Wednesday, January 7, 2009

वंचित रहे पैरा टीचर्स बनेंगे प्रबोधक

विधानसभा में आज शिक्षामंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि राज्य में शेष रहे पैरा टीचर्स को अवकाश अवधि में नियमानुसार छूट देकर प्रबोधक बनाया जाएगा।प्रश्नकाल में पूरक प्रश्नों के जवाब में शिक्षामंत्री ने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत केन्द्र सरकार के निर्देश पर पिछली सरकार ने तृतीय श्रेणी के एक लाख शिक्षकों की भर्ती करने की अपेक्षा लगभग 63 हजार शिक्षकों की भर्ती की थी। बाद में सरकार ने पैरा टीचर्स को तृतीय श्रेणी अध्यापक के रूप में नियुक्ति नहीं देकर प्रबोधक बनाया।इस सवाल को लेकर सत्ता पक्ष और भाजपा के सदस्यों के बीच तीखी नोंक झोंक हुई । शिक्षा मंत्री ने जब यह टिप्पणी की कि पिछली सरकार में शिक्षा विभाग में हेराफेरी की गई तो पूर्व शिक्षामंत्री कालीचरण सराफ सहित अन्य सदस्यों ने इसका प्रतिवाद किया।उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रबोधकों की कोई नयी भर्ती नहीं की गई थी शेष रहे पदों पर पैरा टीचर्स को ही समायोजित किया गया।पिछली सरकार ने 32 हजार पैरा टीचरों में से 28 हजार सात पैरा टीचर्स को समायोजित कर प्रबोधक बनाने के आदेश दिए थे। इनमें से 22 हजार 389 का चयन कर 21126 प्रबोधकों को नियुक्ति दी गई तथा 434 का परिणाम रोका गया।शिक्षा मंत्री ने बताया कि पांच वर्ष के सेवाकाल में अधिक छुट्टी लेने के कारण 787 पैरा टीचर प्रबोधक बनने से रह गये। अब शेष रहे पैरा टीचर्स को छूट देकर प्रबोधक बनाने के निर्देश जारी किए जाएंगे ।उन्होंने बताया कि जिन पैरा टीचर्स को प्रबोधक बनाया गया है उन्हें तृतीय श्रेणी अध्यापक के अनुरूप 4500 की वेतन श्रृंखला दी जा रही है।

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