Sunday, October 31, 2010

काली होगी महाराष्ट्र के सीएम की दीवाली

मुंबई की आदर्श हाउसिंग सोसायटी में अनियमितता के आरोपों पर मुसीबत में फंसे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण पर फैसला जल्द होगा। कांग्रेस सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक आलाकमान चव्हाण के मामले पर अगले 48 घंटों में फैसला करेगा। रविवार को इस मुद्दे पर हुई बैठक में चव्हाण के उत्तराधिकारी को लेकर भी चर्चा की गई। इन आरोपों की जांच कर रही कांग्रेस की एक उच्च स्तरीय समिति ने मामले से जुड़े कागजातों के अध्ययन के लिए और समय मांगा है। समिति के दोनों सदस्यों रक्षा मंत्री एके एंटनी और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की रविवार रात हुई मुलाकात में यह फैसला लिया गया। मुलाकात के बाद प्रणब मुखर्जी ने कहा कि किसी भी फैसले से पहले हमें कुछ और दस्तावेज चाहिए। इनके अध्ययन के बाद ही सोनिया गांधी को रिपोर्ट दी जाएगी। सोनिया इसी रिपोर्ट के आधार पर अशोक चव्हाण के भविष्य का फैसला करेंगी। वैसे, मुखर्जी ने कहा कि इस मामले में देरी नहीं होगी और फैसला जल्द होगा। इससे पहले एके एंटनी ने भी कहा था कि इसमें अनावश्यक समय नहीं लगेगा। इस विषय में सामान्य समय लगेगा। फैसला जल्द लिया जाएगा।इस बीच, मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के लिए रविवार का दिन काफी भारी साबित हुआ। मुख्यमंत्री मीडिया से दूर रहने के लिए महाराष्ट्र सदन के बजाय अलग-अलग जगहों पर समय काटते रहे। वहीं उनके करीबी नेता मीडिया से मुलाकात में घोटाले में उनकी भूमिका को नगण्य साबित करने की कोशिश करते नजर आए। चव्हाण के एक करीबी नेता ने दैनिक भास्कर से कहा, ‘अगर इस पूरे प्रकरण में करगिल शब्द न जुड़ा होता तो मामला इतना तूल नहीं पकड़ता।’ मुख्यमंत्री के करीबी सूत्र पूरे विवाद में चव्हाण को कठघरे में खड़ा करने पर बचाव में तात्कालीन राजग सरकार, तब के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख, सुशील कुमार शिंदे और राकांपा नेता अजीत पवार की भूमिका पर भी सवाल उठा रहे हैं। इनका कहना है कि पूरे विवाद में सभी की भूमिका की जांच कर जवाबदेही तय होनी चाहिए। गौरतलब है कि ये सभी नाम ऐसे हैं, जो चव्हाण के उत्तराधिकारी के लिए चल रही दौड़ में शामिल हैं।

Thursday, September 9, 2010

संघ के 'मुंडा तीर' से आडवाणी पस्त

झारखंड में जेएमएम के साथ बीजेपी गठबंधन के घोर विराधी रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण
आडवाणी पार्टी प्रेजिडेंट नितिन गडकरी से खासा नाराज हैं। आडवाणी खेमे से आ रही खबरों के मुताबिक, आडवाणी आज अर्जुन मुंडा के शपथ समारोह में शामिल नहीं होंगे। सूत्रों से मिली जानाकारी के मुताबिक, जिस तरह पार्टी प्रेजिडेंट नितिन गडकरी ने झारखंड में सरकार बनाने के निर्णय से आडवाणी को दूर रखा, उससे पार्टी में साफ संदेश गया कि अब पार्टी के अहम निर्णय में अब आडवाणी को महत्व नहीं दिया जाएगा। वैसे, अर्जुन मुंडा के शपथ समारोह में खास तौर पर शामिल होने के लिए पार्टी प्रेजिडेंट बीती रात अपने रूस दौर से लौट आए हैं। गौरतलब है कि जेएमएम के साथ सरकार बनाने के निर्णय पर नितिन गडकरी ने पार्टी पार्लियामेंट बोर्ड जिसके चेयरमैन आडवाणी है, से कोई सलाह-मश्विरा नहीं किया। उनका यह निर्णय नागपुर की आरएसएस लॉबी के चलते लिया गया है, वहीं बीजेपी में उनके इस निर्णय का समर्थन पूर्व पार्टी प्रेजिडेंट राजनाथ सिंह कर रहे हैं।
सू्त्रों से मिली जानकारी के अनुसार, संघ झारखंड में ज्यादा दिनों तक प्रेजिडेंट रूल या फिर वहां कांग्रेस शासन को बिल्कुल नहीं चाहता है। संघ के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि झारखंड में चर्च के विस्तार पर अंकुश लगाने और धर्मांतरण को रोकने के लिए शिबू सोरेन को समर्थन देना संघ के दीर्घकालीन उद्देश्य को पूरा करने में फायदेमंद है। गौरतलब है कि देश में धर्मांतरण को रोकना संघ का दीर्घकालीन एजंडा है। संघ का साफ तौर पर मानना है कि भारत को अगर हिंदू राष्ट्र बनाना है तो उसे किसी भी कीमत पर देश में धर्मांतरण रोकना ही होगा। धर्मांतरण की वजह से पूर्वोत्तार भारत के राज्यों का जिस तरह से इसाईकरण हुआ है संघ नहीं चाहता कि वही हालात झारखंड में बने। उल्लेखनीय है कि आदिवासी बहुल इस राज्य में हाल में जिस तरह से कांग्रेस के समर्थन से चर्च और मिशनरियों का जिस तरहविस्तार हुआ है उसने संघ को चिंता में डाल दिया है। बीजेपी के जेएमएम के साथ सरकार चलाने के कड़वे अनुभव पर संघ ने गडकरी को कहा है कि बड़े उद्देश्य के लिए कभी-कभी कड़वा घूंट भी पीना पड़ता है।




Tuesday, September 7, 2010

इंदौर में वीएचपी उपाध्यक्ष समेत 150 गिरफ्तार

इंदौर।। संवेदनशील धार्मिक स्थल पर प्रतिबंधात्मक आदेश तोड़ते हुए सभा की कोशिश कर रहे विश्व हिन्दू परिषद
के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हुकुमचंद सांवला समेत 150 लोगों को यहां मंगलवार रात गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि शहर के कर्बला मैदान स्थित हनुमान चबूतरे पर रक्षा समिति के कार्यकर्ताओं ने पूजा-पाठ और आरती की। इसके बाद सांवला ने जैसे ही चबूतरे से अपने संबोधन की शुरूआत की, पुलिस ने उन्हें और स्थानीय संगठन के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने कर्बला मैदान पर धार्मिक सभा पर भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत एहतियातन रोक लगा रखी है। सूत्रों के मुताबिक सांवला समेत 150 लोगों को यह प्रतिबंध तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और जेल भेज दिया गया।

मुंडा बन सकते हैं अगले मुख्यमंत्री !

झारखंड में तेजी से बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच भाजपा ने पूर्व मुख्‍यमंत्री अर्जुन मुंडा को पार्टी विधायक दल का नया नेता चुन लिया है और वह झारखंड मुक्ति मोर्चा के समर्थन से मंगलवार को एक बजे राज्‍यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश करने वाली है।

इससे पहले नेता रघुवर दास ने आज पार्टी विधायक दल के नेता पद से इस्‍तीफा दे दिया। नए घटनाक्रम के मद्देनजर करीब तीन महीने बाद राज्‍य में चुनी हुई सरकार बनने का रास्ता साफ होता दिख रहा है और नए मुख्‍यमंत्री के तौर पर एक बार फिर मुंडा की ताजपोशी हो सकती है।

बीजेपी द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद 30 मई को शिबू सोरेन ने झारखंड में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। तभी से वहां राष्ट्रपति शासन लागू है। लेकिन अब संकेत हैं कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस बार बीजेपी को बिना शर्त समर्थन देने का फैसला लिया है।

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन अपने बेटे हेमंत सोरेन के साथ सोमवार को दिल्ली में थे, जिस दौरान संकेत मिले हैं कि उनकी बीजेपी नेताओं से चर्चा हुई है। रांची लौटने के बाद शिबू ने कहा कि जनता अभी चुनाव नहीं चाहती और जेएमएम किसी भी समान विचारधारा वाले दल को समर्थन देने के लिए तैयार है।

Monday, September 6, 2010

विधानसभाः पक्ष-विपक्ष ने दी एक-दूसरे को देख लेने की धमकी

चंडीगढ़. विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन जमकर हंगामा बरपा। एक बारगी तो ऐसी स्थिति आ गई कि विधानसभा अध्यक्ष हरमोहिन्दर सिंह चट्ठा को कुछ समय के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। विधायकों ने बांहें चढ़ा ली, एक- दूसरे को देख लेने की नौबत आ गई। चल बाहर-बाहर-चल बाहर जैसे शब्दों का प्रयोग होने लगा। विशेष बात यह भी देखने को मिली मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने खुद मोर्चा संभाला। विपक्ष के नेता ओमप्रकाश चौटाला से अधिकांश मुद्दों पर सीधी तकरार हुई। हुड्डा ने एकबारगी तो यहां तक कह दिया कि अगर आपको किसान हितैषी होने का गर्व है तो कंडेला जाकर पूछो, सच्चई पता चल जाएगी। बाद में चौटाला तो सदन से बाहर ही चले गए। एक बार उनकी उनको अपनी टिप्पणी वापस लेनी पड़ी।चौटाला ने शब्द वापस लिएचौटाला ने ऐसी आपत्तिजनक शब्दों को प्रयोग किया कि मुख्यमंत्री हुड्डा का पारा चढ़ गया। शब्द किसके लिए कहे यह तो समझ में नहीं आया लेकिन थाली में छेद करने वाली कहावत व सफेद कपड़ों में काली भेड़ जैसे शब्द सुनाई दिए। यह सुन मुख्यमंत्री तैश में आ गए, उनके साथ रणदीप सुरजेवाला व कैप्टन अजय सिंह यादव भी खड़े हो गए। सभी कहने लगे चौटाला शब्द वापस लें। इस पर अध्यक्ष बोले, आप शब्दवापस लें। चौटाला ने कहा, मेरे शब्दों से किसी को मानसिक पीड़ा हुई है तो मैं शब्द वापस लेता हूं। इस पर सीएम नहीं मानें। वे बोले, शब्द वापस लें। अध्यक्ष ने भी कह दिया कि पहले आप पहले यह बताओं की शब्द कहे या नहीं, हाउस तभी आगे चलेगा? पहले तो चौटाला अड़े रहे बाद में मुख्यमंत्री ने दबाव बढ़ाया तो चौटाला ने कहा, मैं अपने शब्द विदड्रा करता हूं। तब आगे की कार्रवाई चली।

दशहरा, दिवाली व छठ के बीच बिहार चुनाव से बिदके नेता

कुल 243 सीटों वाले बिहार विधानसभा का चुनाव छह चरणों तक खींचे जाने का अनुमान न तो नेताओं को था और न ही सूबे के नौकरशाहों को। नेता छह चरणों में चुनावों की घोषणा का तो इस्तेकबाल कर रहे हैं, लेकिन दशहरा, दिवाली और बिहार का सबसे पावन पर्व छठ के बीच चुनाव की घोषणा को वे गलत करार दे रहे हैं। चुनावों के बरक्स आयोग की घोषणा के साथ ही विभिन्न दलों के नेताओं ने छठ के ठीक पहले पांचवें चरण के चुनाव की तारीख में तब्दीली करने की मांग कर दी है। सूर्य की उपासना का पर्व छठ नहाय खाय, खरना और सूर्य को एक दिन शाम को और दूसरे दिन सूर्योदय के समय अघ्र्य के साथ तीन दिनों में संपन्न होता है।व्रत की तैयारी हफ्ते भर पहले से चलती है इस बीच माना जा रहा है कि विभिन्न दलों के प्रत्याशी चुनाव प्रचार नहीं करने के स्थिति में रहेंगे। दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, ‘चुनाव आयोग को छठ के ठीक पहले पांचवें चरण के चुनाव की तारीख बदलनी चाहिए। बिहार में छठ पर्व की महत्ता को देखते हुए 9 नवंबर को पांचवें चरण का चुनाव कराना किसी भी दृष्टि से ठीक नहीं।’ 5 नवंबर को दिवाली के छह दिनों के बाद छठ का पर्व होने के कारण तारीख आती है ११ नवंबर। माना जा रहा है कि व्रत का त्योहार तीन दिनों तक चलने का स्पष्ट असर चुनाव प्रचार पर पड़ेगा। ज्यादातर प्रत्याशियों को इस बात की भी चिंता सता रही है कि चुनावों के बीच आने वाले पर्व के कारण वोटरों तक अपनी बात असरदार तरीके से कैसे पहुंचाई जाए! राजद, लोजपा, भाजपा और कांग्रेस के कई नेताओं ने अलग-अलग बातचीत में स्वीकार किया कि कुछ चुनाव की कुछ तारीखों पर आयोग से बातचीत कर बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की जाएगी। औसतन हर चरण में 40 सीटों पर चुनाव की तैयारी आयोग ने की है। चाहे नक्सल प्रभावित गया, जहानाबाद और नेपाल के सीमावर्ती सीमांचल इलाका हो या फिर मिथिलांचल, भोजपुर और कोशी का वृहत क्षेत्र, सभी 56 हजार 943 पोलिंग बूथों पर केंद्रीय बल की तैनाती सुनिश्चित करने के लिए ही आयोग ने पिछली दफा 5 चरण की बजाय इस बार छह चरण के चुनाव का प्रस्ताव तैयार किया है।


सीवीसी नियुक्ति पर भाजपा को वीटो पॉवर नहीं : कांग्रेस

नई दिल्ली. कांग्रेस ने मुख्य सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति के मामले में भाजपा के विरोध को नकारते हुए कहा है कि विपक्ष की नेता को इस संबंध में वीटो का अधिकार नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता ने भाजपा पर संवैधानिक संस्थाओं के अवमूल्यन करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि एक पद पर किसी की नियुक्ति का फैसला हो गया है तो इस आधार पर उसे नहीं नकारा जा सकता कि वह नियुक्ति विपक्ष की पंसद की नहीं है। सिंघवी ने कहा कि भाजपा का रुख निंदनीय है। उन्होंनें कहा कि नियुक्ति के संबंध में विचार-विमर्श किया जाता है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि विपक्ष जिसे चाहता है उसे ही अहम पदांे पर नियुक्त किया जाए। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा इसके पहले भी चुनाव आयोग और गुजरात मामले में कोर्ट के संबंध में ऐसा ही नकारात्मक रुख अपनाती रही है।थॉमस के चयन पर बिफरे शरदकेंद्रीय दूरसंचार सचिव पीजे थॉमस को अगले मुख्य सतर्कता आयुक्त के चुनने की प्रक्रिया पर जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। भास्कर से बातचीत में वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस हाईप्रोफाइल पद पर कौन दौड़ में रहे, मैं इसके विस्तार में जाने की बजाय चयन प्रक्रिया को देखकर चिंतित हूं। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और विपक्ष की नेता को मिलाकर केवल तीन सदस्यीय समिति की स्थापना उपयुक्त अधिकारी की सर्वसम्मति से चयन के लिए की गई थी, लेकिन आम सहमति के बगैर ही देश को मुख्य चुनाव आयुक्त थोपने की कोशिश की जा रही है।’ थॉमस के नाम पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की तो सहमति है, पर विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने असहमति जता दी थी।

