देश में होने वाले आम चुनाव के शाह खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है। माना जा रहा है कि आम चुनाव-2009 अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव से भी महंगे रहेंगे। भारतीय मीडिया अध्ययन केन्द्र की ओर से किए गए सर्वे के अनुसार इस बार के लोकसभा चुनाव 10,000 करोड रूपए से भी अधिक महंगे रहेंगे।2009 के अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव में सिर्फ 8000 करोड रूपए खर्च हुए थे। अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव में यह रकम एक साल में खर्च की गई थी, जबकि यहां कुछ ही महीनों में 10 हजार करोड खर्च कर दिए जाएंगे। यह खर्च केवल लोकसभा चुनाव का है। इसके साथ होने वाले विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनावों का खर्च अलग होगा। यह खर्च पिछले लोकसभा चुनाव के दोगुने से भी ज्यादा है। 2004 में हुए 14वें लोकसभा चुनाव में 4500 करोड रूपए खर्च हुए थे। क्षेत्रीय दलों और उनके उम्मीदवारों द्वारा करीब 1000 करोड रूपए खर्च का अनुमान है। अनुमान लगाया गया है कि चुनाव प्रबंधन के लिए सरकार कुल खर्च का 20 फीसदी व्यय करेगी। यानी सरकारी खर्च सिर्फ 2000 करोड रूपए होगा। इनमें से 1300 करोड चुनाव आयोग का और 700 करोड रूपए राज्य सरकार का खर्च होगा। चुनाव में देश के सारे राजनीतिक दल मिलकर करीब 1650 करोड रूपए खर्च करेंगे। इनमें से 1000 करोड रूपए देश के दो प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और भाजपा के होंगे। इसके अलावा करीब 1000 करोड अन्य खर्चे में शामिल किया गया है। 2500 करोड रूपए गैर कानूनी ढंग से मतदाताओं को नकदी के तौर पर दिए जाएंगे। चुनाव प्रचार व पार्टी प्रबंधन पर चुनाव के दौरान राष्ट्रीय राजनीतिक दलों और उनके उम्मीदवारों द्वारा 4350 करोड खर्च होने का अनुमान है।
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