Friday, May 15, 2009

मुसलिम नेता ऐलान कर सकते अलग सियासी पार्टी बनाने का

लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद मुसलिम नेता फिर अलग सियासी पार्टी बनाने का ऐलान कर सकते हैं। उप्र विधानसभा चुनाव में बुरी तरह फ्लाप हो चुके इस प्रयोग को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करने की संभावना है। इस सिलसिले में जामा मसजिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी व असम यूडीएफ के अध्यक्ष मौलाना बदरुद्दीन अजमल के बीच गोपनीय बैठक हो चुकी है।
पिछले यूपी विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुलायम सिंह सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोलते हुए शाही इमाम ने यूपीयूडीएफ का गठन किया था। लगभग तीन दर्जन मुसलिम संगठनों को मंच पर लाकर बनाई गई इस जमात ने उप्र विधानसभा में अपने दम पर चुनाव लड़ा था, लेकिन मुसलमानों द्वारा नकारने के कारण यूपीयूडीएफ खाता भी नहीं खोल सका था।
इसकी सरपरस्ती शाही इमाम ने की थी, लेकिन इसके अध्यक्ष यूसुफ कुरैशी ने उनके ही खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इस कारण इस सियासी जमात ने लोकसभा चुनाव आते-आते वजूद ही खो दिया। सूत्रों ने बताया कि असम यूडीएफ के अध्यक्ष मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने फिर पहल की है। उन्होंने दो दिन पहले बुखारी के साथ लंबी मंत्रणा की है। इसमें मुसलमानों का सियासी दल बनाने पर चर्चा की गई।
ज्ञात हो कि मुसलमानों को एकजुट कर सियासी ताकत बनाने का प्रयोग मौलाना बदरुद्दीन अजमल असम में कर चुके हैं। असम विधानसभा में यूडीएफ के दस विधायक हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मौलाना बुखारी द्वारा शुरु की गई इस मुहिम से मौलाना अजमल अंतिम समय में पीठ दिखा कर भाग गए थे। अब महाराष्ट्र विधानसभा में इस प्रयोग के लिए उन्हें शाही इमाम और अन्य सुन्नी उलेमाओं की मदद की दरकार है। सूत्रों ने बताया कि केन्द्र में नई सरकार का गठन होने के बाद मुसलिम नेतृत्व इस दिशा में पहल करेगा।

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