Wednesday, September 2, 2009

अब स्पीकर पर टिकी भाजपा की निगाहें

नई दिल्ली। संसद की लोक लेखा समिति से जसवंत सिंह को इस्तीफा देने के लिए मनाने में असफल रहने के बाद भाजपा की उम्मीदें अब लोकसभा अध्यक्ष पर टिक गई हैं। संसदीय समितियों में दलीय आधार पर होने वाली नियुक्तियों को देखते हुए भाजपा को पूरा विश्वास है कि जसवंत सिंह ने अगर खुद इस्तीफा नहीं दिया तो लोकसभा अध्यक्ष अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए जसवंत को समिति के अध्यक्ष पद से भी हटा देंगी।
जसवंत सिंह को पद छोडने के लिए मनाने की कोशिशें नाकाम होने के बाद भाजपा ने अब पूरा मामला लोकसभा अध्यक्ष पर छोड दिया है। सूत्रों के अनुसार लोकसभा में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से इस बारे में चर्चा भी की है। संसदीय परंपरा में लोकसभा में मुख्य विपक्ष को लोक लेखा समिति का अध्यक्ष पद दिया जाता है। इसीलिए जब यह पद भाजपा के हिस्से में आया तो उसने वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह का नाम आगे बढाया। अब जबकि जसवंत सिंह को भाजपा से ही बाहर कर दिया है तो इस पद पर भाजपा के ही किसी सदस्य की नियुक्ति होनी चाहिए।इसके पहले लोकसभा में पार्टी की उप नेता सुषमा स्वराज व एस एस अहलूवालिया ने सोमवार को जसवंत सिंह से मुलाकात कर उनसे इस्तीफा देने का आग्रह किया था। लेकिन जसवन्त सिंह ने पार्टी की सलाह को दरकिनार कर दिया। उन्होंने मंगलवार को कहा कि वह संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष का पद नहीं छोडेंगे। जसवन्त ने कहा, मुझे पद छोडने के लिए कहना किसी राजनीतिक दल का नहीं, बल्कि लोकसभा अध्यक्ष का काम है।

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