Thursday, December 31, 2009

ट्विटर पर अब ‘कृष्णामय’ हुए थरूर

विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर गुरुवार को सोशल नेटवर्किग साइट ट्विटर पर रूबरू जरूर हुए, लेकिन अपने पोस्ट में उन्होंने विदेश मंत्री एसएम कृष्णा से बुधवार की मुलाकात को शानदार बताया। इस बीच, उनकेओएसडी जोसेफ जैकब ने ट्विटर पर एक लिंक भेजकर थरूर को कृष्णा की फटकार पर सवाल भी खड़े किए हैं।थरूर ने ट्विटर पर नए टूरिस्ट वीजा नियमों का मजाक उड़ाया था, जिसके बाद कृष्णा ने उन्हें सार्वजनिक तौर पर फटकार लगाई थी। बुधवार को भी थरूर जब उनसे मिलने गए थे तो उन्हें फिर डांट खानी पड़ी। अब थरूर ने ट्विटर पर लिखा है कि कृष्णा के साथ विदेश नीति के विभिन्न मुद्दों पर बातचीत बेहतरीन रही। उन्होंने विदेशी मिशनों से आए साथियों से भी मुलाकात की। इस पोस्ट में उन्होंने ट्विटर पर अपनी चुप्पी के लिए खेद जताया है।उधर, थरूर के बचाव में उनके ओएसडी जैकब ने थरूर के पेज पर एक लिंक भेजा है। इसमें ‘थरूर को अधिकारियों का समर्थन पर, कृष्णा की फटकार’ शीर्षक से भेजे गए लेख की लिंक में विदेश मंत्री की डांट पर सवाल खड़े किए गए हैं।

अलग कामतापुर राज्य को लेकर अनशन 20 वें दिन भी जारी

पश्चिम बंगाल में कामतापुर राज्य के गठन की मांग को लेकर पृथक राज्य मांग कमेटी (एसएसडीसी) के दस कार्यकर्ताओं की बेमियादी भूख हड़ताल 20 वें दिन भी जारी रही। हालांकि एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने एसएसडीसी के प्रतिनिधिमंडल से दो जनवरी को मिलने की रजामंदी दी है। एसएसडीसी के एक प्रमुख घटक ग्रेटर कूच बिहार डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष आशुतोष बर्मन ने कहा कूच बिहार राज्य या अलग कामतापुर के गठन की लंबे समय से की जा रही मांग को देखते हुए त्रिपक्षीय वार्ता की शुरुआत के लिए हमने जलपाईगुड़ी के कमिश्नर से आग्रह किया है। बर्मन ने कहा कि बातचीत का रास्ता खुलने पर भूख हड़ताल रोकी जा सकती है।

तेलंगाना पर गतिरोध जारी

तेलंगाना मुद्दे पर इस क्षेत्र के मंत्रियों के बीच गुरुवार को मतभेद साफ उभरते दिखे, क्योंकि इनमें से दो मंत्रियों ने अपने इस्तीफे वापस नहीं करने का फैसला किया। गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि इस मुद्दे पर कोई टाल-मटोल नहीं है। आंध्र प्रदेश के राजनीतिक दलों की 5 जनवरी को होने वाली बैठक इस समस्या को सुलझाने के लिए और रोडमैप विकसित करने के लिहाज से है। उधर, बीजेपी ने सर्वदलीय बैठक बुलाने के सरकार के फैसले पर कहा कि कांग्रेस पहले इस मुद्दे पर अपने भीतर के मतभेद दूर करे। दूसरी ओर, अलग तेलंगाना के समर्थन में टी. विनोद कुमार नामक एक होमगार्ड ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। पार्टी सूत्रों ने कहा कि उच्चशिक्षा मंत्री डी. श्रीधर बाबू और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कोमती रेड्डी वेंकट रेड्डी ने अपने 11 सहयोगियों के कदमों पर नहीं चलने का फैसला किया है। उनका मानना है कि अलग राज्य के मुद्दे पर कोई ठोस परिणाम नहीं आया है। हालांकि अन्य मंत्रियों ने इस तरह के किसी घटनाक्रम की जानकारी से इनकार किया और राज्य के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी. श्रीनिवास ने दावा किया कि क्षेत्र के सभी 13 मंत्रियों ने अपने इस्तीफे वापस ले लिए हैं। गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने 23 दिसंबर को तेलंगाना मुद्दे पर व्यापक विचार-विमर्श करने की घोषणा की थी जिसके बाद 13 मंत्रियों ने अपने इस्तीफे दे दिए थे। उन्होंने अलग तेलंगाना राज्य के निर्माण के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की। इससे पहले 9 दिसंबर को उन्होंने कहा था कि तेलंगाना निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। राज्य की सूचना मंत्री गीता रेड्डी ने कहा कि जब हम सभी ने पीसीसी अध्यक्ष डी. श्रीनिवास के आवास पर मुलाकात की थी, हमने अपना इस्तीफा वापस लेने का निर्णय किया क्योंकि केंद ने 5 जनवरी को सर्वदलीय बैठक बुलाकर अलग तेलंगाना राज्य बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी।

मंत्री को पता नहीं, पति रिहा

जयपुर। खादी ग्रामोद्योग राज्य मंत्री गोलमा देवी को उनके पति दौसा सांसद किरोडी लाल मीणा की बुधवार मध्यरात्रि ही रिहाई होने का पता गुरूवार तक नहीं चला और वे मीणा से मिलने अजमेर जा पहुंची। उधर गुरूवार को बंद व जाम का कुछ क्षेत्रों को छोड असर नहीं रहा।
दौसा व सवाईमाधोपुर जिलों में गुरूवार को बंद का आंशिक असर रहा, करौली और टोंक जिलों में भी एक-दो जगह रास्ता जाम किया गया। लालसोट में मण्डी तिराहे और महुवा के निकट इपास पर बुधवार दोपहर से जाम लगा रहा। महुवा के निकट किरोडी समर्थकों ने गुरूवार सुबह जाम लगा दिया।
दौसा में मीणा समर्थकों ने रैली निकाली तथा बाजार बंद कराया। मीणा समर्थकों ने गंगापुरसिटी, बामनवास, मलारना चौड के पास मेगा हाईवे व शिवाड कस्बे में जाम लगाए। गंगापुर से जयपुर-सिकंदरा मार्ग पर दूसरे दिन भी रोडवेज बसों का संचालन ठप रहा।
पति से मिलने की मांग पर अडीं मंत्रीअजमेर। खादी एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री गोलमा देवी के गुरूवार को अजमेर पहुंचने पर प्रशासन तब पशोपेश में पड गया, जब वे अपने पति दौसा सांसद किरोडीलाल मीणा से वहीं मिलने की मांग पर अड गईं। कई घंटे तक चले घटनाक्रम के बाद जिला कलक्टर से आश्वासन मिलने पर जयपुर लौट गई। वे दोपहर करीब साढे बारह बजे समर्थकों के साथ सेंट्रल जेल पहुंची, जबकि जिला प्रशासन किरोडी को सुबह करीब पांच बजे जयपुर में गोलमा के सरकारी बंगले पर छोड आया था। गोलमा देवी ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा सहित सभी सवालों पर कहा कि सब बाद में, पहले मुझे मेरा पति चाहिए। सरकार ने उन्हें नजरबंद कर रखा है। उन्होंने कहा कि जनता से बात करेंगी और जनता के कहने पर ही इस्तीफा देंगी।
समर्थकों को लेने जेल पहुंचे किरोडीजयपुर के केन्द्रीय कारागार में बंद किरोडी समर्थकों को गुरूवार को जमानत मिल गई। पुलिस ने उन्हें दो दिन पहले सिविल लाइंस फाटक पर धरने से गिरफ्तार किया था। सांसद डॉ. किरोडी लाल मीणा अपने समर्थकों को लेने के लिए गुरूवार शाम घाटगेट स्थित केन्द्रीय कारागार पहुंचे। जमानत पर छूटे तेरह समर्थकों के साथ किरोडी अपने आवास पर लौट गए।
किरोडी के खिलाफ मामला दर्ज पटरी धरना देने के मामले में रेलवे की ओर से डॉ. किरोडी लाल मीणा व उनके समर्थकों के खिलाफ सोढाला थाने में राजकार्य में बाधा का मामला दर्ज कराया गया है। तफ्तीश के लिए मामले की फाइल सीआईडी भेज दी गई है। मामला रेलवे के सीनियर सैक्शन इंजीनियर की ओर से दर्ज कराया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉ. किरोडी लाल मीणा व उनके समर्थक मंगलवार सुबह पटरी पर बैठ गए। इससे शताब्दी एक्सप्रेस लेट हो गई। धरना रेलवे फाटक के बीच दिया गया था, इससे फाटक से गुजरने वाला यातायात भी बाधित रहा।
नाटक कर रहे है किरोडीलाल- कांग्रेसकांग्रेस की ओर से जारी बयान में प्रवक्ता सत्येन्द्र सिंह राघव ने कहा किरोडीलाल मीणा नौटंकी कर रहे हैं। सरकार ने संवेदनशीलता दिखाते हुए बीमारी के आधार पर उन्हें रिहा कर दिया, दूसरी ओर वे रिहा होने के बाद जानबूझ कर सामने नहीं आ रहे हैं।

Monday, December 21, 2009

लोकसभा में युवा सांसद ज्यादा हाजिर

लोकसभा के पिछले शुक्रवार को संपन्न शीतकालीन सत्र में ज्यादातर युवा सांसदों ने अपनी मौजूदगी से संसदीय जिम्मेदारियों के प्रति उत्साह दिखाया जबकि लोकसभा के इस सत्र में 116 सदस्य ऐसे भी थे जिनकी उपस्थिति 50 प्रतिशत या उससे कम दर्ज की गई।राहुल गाँधी की युवा ब्रिगेड की सदन में उपस्थिति काफी अच्छी रही। संदीप दीक्षित ने सत्र की सभी 20 बैठकों में हिस्सा लिया जबकि अजहरूद्दीन ने 18, संजय निरूपम ने 19, मिलिंद देवड़ा ने 19, ज्योति मिर्धा 17, दीपेन्द्र सिंह हुड्डा 17, प्रिया दत्त 14 तथा नवीन जिंदल ने लोकसभा की 20 में से 14 बैठकों में हिस्सा लिया।हालाँकि, 19 नवंबर 2009 को शुरू संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा की 20 बैठकों में से राहुल गाँधी 10 में उपस्थित रहे। जबकि भाजपा के नए फायर ब्रांड वरूण गाँधी ने 15 बैठकों में हिस्सा लिया। इस अनुपस्थिति की वजह राजनैतिक दौरे भी हैं।संसद के इस सत्र में कांग्रेस के अलावा अन्य राजनीतिक दलों के युवा सांसदों ने भी सदन की बैठकों में काफी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया हालाँकि विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं की उपस्थिति बहुत अधिक उत्साहवर्धक नहीं रही। लालू प्रसाद, अजीत सिंह, एच डी देवगौड़ा, यशवंत सिन्हा, जसवंत सिंह, कल्याण सिंह और भजन लाल जैसे नेताओं की उपस्थिति काफी कम रही।भजन लाल बीमारी के कारण काफी समय अस्पताल में रहे जबकि लालू प्रसाद और यशवंत सिन्हा जैसे नेता झारखंड में चुनावी व्यस्तताओं के कारण सदन में कम दिखे।कांग्रेस के अलावा अन्य राजनीतिक दलों के युवाओं में जद यू के राजीव रंजन सिंह लल्लन ने सत्र की सभी 20 बैठकों में हिस्सा लिया जबकि भाजपा के अनुराग सिंह ठाकुर 18 और दुष्यंत सिंह 16 बैठकों में उपस्थित रहे।तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय 19 बैठक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले 17 और समीर भुजबल 15 बैठकों में उपस्थित रहे। समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह के लोकसभा की 20 बैठकों में से 15 दिन उपस्थिति रहने की तुलना में उनके पुत्र अखिलेश यादव केवल आठ बैठकों में उपस्थित रहे। हालाँकि रालोद प्रमुख अजीत सिंह के नौ बैठकों में उपस्थित रहने की तुलना में उनके पु़त्र जयंत चौधरी 16 बैठकों में मौजूद रहे।दूसरी ओर पूर्व क्रिकेटर और भाजपा नेता नवजोत सिंह सिद्धू की आठ और सपा नेत्री जयाप्रदा की पाँच बैठकों में मौजूदगी दर्ज की गई।लोकसभा की उपस्थिति रजिस्टर के आँकड़ों के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी की मौजूदगी आठ दिन, भाजपा अध्यक्ष राजनाथ की 12 दिन, राजद प्रमुख लालू प्रसाद चार दिन, जदयू अध्यक्ष शरद यादव की 15 दिन, जद एस प्रमुख एच डी देवगौड़ा की 10 दिन रही तथा बाबूलाल मरांडी ने एक बैठक में उपस्थिति दर्ज कराई। इसका एक कारण झारखंड चुनाव और राजनैतिक यात्रा बताया जा रहा है। भाजपा के यशवंत सिन्हा ने चार बैठकों में हिस्सा लिया जबकि भाजपा से निष्काषित जसवंत सिंह ने आठ, निर्दलीय कल्याण सिंह चार और भजन लाल छह बैठक में उपस्थिति रहे।विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं में हालाँकि लोकसभा में भाजपा की उपनेता से विपक्ष की नेता बनी सुषमा स्वराज 20 बैठकों में 19 में, मुरली मनोहर जोशी 14 और शाहनवाज हुसैन सभी 20 बैठकों में शामिल रहे। राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह 19, बीजद के अर्जुन चरण सेठी 20, मेनका गाँधी 16, दिग्विजय सिंह 18, गुरूदास दासगुप्ता 20 बैठकों में शामिल रहे। सदन के चलन के अनुसार मंत्री या मंत्री स्तरीय सदस्य

महिला के साथ धरे गए कांग्रेस नेता


केरल कांग्रेस के नेता को अश्लील हरकतें करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के सदस्य और केरल कांग्रेस समिति के पूर्व महासचिव राजमोहन उन्नीथन को मांजेरी शहर में एक महिला के साथ रविवार रात एक घर से गिरफ्तार किया गया। बाद में उन्हें जमानत दे दी गई। स्थानीय लोगों ने पुलिस को जानकारी दी कि उन्नीथन महिला के घर में रात 11 बजे उपस्थित थे, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। सीपीएम और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने नारे लगाते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की। उन्नीथन के खिलाफ अनैतिक देह व्यापार (निरोधक) अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया। उन्हें सोमवार को फर्स्ट क्लास जुडिशल मैजिस्ट्रेट के कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उनकी बेल हो गई। घटना के बारे में केरल प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष रमेश चेन्निथला ने कहा कि मामले की विस्तृत जांच के बाद पार्टी कार्रवाई करेगी। विपक्ष के नेता ओमन चांडी ने कहा कि पार्टी द्वारा शुरू की गई किसी भी कार्रवाई का मैं समर्थन करूंगा। राजमोहन उन्नीथन टिप्पणी देने के लिए उपलब्ध नहीं हो सके।

वाइट हाउस में रहमान को सुनकर मजा आ गयाः मनमोहन

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ऑस्कर विजेता संगीतकार ए. आर. रहमान के संगीत को प्रेरणादायक करार देते हुए कहा कि जब उन्होंने वाइट हाउस में उनके गीत सुने तो बहुत खुशी हुई। इसे उन्होंने एक उपलब्धि भी बताया। रहमान को प्रधानमंत्री ने सोमवार को एक टीवी चैनल द्वारा दिए गए खिताब 'इंडियन ऑफ द ईयर' से नवाजा। इस समारोह में उन्होंने कहा कि रहमान का संगीत प्रेरणादायक है। जब मैंने रहमान को वाइट हाउस में सुना, तो मुझे कितना आनंद आया, इसकी कल्पना आप नहीं कर सकते हैं। इस समारोह में लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार पाने वाले प्रसिद्ध सितार वादक पंडित रविशंकर की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री ने उन्हें जीनियस करार दिया। भारतीय क्रिकेट टीम को आईसीसी रैकिंग में पहले स्थान पर आने के लिए पुरस्कृत किया गया। तीन पूर्व कप्तानों - राहुल द्रविड़, सौरभ गांगुली और अनिल कुंबले को मनमोहन सिंह ने पुरस्कृत किया।

