Tuesday, March 3, 2009

राष्ट्रीय लोकदल राजग में शामिल

लम्बे कशमकश के बाद आखिरकार सोमवार को राष्ट्रीय लोकदल राजग में शामिल हो गया। हालांकि भाजपा-रालोद के बीच गठजोड की बातचीत काफी समय से चल रही थी, लेकिन सीटों के तालमेल को लेकर बात नहीं बन पाने के कारण मामला टलता रहा। राजग के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि इस गठबंधन से केन्द्र की संप्रग और उप्र की बसपा सरकार से लोगों को छुटकारा मिलेगा।भाजपा मुख्यालय में सोमवार को रालोद के राजग में शामिल होने की घोषणा की गई। इस अवसर पर राजग के कार्यवाहक संयोजक शरद यादव, भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह प्रमुख रूप से मौजूद रहे। राजनाथ ने बताया कि रालोद के साथ सीटों पर बातचीत हो चुकी है बस, घोषणा होनी बाकी है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी उप्र में रालोद के अच्छे प्रभाव का राजग को फायदा मिलेगा। राजनाथ ने कहा कि अजित सिंह के साथ आने से तीन बातों के संकेत हैं। पहला प्रधानमंत्री के रूप में अन्य दलों में आडवाणी के प्रति विश्वास का बढना, उप्र की जनता में यह भरोसा जगना कि सपा-बसपा का वैकल्पिक गठबंधन खडा हो गया है। तीसरा उप्र में भाजपा के कमजोर होने की धारणा इससे दूर होगी। शरद यादव ने कहा कि रालोद के आने से राजग किसानों और समाज के अन्य वर्गो का सबसे अधिक विश्वसनीय मंच बन गया है। इस अवसर पर अजित सिंह ने कहा कि आज का दिन उप्र और केन्द्र में राजनीतिक परिवर्तन का दिन साबित होगा। आम आदमी आज दोनों जगहों पर बदलाव महसूस कर रहा है और यह पविर्तन राजग के जरिए होगा। उन्होंने कहा कि उप्र विधानसभा चुनाव में मायावती इसलिए जीती कि उस समय सपा का कोई विकल्प नहीं था। हम साथ आ गए हैं और मायावती के विकल्प बनेंगे।

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