Friday, January 16, 2009

भाजपा साफ करे आडवाणी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार है : शिवसेना

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के प्रमुख घटक दल शिवसेना ने कहा है कि लालकृष्ण आडवाणी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना भारतीय जनता पार्टी का ``अंदरूनी मामला'' है और राजग के सामने जब यह मुद्दा आयेगा तब पार्टी अपनी भूमिका स्पष्ट करेगी। शिवसेना के मुखपत्र मराठी दैनिक ``सामना'' के ताजा अंक के संपादकीय में कहा गया है कि भाजपा उनका निकटवर्ती सच्चा मित्र है और मित्र दल में प्रधानमंत्री पद को लेकर कोई तूफान उठता है तो शिवसेना बेचैन होती है । संसदीय चुनाव की अभी घोषणा भी नहीं हुई लेकिन कुछ राजनीतिक दल और नेता ``कौन बनेगा प्रधानमंत्री'' का खेल खेलने में मस्त है । भाजपा के ही कुछ नेता आडवाणी को प्रधानमंत्री बनने से रोकने के उद्देश्य से सक्रिय हो गये हैं । शिवसेना का मानना है कि आडवाणी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं लेकिन अन्य नेता भी प्रधानमंत्री पद की अपेक्षा रखते हैं,तो उसमें कोई गलत नहीं है। संपादकीय में कहा गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्वास्थ्य अगर ठीक रहता तो, ``प्रधानमंत्री कौन बने'' यह सवाल ही नहीं पैदा होता।शिवसेना ने कहा कि आडवाणी के अलावा भैरो सिंह शेखावत, राजनाथ सिंह। डा. मुरली मनोहर जोशी, अरूण जेटली और श्रीमती सुषमा स्वराज के नाम प्रधानमंत्री पद की दौड में है। इनके अलावा कांग्रेस में भी प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के अतिरिक्त अर्जुन सिंह से लेकर प्रणव मुखर्जी तक इस पद की आस लगाये बैठे है और हाल में मुखर्जी ने प्रधानमंत्री पद के लिये राहुल गांधी का नाम लेकर इस सर्वोच्च पद की गरिमा ही समाप्त कर दी है।शिवसेना ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा की तरह अपना भाग्य खुलने की प्रतीक्षा कर रहे है।शिवसेना ने कहा है कि राष्ट्रपति पद के चुनाव में उन्होंने श्रीमती प्रतिभा पाटिल को अपना समर्थन व्यक्त किया था लेकिन उस समय जनता दल (यू) के नेता दिग्विजय सिंह ने इसके विरोध में शिवसेना के साथ अपने संबंध तोड़ देने की चेतावनी दी थी । संपादकीय में कहा गया है राष्ट्रपति चुनाव में शेखावत के हार जाने से उनकी राजनीतिक पारी एकदम खत्म हो गई।शिवसेना ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को गुजरात का सर्वेसेवा करार देकर हिन्दुत्व की पताका बड़े साहस के साथ फहरायी है और गुजरात के मार्ग पर सबसे आगे निकल गयी है । संपादकीय में कहा गया है कि पूर्व में गुजरात को महात्मा गांधी अथवा सरदार पटेल के नाम से जाना जाता था लेकिन आज गुजरात को नरेन्द्र मोदी के नाम से जाना जाने लगा है।शिवसेना ने कहा है कि ऐसी स्थिति में जब भाजपा ने एक बार आडवाणी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने का फैसला कर लिया है तो इसके बाद प्रधानमंत्री कौन यह चर्चा बेमानी है और भाजपा को भी यह साफ कर देना चाहिये कि आडवाणी ही हमारे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार है और अन्य कोई नहीं, जिससे स्थायी रप से इस भ्रम को दूर किया जा सके।

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