो गया है। प्रदेश में रोज कही न कही महिला उत्पीडन की खबरे आम है। उन्होंने कहा कि जो सरकार महिलाओं, मां-बेटियों की इज्जत की रक्षा नहीं कर सकती उस सरकार को चूल्लू भर पानी में डूब जाना चािहए। उन्होंने महिलाओं के आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए कहा कि हमनें सत्ता में आते ही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कई काम किए थे। उनमें पंद्रह सौ रुपए प्रतिमाह एवं 30 हजार रुपए हेल्थ के लिए दिए। इस सरकार ने उस योजना को बंद कर दिया और हाल ही में उसे नया रूप आधार स्कीम में परिवर्तित कर दिया। कांग्रेस ने व्यापारियों को भी परेशान करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। शुद्ध के लिए युद्ध के नाम पर व्यापारियों को काफी परेशान किया गया कि सरकार खुश और जनता व व्यापारी परेशान हो गए।<br />
वसुंधरा राजे ने कहा कि राज्य में शिक्षक, डॉक्टर, नर्स सहित कई पद रिक्त है। स्कूल में ताले, चिकित्सालय में डॉक्टर नहीं है। राज्य में ऐसे हालात उत्पन्न होने के बावजूद कांग्रेस सरकार क्या संदेश यात्रा निकाल रही है वह जगजाहिर है।<br />
उन्होनें कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों को अनवरत 22 घंटे बिजली दी लेकिन इस सरकार ने सत्ता संभालने के मात्र पांच दिन बाद किसानों को बिजली के लिए रूलाना शुरू कर दिया। वहीं बिजली के दाम भी बढ़ा दिए। बिजली का उत्पादन तो नहीं बढाया इस सरकार ने जो बढा हुआ था वह भी घटा दिया।<br />
गुर्जरों के आरक्षण आंदोलन पर बोलते हए उन्होंने कहा कि गुर्जरों समेत राज्य की पांच पिछड़ी जातियों को आरक्षण देने के लिए संविधान की नौवीं अनुसूचि में डालने को लेकर उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में सभी तैयारियां कर ली थी, लेकिन जातियों को नौवीं अनुसूचि में डालने का कार्य केन्द्र सरकार ही कर सकती है, जो उनके बस में नहीं था। उन्होंने कहा कि कड़ी से कड़ी जोडऩे का नारा देने वाली कांगे्रस पार्टी पिछले चार साल से केन्द्र व राज्य दोनों स्थानों पर सत्ता में है। इसके बाद भी यह कार्य क्यों नहीं कर पाए।<br />
उन्होनें जनता से कहा कि आपने कडी से कडी जोड़ दी लेकिन इससे बदहाल राजस्थान के लिए कोई विशेष पैकेज यह सरकार दिल्ली सरकार से नहीं ला पाई। प्रवासी राजस्थानियों को उद्योग के लिए कोई तवज्जों नहीं दी। जिससे प्रवासी सम्मेलन के बाद भी कोई प्रवासी उद्योग स्थापित करने के लिए राजी नहीं हो सका। इससे पहले प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राजसमंद विधायक श्रीमती किरण माहेश्वरी, राष्ट्रीय सचिव एवं यात्रा संयोजक भूपेन्द्र यादव, पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह राठौड़, राजेन्द्र राठौड़, डॉ. दिगम्बर सिंह, युनूस खान, भवानी सिंह राजावत, कप्तान सिंह सोलंकी, ओम माथुर, ओम बिडला, कैलाश मेघवाल, ललित किशोर चतुर्वेदी, प्रभुलाल सैनी, मानवेन्द्र सिंह, अरूण चतुर्वेदी, ओटाराम देवासी, धन सिंह रावत, हरिसिंह रावत, कल्याण सिंह चौहान, मुम्बई भाजपा अध्यक्ष राज के पुरोहित आदि ने भी सम्बोधित किया। वहीं संयोजन प्रदेश महामंत्री सतीश पूनिया ने किया।<br />
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राजे व राजनाथ ने किया सभी धर्म के संत का किया सम्मान<br />
भगवान चारभुजानाथ के दर्शन के उपरांत सभा स्थल पर पहुंचने के बाद प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने सभी धर्म के संतों का पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त किया वहीं संतों को शॉल, इकलाई ओढाकर परम्परानुसार स्वागत किया। इस दौरान पंडित उमेश द्विवेदी के नेतृत्व में पंडितों ने मंत्रोंच्चार किया।<br />
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राजनाथ ने दिखाई झंडी<br />
सभा के पश्चात अत्यधिक भीड़ होने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सिंह ने वसुंधरा राजे को पार्टी का झंडा थमाते हुए औपचारिक रूप से सुराज संकल्प यात्रा का शुभारंभ किया। इसके साथ ही राजे अत्याधुनिक रथ में सवार होकर यात्रा पर चारभुजा से गोमती चौराहा होते हुए देवगढ़ की ओर रवाना हो गई।<br />
श्रीचारभुजानाथ के दर्शन किए<br />
सुराज संकल्प यात्रा को लेकर चारभुजा पहुंचने के बाद भाजपा की प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे हेलीपेड से सीधे गढ़बोर नगरी पहुंची। यहां पर उन्होंने अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12.05 बजे श्रीचारभुजानाथजी के दर्शन किए और सुराज संकल्प यात्रा के लिए मंगल कामना की। उन्होंने मंदिर में बैठकर भगवान की स्तुति की। पुजारी नाथुलाला गुर्जर व गिरधारी भाई सेवक ने चारभुजा जी की छवि, माला, उपरना एवं प्रसाद भेंट करके उनका स्वागत किया। साथ ही मस्तक पर केसर का लेप किया। इससे पूर्व हेलीपेड पर राजे का प्रतिपक्ष नेता गुलाबचंद कटारिया, पूर्व सिंचाई राज्य मंत्री सुरेन्द्रसिंह राठौड़ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरण माहेश्वरी एवं पार्टी पदाधिकारियों ने स्वागत किया।<br />
किसी ने तलवार तो किसी ने मालाओं से किया स्वागत<br />
सभा स्थल पर भारतीय जनता युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष महेन्द्र सिंह चौहान के नेतृत्व में कार्यकताओं ने तलवार भेंट कर प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे का स्वागत किया तो जैन समाज की ओर से ललित चोरडिया एवं विधायक किरण माहेश्वरी, गुर्जर समाज से नाथूलाल गुर्जर एवं पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह राठौड़ ने स्वागत किया।<br />
व्यवस्थाओं में जुटे भाजपाई<br />
जिलाध्यक्ष नंदलाल सिंघवी, महामंत्री महेश पालीवाल, पूर्व नगरपालिकाध्यक्ष अशोक राका, श्रीकृष्ण पालीवाल, पूर्व युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष सुनील जोशी, मार्बल व्यवसायी प्रकाश रांका, ग्रामीण मण्डल अध्यक्ष गोपालकृष्ण पालीवाल, जवाहर जाट, पूर्व भाजयुमो अध्यक्ष महेन्द्र कोठारी, प्रवक्ता किशोर गुर्जर, मधुप्रकाश लड्ढा सहित पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता विभिन्न व्यवस्थाओं में जुटे रहे।<br />
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हस्तियां हुई भाजपा में शामिल<br />
सुराज संकल्प यात्रा के आगाज स्थल पर राज्य के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक जेपी मिश्रा, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी आरके मीणा, सीरवी समाज के अध्यक्ष तथा कानूनविद पीपी चोधरी एवं सरपंच संघ के प्रदेशाध्यक्ष जितेन्द्र कुमार सेठियां के भाजपा में शामिल होने पर वसुंधरा राजे ने माल्यार्पण कर स्वागत किया।<br />
मेवाड़ से 11 लाख की राशि भेंट<br />
मेवाड़ के विधायकों ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह को 11 लाख रुपए थैली भेंट की। बाद में राजनाथ सिंह ने यह थैली वसुंधरा राजे की झोली में डाली लेकिन राजे ने यह राशि प्रदेश कोषाध्यक्ष अशोक परनामी को पार्टी कोष में जमा करने के लिए दी।<br />
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वाहनों की लगी कतारें, रास्ते हुए जाम<br />
सुराज संकल्प यात्रा को लेकर इतनी बड़ी संख्या में वाहन चारभुजा पहुंचे कि पार्किंग स्थल भी छोटा पड़ गया। वहीं चारभुजा जाने वाले मेगा हाइवे सहित छोटी-बडे रास्ते भी जाम हो गए। वाहनों के जाम को खोलने में पुलिसकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। वहीं कई वाहन चालकों ने गंतव्य के लिए लम्बे रास्ते से जाने से भी नहीं चुके। विभिन्न स्थानों से चारभुजा बसों में आए लोगों को काफी दूर तक पैदल भी चलना पड़ा।<br />
