भाजपा के रणनीतिकार 16 मई यानी मतगणना के बाद की व्यूहरचना में जुट गए हैं। राहुल गांधी समेत कांग्रेसी नेताओं के हालिया बयान को बौखलाहट करार देते पार्टी महासचिव व मुख्य चुनाव प्रबंधक अरूण जेटली ने भविष्यवाणी की कि 16 की शाम तक केंद्र में कांग्रेस नीत सरकार की संभावना खत्म हो जाएगी। इसके बाद शुरू होगी तीसरे-चौथे मोर्चे की सरकार को समर्थन देने अथवा न देने की कहानी। कांग्रेस के लिए यह फैसला राजनीतिक जोखिम से भरा होगा। अगर बात नहीं बनी तो सत्ता की धुरी अपने-आप भाजपा की ओर झुक जाएगी और ग्रेटर एनडीए आकार लेगा। एक और संभावना प्रबल है कि भाजपा की सीटें कांग्रेस से इतनी ज्यादा आएं कि सरकार बनाने का पहला मौका उसे मिले। यह स्थिति भी ग्रेटर एनडीए को जन्म देगी। जेटली ने बताया कि लेफ्ट का तीसरा मोर्चा और कांग्रेस जैसे ही साथ हुए पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और तमिलनाडु में करूणानिधि की द्रमुक उसके हाथ से खिसककर राजग के साथ हो जाएंगी। वामपंथी निश्चित तौर पर चौथे मोर्चे के राजद, लोजपा व सपा को भी साथ लाएंगे। उस स्थिति में उत्तर प्रदेश की बसपा अलग हो जाएगी। वजह बिल्कुल साफ है कि जहां लेफ्ट होगा वहां ममता नहीं जाएंगी और जहां जयललिता होंगी वहां करूणा के लिए कोई जगह न बचेगी। ऎसा ही बैर बसपा व सपा के बीच है। जिधर सपा होगी बसपा किसी सूरत में उधर का रूख न करेगी। दलगत विरोध की चरम स्थिति का फायदा राजग के विस्तार के रूप में होगा। ग्रेटर एनडीए के गठन के लिए ज्यादा मशक्कत भी नहीं करनी होगी। मतलब बिल्कुल साफ है कि जिस पार्टी में सरकार बनाने की संभावना दिखेगी उसके साथ सत्ता में भागीदारी चाहने वाले दल अपने-आप जुडते चले जाएंगे। अतीत में ऎसा हो चुका है, आगे भी आसार प्रबल हैं। विपक्ष में रहकर भी राजग न टूटा न बिखरा, यह बडी मिसाल है। उडीसा में बीजद को छोड दें तो बिहार में जद (यू), पंजाब में अकाली, हरियाणा में इनेलो, उत्तर प्रदेश में रालोद, असम में अगप व महाराष्ट्र में शिवसेना सभी भाजपा के साथ वर्षो से बनी हुई हैं। गठबन्धन धर्म का ऎसा निर्वाह सब कुछ खुद हडपने की चाह रखने वाली कांग्रेस न कभी कर सकी है और न आगे कर पाएगी। वाजपेयी सरकार में साथी दलों को बराबर भागीदारी दी गई और राज्यों में भाजपा अपने सहयोगी दलों की सरकारों को पूरा सहयोग देती रही है। यह एक ऎसी विशेषता है जो सबको मुफीद लगती है। इस सवाल पर कि अगर भाजपा के नतीजे कमजोर रहे तब क्या होगा! जेटली ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि कांग्रेस सत्ता में आई तो भाजपा विपक्ष में ही बैठेगी लेकिन इस बार कांग्रेस विपक्ष में बैठेगी और भाजपा सरकार बनाएगी।
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