Sunday, December 20, 2009

हाथी और हाथ से टकराने को अखाड़े में नेता जी

फिरोजाबाद लोकसभा उपचुनाव में बहू की हार से स्तब्ध एसपी प्रमुख मुलायम सिंह यादव अब नए सिरे से अपना घर ठीक करना चाहते हैं। अब वह अपने समर्थकों को बताना चाहते हैं कि एसपी राज्य की बीएसपी और केंद्र की कांग्रेस की अगुआई वाली सरकार, दोनों की दुश्मन नंबर वन है। यह साबित करने के लिए मुलायम खुद अगले महीने एक आंदोलन की अगुवाई करेंगे और जेल भी जाएंगे। इस मामले में यह भी कहा जा रहा है कि कल्याण से पल्ला झाड़ने के बाद मुलायम नए सिरे से रणनीति बना रहे हैं। समाजवादी पार्टी 19 जनवरी से अपना प्रदेश व्यापी जेल भरो आंदोलन शुरू करेगी। जिला स्तर पर आयोजित होने वाले इस आंदोलन की कमान मुलायम के ही हाथ में रहेगी। वह खुद प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गिरफ्तारी देंगे। इस आंदोलन के जरिए एसपी बीएसपी और कांग्रेस दोनों को ही घेरने की कोशिश करेगी। मुलायम के पुराने साथी और पार्टी प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी कहते हैं कि केंद्र की कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार और उत्तर प्रदेश की बीएसपी सरकार में मिलीभगत है। दिल्ली की सरकार मायावती सरकार को खुला संरक्षण दे रही है। महंगाई और भ्रष्टाचार तो बड़े मुद्दे हैं ही, राजनैतिक उत्पीड़न और बदले की भावना से लोगों को परेशान करने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है। किसानों को न बिजली मिल रही है न खाद। गन्ना किसानों का भुगतना नहीं हुआ है। उनका करीब 1665 करोड़ रुपया बाकी है। अभी भी प्रदेश में करीब एक लाख हेक्टेयर गन्ना खड़ा है। लेकिन मिलों में पिराई सत्र विधिवत शुरू नहीं हुआ है। रबी की फसल के लिए खाद नहीं मिल रही है। खाद के लिए किसानों पर लाठीचार्ज हो रहा है। प्रदेश की समस्याओं से प्रदेश सरकार मुंह मोड़ रही है और कांग्रेस भी उसी का साथ दे रही है।

अगले 3 साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे गडकरी

बीजेपी की कमान संभालने के बाद अपनी पहली घोषणा में नितिन गडकरी ने कहा कि वह अगले तीन साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे और अपना पूरा ध्यान पार्टी को मजबूत बनाने में लगाएंगे। गडकरी ने नागपुर में कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान वह कोई संसदीय चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वह पहले ही साफ कर चुके हैं कि उनका अजेंडा विकास की राजनीति पर आधारित होगा। वैसे, गडकरी अब तक कोई बड़ा चुनाव नहीं जीत पाए हैं। उन्हें 1985 में अपने गृह नगर नागपुर से विधानसभा के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। वह चार बार विधान पार्षद रहे हैं। इधर, दिल्ली में आडवाणी से मुलाकात करने के बाद उन्होंने कहा कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजनीति के लिए वह नया हैं लेकिन सीनियर नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त होने के बाद उन्हें विश्वास है कि वह सौंपे गए कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को पूरा कर पाएंगे।

कांग्रेस के सांसद अस्पताल से लापता

आंध्र प्रदेश के प्रस्तावित विभाजन के विरोध में आमरण अनशन पर बैठे कांग्रेस के सांसद एल.राजगोपाल रविवार को विजयवाड़ा के सरकारी अस्पताल से लापता हो गए। विजयवाड़ा से सांसद राजगोपाल को पुलिस ने अनशन शिविर से गिरफ्तार कर शनिवार को अस्पताल में भर्ती कराया था। पुलिस ने बताया कि अस्पताल के कर्मचारियों ने उनको एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने के प्रबंध किए थे। सांसद अपने एक मित्र के साथ बाहर आए और लापता हो गए। विजयवाड़ा में पुलिस ने लापता सांसद की खोज के लिए व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया है। हैदराबाद पहुंचकर सांसद के नाटकीय विरोध दर्ज कराने की आशंका के कारण हैदराबाद रोड पर सघन तलाशी हो रही है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सांसद अपने एक मित्र और ड्राइवर के साथ हाथ में राष्ट्रध्वज लिए सुबह 10.10 बजे बाहर आए और वहां तैनात पुलिसकर्मियों के कुछ समझने से पहले ही वाहन में बैठकर तेजी से निकल गए। पिछले 6 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे सांसद केंद्र सरकार द्वारा पृथक तेलंगाना राज्य की घोषणा को वापस नहीं लेने से नाराज हैं। राज्य सरकार ने भी हैदराबाद के निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में स्थानांतरित किए जाने की राजगोपाल की मांग को ठुकरा दिया था।

Saturday, December 19, 2009

ममता से शीला की डिमांड, लोकल ट्रेनें बढ़ाएं

रेल मंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को आनंद विहार रेल टर्मिनल का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने ऐलान किया कि कॉमनवेल्थ गेम्स तक दिल्ली में रेलवे कुछ और नई सुविधाएं भी मुहैया कराएगा। उन्होंने आनंद विहार को यमुनापार के लोगों के लिए नए साल को तोहफा बताया। इस मौके पर मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि किसी ने सोचा नहीं था कि यह स्टेशन इतना बढ़िया होगा। यमुनापार के लोगों के लिए यह यादगार लम्हा है। यमुनापार ऐसा इलाका हो गया है कि दिल्ली के दूसरे इलाके के लोग इससे ईर्ष्या करने लगे हैं। एनसीआर के शहरों से 10 लाख लोग रोजाना दिल्ली आते हैं। इनमें से बड़ी तादाद में लोग अपने वीइकल्स से आते हैं, जिससे दिल्ली की सड़कों पर भीड़भाड़ बढ़ती है। लोकल ट्रेनें ज्यादा से ज्यादा चलने से इस समस्या पर काबू पाया जा सकेगा। ममता ने कहा कि रेलवे भविष्य में दिल्ली में भीड़भाड़ कम करने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में मदद देता रहेगा। रेलवे बोर्ड के प्रमुख एस. एस. खुराना ने कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए दिल्ली में कई और योजनाओं पर काम किया जा रहा है, जो जल्द ही पूरी होंगी। रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे और एयरलाइंस में तुलना करना सही नहीं है। बकौल ममता, रेलवे कॉमनमैन की सवारी है और कई जगह तो ट्रेन का सफर बस से भी सस्ता होता है। ऐसे में उसकी न तो हवाई जहाज से तुलना हो सकती है और न ही विकसित देशों की ट्रेन सेवाओं से। फिर भी रेलवे का आधुनिकीकरण किया जा रहा है और कोशिश की जाएगी कि रेलवे अपने संसाधनों का उपयोग करके पैसेंजरों के लिए नई सुविधाएं जुटाए। रेलवे के विकास के लिए लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म, दोनों तरह के ही प्लान तैयार किए जा रहे हैं।

बीजेपी के रथ के सारथी बने रहेंगे आडवाणी!

संघ के दबाव में बीजेपी को यंग जेनरेशन के हाथों में सौंपने का रास्ता साफ करने के लिए हालांकि पार्टी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी ने संसद में नेता प्रतिपक्ष के पद से त्यागपत्र देकर सुषमा स्वराज को उसके लिए मनोनीत कर दिया है। साथ ही, राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से राजनाथ सिंह ने अपना कार्यकाल पूरा कर कमान नितिन गडकरी के हाथ में सौंप दी है। लेकिन बीजेपी को निकट से जानने वालों का मानना है कि पार्टी को चलाने में आडवाणी ही बैक सीट ड्राइविंग करते रहेंगे। बीजेपी को 1984 में लोकसभा की दो सीटों से सत्ता तक पहुंचाने और राष्ट्रीय स्तर तक लाने का श्रेय आडवाणी को ही दिया जाता है। और इस 25 साल की यात्रा में अयोध्या से लेकर कई रथ यात्राओं और हिंदुत्व के साथ 'लौह पुरुष' की छवि ने उनका कद इतना बढ़ा दिया है कि संघ के पूरे सपोर्ट के बावजूद पार्टी के नए अध्यक्ष गडकरी केवल उनके अजेंडे को ही आगे बढ़ा सकेंगे। वैसे भी गडकरी को
सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के समक्ष मजबूत विपक्ष के तौर पर पार्टी को टिकाने के लिए राष्ट्रीय स्तर का अनुभव प्राप्त करने में अभी समय लगेगा। गडकरी ने खुद ही शनिवार को पार्टी की नई कमान संभालते हुए कहा कि दिल्ली की रात का मुझे अब तक कोई अनुभव नहीं। मैं जब भी दिल्ली आया, सुबह आकर शाम को चला गया। मैं आज पहली बार दिल्ली में रात में टिकूंगा। संघ की कमान संभालने के बाद मोहन भागवत ने साफ कर दिया था कि बीजेपी की कमान नई जेनरेशन के हाथों में जानी चाहिए और अध्यक्ष पद के लिए उन्होंने चारों बड़े नेताओं- सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, अनंत कुमार और वेंकैया नायडू को रेस से ही बाहर कर दिया था। तभी से नितिन गडकरी का नाम चल पड़ा था। गडकरी ने खुद ही पत्रकारों को इस बात के संकेत दिए थे कि उन्हें पार्टी की कमान संभालने के लिए कहा

दिनाकरन के फेवर में अब मायावती भी

कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पी. डी. दिनाकरन के सितारे इन दिनों भले ही गर्दिश में हों, लेकिन शनिवार को उन्हें एक अनपेक्षित समर्थक मिला। यूपी की मुख्यमंत्री मायावती ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर इस मामले में दखल देने का आग्रह किया है। मायावती ने कहा कि जस्टिस दिनाकरन पर कोई भी कार्रवाई करने से पहले उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका भी दिया जाना चाहिए। गौरतलब है कि शुक्रवार को कुछ कांग्रेसी सांसदों ने संसद में यह मुद्दा उठाते हुए कहा था कि दिनाकरन को दलित होने के कारण परेशान किया जा रहा है। लगता है मायावती इस मुद्दे को भुनाना चाहती हैं। मायावती ने कहा है कि जस्टिस दिनाकरन को अपना पक्ष न रखने का मौका देना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है। उन्हें अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए।

Friday, December 18, 2009

वाइट पेपर में लालू की ब्लैक रिपोर्ट कार्ड

बतौर रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव की कामयाबी के दावे की रेल मंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को लोकसभा में धज्जियां उड़ा दीं। ममता ने रेलवे के पिछले पांच साल के कार्यकाल पर वाइट पेपर पेश करते हुए लालू के रेकॉर्ड मुनाफा कमाने के दावों को बेबुनियाद बताया और कहा कि रेलवे की सेहत ठीकठाक दिखाने के लिए अकाउंट्स से छेड़छाड़ की गई। श्वेत पत्र में कहा गया है कि जिस 66 हजार करोड़ रुपयों से ज्यादा के मुनाफे का दावा लालू करते थे, वे दरअसल 1991-96 के दौर का है, जब सी.के. जाफर शरीफ रेल मंत्री हुआ करते थे। ममता ने अपने श्वेत पत्र को भविष्य का दस्तावेज बताते हुए कहा है कि हमारा ध्यान पैसेंजरों को ज्यादा सुविधाएं देना है। श्वेत पत्र के जरिए ममता ने कहा है कि लालू के कार्यकाल में रेलवे का काम सामान्य से भी नीचे था। लालू के मुनाफे के आंकड़ों के बारे में कहा गया है कि लालू का दावा था कि 2004-05 से 2008-09 के बीच का सरप्लस 89 हजार करोड़ है, जबकि अगर इस आंकड़े को 'नए रूप में पेश' नहीं किया जाता या फेरबदल नहीं किया जाता तो यह 39,500 होता। पैसेंजर ऑपरेशंस से 2008-09 में घाटा 14000 करोड़ रुपये हो गया था। आंकड़ों में इस तरह फेरबदल की गई ताकि मुनाफा ही मुनाफा दिखाई दे। गौरतलब है कि लालू अपने मुनाफे की कहानियों के चलते कई बार प्रधानमंत्री और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से शाबाशी बटोर चुके थे। लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार में अपनी पार्टी आरजेडी के खराब प्रदर्शन के चलते वह न सिर्फ कैबिनेट से बाहर हुए बल्कि रेलवे के उनके कामकाज पर भी उंगलियां उठने लगीं। ममता ने कहा कि पत्र में इस मुद्दे को निष्पक्ष रूप से देखने का प्रयास किया गया है और इसके नतीजों के आधार पर सुधार की नीतियां तैयार करने पर विचार किया जाएगा। लालू ने श्वेत पत्र को खारिज करते हुए कहा कि रेकार्ड मुनाफे का मेरा दावा सही था। लालू ने लगे हाथों अपने कार्यकाल को रेलवे का स्वर्ण काल भी घोषित कर दिया। ममता ने लालू की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया और कहा कि श्वेत पत्र में किसी को भी निशाना नहीं बनाया गया था।

आडवाणी ने दिया इस्तीफा, सुषमा ने संभाली कमान

बीजेपी ने तय रोडमैप के अनुसार अपने संविधान में संशोधन कर पार्टी के सीनिय
र नेता लालकृष्ण आडवाणी को शुक्रवार को पार्टी के संसदीय दल का चेयरमैन बना दिया। आडवाणी ने चेयरमैन बन कर लोकसभा में सुषमा स्वराज को और राज्यसभा में अरुण जेटली को नेता प्रतिपक्ष मनोनीत किया है। उपनेता का मनोनयन बाद में किया जाएगा। आरएसएस द्वारा तय इस रोडमैप में अगले कदम के तौर पर पार्टी की राष्ट्रीय स्तर पर कमान यंग नेताओं को सौंपने का काम शनिवार को किया जाएगा, जब पार्लियामेंटरी बोर्ड की बैठक में महाराष्ट्र के बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी राजनाथ सिंह से राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे। राजनाथ ने हालांकि इस बात से इनकार किया है कि आडवाणी की जिम्मेदारियों में परिवर्तन के लिए संघ से कोई विचार विमर्श किया गया लेकिन आरएसएस की कमान संभालने के बाद मोहन भागवत ने बीजेपी में बढ़ती अंतर्कलह और उसके गिरते ग्राफ को मद्देनजर रखते हुए पार्टी को यंग हाथों में सौंपने का रोडमैप तैयार किया था।
राजनाथ ने पार्टी की व्यवस्था में दायित्वों में बदलाव को स्वाभाविक प्रक्रिया बताते हुए कहा कि आरएसएस का इससे कोई लेना-देना नहीं है। संसदीय दल का चेयरमैन बनना आडवाणी का प्रमोशन है या डिमोशन, इस सवाल पर राजनाथ ने कहा कि इसका सवाल ही नहीं उठता। पद से उनके कद का आकलन नहीं किया जा सकता। उनके योगदान से ही उनका कद है। बीजेपी को इस स्थान तक लाने में आडवाणी के योगदान को देखते हुए पार्टी उन्हें गरिमापूर्ण स्थान देना चाहती थी। वह संसदीय दल के चेयरमैन का पद ही हो सकता था। संसदीय दल की बैठक की अध्यक्षता खुद राजनाथ ने की। पार्टी संविधान में चेयरमैन पद के सृजन के लिए खुद ही प्रस्ताव रखा, जिस संसदीय दल ने सर्वसम्मति से पास कर दिया। बाद में यशवंत सिन्हा ने आडवाणी को इस पद पर चुने जाने का प्रस्ताव किया, जिसका अनुमोदन अनंत कुमार, एस.एस. आहलूवालिया, सुषमा स्वराज, बलबीर पुंज, रमेश बैस, शाहनवाज हुसैन, रविशंकर प्रसाद आदि सांसदों ने किया। आडवाणी को छोड़कर बाकी सब ने उसे स्वीकार कर लिया। राजनाथ के अनुसार लोकसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद आडवाणी ने नेता प्रतिपक्ष न बनने की इच्छा जताई थी लेकिन उस वक्त संसदीय दल के आग्रह पर उन्होंने वह पद संभाल लिया था। बाद में उन्होंने जब फिर यह पद छोड़ने का आग्रह किया तो दो दिन पहले ही राजनाथ ने कोर ग्रुप की बैठक बुलाकर सारी स्थिति पर विचार किया और पार्टी संविधान में संशोधन के लिए संसदीय दल की बैठक बुला ली। एक घंटे की इस बैठक में संविधान संशोधन कर दिया गया। संशोधन में संसदीय दल के चेयरमैन का पद सृजित कर दिया गया, जो संसदीय दल के बाकी पदाधिकारियों को मनोनीत करेगा।