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प्रचार सामग्री से किसी ने कार सजाई तो किसी ने स्कूटर<br />
सुराज संकल्प यात्रा को लेकर चारभुजा पहुंचे कार्यकर्ताओं में से कपासन के डीके ने अपनी कार को पोस्टर व बैनर से सजा रखा था जो आकर्षण का केन्द्र बना हुआ था वहीं भाजपा किशनपोल मण्डल के प्रचार मंत्री महेन्द्र कुमार शास्त्री ने अपने स्कूटर को भाजपाई रंग में रंगवा कर उस पर सुराज संकल्प यात्रा का प्रचार कर रहा था।<br />
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<b><span style="color: #ea9999;">सीबीआई के दुरुपयोग के कारण रूकी है केन्द्र की सरकार : राजनाथसिंह</span></b></div>
राजसमंद। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथसिंह ने अशंका व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र की कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार कभी भी घटक दलों के समर्थन वापसी के कारण जा सकती है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार सिर्फ सीबीआई का दुरुपयोग किए जाने के कारण ही अब तक चल रही है।<br />
वे गुरुवार को जिले के चारभुजा स्थित गढ़बोर धाम के मोराणा चौराहा पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे की सुराज संकल्प यात्रा को झंडी दिखाकर रवाना करने से पूर्व आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केन्द्र की मनमोहन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार में शामिल कोई भी दल अगर उससे समर्थन वापस लेता है तो सरकार सीबीआई का दुरुपयोग करके उसे धमकाती है। इसके डर के कारण ही कई घटक दल कई नीतियों एवं मुद्दों पर सरकार का विरोध करने के बाद भी समर्थन वापस लेने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में महंगाई सरकार की गलत आर्थिक नीतियों, गलत आर्थिक नियोजन एवं भ्रष्टाचार के कारण बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 55 वर्षों तक अखंड राज किया तथा भाजपा ने करीब 6 वर्ष तक अटलजी के नेतृत्व में राज किया। दोनों ही के शासन को आपने देखा है, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि महंगाई पर किसने काबू रखा। उन्होंने कहा कि अटलजी की सरकार ने इसी राजस्थान की वीर धरा पर परमाणु परीक्षण करवाके देश के स्वाभिमान को बढ़ाया था, जबकि कांग्रेस सरकार विदेशी आर्थिक नीतियों के समक्ष घुटने टेक कर देश के स्वाभिमान को गिरवी रखने पर तुली हुई है।<br />
उन्होंने कहा कि पार्टी ने वसुंधरा को राज्य की मुख्यमंत्री ऐसे ही नहीं प्रोजेक्ट किया है। पार्टी ने लंबे समय तक राज्य में सत्ता में रही कांग्रेस के राज को भी देखा और वसुंधरा के पिछले कार्यकाल के राज को देखा है। साथ ही हाल में राज्य की कांग्रेस सरकार के कार्यों को भी देखा है। उन्होंने कहा कि वसुंधरा के राज में राज्य में चौबीस हजार किलोमीटर लंबी सडक़ों का निर्माण हुआ, वहीं गहलोत की वर्तमान सरकार ने सिर्फ पांच हजार किलोमीटर सडक़ें बनाई। इसी तरह बिजली के मामले में भी वसुंधरा सरकार ने राज्य का आत्मनिर्भर बनाया, जबकि आज बिजली की बाद की जाए तो पूरे राज्य की बात तो दूर जयपुर में ही लोगों को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि इस तुलनात्मक अध्ययन के बाद ही वसुंधरा को राज्य का नेता बनाया गया है।<br />
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<b><i>झलकियां</i></b></div>
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- करीब 12.45 बजे राजनाथ सिंह एवं वसुंधरा राजे सभा स्थल पर पहुंचे। राजनाथ सिंह पहले मंच पर चढ़े। बाद में वसुंधरा राजे। कुर्सी पर बैठने से पहले दोनों ने हाथ हिलाकर जनता का अभिवादन किया। मंच का चक्कर लगाने के उपरांत दोनों ने कुर्सी पर बैठे।<br />
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- वसुंधरा राजे ने दोपहर 1.39 बजे से आमजन को सम्बोधित करना शुरू किया। उन्होंने करीब आधा घंटे पश्चात 2.08 बजे भाषण को विराम दिया।<br />
- राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने जैसे माइक संभाला तभी पाण्डाल से मोदी-मोदी, नरेन्द्र मोदी की नारेबाजी होने लगी। कार्यकर्ताओं को शांत रहने का कहने के बाद भी कार्यकर्ता लगातार मोदी-मोदी कहते रहे तो राजनाथ ने कहा कि मैं ने आपकी बात सुन ली है। मैं समझ गया हूं।<br />
- चारभुजा-गोमती मार्ग पर वाहनों का जाम लगने से इसमें रोडवेज की वॉल्वो सहित तीन बसे फंस गई जिन्हें बड़ी मुश्किल गंतव्य की ओर रवाना किया जा सका।<br />
- भाजपा की सुराज संकल्प यात्रा के दौरान प्रचार सामग्री का खूब इस्तेमाल किया गया। राष्ट्रीय राजमार्ग, मेगा हाइवे चारभुजा सहित प्रत्येक सडक़ पर वसुंधरा राजे के बड़े कट आउट, झण्डिया, बैनर सहित अन्य सामग्री से सजे हुए थे। वहीं भाजपा की ओर से आमजन को प्रचार सामग्री के तौर पर टोपियां, कट आउट तख्तियां भी दी गई जो शाम तक ग्रामीण महिला व बच्चे उन्हें उठा-उठा कर फिर रहे थे।<br />
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RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-10236418233624803562013-04-05T07:30:00.000-07:002013-04-05T07:30:34.116-07:00राजस्थान में भाजपा की सुराज संकल्प यात्रा<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhvs1X5rPTgr5YxRqZH1D7kW5nz1VS1ipZdw9THkOK03fxp2wMUsEY4RHQ3M80EGfSyyD9kanV7M3SqATBVH1HUIckegsY29g93QMgkw8hyphenhyphen02Io4V3UDmsPgT35_QDqdV-I1ICyqsKJNJBA/s1600/m.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="240" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhvs1X5rPTgr5YxRqZH1D7kW5nz1VS1ipZdw9THkOK03fxp2wMUsEY4RHQ3M80EGfSyyD9kanV7M3SqATBVH1HUIckegsY29g93QMgkw8hyphenhyphen02Io4V3UDmsPgT35_QDqdV-I1ICyqsKJNJBA/s320/m.jpg" width="320" /></a></div>
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RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-53798634441753357792010-10-31T21:37:00.000-07:002010-10-31T21:39:56.366-07:00काली होगी महाराष्ट्र के सीएम की दीवाली<div align="justify">मुंबई की आदर्श हाउसिंग सोसायटी में अनियमितता के आरोपों पर मुसीबत में फंसे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण पर फैसला जल्द होगा। कांग्रेस सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक आलाकमान चव्हाण के मामले पर अगले 48 घंटों में फैसला करेगा। रविवार को इस मुद्दे पर हुई बैठक में चव्हाण के उत्तराधिकारी को लेकर भी चर्चा की गई। इन आरोपों की जांच कर रही कांग्रेस की एक उच्च स्तरीय समिति ने मामले से जुड़े कागजातों के अध्ययन के लिए और समय मांगा है। समिति के दोनों सदस्यों रक्षा मंत्री एके एंटनी और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की रविवार रात हुई मुलाकात में यह फैसला लिया गया। मुलाकात के बाद प्रणब मुखर्जी ने कहा कि किसी भी फैसले से पहले हमें कुछ और दस्तावेज चाहिए। इनके अध्ययन के बाद ही सोनिया गांधी को रिपोर्ट दी जाएगी। सोनिया इसी रिपोर्ट के आधार पर अशोक चव्हाण के भविष्य का फैसला करेंगी। वैसे, मुखर्जी ने कहा कि इस मामले में देरी नहीं होगी और फैसला जल्द होगा। इससे पहले एके एंटनी ने भी कहा था कि इसमें अनावश्यक समय नहीं लगेगा। इस विषय में सामान्य समय लगेगा। फैसला जल्द लिया जाएगा।