Sunday, September 5, 2010

कांग्रेस में एक भी ‘मर्द’ बचा है?: शिवसेना

सोनिया गांधी के लगातार चौथी बार कांग्रेस अध्यक्ष निर्वाचित होने के एक दिन बाद शिवसेना ने शनिवार को उनके विदेशी मूल का मुद्दा एक बार फिर उठाते हुए कांग्रेस में किसी 'पुरुष' के होने पर शंका जताई।पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में एक तीखे संपादकीय में बाल ठाकरे की पार्टी ने सोनिया पर हमला करते हुए सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस में कोई 'मर्द' है जो गांधी परिवार को चुनौती दे सकता है।संपादकीय में कहा गया, "कभी कहा जाता था कि इंदिरा गांधी (दिवंगत प्रधानमंत्री) अपने मंत्रिमंडल में एकमात्र मर्द हैं। सोनिया गांधी के युग में हम पूछ सकते हैं कि क्या कांग्रेस में एक भी मर्द बचा है? यदि ऐसा है तो उन्हें एक विदेशी महिला के सामने पार्टी के गर्व को समर्पित नहीं करना चाहिए।"सामना ने कहा कि कांग्रेस की स्थापना एक विदेशी ए. ओ .ह्यूम ने की थी लेकिन विदेशी होने के कारण वे भी कभी पार्टी अध्यक्ष नहीं बने। इसके बजाए दादाभाई नौरोजी या सुरेंद्रनाथ बनर्जी जैसे भारतीय दिग्गजों को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया।‘सामना’ के अनुसार वर्ष 1998 में जब शरद पवार, माखनलाल फोतेदार और भजनलाल जैसे नेताओं ने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम केसरी को जबरन हटाकर राजीव गांधी की विधवा सोनिया को पार्टी अध्यक्ष बनाया था, तो उनका मानना था कि वे उनसे अपनी मर्जी के मुताबिक काम करवाएंगे।इन सभी नेताओं को सोनिया माइनो गांधी के विदेशी मूल पर सवाल खड़ा करने के कारण पार्टी छोड़ने को विवश होना पड़ा और इसके बाद मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने।
संपादकीय के अनुसार अब सोनिया गांधी के जीवन का प्राथमिक लक्ष्य अपने बेटे राहुल गांधी को देश का प्रधानमंत्री बनाना है, लेकिन पार्टी के किसी भी व्यक्ति में उन्हें चुनौती देने का साहस नहीं है।‘सामना’ ने लिखा है कि जिस पार्टी में कभी महात्मा गांधी के फैसलों पर सवाल उठाए जाते और उन्हें चुनौती दी जाती थी, वहीं अब उसी पार्टी के लोगों में घुटने टेककर सोनिया गांधी के फैसलों को स्वीकार करने की प्रवृत्ति है।

विश्वसनीय छत्तीसगढ़’ आम जनता के लिए जारी

नितिन गडकरी ने रविवार को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निवास पर राज्य के लिए प्रदेश सरकार द्वारा तैयार नया प्रतीक वाक्य ‘विश्वसनीय छत्तीसगढ़’ को आम जनता के लिए जारी किया। राज्य शासन द्वारा अपनी योजनाओं के प्रचार-प्रसार और जनसम्पर्क अभियानों में इस प्रतीक वाक्य का इस्तेमाल किया जाएगा। श्री गडकरी ने कहा कि नए छत्तीसगढ़ राज्य में प्रदेश सरकार की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से आम जनता में विकास और विश्वास का एक नया वातावरण निर्मित हुआ है।मुख्यमंत्री डॉ.सिंह ने श्री गडकरी को बताया कि अपार क्षमताओं, अवसरों और अपार सद्भावना की धरती छत्तीसगढ़ ने पिछले दस वर्षो में यह साबित कर दिया है कि अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में मजबूती से उभरते भारत और दुनिया के लोग अब छत्तीसगढ़ पर भरोसा करते हैं और यही अब छत्तीसगढ़ की नई पहचान बन गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यही इस प्रतीक वाक्य की रचना की बुनियाद है। उन्होंने कहा कि पहले छत्तीसग़ढ की पहचान अपार प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण एक ऐसे राज्य के रूप में थी, जो देश की आजादी की लगभग आधी शताब्दी गुजर जाने के बाद भी पिछड़ेपन की छाया से मुक्त नहीं हो पाया था। राज्य में सामाजिक-आर्थिक विकास के अनेक क्षेत्रों में कई अभूतपूर्व और महत्वपूर्ण उपलब्धियां दर्ज की गयी। राज्य के संसाधनों में विकास की क्षमता के प्रति भी राज्य के भीतर और बाहर विश्वास की एक नई लहर देखी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्हीं भावनाओं को शामिल करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के नए प्रतीक ‘ विश्वसनीय छत्तीसगढ़’ की रचना की गई है। इसमें हर रंग राज्य की वन-संस्कृति और कृषि-संस्कृति का प्रतीक है। लाल रंग दस वर्ष पुराने नहीं बल्कि तरुणाई की ओर ब़ढते छत्तीसग़ढ के उत्साह, उमंग, जोश और गतिशीलता का प्रतीक है।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का यह नया प्रतीक वाक्य ‘विश्वसनीय छत्तीसग़ढ’ संस्कारों के लिए प्रतिबद्धता और समग्र विकास के लिए नवीन शिखरों तक पहुंचने के संकल्पों का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इन दो शब्दों को जो़डते हुए धान की जो सुनहरी बालियां इसमें प्रदर्शित की गयी है, उनका आकार एक उड़ते हुए सुनहरे पक्षी का है। यह राज्य में विकास की वर्तमान तेज गति और भविष्य की स्वर्णिम संभावनाओं का भी प्रतीक है। छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ियों का योगदान यह विश्वास दिलाता है कि भारत की विकास गाथा में छत्तीसगढ़ की वर्तमान भूमिका के साथ-साथ भावी भूमिका और भी ज्यादा महत्वपूर्ण रहेगी।

वसुंधरा, माथुर सहित कई नेताओं की सुरक्षा हटाई

सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, सांसद ओमप्रकाश माथुर समेत कई भाजपा नेताओं की सुरक्षा हटा ली है।अचानक सुरक्षाकर्मी बुलाए जाने से नाराज भाजपा नेताओं ने सरकार पर ओछी मानसिकता का आरोप लगाया है। सूत्रों के अनुसार 2 सितंबर को सरपंचों के आंदोलन का समर्थन करने के बाद विधायकों और सांसदों की गिरफ्तारी से ठीक पहले देर रात सभी सुरक्षा गार्डो को वापस बुला लिया गया था। इसके बाद अभी तक ये गार्ड वापस नहीं लौटे हैं।गृहमंत्री और डीजी ने कहा-हमें पता ही नहीं: गृहमंत्री शांति धारीवाल ने इस बारे में कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। वे फिलहाल कोटा में हैं, इसलिए पुलिस महानिदेशक हरीशचंद्र मीना ही कुछ बता सकते हैं। मीना ने कहा कि उन्हें भी इस बारे में कुछ नहीं पता। वे फाइल देखकर ही बता सकते हैं। शेष x पेज ४मैं तो कल भी अकेला ट्यूर करके आया हूं: ओमप्रकाश माथुर का कहना है कि मुझे वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। मेरे सभी सुरक्षाकर्मी 2 सितंबर की रात्रि वापस बुला लिए गए। कारण मुझे पता नहीं है। मैं तो शनिवार को भी अकेला ही टूर करके आया हूं। सरकार की ओछी मानसिकता: पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़ का कहना है कि उन्हें धमकियां मिली हुई हैं। सीआईडी सीबी की रिपोर्ट पर उन्हें दो सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराए गए थे। सरपंच आंदोलन के समर्थन में हमारी गिरफ्तारी से पहले इन गार्डो को अचानक बुला लिया गया। यह सरकार की ओछी मानसिकता है। अब कुछ हुआ तो सरकार की जिम्मेदारी: पूर्व मंत्री डॉ. दिगंबरसिंह ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक वातावरण को देखते हुए उन्हें सीआईडी की रिपोर्ट पर सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। सरकार ने सरपंच आंदोलन के कारण उनके सभी सुरक्षाकर्मी वापस बुला लिए। अब यदि उनके साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। इनके हटाए सुरक्षाकर्मीराज्यसभा सांसद ओमप्रकाश माथुर, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधराराजे, सांसद डॉ. किरोड़ीलाल, पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़, डॉ. दिगंबरसिंह के सभी सुरक्षाकर्मी वापस बुला लिए गए हैं। इनमें से माथुर, वसुंधरा और किरोड़ीलाल को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली है। इन नेताओं का कहना है कि उन्हें लिखित या मौखिक आदेश भी नहीं दिया गया।

Thursday, September 2, 2010

विधायक पुत्र के साथ मारपीट

श्रीडूंगरगढ के कांग्रेस विधायक मंगलाराम गोदारा के पुत्र को घेरकर कुछ लोगों ने मारपीट कर दी। यह घटना पूनरासर गांव में गुरूवार दोपहर को हुई। इससे उनके चोटें आई। मारपीट के कारणों का अभी खुलासा नहीं हो सका है।
पुलिस ने बताया कि मारपीट में घायल हुए विधायक पुत्र केसराराम गोदारा (35) को यहां पीबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके बयान अभी तक दर्ज नहीं हुए। उधर, घटना की सूचना मिलने पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतीश चंद्र जांगिड, वृत्ताधिकारी सदर सरजीत सिंह व अन्य घटनास्थल गांव पूनरासर पहुंच गए तथा आरोपियों की तलाश शुरू कर दी।

सोनिया बनेंगी चौथी बार कांग्रेस अध्यक्ष

नई दिल्ली। सोनिया गांधी शुक्रवार को चौथी बार कांग्रेस अध्यक्ष बनकर नया रिकॉर्ड बनाएंगी। उनका फिर से अध्यक्ष चुना जाना तय हो गया है। गुरूवार को एकमात्र पर्चा उन्होंने ही दाखिल किया। इस औपचारिकता को पूरा करने में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी समेत सभी पदाघिकारियों, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, केन्द्रीय मंत्रियों व प्रदेश अध्यक्षों ने अपना योगदान दिया। केन्द्रीय चुनाव प्राघिकरण के अध्यक्ष आस्कर फर्नांडीस ने बताया कि सोनिया गांधी के समर्थन में 56 प्रस्ताव आए जिसमें से एक प्रस्ताव चंडीगढ का रद्द किया गया।
शुक्रवार को बाकी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शाम को सोनिया को फिर अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा की जाएगी। पार्टी संविधान के अनुसार अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार को स्वयं नामांकन भरना जरूरी नहीं है। कोई भी दस मतदाता उम्मीदवार की लिखित सहमति के बाद उनके नाम का प्रस्ताव करते हैं।
पीएम ने भरा पहला प्रस्तावसोनिया ने 1998 में पार्टी की कमान संभाली थी। सोनिया गांधी को अध्यक्ष बनाने का सबसे पहला प्रस्ताव गुरूवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भरा। इसके बाद प्रणव मुखर्जी के नेतृत्व में मंत्री व पदाघिकारी शामिल हुए। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी सहित कई नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष के समर्थन में पर्चे भरे।

गुस्साए सरपंचों का विधानसभा कूच आज

जयपुर । जयपुर में स्टेच्यू सर्किल के पास उद्योग मैदान में दो दिन से जमे राज्यभर के सरपंचों ने शुक्रवार को सुबह 11 बजे विधानसभा की ओर कूच करने का ऎलान किया है। सरपंच ग्राम पंचायतों का सामाजिक अंकेक्षण और अधिकारों में की गई कटौती समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। पडाव स्थल पर सरपंचों के साथ बैठे भाजपा व निर्दलीय विधायकों और सांसद किरोडी लाल मीणा ने भी कूच में शामिल होने का ऎलान किया है। इस बीच खबर है कि स्टेच्य सर्किल पर जमे सरपंचों को देर रात पुलिस ने हटा दिया है तथा पडाव स्थल से भाजपा नेता ओम बिरला व राजेन्द्र राठौड तथा सांसद मीणा को उठा कर उन्हें गुप्त स्थान पर ले जाया गया है। विधानसभा की तरफ जाने वाले मार्गों पर सुरक्षा बढा दी गई है तथा बेरिकेट्स लगाए गए हैं।
सरपंचों में पुलिस के लाठीचार्ज को लेकर आक्रोश है। पडाव स्थल पर दिनभर चली सभा के दौरान लोगों ने लाठीवार की निंदा की। सरपंचों का कहना था कि जब तक उनकी मांगें मानी नहीं जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। भाजपा विधायक ओम बिडला व सांसद मीणा ने सरपंचों से आह्वान किया कि सरपंच साथियों व समर्थकों को रातों रात जयपुर बुलाएं। पडावस्थल पर नई संघर्ष समिति भी गठित की गई। इस बीच सांसद किरोडीलाल मीणा को सरकार की ओर से दी गई वाई श्रेणी की सुरक्षा देर रात्रि हटा दी गई। मीणा के अनुसार उनके सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि उन्हें पुलिस लाइन बुलाए जाने का आदेश मिला है।
सरपंचों में गुटबाजी पडाव के दौरान सरपंचों में गुटबाजी भी नजर आई। यह गुटबाजी उद्योग मैदान में पडाव शुरू होने के साथ ही शुरू हो गई थी। शुक्रवार को भी यह देखने को मिली। कांग्रेस की विचारधारा वाले सरपंच पडाव स्थल पर बिखरे नजर आए।
बातचीत से मामला सुलझाए सरकारसरपंचों के कूच में भाजपा विधायक शामिल होंगे। यह आंदोलन सरपंचों का है और उन्हें ही आंदोलन की रणनीति तैयार करनी है। संवेदनहीन हो चुकी सरकार ने महिलाओं को भी नहीं छोडा। सरकार को मामला बातचीत से सुलझाना चाहिए लेकिन सरकार डण्डे बरसा रही है। वसुन्धरा राजे, राष्ट्रीय महामंत्री, भाजपा
'हिंसा हुई तो भाजपा जिम्मेदार'मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार को आरोप लगाया कि भाजपा व उनकी पूर्व मुख्यमंत्री सरपंचों के आंदोलन में हिंसा भडकाने का षड्यंत्र कर रही हैं। गहलोत ने इसे राज्य की परम्परा के खिलाफ बताते हुए निन्दा की और कहा कि शुक्रवार को कोई हिंसा हुई तो भाजपा व पूर्व मुख्यमंत्री इसके लिए जिम्मेदार होंगे।
उन्होंने सरपंचों से भी अपील की, वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रखें, वार्ता के द्वार खुले हैं। सरकार खुले दिमाग से उनकी मांगों पर विचार कर जरूरी कार्रवाई करेगी। वे कानून हाथ में नहीं लें और सरपंचों के नाम पर हिंसा फैलाने वालों से सावधान रहें। सरपंचों के सहयोग के बिना ग्रामीण विकास नहीं हो सकता। अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत में गुरूवार को गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में आंदोलन का सबको हक है। सरपंचों की मांग पर पंचायती राज मंत्री ने एक कमेटी बनाई है जो गौर कर रही है।
इसमें भी दिक्कत नहीं लेकिन अब भाजपा ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए आंदोलन को हथिया लिया है। भाजपा के नेता, खास कर पूर्व मुख्यमंत्री, धरनास्थल पर जाकर भडकाऊ भाषण दे रहे हैं कि बदला लेना है। गुप्त बैठकें हो रही हैं और षडयंत्र किए जा रहे हैं कि किस तरह हिंसा हो। यह प्रयास और सोच निन्दनीय है।
गहलोत ने कहा कि सरपंच बुधवार को उनसे मिलना चाहते थे, वे तैयार भी थे, लेकिन उन्हें नहीं मिलने दिया गया। बाद में लाठीवार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। गहलोत के अनुसार अपने शासनकाल में 21 बार गोलियां चला कर 90 लोगों को मार चुकी भाजपा व पूर्व मुख्यमंत्री को मलाल है कि कांग्रेस राज में गोली क्यों नहीं चल रही। उन्होंने कहा कि अपने राजनीतिक स्वार्थ पूरा करने के लिए हिंसा फैलाने के षडयंत्र का किसी को अघिकार नहीं।
जिस भाजपा ने पंचायतों के अघिकार वापस ले लिए, पांच साल तक कटारिया कमेटी का नाटक कर अघिकारों का मामला दबाए रखा। वे आज कि स हक से सरपंचों की तरफदारी कर रही हैं। इसका उन्हें नैतिक अघिकार ही नहीं है। भाजपा विधानसभा में अपनी बात रखे, लेकिन इस तरह आंदोलन का मकसद पीछे छोड कर सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेंकने का हक किसी को नहीं है। उन्होंने कहा कि माकपा विधायक अमराराम व सांसद किरोडीलाल से भी उन्हें आंदोलन भडकाने की अपेक्षा नहीं है।
सरपंचों की मांग पर गहलोत ने कहा कि उनका सम्मान कायम रहना चाहिए। खरीद प्रक्रिया में बदलाव इसीलिए किया गया है कि सरपंच बदनाम न हों, उनकी विश्वसनीयता बनी रहे। इस मामले में सरपंचों की एकल पीठ में हार के बाद हाईकोर्ट में अपील भी लम्बित है और सरकार के पास सीमित विकल्प हैं।