अल्पसंख्यकों के लिए कोटे की सिफारिश

सरकारी नौकरियों में मुसलमानों को 10 पर्सेंट रिजर्वेशन दिया जाए, ऐसी सिफारिश सरकार की ओर से नियुक्त एक आयोग ने की है। दूसरे अल्पसंख्यकों को 5 पर्सेंट रिजर्वेशन देने की बात कही गई है। आयोग के मुताबिक, सभी धर्मों के दलितों को अनुसूचित जाति का दर्जा दिया जाए। धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों के राष्ट्रीय आयोग की रिपोर्ट अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद ने शुक्रवार को लोकसभा में रखी। इस आयोग के अध्यक्ष रंगनाथ मिश्र हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस भी रह चुके हैं। आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, शेड्यूल्ड कास्ट (एससी) का दर्जा धर्म से न जुड़ा रहे।
1950 के शेड्यूल्ड कास्ट ऑर्डर को खत्म कर दिया जाए, जिसके तहत अब भी मुस्लिम, ईसाई, जैन और पारसी एससी के दायरे से बाहर हैं। शुरू में इस आदेश के तहत एससी का दर्जा सिर्फ हिंदुओं तक सीमित था, बाद में बौद्ध और सिख भी शामिल हो गए। आयोग का कहना है कि अगर 10 पर्सेंट सीटें मुसलमानों से न भर पाएं तो ये सीटें दूसरे अल्पसंख्यकों को दी जाएं। लेकिन किसी हालत में ये 15 पर्सेंट सीटें बहुसंख्यक समुदाय से किसी को न मिल पाएं। आयोग ने सलाह दी है कि अगर 15 पर्सेंट रिजर्वेशन की सिफारिशों को लागू करने में रुकावट आती है तो रिजर्वेशन का अल्टरनेट रूट अपनाया जा सकता है। चूंकि मंडल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, अल्पसंख्यक ओबीसी आबादी का 8.4 पर्सेंट हैं लिहाजा 27 पर्सेंट ओबीसी कोटा में 8.4 पर्सेंट कोटा अल्पसंख्यकों के लिए रखा जा सकता है। इसमें 6 पर्सेंट मुसलमानों के लिए हो, क्योंकि कुल अल्पसंख्यकों की आबादी में मुसलमान 73 पर्सेंट हैं। बाकी 2.4 पर्सेंट कोटा अन्य अल्पसंख्यकों के लिए हो। हालांकि अनुसूचित जनजाति ऐसा वर्ग है, जिससे धर्म नहीं जुड़ा है। लेकिन यह देखा जाना चाहिए कि इसके रिजर्वेशन में अल्पसंख्यकों की मौजूदगी किस हद तक है और इसके लिए उपाय किए जाने चाहिए।

Wednesday, December 16, 2009

कांग्रेस व भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई

महापौर ज्योति खण्डेलवाल के निरीक्षण के दौरान बुधवार को झालाना गांव में कांग्रेस व भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच शुरू हुई कहासुनी हाथापाई में बदल गई। दोनों पक्षों के बीच जमकर लात-घूंसे चले। स्थिति बिगडती देख महापौर व अधिकारी मौके से रवाना हो गए। हुआ यूं कि मोती डूंगरी जोन के इलाकों में निरीक्षण करते हुए झालाना गांव से बाहर निकलकर महापौर कैलगिरी रोड पहुंच गई। यहां पहुंचकर उन्होंने गांव में अंदर खडे वाहन बाहर ही बुलाने के निर्देश दिए तो पता चला कि कुछ लोगों ने क्षेत्र की समस्याओं के विरोध में वाहन रोक लिए हैं। इतने में भाजपा पार्षद मीना लोदिया, उनके पति जितेन्द्र लोदिया व अन्य पार्षद देवेन्द्र सिंह शंटी व रोशन सैनी आ गए।
महापौर इन पार्षदों के साथ अंदर गांव में पहुंची तो वहां जमा भाजपा कार्यकर्ता व अन्य लोगों ने उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। महापौर के साथ मौजूद पूर्व कांग्रेस पार्षद शीला सैनी व अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध किया तो भाजपा कार्यकर्ता व समर्थक भडक गए। पीछे से भाजपा व कांग्रेस कार्यकर्ताओं की कहासुनी हाथापाई में बदल गई। इस दौरान कुछ लोगों को चोटें भी आई।
समय बताना संभव नहींझालाना पहुंचे भाजपा पार्षदों का कहना था कि उन्हें निरीक्षण का समय नहीं बताया गया। इस पर महापौर ने जवाब दिया कि निरीक्षण के दौरान किसी स्थान पर पहुंचने का सही समय बताना संभव नहीं हैं।
नाली की परेशानीझालाना गांव के लोगों की शिकायत थी कि यहां नाली की कोई व्यवस्था नहीं हैं। सारी सडकें सीमेंट की बन चुकी हैं। इस कारण गंदा पानी सडक पर ही रहता। इस कारण मक्खी-मच्छर व बदबू के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड रहा है।
व्यवस्था दुरूस्त करने के निर्देशमहापौर ज्योति खण्डेलवाल ने आनंदपुरी पार्क में मूत्रालय में सफाई व्यवस्था दुरूस्त करने, अशोक चौक पर रखे कचरा पात्र की मरम्मत, मोती डंूगरी रोड पर बकरा मंडी में सफाई कराने व कमेले वालों की गली में टूटे मेनहोल को बदलने के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने जवाहर नगर, शांति पथ, तिलक नगर, उदय मार्ग, राजापार्क, सूर्य मार्ग, रमन मार्ग, सुन्दर मार्ग, आचार्य तुलसी मार्ग आदि स्थानों का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को व्यवस्था सुधार के लिए जरूरी निर्देश दिए।

भाजपा में बवाल जारी

जोधपुर। भाजपा संगठन चुनावों को लेकर कार्यकर्ताओं में आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा। ताजा घटनाक्रम में पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद व पार्टी की जोधपुर जिला प्रमुख ने विरोध के स्वर मुखर कर संगठन चुनाव निरस्त करने की मांग उठा दी है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी को लिखे पत्र में पूर्व राजस्व मंत्री रामनारायण डूडी, पूर्व सांसद जसवंत विश्नोई और जोधपुर जिला प्रमुख अमिता चौधरी ने संगठन चुनावों पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि पहले मंडल अध्यक्ष फिर जिलाध्यक्ष के चुनाव कराए जाने चाहिए थे, लेकिन जोधपुर देहात के आठ मंडलों के चुनाव गुपचुप कराकर गलत परम्परा अपनाई गई है।
चुनाव से पहले सर्वसम्मति के भी प्रयास नहीं किए गए। इससे कार्यकर्ता ठगा सा महसूस कर रहे हैं। तीनों ने स्पष्ट कहा है कि ऎसा करने से पंचायत चुनावों पर इसका विपरीत असर पडेगा, इसलिए इन चुनावों को निरस्त किया जाए।
उधर पार्टी के मण्डोर देहात मंडल के प्रभारी सोहनलाल काला ने भी संगठन चुनाव बंद कमरे में करवाने का विरोध किया है और कहा कि मण्डोर मंडल अध्यक्ष का चुनाव गुपचुप कराने से कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। काला ने आरोप लगाया कि भोपालगढ विधानसभा क्षेत्र की छह और बिलाडा विधानसभा क्षेत्र की सात पंचायतें मण्डोर मंडल में आती हैं।
ऎसे में मंडल अध्यक्ष के चुनाव से पहले इन दोनों क्षेत्रों के नेताओं व विधायकों से सलाह न लिया जाना अनुचित है।

जसवंत ने पीएसी चेयरमैन के पद से दिया इस्तीफा

बीजेपी से निकाले जा चुके सीनियर नेता जसवंत सिंह ने लोक लेखा समिति (पीएसी) के चेयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया है। संभावना जताई जा रही है कि बीजेपी के सांसद गोपीनाथ मुंडे को पीएसी का चेयरमैन बनाया जा सकता है। बीजेपी से निकाले जाने के बाद से निकाले जाने के बाद से पार्टी उनपर इस पद से इस्तीफा देने के लिए दबाव डाल रही थी लेकिन उन्होंने शुरू में ऐसा करने से इनकार कर दिया था। बाद में दाजिर्लिंग के इस सांसद ने अपना इस्तीफा लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को सौंपा था, जिसे बुधवार को मंजूर कर लिया गया। 15 वीं लोकसभा के चुनाव के बाद बीजेपी ने सबसे वरिष्ठ सदस्य होने के नाते उन्हें लोक लेखा समिति का चेयरमैन बनाया था। बाद में जसवंत द्वारा जिन्ना पर लिखी पुस्तक में उनकी सराहना किए जाने और देश के विभाजन के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं बताए जाने से उठे विवाद पर बीजेपी ने उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया था। उसके बाद उन पर पीएसी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का लगातार दबाव बनता रहा लेकिन जसवंत नहीं माने। इस बीच उन्होंने समिति की कुछ बैठकों की अध्यक्षता भी की लेकिन अंतत: सोमवार को इस्तीफा लोकसभा अध्यक्ष को सौंप दिया।

महंगाई पर संसद में जबर्दस्त हंगामा

जरूरी वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के विरोध में लेफ्ट पार्टियों और समाजवादी पार्टी के सदस्यों के प्रश्नकाल में बाधा पहुंचाने के कारण लोकसभा की कार्यवाही बुधवार को स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही एसपी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में सांसद स्पीकर मीरा कुमार के आसन के सामने एकत्र होकर नारेबाजी करने लगे। वे 'महंगाई पर रोक लगाओ' और 'यह सरकार बदलनी है' के नारे लगा रहे थे। स्पीकर ने उनसे सदन की मर्यादा बनाए रखने को कहा। उन्होंने कहा कि बढ़ती कीमतों पर 26 नवंबर को चर्चा हो चुकी है। इसके बावजूद सांसदों ने हंगामा जारी रखा। जिस समय लेफ्ट पार्टियों और एसपी के सांसद बढ़ती महंगाई के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे, उसी समय टीडीपी के सदस्य भी अध्यक्ष के आसन के सामने एकत्र हो गए। उन्होंने हाथों में 'संयुक्त आंध्र प्रदेश' की तख्तियां उठा रखी थीं।
जरूरी वस्तुओं की कीमतों पर नियंत्रण की मांग करते हुए लेफ्ट पार्टियों और समाजवादी पार्टी के सांसदों ने बुधवार को संसद भवन में धरना भी दिया। संसद के मुख्यद्वार पर प्रदर्शन करने वालों में एसपी नेता मुलायम सिंह यादव, अमर सिंह, सीपीएम की नेता वृंदा करात और सीपीआई के गुरदास दासगुप्ता शामिल थे। नेताओं ने कहा कि वे संसद के भीतर और बाहर विरोध जारी रखेंगे। मुलायम ने कहा, 'हम यह मुद्दा सड़कों तक ले जाएंगे। हम सरकार को उसकी नीति बदलने के लिए विवश कर देंगे, नहीं तो इस जनविरोधी सरकार को बदल डालेंगे।' प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का दायरा बढ़ाने और जरूरी वस्तुओं की कीमतों पर नियंत्रण की मांग की। नेताओं ने कहा कि वे चाहते हैं कि जरूरी वस्तुओं को पीडीएस के दायरे में रियायती दामों पर उपलब्ध कराया जाए।

Tuesday, December 15, 2009

रेप पर सांसद के बयान से राज्यसभा में हंगामा

राज्यसभा में मंगलवार को गोवा से कांग्रेसी सांसद के बयान पर हंगामा हो गया। गोवा में रेप के
मामलों का जिक्र करते हुए शांताराम नाइक ने जीरो आवर के दौरान टिप्पणी की कि कुछ बलात्कार पीड़ितों ने खुद ही मुसीबत को न्योता दिया था क्योंकि वे देर रात तक अजनबी लोगों के साथ घुलमिल रहती थीं। सांसद की इस टिप्पणी पर विपक्ष खासकर, महिला सांसदों ने विरोध जताया। उनका विरोध नाइक की इस बात पर ज्यादा था कि अगर रेप पीड़िता आधी रात के बाद अजनबी लोगों के साथ घूमती रही हो तो ऐसे मामलों में बलात्कार के केसों को अलग तरह से ट्रीट किया जाना चाहिए। नाइक ने गोवा में रूसी लड़की के साथ राज्य के एक नेता द्वारा डिनर करने के बाद चलती कार में कथित रेप के मामले को बढ़ा चढ़ाकर पेश करने के लिए मीडिया को भी आड़े हाथ लिया। नाइक के बयान पर सीपीएम की वृंदा कारत, बीजेपी की नजमा हेपतुल्ला, माया सिंह और एसपी की जया बच्चन ने विरोध जताया। उन्होंने डिप्टी चेयरमैन के. रहमान खान से यह कहकर हस्तक्षेप करने की मांग की कि नाइक को महिलाओं के प्रति असम्मान दिखाने वाली भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे नाइक रेप को जायज ठहरा रहे हों। खान ने नाइक से जीरो आवर के टेक्स्ट को एग्जामिनेशन के लिए सबमिट कराने का निर्देश दिया और कहा कि ऐसा लग रहा है कि सांसद इस मुद्दे को जितना उठाना चाहते थे, उससे ज्यादा बोल गए हों। बाद में नाइक की टिप्पणी को कार्यवाही में से निकाल दिया गया।