इस बीच, मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के लिए रविवार का दिन काफी भारी साबित हुआ। मुख्यमंत्री मीडिया से दूर रहने के लिए महाराष्ट्र सदन के बजाय अलग-अलग जगहों पर समय काटते रहे। वहीं उनके करीबी नेता मीडिया से मुलाकात में घोटाले में उनकी भूमिका को नगण्य साबित करने की कोशिश करते नजर आए। चव्हाण के एक करीबी नेता ने दैनिक भास्कर से कहा, ‘अगर इस पूरे प्रकरण में करगिल शब्द न जुड़ा होता तो मामला इतना तूल नहीं पकड़ता।’ मुख्यमंत्री के करीबी सूत्र पूरे विवाद में चव्हाण को कठघरे में खड़ा करने पर बचाव में तात्कालीन राजग सरकार, तब के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख, सुशील कुमार शिंदे और राकांपा नेता अजीत पवार की भूमिका पर भी सवाल उठा रहे हैं। इनका कहना है कि पूरे विवाद में सभी की भूमिका की जांच कर जवाबदेही तय होनी चाहिए। गौरतलब है कि ये सभी नाम ऐसे हैं, जो चव्हाण के उत्तराधिकारी के लिए चल रही दौड़ में शामिल हैं।</div>RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-47219963382586543882010-09-09T21:57:00.000-07:002010-09-09T22:01:23.458-07:00संघ के 'मुंडा तीर' से आडवाणी पस्त<div align="justify">झारखंड में जेएमएम के साथ बीजेपी गठबंधन के घोर विराधी रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण<br />आडवाणी पार्टी प्रेजिडेंट नितिन गडकरी से खासा नाराज हैं। आडवाणी खेमे से आ रही खबरों के मुताबिक, आडवाणी आज अर्जुन मुंडा के शपथ समारोह में शामिल नहीं होंगे। सूत्रों से मिली जानाकारी के मुताबिक, जिस तरह पार्टी प्रेजिडेंट नितिन गडकरी ने झारखंड में सरकार बनाने के निर्णय से आडवाणी को दूर रखा, उससे पार्टी में साफ संदेश गया कि अब पार्टी के अहम निर्णय में अब आडवाणी को महत्व नहीं दिया जाएगा। वैसे, अर्जुन मुंडा के शपथ समारोह में खास तौर पर शामिल होने के लिए पार्टी प्रेजिडेंट बीती रात अपने रूस दौर से लौट आए हैं। गौरतलब है कि जेएमएम के साथ सरकार बनाने के निर्णय पर नितिन गडकरी ने पार्टी पार्लियामेंट बोर्ड जिसके चेयरमैन आडवाणी है, से कोई सलाह-मश्विरा नहीं किया। उनका यह निर्णय नागपुर की आरएसएस लॉबी के चलते लिया गया है, वहीं बीजेपी में उनके इस निर्णय का समर्थन पूर्व पार्टी प्रेजिडेंट राजनाथ सिंह कर रहे हैं।<br />सू्त्रों से मिली जानकारी के अनुसार, संघ झारखंड में ज्यादा दिनों तक प्रेजिडेंट रूल या फिर वहां कांग्रेस शासन को बिल्कुल नहीं चाहता है। संघ के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि झारखंड में चर्च के विस्तार पर अंकुश लगाने और धर्मांतरण को रोकने के लिए शिबू सोरेन को समर्थन देना संघ के दीर्घकालीन उद्देश्य को पूरा करने में फायदेमंद है। गौरतलब है कि देश में धर्मांतरण को रोकना संघ का दीर्घकालीन एजंडा है। संघ का साफ तौर पर मानना है कि भारत को अगर हिंदू राष्ट्र बनाना है तो उसे किसी भी कीमत पर देश में धर्मांतरण रोकना ही होगा। धर्मांतरण की वजह से पूर्वोत्तार भारत के राज्यों का जिस तरह से इसाईकरण हुआ है संघ नहीं चाहता कि वही हालात झारखंड में बने। उल्लेखनीय है कि आदिवासी बहुल इस राज्य में हाल में जिस तरह से कांग्रेस के समर्थन से चर्च और मिशनरियों का जिस तरहविस्तार हुआ है उसने संघ को चिंता में डाल दिया है। बीजेपी के जेएमएम के साथ सरकार चलाने के कड़वे अनुभव पर संघ ने गडकरी को कहा है कि बड़े उद्देश्य के लिए कभी-कभी कड़वा घूंट भी पीना पड़ता है।<br /><br /><br /><br /><br /> </div>RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-31406943779322331732010-09-07T22:26:00.001-07:002010-09-07T22:26:59.947-07:00इंदौर में वीएचपी उपाध्यक्ष समेत 150 गिरफ्तार<div align="justify">इंदौर।। संवेदनशील धार्मिक स्थल पर प्रतिबंधात्मक आदेश तोड़ते हुए सभा की कोशिश कर रहे विश्व हिन्दू परिषद<br />के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हुकुमचंद सांवला समेत 150 लोगों को यहां मंगलवार रात गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि शहर के कर्बला मैदान स्थित हनुमान चबूतरे पर रक्षा समिति के कार्यकर्ताओं ने पूजा-पाठ और आरती की। इसके बाद सांवला ने जैसे ही चबूतरे से अपने संबोधन की शुरूआत की, पुलिस ने उन्हें और स्थानीय संगठन के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने कर्बला मैदान पर धार्मिक सभा पर भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत एहतियातन रोक लगा रखी है। सूत्रों के मुताबिक सांवला समेत 150 लोगों को यह प्रतिबंध तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और जेल भेज दिया गया।</div>RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-11717715943018444232010-09-07T22:25:00.000-07:002010-09-07T22:26:09.224-07:00मुंडा बन सकते हैं अगले मुख्यमंत्री !<div align="justify">झारखंड में तेजी से बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को पार्टी विधायक दल का नया नेता चुन लिया है और वह झारखंड मुक्ति मोर्चा के समर्थन से मंगलवार को एक बजे राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश करने वाली है।<br /><br />इससे पहले नेता रघुवर दास ने आज पार्टी विधायक दल के नेता पद से इस्तीफा दे दिया। नए घटनाक्रम के मद्देनजर करीब तीन महीने बाद राज्य में चुनी हुई सरकार बनने का रास्ता साफ होता दिख रहा है और नए मुख्यमंत्री के तौर पर एक बार फिर मुंडा की ताजपोशी हो सकती है।<br /><br />बीजेपी द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद 30 मई को शिबू सोरेन ने झारखंड में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। तभी से वहां राष्ट्रपति शासन लागू है। लेकिन अब संकेत हैं कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस बार बीजेपी को बिना शर्त समर्थन देने का फैसला लिया है।<br /><br />झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन अपने बेटे हेमंत सोरेन के साथ सोमवार को दिल्ली में थे, जिस दौरान संकेत मिले हैं कि उनकी बीजेपी नेताओं से चर्चा हुई है। रांची लौटने के बाद शिबू ने कहा कि जनता अभी चुनाव नहीं चाहती और जेएमएम किसी भी समान विचारधारा वाले दल को समर्थन देने के लिए तैयार है।<br /> </div>RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-30278352999840642562010-09-06T22:39:00.000-07:002010-09-06T22:41:27.267-07:00विधानसभाः पक्ष-विपक्ष ने दी एक-दूसरे को देख लेने की धमकी<div align="justify">चंडीगढ़. विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन जमकर हंगामा बरपा। एक बारगी तो ऐसी स्थिति आ गई कि विधानसभा अध्यक्ष हरमोहिन्दर सिंह चट्ठा को कुछ समय के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। विधायकों ने बांहें चढ़ा ली, एक- दूसरे को देख लेने की नौबत आ गई। चल बाहर-बाहर-चल बाहर जैसे शब्दों का प्रयोग होने लगा। विशेष बात यह भी देखने को मिली मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने खुद मोर्चा संभाला। विपक्ष के नेता ओमप्रकाश चौटाला से अधिकांश मुद्दों पर सीधी तकरार हुई। हुड्डा ने एकबारगी तो यहां तक कह दिया कि अगर आपको किसान हितैषी होने का गर्व है तो कंडेला जाकर पूछो, सच्चई पता चल जाएगी। बाद में चौटाला तो सदन से बाहर ही चले गए। एक बार उनकी उनको अपनी टिप्पणी वापस लेनी पड़ी।