Wednesday, February 18, 2009

भाजपा के `अभिमन्यु' चुनावी चक्रव्यूह में फंसते नजर आ रहे

हरियाणा भाजपा के `अभिमन्यु' चुनावी चक्रव्यूह में फंसते नजर आ रहे हैं। अब देखना यह है कि इस चक्रव्यूह का सातवां फाटक तोड़ने के लिए उनका `भीम' कौन बनता है। चुनावी चौसर में दांव पर लगे कैप्टन अभिमन्यु प्रदेश भाजपा के बड़े युवा नेताओं में शुमार हैं। गठबंधन के बीच सीट बंटवारे में अभिमन्यु की परंपरागत रोहतक सीट इनेलो के खाते में जा रही है।इनेलो और भाजपा के बीच चुनावी गठबंधन कराने में प्रमुख भूमिका निभाने वालों में इस युवा नेता की अहम भूमिका रही है। राज्य में चुनावी गठबंधन से भले ही नफा हो रहा हो, लेकिन प्रदेश भाजपा के नेता कैप्टन अभिमन्यु की राजनैतिक क्षति होनी तय है। रोहतक संसदीय सीट से लगातार दो बार चुनाव लड़कर वह अपनी राजनैतिक हैसियत साबित कर चुके हैं। लेकिन इनेलो-भाजपा के बीच सीट बंटवारे में रोहतक सीट का इनेलो के खाते में जाना लगभग तय हो चुका है। ऐसे में कैप्टन अभिमन्यु के लिए राजनैतिक संकट पैदा हो सकता है।अधिकृत सूत्रों के अनुसार रविवार को भाजपा नेता सुषमा स्वराज के दिल्ली स्थित आवास पर बुलाई बैठक में पार्टी नेताओं के बीच पांच-पांच सीटों के पुराने फार्मूले पर सैद्धांतिक सहमति हो गई है। भाजपा व इनेलो उन्हीं सीटों पर चुनाव लड़ेंगी, जिन सीटों पर 1999 में अपने प्रत्याशी उतारे थे। इसकी अधिकृत घोषणा जल्दी ही होने की उम्मीद है। उस समय दोनों पार्टियों ने राज्य की सभी सीटें जीत ली थीं। उसके मुताबिक भाजपा के खाते में सोनीपत, अंबाला, करनाल, गुड़गांव और फरीदाबाद आएंगी। जबकि इनेलो के हिस्से सिरसा, हिसार, कुरूक्षेत्र, भिवानी और रोहतक। रोहतक संसदीय सीट से फिलहाल मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा सांसद हैं। दीपेंद्र को चुनौती देने के लिए गठबंधन की ओर से जिन दावेदारों के नाम आगे लाए गए हैं, उनमें कैप्टन का दावा सबसे मजबूत कहा जा सकता है। ऐसे भी कयास लगाए जा रहे हैं कि इनेलो प्रमुख चौटाला कहीं किशन सांगवान की तर्ज पर अभिमन्यु को अपनी पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतार दें। वहीं दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि चौटाला सोनीपत व गुड़गांव के बदले रोहतक सीट छोड़ सकते हैं।

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