भाजपा ने अपने सारे रास्ते अब लोकसभा चुनाव की तरफ मोड़ दिए हैं। पार्टी को मंच हो, या फिर परिवार के साथ चर्चा। लक्ष्य है केंद्रीय सत्ता में वापसी। लेकिन पार्टी में सब कुछ ठीक न चलने की चिंता भी है, इसलिए आडवाणी से लेकर संघ नेतृत्व तक की सगंठन को ऊपर से नीचे तक मिल कर काम करने की नसीहत है। साख पर लगे दाग मिटाने के लिए कुछ बदलाव भी होने हैं। हालांकि ये बदलाव सिर्फ नुकसान सीमित करने तक ही सीमित होंगे।बीते साल के मिले-जुले चुनाव परिणामों से अपनी ताकत को मिली जमीनी सफलताओं के बाद भाजपा ने नए साल में नए लक्ष्य के साथ बड़ा मोर्चा फतह करने की तैयारी शुरू कर दी है। शुक्रवार को उसने दो बड़ी बैठकें की। पहली पार्टी मुख्यालय में केंद्रीय संसदीय बोर्ड की और दूसरी, पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी के आवास पर संघ नेतृत्व के साथ। दोनों बैठकों का उद्देश्य लोकसभा की तैयारी पर चर्चा करना ही था।संघ नेतृत्व के साथ पांच घंटे चली चर्चा में पार्टी ने लोकसभा के लिए अपनी नीति का शुरूआती खाका खींचा। सूत्रों के अनुसार संघ नेतृत्व ने हर स्तर पर पूरा सहयोग देने के साथ दिल्ली व राजस्थान से सबक लेकर व पार्टी में संगठन स्तर पर सब कुछ ठीक कर एकजुट होकर काम करने की नसीहत दी। संगठन महामंत्री रामलाल ने विधानसभा चुनाव में नफा-नुकसान के साथ संघ व भाजपा के बीच समन्वय का मुत्रा भी रखा। खास कर राजस्थान को लेकर चिंता रही। लोकसभा चुनाव की स्थितियों को लेकर भी चर्चा की गई।सूत्रों के अनुसार संघ नेतृत्व ने सारे मतभेद भुला कर आडवाणी के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए जुट जाने को कहा। इस बैठक में संघ के सर कार्यवाह मोहन भागवत, सह सर कार्यवाह मदनदास देवी व सुरेश सोनी शामिल हुए। भाजपा की तरफ से आडवाणी व राजनाथ सिंह के अलावा डा. मुरली मनोहर जोशी, अरूण जेटली, वेंकैया नायडू, सुषमा स्वराज और रामलाल शामिल हुए।इससे पहले संसदीय बोर्ड की दो घंटे चली बैठक में जम्मू-कश्मीर के परिणामों की समीक्षा के साथ लोकसभा चुनावों की तैयारी पर चर्चा की गई। पार्टी ने सभी राज्यों से उम्मीदवारों की सूची जल्द से जल्द भेजने को कहा है। पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति 19 से 21 जनवरी तक लगातार बैठकें कर उम्मीदवार घोषित करना शुरू करेगी। 28 व 29 जनवरी को दूसरे दौर की बैठकों में बाकी उम्मीदवार घोषित होंगे। संसदीय बोर्ड की बैठक में वरिष्ठ नेता डा. मुरली मनोहर जोशी ने चुनाव घोषणा पत्र व दूसरे मुद्दों को रखा।सूत्रों के अनुसार, बैठक में पार्टी संगठन में सब कुछ ठीक न चलने की भी बात उठी। इसमें हाल में पार्टी मुख्यालय से करीब ढाई करोड़ रूपये गायब होने का मामला भी उठा। इस प्रकरण से पार्टी की छवि पर पड़े असर को लेकर शीर्ष नेतृत्व की नाराजगी भी दिखी। इस मामले पर आगे ज्यादा न बोलने की नसीहत भी दी गई। पार्टी इस नुकसान की भरपाई के लिए जल्द ही कुछ कड़े कदम उठाएगी।
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