चौटाला ने शब्द वापस लिएचौटाला ने ऐसी आपत्तिजनक शब्दों को प्रयोग किया कि मुख्यमंत्री हुड्डा का पारा चढ़ गया। शब्द किसके लिए कहे यह तो समझ में नहीं आया लेकिन थाली में छेद करने वाली कहावत व सफेद कपड़ों में काली भेड़ जैसे शब्द सुनाई दिए। यह सुन मुख्यमंत्री तैश में आ गए, उनके साथ रणदीप सुरजेवाला व कैप्टन अजय सिंह यादव भी खड़े हो गए। सभी कहने लगे चौटाला शब्द वापस लें। इस पर अध्यक्ष बोले, आप शब्दवापस लें। चौटाला ने कहा, मेरे शब्दों से किसी को मानसिक पीड़ा हुई है तो मैं शब्द वापस लेता हूं। इस पर सीएम नहीं मानें। वे बोले, शब्द वापस लें। अध्यक्ष ने भी कह दिया कि पहले आप पहले यह बताओं की शब्द कहे या नहीं, हाउस तभी आगे चलेगा? पहले तो चौटाला अड़े रहे बाद में मुख्यमंत्री ने दबाव बढ़ाया तो चौटाला ने कहा, मैं अपने शब्द विदड्रा करता हूं। तब आगे की कार्रवाई चली।</div>RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-3954266189428022852010-09-06T22:37:00.000-07:002010-09-06T22:39:54.733-07:00दशहरा, दिवाली व छठ के बीच बिहार चुनाव से बिदके नेता<div align="justify">कुल 243 सीटों वाले बिहार विधानसभा का चुनाव छह चरणों तक खींचे जाने का अनुमान न तो नेताओं को था और न ही सूबे के नौकरशाहों को। नेता छह चरणों में चुनावों की घोषणा का तो इस्तेकबाल कर रहे हैं, लेकिन दशहरा, दिवाली और बिहार का सबसे पावन पर्व छठ के बीच चुनाव की घोषणा को वे गलत करार दे रहे हैं। चुनावों के बरक्स आयोग की घोषणा के साथ ही विभिन्न दलों के नेताओं ने छठ के ठीक पहले पांचवें चरण के चुनाव की तारीख में तब्दीली करने की मांग कर दी है। सूर्य की उपासना का पर्व छठ नहाय खाय, खरना और सूर्य को एक दिन शाम को और दूसरे दिन सूर्योदय के समय अघ्र्य के साथ तीन दिनों में संपन्न होता है।व्रत की तैयारी हफ्ते भर पहले से चलती है इस बीच माना जा रहा है कि विभिन्न दलों के प्रत्याशी चुनाव प्रचार नहीं करने के स्थिति में रहेंगे। दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, ‘चुनाव आयोग को छठ के ठीक पहले पांचवें चरण के चुनाव की तारीख बदलनी चाहिए। बिहार में छठ पर्व की महत्ता को देखते हुए 9 नवंबर को पांचवें चरण का चुनाव कराना किसी भी दृष्टि से ठीक नहीं।’ 5 नवंबर को दिवाली के छह दिनों के बाद छठ का पर्व होने के कारण तारीख आती है ११ नवंबर। माना जा रहा है कि व्रत का त्योहार तीन दिनों तक चलने का स्पष्ट असर चुनाव प्रचार पर पड़ेगा। ज्यादातर प्रत्याशियों को इस बात की भी चिंता सता रही है कि चुनावों के बीच आने वाले पर्व के कारण वोटरों तक अपनी बात असरदार तरीके से कैसे पहुंचाई जाए! राजद, लोजपा, भाजपा और कांग्रेस के कई नेताओं ने अलग-अलग बातचीत में स्वीकार किया कि कुछ चुनाव की कुछ तारीखों पर आयोग से बातचीत कर बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की जाएगी। औसतन हर चरण में 40 सीटों पर चुनाव की तैयारी आयोग ने की है। चाहे नक्सल प्रभावित गया, जहानाबाद और नेपाल के सीमावर्ती सीमांचल इलाका हो या फिर मिथिलांचल, भोजपुर और कोशी का वृहत क्षेत्र, सभी 56 हजार 943 पोलिंग बूथों पर केंद्रीय बल की तैनाती सुनिश्चित करने के लिए ही आयोग ने पिछली दफा 5 चरण की बजाय इस बार छह चरण के चुनाव का प्रस्ताव तैयार किया है।<br /><br /><br /> </div>RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-19931153934417181042010-09-06T22:36:00.000-07:002010-09-06T22:37:34.668-07:00सीवीसी नियुक्ति पर भाजपा को वीटो पॉवर नहीं : कांग्रेस<div align="justify">नई दिल्ली. कांग्रेस ने मुख्य सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति के मामले में भाजपा के विरोध को नकारते हुए कहा है कि विपक्ष की नेता को इस संबंध में वीटो का अधिकार नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता ने भाजपा पर संवैधानिक संस्थाओं के अवमूल्यन करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि एक पद पर किसी की नियुक्ति का फैसला हो गया है तो इस आधार पर उसे नहीं नकारा जा सकता कि वह नियुक्ति विपक्ष की पंसद की नहीं है। सिंघवी ने कहा कि भाजपा का रुख निंदनीय है। उन्होंनें कहा कि नियुक्ति के संबंध में विचार-विमर्श किया जाता है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि विपक्ष जिसे चाहता है उसे ही अहम पदांे पर नियुक्त किया जाए। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा इसके पहले भी चुनाव आयोग और गुजरात मामले में कोर्ट के संबंध में ऐसा ही नकारात्मक रुख अपनाती रही है।थॉमस के चयन पर बिफरे शरदकेंद्रीय दूरसंचार सचिव पीजे थॉमस को अगले मुख्य सतर्कता आयुक्त के चुनने की प्रक्रिया पर जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। भास्कर से बातचीत में वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस हाईप्रोफाइल पद पर कौन दौड़ में रहे, मैं इसके विस्तार में जाने की बजाय चयन प्रक्रिया को देखकर चिंतित हूं। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और विपक्ष की नेता को मिलाकर केवल तीन सदस्यीय समिति की स्थापना उपयुक्त अधिकारी की सर्वसम्मति से चयन के लिए की गई थी, लेकिन आम सहमति के बगैर ही देश को मुख्य चुनाव आयुक्त थोपने की कोशिश की जा रही है।’ थॉमस के नाम पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की तो सहमति है, पर विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने असहमति जता दी थी।<br /> </div>RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-3436908844474921272010-09-05T22:05:00.000-07:002010-09-05T22:06:24.979-07:00कांग्रेस में एक भी ‘मर्द’ बचा है?: शिवसेना<div align="justify">सोनिया गांधी के लगातार चौथी बार कांग्रेस अध्यक्ष निर्वाचित होने के एक दिन बाद शिवसेना ने शनिवार को उनके विदेशी मूल का मुद्दा एक बार फिर उठाते हुए कांग्रेस में किसी 'पुरुष' के होने पर शंका जताई।पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में एक तीखे संपादकीय में बाल ठाकरे की पार्टी ने सोनिया पर हमला करते हुए सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस में कोई 'मर्द' है जो गांधी परिवार को चुनौती दे सकता है।संपादकीय में कहा गया, "कभी कहा जाता था कि इंदिरा गांधी (दिवंगत प्रधानमंत्री) अपने मंत्रिमंडल में एकमात्र मर्द हैं। सोनिया गांधी के युग में हम पूछ सकते हैं कि क्या कांग्रेस में एक भी मर्द बचा है? यदि ऐसा है तो उन्हें एक विदेशी महिला के सामने पार्टी के गर्व को समर्पित नहीं करना चाहिए।"सामना ने कहा कि कांग्रेस की स्थापना एक विदेशी ए. ओ .ह्यूम ने की थी लेकिन विदेशी होने के कारण वे भी कभी पार्टी अध्यक्ष नहीं बने। इसके बजाए दादाभाई नौरोजी या सुरेंद्रनाथ बनर्जी जैसे भारतीय दिग्गजों को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया।‘सामना’ के अनुसार वर्ष 1998 में जब शरद पवार, माखनलाल फोतेदार और भजनलाल जैसे नेताओं ने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम केसरी को जबरन हटाकर राजीव गांधी की विधवा सोनिया को पार्टी अध्यक्ष बनाया था, तो उनका मानना था कि वे उनसे अपनी मर्जी के मुताबिक काम करवाएंगे।इन सभी नेताओं को सोनिया माइनो गांधी के विदेशी मूल पर सवाल खड़ा करने के कारण पार्टी छोड़ने को विवश होना पड़ा और इसके बाद मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने।<br />संपादकीय के अनुसार अब सोनिया गांधी के जीवन का प्राथमिक लक्ष्य अपने बेटे राहुल गांधी को देश का प्रधानमंत्री बनाना है, लेकिन पार्टी के किसी भी व्यक्ति में उन्हें चुनौती देने का साहस नहीं है।