Sunday, August 1, 2010

'मेरा जीना उतना जरूरी नहीं, जितना मुलायम का मरना'

अमर सिंह ने एसपी प्रमुख मुलायम सिंह यादव पर अब तक का सबसे करारा हमला किया। अमर ने
कहा कि उनके जीने से ज्यादा जरूरी मुलायम सिंह जैसे नेताओ का मरना। इलाहाबाद में रविवार शाम पीस पार्टी की एक जनसभा में लोकमंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमर सिंह की जुबान फ्रेंडशिप डे पर आग उगल रही थी। उन्होंने मुलायम पर अब तक का सबसे तीखा हमला किया। कभी मुलायम के सबसे नजदीकी दोस्त रहे अमर सिंह ने कहा कि मेरा जीना उतना जरूरी नहीं जितना मुलायम सिंह जैसे सियासतदारों का मरना जरूरी है। एसपी के पूर्व महासचिव अमर सिंह ने कहा कि मुलायम सिंह ने मुसलमानों के हित में कुछ करने के बजाय उन्हें हमेशा धोखा दिया है। मुसलमान मुलायम के चेहरे को अच्छी तरह से पहचान गए हैं। मालूम हो कि एसपी से निष्कासित किए जाने से पहले अमर सिंह अक्सर मुलायम से अपनी दोस्ती के बारे में कहते थे कि हम दो जिस्म एक जान हैं।



कांग्रेस को भारी पड़ेगी मोदी से पूछताछ : वेंकैया
सोहराबुद्दीन मामले में कथित तौर पर बीजेपी को निशाना बनाने के लिए सीबीआई के इस्तेमाल पर कां
ग्रेसनीत यूपीए की आलोचना करते हुए वरिष्ठ पार्टी नेता एम वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछताछ की खातिर कोई कदम उठाना कांग्रेस के लिए आत्मघाती साबित होगा। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, हमें जानकारी मिली है कि सोहराबुद्दीन मामले में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद मोदी से सीबीआई पूछताछ करने वाली है। यह कांग्रेस पार्टी के लिए आत्मघाती साबित होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि देश के एक खास समुदाय को तुष्ट करने के लिए कांग्रेस सोहराबुद्दीन मामले का इस्तेमाल कर बीजेपी के साथ राजनीतिक मुठभेड़ करना चाहती है।
उन्होंने कहा हमें यह भी जानकारी मिली है कि सीबीआई की योजना मामले में मोदी को फंसाने की है। इस दिशा में कोई कदम अंतत: कांग्रेस पार्टी के लिए आत्मघाती साबित होगा। नायडू ने कहा कि केंद्र या सीबीआई द्वारा गुजरात की छवि को प्रभावित करने के किसी भी प्रयास का पुरजोर विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'आग से नहीं खेलना चाहिए। मोदी सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री हैं और उनके नेतृत्व में गुजरात विकास के रास्ते पर आगे बढ़ा है।'

जोशी ने किया आचार संहिता का उल्लंघन

राजकीय अतिथि मानते हुए कुछ शर्तो पर वहां ठहरने की अनुमति दी।
इसमें साफ कहा गया था कि वे किसी भी राजनीतिक कार्यकर्ता से नहीं मिलेंगे और न ही चुनाव के बारे में किसी संवाददाता से बातचीत करेंगे। इसके बावजूद वे उदयपुर से जयपुर जाते समय कुछ देर के लिए यहां सर्किट हाउस में ठहरे और पार्टी कार्यकर्ताओं से भी मिले। पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। इस दौरान जोशी ने सभी से कहा कि इस बार भी स्थानीय निकाय चुनाव में एकजुटता दिखाते हुए जीत दर्ज करें।
जिला कलक्टर से रिपोर्ट मांगेंगेजोशी को सर्किट हाउस में ठहरने की अनुमति दी थी, लेकिन वहां कार्यकर्ताओं से मिलने तथा संवाददाताओं से चुनाव के बारे में बातचीत करना चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। इसकी रिपोर्ट जिला कलक्टर से मांगी जाएगी। ए.के. पाण्डे, आयुक्त, राज्य निर्वाचन आयोग, जयपुर केन्द्रीय ग्र्रामीण विकास एवं पंचायती राजमंत्री सी.पी. जोशी रविवार को न केवल भीलवाडा सर्किट हाउस में ठहरे, बल्कि पार्टी कार्यकर्ताओं से मिले और उन्हें एकजुट होकर स्थानीय निकाय चुनाव लडने की नसीहत देकर आचार संहिता का उल्लंघन किया। जोशी ने राज्य निर्वाचन आयोग से सर्किट हाउस में ठहरने की अनुमति मांगी थी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ए.के. पाण्डे ने उन्हें

गतिरोध खत्म, संसद में होगी महंगाई पर चर्चा

नई दिल्ली। महंगाई पर चर्चा को लेकर संसद की कार्यवाही में गतिरोध दूर करने के लिए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की टी पार्टी में विपक्षी दलों से सरकार की सुलह हो गई है। न तुम हारे न हम हारे की तर्ज पर केन्द्र सरकार महंगाई के मुद्दे पर संसद में चर्चा को तैयार हो गई। हालांकि अब यह चर्चा बिना किसी नियम के होगी। विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा मौका मिलेगा और सरकार भी जवाब देगी। इससे पहले विपक्ष नियम 184 के तहत चर्चा पर अडा था। इस नियम के तहत बाद में वोटिंग का प्रावधान है। उधर, सरकार नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार थी, इसमें वोटिंग का प्रावधान नहीं है। सूत्रों के अनुसार लोकसभा के नेता प्रणब मुखर्जी के निमंत्रण पर सुबह उनके निवास पर टी पार्टी में जुटे विपक्षी दलों के नेताओं ने इस फैसले पर सहमति जताई। बातचीत में तय हुआ कि लोकसभा में महंगाई पर चर्चा कल और राज्यसभा में चर्चा परसों होगी। बैठक के बाद आज सदन चलने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में विपक्षी दलों के नेताओं का कहना था कि जब सरकार ने चर्चा कराने का वादा कर लिया है तो उसे आज सदन की कार्यवाही चलने में उन्हें कोई एतराज नहीं। प्रणब ने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को सुबह नाश्ते पर आमंत्रित किया था। नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव समेत कई नेता प्रणब के निवास पहुंचे। जनता दल (यू) नेता शरद यादव, माकपा नेता बासुदेब आचार्य, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और अन्य नेताओं को इस बैठक के लिए आमंत्रित थे। हालांकि विपक्षी कुछ बाते मानने से सरकार साफ किनारा कर गई। प्रस्ताव में मुद्रास्फीति की जगह 'महंगाई' व 'आम आदमी' जैसे शब्द जोडे जाने की विपक्ष की मांग ठुकरा दी गई है।ज्ञातव्य है कि संसद के मानसून सत्र का पहला सप्ताह महंगाई के मुद्दे पर विपक्षी दलों के हंगामे की भेंट चढ गया। विपक्ष जहां मतदान के प्रावधान वाले नियमों के तहत चर्चा कराने की मांग करता रहा वहीं सरकार ऎसे किसी भी नियम के तहत चर्चा से बचती नजर आई।

Tuesday, June 15, 2010

भोपाल गैस कांडः अर्जुन सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज

भोपाल।। भोपाल गैस कांड में यूनियन कार्बाइड के चीफ वॉरेन एंडरसन को गलत तरीके से रिहा किए जाने के मामले में यहां की स्थानीय अदालत में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। इसके साथ ही एंडरसन को आसानी से निकलने देने के आरोप में भोपाल के तत्कालीन कलेक्टर मोती सिंह और एसपी स्वाराज पुरी के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई गई है। एडवोकेट फुर्खान खान ने एक निजी शिकायत चीफ जूडिशल मजिस्ट्रेट (सीजीएम)आर. जी. सिंह की कोर्ट में दर्ज कराई। उन्होंने मांग की है एंडरसन को गलत तरीके से भोपाल से निकल जाने में मदद करने के लिए अर्जुन सिंह के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज किया जाए।

वाजपेयी, प्रियंका व जायसवाल की चादरें पेश

ख्वाजा साहब के उर्स में अपनी हाजिरी लगाने के लिए विशिष्ट व्यक्तियों ने चादरें भेजनी शुरू कर दी हैं। दरगाह में सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, प्रियंका गांधी वाड्रा व केंद्रीय कोयला राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीप्रकाश जायसवाल की ओर से चादर पेश की गई। इस दौरान दरगाह के बुलंद दरवाजे पर उर्स मौके पर अवाम के नाम भेजा गया उनका संदेश पढकर भी सुनाया गया। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से बुधवार सुबह 8 बजे गरीब नवाज की दरगाह में चादर पेश की जाएगी।
वाजपेयी की चादर लेकर उनके निजी सचिव शिवकुमार शर्मा यहां आए। स्थानीय भाजपा नेताओं के साथ उन्होंने चादर पेश की। वाजपेयी ने अपने संदेश में कहा है कि 'ख्वाजा साहब की ओर से दिए गए सर्वधर्म समभाव, सद्भावना और भाईचारे के संदेश की प्रासंगिकता जितनी पहले थी, उतनी ही आज भी है।'
प्रियंका वाड्रा की चादर अमेटी से दरगाह कमेटी सदस्य हाफिज वकील अहमद लेकर आए। प्रियंका ने अपने संदेश में कहा है कि 'ख्वाजा साहब का उर्स सभी धर्मों के लोग श्रद्धा के साथ मनाते हैं। यह हमारी सामाजिक एकता की मिसाल है। हम सबकी कोशिश होनी चाहिए कि ख्वाजा साहब के उसूलों को दूर-दूर तक फैलाएं।' हाफिज ने जायसवाल की ओर से भी चादर पेश कर अमन-चैन के लिए दुआ की।
गहलोत आएंगे सोनिया की चादर पेश करनेकांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया की ओर से चादर पेश करने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री सी.पी.जोशी, केंद्रीय न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मुकुल वासनिक, केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री सलमान खुर्शीद सहित अन्य मंत्री व कांग्रेस नेता बुधवार को अजमेर आएंगे। सोनिया ने सोमवार को ऑल इंडिया कांग्रेस के सचिव अनीस दुर्रानी को दिल्ली में चादर सौंपी। दुर्रानी चादर लेकर मंगलवार दोपहर शताब्दी एक्सप्रेस से अजमेर पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि कई मंत्रियों की मौजूदगी में सोमवार सुबह उन्हें चादर सौंपी गई।

एंडरसन को भगाने के लिए अर्जुन जिम्मेदार: अमर

लखनऊ। लोकमंच के संयोजक और सांसद अमर सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी का बचाव करते हुए कहा है कि भोपाल गैस त्रासदी के मुख्य आरोपी वारेन एंडरसन को बचाने के लिए मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह जिम्मेदार हैं।
सिंह ने सोमवार को पत्रकारों से कहा कि इस सम्बंध में गांधी के सचिव रहे पी.सी अलेक्जेण्डर का बयान भ्रामक है क्योंकि अलेक्जेण्डर की राजनीतिक निष्ठाएं लगातार बदली हैं।
यदि गांधी का एंडरसन को भगाने में जरा भी हाथ था तो अलेक्जेण्डर ने भोपाल त्रासदी के समय ही इसका खुलासा क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा कि अलेक्जेण्डर की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से नजदीकियां जगजाहिर हैं। सिंह ने कहा कि गांधी की मृत्यु हो चुकी है इसलिए अब उन्हें इस विवाद में नहीं खींचा जाना चाहिए। अर्जुन सिंह ने घटना के समय पूरी जिम्मेदारी अपने ऊपर ली थी। उस बयान को उन्होंने अभी तक वापस नहीं लिया है। इसलिए भोपाल गैस त्रासदी की जिम्मेदारी उन्हीं की है।

मेघवाल इस्तीफा दें-वसुंधरा राजे

जयपुर । भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शिक्षकों पर की गई टिप्पणियों के लिए शिक्षा मंत्री भंवरलाल मेघवाल से शर्मिदा होकर इस्तीफा देने की बात कही है। राजे ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री ने शिक्षक समुदाय और महिलाओं के लिए जो टिप्पणियां की, वे आपत्तिजनक हैं और महिलाओं की इ"ात से खिलवाड है। हमारी संस्कृति में महिलाओं को बडा मान-सम्मान दिया गया है, उन्हें मां का दर्जा मिला हुआ है। खुद महिलाएं और जनता इसका बदला लेंगी। शिक्षा मंत्री को तो शर्मिदा होकर इस्तीफा दे देना चाहिए।

Saturday, June 12, 2010

गैस की आंच से राजीव को बचाने उतरी कांग्रेस

कांग्रेस ने जोरदार ढंग से अपने नेता का बचाव करते हुए कहा है कि एंडरसन के भारत
से भागने के मामले में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की कोई भूमिका नहीं थी। कांग्रेस कोर ग्रुप ने शुक्रवार को भोपाल गैस कांड के राजनीतिक पहलुओं पर चर्चा की। मुख्य विषय था बीजेपी द्वारा इस मामले में राजीव गांधी पर सवाल उठाना और मामले की आंच राजीव पर आने से रोकना। कोर ग्रुप ने यूनियन कार्बाइड के पूर्व प्रमुख वॉरेन एंडरसन की गिरफ्तारी, उसकी जमानत, राज्य सरकार के विमान से दिल्ली जाने और फिर भारत छोड़ने के नए खुलासों से निपटने के तौर तरीकों पर विचार किया। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, प्रणव मुखर्जी, पी. चिदंबरम, ए. के. एंटनी और अहमद पटेल मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि ऐसे कठिन समय में कुछ वरिष्ठ नेताओं द्वारा अपने हिसाब बराबर करने के लिए इस संवेदनशील मामले का इस्तेमाल करना कांग्रेस के लिए और बड़ी समस्या बन गया है। पार्टी के कुछ नेता सारी जिम्मेदारी तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह पर डालने की जिस तरह कोशिश कर रहे हैं, उससे भी पार्टी नेतृत्व सशंकित है। हालांकि नेतृत्व को अर्जुन सिंह पर पूरा भरोसा है, लेकिन यह शंका भी बनी हुई है कि अगर पार्टी में हाशिए पर पड़े अस्वस्थ अर्जुन सिंह को ज्यादा भड़काया तो उनकी चुप्पी टूट भी सकती है। किसी समय पार्टी में बेहद ताकतवर रहे अर्जुन सिंह को नेहरू- गांधी परिवार के अनन्य वफादारों में माना जाता है।
पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में संवाददाताओं के ढेर सारे सवालों के जवाब में प्रवक्ता जयंती नटराटजन ने कहा कि एंडरसन के मामले में न तो तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की कोई भूमिका थी और न ही केन्द्र सरकार की। जयंती ने कहा कि सचाई सामने आना चाहिए। इसीलिए केन्द्र सरकार ने एक मंत्री समूह (जीओएम) का गठन किया है। सारे तथ्य इसके जरिए सामने लाए जाएंगे। लेकिन जयंती ने बीजेपी की इस मांग पर कोई टिप्पणी करने से इनकार दिया कि अर्जुन सिंह को सारे तथ्य सामने रखना चाहिए। जयंती से यह भी पूछा गया कि क्या कांग्रेस के कुछ नेता अर्जुन सिंह को बोलने के लिए उकसा रहे हैं? जयंती ने कहा कि ऐसा नहीं है। उधर अपनी पत्नी के इलाज के सिलसिले में अमेरिका गए दिग्विजय ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने कभी भी केन्द्र सरकार को जिम्मेदार नहीं कहा। एंडरसन की जमानत और भागने के मामले में दिग्विजय ने कहा वे इस घटनाक्रम से अवगत नहीं हैं। इन सारे मामलों के जवाब उस समय के मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह, चीफ सेक्रेटरी ब्रह्मस्वरुप, कलेक्टर मोती सिंह और एसपी स्वराज पुरी ही दे सकते थे। ब्रह्मस्वरुप का निधन हो चुका है। दिग्विजय उस समय अर्जुन मंत्रिमंडल के सदस्य थे। लेकिन लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके थे। दिग्विजय ने कहा कि गैस कांड के बाद राजीव गांधी अपने चुनावी दौरे को बीच में छोड़कर भोपाल आए थे और गैस प्रभावित क्षेत्रों में जाकर पीड़ितों से मिले थे। उस समय राजीव ने गैस त्रासदी के लिए यूनियन कार्बाइड को दोषी ठहराया था। उस समय राजीव के पिंसिपल सेक्रेटरी रहे पी. सी. अलेकजेंडर ने कहा है कि मुझे नहीं लगता कि इस मामले में राजीव गांधी की कोई भूमिका थी। उसी दौरान राजीव के निजी सचिव रहे आर. के. धवन ने भी कहा कि राजीव गांधी को एंडरसन के मामले में कोई जानकारी नहीं थी। एक आदमी जो सारे जवाब दे सकता है वह अर्जुन सिंह हैं।

MNS ने निलंबन रद्द करने की शर्त पर दिया समर्थन!

राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के 13 विधायकों के समर्थन की बदौलत कांग्रेस और एनसीपी के सात उम्मीदवार विधान परिषद की चुनावी वैतरणी पार कर गए। क्या अपने चार विधायकों का निलंबन खत्म करने की शर्त पर MNS ने इन सत्तारूढ़ दलों को समर्थन दिया? राजनीतिक गलियारों में ये सवाल उछल रहा है और इस समर्थन से सबसे ज्यादा फायदा पाने वाली कांग्रेस पार्टी पूरे मामले से हाथ धोने में जुटी है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने शुक्रवार को जब प्रेस सम्मेलन बुलाया तो यही सवाल गूंज रहा था। माणिकराव ने सफाई वही सफाई दी जो एक दिन पहले अशोक चव्हाण दे चुके थे। उन्होंने कहा, 'जब हमारे तीनों उम्मीदवारों को जिताने लायक वोट हमारे पास थे, तब MNS से समर्थन मांगने का सवाल कहां उठता है'। कांग्रेस के समर्थन पर चुनाव लड़ रहे निर्दलीय उम्मीदवार विजय सावंत को मिले वोटों का मामला वे निर्दलीय और छोटे दलों का समर्थन बताकर लगभग टाल गए। इस मामले में उनकी मुश्किल इसलिए भी बढ़ गई है कि चुनाव के तुरंत बाद एनसीपी के उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल ने MNS के समर्थन की बात मानी और उन्हें इसके लिए धन्यवाद भी दिया। कांग्रेस की मुश्किल यह है कि वह चौथे निर्दलीय को जितवाने का श्रेय तो चाहती है मगर इसके लिए किए गए समझौतों को सार्वजनिक तौर पर स्वीकारना नहीं चाहती। इधर, शुक्रवार के मतदान के बाद MNS विधायकों में निलंबन रद्द होने को लेकर उत्साह है। बताया जाता है कि मतदान खत्म होने के बाद MNS विधायक रमेश वांजिले और राम कदम ने विधानसभा अध्यक्ष दिलीप वलसे पाटील से मुलाकात की। चार साल के MNS के दौरान विधानभवन परिसर में उनके कदम न रखने का प्रतिबंध वैसे भी शुक्रवार को शिथिल कर दिया गया। जानकार सूत्रों के अनुसार, वर्षाकालीन सत्र की शुरुआत में उनका निलंबन रद्द करने की पूरी तैयारी है। मुख्यमंत्री को जब पत्रकारों ने घेरा तो उन्होंने स्वीकार किया कि निलंबन खत्म करने का मसला फिलहाल विधानसभा की 'कामकाज सलाहकार समिति' के सामने विचाराधीन है। सत्ताधारी कांग्रेस और एनसीपी दलों के समर्थन के बाद निलंबन रद्द होना औपचारिकता भर रह जाएगी। विधान परिषद चुनाव में शिवसेना उम्मीदवार अनिल परब को पटखनी देने में सफल रही कांग्रेस पार्टी की मुश्किल ये है कि अगर वह MNS का समर्थन लेना स्वीकारती है तो समझौते की शर्तें भी उजागर करनी पड़ेंगी। अगर निलंबन रद्द करने को लेकर 'समझौता' नहीं हुआ तो किन शर्तों पर मामला तय हुआ, इस टेढ़े सवाल का जवाब वैसे भी आसान नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि MNS के चार विधायकों शिशिर शिंदे, वसंत गिते, वांजिले, कदम को अक्टूबर में विधानसभा की पहली बैठक में हंगामा करने को लेकर चार साल के लिए निलंबित कर दिया गया था।

भाजपा जाति के जंजाल में फंसी

जाति आधारित जनगणना का भाजपा के संसदीय नेतृत्व द्वारा समर्थन करने का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और पार्टी के एक वर्ग की ओर से विरोध को देखते हुए शनिवार से यहां शुरू हो रही पार्टी की राष्र्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में घमासान की आशंका है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि बीच का रास्ता निकालने के लिए समिति का गठन किया जा सकता है।
संघ ने जाति आधारित जनगणना का भाजपा के समर्थन की आलोचना की है। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने भी कहा कि आपसी विचार विमर्श किए ç्बना ही पार्टी ने जाति आधारित जनगणना का समर्थन कर दिया। मुरली मनोहर जोशी समेत कई नेता जाति आधारित जनगणना का खुला विरोध कर रहे हैं।

दो समितियों में विधायकों का मनोनयन

जयपुर । विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत ने 17 विधायकों को राज्य सरकार की ओर से गठित दो समितियों में सदस्य के रूप में मनोनीत किए जाने की सिफारिश की है। शेखावत ने बताया कि राजस्थान राज्य वन्यजीव मण्डल में विधायक मलखान सिंह, रीटा कुमारी तथा रतन देवासी के नाम की अनुशंषा की गई है। इसके अलावा राजस्थान अनुसूचित जनजाति परामर्शदात्री समिति में सदस्य के रूप में विधायक गोपाल मीणा, गंगाबेन गरासिया, सज्जन कटारा, बसन्ती देवी, नगराज मीणा, शंकर लाल घाटिया, राईया मीणा, सुरेन्द्र बामनिया, शंकरलाल अहारी, कान्ता गरासिया, अर्जुन बामणिया, निर्मला सहरिया, कैलाश मीणा तथा फतेह सिंह के नामों की सहमति दी गई है।

Wednesday, May 5, 2010

अनंत बोले, लालू देशद्रोही

सुदीप बंद्योपाध्याय और मणिशंकर अय्यर की विपक्ष के खिलाफ की गई टिप्पणियों को लेकर गतिरोध समाप्त ही हुआ था कि बुधवार को लोकसभा में भाजपा के अनंत कुमार द्वारा राजद प्रमुख लालू प्रसाद के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल करने से नया बखेडा खडा हो गया और शाम पौने पांच बजे पांचवीं बार बाधा के बाद सदन की कार्यवाही गुरूवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
स्थिति ऎसी बनी कि बंद्योपाध्याय से माफी की मांग करने वालों में शामिल भाजपा सदन के निशाने पर आ गई। उसके सहयोगी दलों ने अनंत को टिप्पणी वापस लेने की सलाह दे डाली।
तीखी नोंकझोंक लोकसभा में भोजनावकाश के बाद जनगणना पर चर्चा शुरू हुई तो अनंत कुमार ने बांग्लादेशी, नेपाली और पाकिस्तानी घुसपैठियों का सवाल उठाया। इस पर लालू ने कहा कि अनंत मुद्दे से हट कर बोल रहें हैं और वे संघ के एजेंडे को लागू कर रहे हैं। इस पर अनंत ने लालू को कहा कि वह 'देशद्रोही' हैं और देश के साथ गद्दारी कर रहे हैं। इस पर लालू ने कहा, आप मुझे सर्टिफिकेट देने वाले कौन होते हैं। अनंत ने लालू की चुटकी लेते हुए यह भी कहा कि संसद से छुट्टी हो गई तो वह 'लाफ्टर चैलेंज' कार्यक्रम में जाएंगे।
सुदीप-आचार्य विवाद इससे पहले, मंगलवार को माकपा नेता बासुदेव आचार्य के खिलाफ तृणमूल नेता सुदीप बंद्योपाध्याय की टिप्पणी पर वाम नेताओं ने बुधवार को लोकसभा में बंदोपाध्याय से बिना शर्त माफी की मांग की और हंगामा शुरू हो गया। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के हस्तक्षेप से सदन में जारी गतिरोध समाप्त हो गया।
नहीं चली कार्रवाई उधर, राज्यसभा में मनोनीत सदस्य मणिशंकर अय्यर द्वारा सोमवार को विपक्ष के नेता अरूण जेटली के खिलाफ की गई कथित टिप्प्णी पर भाजपा के सदस्यों ने बुधवार को भी हंगामा किया और इस कारण प्रश्नकाल के बाद कार्यवाही नहीं चल पाई तथा बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

महिला आरक्षण विधेयक को भले ही फिलहाल ठंडे बस्ते में

सरकार महिला आरक्षण विधेयक को भले ही फिलहाल ठंडे बस्ते में डालने के मूड में हो, लेकिन कांग्रेस की महिला इकाई इसके लिए तैयार नहीं है। इकाई ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। महिला कांग्रेस ने मांग की है कि सरकार विधेयक को बजट सत्र में पेश करे। बजट सत्र शुक्रवार को समाप्त हो रहा है। जो हालात दिख रहे हैं उसमें विधेयक के फिलहाल पेश होने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं।
दरअसल कांग्रेस विधेयक को लेकर दुविधा मे फंस गई है। महिला आरक्षण विधेयक का विरोध कर रहे दलों ने कटौती प्रस्ताव में सरकार का साथ देकर एक प्रकार से सरकार पर इस विधेयक को पेश न करने का दबाव बना दिया था। बसपा, राजद और सपा जैसे दल इस विधेयक इसके मौजूदा स्वरूप में विरोध कर रहे हैं।
इन दलों की वजह से ही सरकार कटौती प्रस्ताव में जीत हासिल कर पाई थी। अब सरकार इन दलों को नाराज करने के मूड में नहीं है। ऎसे में इस विधेयक के फिलहाल ठंडे बस्ते में जाने की संभावनाएं बढ गई हैं। हालांकि महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभा ठाकुर ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर विधेयक को इसी सत्र में लोकसभा में लाए जाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विधेयक मौजूदा स्वरूप में ही पेश किया जाना चाहिए। जो दल विरोध कर रहे हैं वे अपने-अपने हिसाब से आरक्षण दे सकते हैं।

सरकार खुद भ्रष्टाचार में डूबी

वसुंधरा ने कहा कि गहलोत सरकार ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच को लेकर आयोग बैठाया है, जबकि यह सरकार खुद पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी है। इसके लिए उन्हें जनता के आयोग में जाना पडेगा। आधे घंटे के उद्बोधन में उन्होंने कांग्रेस सरकार को जमकर कोसा व जनता से आगामी चुनावमें इसे उखाड फेंकने का आह्वान किया।
पहनाया चांदी का मुकुट
समारोह में राजे का लाम्बा परिवार की ओर से चांदी का मुकुट पहनाकर व चुनरी ओढाकर स्वागत किया गया। इस दौरान उन्होंने लाम्बा परिवार की ओर से लॉयंस क्लब बिजयनगर को एम्बुलेंस भेंट की। समारोह को पूर्व जल संसाधन मंत्री सांवरलाल जाट ने भी संबोधित किया। संचालन पूर्व उप जिला प्रमुख पवन अजमेरा ने किया।
समारोह में जिला प्रमुख सुशीलकंवर पलाडा, ब्यावर विधायक शंकरसिंह रावत, पूर्व मंत्री राजेन्द्रसिंह राठौड, दिगम्बर सिंह, जहाजपुर विधायक शिवजीराम मीणा आदि मौजूद थे।

'भाजपा ने हटाया बीमारू प्रदेश का ठप्पा'

भाजपा के पांच साल के राज में हमने बीमारू का ठप्पा हटाकर प्रदेश को देश के विकसित राज्यों की श्रेणी में ला खडा किया है। यह बात बुधवार भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने ग्राम गोपालपुरा में आयोजित सम्मान समारोह में कही। वे यहां एक निजी समारोह में शिरकत करने आई थीं।
उन्होंने कटाक्ष किया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने जन्मदिन पर जनता को बिजली कटौती का तोहफा दिया है। इसके लिए जनता को उनका जन्मदिन हमेशा याद रहेगा। भाजपा ने प्रदेश के प्रत्येक गांव को सडकों से जोडा व जनता को पेयजल मुहैया कराया। आज कांग्रेसराज में पानी के लिए जनता को आंदोलन करना पड रहा है और बदले में लाठियां मिल रही हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि नरेगा में श्रमिकों को पूरा पैसा नहीं मिल रहा और किसानों का फसल बीमे का भुगतान अटका पडा है। वसुंधरा ने कहा कि भाजपा शासन में निजी व सरकारी क्षेत्र में 10 लाख नौकरियों का इंतजाम किया गया। आज भी नया प्रस्ताव नहीं लेकर हमारी ओर से पारित निर्णयों पर ही नौकरी दी जा रही हैं।