जगन के कदम से कांग्रेस हैरान

तेलंगाना के मुद्दे पर आंध्र प्रदेश की राजनीति की दलीय सीमाएं टूट गईं हैं। सबसे बड़ा झटका कांग्रेस को लगा है। मंगलवार को लोकसभा में कांग्रेस के सांसदों ने तेलंगाना का विरोध कर रहे टीडीपी सांसदों के साथ मिलकर हंगामा करने से कांग्रेस में हड़कंप मच गया। खास बात यह थी कि विदोही कांग्रेसी सांसदों का नेतृत्व आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाइएसआर रेड्डी के बेटे जगन मोहन रेड्डी कर रहे थे। इस पर तुरंत प्रतिक्रिया हुई। तेलंगाना क्षेत्र के कांग्रेस सांसदों ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता ए. के. एंटनी से मिलकर जगन के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की। गौरतलब है कि वाइएसआर के आकस्मिक निधन के बाद जगन समर्थकों ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का जोरदार अभियान चलाया था। लेकिन हाई कमान को यह बहुत नागवार गुजरा। नतीजे में रौसेया के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर जमने का मौका मिल गया। लोकसभा में शून्यकाल में टीडीपी के सदस्यों ने अलग तेलंगाना का जोरदार विरोध किया। टीडीपी के सदस्य हाथों में विरोध के परचे लहराते हुए अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए। उसी समय अचानक सत्ता पक्ष की बेंच से उठकर जगन भी आसन के सामने आ गए। हैरान कांग्रेस के सदस्य जब तक कुछ समझ पाते, तब तक जगन ने टीडीपी सदस्यों से हाथ मिलाया।
कांग्रेस के सीनियर सदस्यों द्वारा जगन को वापस लौटने का इशारा करने के बाद वह अनमने भाव से लौटे। लेकिन कुछ ही देर बाद वह वापस फिर आसन के सामने आकर टीडीपी सदस्यों के साथ खड़े हो गए। इतना ही नहीं, उन्होंने टीडीपी के एक सदस्य के हाथ से 'वी वॉन्ट युनाइटेड आंध्र' का परचा लेकर उसे लहराना भी शुरू कर दिया। विपक्षी बेंचों में इससे खुशी की लहर दौड़ गई लेकिन कांग्रेस के लिए शर्मनाक स्थिति पैदा हो गई। जगन समर्थक कई कांग्रेसी सांसद भी उनके साथ आ मिले। दूसरी तरफ, तेलंगाना के कांग्रेसी सांसद अलग तेलंगाना के पक्ष में नारे लगाने लगे। कांग्रेस के सीनियर सांसद असमंजस में पड़ गए। संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने दोनों पक्ष के कांग्रेसी सांसदों को समझाने की असफल कोशिश की। अध्यक्ष मीरा कुमार ने भी शांत करने की कोशिश की मगर थोड़ी देर के लिए कार्यवाही स्थगित करना पड़ी। जिस समय कांग्रेस के सदस्यों का यह हंगामा शुरू हुआ, उससे थोड़ी देर पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सदन से उठकर गईं थीं। बाद में उन्हें घटना की पूरी जानकारी दी गई। इस घटना के बाद जगन मोहन रेड्डी ने तेलंगाना के मुद्दे पर अपना मौन तोड़ते हुए कहा कि मैं अखंड आंध्र प्रदेश के पक्ष में हूं। राज्य की मौजूदा हालत के लिए उन्होंने टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू को जिम्मेदार ठहराया। सदन की घटना के बारे में उन्होंने कहा कि टीडीपी को अकेले आंध्र का मुद्दा उठाने का श्रेय न मिले, इसलिए मुझे आंध्र के समर्थन में खड़ा होना पड़ा।

'नहीं लगती हमारी सरकार'

झालावाड। जिला कांग्रेस कार्यालय में मंगलवार को हुई कांग्रेस की बैठक में कार्यकर्ताओं ने उद्योग व आबकारी मंत्री राजेन्द्र पारीक के सामने गुबार निकाला। इस दौरान अधिकांश नेताओं ने पुलिस व प्रशासन को भाजपा नेताओं के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सालभर बाद भी कांग्रेस के शासन होने जैसा नहीं लगता है। वहीं पारीक ने इसके जवाब में कहा कि कार्यकर्ताओं के सम्मान में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे।
जिले के प्रभारी मंत्री पारीक पहली बार झालावाड दौरे पर थे। उन्हें अपनी समस्या सुनाने के लिए बडी संख्या में कार्यकर्ता जिला कांग्रेस कार्यालय पहंुचे। यहां उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस कार्यकर्ता है, इसलिए उनका दर्द समझते है। प्रशासन यदि गलत तरह से काम कर रहा है तो इस पर लगाम लगाई जाएगी। इस अवसर पर मनोहरथाना विधायक कैलाश मीणा, मदनलाल मीणा, पूर्व विधायक मीनाक्षी चन्द्रावत, मोहनलाल राठौर ने विचार व्यक्त किए।
वसंुधरा का खौफ है
प्रभारी मंत्री ने कहा कि यहां नेता व कार्यकर्ता कब तक आपस में उलझते रहेंगे। कार्यकर्ता मनमुटाव जैसे कार्यो की सजा भुगत रहे है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को अर्जुन बताते हुए पार्टी को पंचायत चुनाव में जिताने के लिए जीजान से जुटने का आह्वान किया।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि वसंुधरा राजे ने पांच साल तक राज किया है। अभी भी अधिकारियों में उनका खौफ है। इसलिए राज्य में कांग्रेस शासन होते हुए भी कई अधिकारी कांग्रेस का शासन नहीं मानते है। ऎसे अधिकारियों पर निगाह रखी जा रही है।
जीत कर भूल जाते हैं विधायक
कांग्रेस नेता सर्वेश्वर दत्त ने प्रशासन को भाजपा का एजेंट बताया। उन्होंने कहा कि विधायक बनने के बाद नेता कार्यकर्ता को भूल गए है। कार्यकर्ता परेशान हाल है। अस्पताल का हाल बिगडा हुआ है। भवानीमण्डी व झालावाड चोरी आम बात हो गई। पुलिस निष्क्रिय बनी हुई है। पूर्व मंत्री नफीस अहमद, पिडावा प्रधान रामलाल चौहान, युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह झाला, सेवादल के प्रदेश सचिव मोहम्मद शफीक खान, ओबीसी प्रकोष्ठ के चंदर सिंह, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष आमिर खान ने कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं होने की शिकायत की।

मंत्री को झेलना पडा विरोध

थानागाजी। यातायात मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री बृजकिशोर शर्मा को सोमवार को थानागाजी कस्बे में राजीव गांधी सेवा केन्द्र भवन के शिलान्यास समारोह में भारी विरोध का झेलना पडा। नौबत यह आ गई कि मंत्री मंच पर भाषण भी नहीं दे सके और उन्हें पुलिस सुरक्षा में वहां से निकलना पडा।
यातायात मंत्री शर्मा पंचायत समिति परिसर में 26 लाख रूपए की लागत से बनने वाले राजीव गांधी सेवा केन्द्र भवन का शिलान्यास करने पहुंचे। समारोह में स्थानीय विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा किए जाने से माहौल बिगड गया। थानागाजी विधायक हेमसिंह भडाना के नेतृत्व में लोगों ने कार्यक्रम में नारेबाजी कर दी। इससे वहां हंगामा हो गया।
हंगामे के बीच मंत्री शर्मा ने शिलान्यास तो कर दिया, लेकिन हंगामा कर रहे लोगों ने उन्हें मंच पर नहीं चढने दिया। माहौल गरमाने पर मंत्री को बिना भाषण दिए पुलिस सुरक्षा में कार्यक्रम स्थल से रवाना होना पडा। घटना की सूचना पर अलवर से भी पुलिस जाब्ता मंगवाया गया।
राजनीतिक द्वेष के चलते सूचना नहीं दी- विधायक
थानागाजी विधायक हेमसिंह भडाना का कहना है कि हल्की मानसिकता एवं राजनीतिक द्वेष के चलते उन्हें कार्यक्रम की सूचना तक नहीं दी गई। क्षेत्रवासियों को यह बर्दाश्त नहीं हुआ और मंत्री को विरोध झेलना पडा। हंगामे के बाद विधायक भडाना के नेतृत्व में पंचायत समिति में एक बैठक हुई।
जिसमें प्रधान मातादीन सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक में विधायक ने चेतावनी दी कि जनप्रतिनिधियों की भविष्य में भी इसी तरफ उपेक्षा हुई तो मंत्री को गांवों में नहीं घुसने दिया जाएगा।
कहीं नहीं लिखे नाम
प्रभारी मंत्री ने सोमवार को जिले में उमरैण, राजगढ, रैणी, लक्ष्मणगढ व कठूमर में भी सेवा केन्द्रों का शिलान्यास किया, लेकिन वहां किसी भी विधायक व स्थानीय जनप्रतिनिधि ने कोई विरोध नहीं किया। गंगावत ने बताया कि थानागाजी में विरोध जैसा कोई मामला नहीं था। विधायक व कुछ समर्थकों ने नारेबाजी की थी।
शिलान्यास कार्यक्रम में कोई विवाद नहीं हुआ। वापस जाते समय दस-बारह लोगों ने नारेबाजी की। मैं इन लोगों को नहीं जानता। ना ही इन लोगों ने कोई ज्ञापन दिया और ना ही कोई शिकायत दी। बाद में पता चला कि शिलान्यास पटि्टका में नाम नहीं लिखे जाने पर भाजपा के विधायक ने ऎसा किया। इनकी यही परिपाटी रही है। पांच वर्ष इन्होंने यही किया। कांग्रेस के विधायकों का बॉयकाट किया, लेकिन हम तो इनके विधायकों को तरजीह दे रहे हैं।
-बृजकिशोर शर्मा, जिला प्रभारी एवं यातायात मंत्री।

पहले आरक्षण, फिर भर्ती

गुर्जर नेता कर्नल किरोडी सिंह बैंसला ने कहा कि जब तक गुर्जरों को आरक्षण नहीं मिलेगा तब तक राज्य में किसी भी विभाग के पदों की भर्ती प्रक्रिया नहीं होने देंगे। उन्होंने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार को चाहिए कि वह 17 दिसम्बर को हाईकोर्ट में आरक्षण विधेयक को लेकर मजबूत पक्ष रखे। नई आरक्षण व्यवस्था को लागू करना सरकार की नैतिक और राजनीतिक जिम्मेदारी है। कोर्ट को पचास प्रतिशत से अधिक आरक्षण देने पर आपत्ति है। अब सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हमें कैसे आरक्षण दे, संवैधानिक बाध्यता से हमें कोई मतलब नहीं है। बैंसला ने कहा कि हम नहीं चाहते कि राज्य में अशांति हो, लेकिन यदि हमारा हक नहीं मिला तो हम चुप नहीं बैठेंगे।
फिर आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा हर दस साल में होनी चाहिए। इस आधार पर जो जरूरतमंद हैं उन्हें ही आरक्षण मिले और संपन्न हैं उन्हें आरक्षण नहीं दिया जाए।
श्रेय दोनों मुख्यमंत्रियों कोबैंसला ने कहा कि गुर्जरों के लिए आरक्षण विधेयक लाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और इसके क्रियान्वयन के श्रेय के हकदार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं।
हमारी लडाई सरकार से
कैप्टन हरिप्रसाद और डॉ. विक्रम सिंह गुर्जर ने कहा कि हमारी लडाई सरकार से है, कोर्ट में हम पक्षकार नहीं हैं। हाईकोर्ट ने सरकार से पक्ष पूछा है। इसलिए सरकार कैसे भी करके हमें आरक्षण दिलाए। सर्वणों को भी इसमें सहयोग करना चाहिए। कश्मीर से आए कमर रब्बानी चेची ने कहा कि यदि आर्थिक आधार पर आरक्षण की व्यवस्था हो जाए तो हम आंदोलन को वापस ले सकते हैं।

कृषि मंत्री को वकीलों ने घेरा

बीकानेर। उच्च न्यायालय की बैंच की मांग के क्रम में मंगलवार को वकीलों ने कृषि मंत्री हरजीराम बुडरक का घेराव किया। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय कुमार पुरोहित ने बताया कि वकीलों ने कलक्टे्रट परिसर में कृषि मंत्री का घेराव कर प्रदर्शन किया।
कृषि मंत्री ने ज्ञापन लेने के बाद मुख्यमंत्री का ध्यान इस ओर दिलाने का आश्वासन दिया है। मंगलवार को वकीलों के साथ पार्षद प्रेम सिंह मेडतिया व उम्मेद सिंह राजपुरोहित ने कलक्टे्रट के आगे प्रदर्शन किया। बाद में प्रदर्शनकारियों ने जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया।
मंगलवार को वकीलों की अनिश्चितकालीन हडताल 121 वें व क्रमिक अनशन 107 वें दिन जारी रहा। भारतीय जनता पार्टी के शहर अध्यक्ष शशि शर्मा, देहात अध्यक्ष रामगोपाल सुथार एवं पूर्व पार्षद रामेश्वर लाल सुथार ने अधिवक्ता जगदीश शर्मा, विजय श्रृंगी, राजकुमार महात्मा, सतपाल साहू, पवन बंसल, गुलशन शर्मा, मनोज मोदी आदि को माला पहना कर अनशन पर बैठाया ।
धरने को सम्बोधित करते हुए भाजपा शहर अध्यक्ष शर्मा व सम्भागीय संघर्ष समिति के संयोजक रामकृष्ण दास गुप्ता ने कहा कि जनहित की मांग पर मुख्यमंत्री का गौर नहीं करना लोकतांत्रिक सरकार के लिए गैर जिम्मेदाराना बात है। वार्ड 44 विकास समिति के अध्यक्ष जयनारायण गोयल व पदाधिकारियों ने धरना स्थल पर पहुंच कर समर्थन दिया है।

Sunday, December 13, 2009

आन्ध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की अटकलें

हैदराबाद। पृथक तेलंगाना के मुद्दे पर जारी हिंसा के चलते आन्ध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की अटकलें लगाई जा रही हैं। विधायकों और मंत्रियों की ओर से इस्तीफों की पेशकश से उत्पन्न हालात पर नियंत्रण के लिए केन्द्र सरकार राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकती है। इस बीच, विजयवाडा से कांग्रेसी सांसद एल. राजगोपाल ने रविवार को दावा किया कि राज्य विधानसभा के 294 सदस्यों में से 225 पृथक तेलंगाना गठन के प्रस्ताव के विरोध में वोट देंगे।
सूत्रों के मुताबिक अगर तटीय आन्ध्र, रायलसीमा के 20 मंत्री इस्तीफा दे देते हैं तो मुख्यमंत्री के. रोसैया के सामने सरकार प्रभावी ढंग से चलाने का संकट उत्पन्न हो जाएगा। पहले ही इन दोनों इलाकों के 130 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। आन्ध्र केबिनेट में रोसैया को मिलाकर कुल 34 मंत्री हैं। कहा जा रहा है कि अगले एक दो दिन में विधानसभा को सस्पेंडेड एनीमेशन में रख कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए। दिल्ली में कांग्रेस नेता पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की रजामंदी का इंतजार कर रहे हैं।
मंत्री नरम पडेराष्ट्रपति शासन की आशंका के चलते इस्तीफे की पेशकश करने वाले तटीय आन्ध्र व रायलसीमा क्षेत्र के 20 मंत्रियों के तेवर नरम पड गए हैं। ये मंत्री रोसैया से बातचीत को तैयार हो गए हैं।
विरोध में हिंसा जारीपृथक तेलंगाना के विरोध में रविवार को प्रदर्शनकारियों ने सडक और रेलमार्गो को जाम किया। अनन्तपुर जिले में भारतीय तेल निगम के कार्यालय पर हमला कर टैंकरों को क्षति पहुंचाई। प्रदर्शन के कारण सरकारी बसें नहीं चली। बंद व हिंसा के कारण तटीय आन्ध्र के 9 और रायलसीमा क्षेत्र के 4 जिलों में जनजीवन बाधित हुआ है।
माया का पृथक पूर्वाचल रागलखनऊ। उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने अब रविवार को प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर अलग से पूर्वाचल राज्य गठित करने के लिए सहमति प्रदान करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि केन्द्र से सहमति प्राप्त होते ही राज्य सरकार विधानसभा से पूर्वाचल के गठन का प्रस्ताव पारित कराकर केन्द्र को भिजवा देगी।
फैसला जनता करेइंदौर। पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने कहा है कि ऎसे मामलों पर फैसले से पहले क्षेत्र के लोगों की इच्छाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। छोटे राज्यों के सन्दर्भ में फैसला करने से पहले यह ध्यान रखना चाहिए कि वहां के लोग क्या चाहते हैं। उनके लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा, यह वहां के लोगों से बेहतर कोई नहीं समझ सकता।

पार्टी में काम से ही सत्ता में भागीदारी

सत्ता में भागीदारी मांग रहे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को साफ कहा कि राजनीतिक नियुक्ति से पहले देखा जाएगा कि उन्होंने पार्टी के लिए कितना काम किया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि नियुक्तियां सदस्यता अभियान और पंचायत चुनावों के बाद होंगी। गहलोत अपने शासन का एक साल पूरा होने के मौके पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से आयोजित जलसे में बोल रहे थे।
मेरी तरफ देख रहा कार्यकर्ता-जोशीप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सी.पी. जोशी ने यह कहते हुए कार्यकर्ताओं को सत्ता में भागीदार बनाने की मांग उठाई कि कार्यकर्ता मेरी तरफ देख रहा है कि मैं कहां खडा हूं। कार्यकर्ता को लग रहा है कि सत्ता में भागीदारी का मौका आया है। निगम, परिषद, पालिकाओं में चुने हुए कार्यकर्ताओं को यह अवसर मिल गया है। क्षमतावान कार्यकर्ताओं को पंचायत चुनाव में अवसर मिलेगा।
बचे हुए कर्मठ कार्यकर्ताओं को चुनाव के बाद राजनीतिक नियुक्ति देने का काम भी होना चाहिए। गहलोत ने इस मांग के जवाब में कार्यकर्ताओं से कहा कि सवाल यह है कि आप पार्टी के लिए कितनी सदस्यता करते हो। सदस्यता अभियान में नए लोगों को जोडें इससे आपका झण्डा भी बुलंद रहेगा। प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक व प्रदेशाध्यक्ष जोशी के भाषण का जिक्र करते हुए गहलोत बोले कि यह भी देखा जाएगा कि किस कार्यकर्ता के क्षेत्र में कितनी इकाइयों के चुनाव हुए हैं। इकाई से ही हम मजबूत होंगे। वासनिक व जोशी भी इसे देखेंगे। वासनिक ने भी भरोसा दिलाया कि जो कार्यकर्ता रह गए, उन्हें भी अवसर मिलेगा।

हर मोर्चे पर कांग्रेस फेल-चतुर्वेदी

जयपुर। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने कांग्रेस सरकार को हर मोर्चे पर फेल बताते हुए कहा कि संवेदनशील सरकार का दावा करने वाली कांग्रेस के एक साल के राज में ही आम आदमी न केवल महंगाई, पानी-बिजली के संकट से त्रस्त हुआ है, बल्कि सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ सडक पर उतरने लगा है।
चतुर्वेदी रविवार को छोटी चौपड पर भारतीय जनता युवा मोर्चा जयपुर शहर की ओर से आयोजित धरने को सम्बोधित कर रहे थे। यह धरना प्रदेश में कांग्रेस शासन के एक साल पूरे होने के दिन को धिक्कार दिवस मनाते हुए दिया गया। चतुर्वेदी ने कहा कि बिगडती कानून व्यवस्था से आमजन में खौफ है। महामारी का रूप ले चुकी स्वाइन फ्लू को रोकने में सरकार विफल रही। दूसरे राज्यों में फ्लू की नि:शुल्क जांच हो रही है, लेकिन यहां लोगों को महंगे दामों पर जांच करवानी पड रही है।
इस मौके पर विधायक कालीचरण सराफ, मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक लाहौटी, महामंत्री हेमन्त लांबा, शहर अध्यक्ष निधिशेखर शर्मा आदि ने कहा कि कांग्रेस राज में कानून व्यवस्था चौपट हो गई है। प्रदेश के बैंक, मंदिर, घर व वाहन सुरक्षित नहीं है। युवा मोर्चा एक महीने तक हर जिले में धरने व प्रदर्शन करके धिक्कार दिवस मनाएगा। धरने को उप महापौर मनीष पारीक, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष सुमन शर्मा, सुनील कुमावत, ओमप्रकाश मीणा आदि ने भी सम्बोधित किया।
नहीं आए विधायक कांग्रेस सरकार के एक साल के राज में जनविरोधी नीतियों के खिलाफ हुए इस धरने में विधायक कालीचरण सराफ के अलावा कोई विधायक व वरिष्ठ कार्यकर्ता शामिल नहीं हुए।

सांसद से धक्का-मुक्की

सलूम्बर नगरपालिका को ग्राम पंचायत बनाने के राज्य सरकार के प्रस्ताव के विरोध में रविवार को तीसरे दिन भी आन्दोलन जारी रहा। नगरवासियों ने चुंगीनाका पर जाम लगाकर किसी भी वाहन को वहां से गुजरने नहीं दिया। प्रशासन ने रोडवेज बसों को जयसमन्द व झल्लारा बाइपास से गुजारा गया। चक्काजाम स्थल पर समझाइश करने पहुंचे सांसद रघुवीर मीणा के साथ आंदोलनकारियों ने धक्का-मुक्की कर दी, जिस पर पुलिस उपाधीक्षक ने डण्डा चला कर स्थिति को सम्भाला।
अपराह्न दो बजे मुख्यमंत्री से इस मसले पर वार्ता का आश्वासन मिलने पर जाम खोला गया। सुबह 11 बजे समझाइश के लिए सांसद रघुवीर सिंह मीणा को घेर कर आक्रोशित नगरवासियों ने जमकर नारे लगाए। बाद में सांसद ने नगरवासियों को सम्बोधित करते हुए लोगों को धैर्य रखने की सलाह दी। भाषण देकर जैसे ही सांसद मंच से नीचे उतरे आक्रोशित भीड ने घेराव कर धक्का-मुक्की कर दी।
...तो दर्द मुझे भी होगासांसद मीणा ने चुंगी नाका पर हुई सभा में कहा कि अगर अपनों के पैर में कांटा चुभेगा तो सबसे पहले दर्द मुझे होगा। हम नगरपालिका सलूम्बर को कभी ग्राम पंचायत स्वीकार नहीं करेंगे। यह नगरपालिका 1955 से गठित हुई, जो व्यवस्थित रूप से कार्य कर रही है।
जिम्मेदारी मुझे सौंपेसांसद ने कहा कि ऎसे फैसलों पर जनाक्रोश स्वाभाविक है। विरोध दर्ज कराने की जिम्मेदारी मुझे सौंप कर जाम खोल दें। हमें दलगत राजनीतिक से ऊपर उठ कर सलूम्बर के विकास मे सोच रखनी होगी।
जारी रहेगा आन्दोलनसभा में आश्वासन के बावजूद संघर्ष समिति ने इस संबंध में सकारात्मक फैसला होने तक आन्दोलन जारी रखने का निर्णय किया है। बासंवाडा गए प्रतिनिधि मण्डल में देहात जिलाध्यक्ष कांग्रेस छगनलाल जैन और संघर्ष समिç के हीरालाल तोरावत, जगदीश भण्डारी, सत्यनारायण तरूण, धर्मेन्द्र शर्मा, यशवन्त दोशी, सुभाष पूर्बिया, दिनेश मालवीय और लक्ष्मीकान्त शर्मा शामिल थे।
जनता चाहेगी वही होगा

भाजपा ने कभी झूठे वादे नहीं किए: किरण

विधायक किरण माहेश्वरी ने कहा कि भाजपा के जनप्रतिनिघियों ने कभी भी जनता से झूठे वादे नहीं किए हैं। भाजपा ने जो कहा है उसे कर दिखाया है। विधायक ने रविवार को गोगाथला ग्राम पंचायत के भवन के जीर्णोद्धार के बाद आयोजित उद्घाटन समारोह में कहा कि भाजपा के शासन में मंहगाई नहीं के बराबर थी। उस पर भी अन्य पार्टियां मंहगाई की बात करती थीं। वर्तमान में तो मंहगाई ने देशवासियो की कमर ही तोड दी है। उन्होंने मंहगाई को काबू में लाने व क्षेत्र के विकास के लिए पंचायत राज चुनावों में भाजपा को समर्थन देने की ग्रामीणों से अपील की।

कार्यक्रम में रेलमगरा प्रधान श्यामलाल चौहान, रतनलाल अहीर, गोगाथला सरपंच सत्यनारायण अहीर, रेलमगरा मण्डल अध्यक्ष शंकरलाल सुथार, उपाध्यक्ष मोहनलाल कुमावत, पीपली आर्चायन सरंपच महेश आचार्य, उपसरपंच भैरूलाल अहीर, मदनलाल कुमावत, कमला देवी अहीर, मूल सिंह, चुन्नीलाल गाडरी, कालूराम अहीर, सत्यनारयण तेली, बाबूलाल कुमावत, बंटी कुमावत आदि ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन रतनलाल अहीर ने किया।

Thursday, December 10, 2009

रेड्डी बंधु फंस गए सीबीआई के शिकंजे में

अवैध खनन के आरोप में कर्नाटक के राजस्व मंत्री करुणाकर रेड्डी व पर्यटन मंत्री जनार्दन रेड्डी के खिलाफ सीबीआई ने शिकंजा कस दिया है। आंध्र प्रदेश सरकार के अनुरोध पर मुकदमा दर्ज करने के बाद सीबीआई ने रेड्डी बंधुओं के ठिकानों पर छापा मारा।
सीबीआई प्रवक्ता हर्ष भाल ने कहा कि गुरुवार के छापे में रेड्डी बंधुओं की दो कंपनियां- ओबुलापुरम माइनिंग कंपनी और बेल्लारी आइरन ओर कंपनी - ही मुख्य रूप से निशाने पर थीं। सीबीआई ने रेड्डी बंधुओं को बेल्लारी में ही रहने का निर्देश दिया है ताकि उनसे जरूरत के मुताबिक कभी भी पूछताछ की जा सके।
कुछ ही समय पहले बगावत का झंडा उठा कर मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा को अपनी मांगें मानने के लिए मजबूर करने वाले रेड्डी बंधुओं द्वारा अवैध खनन की जांच के लिए सीबीआई ने एक बहुआयामी टीम का गठन किया है। इस टीम में केंद्र सरकार के छह विभागों के अधिकारियों को शामिल किया गया है। इनमें सर्वे आफ इंडिया, ब्यूरो आफ माइंस, पर्यावरण व वन मंत्रालय, केंद्रीय फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी, कस्टम और रेवेन्यू इंटेलीजेंस जैसे विभाग शामिल हैं। टीम में आंध्र प्रदेश के वन व पर्यावरण विभाग सहित कई विभागों के अधिकारियों को

नई पार्टी की घोषणा लखनऊ में पांच जनवरी को: कल्याण

पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद कल्याण सिंह ने कहा कि पांच जनवरी को वे अपने जन्मदिन पर लखनऊ में नई पार्टी की विधिवत घोषणा करेंगे। उन्होंने हिंदुत्व की दुहाई दी और यह भी कहा कि आवाम के हित के लिए ही नया झंडा और नया एजेंडा होगा। यही नहीं जनता की न सुनने वालों के लिए नया डंडा होगा।
गुरुवार को जनपद में एक विवाह समारोह में शिरकत करने आए पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने भूड़ रोड स्थित होटल में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नई पार्टी का गठन करने के बाद मौका-परस्त सियासी दलों को जवाब देंगे। वर्तमान सियासत से खिन्न नजर आ रहे पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा वह दिखा देंगे कि उनमें आज भी लोगों के हक के लिए लड़ने का माद्दा है। कल्याण ने कहा कि उन्होंने कभी किसी को धोखा नहीं दिया। धोखा खाया जरूर। लेकिन जो लोग यह कर रहे हैं, वह चुकने की स्थिति में हैं। कल्याण ने कहा कि पार्टी गठन से पहले उन्होंने समर्थकों के साथ बैठकें की हैं और राय-मशवरा भी। किसी भी चुनौती का सामना करने को वह हर-हाल में तैयार हैं। नगर में कुछ दिन पूर्व हुए फायरिंग प्रकरण में हो रही सियासत पर बोलने से उन्होंने इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि आज सही अवसर नहीं है। शादी समारोह में शिरकत करने आए हैं, इसलिए सियासत के बारे में और ज्यादा नहीं बोलेंगे। बहुत कुरेदने पर सिर्फ इतना ही कहा कि उन्हें जनता का समर्थन प्राप्त है। यही जनता उनसे धोखा करने वालों को सबक सिखाएगी। जनता के लिए ही वह नई पार्टी बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह शीघ्र ही दुबारा बुलंदशहर आएंगे और खुलकर सभी सवालों का जवाब देंगे। जाते-जाते कहा कि पांच जनवरी का इंतजार करो, बहुत से सवालों का जवाब उसी दिन मिल जाएगा। उसी दिन पार्टी के नाम और एजेंडे की घोषणा की जाएगी।

शिवराज और तोमर जुटे दूसरे दौर के क्षेत्रों में प्रचार करने

भोपाल। नगरीय निकाय चुनाव में पहले चरण के मतदान वाले क्षेत्रों में प्रचार अभियान चलाने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर अब दूसरे चरण में मतदान वाले क्षेत्रों में भाजपा के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं।
कल 11 दिसंबर को पहले चरण वाले 122 नगरीय निकायों में मतदान होने के दौरान मुख्यमंत्री 14 दिसंबर को मतदान वाले तीन निकाय क्षेत्रों में चुनावी सभाएं लेंगे। मुख्यमंत्री कल खाचरौद, महिदपुर और आगर में जनसभाओं को संबोंधित करने के साथ आम जनता से संपर्क करेंगे। इससे पहले गुरुवार को उन्होंने छिंदवाड़ा में रोड शो और खुरई में चुनावी सभा को संबोधित किया। निकाय चुनाव के दौरान ग्वालियर अंचल में डेरा जमाए बैठे नरेंद्र सिंह तोमर कल विजयपुर, सबलगढ़, कैलारस और जौरा में चुनावी सभाएं लेने के साथ पार्टी उम्मीदवारों के समर्थन में जनसंपर्क करेंगे।