‘सामना’ ने लिखा है कि जिस पार्टी में कभी महात्मा गांधी के फैसलों पर सवाल उठाए जाते और उन्हें चुनौती दी जाती थी, वहीं अब उसी पार्टी के लोगों में घुटने टेककर सोनिया गांधी के फैसलों को स्वीकार करने की प्रवृत्ति है। </div>RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-14490814275399113882010-09-05T22:04:00.000-07:002010-09-05T22:05:45.475-07:00विश्वसनीय छत्तीसगढ़’ आम जनता के लिए जारी<div align="justify">नितिन गडकरी ने रविवार को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निवास पर राज्य के लिए प्रदेश सरकार द्वारा तैयार नया प्रतीक वाक्य ‘विश्वसनीय छत्तीसगढ़’ को आम जनता के लिए जारी किया। राज्य शासन द्वारा अपनी योजनाओं के प्रचार-प्रसार और जनसम्पर्क अभियानों में इस प्रतीक वाक्य का इस्तेमाल किया जाएगा। श्री गडकरी ने कहा कि नए छत्तीसगढ़ राज्य में प्रदेश सरकार की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से आम जनता में विकास और विश्वास का एक नया वातावरण निर्मित हुआ है।मुख्यमंत्री डॉ.सिंह ने श्री गडकरी को बताया कि अपार क्षमताओं, अवसरों और अपार सद्भावना की धरती छत्तीसगढ़ ने पिछले दस वर्षो में यह साबित कर दिया है कि अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में मजबूती से उभरते भारत और दुनिया के लोग अब छत्तीसगढ़ पर भरोसा करते हैं और यही अब छत्तीसगढ़ की नई पहचान बन गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यही इस प्रतीक वाक्य की रचना की बुनियाद है। उन्होंने कहा कि पहले छत्तीसग़ढ की पहचान अपार प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण एक ऐसे राज्य के रूप में थी, जो देश की आजादी की लगभग आधी शताब्दी गुजर जाने के बाद भी पिछड़ेपन की छाया से मुक्त नहीं हो पाया था। राज्य में सामाजिक-आर्थिक विकास के अनेक क्षेत्रों में कई अभूतपूर्व और महत्वपूर्ण उपलब्धियां दर्ज की गयी। राज्य के संसाधनों में विकास की क्षमता के प्रति भी राज्य के भीतर और बाहर विश्वास की एक नई लहर देखी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्हीं भावनाओं को शामिल करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के नए प्रतीक ‘ विश्वसनीय छत्तीसगढ़’ की रचना की गई है। इसमें हर रंग राज्य की वन-संस्कृति और कृषि-संस्कृति का प्रतीक है। लाल रंग दस वर्ष पुराने नहीं बल्कि तरुणाई की ओर ब़ढते छत्तीसग़ढ के उत्साह, उमंग, जोश और गतिशीलता का प्रतीक है।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का यह नया प्रतीक वाक्य ‘विश्वसनीय छत्तीसग़ढ’ संस्कारों के लिए प्रतिबद्धता और समग्र विकास के लिए नवीन शिखरों तक पहुंचने के संकल्पों का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इन दो शब्दों को जो़डते हुए धान की जो सुनहरी बालियां इसमें प्रदर्शित की गयी है, उनका आकार एक उड़ते हुए सुनहरे पक्षी का है। यह राज्य में विकास की वर्तमान तेज गति और भविष्य की स्वर्णिम संभावनाओं का भी प्रतीक है। छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ियों का योगदान यह विश्वास दिलाता है कि भारत की विकास गाथा में छत्तीसगढ़ की वर्तमान भूमिका के साथ-साथ भावी भूमिका और भी ज्यादा महत्वपूर्ण रहेगी।<br /><br /> </div>RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-5209483909022443902010-09-05T22:02:00.000-07:002010-09-05T22:03:57.800-07:00वसुंधरा, माथुर सहित कई नेताओं की सुरक्षा हटाई<div align="justify">सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, सांसद ओमप्रकाश माथुर समेत कई भाजपा नेताओं की सुरक्षा हटा ली है।अचानक सुरक्षाकर्मी बुलाए जाने से नाराज भाजपा नेताओं ने सरकार पर ओछी मानसिकता का आरोप लगाया है। सूत्रों के अनुसार 2 सितंबर को सरपंचों के आंदोलन का समर्थन करने के बाद विधायकों और सांसदों की गिरफ्तारी से ठीक पहले देर रात सभी सुरक्षा गार्डो को वापस बुला लिया गया था। इसके बाद अभी तक ये गार्ड वापस नहीं लौटे हैं।गृहमंत्री और डीजी ने कहा-हमें पता ही नहीं: गृहमंत्री शांति धारीवाल ने इस बारे में कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। वे फिलहाल कोटा में हैं, इसलिए पुलिस महानिदेशक हरीशचंद्र मीना ही कुछ बता सकते हैं। मीना ने कहा कि उन्हें भी इस बारे में कुछ नहीं पता। वे फाइल देखकर ही बता सकते हैं। शेष x पेज ४मैं तो कल भी अकेला ट्यूर करके आया हूं: ओमप्रकाश माथुर का कहना है कि मुझे वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। मेरे सभी सुरक्षाकर्मी 2 सितंबर की रात्रि वापस बुला लिए गए। कारण मुझे पता नहीं है। मैं तो शनिवार को भी अकेला ही टूर करके आया हूं। सरकार की ओछी मानसिकता: पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़ का कहना है कि उन्हें धमकियां मिली हुई हैं। सीआईडी सीबी की रिपोर्ट पर उन्हें दो सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराए गए थे। सरपंच आंदोलन के समर्थन में हमारी गिरफ्तारी से पहले इन गार्डो को अचानक बुला लिया गया। यह सरकार की ओछी मानसिकता है। अब कुछ हुआ तो सरकार की जिम्मेदारी: पूर्व मंत्री डॉ. दिगंबरसिंह ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक वातावरण को देखते हुए उन्हें सीआईडी की रिपोर्ट पर सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। सरकार ने सरपंच आंदोलन के कारण उनके सभी सुरक्षाकर्मी वापस बुला लिए। अब यदि उनके साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। इनके हटाए सुरक्षाकर्मीराज्यसभा सांसद ओमप्रकाश माथुर, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधराराजे, सांसद डॉ. किरोड़ीलाल, पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़, डॉ. दिगंबरसिंह के सभी सुरक्षाकर्मी वापस बुला लिए गए हैं। इनमें से माथुर, वसुंधरा और किरोड़ीलाल को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली है। इन नेताओं का कहना है कि उन्हें लिखित या मौखिक आदेश भी नहीं दिया गया।<br /> </div>RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-85762352847327399942010-09-02T22:34:00.000-07:002010-09-02T22:35:15.042-07:00विधायक पुत्र के साथ मारपीट<div align="justify">श्रीडूंगरगढ के कांग्रेस विधायक मंगलाराम गोदारा के पुत्र को घेरकर कुछ लोगों ने मारपीट कर दी। यह घटना पूनरासर गांव में गुरूवार दोपहर को हुई। इससे उनके चोटें आई। मारपीट के कारणों का अभी खुलासा नहीं हो सका है।<br />पुलिस ने बताया कि मारपीट में घायल हुए विधायक पुत्र केसराराम गोदारा (35) को यहां पीबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके बयान अभी तक दर्ज नहीं हुए। उधर, घटना की सूचना मिलने पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतीश चंद्र जांगिड, वृत्ताधिकारी सदर सरजीत सिंह व अन्य घटनास्थल गांव पूनरासर पहुंच गए तथा आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। </div>RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-56877478293072738732010-09-02T22:27:00.001-07:002010-09-02T22:27:47.723-07:00सोनिया बनेंगी चौथी बार कांग्रेस अध्यक्ष<div align="justify">नई दिल्ली। सोनिया गांधी शुक्रवार को चौथी बार कांग्रेस अध्यक्ष बनकर नया रिकॉर्ड बनाएंगी। उनका फिर से अध्यक्ष चुना जाना तय हो गया है। गुरूवार को एकमात्र पर्चा उन्होंने ही दाखिल किया। इस औपचारिकता को पूरा करने में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी समेत सभी पदाघिकारियों, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, केन्द्रीय मंत्रियों व प्रदेश अध्यक्षों ने अपना योगदान दिया। केन्द्रीय चुनाव प्राघिकरण के अध्यक्ष आस्कर फर्नांडीस ने बताया कि सोनिया गांधी के समर्थन में 56 प्रस्ताव आए जिसमें से एक प्रस्ताव चंडीगढ का रद्द किया गया।