Tuesday, December 16, 2008

राजस्थान सीमा पर तैनात अधिकारी सतर्कता बरते

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सीमावर्ती जिलों में तैनात अधिकारियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए कार्य करना चाहिए जिससे लोगों में व्यवस्था के प्रति विश्वास हो तथा अपराधियों में सरकारी तंत्र का खौफ हो। कानून एवं व्यवस्था से जुडे वरिष्ठ अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि आमजन एवं ग्रामीणों की फरियाद को संवेदनशीलता से सुनकर स्थानीय स्तर पर उनका समाधान हो।मुख्यमंत्री ने आतंकवादी घटनाओं की रोकथाम में एहतियाती सतर्कता बरतने और प्रभावी कार्यवाही के निर्देश देते हुए कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को चुस्त दुरूस्त बनाये रखने पर बल दिया है।शासन सत्ता की बागडोर संभालने के बाद आज यहां प्रदेश की कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करते हुए गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार ने आतंकवाद को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए राज्यों से इस बारे में विशेष सतर्कता बरतने एवं सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये है।उन्होंने कहा कि मुंबई की हाल की घटना ने हमारी आंखे खोल दी है इसलिए पुलिस अधिकारियों का यह दायित्व है कि प्रदेश में भविष्य में किसी भी कीमत पर ऐसी घटनाएं नहीं हो। उन्होंने प्रमुख स्थलों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत बताई। उच्च स्तरीय बैठक में मुख्य सचिव डी सी सामंत, गृह विभाग के प्रमुख शासन सचिव एस एन थानवी, पुलिस महानिदेशक के एस बैंस सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।गहलोत ने स्पष्ट किया कि पुलिस बल का इकबाल एवं अधिकारिता बनी रहनी चाहिए। अपराधिक घटनाओं की रोकथाम में पुलिस अधिकारियों की भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक अपने कार्यकाल के दौरान ऐसी छाप छोड़ें की क्षेत्र की जनता उन्हें याद करें। जिले में होने वाली घटना की तह में जाकर एहतियात के ऐसे उपाय किये जाये कि अपराध घटित नहीं हो।मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी स्तर के अधिकारी अपने कार्यक्षेत्र में अपनी उपस्थिति का अहसास करायें। उन्होंने स्पष्ट किया कि कप्तान अच्छा हो और किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करें तो कानून एवं व्यवस्था की स्थिति स्वतः अच्छी हो सकती है। उन्होंने फर्जी मुठभेड़, फोन टेपिंग इत्यादि आरोपों पर तत्परता से कार्रवाई कर स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिये।गहलोत ने कहा कि प्रशासन में बैठे लोगों का यह दायित्व है कि वे संवेदनशीलता एवं सतर्कता के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन करें अपने कार्यक्षेत्र में संभावित मुद्दों की पहचान कर संबंद्ध पक्षों से बातचीत कर यह संदेश दें कि उनकी समस्याओं के समाधान के लिए प्रशासन तत्पर है।

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