Tuesday, May 4, 2010

चिदंबरम के सामने नहीं चला शीला का मैजिक

मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के 'जादू' को भले ही कांग्रेस पार्टी चुनाव में भनाती रही हो लेकिन अब अपने नेताओं पर यह मैजिक नहीं चल रहा। हालत यह है कि गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने उनकी इस अपील तक को मानने से इनकार कर दिया कि दिल्ली के दो अफसरों का फिलहाल ट्रांसफर न किया जाए। मुख्यमंत्री का कहना था कि इन अफसरों को सिर्फ कॉमनवेल्थ गेम्स तक ही दिल्ली में रुकने दिया जाए, लेकिन कड़क पीसी के समक्ष शीला दीक्षित का जादू नहीं चल पाया। उन्होंने इन अफसरों से साफ कह दिया गया है कि वे जल्द से जल्द दिल्ली से अपना बोरिया बिस्तर समेटकर अंडमान और दमण की ओर रवाना हो जाएं। पीसी ने जिन अफसरों का ट्रांसफर रोकने की मुख्यमंत्री की दलील को खारिज किया, उनमें से एक अफसर तो खुद मुख्यमंत्री की अडिशनल सेक्रेटरी अलका दीवान हैं। इसके अलावा वित्त मंत्री डॉ. अशोक कुमार वालिया के सचिव राकेश बाली का भी फिलहाल ट्रांसफर रोकने के लिए कहा गया था। इन अफसरों का पहले भी ट्रांसफर करने के आदेश दिए गए थे, लेकिन बाद में मुख्यमंत्री ने खुद केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुरोध किया कि कम से कम अलका दीवान का ट्रांसफर तो कॉमनवेल्थ गेम्स तक के लिए टाल दिया जाए। हालांकि इसके बाद भी पीसी के सामने मुख्यमंत्री की भी नहीं चली और गृह मंत्रालय की ओर से साफ कह दिया गया कि अलका दीवान को दमण जाना होगा। इसी तरह राकेश बाली को अंडमान भेजा गया है। दिल्ली की एक अन्य सेक्रेटरी सुमति मेहता का ट्रांसफर मिजोरम भेजा गया है। हालांकि यह माना जाता है कि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का अपनी पार्टी और नेताओं पर गहरा असर है, लेकिन पी. चिदंबरम के मामले में हर बार मुख्यमंत्री की बात को अनसुना ही किया गया है। पिछले साल भी मुख्यमंत्री चाहती थीं कि दिल्ली के तत्कालीन पर्यावरण सचिव जे. के. दादू का ट्रांसफर न किया जाए, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनकी सारी कोशिशों पर पानी फेर दिया और आखिरकार दादू को दिल्ली से जाना ही पड़ा। इस तरह मुख्यमंत्री ने पिछले ही साल एमसीडी को दिल्ली सरकार के मातहत लाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री से कई स्तरों पर बातचीत की, लेकिन उनकी दाल तब भी गल पाई और पीसी अपनी बात पर अड़े रहे। यहां तक की पीसी ने अपने वादे को भी दरकिनार करते हुए एमसीडी के संबंध में दिल्ली सरकार को दिए जाने वाले अधिकारों में भी कटौती कर दी। मुख्यमंत्री के लिए राहत की बात केवल यह है कि उनके विशेष सचिव केशव चंदा को जरूर यह छूट दी गई है कि वे नवंबर में ही गोवा ट्रांसफर होंगे।

मनमोहन ने ठुकरा दी राजा की सिफारिशें

केन्द्रीय संचार मंत्री ए.राजा ने महानगर टेलीफोन निगम के पूर्व सीएमडी आरएसपी सिंह के सेवाकाल में बढ़ोतरी के लिए निगम के लेखों में हेराफेरी कर उसे लाभ में दिखाने की कोशिश की थी। यह मामला प्रधानमंत्री तक भी पहुंचा लेकिन उन्होंने राजा की सिफारिश को रद्द करते हुए आरएसपी सिंह के सेवा काल में बढ़ोतरी का प्रस्ताव ठुकरा दिया था। सूत्रों के अनुसार महानगर टेलीफोन निगम ने कर्मचारियों की भविष्य निधि की राशि में कटौती करके निगम को 20 करोड़ रूपए के लाभ में दिखाया था जबकि वास्तव में निगम को 40 करोड़ रूपए का घाटा हुआ था।सिंह को सेवाकाल में बढ़ोतरी दिलाने के लिए निगम को लाभ में दिखाने की कोशिश की गई थी। इस कोशिश में एमटीएनएल की आर्थिक सलाहकार एजेंसी पर दबाव डाला गया था कि वह भविष्य निधि की राशि 8.5 प्रतिशत के बजाय 8 प्रतिशत जमा कराए। भविष्य निधि के नियमों के अनुसार 8.5 प्रतिशत धनराशि भविष्य निधि के रूप में जमा कराना जरूरी था। जब यह बात निदेशक अनीता सोनी की जानकारी में लाई गई तो उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर इस अनियमितता की जानकारी दी।

लोकसभा की राजनीति करेंगे गडकरी

भाजपा में कौन केंद्रीय नेता लोकसभा की राजनीति करता है और कौन राज्यसभा की। यह मुद्दा पार्टी के छोटे-बड़े नेताओं के बीच बहस का मुद्दा बनता रहा है। भाजपा के कई नामचीन नेताओं के बारे में दबे सुर में पार्टी कार्यकर्ता ही कहते हैं कि पार्टी में कई बड़े नेता हैं जिन्हें लोकसभा चुनाव लडऩे के नाम से ही पसीना आने लगता है। लिहाजा बिना चुनाव लड़े राज्यसभा में जाने का रास्ता तलाशते हैं। दूसरी तरफ भाजपा की बागडोर संभालने के बाद से ही कार्यकर्ताओं के बीच नई-नई मिसाल पेश करने में लगे भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने तय किया है कि वह राज्यसभा के बजाय लोकसभा का चुनाव लड़कर संसदीय राजनीति करेंगे। गडकरी कहते हैं, मैं मानता हूं कि जनता को ध्यान में रखकर विकास आधारित राजनीति होनी चाहिए। गडकरी का लोकसभा चुनाव लडऩे का फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि उन्होंने भाजपा अध्यक्ष बनते ही यह घोषणा की थी कि जब तक वह अध्यक्ष पद पर रहेंगे तब तक चुनाव नहीं लड़ेंगे। पर अब गडकरी लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में लोकसभा सीट तैयार कर रहे हैं। फिलहाल गडकरी की नजर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और केंद्रीय नागरिक एवं उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल की भंडारा-गोंदिया संसदीय सीट पर है। गडकरी ने गन्ना किसानों और बेरोजगारी को मुद्दा बनाकर एनसीपी के गढ़ को भेदने का ऑपरेशन शुरू कर दिया है। पटेल के संसदीय क्षेत्र में रविवार को एक बड़ी किसान रैली करके गडकरी ने एनसीपी के सामने बड़ी लकीर खींचनी शुरू कर दी है। गडकरी ने कहा कि एनसीपी नेताओं को न किसान की चिंता है और न महंगाई की। उन्हें आईपीएल की चिंता है।गडकरी ने प्रफुल्ल के संसदीय क्षेत्र में बंदी के कगार पर पहुंची एक चीनी मिल को लगभग 14 करोड़ रूपए में खरीद कर उसे पुन: चालू करवाने का ऐलान कर दिया। यह चीन मिल पूर्ति समूह ने खरीदी है जिसके सर्वेसर्वा गडकरी हैं। सहकारी स्तर पर चल रही यह संस्था 'ग्राम विकास से राष्ट्र विकास' के मूलमंत्र को लेकर ग्रामीण क्षेत्र में किसानों को आर्थिक स्वालंबी और ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी की समस्या के निदान में लगी है। इसी के तहत गडकरी ने प्रफुल्ल पटेल के क्षेत्र में चीनी मिल खरीद कर छह हजार लोगों को बेरोजगार होने से बचा लिया।

''कांग्रेस से ही हो रहे चिदंबरम पर हमले''

वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने माओवादियों के साथ ही उन ''अद्र्ध माओवादियों'' से भी सावधान रहने की सलाह दी है जो अपने बयानों से इस लड़ाई को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि भाजपा सहित पूरा विपक्ष जब नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में गृहमंत्री पी चिदंबरम का साथ दे रहा है, कांग्रेस और यूपीए के अंदर से ही उनके खिलाफ उठ रही आवाजें इस लड़ाई को कमजोर कर रही हैं।जेटली ने कहा कि माओवादी गरीबी उन्मूलन के नहीं, बल्कि लोकतंत्र उन्मूलन के अभियान में लगे हैं। ये दरअसल, भारतीय राज्य पर कब्जा करना चाहते हैं। लोकतांत्रिक तरीके से चुन कर आई सरकार को हटा कर खुद सत्ता हासिल करने की तैयारी में हैं और संसदीय लोकतंत्र की जगह वैचारिक तानाशाही स्थापित करना चाहते हैं।उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले तक लग रहा था कि वामपंथी अतिवाद को काफी हद तक समाप्त कर दिया गया है, लेकिन इस दशक के उत्तराद्र्ध में इसने एक बार फिर से उभार लिया है। साथ ही इसका भौगोलिक विस्तार भी हो रहा है। यूपीए सरकार की पहली पारी के दौरान इसमें खासी बढ़ोतरी हुई। क्योंकि तब सरकार ने इस मुद्दे को पूरी तरह उपेक्षित कर दिया और तब के गृह मंत्री सिर्फ यह कहते रहे कि इन इलाकों में विकास योजनाओं को पहुंचाना है।भाजपा नेता के मुताबिक दूसरी पारी में यूपीए सरकार ने इसकी गंभीरता को समझा है। गृहमंत्री भी गंभीर नजर आते हैं, लेकिन जिस तरह के बयान वे अक्सर देते रहते हैं, उससे समस्या खड़ी हो जाती है। हाल ही में वे पश्चिम बंगाल की यात्रा पर गए तो वहां के मुख्यमंत्री के बारे में ऐसा बयान दे आए जिस पर कड़ी प्रतिक्रिया हुई, लेकिन 48 घंटों के अंदर ही दंतेवाड़ा कांड हो गया जिसके बाद उन्हीं के मुहावरे का इस्तेमाल कर उनको कठघरे में खड़ा किया जाने लगा।इस कांड के बावजूद भाजपा सहित पूरा विपक्ष नक्सलियों के खिलाफ इस लड़ाई में चिदंबरम के साथ खड़ा रहा, लेकिन उन पर कांग्रेस और यूपीए के अंदर से ही हमला होने लगा। जेटली ने कहा, हमें यह समझना चाहिए कि नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में पहले ही काफी देर हो चुकी है। अब इस तरह के बयान देकर इस लड़ाई को और कमजोर न करें।

Monday, May 3, 2010

केंद्रीय मंत्री पर गंभीर आरोप

राज्यसभा में आज माकपा द्वारा एक केंद्रीय मंत्री पर बांग्लादेश के हथियार कारोबारियों के साथ कथित सौदा करने के आरोप लगाने और सरकार से उस मंत्री के नाम का खुलासा करने की मांग पर विपक्षी राजग, वाम और अन्नाद्रमुक के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण बैठक शून्यकाल में एक बार के स्थगन के बाद एक घंटे के लिए करीब पौने दो बजे तक स्थगित कर दी गई।शून्यकाल में माकपा के मोइनुल हसन ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि एक केंद्रीय मंत्री के बारे में यह आरोप हैं कि उन्होंने बांग्लादेश के हथियार कारोबारियों के साथ सौदा किया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन सौदों के जरिए मंगाए गए हथियारों से हाल ही में पश्चिम बंगाल में एक बैंक में लूटपाट की गई। हसन ने आरोप लगाया कि माओवादी भी इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने इस मामले को देश की संप्रभुता से जुड़ा हुआ करार दिया और कहा कि पूरे मामले की जांच करानी चाहिए तथा उसके नतीजों से सदन को अवगत कराया जाना चाहिए। इसके फौरन बाद वाम और विपक्षी राजग के सदस्य सरकार से मांग करने लगे कि वह मामले की जांच करे तथा मंत्री का नाम बताए।विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने कहा, हम संविधान से बंधे हुए हैं तथा मंत्री भी संविधान एवं देश की संप्रभुता की रक्षा की शपथ लेते हैं। इस मामले में जो आरोप लगाए जा रहे हैं उनके अनुसार, देश की संप्रभुता से समझौता किया गया है। यह गंभीर मामला है और सरकार को यह आश्वासन देना चाहिए कि वह मामले की जांच कर कल उसके नतीजों से सदन को अवगत कराएगी।विपक्षी सदस्य इस बात पर भी जोर देने लगे कि पीठासीन अध्यक्ष पी जे कुरियन सरकार को इस मामले में जवाब देने के लिए निर्देश दें। कुरियन ने कहा कि वह सरकार को जवाब देने के लिए निर्देश नहीं दे सकते, यह सरकार पर निर्भर है कि वह इस मामले में प्रतिक्रिया दे या न दे। हंगामे के बीच, संसदीय कार्य राज्य मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि सरकार सदन में उठाए गए हर मामले को गंभीरता से लेती है तथा वह इस मामले को भी गंभीरता से ले रही है। उन्होंने कहा कि यदि किसी सदस्य के पास किसी मंत्री के खिलाफ कोई ठोस प्रमाण हैं तो वह समुचित प्रस्ताव लाए।

मोदी की तारीफों के पुल बांधे आडवाणी ने

हाल ही में गुजरात में हुए 'स्वर्णिम गुजरात समारोह' से अभिभूत भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी समारोह के बाद अब प्रदेश के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में जुट गए हैं।आडवाणी ने अपने ब्लॉग में लिखा है, पिछले ६० साल में मैंने कई सरकारी नेताओं को कई घटनाओं या संस्थानों की रजत और स्वर्ण जयंती का आयोजन करते देखा है, लेकिन गुजरात में नरेंद्र मोदी ने जो समारोह किया, वह अपने आप में अनूठा था। उन्होंने लिखा है, स्वर्णिम गुजरात समारोह केवल एक सरकारी समारोह नहीं था। अपनी सोच, नया कुछ करने की इच्छा, करिश्माई अपील और कड़ी मेहनत से मोदी ने इसे एक व्यापक जन समारोह बना दिया।आडवाणी ने लिखा है, उदाहरण के लिए भारत के बाहर से आए देशवासियों और प्रदेश के बाहर से आए लोगों के लिए किए गए समारोह जय नाद, जिसमें राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मैंने भाग लिया, उसका आयोजन न केवल इसी स्थान पर हुआ, बल्कि इसे उसी समय प्रदेश के हजारों गांवों, कस्बों और शहरों में भी आयोजित किया गया।

पप्पू यादव की जमानत निरस्त

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी नेता अजित सरकार की हत्या के मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को पटना उच्च न्यायालय से मिली जमानत सोमवार को निरस्त कर दी।
न्यायाधीश मार्केडेय काटजू एवं एके पटनायक की खंडपीठ ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के वकील की दलीलें सुनने के बाद बाहुबली नेता की जमानत निरस्त कर दी।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बी एम श्रीवास्तव ने 14 फरवरी 2008 को यादव को हत्या का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। लेकिन, पटना उच्च न्यायालय ने गत वर्ष 18 फरवरी को उन्हें जमानत दे दी थी। सीबीआई के वकील ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्चतम न्यायालय से यादव की जमानत निरस्त करने की मांग की थी। ज्ञात हो कि माकपा नेता सरकार की 14 जून 1998 में बिहार में पूर्णिया शहर के सुभाष नगर इलाके में हत्या कर दी गई थी।

Sunday, May 2, 2010

मुख्यमंत्री को चूहे ने काटा

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सीतीमढ़ी के सर्किट हाउस में शनिवार की रात एक चूहे ने काट लिया।नीतीश कुमार इन दिनों विश्वास यात्रा के तहत पूरे बिहार की यात्रा कर रहे हैं। इसी दौरान नीतीश शनिवार को सीतामढ़ी पहुंचे जहां रात को सोते वक्त एक चूहे ने उनके बिछावन पर आकर उनके दाहिने हाथ की बीच वाली अंगुली को काट लिया।इस बात का पता चलते ही डॉक्टरों की एक टीम ने मुख्यमंत्री के अंगुली पर बेंडेज कर उन्हें इंजेक्शन लगाई।

''बसपा से निकाले जाएंगे सभी दागी''