<br /> शुक्रवार को बाकी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शाम को सोनिया को फिर अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा की जाएगी। पार्टी संविधान के अनुसार अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार को स्वयं नामांकन भरना जरूरी नहीं है। कोई भी दस मतदाता उम्मीदवार की लिखित सहमति के बाद उनके नाम का प्रस्ताव करते हैं।<br />पीएम ने भरा पहला प्रस्तावसोनिया ने 1998 में पार्टी की कमान संभाली थी। सोनिया गांधी को अध्यक्ष बनाने का सबसे पहला प्रस्ताव गुरूवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भरा। इसके बाद प्रणव मुखर्जी के नेतृत्व में मंत्री व पदाघिकारी शामिल हुए। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी सहित कई नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष के समर्थन में पर्चे भरे।<br /> </div>RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-48455475188835216582010-09-02T22:26:00.000-07:002010-09-02T22:27:21.235-07:00गुस्साए सरपंचों का विधानसभा कूच आज<div align="justify">जयपुर । जयपुर में स्टेच्यू सर्किल के पास उद्योग मैदान में दो दिन से जमे राज्यभर के सरपंचों ने शुक्रवार को सुबह 11 बजे विधानसभा की ओर कूच करने का ऎलान किया है। सरपंच ग्राम पंचायतों का सामाजिक अंकेक्षण और अधिकारों में की गई कटौती समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। पडाव स्थल पर सरपंचों के साथ बैठे भाजपा व निर्दलीय विधायकों और सांसद किरोडी लाल मीणा ने भी कूच में शामिल होने का ऎलान किया है। इस बीच खबर है कि स्टेच्य सर्किल पर जमे सरपंचों को देर रात पुलिस ने हटा दिया है तथा पडाव स्थल से भाजपा नेता ओम बिरला व राजेन्द्र राठौड तथा सांसद मीणा को उठा कर उन्हें गुप्त स्थान पर ले जाया गया है। विधानसभा की तरफ जाने वाले मार्गों पर सुरक्षा बढा दी गई है तथा बेरिकेट्स लगाए गए हैं।<br />सरपंचों में पुलिस के लाठीचार्ज को लेकर आक्रोश है। पडाव स्थल पर दिनभर चली सभा के दौरान लोगों ने लाठीवार की निंदा की। सरपंचों का कहना था कि जब तक उनकी मांगें मानी नहीं जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। भाजपा विधायक ओम बिडला व सांसद मीणा ने सरपंचों से आह्वान किया कि सरपंच साथियों व समर्थकों को रातों रात जयपुर बुलाएं। पडावस्थल पर नई संघर्ष समिति भी गठित की गई। इस बीच सांसद किरोडीलाल मीणा को सरकार की ओर से दी गई वाई श्रेणी की सुरक्षा देर रात्रि हटा दी गई। मीणा के अनुसार उनके सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि उन्हें पुलिस लाइन बुलाए जाने का आदेश मिला है।<br />सरपंचों में गुटबाजी पडाव के दौरान सरपंचों में गुटबाजी भी नजर आई। यह गुटबाजी उद्योग मैदान में पडाव शुरू होने के साथ ही शुरू हो गई थी। शुक्रवार को भी यह देखने को मिली। कांग्रेस की विचारधारा वाले सरपंच पडाव स्थल पर बिखरे नजर आए।<br />बातचीत से मामला सुलझाए सरकारसरपंचों के कूच में भाजपा विधायक शामिल होंगे। यह आंदोलन सरपंचों का है और उन्हें ही आंदोलन की रणनीति तैयार करनी है। संवेदनहीन हो चुकी सरकार ने महिलाओं को भी नहीं छोडा। सरकार को मामला बातचीत से सुलझाना चाहिए लेकिन सरकार डण्डे बरसा रही है। वसुन्धरा राजे, राष्ट्रीय महामंत्री, भाजपा<br />'हिंसा हुई तो भाजपा जिम्मेदार'मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार को आरोप लगाया कि भाजपा व उनकी पूर्व मुख्यमंत्री सरपंचों के आंदोलन में हिंसा भडकाने का षड्यंत्र कर रही हैं। गहलोत ने इसे राज्य की परम्परा के खिलाफ बताते हुए निन्दा की और कहा कि शुक्रवार को कोई हिंसा हुई तो भाजपा व पूर्व मुख्यमंत्री इसके लिए जिम्मेदार होंगे।<br /> उन्होंने सरपंचों से भी अपील की, वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रखें, वार्ता के द्वार खुले हैं। सरकार खुले दिमाग से उनकी मांगों पर विचार कर जरूरी कार्रवाई करेगी। वे कानून हाथ में नहीं लें और सरपंचों के नाम पर हिंसा फैलाने वालों से सावधान रहें। सरपंचों के सहयोग के बिना ग्रामीण विकास नहीं हो सकता। अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत में गुरूवार को गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में आंदोलन का सबको हक है। सरपंचों की मांग पर पंचायती राज मंत्री ने एक कमेटी बनाई है जो गौर कर रही है।<br />इसमें भी दिक्कत नहीं लेकिन अब भाजपा ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए आंदोलन को हथिया लिया है। भाजपा के नेता, खास कर पूर्व मुख्यमंत्री, धरनास्थल पर जाकर भडकाऊ भाषण दे रहे हैं कि बदला लेना है। गुप्त बैठकें हो रही हैं और षडयंत्र किए जा रहे हैं कि किस तरह हिंसा हो। यह प्रयास और सोच निन्दनीय है।<br />गहलोत ने कहा कि सरपंच बुधवार को उनसे मिलना चाहते थे, वे तैयार भी थे, लेकिन उन्हें नहीं मिलने दिया गया। बाद में लाठीवार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। गहलोत के अनुसार अपने शासनकाल में 21 बार गोलियां चला कर 90 लोगों को मार चुकी भाजपा व पूर्व मुख्यमंत्री को मलाल है कि कांग्रेस राज में गोली क्यों नहीं चल रही। उन्होंने कहा कि अपने राजनीतिक स्वार्थ पूरा करने के लिए हिंसा फैलाने के षडयंत्र का किसी को अघिकार नहीं।<br /> जिस भाजपा ने पंचायतों के अघिकार वापस ले लिए, पांच साल तक कटारिया कमेटी का नाटक कर अघिकारों का मामला दबाए रखा। वे आज कि स हक से सरपंचों की तरफदारी कर रही हैं। इसका उन्हें नैतिक अघिकार ही नहीं है। भाजपा विधानसभा में अपनी बात रखे, लेकिन इस तरह आंदोलन का मकसद पीछे छोड कर सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेंकने का हक किसी को नहीं है। उन्होंने कहा कि माकपा विधायक अमराराम व सांसद किरोडीलाल से भी उन्हें आंदोलन भडकाने की अपेक्षा नहीं है।<br />सरपंचों की मांग पर गहलोत ने कहा कि उनका सम्मान कायम रहना चाहिए। खरीद प्रक्रिया में बदलाव इसीलिए किया गया है कि सरपंच बदनाम न हों, उनकी विश्वसनीयता बनी रहे। इस मामले में सरपंचों की एकल पीठ में हार के बाद हाईकोर्ट में अपील भी लम्बित है और सरकार के पास सीमित विकल्प हैं। </div>RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-68348438157398663702010-08-01T23:15:00.000-07:002010-08-01T23:16:22.806-07:00'मेरा जीना उतना जरूरी नहीं, जितना मुलायम का मरना'<div align="justify">अमर सिंह ने एसपी प्रमुख मुलायम सिंह यादव पर अब तक का सबसे करारा हमला किया। अमर ने<br />कहा कि उनके जीने से ज्यादा जरूरी मुलायम सिंह जैसे नेताओ का मरना। इलाहाबाद में रविवार शाम पीस पार्टी की एक जनसभा में लोकमंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमर सिंह की जुबान फ्रेंडशिप डे पर आग उगल रही थी। उन्होंने मुलायम पर अब तक का सबसे तीखा हमला किया। कभी मुलायम के सबसे नजदीकी दोस्त रहे अमर सिंह ने कहा कि मेरा जीना उतना जरूरी नहीं जितना मुलायम सिंह जैसे सियासतदारों का मरना जरूरी है। एसपी के पूर्व महासचिव अमर सिंह ने कहा कि मुलायम सिंह ने मुसलमानों के हित में कुछ करने के बजाय उन्हें हमेशा धोखा दिया है। मुसलमान मुलायम के चेहरे को अच्छी तरह से पहचान गए हैं। मालूम हो कि एसपी से निष्कासित किए जाने से पहले अमर सिंह अक्सर मुलायम से अपनी दोस्ती के बारे में कहते थे कि हम दो जिस्म एक जान हैं।