पूर्व उपराष्ट्रपति भैंरोंसिंह शेखावत ने कहा है कि समाजसेवा करने के लिए यह आवश्यक नहीं कि चुनाव लड़कर ही सेवा की जाए, लेकिन चुनाव लड़ने के लिए देश की जनता का अत्यधिक दबाव है और मैं इस पर गंभीरता से विचार कर रहा हूं । शेखावत सोमवार को कोटा प्रवास के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।शेखावत ने कहा कि चुनाव में बागी नाम की कोई चीज नहीं होती, इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि पार्टी की लीक से हटकर चुनाव लड़ने की आवश्यकता क्यों पड़ती है। चुनाव में बागियों की मौजूदगी इस बात को साबित करती है कि पार्टियों ने गुणों के आधार पर टिकट वितरित नहीं किए। आतंकवाद की समस्या पर शेखावत ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यूपीए सरकार को तुरंत इस समस्या का समाधान करना चाहिए। इस मामले में अमरीका पर निर्भर रहना ठीक नहीं है।लोकसभा व विधानसभा की बैठकें कम होने पर उन्होंने इसे देश के लिए चिंताजनक बताया। सदन में हंगामों की स्थितियों के लिए उन्होंने मीडिया को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि मीडिया को हंगामे के दृश्यों को टीवी पर दिखाने से बचना चाहिए। राज्यपाल द्वारा गांधी की हत्या आतंकी द्वारा करने के संबंध में दिये बयान पर शेखावत ने कहा कि इस मामलें में राज्यपाल को महसूस करना चाहिए कि वह पद की गरिमा से बाहर न जाए।शेखावत ने कहा कि देश में भ्रष्टाचार बढ़ रहा है और इसे रोकना आवश्यक है जब तक देश से गरीबी समाप्त नहीं होगी तब तक भ्रष्टाचार समाप्त नहीं हो सकता। शेखावत ने कहा कि अगर वो लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा तो वह देशभर में भ्रष्टाचार के खिलाफ बिगुल बजायेंगे।
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