नक्सल समस्या: झारखंड ने छत्तीसगढ़ को पीछे छोड़ा

राजनैतिक अस्थिरता और प्रभावी प्रशासन की कमी के चलते झारखंड राज्य देश में माओ वादियों का सबसे बड़ा गढ़ बन गया है। गृहमंत्री पी. चिदंबरम की नक्सलवादियों की लगाम कसने की कोशिशों के बीच इस राज्य में इस साल के ग्यारह महीनों में लगभग दो नक्सली हमले रोज हुए है। यही कारण है कि नक्सली हिंसा में झारखंड ने छत्तीसगढ़ को काफी पीछे छोड़ दिया है। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से इस साल तीस नवंबर तक झारखंड में नक्सली हिंसा से जुड़ी कुल 668 वारदातें हुई है। इन वारदातों में 132 आम नागरिक और 59 सुरक्षा कर्मी मारे गए है। इस अवधि में देश के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित 9 राज्यों में कुल 2016 नक्सली हमले हुए है।
इनमें 514 आम नागरिक और 304 सुरक्षा कर्मी मारे गए हैं। पिछले साल कुल 1591 वारदातों में 721 लोग मारे गए थे। 2006 में 1509 वारदातों में 678 और 207 में 1565 वारदातों में 696 मौतें हुई थी। झारखंड में अस्थिर सरकारों का लाभ नक्सलियों ने खूब उठाया है। सरकारी संसाधनों की लूट में जहां उनकी हिस्सेदारी बढ़ी है वहीं आम जनता पर आतंक जमाने के लिए भी उन्होंने कई निर्दोष लोगों को मारा है। आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में पिछले तीन साल में नक्सल वारदातों की संख्या लगातार बढ़ी है। 2006 में 310, 2007 में 482, 2008 में 484 के बाद 2009 में 11 महीने में 668 वारदातें हुई। अब झारखंड ने इस मामले में बरसों से आगे चल रहे छत्तीसगढ़ को पीछे छोड़ दिया है। हालांकि मौतों के मामले में छत्तीसगढ़ अभी भी आगे है पर वारदातों के मामले में झारखंड बहुत आगे निकल गया है। ऐसा नहीं है कि इन दोनों राज्यों के अलावा अन्य राज्यों में नक्सली वारदातें कम हो रही है। बिहार, उड़ीसा, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में भी नक्सली वारदातों में लगभग दो गुनी बढ़ोतरी हुई है। पश्चिम बंगाल में इस साल नक्सली हिंसा में करीब आठ गुनी वृद्धि हुई है। 2009 में अब तक वहां 214 वारदातें में 124 लोग मारे गए है। सबसे अहम बात यह है कि गृहमंत्री पी. चिदंबरम पूरे साल यह कोशिश करते रहे है कि नक्सलवाद के खिलाफ राज्य सरकारों को सक्रिय किया जाए। उन्होंने हर प्रभावित राज्यों का दौरा भी किया है। मुंबई हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ डाजियर बनाने की व्यस्तता के बाद भी वह नक्सल प्रभावित राज्यों में घूमते रहे है। उनका नक्सल विरोधी अभियान शुरू होने से पहले ही ठंडा कर दिया गया। अब राज्यों से आ रहे आंकड़े यह साबित कर रहे है कि चिदंबरम की चिंता जायज थी। यह अलग बात है कि 'राजनैतिक लाभ' के लिए उन्हें उनके अपनों ने नीचा दिखा दिया है।

तेलंगाना गठन पर आंध्र की राजनीति में उबाल, इस्तीफों की झड़ी

कांग्रेस ने जब बुधवार आधी रात को तेलंगाना के गठन की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की, तब उसे जरा भी अंदाजा नहीं था कि गुरुवार सुबह तक खुद पार्टी में इतनी बड़ी बगावत हो जाएगी। गुरुवार को आंध्र प्रदेश के गैर-तेलंगाना क्षेत्रों के जिन 105 विधायकों और तीन सांसदों ने इस्तीफे दे दिए हैं, उनमें से 52 विधायक और दो सांसद कांग्रेस के हैं। इस्तीफा देने वालों से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सब्र बनाए रखने के लिए कहा है। सोनिया ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस.आर. रेड्डी के बेटे जगन रेड्डी और गैर-तेलंगाना क्षेत्र के 18 सांसदों से मिल कर उनकी आपत्तियां सुनीं। इनमें तीन केंद्रीय मंत्री पी. लक्ष्मी , डी. पुरंदेश्वरी और एस. प्रताप शामिल थे। साथ ही एमआईएम के हैदराबाद से सांसद असाउद्दीन औवेसी भी थे। सोनिया ने उत्तेजित सांसदों को भरोसा दिलाया कि अंतिम निर्णय पर पहुंचने से पहले सभी नजरियों को ध्यान में रखा जाएगा।
बातचीत में आंध्र के कांग्रेस प्रभारी वीरप्पा मोइली, सोनिया के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल भी शामिल थे। लेकिन लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा देने वाले एल. राजगोपाल नहीं आए। दूसरी तरफ कांग्रेस के तेलंगाना क्षेत्र के सांसदों ने भी सोनिया और प्रधानमंत्री से मुलाकात करके उन्हें धन्यवाद दिया। कांग्रेस ने बिगड़ी स्थिति संभालने की खातिर नया दांव फेंकते हुए कहा है कि नया राज्य सभी दलों की सहमति से ही अस्तित्व में आ सकता है। गुरुवार देर रात आंध्र कैबिनेट की इमरजेंसी मीटिंग हुई, जिसके बाद सूचना मंत्री जे. गीता रेड्डी ने कहा कि नए राज्य का प्रस्ताव लाने पर हम कांग्रेस हाईकमान का फैसला मानेंगे। लेकिन, इसकी तारीख नहीं तय हुई है। गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने बताया कि उन्होंने टीआरएस प्रमुख के. चंदशेखर राव को बातचीत के लिए दिल्ली बुलाया है। राव के अनशन खत्म करने से यूपीए सरकार राहत महसूस कर रही है। अब राज्य की राजधानी हैदराबाद नया बैट्ल फील्ड बन गया है। तेलंगाना के समर्थक हैदराबाद अपने राज्य में मान कर चल रहे हैं, जबकि हैदराबाद के लोग और शेष आंध्र के जनप्रतिनिधि किसी भी कीमत पर हैदराबाद छोड़ने को तैयार नहीं हैं। टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने साफ कह दिया है कि वह राज्य का विभाजन और हैदराबाद को आंध्र से अलग नहीं होने देंगे। टीडीपी के 42 विधायकों ने इस्तीफा दिया है। प्रजा राज्यम के 11 विधायकों ने इस्तीफा तो दिया है, लेकिन पार्टी प्रमुख चिरंजीव ने इस्तीफा वापस लेने की अपील की है। गौरतलब है कि 294 सदस्यों की आंध्र विधानसभा में तेलंगाना क्षेत्र में 119 सीटें पड़ती हैं। बाकी 175 सीटों में से 107 कांग्रेस के पास हैं। लोकसभा की 42 सीटों में से 17 तेलंगाना में जाएंगी।

Wednesday, December 9, 2009

कोई डरा सके हमें, ऐसी हालत नहीं : कृष्णा

विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा ने बुधवार को जोरदार शब्दों में कहा कि भारत की स्थिति ऐसी नहीं है कि कोई उसे डरा-धमका सके। भारत-चीन संबंधों पर लोकसभा में हुई चर्चा के जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि आज के हालात 1962 जैसे नहीं हैं। हम 2009 में रह रहे हैं। कृष्णा ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे को ठुकराते हुए कहा कि वह भारत का अभिन्न अंग है। कृष्णा ने कहा कि हमसे कहा गया कि दलाई लामा को अरुणाचल नहीं जाना चाहिए। मगर वे गए। प्रधानमंत्री के लिए कहा गया। मगर वे भी गए। लद्दाख में सड़क का काम रोके जाने पर कृष्णा ने कहा इसका केंद्र से कोई संबंध नहीं है। यह काम राज्य सरकार ने रोका था। राज्य ने केन्द्र से इस बारे में कोई संपर्क नहीं किया है। लद्दाख में सड़क निर्माण और चीन की आपत्ति पर चर्चा के दौरान सदस्यों ने कई सवाल उठाए थे।
कृष्णा ने माना कि पड़ोसी चीन की तरफ से सीमा उल्लंघन की कुछ घटनाएं हुई हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि इनके प्रति सचेत रहते हुए हमने सीमा पर गश्त और ढांचागत विकास पर खास ध्यान दिया है। उन्होंने यह भी माना कि चीन के साथ रिश्तों में पूर्व में कुछ कमियां और गलतियां भी रही हैं। कृष्णा ने चीन के साथ सीमा विवाद को पेचीदा मुद्दा बताते हुए कहा कि सीमा की निशानदेही न होने के कारण दोनों देशों के बीच विवाद है। उन्होंने स्वीकार किया कि दोनों के बीच सीमा को लेकर मतभेद हैं। लेकिन, इसका हल संघर्ष नहीं है। बातचीत के जरिये ही समाधान हो सकता है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों ने इसके लिए एक तंत्र स्थापित किया है, जिसकी 13 बैठकें हो चुकी हैं। अगले महीने एक और बैठक होने जा रही है। कृष्णा ने कहा कि चीन और भारत इस समय विश्व की उभरती हुई ताकतें हैं और भारत बराबरी के आधार पर संबंध चाहता है, जिसमें दोनों देश एक-दूसरे की संवेदनाओं और आकांक्षाओं के प्रति संवेदनशील हों। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की हाल की बातचीत में सहमति थी कि द्विपक्षीय रिश्तों को आगे बढ़ाया जाए। लेकिन ऐसा तभी हो सकता है जब दोनों के बीच विश्वास, आपसी सम्मान और तमाम मुद्दों पर एक-दूसरे को समझने का माहौल बने।

छात्रसंघ चुनाव को हरी झण्डी

राजस्थान हाईकोर्ट की वृहदपीठ ने राज्य के विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव लिंगदोह कमेटी की ओर से सुझाई प्रक्रिया के अनुसार कराने का आदेश दिया है। साथ ही अदालत ने हिंसा मुक्त और अच्छे वातावरण में चुनाव कराने के लिए राज्य सरकार व विश्वविद्यालयों को चुनाव से पूर्व कानून और नियमों में जरूरी बदलाव करने को कहा है।
सरकार ने स्वीकारी रिपोर्टन्यायाधीश के.एस. राठौड, प्रकाश टाटिया व संगीत लोढा की वृहदपीठ ने यह महत्वपूर्ण फैसला हाईकोर्ट की दो अलग अलग खण्डपीठों के निर्णयों से उत्पन्न विवाद का पटाक्षेप करते हुए सुनाया है। फैसले में कहा गया है कि सरकार लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के अनुसार छात्रसंघ चुनाव कराना चाहती है, जिस पर न्यायालय सहमत है। साथ ही वृहदपीठ ने खण्डपीठों के 5 मई 05 तथा 13 मई 05 को दिए आदेश निरस्त कर दिए। वृहदपीठ ने कहा कि मुख्यपीठ की खण्डपीठ के निर्णय उसके क्षेत्राधिकार के 17 जिलों व जयपुर पीठ का निर्णय उनके 17 जिलों के क्षेत्राधिकार पर लागू नहीं होगा।
इन पर था विवादराज्य की उ“ा शैक्षणिक संस्थाओं में छात्रसंघ चुनाव के सम्बंध में हाईकोर्ट की जयपुर स्थित पीठ की एक खण्डपीठ ने 5 मई को मेरिट में आए विद्यार्थियों में से छात्रसंघ पदाधिकारी मनोनीत करने की व्यवस्था दी थी। जबकि जोधपुर स्थित मुख्यपीठ की एक खण्डपीठ ने एक अन्य जनहित याचिका पर तीनों विश्वविद्यालयों व उनसे संबद्ध महाविद्यालयों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया से छात्रसंघ चुनाव कराने का आदेश दिया था। यह आदेश मुख्यपीठ के क्षेत्राधिकार वाले 17 जिलों के लिए दिया गया था।
फैसला वृहदपीठ पर छोडा थादोनों खण्डपीठों के विरोधाभासी फैसलों पर 18 मई 05 को न्यायाधीश एन.एन. माथुर व माणक मोहता की खण्डपीठ ने चुनाव के आधार को निर्धारित करने के लिए मामला वृहदपीठ को भेजा था। मुख्य न्यायाधीश जगदीश भल्ला ने गत माह वृहदपीठ का गठन कर मामले को सुनवाई में लगाने का आदेश दिया था। वृहदपीठ ने सभी याचिकाएं 5 दिसम्बर को निस्तारित कर दी थीं।

प्रधानमंत्री ने माफी मांगी

नई दिल्ली। रूस की यात्रा से मंगलवार रात ही लौटे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोकसभा में पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी के बारे में एक कांग्रेस सांसद की टिप्पणी के लिए बुधवार को माफी मांगी। उधर, लोकसभा में भाजपा की उप नेता सुषमा स्वराज ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि प्रधानमंत्री ने जिस गरिमा से स्वयं क्षमा मांगी, उसके लिए पार्टी उनका धन्यवाद करती है।
लिब्रहान आयोग पर लोकसभा में चर्चा के दौरान जो गतिरोध पैदा हुआ था, वह दुर्भाग्यपूर्ण अध्याय समाप्त हो गया है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सदस्य बेनीप्रसाद वर्मा ने मंगलवार को लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान वाजपेयी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

तेलंगाना क्षेत्र के लोगों का संघर्ष आखिरकार रंग लाया

नई दिल्ली। आन्ध्र प्रदेश से अलग पहचान के लिए तेलंगाना क्षेत्र के लोगों का करीब 40 साल से जारी संघर्ष आखिरकार रंग लाया। बुधवार देर शाम कांग्र्रेस कोर कमेटी की बैठक के बाद केन्द्रीय गृहमंत्री पी. चिदम्बरम ने पृथक तेलंगाना राज्य के गठन की प्रक्रिया शुरू किए जाने का ऎलान किया। गृह मंत्री ने बताया कि केन्द्र आन्ध्र के मुख्यमंत्री के. रोसैया से राज्य विधानसभा में पृथक तेलंगाना राज्य के लिए संकल्प पेश करने का आग्र्रह किया है। गठन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद तेलंगाना देश का 29वां राज्य होगा। चिदम्बरम ने बताया कि अलग राज्य के लिए आन्दोलन कर रहे लोगों पर दर्ज मामले समाप्त भी किए जाएंगे।
समझा जाता है कि रोसैया ने बुधवार दोपहर में कांग्र्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात करके तेलंगाना राज्य की घोषणा किए जाने के लिए दबाव डाला था। इसके बाद कांग्र्रेस कोर कमेटी की बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अन्य केंद्रीय मंत्रियों से विचार-विमर्श किया।
राव ने तोडा अनशनप्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रूस यात्रा से लौटते ही कई दिनों से सुलग रहे इस मामले में दखल देकर निर्णय प्रक्रिया की शुरूआत की। डॉ. सिंह ने केसीआर के स्वास्थ्य की जानकारी ली। आमरण अनशन के 11वें दिन टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव ने पहले इन्ट्रावीनस के जरिए दवा लेने पर सहमति दे दी। बाद में देर रात उन्होंने अनशन समाप्त करने की घोषणा की।
बस पांच कदम बाकी1. मुख्यमंत्री के. रोसैया विधानसभा में पृथक राज्य का प्रस्ताव पेश करेंगे।2. यहां प्रस्ताव पारित होने के बाद इसे विधानपरिषद में पारित कराया जाएगा।3.राज्य विधानमण्डल में पारित संकल्प मंजूरी के लिए केन्द्र के पास जाएगा।4. केन्द्र सरकार पृथक राज्य के संकल्प को संसद में पारित कराएगी।5. संसद की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति के दस्तखत होते ही पृथक तेलंगाना राज्य बन जाएगा।

ओला, मुरारी, राजकुमार, गुढा होंगे राज्यमंत्री

जयपुर। गहलोत सरकार के मंत्री परिषद का दूसरा विस्तार गुरूवार को होगा। कांग्रेस विधायक मुरारीलाल मीणा (दौसा), बृजेन्द्र ओला (झुंझुनूं), राजकुमार शर्मा (नवलगढ) व राजेन्द्रसिंह गुढा (उदयपुरवाटी) राज्य मंत्री होंगे जबकि रामकेश मीणा (गंगापुर), रमेश मीणा (सपोटरा) व गिरिराज सिंह मलिंगा (बाडी) को संसदीय सचिव बनाया जाएगा। जानकार सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से हरी झण्डी मिलने के बाद चार राज्य मंत्रियों व तीन संसदीय सचिवों के नामों की सूची को अन्तिम रूप दिया। राज्यपाल प्रभा राव राजभवन में गुरूवार सुबह 10:30 बजे आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में नए राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाएंगी जबकि तीनों संसदीय सचिवों को मुख्यमंत्री गहलोत शपथ दिलाएंगे। राजभवन में समारोह की तैयारियों को रात तक अन्तिम रूप दिया जा रहा था। विस्तार के साथ मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल होगा।

