नई सरकार बनाने को लेकर बहुमत हासिल करने के लिए कांग्रेस को जहां नए सहयोगियों की तलाश है, वहीं समाजवादी पार्टी के नेता अमर सिंह ने शुक्रवार को विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी से मुलाकात की है।
उधर, अमर सिंह ने साफ कर दिया है कि कल रात एक समारोह में उनकी भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह के साथ हुई मुलाकात राजनीतिक नहीं थी।
अमर सिंह और मुखर्जी के बीच बातचीत ऐसे समय हुई है जब कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी सपा महासचिव के साथ रिश्तों में दोबारा गर्मजोशी लाना चाहा है।
कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों ने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि बैठक में मंत्रालयों को लेकर कोई बातचीत हुई है। कांग्रेस खेमे का यह रुख है कि मंत्रालयों के बारे में तभी चर्चा की जा सकती है जब चुनाव नतीजे सामने आ जाएं।
अमर सिंह ने कहा कि सपा के दीर्घकालिक संबंध इस बात पर निर्भर करेंगे कि सपा को मिली सीटों की संख्या के आधार पर होने वाली समझौते की बातचीत के बाद पार्टी को क्या मिलता है। उन्होंने कहा, 'अगर हमारे पास संख्या होगी तो कांग्रेस हमसे बात करेगी।'
अमर सिंह ने भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह के साथ कल रात एक समारोह में हुई मुलाकात को यह कहते हुए महत्व नहीं दिया कि इसके राजनीतिक अर्थ नहीं निकाले जाने चाहिए क्योंकि यह सिर्फ एक सामाजिक समारोह था।
अमर सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'राजनाथ सिंह मेरे बड़े भाई की तरह हैं और मेरी उनके साथ कोई दुश्मनी नही है। चूंकि मुझे वहां एक सामाजिक समारोह के भोज में बुलाया गया था, इसलिए मैं वहां गया। जब हमारे कांग्रेस के साथ मतभेद थे तब भी मैं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मेजबानी में दिए गए रात्रि भोज में शामिल हुआ था।'
यह पूछने पर कि क्या भाजपा अब भी सपा के लिए अस्पृश्य है, अमर सिंह ने कहा, 'हां अब तक ऐसा ही है। जब तक भाजपा राम मंदिर, अनुच्छेद 370, समान नागरिक संहिता जैसे विवादास्पद मुद्दे न छोड़े तब तक हम भाजपा को कैसे छू सकते हैं।' सपा नेता ने कहा कि उनकी पार्टी और वाम दलों के इतर अन्य सभी दलों ने भाजपा की ओर कभी न कभी हाथ बढ़ाया था। उन्होंने कहा कि अब तक सिर्फ सपा और वाम दलों ने भाजपा की ओर हाथ नहीं बढ़ाया है। वाम दलों की भाजपा से वैचारिक लड़ाई है, जबकि हमारी उनसे लड़ाई जमीनी स्तर की.. हिंदुत्व की प्रयोगशाला में है।
सिंह ने कहा कि उन्होंने राकांपा नेता शरद पवार से आज बात की है। पवार, राजद प्रमुख लालू प्रसाद, लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बीच 17 मई के बाद बैठक होगी जब सभी नेता दिल्ली में होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि चौथे मोर्चे के नेताओं की प्रजा राज्यम पार्टी के प्रमुख चिरंजीवी से भी मुलाकात करने की संभावना है।
सपा महासचिव ने कहा कि उनके भाकपा महासचिव ए. बी. वर्धन और माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी के साथ भी अच्छे संबंध हैं।
उधर, अमर सिंह ने साफ कर दिया है कि कल रात एक समारोह में उनकी भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह के साथ हुई मुलाकात राजनीतिक नहीं थी।
अमर सिंह और मुखर्जी के बीच बातचीत ऐसे समय हुई है जब कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी सपा महासचिव के साथ रिश्तों में दोबारा गर्मजोशी लाना चाहा है।
कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों ने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि बैठक में मंत्रालयों को लेकर कोई बातचीत हुई है। कांग्रेस खेमे का यह रुख है कि मंत्रालयों के बारे में तभी चर्चा की जा सकती है जब चुनाव नतीजे सामने आ जाएं।
अमर सिंह ने कहा कि सपा के दीर्घकालिक संबंध इस बात पर निर्भर करेंगे कि सपा को मिली सीटों की संख्या के आधार पर होने वाली समझौते की बातचीत के बाद पार्टी को क्या मिलता है। उन्होंने कहा, 'अगर हमारे पास संख्या होगी तो कांग्रेस हमसे बात करेगी।'
अमर सिंह ने भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह के साथ कल रात एक समारोह में हुई मुलाकात को यह कहते हुए महत्व नहीं दिया कि इसके राजनीतिक अर्थ नहीं निकाले जाने चाहिए क्योंकि यह सिर्फ एक सामाजिक समारोह था।
अमर सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'राजनाथ सिंह मेरे बड़े भाई की तरह हैं और मेरी उनके साथ कोई दुश्मनी नही है। चूंकि मुझे वहां एक सामाजिक समारोह के भोज में बुलाया गया था, इसलिए मैं वहां गया। जब हमारे कांग्रेस के साथ मतभेद थे तब भी मैं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मेजबानी में दिए गए रात्रि भोज में शामिल हुआ था।'
यह पूछने पर कि क्या भाजपा अब भी सपा के लिए अस्पृश्य है, अमर सिंह ने कहा, 'हां अब तक ऐसा ही है। जब तक भाजपा राम मंदिर, अनुच्छेद 370, समान नागरिक संहिता जैसे विवादास्पद मुद्दे न छोड़े तब तक हम भाजपा को कैसे छू सकते हैं।' सपा नेता ने कहा कि उनकी पार्टी और वाम दलों के इतर अन्य सभी दलों ने भाजपा की ओर कभी न कभी हाथ बढ़ाया था। उन्होंने कहा कि अब तक सिर्फ सपा और वाम दलों ने भाजपा की ओर हाथ नहीं बढ़ाया है। वाम दलों की भाजपा से वैचारिक लड़ाई है, जबकि हमारी उनसे लड़ाई जमीनी स्तर की.. हिंदुत्व की प्रयोगशाला में है।
सिंह ने कहा कि उन्होंने राकांपा नेता शरद पवार से आज बात की है। पवार, राजद प्रमुख लालू प्रसाद, लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बीच 17 मई के बाद बैठक होगी जब सभी नेता दिल्ली में होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि चौथे मोर्चे के नेताओं की प्रजा राज्यम पार्टी के प्रमुख चिरंजीवी से भी मुलाकात करने की संभावना है।
सपा महासचिव ने कहा कि उनके भाकपा महासचिव ए. बी. वर्धन और माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी के साथ भी अच्छे संबंध हैं।
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