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को यहां कहा कि समाजवादी पार्टी तथा कुछ अन्य विरोधी दलों ने विधानसभा चुनाव से पूर्व सोची समझी राजनीति के तहत अपने आपराधिक तत्वों को बसपा में शामिल कराया और अब पार्टी ने सभी आपराधिक चरित्र वाले लोगों को बाहर का रास्ता दिखाने का अभियान शुरू कर दिया है जिसके तहत अब तक लगभग 500 लोगों को पार्टी से बाहर निकाला जा चुका है।मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि गत विधानसभा चुनाव में उन्होंने प्रदेश की चाकचोबंद सुरक्षा और अपराध मुक्त प्रदेश का वादा किया था और सरकार बनते ही आपराधिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी गई थी, इसके बाद समाजवादी पार्टी तथा कुछ अन्य दलों ने षडयंत्र के तहत अपने आपराधिक तत्वों को हमारे यहां शामिल होने के लिए भेजना शुरू कर दिया।मायावती ने कहा कि जब उन्हें अपने विश्वस्त सूत्रों से इस षडयंत्र की जानकारी लगी तो उन्होंने गत 17 अप्रैल को अपनी पार्टी की कोर इकाई को तत्काल सख्त निर्देश देकर 29 अप्रैल तक प्रदेश के सभी जिलों में बसपा में शामिल आपराधिक तत्वों को बाहर का रास्ता दिखाए जाने के निर्देश दे दिए थे।उन्होंने बताया कि आपराधिक तत्वों को पार्टी से निकाले जाने के लिए चलाए गए इस विशेष अभियान में अब तक लगभग 500 आपराधिक इतिहास वाले लोगों को पार्टी से निकाला जा चुका है और जिला इकाइयों को पुन: निर्देश दिए गए है कि 13 मई से पहले शेष अगर बचे हो तो उन आपराधिक तत्वों की सूची बनाकर इन्हें भी पार्टी से तुरन्त निकाल दिया जाए।यह पूछे जाने पर कि अब तब निकाले गए 500 आपराधिक छवि के लोगों में क्या विधायक और सांसद भी शामिल है, मायावती ने कहा कि अभी निकाले गए आपराधिक छवि के लोगों की सूची की छंटनी नहीं की गई है। इस सूची में विधायक और सांसद भी हो सकते हैं।

राजा के इस्तीफे की मांग अस्वीकार्य : करूणानिधि

द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (डीएमके) के अध्यक्ष व तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. करूणानिधि ने रविवार को संकेत दिया कि उनकी पार्टी 2जी स्पेक्ट्रम विवाद के मद्देनजर विपक्ष की ओर से संचार मंत्री ए. राजा के इस्तीफे की मांग को स्वीकार नहीं करेगी।विपक्ष द्वारा राजा के इस्तीफे की मांग के बारे में पूछे जाने पर करूणानिधि ने पत्रकारों से कहा, मैं यहां आपको खुशखबरी देने नहीं आया हूं।करूणानिधि के बेटे व केंद्रीय रसायन व ऊर्वरक मंत्री एम. के. अलागिरी की संसद में बदस्तूर अनुपस्थिति के बारे में पूछ जाने पर उन्होंने कहा, आप उनसे ही पूछिए, मुझसे मत पूछिए।रविवार सुबह दिल्ली पहुंचे करूणानिधि ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील से मुलाकात की और उन्हें जून महीने में कोयम्बटूर में आयोजित होने वाल विश्व तमिल सम्मेलन में आमंत्रित किया।उन्होंने कहा, मुझे पूरी उम्मीद है कि राष्ट्रपति हमारे आमंत्रण को स्वीकार करेंगी।

Thursday, April 29, 2010

झमेले से छूट कांग्रेस में जाएंगी खुशबू

शादी से पहले सेक्स पर दिए अपने बयानों पर सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद
तमिल ऐक्ट्रेस खुशबू अब राजनीति की ओर कदम बढ़ाने की सोच रही हैं। वह कांग्रेस जॉइन कर सकती हैं। खुशबू इस समय लंदन में छुट्टियां मना रही हैं। उन्होंने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को फोन पर बताया कि वह कांग्रेस जॉइन करना चाहती हैं। खुशबू ने बताया कि अगर उन्हें कांग्रेस की तरफ से न्योता मिलता है, तो वह इसे सहज स्वीकार कर लेंगी। खुशबू ने कहा कि वह कांग्रेस की बहुत बड़ी प्रशंसक हैं। क्या कांग्रेस की तरफ से उन्हें कोई सिग्नल मिला है, पर खुशबू ने कहा कि वह इस पर अभी कॉमेंट नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि वह कुछ दिन में चेन्नै लौट रही हैं, इसके बाद मैं सभी सवालों के जवाब दूंगी। उधर, तमिलनाडु कांग्रेस कमिटी के प्रेजिडेंट केबी थंगकाबालू से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'यदि वह कांग्रेस में आना चाहती हैं, तो उनका स्वागत है। जो कोई भी सोनिया जी की लीडरशिप को स्वीकार करना चाहता है, कांग्रेस में उसका स्वागत है। ' गौरतलब है कि शादी से पहले सेक्स वाले खुशबू के बयान पर खूब बवाल हुआ था। उनके खिलाफ 22 केस दर्ज किए गए थे। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस साउथ इंडियन एक्ट्रेस पर दर्ज सभी क्रिमिनल केसों को रद्द कर दिया था।

विधायकों पर नजर

दिल्ली में अब विधायकों के आचरण की निगरानी विधानसभा की कमिटी करेगी। दिल्ली
विधानसभा के स्पीकर डॉ.
योगानंद शास्त्री
ने पहली
बार आचरण
कमिटी का
गठन किया
है। इस
तरह की
कमिटी अभी
राज्यसभा के लिए है लेकिन
दिल्ली पहला
ऐसा राज्य
है, जिसने
इस तरह
की कमिटी
का गठन
किया है।
इसके अलावा
स्पीकर ने
विधानसभा की अन्य कमिटियों के
गठन का
भी ऐलान
किया।

स्पीकर ने
बताया कि
राज्यसभा की तरह ही यह
कमिटी विधायकों
के लिए
कोड ऑफ
कंडक्ट तैयार
करेगी। इसके
अलावा विधायकों
के सदन
के भीतर
और बाहर
उनके कार्यकलापों
पर भी
नजर रखेगी।
अगर कोई
सदस्य आचरण
के उल्लंघन
का दोषी
पाया जाता
है तो
यह आवश्यक
सिफारिशें भी करेगी। नौ सदस्यों
वाली इस
कमिटी का
चेयरमैन राजेंद्र
नगर से
कांग्रेस विधायक रमाकांत गोस्वामी को
बनाया गया
है।

विधानसभा सूत्रों का कहना है
कि कुछ
समय पहले
एक विधायक
के खिलाफ
लगे आरोपों
के बाद
इस तरह
की कमिटी
के गठन
का फैसला
किया है।
वैसे इसके
गठन की
सिफारिश जनरल
परपज कमिटी
ने 31 मार्च
को दी
अपनी रिपोर्ट
में की
थी। स्पीकर
ने बताया
कि सत्ताधारी
पार्टी के
चीफ विप
ने दो
और कमिटियों
के गठन
का भी
अनुरोध किया
है। इसमें
एक अल्पसंख्यक
कल्याण कमिटी
और दूसरी
अन्य पिछड़ा
वर्ग कल्याण
कमिटी बनाने
को कहा
गया है।
इन कमिटियों
का गठन
जल्द किया
जाएगा।

स्पीकर ने
बताया कि
आचरण कमिटी
में डॉ.
नरेंद्रनाथ, मुकेश शर्मा, बरखा सिंह,
हरिशंकर गुप्ता,
डॉ. हर्षवर्धन,
ओ.पी.
बब्बर, रविंद्रनाथ
बंसल और
आसिफ मोहम्मद
खान को
सदस्य बनाया
गया है।
इसके अलावा
विशेषाधिकार कमिटी का चेयरमैन डॉ.
नरेंद्र नाथ,
सरकारी आश्वासन
कमिटी का
चेयरमैन हरशरण
सिंह बल्ली,
एससी/एसटी
एंड ओबीसी
वेलफेयर कमिटी
का चेयरमैन
मालाराम गंगवाल,
महिला एवं
बाल कल्याण
कमिटी का
चेयरपर्सन बरखा सिंह, पर्यावरण कमिटी
का चेयरमैन
हरिशंकर गुप्ता,
विधायकों के वेतन भत्ते तय
करने वाली
कमिटी का
चेयरमैन कंवर
करण सिंह,
पब्लिक अकाउंट
कमिटी का
चेयरमैन प्रहलाद
सिंह साहनी
और सरकारी
उपक्रम कमिटी
का चेयरमैन
बलराम तंवर
को बनाया
गया है।





बीजेपी सरकार बनाए, तो हम सपोर्ट करेंगेः जेएमएम

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के अध्यक्ष और झारखण्ड के मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सरेन ने कहा है कि उनकी पार्टी बीजेपी की नेतृत्व में सरकार बनने की स्थिति में उसे समर्थन देने को तैयार है। हेमंत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'बीजेपी को नई सरकार के गठन की प्रक्रिया की शुरुआत करनी चाहिए।' उन्होंने कहा, 'जेएमएम चाहती है कि राज्य में जारी राजनीतिक संकट जल्द से जल्द खत्म हो। इसी को ध्यान में रखते हुए पार्टी के विधायकों ने बीजेपी से झारखंड में नई
सरकार बनाने की गुजारिश की है। अगर बीजेपी सरकार बनाने का मन बनाती है, तो सीएम शिबू सोरेन इस्तीफा देने के लिए तैयार है। ऐसी सूरत में हम बीजेपी को समर्थने देने के लिए तैयार हैं।' हालांकि हेमंत सोरेन ने बीजेपी से आग्रह किया कि वह किसी आदिवासी के नेतृत्व में ही सरकार का गठन करे। सोरेन के इस प्रस्ताव पर बीजेपी ने अभी कुछ नहीं कहा है, पर सूत्रों का कहना है कि पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में इस मामले पर विचार-विमर्श के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।

सपा-राजद का बहिर्गमन

लोकसभा में गुरूवार को सरकारी नौकरियों में मुसलमानों आरक्षण के मसले पर समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सदस्यों ने बहिर्गमन किया।राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने पूछा कि क्या सरकार विभिन्न सरकारी क्षेत्रों में मुसलमानों को समानुपातिक प्रतिनिधित्व देने की कोई योजना बना रही है? इसके जवाब में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि वह इस प्रश्न का जवाब नहीं दे सकते क्योंकि यह सूचीबद्ध नहीं है।इस लालू ने कहा कि सरकार ''मुस्लिम विरोधी'' है। उन्होंने मंत्री से इसका उचित उत्तर देने की मांग की। लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि वह नोटिस दे सकते है और सदन में इस पर चर्चा हो सकती है।

Thursday, April 22, 2010

गडकरी अब करेंगे भाजपा का असली ऑपरेशन

नई दिल्ली । महंगाई विरोधी रैली की सफलता से उत्साहित भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी अब भाजपा के असली ऑपरेशन में जुटेंगे। गडकरी के नेतृत्व में रैली में जिस तरह की नई पंरपराएं दिखीं उससे साफ हो गया है कि पहले पार्टी, बाद में कोई और। रैली में किसी एक नेता के पक्ष में नारे भी नहीं लगे। नारे लगे तो सिर्फ भाजपा के। मंच भाजपा के झंडे से सजा था। बीच में कमल का फूल था। मंच के दाएं-बाएं भाजपा के वैचारिक प्ररेणास्रोत श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पं.दीनदयाल उपाध्याय के बड़े कट आउट यह संदेश दे रहे थे कि पार्टी मौजूदा किसी एक नेता के चेहरे या प्रभुत्व से नहीं चलेगी। अटल बिहारी वाजपेयी का एक बड़ा कविता लिखा चित्र मंच के पीछे लगा था। एक नई परंपरा यह भी दिखी कि रैली का समापन भाजपा अध्यक्ष के भाषण से हुआ। वर्ना आमतौर पर भाजपा के कार्यक्रमों का समापन पार्टी के वरिष्ठ नेता के संबोधन से होता रहा है। मसलन, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सबसे अंत में भाषण करते थे और वाजपेयी से पहले आडवाणी और आडवाणी से पहले भाजपा अध्यक्ष का भाषण। यही क्रम रहता था। पर इस बार क्रम बदला। वरिष्ठ नेता आडवाणी का भाषण गडकरी से पहले करवा दिया गया। इस चूक को सुषमा स्वराज ने महसूस भी किया। वैसे,गडकरी के राज में मंच संचालन का काम किसी एक या दो व्यक्ति के हाथ में नहीं रहा। रामलाल मैदान पर विजय गोयल के साथ-साथ महासचिव अनंत कुमार और धर्मेंद्र प्रधान ने भी संचालन किया। जंतर मंतर पर यह काम महासचिव थावर चंद गहलोत के जिम्मे रहा। गडकरी ने रैली के काम का बंटवारा इस तरह किया कि कोई एक नेता मंच पर हावी नहीं हो पाए। असल में रैली की सफलता के लिए गडकरी ने पूरी कमान अपने हाथ में ले रखी थी। रैली के बारे में गडकरी ने राज्यवार रिपोर्ट तैयार करवाई है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही गडकरी अब भाजपा का असली ऑपरेशन करेंगे। सबसे पहले उनके निशाने पर मध्य प्रदेश,उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, छत्तीसगढ़, राजस्थान जैसे बड़े सूबे हैं। इन राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर घमासान मचा है । गडकरी अध्यक्ष का फैसला करेंगे। रैली से पहले और बाद में इन राज्यों के कई नेता और कार्यकर्ता गडकरी को अपना योगदान बताने में व्यस्त रहे। दूसरा महत्वपूर्ण काम गडकरी को अपने नवगठित केंद्रीय पदाधिकारियों के बीच कामकाज का बंटवारा करना है राज्यों का प्रभार बांटना है। युवा और महिला मोर्चा सहित विभिन्न मोर्चा के अध्यक्षों का भी ऐलान करना है। सफल मानी जा रही इस रैली ने गडकरी को नई ताकत दी है।

''गुमशुदा'' मंत्री को लेकर हंगामा

रसायन और उर्वरक मंत्री एम अलागिरी की संसद में लगातार गैर मौजूदगी को लेकर लेाकसभा में आज भाजपा समेत समूचे विपक्ष ने भारी आपत्ति जताई और इस मुद्दे को लेकर उनकी द्रमुक सदस्यों से तीखी नोंकझोंक भी हुई। हालांकि सदन के नेता तथा वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने यह कहकर सदस्यों को शांत करने का प्रयास किया कि मंत्री इस समय देश से बाहर हैं और इसलिए आज सदन में नहीं आए। विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने मंत्री की अनुपस्थिति पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह ऐसे मंत्री हैं जिनका चेहरा आज तक सांसदों ने तो क्या अध्यक्ष तक ने नहीं देखा है। उन्होंने कहा कि ऐसा सुनने में आया है कि उन्होंने आज तक कैबिनेट की किसी बैठक तक में हिस्सा नहंी लिया है। उन्होंने कहा कि संसद का सत्र चालू होने पर मंत्रियों का पहला दायित्व संसद के प्रति होता है, उसके बाद कोई दूसरा दायित्व आता है। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष की अनुमति से ही मंत्री सदन से गैर हाजिर हो सकते हैं। उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि यह ''गुमशुदा'' मंत्री कहां छुपे हैं।इससे पूर्व सदन के नेता प्रणव मुखर्जी ने सदस्यों को शांत करने का प्रयास करते हुए कहा कि संबंधित मंत्री देश से बाहर हैं और संसदीय नियमों के अनुसार मंत्री की गैर मौजूदगी में राज्य मंत्री जवाब देने के लिए अधिकृत हैं। उन्होंने कहा कि सदस्य प्रश्नकाल चलने दें और वे यह मामला बाद में भी उठा सकते हैं। सदन में आज प्रश्नकाल में अलागिरी के मंत्रालय से संबंधित प्रश्न पूछे जाने थे और उनके अनुपस्थित रहने पर भाजपा सहित अनेक दलों के सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई।लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान जब रसायन और उर्वरक मंत्रालय से संबंधित पूरक प्रश्न का अलागिरी के स्थान पर राज्य मंत्री जवाब देने खड़े हुए तो भाजपा के वरिष्ठ सदस्य यशवंत सिन्हा ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्हीं की पार्टी के हरेन पांडया ने कहा कि मंत्री बिना आसन की अनुमति के सदन से गैर हाजिर हैं और यह आसन का अपमान है। निर्दलीय दिग्विजय सिंह ने कहा कि सांसदों ने आज तक मंत्री का चेहरा तक नहीं देखा है इस पर स्पीकर मीरा कुमार ने कहा कि उन्होंने राज्य मंत्री को जवाब देने के लिए अधिकृत किया है। लेकिन सदस्य शांत नहीं हुए और प्रश्नकाल की समाप्ति तक इस मुद्दे को लेकर विपक्ष तथा द्रमुक सदस्यों के बीच नोंकझोंक होती रही।