चंद्रशेखर राव की तबीयत बिगड़ी, पर अनशन नहीं तोड़ेंगे

अलग तेलंगाना राज्य के लिए भूख हड़ताल कर रहे टीआरएस अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव की तबीयत बिगड़
गई है। वह काफी गंभीर स्थिति में हैं। डॉक्टरों ने उनसे अपील की कि वह अपना आमरण अनशन खत्म कर दें, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। इधर पूरे तेलंगाना इलाके में हालात बेकाबू हो गए हैं। हजारों की तादाद में लोग सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं। सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बुधवार सुबह 15 हजार से ज्यादा स्टूडेंट उस्मानिय यूनिवर्सिटी कैंपस में जमा हुए और उन्होंने प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प भी हुई है। इस झड़प में काफी लोग घायल हुए हैं। इससे पहले मंगलवार को आंध्र प्रदेश विधानसभा में अलग तेलंगाना राज्य के लिए प्रस्ताव लाए जाने में नाकाम रहने के बाद टीआरएस के सदस्यों ने इस मुद्दे पर सदन की कार्यवाही बाधित की और जमकर हंगामा हुआ। राज्य के मुख्यमंत्री के. रोसैया इस संवेदनशील मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से परामर्श लेने के लिए बुधवार को नई दिल्ली रवाना हो रहे हैं। निजाम इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के डायरेक्टर के. प्रसाद राव ने संवाददाताओं को बताया राव के चेकअप के बाद डॉक्टरों की टीमने महसूस किया कि उन्हें फौरन अनशन तोड़ देना चाहिए। अन्यथा, इस वजह से गंभीर समस्या हो सकती है। टीआरएस के सीनियर नेता और चंद्रशेखर राव के भतीजे टी. हरीश राव ने कहा कि परिवार के लोगों ने भी उनसे उपवास तोड़ने की अपील की, लेकिन वह राजी नहीं हुए। टीआरएस के नेता नयिनी नरसिम्हा रेड्डी ने बताया कि राव ने दवा लेने से भी इनकार कर दिया है, इससे स्थिति गंभीर रही है। उनके मुताबिक, वह पिछले एक हफ्ते से अधिक समय से ठोस आहार नहीं ले रहे हैं। पूरे तेलंगाना क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन जारी है, जबकि टीआरएस के विधायकों ने राज्य विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करने के लिए मजबूर कर दिया। इससे सदन में कोई कामकाज नहीं हो सका। टीआरएस ने मांग की कि इस क्षेत्र के मंत्री सहित कांग्रेस के विधायकों को इस्तीफा दे देना चाहिए, ताकि उनके पार्टी आलाकमान को जा संदेश जाए और एक अलग राज्य की उनकी मांग स्वीकार कर ली जाए।

Monday, December 7, 2009

पृथक तेलंगाना राज्य बनाने की भाजपा की संसद में मांग

भाजपा ने सोमवार को संसद के दोनों सदनों में पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के लिए तत्काल विधेयक लाने की मांग की। लोकसभा में भाजपा की उप नेता सुषमा स्वराज ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि पृथक तेलांगना राज्य के गठन के लिए आंदोलन ने तीव्र रूप ले लिया है और चौदह लोगों ने आत्महत्या की हैं जिनमें सभी उम्रवर्ग के लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी सालों से तेलांगना राज्य के गठन की मांग का समर्थन कर रही है।
भाजपा नेतृत्व वाली राजग सरकार के कार्यकाल के दौरान देश में तीन नये राज्यों झारखंड, उत्तराखंड और छत्तीसगढ का गठन किया गया था। राजग सरकार तेलांगना राज्य का भी गठन करती लेकिन उस वक्त गठबंधन सरकार में शामिल तेलगू देशम पार्टी इसकी पक्षधर नहीं थी, इसलिए विधानसभा से इस बारे में प्रस्ताव पारित नहीं हुआ। भाजपा नेता ने सरकार से पृथक तेलांगना राज्य के गठन के लिए तत्काल विधेयक लाने की मांग की और कहा कि अगर विधेयक आता है तो इसके पारित होने में कोई दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इससे पृथक राज्य के गठन की लोगों की सालों से चली आ रही प्रतीक्षा समाप्त होगी और आंदोलन को लेकर जा रही जिंदगियां बचाई जा सकेंगी। सुषमा स्वराज की बात का जनता दल यू के शरद यादव ने भी समर्थन किया। उधर राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान भाजपा के एम वेंकैया नायडू ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि एक पूर्व मंत्री इसी मुद्दे पर भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अलग राज्य बनाने का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।

लुधियाना मामले पर पंजाब विधानसभा में मारपीट

लुधियाना में हुए बवाल की तपिश बुधवार को पंजाब विधानसभा तक जा पहुंची। इस मसले पर कांग्रेस और अकाली दल के विधायकों में जमकर गर्मागर्मी हुई। कुछ देर में मामला हाथापाई तक जा पहुंचा। टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजाब के डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल विधानसभा में लुधियाना मामले पर बयान दे रहे थे। इस बीच कांग्रेस विधायकों ने लुधियाना मामले में सरकार पर नाकामी का आरोप लगाया। मामला गर्मा गया और अकाली और कांग्रेस विधायकों के बीच तू तू-मैं मैं होने लगी। कुछ देर में नौबत मारपीट तक जा पहुंची। कांग्रेस विधायकों ने इसके लिए अकाली विधायकों को जिम्मेदार ठहराया है। इस हंगामे के बाद विधानसभा को 1 घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया। गौरतलब है कि लुधियाना में कुछ दिन पहले प्रवासी मजदूरों ने हिंसक आंदोलन किया था। उनका यह प्रदर्शन कथित तौर पर मजदूरी लूटे जाने के विरोध में था। इसकी वजह से हिंसा भड़क उठी थी और कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगाने की नौबत आ गई थी।

राहुल की प्रेस कांफ्रेंस पर विवाद

युवा कांग्रेस के सदस्यता अभियान में तेजी लाने के लिए उत्तर प्रदेश के दो दिवसीय तूफानी दौरे पर आए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी के होने वाले संवाददाता को सोमवार सुबह कथित रूप से निरस्त किए जाने के बाद उठे विवाद को देखते हुए अंतत: अनुमति मिल गई है। कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया कि पर्यटन विभाग के प्रबंध निदेशक अवनीश अवस्थी ने उन्हें अवगत कराया है कि राहुल गांधी के लिए आवंटित किए गए प्रेक्षागृह में संवाददाता सम्मेलन की अनुमति प्रदान कर दी गई है। इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया था कि सोमवार सुबह उनको पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने फोन पर सूचित कर बताया कि उच्चाधिकारियों के आदेश पर राहुल गांधी के लिए पहले से बुक कराए गए सभागार की बुकिंग को निरस्त कर दिया गया है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पर्यटन विभाग ने पहले से बुक कराए गए सभागृह के आवंटन को किन कारणों से निरस्त किया इस बारे में कुछ नहीं बताया गया। उन्होंने कहा कि कल तक तो पर्यटन विभाग के अधिकारी और एसपीजी की टीम प्रेस कांफ्रेंस स्थल की सुरक्षा आदि व्यवस्था के लिए आपसी समन्वय बनाए हुए थे लेकिन आज अचानक आवंटन को निरस्त कर दिया। इस बीच, सोमवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में राहुल का जोरदार स्वागत किया गया। राहुल ने एएमयू पहुंचने के बाद वहां अलग-अलग विभागों में जाकर छात्रों से मुलाकात की। राहुल से मिलने के लिए युवाओं और छात्रों की भीड़ उमड़ पड़ी।

मोदी सरकार के मंत्निमंडल की रेगिरस्तान में बैठक संपन्न

जलवायु परिवर्तन पर जनजागरुकता के तहत मालदीव में सागर में और नेपाल में माऊंट एवरेस्ट पर मंत्निमंडलीय बैठकों के अभिनव प्रयोग के बाद गुजरात में भी रन्न आफकच्छ के रेगिस्तानी इलाके में राज्य सरकार का चार दिवसीय चितंन शिविर आज संपन्न हुआ।शिविर का आज चौथा और अंतिम दिन था जिसमें मुख्यमंत्नी समेत मंत्निमंडल के सभी सदस्यों और नौकरशाहों ने हिस्सा लिया। इन सबको रेगिस्तान में सूर्योदय एवं सूर्यास्त के अद्भुत नजारे देखने का अवसर मिला है। शिविर को पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम ने संबोधित किया और गुजरात के मंत्नियों और नौकरशाहों को प्रशासन और जलवायु परिवर्तन की बारीकियां बतायीं।शिविर में प्रशासन को दुरस्त करने के लिए सामूहिक चर्चा और विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के विश्लेषण के साथ ही अधिकारियों को अपना कौशल सुधारने पर बल दिया गया।मुख्यमंत्नी नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में इसतरह का यह छठा वार्षिक आयोजन है जिसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा के 170 से अधिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया। मोदी ने जलवायु परिवर्तन विषय वाले इस विशेष सत्न की तुलना मालदीव में मंत्निमंडल की पानी में और नेपाल में मंत्निमंडल की माऊंट एवरेस्ट पर हुई बैठकों से की है। मोदी सरकार के दौरान ही गुजरात में इस वर्ष के प्रारंभ में जलवायु परिवर्तन नामक अलग विभाग की स्थापना हुई और इसकी चहुंओर सराहना हुई।

Sunday, December 6, 2009

केन्द्रीय मंत्री जोशी की प्रतिष्ठा दांव पर

राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) के चुनाव में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री सी.पी. जोशी और आईपीएल के कमिश्नर ललित मोदी के बीच अध्यक्ष पद के लिए सीधे टक्कर होगी। चुनाव को लेकर केन्द्रीय मंत्री जोशी की प्रतिष्ठा दांव पर है।

प्रदेश में यह पहला मौका है जब क्रिकेट के सर्वोच्च पद पर बडे कद के राजनीतिज्ञ सीधे मैदान में हैं। अध्यक्ष पद के तीसरे उम्मीदवार शिवचरण माली ने रविवार को दिनभर चले नाटकीय घटनाक्रम के बाद शाम को अध्यक्ष और डिप्टी प्रेसिडेंट पद से नाम वापस ले लिया।
नाम वापसी का समय शाम पांच बजे तक था, लेकिन माली जयपुर के सांसद महेश जोशी और वन राज्य मंत्री रामलाल जाट करीब पांच बजकर दस मिनट पर क्रिकेट एकेडमी पहुंचे और इसकी घोषणा की। उधर, डॉ. बिमल सोनी को निर्विरोध डिप्टी पे्रसीडेंट चुन लिया गया।
शनिवार को किसी भी सूरत में नाम वापस नहीं लेने का दावा करने वाले माली ने किसी भी तरह के राजनीतिक दबाव से इनकार किया। ज्यादा सवाल करने पर माली ने कहा कि महेश जोशी इन सवालों का जवाब देंगे। जोशी बोले- माली निष्ठावान कांग्रेसी कार्यकर्ता रहे हैं। उनके खेल प्रेम को देख उन्हें क्रीडा परिषद का अध्यक्ष बनाया जा रहा है।
राठौड गुट को मोदी के पैनल में जगहनाम वापसी के समय तक क्रिकेट राजनीति में अलटा-पलटी का दौर चला। शनिवार तक सीपी जोशी गुट का समर्थन करने वाला राजेन्द्र सिंह राठौड गुट मोदी गुट के समर्थन में उतर आया। सूत्रों के अनुसार राठौड गुट को जोशी के पैनल में जगह नहीं मिली।
डिप्टी प्रेसीडेंट के लिए जब शिवचरण माली और सचिव पद के लिए पूर्व अध्यक्ष संजय दीक्षित का पैनल में नाम आया तो राठौड गुट ने अलग होकर चुनाव लडने की घोषणा कर दी। राठौड गुट को मोदी गुट के पैनल में उचित स्थान मिलने से चुनावी तालमेल बैठ गया। अब खुद राठौड मोदी गुट की ओर से सचिव पद के लिए संजय दीक्षित के खिलाफ मैदान में हैं।

जोशी के खिलाफ सुनवाई 9 को

केन्द्रीय ग्रामीण एवं पंचायत राज मंत्री डा.सी.पी. जोशी के खिलाफ दायर परिवाद पर सुनवाई के लिए न्यायालय ने 9 दिसम्बर की पेशी नीयत की है। जोशी के खिलाफ नाथद्वारा विधायक कल्याणसिंह ने विशेष सत्र अदालत (भ्रष्टाचार संबंधी मामला) में परिवाद दर्ज करवाया था। परिवाद में सिंह ने डा. जोशी को राजसमंद जिला क्रिकेट संघ का कोषाध्यक्ष बनाने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। परिवाद में राजसमंद क्रिकेट संघ के पदाघिकारी सहित छह जनों के नाम शामिल हैं।

भगवान का भोग, 'जीम गए' मंत्री-अफसर

जयपुर। जिस देवस्थान निधि के धन से मंदिरों की व्यवस्था व भगवान के भोग-राग की व्यवस्था की जानी थी, उस राशि से विभाग के मंत्री व अफसरों के लिए गाडियां, कम्प्यूटर, ब्रॉड बैण्ड कनेक्शन, स्टेशनरी, आलमारियां और अन्य उपकरण खरीद लिए गए।
विभाग के अफसरों ने इस राशि का जमकर मनमाना उपयोग किया। वित्त विभाग की ओर से देवस्थान विभाग की गत छह साल की स्पेशल ऑडिट में यह खुलासा करते हुए 1.58 करोड रूपए की गडबडियों का जिक्र किया गया है।
इस ऑडिट रिपोर्ट मेंं तत्कालीन देवस्थान राज्यमंत्री, प्रमुख देवस्थान सचिव व अन्य अफसरों से करीब 16.50 लाख रूपए की वसूली की सिफारिश की है। देवस्थान मंत्री बृजकिशोर शर्मा के निर्देश पर वित्त विभाग ने 2003 से 2008 तक सहायक आयुक्त कार्यालय की स्पेशल ऑडिट की है। पूर्ववर्ती भाजपा शासनकाल की इस अवधि में उषा पूनिया देवस्थान राज्यमंत्री थीं।
रिपोर्ट के अनुसार देवस्थान निधि नियमों के तहत केवल राजकीय व आत्मनिर्भर श्रेणी के मंदिरों की व्यवस्था, रख-रखाव व भगवान के भोग-राग पर ही राशि खर्च की जा सकती है, लेकिन ऑडिट अवधि में जम कर नियम विरूद्ध मनमाना खर्चा किया गया।
खजाने में जमा नहीं करवाए 55 लाख रिपोर्ट के अनुसार विभाग में गडबडी का आलम यह था कि अफसरों ने अपने मनमाने खर्च के लिए करीब 55 लाख रूपए सरकारी खजाने (पीडी एकाउण्ट) में जमा ही नहीं करवाए। यह राशि मन्दिरों की सम्पत्ति के किराये, भेंट आदि के रूप में मिली थी। ऑडिट अवधि में विभाग को 1.31 करोड राशि मिली थी, लेकिन 55 लाख रूपए रख कर पीडी एकाउण्ट में 76 लाख ही जमा करवाए गए। ऑडिट रिपोर्ट में टिप्पणी की गई है कि कार्यालय में इतनी राशि रखने से गबन की आशंका रहती है और यह राशि सीधे खर्च करना गम्भीर अनियमितता है।
विभाग के पी.डी. खाता पास-बुक व रोकड बही में भी बडा अन्तर है। इस अनियमितता के लिए सहायक आयुक्त प्रथम को जिम्मेदार ठहराया गया है। कर्मचारियों के सीपीएफ के 60 हजार रूपए भी खातों में जमा नहीं करवाए गए। रिपोर्ट में इसके लिए जरूरी कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
मनमानियां-गडबडियां* राज्यमंत्री, प्रमुख सचिव व अन्य अफसरों ने नियम विरूद्ध 17.28 लाख रूपए की यात्राएं किराये के वाहनों में की। वसूली की सिफारिश।* प्रमुख सचिव व सहायक आयुक्त के लिए 9.69 लाख रूपए की दो गाडियों की खरीद, इनकी मरम्मत पर 5.04 लाख रूपए खर्च। गाडियों की लॉग बुक का संधारण भी नहीं।* निधि से 3.42 लाख रूपए का फर्नीचर, फोटो स्टेट मशीन, साइबर शॉट कैमरे खरीदे गए।* कम्प्यूटर, कलर प्रिंटर, स्टेशनरी खरीद तथा फोटोस्टेट पर 8.55 लाख रूपए खर्च।* काफी सामान आयुक्तालय से सचिवालय भेजा गया, जिसकी रसीद तक नहीं।* 2.16 लाख रूपए का अनियमित कार्यालय व्यय* राज्यमंत्री, प्रमुख सचिव व उप सचिव के लिए 3 लाख रूपए की स्टेशनरी खरीद व 9.14 लाख रूपए ऑपरेटर सहित कम्प्यूटर का अनियमित भुगतान।

