Wednesday, May 13, 2009

आडवाणी-राजनाथ ने रचा "व्यूह"

भाजपा नतीजों को लेकर खासी उत्साहित है। वह यह मानकर चल रही है कि इस बार जनादेश उसके पक्ष में आएगा और वह सबसे बडी पार्टी जबकि राजग सबसे बडा गठबन्धन बनकर उभरेगा। गैर-कांग्रेसवाद को थर्ड फ्रंट के घटक दलों से समर्थन लेने का कारगर हथियार बनाने की योजना पर अमल भी शुरू कर दिया गया है। बस, उसे आशंका है तो राष्ट्रपति भवन की भूमिका को लेकर। राष्ट्रपति सबसे बडी पार्टी अथवा गठबन्धन को सरकार बनाने का न्योता देने की परम्परा का पालन करें यह सुनिश्चित करने के लिए पार्टी दबाव की पैनी रणनीति पर काम कर रही है। बुधवार सुबह भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी के आवास पर भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह, वेंकैया नायडू जुटे, जबकि शाम को मुख्य चुनाव प्रबंधक अरूण जेटली ने पार्टी प्रवक्ताओं व अन्य को टीवी पर अपना पक्ष दमदार तरीके से रखने के गुर सिखाए।जेटली की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में संगठन महामंत्री रामलाल भी मौजूद थे। प“ाीस लोगों का पैनल बनाया गया है जो सरकार बनने तक के निर्णायक दौर में टीवी पर भाजपा की रीति-नीति को पेश करेगा। इसमें जेटली समेत सभी छह प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद-राजीव प्रताप रूडी, प्रकाश जावडेकर, बलबीर पुंज, एस.एस. अहलुवालिया, अरूण शौरी, नजमा हेपतुल्ला, शाहनवाज हुसैन, विजय गोयल, बाल आप्टे, चंदन मित्रा, सुधींद्र कुलकर्णी एवं अन्य शामिल हैं।जेटली ने इन लोगों को गुरू मंत्र देते हुए कहा कि ऎसी कोई बात न कहें जिससे फंसने की गुंजाइश हो। किसी सहयोगी दल अथवा संभावित सहयोगियों के प्रति प्रतिबद्धता जताने से भी बचें। दो-टूक दावा न करें और, राष्ट्रपति भवन की भूमिका के बारे में घेरा जाए तो सबसे ज्यादा जोर परम्परा के पालन पर दें। यह अवश्य कहें कि सबसे बडी पार्टी अथवा गठबन्धन को पहले न्योता देना ही सर्वथा योग्य निर्णय माना जाएगा।उक्त दोनों बैठकों में चर्चा का सार यही निकला कि केंद्र में कांग्रेस नीत सरकार की संभावना खत्म हो चुकी है। अब कांग्रेस को यह तय करना होगा कि थर्ड फ्रंट को समर्थन दे या नहीं। चूंकि थर्ड फ्रंट का बडा हिस्सा मसलन जयललिता, चंद्रबाबू नायडू और नवीन पटनायक गैर कांग्रेसवाद की राजनीति करते रहे हैं इसलिए राजग की तरफ इनके झुकाव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। यही कारण है कि भाजपा के रणनीतिकार पूरी ताकत इन्हें साधने में लगाए हुए हैं।पार्टी का मनोबल कितना ऊंचा है इसका अंदाजा लगाने के लिए पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह व वेंकैया नायडू का यह दावा है कि सरकार उन्हीं की होगी। आडवाणी के घर बैठक के बाद भाजपा नेताओं ने कहा कि जिस तरह टीआरएस राजग में लौटा है वैसे अन्य बहुत से दल साथ आएंगे। बस, थोडा इंतजार करें। अमरीका के कार्यकारी राजदूत पीटर बर्ले ने भी बुधवार सुबह आडवाणी से मुलाकात की। वे मंगलवार को हैदराबाद में चंद्रबाबू नायडू से भी मिले थे। सूत्रों के अनुसार, अमरीका नहीं चाहता कि केंद्र में लेफ्ट समर्थित सरकार बने। यह भेंट इसी रणनीति के तहत की गई।

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