Friday, November 7, 2008

हजारो की भीड़ भी नही जुटा पाई भाजपा सरकार : गहलोत

पूर्व मुख्यमंत्री एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव अशोक गहलोत ने भाजपा द्वारा प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित रैली को फ्लॉप बताते हुए कहा कि सरकारी संसाधनों के दुरूपयोग के बावजूद 5 लाख के दावे के विपरीत मात्र 50 हजार की भी भीड़ नहीं जुट पाई।गहलोत ने शुक्रवार को जयपुर में अपने निवास पर पत्रकार वार्ता में कहा कि भाजपा द्वारा टिकिट बांटने के बाद यह रैली आयोजित की जाती तो आधे लोग भी नहीं आते। उन्होंने कहा कि चुनाव में भाजपा के कुशासन का अंत हो जाएगा और कांग्रेस भारी बहुमत से जीतकर आएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे सिंधिया का सामंतशाही व तानाशाही व्यवहार भाजपा के लिए हार का सबसे बड़ा कारण बनेगा। मुख्यमंत्री ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ जो बर्ताव किया है और उन्हें खंडहर की संज्ञा देते हुए अपने गिरेबान में झांकने के लिए कहा है इससे भाजपा में भारी असंतोष है। भाजपा के मंत्रिमण्डल के सदस्यों द्वारा उन्हें बिना विश्वास में लिए फैसले लिए जाने एवं भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए है उनका मुख्यमंत्री की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है यह गंभीर मामला है।गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री राजे अपराध बोध से ग्रसित है। उन्होंने कहा कि राजे ने भैरोंसिंह शेखावत के 4 साल के उपराष्ट्रपति पद के कार्यकाल में उन्हें एक बार भी किसी समारोह में राजस्थान में नहीं बुलाया। गहलोत ने वसुन्धरा राजे द्वारा उनके महिला होने के कारण चरित्र हनने करने के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस की ओर से आज तक उनके चरित्र पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है लेकिन राज्य में भ्रष्टाचार, बलात्कार, अपराध, गोलीकाण्ड व कुशासन की बात करना चरित्र हनन नहीं है। वसुन्धरा राजे को अपने आप को मुख्यमंत्री मानकर जनता व कांग्रेस के सवालों का जवाब देना चाहिए। विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री को जनता के सामने सभी सवालों का जवाब देना होगा।गहलोत ने कहा कि उनकी हार का कारण एक रहस्य है जो उन्हें भी आज तक समझ में नहीं आया है ।गहलोत ने कहा कि वे भी नहीं समझ पाए है कि आखिर इतना अच्छा शासन होने के बावजूद कांग्रेस पिछला चुनाव कैसे हारी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें कभी नहीं लगा कि वे चुनाव हार गए हैं क्योंकि जनता का उनके प्रति प्रेम कभी कम नहीं हुआ और उन्हें चाहने वालों की आज भी कमी नहीं है जब वे मुख्यमंत्री पद पर नहीं है।जब विरोधी लहर नहीं है तो विधायकों के टिकट क्यों काटे जा रहे हैं? पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा से पूछा है कि जब प्रदेश में शासन विरोधी लहर नहीं है तो भाजपा मौजूदा 70-80 विधायकों के टिकट काटने की बात क्यों कर रही है?गहलोत शुक्रवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए गुरूवार को भाजपा की रैली में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी द्वारा दिए गए इस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि राजस्थान में सरकार विरोधी भावनाएं नहीं है। गहलोत ने पूछा कि अगर ऐसा है तो 70-80 मौजूदा विधायकों को बलि का बकरा क्यों बनाया जा रहा है जबकि असल में भाजपा मुख्यमंत्री राजे व उनकी ‘चौकड़ी’ ने पूरे पांच साल भ्रष्टाचार का तांडव मचाया। टिकट काटने की सूची में पहला नाम मुख्यमंत्री व अगला उनकी चौकड़ी के मंत्रियों का आना चाहिए।

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