पूर्व उपराष्ट्रपति भैंरो सिंह शेखावत के चुनाव नहीं लड़ने की नसीहत मानने से इंकार कर दिये जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी के लिये मुश्किलें बढ़ गई हैं जिसने आज ही उन्हें नसीहत देते हुये दो टूक शब्दों में कहा कि वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी पार्टी के प्रधानमंत्री के उम्मीदवार है और अगला चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह द्वारा संवैधानिक पद पर रहने वाले को चुनाव नहीं लड़ाने के बारे में दिये गये बयान की प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये शेखावत ने जयपुर में संवाददाताओं से कहा कि संवैधानिक पद पर रहने वाले कई लोगों ने चुनाव लड़ा है तथा स्वास्थ्य अच्छा रहा तो वह भी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि सी. राजगोपालाचार्य ने गवर्नर जनरल आफ इण्डिया रहने के बाद मद्रास से चुनाव लड़ा, मुख्यमंत्री बने तथा स्वतंत्र पार्टी बनायी।शेखावत ने राजनाथ सिंह की इस नसीहत को मानने से स्पष्ट इंकार कर दिया कि वह (शेखावत) गंगा स्नान कर चुके है और अब उन्हें कुंए के पानी से नहाने की क्या जरूरत है। वह उपराष्ट्रपति रह चुके हैं और भाजपा के अभिभावक है । शेखावत ने कहा कि वह गंगा और कुएं का फर्क नहीं समझते ।पूर्व उपराष्ट्रपति ने इस बात से इंकार किया कि उन्होंने प्रधानमंत्री बनने की बात कही थी । उल्लेखनीय है कि पार्टी हल्कों में इस बात पर हड़कंप मचा हुआ है और कईयों का मानना है कि अगर शेखावत चुनाव लड़ते हैं तो आडवाणी की प्रधानमंत्री की दावेदारी पर तो असर पडेगा ही साथ ही लोकसभा चुनाव में पार्टी को इसका भारी नुकसान हो सकता है।दूसरी ओर सिंह ने सवेरे यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में शेखावत के पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि शेखावत गंगा स्नान कर चुके हैं और अब उन्हें कुंए के पानी से नहाने की क्या जरूरत है । वह उपराष्ट्रपति रह चुके हैं और भाजपा के अभिभावक है । उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की यह स्वस्थ परंपरा है कि जो संवैधानिक पद पर रह चुका हो है वह चुनाव नहीं लड़े।सिंह ने कहा कि भाजपा की स्पष्ट परंपरा है कि जो व्यक्ति संवैधानिक पद पर रह चुका है उसे वह चुनाव नहीं लड़ाती है । उन्होंने कहा कि आडवाणी भाजपा ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के भी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार है और उनकी इस उम्मीदवार पर कोई दो मत नहीं है । पार्टी उन्हीं के नेतत्व में चुनाव लड़ेगी । आडवाणी भाजपा और राजग के ही नहीं बल्कि देश के सबसे बड़े कद के नेता है और प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के लिए उनका चयन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सहमति से किया गया है।
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