<br /><br /><br /><br />कांग्रेस को भारी पड़ेगी मोदी से पूछताछ : वेंकैया<br />सोहराबुद्दीन मामले में कथित तौर पर बीजेपी को निशाना बनाने के लिए सीबीआई के इस्तेमाल पर कां<br />ग्रेसनीत यूपीए की आलोचना करते हुए वरिष्ठ पार्टी नेता एम वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछताछ की खातिर कोई कदम उठाना कांग्रेस के लिए आत्मघाती साबित होगा। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, हमें जानकारी मिली है कि सोहराबुद्दीन मामले में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद मोदी से सीबीआई पूछताछ करने वाली है। यह कांग्रेस पार्टी के लिए आत्मघाती साबित होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि देश के एक खास समुदाय को तुष्ट करने के लिए कांग्रेस सोहराबुद्दीन मामले का इस्तेमाल कर बीजेपी के साथ राजनीतिक मुठभेड़ करना चाहती है।<br />उन्होंने कहा हमें यह भी जानकारी मिली है कि सीबीआई की योजना मामले में मोदी को फंसाने की है। इस दिशा में कोई कदम अंतत: कांग्रेस पार्टी के लिए आत्मघाती साबित होगा। नायडू ने कहा कि केंद्र या सीबीआई द्वारा गुजरात की छवि को प्रभावित करने के किसी भी प्रयास का पुरजोर विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'आग से नहीं खेलना चाहिए। मोदी सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री हैं और उनके नेतृत्व में गुजरात विकास के रास्ते पर आगे बढ़ा है।' </div>RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-76632173641430303442010-08-01T23:14:00.000-07:002010-08-01T23:15:03.163-07:00जोशी ने किया आचार संहिता का उल्लंघन<div align="justify">राजकीय अतिथि मानते हुए कुछ शर्तो पर वहां ठहरने की अनुमति दी।<br />इसमें साफ कहा गया था कि वे किसी भी राजनीतिक कार्यकर्ता से नहीं मिलेंगे और न ही चुनाव के बारे में किसी संवाददाता से बातचीत करेंगे। इसके बावजूद वे उदयपुर से जयपुर जाते समय कुछ देर के लिए यहां सर्किट हाउस में ठहरे और पार्टी कार्यकर्ताओं से भी मिले। पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। इस दौरान जोशी ने सभी से कहा कि इस बार भी स्थानीय निकाय चुनाव में एकजुटता दिखाते हुए जीत दर्ज करें।<br />जिला कलक्टर से रिपोर्ट मांगेंगेजोशी को सर्किट हाउस में ठहरने की अनुमति दी थी, लेकिन वहां कार्यकर्ताओं से मिलने तथा संवाददाताओं से चुनाव के बारे में बातचीत करना चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। इसकी रिपोर्ट जिला कलक्टर से मांगी जाएगी। ए.के. पाण्डे, आयुक्त, राज्य निर्वाचन आयोग, जयपुर केन्द्रीय ग्र्रामीण विकास एवं पंचायती राजमंत्री सी.पी. जोशी रविवार को न केवल भीलवाडा सर्किट हाउस में ठहरे, बल्कि पार्टी कार्यकर्ताओं से मिले और उन्हें एकजुट होकर स्थानीय निकाय चुनाव लडने की नसीहत देकर आचार संहिता का उल्लंघन किया। जोशी ने राज्य निर्वाचन आयोग से सर्किट हाउस में ठहरने की अनुमति मांगी थी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ए.के. पाण्डे ने उन्हें</div>RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-91614215730560707382010-08-01T23:13:00.001-07:002010-08-01T23:13:59.558-07:00गतिरोध खत्म, संसद में होगी महंगाई पर चर्चा<div align="justify">नई दिल्ली। महंगाई पर चर्चा को लेकर संसद की कार्यवाही में गतिरोध दूर करने के लिए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की टी पार्टी में विपक्षी दलों से सरकार की सुलह हो गई है। न तुम हारे न हम हारे की तर्ज पर केन्द्र सरकार महंगाई के मुद्दे पर संसद में चर्चा को तैयार हो गई। हालांकि अब यह चर्चा बिना किसी नियम के होगी। विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा मौका मिलेगा और सरकार भी जवाब देगी। इससे पहले विपक्ष नियम 184 के तहत चर्चा पर अडा था। इस नियम के तहत बाद में वोटिंग का प्रावधान है। उधर, सरकार नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार थी, इसमें वोटिंग का प्रावधान नहीं है। सूत्रों के अनुसार लोकसभा के नेता प्रणब मुखर्जी के निमंत्रण पर सुबह उनके निवास पर टी पार्टी में जुटे विपक्षी दलों के नेताओं ने इस फैसले पर सहमति जताई। बातचीत में तय हुआ कि लोकसभा में महंगाई पर चर्चा कल और राज्यसभा में चर्चा परसों होगी। बैठक के बाद आज सदन चलने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में विपक्षी दलों के नेताओं का कहना था कि जब सरकार ने चर्चा कराने का वादा कर लिया है तो उसे आज सदन की कार्यवाही चलने में उन्हें कोई एतराज नहीं। प्रणब ने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को सुबह नाश्ते पर आमंत्रित किया था। नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव समेत कई नेता प्रणब के निवास पहुंचे। जनता दल (यू) नेता शरद यादव, माकपा नेता बासुदेब आचार्य, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और अन्य नेताओं को इस बैठक के लिए आमंत्रित थे। हालांकि विपक्षी कुछ बाते मानने से सरकार साफ किनारा कर गई। प्रस्ताव में मुद्रास्फीति की जगह 'महंगाई' व 'आम आदमी' जैसे शब्द जोडे जाने की विपक्ष की मांग ठुकरा दी गई है।ज्ञातव्य है कि संसद के मानसून सत्र का पहला सप्ताह महंगाई के मुद्दे पर विपक्षी दलों के हंगामे की भेंट चढ गया। विपक्ष जहां मतदान के प्रावधान वाले नियमों के तहत चर्चा कराने की मांग करता रहा वहीं सरकार ऎसे किसी भी नियम के तहत चर्चा से बचती नजर आई।<br /><br /> </div>RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-83039315741377854732010-06-15T00:09:00.000-07:002010-06-15T00:11:37.970-07:00भोपाल गैस कांडः अर्जुन सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज<div align="justify">भोपाल।। भोपाल गैस कांड में यूनियन कार्बाइड के चीफ वॉरेन एंडरसन को गलत तरीके से रिहा किए जाने के मामले में यहां की स्थानीय अदालत में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। इसके साथ ही एंडरसन को आसानी से निकलने देने के आरोप में भोपाल के तत्कालीन कलेक्टर मोती सिंह और एसपी स्वाराज पुरी के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई गई है। एडवोकेट फुर्खान खान ने एक निजी शिकायत चीफ जूडिशल मजिस्ट्रेट (सीजीएम)आर. जी. सिंह की कोर्ट में दर्ज कराई। उन्होंने मांग की है एंडरसन को गलत तरीके से भोपाल से निकल जाने में मदद करने के लिए अर्जुन सिंह के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज किया जाए।<br /> </div>RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-69401892396782853132010-06-15T00:08:00.000-07:002010-06-15T00:09:28.567-07:00वाजपेयी, प्रियंका व जायसवाल की चादरें पेश<div align="justify">ख्वाजा साहब के उर्स में अपनी हाजिरी लगाने के लिए विशिष्ट व्यक्तियों ने चादरें भेजनी शुरू कर दी हैं। दरगाह में सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, प्रियंका गांधी वाड्रा व केंद्रीय कोयला राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीप्रकाश जायसवाल की ओर से चादर पेश की गई। इस दौरान दरगाह के बुलंद दरवाजे पर उर्स मौके पर अवाम के नाम भेजा गया उनका संदेश पढकर भी सुनाया गया। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से बुधवार सुबह 8 बजे गरीब नवाज की दरगाह में चादर पेश की जाएगी।<br />वाजपेयी की चादर लेकर उनके निजी सचिव शिवकुमार शर्मा यहां आए। स्थानीय भाजपा नेताओं के साथ उन्होंने चादर पेश की। वाजपेयी ने अपने संदेश में कहा है कि 'ख्वाजा साहब की ओर से दिए गए सर्वधर्म समभाव, सद्भावना और भाईचारे के संदेश की प्रासंगिकता जितनी पहले थी, उतनी ही आज भी है।'