Monday, January 19, 2009

गहलोत मंत्रीमण्डल में भीलवाडा को प्रतिनिधित्व मिलना मुश्किल

गहलोत मंत्रिमंडल में भीलवाड़ा को प्रतिनिधित्व मिलना अब संभव नहीं लग रहा है। चुनाव जीतने के साथ ही मांडल क्षेत्र के विधायक रामलाल जाट का मंत्री बनना पक्का माना जा रहा था। लेकिन जिले के कुछ कद्दावर नेता अपने स्वार्थों के चलते राह में रोड़ा बने है। जिससे भीलवाड़ा विकास में भी पिछड़ेगा।जानकार सूत्रों की माने तो माण्डल क्षेत्र से पूर्व पंचायतराज मंत्री कालूलाल गुर्जर को पटखनी देने वाले डेयरी चेयरमेन और कांग्रेस के जमीन से जुड़े नेता रामलाल जाट का मंत्री बनना भीलवाड़ा में ही नहीं बल्कि प्रदेश की राजनीति में भी पक्का माना जा रहा था। लेकिन प्रथम सूची में रामलाल जाट को तो जगह नहीं मिल पाई। चार अन्य जाटों को मंत्री बना दिया गया। जिससे भीलवाड़ा को निराशा हाथ लगी और जाट समर्थक भी हताश हो गये। अब उम्मीद लगाई जा रही है कि अगले सप्ताह होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में जाट को झण्डी लगी कार मिल ही जायेगी। लेकिन उनकी राह में कांटे बिछाने वालों में और कोई नहीं बल्कि भीलवाड़ा के ही कांग्रेस के भीष्म पितामह और उनके कुछ चहेतों नेताओं के साथ ही दो विधायकों के नाम भी चर्चा में है।जानकारों की माने तो इन नेताओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने जाट को मंत्री नहीं बनाने की तिकड़म बाजी की है। अब देखना यह है कि तिकड़मबाज अपनी योजना में सफल होते है और भीलवाड़ा के विकास को ताक में रख देते है या फिर जाट मंत्री बन भीलवाड़ा के विकास में भागीदारी निभा पाते है।

No comments: