Monday, June 8, 2009

मुसाफिरों की सहूलियत और सुरक्षा पर होगा जोर

रेल मंत्री ममता बनर्जी रेलवे के मानवीय पक्ष को मजबूत करना चाहती हैं। माना जा रहा है कि 1 जुलाई को पेश होने वाले अपने रेल बजट में वह यात्रियों की सुविधाओं और सुरक्षा पर विशेष ध्यान देंगी। सूत्रों के मुताबिक, ममता बनर्जी रेलवे के मूलभूत ढांचे के विकास पर भी विशेष जोर देने जा रही हैं। लालू यादव के 'कायापलट' के दावे के बाद ममता को खुद को साबित करना है। ममता मानती हैं कि रेलवे के दो पहलू हैं। एक है व्यावसायिक और दूसरा मानवीय। इन दोनों के बीच संतुलन बनाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। हालांकि ममता लालू की तरह अपने 'गृह राज्य' पर विशेष मेहरबानी नहीं करेंगी। लेकिन वह यह मानती हैं कि रेलवे के मामले में बंगाल की सालों से उपेक्षा हो रही है। वह साफ कह चुकी हैं कि पूरे देश के लोगों के हितों का ध्यान रखने के लिए मैं प्रतिबद्ध हूं। पर साथ में उनका यह भी कहना है कि मैं अपने राज्य में कई रेल परियोजनाओं को लागू कराऊंगी। बंगाल में ज्यादा रुचि होने के कारण ममता पर यह आरोप लग रहा है कि वह क्षेत्रीय रेल मंत्री के तौर पर काम कर रही हैं। लेकिन उन्हें इसकी परवाह नहीं है। उनका कहना है कि बरसों तक रेलवे बिहार के मंत्रियों के हाथों में रहा है, तब किसी ने ऐसा क्यों नहीं कहा। ट्रेनों में खाने की गुणवत्ता में सुधार का आदेश देकर वह यह जाहिर कर चुकी हैं कि यात्रियों की उपेक्षा नहीं होगी। उन्हें रेल कर्मचारियों का भी ख्याल करना है। क्योंकि छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए उन्हें 14 हजार करोड़ की व्यवस्था करनी है। यह व्यवस्था भी वह अपने आंतरिक संसाधनों से ही करेंगी। दोबारा रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने के बाद अपने पहले बजट में ममता को लालू यादव की 'अंतरराष्ट्रीय ख्याति' से भी ऊपर उठना होगा। यह भी एक बड़ी चुनौती है। NBT

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