राजस्थान राज्य के बांसवाडा जिले की बांसवाडा कोतवाली पुलिस में पूर्व राज्यमंत्री भवानी जोशी, उनके समर्थकों व अन्य लोगों के विरूद्घ चार विभिन्न मामले दर्ज किये गए हैं। इनमें दो मामले केवल जोशी के विरूद्घ हैं, जबकि दो जोशी के अलावा उनके समर्थकों व अन्य सरकारी कर्मचारियों के विरूद्घ हैं। ये सभी मामले राजराजेश्वर मंदिर विवाद को लेकर कुशलबाग पैलेस के गोपीराम अग्रवाल द्वारा प्रस्तुत परिवादों पर अदालत के आदेश पर दर्ज किये गए हैं।भवानी जोशी, उप पंजीयक एवं राजस्व विभाग के तीन कर्मचारियों के विरूद्घ भादस की धारा 447 के तहत दर्ज मामले में कहा गया है कि राजस्व मण्डल अजमेर, देवस्थान विभाग व जिला कलेक्टर ने अलग-अलग मौकें पर कुशलबाग पैलेस, परिसर में स्थित मंदिरों व रास्तों पर प्रार्थी का कब्जा माना है। फिर भी राज्यमंत्री के प्रभाव में उक्त अधिकारियों कर्मचारियों ने प्रार्थी की भूमि के उत्तर-पश्चिम में स्थित भवानी जोशी के भाई वासुदेव जोशी व उनके पुत्र की भूमि मे जाने के लिए रास्ता प्रार्थी की भूमि के अन्दर से निकालने के उद्देश्य से कुशलबाग पैलेस के मंदिरों में दर्शनों के लिए जाने के रास्ते के बहाने अतिक्रमण कर रहे हैं। भवानी जोशी ने यह मार्ग निकालने के लिए एक दिसम्बर 07 को बांसवाड़ा के उपपंजीयक व राजस्वकर्मियों के साथ मिलकर साजिश पूर्वक एक पर्चा तैयार करवाया एवं शाम को जिला कलेक्टर कक्ष में बैठक बुलाई गई तथा इसकी सूचना फरियादी को भी नहीं दी गई। इस तरह भवानी जोशी ने अपने परिवार की भूमि में जाने का रास्ता कुशलबाग पैलेस परिसर के अंदर से निकालने के लिए यह विवाद उत्पन्न किया है एवं उनकी भूमि पर अतिक्रमण कर रहे हैं। भवानी जोशी के विरूद्ध इसी तरह का एक परिवाद भादंसं की धारा 447 के तहत दर्ज किया गया है। इसमें कहा गया है कि रियासतों के विलय की केन्द्र सरकार द्वारा जारी सूची में कुशलबाग पैलेस एवं उसकी सीमाओं का अंकन है। लेकिन भवानी जोशी ने एक अन्य सूची तैयार कर रखी है। पिछली 31 जुलाई 08 को भवानी जोशी अपने समर्थकों को उक्त सूची दिखाकर कह रहे थे कि बांसवाड़ा के महारावल परकोटे में स्थित केवल महल के ही मालिक है तथा परकोटे के अंदर स्थित मंदिर व जमीन सरकारी है तथा रेवेन्यु बोर्ड ने जुलाई 06 में जो निर्णय दिया वह गलत है। इस तरह वे फर्जी सूची लोगों को दिखाकर मंदिर में बरगला रहे थे एवं उनकी भावनाएं भड़का रहे थे। भवानी जोशी के विरूद्ध एक मामला भादंसं की धारा 471 के तहत दर्ज किया गया है। इसमें उन पर जिला कलेक्टर की सरकारी फाईल में जालसाजी पूर्वक पृष्ठ संख्या 306 व 307 लगाने का आरोप लगाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार उक्त पत्र भवानी जोशी ने जाली तैयार किए एवं मुख्यमंत्री को भिजवाने के अलावा बांसवाड़ा में आमजनता में सार्वजनिक रूप से वितरण कराए। जिला कलेक्टर की फाइल में लगा पत्र कहां से आया व किसके निर्देश पर फाइल में लगा, इसका कोई जवाब नहीं है। खुद जिला कलेक्टर ने एक पत्र में यह स्वीकार किया है कि पत्रावली में उक्त दो दस्तावेजों पर कोई सेक्शन मार्क नहीं है इसलिये यह बताया जाना सम्भव नहीं है कि उक्त पत्र किसने, कब एवं किसके समक्ष प्रस्तुत किए। इसी तरह पूर्व राज्यमंत्री भवानी जोशी व उनके आठ समर्थकों के विरूद्ध राजराजेश्वर मंदिर में एक मटकी में सांप लाकर छोड़ देने व फिर उसकी पूजा-अर्चना शुरू कर देने व शहर में माईक से मंदिर में नागदेव के प्रकट होने का प्रचार कर श्रद्धालु लोगों को मंदिर में आने हेतु उकसाने के प्रयास का आरोप लगाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाद में जो व्यक्ति मटके में सांप लाया था वही उसे पकड़ कर ले गया। दूसरी तरफ भवानी जोशी व उनके समर्थकों ने प्रार्थी पर सांप को मार देने का लोगों में झूठा प्रचार कर उनके खिलाफ लोगों की धार्मिक भावनाओं को उकसाया। पुलिस इन सभी मामलों में जांच कर रही है।
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