नई दिल्ली। महंगाई पर चर्चा को लेकर संसद की कार्यवाही में गतिरोध दूर करने के लिए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की टी पार्टी में विपक्षी दलों से सरकार की सुलह हो गई है। न तुम हारे न हम हारे की तर्ज पर केन्द्र सरकार महंगाई के मुद्दे पर संसद में चर्चा को तैयार हो गई। हालांकि अब यह चर्चा बिना किसी नियम के होगी। विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा मौका मिलेगा और सरकार भी जवाब देगी। इससे पहले विपक्ष नियम 184 के तहत चर्चा पर अडा था। इस नियम के तहत बाद में वोटिंग का प्रावधान है। उधर, सरकार नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार थी, इसमें वोटिंग का प्रावधान नहीं है। सूत्रों के अनुसार लोकसभा के नेता प्रणब मुखर्जी के निमंत्रण पर सुबह उनके निवास पर टी पार्टी में जुटे विपक्षी दलों के नेताओं ने इस फैसले पर सहमति जताई। बातचीत में तय हुआ कि लोकसभा में महंगाई पर चर्चा कल और राज्यसभा में चर्चा परसों होगी। बैठक के बाद आज सदन चलने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में विपक्षी दलों के नेताओं का कहना था कि जब सरकार ने चर्चा कराने का वादा कर लिया है तो उसे आज सदन की कार्यवाही चलने में उन्हें कोई एतराज नहीं। प्रणब ने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को सुबह नाश्ते पर आमंत्रित किया था। नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव समेत कई नेता प्रणब के निवास पहुंचे। जनता दल (यू) नेता शरद यादव, माकपा नेता बासुदेब आचार्य, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और अन्य नेताओं को इस बैठक के लिए आमंत्रित थे। हालांकि विपक्षी कुछ बाते मानने से सरकार साफ किनारा कर गई। प्रस्ताव में मुद्रास्फीति की जगह 'महंगाई' व 'आम आदमी' जैसे शब्द जोडे जाने की विपक्ष की मांग ठुकरा दी गई है।ज्ञातव्य है कि संसद के मानसून सत्र का पहला सप्ताह महंगाई के मुद्दे पर विपक्षी दलों के हंगामे की भेंट चढ गया। विपक्ष जहां मतदान के प्रावधान वाले नियमों के तहत चर्चा कराने की मांग करता रहा वहीं सरकार ऎसे किसी भी नियम के तहत चर्चा से बचती नजर आई।
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