राज्यपाल शीलेन्द्र कुमार सिंह ने राज्य में सुशासन तथा सतत विकास के लिये पंचसूत्री अवधारणा के प्रति राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता का संकल्प व्यक्त करते हुये नई आबकारी, खनिज, उद्योग एवं निवेश नीति बनाने की घोषणा की।आज तेरहवीं राजस्थान विधानसभा में अपने पहले अभिभाषण में राज्यपाल ने कहा कि नई सरकार ने पांच बिंदुओं की अनूठी अवधारणा सामाजिक-धार्मिक समरसता, विकास के समान अवसर, किसान मजदूर कर्मचारी हितेशी, सुशासन पारदर्शिता व जवाबदेही का मूर्तरूप तथा आधुनिक विकास के साथ नये राजस्थान के निर्माण का संकल्प लिया हैं।भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (यू) के सदस्यों ने पिछली विधानसभा में पारित आरक्षण विधेयक को राज्यपाल द्वारा स्वीकृति नहीं देने का विरोध करते हुये उनके अभिभाषण का बहिष्कार किया । राज्यपाल ने 24 पृष्ठों के अभिभाषण का लगभग 55 मिनट में वाचन किया।राज्यपाल ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणा पत्र के माध्यम से जनता से किये गये वायदों को पूरा करने के लिये नई सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र की कार्यकारी पांच वर्षीय योजनाओं को सरकारी दस्तावेज बनाकर उनके अनुरूप कार्य करने का निर्णय किया हैं।वित्तीय कुप्रबंधन से राज्य पर कर्जे के बढ़ते बोझ की चर्चा करते हुये राज्यपाल ने कहा कि राज्य में पिछली सरकार पर कुशासन एवं भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे। यहां तक कि स्वयं सत्तारूढ़ पार्टी के चुने हुये जनप्रतिनिधियों ने भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाये। हमारी सरकार राज्य में स्वच्छ पारदर्शी एवं लोककल्याणकारी सुशासन व्यवस्था कायम करेगी।कृषि, सिंचाई, बिजली पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क सहित विभिन्न क्षेत्रों में विकास से जुड़ी योजनओं एवं कार्यक्रमों की विस्तार से चर्चा करते हुये राज्यपाल ने कहा कि नई सरकार ने अपने चुनाव घोषण पत्र के वायदों को पूरा करने के लिये कार्यकारी पांच वर्षीय योजनाओं को सरकारी दस्तावेज बनाकर उसके अनुरूप कार्य करने का निर्णय किया हैं।राज्यपाल ने विश्व स्तर पर आर्थिक मंदी और इसके प्रभाव की चर्चा करते हुये कहा कि हम इससे अछूते नहीं रह सकते। इसके बावजूद सरकार पार्टी के घोषणा पत्र को लागू करने के लिये कृत संकल्प हैं । इसके लिये हम न केवल फिजूल खर्ची पर रोक लगायेंगे बल्कि व्यय की प्राथमिकताओं का फिर से निरधारण करेंगे। अधिकाधिक राजस्व के लिये सरकारी मशीनरी को चुस्त दुरूस्त किया जायेगा।उन्होंने कहा कि पिछली सरकार द्वारा पांच वर्ष में द्वैषतापूर्वक आम नागरिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं के विरूद्ध चलाये गये झूठे मुकदमों की राज्य सरकार समीक्षा करेगी । जन समस्याओं के निराकरण एवं सुशासन हेतु प्रशासनिक प्रक्रियाओं का सरलीकरण कर उनके निस्तारण को गति दी जायेगी।उन्होंने कहा कि उद्यमियों की सलाह से नयी उद्योग एवं निवेश नीति बनाई जाएगी। बंद एवं बीमार औद्योगिक इकाईयों में पुन: उत्पादन के लिए व्यवहारिक कार्य योजना बनाई जाएगी। औद्योगिक विकास के लिए एकल खिडकी योजना को प्रभावी रूप दिया जाएगा। खादी ग्रामोद्योग एवं हस्तशिल्प से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा। व्यवहारिक तरीकों से रोजगार के अवसरों का सृजन किया जाएगा ।राज्यपाल ने कहा कि जनता को भू- माफियाओं के आतंक और शोषण से मुक्त कराने के लिए प्रभावी प्रशासनिक कदम उठाए जाएंगे।भू-राजस्व अधिनियम की धारा 90-बी की समीक्षा कर उसके दुरूपयोग को रोकने के उपाय किए जाएंगे । स्थानीय निकायों के शेष मास्टर प्लान निश्चित अवधि में पूरे कराए जायेंगे।राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देकर अधिकाधिक रोजगार सृजन की कार्य योजना बनाने के साथ धार्मिक, इको एवं ग्रामीण पर्यटन का विकास किया जाएगा। प्रदेश की विरासत को संरक्षित रखने कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने की व्यवस्था लागू की जाएगी।राजस्थानी भाषा को बढ़ावा देने के लिए राजस्थानी फिल्मों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
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