''मोदी के कारनामों को वसुंधरा उजागर करे''

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज आईपीएल आयुक्त ललित मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर प्रहार करते हुए कहा कि वसुंधरा राजे को सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन में बने रहने के लिए प्रदेशहित में उन तथ्यों का खुलासा करना चाहिए जिसकी वजह से राजस्थान क्रिकेट संघ के तत्कालीन अध्यक्ष मोदी का समर्थन करने के लिए अधिकारियों पर बेजा दबाव डाला गया। उन्होंने कहा कि ऐसे कौन से कारण थे कि तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा को मोदी को क्रिकेट में स्थापित करने के लिए क्रिकेट कानून को बदलने का अध्यादेश लाकर कानून बनाना पड़ा और इन्हें सार्वजनिक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी राजस्थान का पैसा कहां ले गए, इसका खुलासा वसुंधरा को करना चाहिए। गहलोत ने कहा कि वसुंधरा से उस दौरान यदि चूक हुई है तो उसे जनहित में मंजूर करना चाहिए। गहलोत ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि तत्कालीन भाजपा सरकार के कार्यकाल में मुख्यमंत्री के सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास के पते से दस्तावेजों के पंजीकरण किए गए। वरिष्ठ अधिकारियों को मोदी से मिलने के लिए जयपुर, दिल्ली, मुम्बई समेत देश के अन्य कई बड़े होटलों में मिलने के लिए भेजा गया। उन्होंने कहा कि हमने उसी समय वसुंधरा राजे को आगाह किया था लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। गहलोत ने कहा कि तत्कालीन भाजपा सरकार के कार्यकाल की जांच के लिए गठित न्यायमूर्ति माथुर आयोग का काम यदि आगे बढ़ता तो कई बातें सामने आती। वसुंधरा और मोदी ने उस वक्त क्या-क्या तमाशे किए हंै, पूरा प्रदेश, देश जानता है। उन्होंने कहा कि मोदी से मिलने के लिए वरिष्ठ अधिकारी ही नहीं मंत्रियों को मोदी के कमरे के बाहर घंटों इंतजार करना पड़ता था। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को प्रदेश हित और स्वंय को राजनीतिक तथा सार्वजनिक जीवन में बने रहने के लिए उन बातों का खुलासा करना चाहिए जिसकी वजह से उन्होंने मोदी को भरपूर समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि मोदी मुम्बई में बैठकर लेनदेन के हिसाब का मिलान करते थे, यदि कहीं कमी पाई जाती तो काम रोक दिए जाते थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान के तत्कालीन नगरीय एवं स्वायत शासन मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी और राजस्थान आवासन मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष अजय पाल सिंह के मामले पूरे देश के सामने है जिनके निर्माण कार्य मोदी के इशारे पर रोक दिए गए और बाद में उन्हें फिर अनुमति दे दी गई। गहलोत ने कहा कि तत्कालीन भाजपा सरकार के कार्यकाल में प्रमुख विपक्षी पार्टी कांगे्रस और मीडिया मोदी के तमाशों और अधिकारियों के साथ की जाने वाली अशोभनीय घटनाओं को लगातार सामने लेकर आता रहा, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री ने उनकी (मोदी की) हरकतों को रोकना पसंद नहीं किया। गहलोत ने जोर देकर कहा कि ये काम वसुंधरा राजे की शह के बिना संभव नहीं थे। उन्होंने कहा कि अब जब देश भर में आईपीएल आयुक्त मोदी को लेकर शोर मचा हुआ है, ऐसे समय में वसुंधरा राजे मौन क्यों हैं, उन्हें इस बात का खुलासा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरी चिन्ता है कि जिस सुनियोजित ढंग से मोदी के माध्यम से राजस्थान का पैसा बाहर गया, उसका खुलासा उन्हें करना चाहिए।

राज्यमंत्री ने निर्वाचन क्षैत्र का लिया जायजा

खेल राज्यमंत्री मांगीलाल गरासिया ने कहा कि सरकार ने भीषण गर्मी के दौर में रोजगार, पानी और मवेशी के लिए चारे की पुख्ता व्यवस्था की है तथा अकाल के कारण एक भी पशुधन को मरने नहीं दिया जायेगा ।गरासिया ने गुरूवार को बडग़ांव पंचायत समिति क्षेत्र के बडग़ांव, थूर, लोयरा, रामा, ईसवाल एवं कविता ग्राम पंचायतों के डेढ दर्जन गांवों का दौरा कर अकाल के कारण पेयजल की व्यवस्था तथा रोजगार संबंधी व्यवस्था का जायजा लिया।उन्होंने कहा कि शताब्दी के इस भीषण अकाल से जलस्रोतों एवं कुंओं का जलस्तर नीचे जा रहा है जिससे अनेक हैण्डपंप, ट्यूबवैल और कुएंसूख गये हंै ऐसी स्थिति में तत्काल पेयजल व्यवस्था का समाधान टैंकरों से जलापूर्ति कर की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रशासन को अधिक से अधिक टैंकरों की स्वीकृति प्रदान करने के निर्देश दे दिये है तथा वे स्वयं जगह-जगह जाकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं।उन्होंने जलदाय विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि क्षेत्र की ग्राम पंचायत स्तर पर हैण्डपंप मिस्त्री को साधन सुविधाएं उपलब्ध करवाकर तत्काल हैण्डपंप दुरूस्त करवाये जायें ताकि आम जनता को राहत मिल सके। इस दौरान गरासिया ने बडग़ांव में जनसमस्याएं सुनी तथा मौके पर ही अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिये। उन्होंने राउमावि का निरीक्षण कर चारदीवारी एवं मरम्मत कार्य शीघ्र करवाने के यूआईटी को निर्देश दिये। उन्होंने श्मशान भूमि पर अवैध अतिक्रमण हटाने के लिये तहसीलदार गिर्वा को निर्देश दिये। राज्यमंत्री गरासिया के साथ बडग़ांव प्रधान जमनालाल मोड, उप प्रधान मीरा पालीवाल, पूर्व उप सरपंच भुवनेश व्यास हेमन्त श्रीमाली, उप सरपंच नरेन्द्र शर्मा, वार्ड पंच गोपाल बम्ब, देवीलाल सुथार, भरत सालवी, संजय शर्मा, रूपा देवी सुथार एवं पुष्पा सुथार सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे।

संगठन मंत्रियों की लगी क्लास

नई दिल्ली। भाजपा के प्रांतीय संगठन महामंत्रियों एवं सह संगठन मंत्रियों को सुस्त पडे पार्टी कार्यकर्ताओं में चुस्ती-फुर्ती लाने के साथ राज्यों में खेमेबंदी और आंतरिक कलह खत्म कर सभी धडों में एका लाने की जिम्मेदारी सौप गई है। गुरूवार को हुई अहम बैठक में देशभर से आए संगठन मंत्रियों के समक्ष भाजपा का भविष्य सुधारने का नया रोडमैप पेश किया गया।
इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सौदान सिंह, बी. सतीश तथा पूर्व उपाध्यक्ष बाल आप्टे ने बारी-बारी से क्लास लेकर सभी को अपने दायित्व का निर्वहन बेहतर तरीके से करने की सीख दी। बैठक में देशभर से आए करीब 35 संगठन तथा सह संगठन मंत्री शामिल हुए जिन्होंने राज्यवार पार्टी की स्थिति की रिपोर्ट पेश की। बैठक में कई विषयों पर चर्चा हुई।

महंगाई के लिए केन्द्र जिम्मेदार

नई दिल्ली। महंगाई को लेकर निश्चित सी लग रही संप्रग सरकार को रैली के माध्यम से भाजपा ने पहली बार गंभीर चुनौती पेश की है। रैली में उमडा जनसैलाब इस बात का संकेत था कि भविष्य में महंगाई सरकार के लिए मुसीबत बन सकती है। रैली में भाजपा के सभी बडे नेताओं ने एक स्वर से महंगाई के लिए पूरी तरह से संप्रग सरकार की गलत आर्थिक नीतियों और भ्रष्ट प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया।
नेताओं ने महंगाई के खिलाफ आंदोलन को गांव, गली, कूचे तक पहुंचाने के साथ-साथ सरकार को उखाड फेंकने का आह्वान किया। इस रैली के जरिए पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी खेमेबंदी के कारण हताश भाजपा कार्यकर्ताüओं में जान फूंकने में कामयाब रहे, वहीं यह अहसास भी करा गए कि उन्हें हल्के से नहीं लिया जाए।
सरकार विफल भाजपा संसदीय दल के अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि रैली में भारी भीड इस बात का संकेत है कि महंगाई से लोग कितने परेशान हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र की सरकार महंगाई को रोकने में पूरी तरह विफल हुई है।
वरना गद्दी छोड दोलोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि सरकार महंगाई के लिए प्राकृतिक आपदा, किसानों को अधिक समर्थन मूल्य और विश्व की मंदी को जिम्मेदार ठहरा रही है, लेकिन सरकार की गलत नीतियां व महाघोटाले मुख्य वजह हैं। यह रैली सरकार को जगाने के लिए आयोजित की गई है। उन्होंने नारा दिया-महंगाई रोक दो, वरना गद्दी छोड दो।
यह भी कहा गडकरी ने
* सरकार का यह कहना कि वायदा बाजार के जरिए किसानों को उनकी उपज के उचित दाम दिलाने में मदद मिल रही है, पूरी तरह गलत है। वायदा बाजार में चार लाख 50 हजार करोड रूपए के सौदे हुए और डिलिवरी मात्र चार हजार 500 करोड रूपए की हुई। वायदा बाजार से केवल सट्टेबाजों, पूंजीपतियों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। * अब किसानों के घर में फसल आई हैं तो जिंसों के दाम नीचे आ रहे हैं, किंतु जब किसान अपनी फसल को बेच लेंगे तो भाव फिर से ऊबाल खाने लगेंगे।
राजस्थान का भी रैला रैली में राजस्थान से भी बडी संख्या में कार्यकर्ता व पार्टी समर्थक पहुंचे। दिल्ली आने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं में राजस्थान की हिस्सेदारी लगभग 35 हजार बताई गई। पार्टी के अधिकतर नेता और कार्यकर्ताü पगडियों में अलग ही नजर आ रहे थे।

Wednesday, April 21, 2010

बीजेपी गानों के जरिए बताएगी महंगाई का सच

में महंगाई के विरोध में संसद चलो रैली के बाद बीजेपी इस अभियान को जारी रखेगी। यह अभियान जारी रहेगा महंगाई की हकीकत खोलने वाले गानों की सीडी के जरिए। बीजेपी के निवेशक प्रकोष्ठ ने महंगाई की सचाई को खोलते हुए गानों की सीडी तैयार की है। इन गानों में बताया गया है कि महंगाई की बढ़ने की वजह केंद सरकार बेशक उत्पादन में कमी, डिमांड में तेजी के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती कीमतें जिम्मेदार हैं। इकोनॉमी स्लो डाउन ने भी महंगाई बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है, मगर सचाई एकदम इससे जुदा है।
बीजेपी के निवेशक प्रकोष्ठ द्वारा बनाई गई इस सीडी में गानों के केंद सरकार के इन कारणों को मात्र बहाना बताया गया है। गानों में कहा गया है कि महंगाई बढ़ने की प्रमुख वजह जमाखोरी, सत्ताधारी पक्ष के नेताओं का बाजार शक्तियों (व्यापारियों) को फायदा पहुंचाने के लिए बाजार में वस्तुओं की सप्लाई कम करने की छूट देना और नीतियां ऐसी बनाना, जिससे कृत्रिम डिमांड का हौव्वा बन गया। इससे कीमतें खुद बढ़ गई।
सीडी के गानों में यह भी कहा गया है कि यूपीए के विश्वविख्यात अर्थशास्त्री मंत्री वक्त रहते आयात और भंडारण कोटा कम करने जैसे कदम उठा लेते हैं तो कीमतों में रेकार्ड तोड़ तेजी नहीं आती। सीडी में सबसे अधिक फल, सब्जियों, दाल और आटे के दामों में तेजी के साथ चीनी के दाम में तेजी के कारणों को विस्तार से बखान किया गया है। गानों में कहा गया है कि कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए यूपीए सरकार के मंत्रियों ने करोड़ों लोगों के मुंह से निवाला छीन लिया। यह यूपीए सरकार की नीतियों का ही परिणाम है कि देश में गरीब लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है।
बीजेपी के निवेशक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक अरुण सिंह ने एनबीटी से बातचीत में कहा कि दिल्ली में महंगाई के खिलाफ रैली तो इस अभियान की शुरुआत है। हम चाहते हैं कि आम लोग महंगाई को लेकर जागरूक बने। उन्हें इस बात की सचाई का ज्ञान हो कि आखिर महंगाई क्यों बढ़ रही है। अरुण सिंह के अनुसार देश में अनाज या खाद्य उत्पादों की आंशिक किल्लत को माना जा सकता है कि मगर किल्लत इतना अधिक नहीं है कि आश्वयक वस्तुओं की कीमतें इतनी बढ़ जाए। उन्होंने कहा कि बाजार नीतियां कितनी लचर है कि इसका पता खाद्य वस्तुओं की थोक और रिटेल कीमतों को देखकर चलता है। आखिर सरकार क्या रही है। क्यों नहीं वे इस अंतर को कम करती।

नेताजी से सपोर्ट मांग रहे हैं बच्चे

बाल मजदूरी से मुक्त कराए गए बच्चे सांसदों से मिलकर राइट टु एजुकेशन के सही तर ीके से कार्यान्वयन की पैरवी कर रहे हैं। उनकी इस मुहिम को बॉलिवुड स्टार्स का भी सपोर्ट मिल रहा है। 'वन गोल, एजुकेशन फॉर ऑल' नारे के साथ चलाई जा रही इस मुहिम का मकसद पॉलिसी मेकर्स को एजुकेशन सिस्टम की खामियों से रू-ब-रू कराना है। साथ ही, राइट टु एजुकेशन के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी है।
कई संगठनों के साथ मिलकर नैशनल कोएलिशन फॉर एजुकेशन ने यह पूरा हफ्ता (19- 25 अप्रैल) यानी ग्लोबल ऐक्शन वीक, राइट टु एजुकेशन के सही इंप्लिमेंटेशन के नाम किया है। इसके तहत एजुकेशन डिपार्टमेंट के राज्य और जिले स्तर के अधिकारियों को सरकारी प्राइमरी स्कूलों में आमंत्रित किया जा रहा है, ताकि वे उन स्कूलों में शिक्षा के स्तर के बारे में जान सकें। बच्चे सांसदों और विधायकों के पास जाकर उनसे शुरुआती शिक्षा का निजीकरण रोकने और एजुकेशन में जीडीपी का 6 फीसदी खर्च करने के लिए सहयोग मांग रहे हैं।
कुछ समय पहले तक बाल मजदूरी में फंसे 18 साल के कालू की सांस्कृतिक टोली जब नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार से मिली, तो सांसद ने कहा कि महज कानून बनाकर हर बच्चे की शिक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती, इसके लिए और प्रयास करने होंगे। कालू ने नेताजी से पूछा कि अगर किसी बच्चे को कोई सरकारी स्कूल में दाखिल नहीं देता, तो वे किसके पास शिकायत लेकर जाएं? इस पर नेताजी ने भरोसा दिलाया कि हम संसद में मंत्री जी से यह सवाल पूछेंगे। 15 साल के कामिल के साथ उनकी टोली यूपी के सलेमपुर से सांसद रामशंकर राजभर से मिली। रामशंकर ने कहा कि अगर केंद्र सरकार को इस कानून का कार्यान्वयन सुनिश्चित करना है, तो अंशदान की राशि का अनुपात 85:15 ही रखना पड़ेगा क्योंकि राज्य सरकारों के पास इतना धन नहीं है कि वे इसे लागू कर पाएं।
बॉलिवुड स्टार डायना हेडन, अध्ययन सुमन, नीतू चंद्रा, सिंगर ऊषा उत्थप और लव आजकल फेम डायरेक्टर इम्तियाज अली भी 'वन गोल, एजुकेशन फॉर ऑल' मुहिम को सपोर्ट कर रहे हैं। इम्तियाज अली ने कहा कि देश के विकास के लिए शिक्षा ही एकमात्र माध्यम है। इसलिए मैं इस मुहिम के साथ हूं। नैशनल कोएलिशन फॉर एजुकेशन के संयोजक रमाकांत राय ने कहा कि इस कैंपेन का मकसद हर नागरिक तक पहुंचना है। हर एक साइन का मतलब होगा कि वह बच्चों के अधिकारों को लेकर प्रतिबद्ध हैं।

