Wednesday, May 6, 2009

वाम से लेंगे समर्थन - राहुल

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने मंगलवार को दावा किया कि वाम दल तो मनमोहन सरकार को समर्थन देंगे ही साथ ही नीतीश कुमार, चन्द्रबाबू नायडू समेत कुछ नए सहयोगी भी संप्रग से जुडेंगे।मतभेद हैं तो समानताएं भी राहुल गांधी ने मंगलवार को नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि परमाणु समझौते जैसे मुद्दों पर कांग्रेस के वाम दलों के साथ वैचारिक मतभेद हैं, लेकिन दोनों के बीच कई साझा आधार भी हैं। उन्होंने कहा कि अन्य पार्टियों के बजाय कांग्रेस के साथ आने में वाम दलों को ज्यादा खुशी होगी। बडा दल बने तो समर्थनराकांपा नेता शरद पवार के पीएम बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सबसे बडे दल के रूप में उभरे तो समर्थन पर विचार किया जा सकता है, जहां तक वाम दलों का सवाल है तो 170 से 108 सीटें ले आएं, तो उनको समर्थन दे देंगे। राजग का सफाया-दरवाजे खुले राहुल ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेदेपा सुप्रीमो एन. चंद्रबाबू नायडू की तारीफ करते हुए कहा कि नायडू ने अच्छा काम किया है, भले ही उन्होंने अपना ध्यान सिर्फ हैदराबाद पर लगाया हो। नीतीश की भी काम करने की नीयत है। राहुल ने कहा कि राजग का देश भर में सफाया हो चुका है और वह केवल नाममात्र को रह गई है। मंत्री बनने से इनकार नहींराहुल ने कहा कि इस वक्त प्रधानमंत्री पद के लिए डॉ. मनमोहन सिंह से बेहतर कोई उम्मीदवार नहीं है। अपने बारे में उन्होंने कहा कि यदि मेरे बॉस प्रधानमंत्री ने मंत्री बनने का दबाव नहीं डाला, तो वह युवाओं के बीच काम करने को ही वरीयता देंगे। वंशवाद के खिलाफवंशवाद पर बोलते हुए राहुल भावुक तो हुए, लेकिन उन्होंने बेबाक होकर कहा कि वंशवाद लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है और वे अपनी तरफ से व्यवस्था में बदलाव ला रहे हैं। इस बार एहसान नहीं करेंगे"कांग्रेस इस बात को लेकर चिंतित है कि वे बहुमत का आंकडा नहीं छू पाएंगे। लेकिन वाम दल इस बार उन पर एहसान नहीं करेंगे, न ही कांग्र्रेस के नेतृत्व में बनने वाली सरकार का समर्थन करेंगे।"-ए.बी. वर्द्धन, भाकपा महासचिव चाहे जितना डोरे डाल लें..."राहुल गांधी चाहे जितना भी डोरे डाल लें, उसका असर नहीं होने वाला है। उन्होंने नीतीश कुमार की जो तारीफ की है, उसमें सच्चाई है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे कांग्रेस के प्रभाव में आ जाएंगे।"-के.सी. त्यागी, जदयू महासचिव "लिट्टे आतंकी संगठन" कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) को आतंकी संगठन बताते हुए कहा कि वह इस संगठन के समर्थक नहीं है और यह सब जानते हैं कि ऎसा क्यों है लेकिन श्रीलंका के तमिलों को वह निर्दोष नागरिक मानते हैं और पूरी तरह उनके साथ हैं। उन्होंने श्रीलंका सरकार के आक्रामक रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि उसे तमिलों की समस्याओं पर पूरी तरह गौर करना चाहिए।लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए जल्द ही तमिलनाडु के दौरे पर जाने का कार्यक्रम बना रहे गांधी ने मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र सरकार इसके लिए श्रीलंका सरकार पर लगातार दवाब डाल रही है तथा काफी हद तक वह इसमें सफल भी रही है। गांधी ने कहा कि वह चुनाव प्रचार के लिए जल्द ही तमिलनाडु जाएंगे, जहां अंतिम चरण में 13 मई को मतदान होना है। वे पंजाब और गुजरात की तरह ही तमिलनाडु में युवक कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए काम करेंगे।

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