<br />प्रियंका वाड्रा की चादर अमेटी से दरगाह कमेटी सदस्य हाफिज वकील अहमद लेकर आए। प्रियंका ने अपने संदेश में कहा है कि 'ख्वाजा साहब का उर्स सभी धर्मों के लोग श्रद्धा के साथ मनाते हैं। यह हमारी सामाजिक एकता की मिसाल है। हम सबकी कोशिश होनी चाहिए कि ख्वाजा साहब के उसूलों को दूर-दूर तक फैलाएं।' हाफिज ने जायसवाल की ओर से भी चादर पेश कर अमन-चैन के लिए दुआ की।<br />गहलोत आएंगे सोनिया की चादर पेश करनेकांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया की ओर से चादर पेश करने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री सी.पी.जोशी, केंद्रीय न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मुकुल वासनिक, केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री सलमान खुर्शीद सहित अन्य मंत्री व कांग्रेस नेता बुधवार को अजमेर आएंगे। सोनिया ने सोमवार को ऑल इंडिया कांग्रेस के सचिव अनीस दुर्रानी को दिल्ली में चादर सौंपी। दुर्रानी चादर लेकर मंगलवार दोपहर शताब्दी एक्सप्रेस से अजमेर पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि कई मंत्रियों की मौजूदगी में सोमवार सुबह उन्हें चादर सौंपी गई। </div>RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-45560761271348922212010-06-15T00:05:00.002-07:002010-06-15T00:06:52.905-07:00एंडरसन को भगाने के लिए अर्जुन जिम्मेदार: अमर<div align="justify">लखनऊ। लोकमंच के संयोजक और सांसद अमर सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी का बचाव करते हुए कहा है कि भोपाल गैस त्रासदी के मुख्य आरोपी वारेन एंडरसन को बचाने के लिए मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह जिम्मेदार हैं।<br />सिंह ने सोमवार को पत्रकारों से कहा कि इस सम्बंध में गांधी के सचिव रहे पी.सी अलेक्जेण्डर का बयान भ्रामक है क्योंकि अलेक्जेण्डर की राजनीतिक निष्ठाएं लगातार बदली हैं।<br />यदि गांधी का एंडरसन को भगाने में जरा भी हाथ था तो अलेक्जेण्डर ने भोपाल त्रासदी के समय ही इसका खुलासा क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा कि अलेक्जेण्डर की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से नजदीकियां जगजाहिर हैं। सिंह ने कहा कि गांधी की मृत्यु हो चुकी है इसलिए अब उन्हें इस विवाद में नहीं खींचा जाना चाहिए। अर्जुन सिंह ने घटना के समय पूरी जिम्मेदारी अपने ऊपर ली थी। उस बयान को उन्होंने अभी तक वापस नहीं लिया है। इसलिए भोपाल गैस त्रासदी की जिम्मेदारी उन्हीं की है।</div>RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-73102790054074375282010-06-15T00:05:00.001-07:002010-06-15T00:05:53.757-07:00मेघवाल इस्तीफा दें-वसुंधरा राजे<div align="justify">जयपुर । भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शिक्षकों पर की गई टिप्पणियों के लिए शिक्षा मंत्री भंवरलाल मेघवाल से शर्मिदा होकर इस्तीफा देने की बात कही है। राजे ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री ने शिक्षक समुदाय और महिलाओं के लिए जो टिप्पणियां की, वे आपत्तिजनक हैं और महिलाओं की इ"ात से खिलवाड है। हमारी संस्कृति में महिलाओं को बडा मान-सम्मान दिया गया है, उन्हें मां का दर्जा मिला हुआ है। खुद महिलाएं और जनता इसका बदला लेंगी। शिक्षा मंत्री को तो शर्मिदा होकर इस्तीफा दे देना चाहिए।</div>RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8517537244756219692.post-44421221472779265822010-06-12T00:12:00.001-07:002010-06-12T00:12:43.164-07:00गैस की आंच से राजीव को बचाने उतरी कांग्रेस<div align="justify">कांग्रेस ने जोरदार ढंग से अपने नेता का बचाव करते हुए कहा है कि एंडरसन के भारत<br />से भागने के मामले में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की कोई भूमिका नहीं थी। कांग्रेस कोर ग्रुप ने शुक्रवार को भोपाल गैस कांड के राजनीतिक पहलुओं पर चर्चा की। मुख्य विषय था बीजेपी द्वारा इस मामले में राजीव गांधी पर सवाल उठाना और मामले की आंच राजीव पर आने से रोकना। कोर ग्रुप ने यूनियन कार्बाइड के पूर्व प्रमुख वॉरेन एंडरसन की गिरफ्तारी, उसकी जमानत, राज्य सरकार के विमान से दिल्ली जाने और फिर भारत छोड़ने के नए खुलासों से निपटने के तौर तरीकों पर विचार किया। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, प्रणव मुखर्जी, पी. चिदंबरम, ए. के. एंटनी और अहमद पटेल मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि ऐसे कठिन समय में कुछ वरिष्ठ नेताओं द्वारा अपने हिसाब बराबर करने के लिए इस संवेदनशील मामले का इस्तेमाल करना कांग्रेस के लिए और बड़ी समस्या बन गया है। पार्टी के कुछ नेता सारी जिम्मेदारी तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह पर डालने की जिस तरह कोशिश कर रहे हैं, उससे भी पार्टी नेतृत्व सशंकित है। हालांकि नेतृत्व को अर्जुन सिंह पर पूरा भरोसा है, लेकिन यह शंका भी बनी हुई है कि अगर पार्टी में हाशिए पर पड़े अस्वस्थ अर्जुन सिंह को ज्यादा भड़काया तो उनकी चुप्पी टूट भी सकती है। किसी समय पार्टी में बेहद ताकतवर रहे अर्जुन सिंह को नेहरू- गांधी परिवार के अनन्य वफादारों में माना जाता है।<br />पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में संवाददाताओं के ढेर सारे सवालों के जवाब में प्रवक्ता जयंती नटराटजन ने कहा कि एंडरसन के मामले में न तो तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की कोई भूमिका थी और न ही केन्द्र सरकार की। जयंती ने कहा कि सचाई सामने आना चाहिए। इसीलिए केन्द्र सरकार ने एक मंत्री समूह (जीओएम) का गठन किया है। सारे तथ्य इसके जरिए सामने लाए जाएंगे। लेकिन जयंती ने बीजेपी की इस मांग पर कोई टिप्पणी करने से इनकार दिया कि अर्जुन सिंह को सारे तथ्य सामने रखना चाहिए। जयंती से यह भी पूछा गया कि क्या कांग्रेस के कुछ नेता अर्जुन सिंह को बोलने के लिए उकसा रहे हैं? जयंती ने कहा कि ऐसा नहीं है। उधर अपनी पत्नी के इलाज के सिलसिले में अमेरिका गए दिग्विजय ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने कभी भी केन्द्र सरकार को जिम्मेदार नहीं कहा। एंडरसन की जमानत और भागने के मामले में दिग्विजय ने कहा वे इस घटनाक्रम से अवगत नहीं हैं। इन सारे मामलों के जवाब उस समय के मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह, चीफ सेक्रेटरी ब्रह्मस्वरुप, कलेक्टर मोती सिंह और एसपी स्वराज पुरी ही दे सकते थे। ब्रह्मस्वरुप का निधन हो चुका है। दिग्विजय उस समय अर्जुन मंत्रिमंडल के सदस्य थे। लेकिन लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके थे। दिग्विजय ने कहा कि गैस कांड के बाद राजीव गांधी अपने चुनावी दौरे को बीच में छोड़कर भोपाल आए थे और गैस प्रभावित क्षेत्रों में जाकर पीड़ितों से मिले थे। उस समय राजीव ने गैस त्रासदी के लिए यूनियन कार्बाइड को दोषी ठहराया था। उस समय राजीव के पिंसिपल सेक्रेटरी रहे पी. सी. अलेकजेंडर ने कहा है कि मुझे नहीं लगता कि इस मामले में राजीव गांधी की कोई भूमिका थी। उसी दौरान राजीव के निजी सचिव रहे आर. के. धवन ने भी कहा कि राजीव गांधी को एंडरसन के मामले में कोई जानकारी नहीं थी। एक आदमी जो सारे जवाब दे सकता है वह अर्जुन सिंह हैं। </div>RAJNITI SAMACHARhttp://www.blogger.com/profile/11474467436670104997noreply@blogger.com0