लालू और ममता गायब रहेंगे बहस से

लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट को सदन पटल पर रखने की मांग को सियासी-औजार के रूप में बार-बार इस्तेमाल करने वाले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और रेलमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को इस पर बहस के दौरान सदन में नहीं रहेंगे। ममता ने जहां रेलवे के पूर्व नियोजित कार्यक्रम के बहाने बेंगलुरू में रहने का कार्यक्रम बनाया है, वहीं लालू प्रसाद को झारखंड विधानसभा चुनाव में वोटरों से रू-ब-रू हो रहे होंगे।

आगामी 8 दिसंबर को सूबे में तीसरे चरण के चुनाव होने हैं। मुस्लिम-यादव समीकरण पर बिहार में १५ साल राज करने वाले लालू प्रसाद पर लोगों की निगाहें टिकी थीं, लेकिन राजद संसदीय दल के मुख्य सचेतक जगदानंद ने दैनिक भास्कर से साफ कर दिया कि वे नहीं आ सकते। मजे की बात ये है कि राजद की ओर से इस मुद्दे पर कौन पहल करेगा, इसकी सूचना लोकसभा सचिवालय को नहीं दी गई है।

पहले वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह को रिपोर्ट पर बोलना था लेकिन वे भी झारखंड चुनाव में उलझे रहने के कारण रविवार देर रात दिल्ली नहीं पहुंच सके। जगदानंद सिंह ने साफ किया कि रघुवंश बाबू की अनुपस्थिति में वे बहस का हिस्सा बन सकते हैं।

तृणमूल कांग्रेस की ओर से बहस में भाग लेने के लिए केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री सुल्तान अहमद ने लोकसभा स्पीकर से विशेष अनुमति मांगी है। संवैधानिक पद पर रहने के कारण पार्टी की ओर मुख्य सचेतक सुदीप बंदोपाध्याय ने सुल्तान को वक्ता बनाने के लिए स्पीकर मीरा कुमार को लिखा है। सुदीप ने बताया कि तृणमूल की ओर से कल्याण बनर्जी और सुल्तान अहमद ही बहस-मुबाहिसों में हिस्सा लेंगे।

दुर्ग जिला भाजपा कार्यालय में तोड़फोड़

टिकट वितरण से असंतुष्ट भाजपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा आखिरकार फूट पड़ा। महापौर प्रत्याशी की घोषणा के तुरंत बाद नाराज कार्यकर्ताओं ने रविवार की शाम करीब 7.30 बजे दुर्ग जिला भाजपा कार्यालय में तोड़फोड़ की। उस समय जिला भाजपा अध्यक्ष जागेश्वर साहू, अजय तिवारी, देवेंद्र चंदेल, देवनारायण चंद्राकर समेत कई अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे। अचानक ईंट, पत्थर फेंके जाने से वे भौचक रह गए।

कई कार्यकर्ता चोट से बचने इधर-उधर छिप गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक करीब 20 की संख्या में पहुंचे नाराज कार्यकर्ताओं ने पहले कार्यालय के सामने लगाए गए पोस्टर फाड़ दिए। इसके बाद बाहर से ईंट, पत्थर बरसाकर खिड़कियों के कांच तोड़ दिए।

बरामदे में रखीं कुर्सियों को भी उलट-पुलट दिया। करीब 15 मिनट बाद पत्थरबाजी व तोड़फोड़ करने वाले भाग गए। भाजपा कार्यालय के कमरों व बरामदों में पत्थर व ईंट के टुकड़े बिखरे हुए थे। सूचना पाकर कोतवाली टीआई आदित्य शर्मा मौके पर पहुंचे।

बाद में भाजपा कार्यालय की लाइट बंद कर बाहर गेट पर ताला जड़ दिया गया। कार्यालय के गेट पर पुलिस जवान तैनात कर दिए गए। तोड़फोड़ करने वालों में भाजपा मांझी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष दशरथ ढीमर व गोपाल पटेल भी शामिल थे। इसकी पुष्टि जिला भाजपा के मीडिया प्रभारी अजय तिवारी ने की। पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक तोड़फोड़ करने वाले महापौर पद के प्रबल दावेदार रहे राजेश ताम्रकार के समर्थक बताए जाते हैं। उन्हें टिकट न देकर डा. एसके तमेर को टिकट देने से वे नाराज थे।

ञ्चतोड़फोड़ करने वालों को मैं नहीं पहचानता। विरोध करने का यह तरीका ठीक नहीं है। कोई भी बात हो तो पार्टी फोरम में उठाया जाना चाहिए। पार्टी हाईकमान का निर्णय सबको मान्य होता है। इस घटना से प्रदेश संगठन मंत्री को अवगत करा दिया गया है। तोड़फोड़ करने वाले पार्टी के लोग होंगे तो प्रदेश नेतृत्व के निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी। जागेश्वर साहू, अध्यक्ष, जिला भाजपा

तमेर होंगे दुर्ग से भाजपा प्रत्याशी महापौर के लिए भाजपा ने दुर्ग से डॉ. शिवकुमार तमेर को जबकि राजनांदगांव से अशोक चौधरी को प्रत्याशी बनाया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने रविवार शाम को इन नामों का ऐलान किया। शेष सात के महापौर प्रत्याशियों की घोषणा कल की गई थी।

दुर्ग में सांसद सरोज पांडे व उच्च शिक्षा मंत्री हेमचंद यादव के बीच प्रत्याशी तय करने को लेकर हो रही खींचतान के कारण वहां फैसला नहीं हो पाया था। दोनों अपने समर्थक को टिकट दिलाने का प्रयास कर रहे थे।

प्रदेश भाजपा ने बीच का रास्ता निकालते हुए डॉ. तमेर को प्रत्याशी बना दिया। इसी प्रकार राजनांदगांव के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से सहमति नहीं मिल पाने के कारण वहां का प्रत्याशी घोषित नहीं किया जा सका था। प्रदेश अध्यक्ष ने टेलीफोन पर उनसे बात कर प्रत्याशी का नाम तय किया।

Tuesday, December 1, 2009

स्मिता के वेलकम को कांग्रेस में उत्साह नहीं

शिवसेना और कांग्रेस दोनों खेमों में ठाकरे परिवार की बहू स्मिता ठाकरे के मामले पर ज्यादा उत्सुकता का माहौल नहीं दिखाई दे रहा है। उलटे इस घटना को नजरअंदाज करने का ही आलम है। खासतौर से शिवसेना द्वारा यह जाहिर किया जा रहा है कि 'स्मिता यदि कल-परसों के बजाय आज और अभी चली जाएं तो बेहतर होगा।' सूत्रों के अनुसार, शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के दोनों बेटे- जयदेव और उद्धव उन्हें मातोश्री से बाहर निकालने के लिए कब से आतुर हैं। जयदेव से तलाक के बाद से वे स्मिता को ठाकरे परिवार का सदस्य नहीं मानते। हालांकि बाला साहेब के कारण खुले तौर पर यह कहने से बचते रहे हैं। ठाणे में रविवार को एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में उद्धव ने कहा कि 'आप चित्रे की नहीं, चित्रों की बात करिए' उनका मतलब स्मिता के विवाह पूर्व सरनेम (चित्रे) से था। वह यह संदेश देना चाहते थे कि स्मिता का ठाकरे सरनेम से कोई लेना-देना नहीं है।
तलाक के बाद जयदेव ने एक इंटरव्यू में कहा था कि स्मिता को अब अपने नाम के साथ ठाकरे नहीं लगाना चाहिए। उसके बाद भी मातोश्री में स्मिता का वास्तव्य बना रहा है। इस वास्तु की पहली मंजिल पर वह, दूसरी पर बाला साहेब और तीसरी मंजिल पर उद्धव रहते हैं। कांग्रेस में जाने की इच्छा जाहिर करने के बाद से स्मिता मातोश्री नहीं आईं। वह जुहू स्थित अपने लक्ष्मी बंगले में ही हैं। यह बात सर्वविदित है कि शिवसेना में स्मिता का कभी कोई खास रोल नहीं रहा। युति के शासन काल में वह सत्ता केन्द्र थीं पर पार्टी में उनका कोई योगदान नहीं था। सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर जिसे नकारात्मक योगदान माना जाता है, स्मिता उस श्रेणी में गिनी जाती रही हैं। हालांकि फिल्म और टीवी में उन्होंने सिक्का जमाया है। इसीलिए शिवसैनिकों पर स्मिता के ऐलान का असर नहीं हुआ है और कांग्रेस में भी उनके बारे में ज्यादा उत्सुकता नहीं है। राज्य स्तर पर कांग्रेस में किसी को उनके शामिल होने के बारे में कोई जानकारी नहीं है, न ही यह पता है कि दिल्ली में स्मिता किसके संपर्क में है? चर्चा है कि जिस तरह गांधी परिवार की एक बहू (मेनका) को बीजेपी ने अपने धड़े में स्थान दिया है, उसी तरह कांग्रेस पार्टी ठाकरे परिवार की बहू को अपनी छत्रछाया में रखने का रवैया अपना सकती है। पर राज्य के कांग्रेसियों को लगता है कि स्मिता की राजनीतिक कीमत मेनका जितनी नहीं है। इसलिए उन्हें शामिल करने से पहले इसका जायजा लिया जाना चाहिए कि पार्टी को इससे फायदा ज्यादा होगा या नुकसान! फिलहाल इसी उधेड़बुन में है कांग्रेसी।

34 सांसदों की गैर मौ

नई दिल्लीलोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सोमवार को प्रश्न पूछने वाले करीब 34 सांसदों की गैर मौजूदगी के कारण सदन को स्थगित करना पड़ा। करीब दो दशक में ऐसा पहली बार हुआ है जब प्रश्न पूछने वाले इतने ज्यादा सांसद बिना बताए गैर हाजिर रहे। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने जहां इसे गंभीर मुद्दा बताया वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपनी पार्टी के गैर हाजिर सदस्यों से सफाई मांगी है।

सांसदों के इस गैर-जिम्मेदाराना रवैये से आहत कुमार ने पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के अंदाज में सांसदों को तो नहीं लताड़ा, लेकिन सदन के बाहर इतना अवश्य कहा कि ये गंभीर मुद्दा है, प्रश्नकाल लोकतंत्र का सार है।

गायब रहने वालों में कांग्रेस, भाजपा, शिवसेना, भाकपा, जद (यू) समेत कई पार्टियों के सांसद शामिल थे।

सदन के नेता प्रणव मुखर्जी व संसदीय कार्य मंत्री पीके बंसल आश्चर्यचकित देख रहे थे। पहला सवाल पूछने वाले सांसद हर्षवर्धन भी गैर-हाजिर ही थे। उसके बाद आए ग्रामीण मंत्रालय से जुड़े सवाल अवश्य पूरे हो गए। तीन सवालों के बाद मीरा कुमार एक-एक कर सवाल पूछने वाले बाकी सांसदों के नाम पुकारती रहीं। एक सवाल पूछने के लिए दो-दो सांसदों के नाम शामिल थे। लेकिन 17 सवालों को पूछने वाले सांसद सदन से नदारद थे। इस अजीबोगरीब स्थिति के कारण मीरा कुमार को 11 बजकर 27 मिनिट पर ही प्रश्नकाल स्थगित करना पड़ा। यह 12 बजे तक चलता है। किसी सांसद ने अनुपस्थिति की पूर्वसूचना भी नहीं दी थी।

इनसे जुड़े थे 20 सवाल :

वाणिज्य और उद्योग, संचार, रक्षा, श्रम, रोजगार, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सामाजिक न्याय मंत्रालय

ये नहीं थे मौजूद

वरुण गांधी (भाजपा), श्रुति चौधरी, मधु गौड यक्षी, एकनाथ गायकवाड़, बी झांसी लक्ष्मी (सभी कांग्रेस), आनंद राव अडसुल, शिवाजी ए पाटील, (शिवसेना) प्रबोध पांडा (भाकपा), राजीव रंजन सिंह (जदयू), असदुद्दीन ओवैसी (एआईएमआईएम) पीटी थामस, राधा मोहन सिंह, अहीर विक्रम भाई

‘लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों की गैर मौजूदगी के मुद्दे पर संसदीय कार्य मंत्रणा समिति में विचार किया जाएगा।’

भूख हड़ताल और आंदोलन खत्म नहीं

तेलंगाना मुद्दे पर अनशन कर रहे टीआरएस अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव ने आज दावा किया कि उन्होंने अपनी भूख हड़ताल और आंदोलन खत्म नहीं किया है.राव ने कहा कि मुझे जबर्दस्ती अस्पताल ले जाया गया, जहां मुझे जूस पिलाया गया. यह सरकार का षड्यंत्र था. मेरी भूख हड़ताल जारी है. इसके पूर्व राव ने खम्मम में अस्पताल के चिकित्सकों के हाथ से जूस पीकर भूख हड़ताल तोड़ दी थी. राव का भूख हड़ताल जारी रखने का दावा छात्रों और तेलंगाना मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे अन्य लोगों की आलोचना के बाद आया है.सरकार ने राव को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था, जहां से उन्हें चिकित्सकों की सलाह पर अस्पताल ले जाया गया था. अस्पताल पहुंचकर उन्होंने जूस पीकर अनशन तोड़ दिया था. उनके इस फैसले की बहुत निंदा हुई थी. इसके पूर्व टीआरएस द्वारा पृथक तेलंगाना मुद्दे और अपने नेता की गिरफ्तारी के विरोध में आयोजित 12 घंटे के बंद से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ. कई स्थानों पर हिंसक घटनाओं की भी खबर है.बंद समर्थकों ने प्रदर्शन करते हुए हैदराबाद के तारनाका में दुकानों पर पेट्रोल बम फेंके. इसी तरह तेलंगाना के करीमनगर, वारंगल, निजामाबाद और मेदक में सरकारी बसों पर पेट्रोल बम फेंकने की भी खबर है.

अंबेडकर पार्क पर सुप्रीम कोर्ट से यूपी सरकार की अपील खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने अंबेडकर पार्क मसले पर यूपी सरकार द्वारा की गई अपील को खारिज कर दी है. इस मामले पर अब अलगी सुनवाई 19 जनवरी को होगी.मायावती प्रत्‍येक साल 6 दिसंबर को अंबेडकर जयंती धूमधाम से मनाती है. पर इस बार अंबेडकर पार्क को जनता के लिए खोल कर अंबेडकर जयंती मनाने की मायावती की इच्‍छा अधूरी रह जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने मायावती सरकार की अपील को मानने से इंकार कर दिया है.