फारूख ने मोदी से पल्ला झाड़ा

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) संचालन परिषद के सदस्य फारूख अब्दुल्ला ने आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी का बचाव करने की बात से इनकार करते हुए कहा कि मैं कौन होता हूं, किसी का बचाव करने वाला। अगर उन्होंने गलती की है तो उन्हें सजा मिलनी चाहिए।यह पूछने पर कि क्या मौजूदा विवाद के चलते मोदी को पद से हटा दिया जाना चाहिए, अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें हटाने का सवाल अभी पैदा नहीं होता। पहले यह तो मालूम होने दीजिए कि गलती कहां हुई है।आईपीएल से जुड़े विवाद में किसी भी तरह की अटकलें नहीं लगाने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि दूसरे लोगों की तरह मैं खुद भी सच्चाई जानना चाहता हूं। उन्हें (मोदी को) अपनी बात रखने दीजिए। मुझे इस मामले न घसीटा जाए।संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में आईपीएल विवाद पर सीधे तौर पर कोई टिप्पणी करने से बचते हुए केंद्रीय खेल मंत्री एमएस गिल ने कहा कि खेलों के संचालन और प्रशासन में पारदर्शिता सुनिश्चित की जानी चाहिए और खेलों के संचालन में पारदर्शिता होनी चाहिए।पूर्व क्रिकेटर और भाजपा सांसद कीर्ति आजाद ने कहा कि लोग कह रहे हैं कि आईपीएल खराब है लेकिन मेरा मानना है कि क्रिकेट खराब नहीं है बल्कि उसे चलाने वाले खराब हो सकते हैं। ऐसे लोगों को हटाया जाना चाहिए।ललित मोदी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि अगर क्रिकेट से जुड़े मामलों में शीर्ष पद पर ऐसे लोग रहेंगे जिनका वास्ता खेल से न होकर, राजनीति या किसी अन्य क्षेत्र से हो तो इस तरह के विवाद पैदा होंगे।उन्होंने कहा कि देश के सभी क्रिकेट संघों में राजनेताओं का दबदबा है। इसे खत्म किया जाना चाहिए और सियासी लोगों के बजाय क्रिकेटरों को तरजीह दी जानी चाहिए।आजाद ने कहा कि क्रिकेट संघों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर भी किसी क्रिकेट खिलाड़ी को ही होना चाहिए वरना लोग पैसा बनाते रहेंगे।

सत्ता पक्ष ने ही सिब्बल को ''हूट'' किया

लोकसभा में बुधवार को विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के सदस्यों ने केंद्रीय विद्यालयों में दाखिलों में सांसदों का दो सीटों का कोटा बहाल करने की पुरजोर मांग की। इस मुद्दे को लेकर सदन में उस समय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब सत्ता पक्ष के सदस्यों ने ही मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल को ''हूट'' किया।सदन में प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों ने केंद्रीय विद्यालयों में सांसदों को दो सीटों पर दाखिले की सिफारिश करने संबंधी कोटे को बहाल किए जाने की मांग की।सिब्बल ने अपने जवाब में कहा कि जांच में पाया गया कि केंद्रीय विद्यालयों में निर्धारित कोटे से अधिक दाखिले हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह केंद्रीय विद्यालय केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, सार्वजनिक उपक्रमों और निगमों के कर्मचारियों के बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने के लिए स्थापित किए गए थे।सिब्बल ने कहा कि जांच में पाया गया कि इन कर्मचारियों के बच्चों के तो दाखिले हो नहीं रहे हैं लेकिन सिफारिशों के आधार पर अन्य वर्गों के बच्चों के दाखिले हो रहे हैं।उनके इतना कहते ही न केवल विपक्ष बल्कि सत्ता पक्ष के सदस्यों तक ने भारी शोरशराबा किया और सांसद कोटे को बहाल करने की पुरजोर मांग करने लगे। सदस्यों के शोरशराबे के कारण सिब्बल अपना जवाब पूरा नहीं कर पाए।प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद भी कांग्रेसी सदस्यों सहित राजद और जद-यू आदि के सदस्य अपना रोष जताते रहे और संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल तथा कुछ अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी सदस्य, आक्रोशित सदस्यों को शांत करने का प्रयास करते देखे गए।कुछ देर बाद सिब्बल जब सदन से बाहर जाने लगे तो इन सदस्यों ने ''हू हू'' की आवाज निकालकर बकायदा उन्हें ''हूट'' किया।सदन में प्रश्नकाल के दौरान मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने सदस्यों के पूरक, अनुपूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए बताया कि राजग सरकार के शासनकाल में तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने एक हजार सीटों का कोटा अपने पास रखा था और हर सांसद को दो सीटों का कोटा मिला था लेकिन संप्रग सरकार के सत्ता संभालने के बाद केंद्रीय मंत्री के कोटे का 1,200 कर दिया गया।

सरकार को उखाड़ फेंकने की हुंकार

भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद राजधानी में पहली सार्वजनिक रैली में नितिन गडकरी ने देश में बढ़ती महंगाई के लिए कांग्र्रेस नीत संप्रग सरकार की गलत नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए आज लोगों से इस सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया। महंगाई के मुद्दे पर संसद की तरफ कूच करने के आह्वान वाली इस रैली को गडकरी के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा था और इसके लिए महीने भर से तैयारियां की जा रही थी। इस रैली में भाजपा का सर्वोच्च नेतृत्व मौजूद था जिसमें गडकरी के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह, मुरली मनोहर जोशी, तथा एम वेंकैया नायडू के अलावा कुछ भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों समेत प्रमुख पदाधिकारी शामिल थे। रैली में हालांकि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदीयुरप्पा उपस्थित नहीं थे। खचाखच भरे रामलीला मैदान में चिलचिलाती धूप के बीच भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने केंद्र में सत्तारूढ़ संप्रग सरकार पर चावल, दाल आटा, चीनी, डीजल, पेट्रोल, उर्वरक जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतोंं में वृद्धि के लिए निशाना साधा। केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए गडकरी ने कहा, अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार की गलत नीतियों के कारण महंगाई में वृद्धि हो रही है। संबोधन समाप्त करने के बाद भीषण गर्मी के कारण गडकरी को चक्कर आ गया। हालांकि पास खड़े नेताओं ने उन्हें तुरंत संभाल लिया। गडकरी ने कहा, मेरे पास 25 देशों की महंगाई के आंकड़े हैं इन देशों में मुद्रास्फीति की दर दो प्रतिशत है जबकि भारत में यह 11 प्रतिशत है। सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह ने लोगों के विश्वास को तोड़ा है। कांग्रेस पर कड़ा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कांग्रेस का कोई माई का लाल मेरे सवाल का जवाब नहीं दे सकता है। रामलीला मैदान में रैली को संबोधित करने के बाद भाजपा नेता संसद की ओर बढ़े लेकिन उन्हें कुछ दूरी तय करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। अभी तक भाजपा के किसी सार्वजनिक समारोह को आडवाणी सबसे अंत में संबोधित करते रहे थे लेकिन इस रैली में आडवाणी का संबोधन गडकरी से पहले था। आडवाणी ने कहा, 'देश भर की जनता कमरतोड़ महंगाई से त्रस्त होकर दिल्ली आई है। कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण गरीब और गरीब होता जा रहा है जबकि अमीर और अमीर हो रहा है। आज गरीब की थाली में दाल, सब्जी नदारद है। इसका कारण कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार है। उन्होंने कहा कि इस रैली के बाद सरकार जनता की चेतावनी को समझे और भ्रष्टाचार एवं कुप्रबंधन पर लगाम लगाए अन्यथा परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे। कीमतों में वृद्धि के लिए गेहूं, चीनी, चावल, दाल महाघोटाला को जिम्मेदार ठहराते हुए लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि इस बेखबर और सोई सरकार को जगाने के लिए भाजपा महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को तैयार है। सुषमा ने कहा,'सरकार चेत जाए और जनता के दुख दर्द को समझे अन्यथा जनता सरकार को गद्दी से हटा देगी। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने कहा ''यह सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। चाहे आतंकवाद और माओवादियों से निपटने का मामला हो या आम लोगों की खुशहाली सुनिश्चित करने की बात। महंगाई को कम करने के मोर्चे पर तो सरकार पूरी तरह से विफल हो गई है।

भाजपा नेता जेपी शर्मा की सड़क हादसे में मृत्यु

भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष एवं नगरपालिका राजसमंद के पार्षद तथा भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष जे.पी. शर्मा व उनके भतीजे चेतन शर्मा का बुधवार सुबह अजमेर जिले के नसीराबाद के पास हुई सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। इस दुर्घटना में जे.पी. शर्मा की पत्नी व बच्चे घायल हो गए। भाजपा नेता जेपी शर्मा एवं उनके भतीजे के निधन का समाचार मिलते ही शहर में शोक की लहर छा गई और परिचित व रिश्तेदार हतप्रभ रह गए। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि बुधवार सुबह भाजपा नेता जेपी शर्मा (42), उनकी पत्नी श्रीमती प्रीति (40), पुत्र जयेश (17), पुत्री आस्था (16) और भतीजा चेतन शर्मा पुत्र दिनेश शर्मा (18) बुधवार सुबह करीब पौने पांच बजे राजसमंद से कार द्वारा जयपुर के लिए रवाना हुए। सुबह करीब आठ बजे नसीराबाद के समीप सामने आ रहे एक ट्रोले ने गलत दिशा में साइड ले ली जिससे कार अनियंत्रित होकर ट्रोले में जा घुसी। दुर्घटना में जेपी शर्मा व चेतन शर्मा की मौके पर ही मृत्यु हो गई जबकि शर्मा की पत्नी व बच्चे घायल हो गए। सूचना मिलने पर नसीराबाद थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर घायलों को किशनगढ़ चिकित्सालय पहुंचाया। इधर शहर में जेपी शर्मा व उनके भतीजे के निधन की खबर मिलते ही परिचित एवं रिश्तेदार हतप्रभ रह गए वहीं शहर में शोक की लहर छा गई। सूचना मिलने पर शर्मा के मित्र प्रमोद मोदी, विजय शर्मा सहित अन्य परिजन किशनगढ़ के लिए रवाना हो गए जहां पुलिस ने अन्य आवश्यक कार्रवाई के उपरांत शव सौंपा। शाम करीब साढ़े चार बजे जैसे ही भाजपा नेता जेपी शर्मा एवं उनके भतीजे का शव कांकरोली स्थित उनके निवास स्थान पर लाए तो परिजनों विलाप कर उठे। शर्मा का शव देखकर यहां मौजूद परिचित, राजनैतिक मित्र एवं स्वयंसेवी संगठनों के कार्यकर्ताओं की भी रूलाई फूट पड़ी। शाम करीब छह बजे अंतिम संस्कार किया गया जिसमें भाजपा सहित राजनैतिक पार्टियों के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता तथा शहर के हर समाज के लोग सम्मलित हुए। समाजसेवा में भी अग्रसर थे शर्मा : भाजपा नेता एवं पार्षद जेपी शर्मा राजनीति के मंझे हुए नेता के साथ-साथ समाजसेवा की भावना से भी ओतप्रोत थे। मेडिकल व्यवसायी होने के बावजूद शहर की प्रमुख समस्याओं एवं जरूरतमंदों की सहायता के लिए हरसंभव प्रयास करते रहे। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष नारायण शर्मा के पुत्र जेपी शर्मा नगरपालिका राजसमंद में लगातार दूसरी बार पार्षद निर्वाचित हुए थे। जेपी शर्मा के भतीजे चेतन शर्मा अजमेर विद्युत वितरण निगम शाखा कांकरोली के सहायक अभियंता दिनेश शर्मा के पुत्र है। नगरपालिका में छाया सन्नाटा : पार्षद एवं भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश शर्मा के निधन की खबर मिलते ही पालिका मेें सन्नाटा छा गया। पालिका अध्यक्ष अशोक रांका, उपाध्यक्ष सत्यप्रकाश काबरा, पालिका प्रतिपक्ष नेता चुन्नीलाल पंचौली, पालिका आयुक्त नारायण सिंह सांदू एवं पार्षदों ने दुख व्यक्त किया। बाद में यहां शोकसभा का आयोजन कर दो मिनट का मौन रख कर उन्हें श्रद्धांजली अर्पित की। वक्ताओं ने शर्मा को सुलझे विचारों के ऊर्जावान नेता बताया। उन्होंने कहा कि जन-जन में पार्षद के रूप में अपनी कार्यशैली से लोकप्रिय थे। शोकसभा के उपरांत दिवगंत आत्मा के सम्मान में पालिका कार्यालय में अवकाश कर दिया गया।भाजपाइयों में शोक की लहर : भाजपा नेता शर्मा के निधन पर भाजपा राष्ट्रीय सचिव व राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि शर्मा के निधन से पूरा क्षेत्र आहत है। जिलाध्यक्ष नंदलाल सिंघवी, महामंत्री महेश पालीवाल, पूर्व जिला प्रमुख हरिओम सिंह राठौड़, भीम विधायक हरिसिंह रावत, राजसमंद प्रधान देऊबाई खटीक, प्रवक्ता किशोर गुर्जर आदि ने शर्मा के निधन पर शोक प्रकट किया। मुस्लिम समाज ने दी श्रद्धांजलि : इंतजामिया कमेटी मुस्लिम समाज कांकरोली के सचिव खलील डायर ने कमेटी की ओर से पार्षद शर्मा के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया। उन्होंने कहा कि शर्मा के निधन से शहर को अपूरणीय क्षति हुई है कमेटी व सारा मुस्लिम समाज ने संवेदना प्रकट की। श्रमजीवी पत्रकार परिषद ने व्यक्त की संवेदना : भाजपा नेता शर्मा के निधन पर राजस्थान श्रमजीवी पत्रका संघ के ललित चोरडिया, मुबारिक शुक्रिया ने शोक प्रकट किया। उन्होंने कहा कि जनहित के सजग प्रहरी एवं ऊर्जावान नेता के निधन से शहर को अपूरणियक्षति हुई है।

Wednesday, April 14, 2010

जरा सोच समझकर बोलें गडकरी: गोविंदाचार्य

बीजेपी के पूर्व महासचिव के. एन. गोविंदाचार्य ने बीजेपी क
े राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी को पत्र लिख कर आगाह किया है कि पार्टी की आंतरिक गुटबाजी और गड़बड़ियों का उन्हें शिकार न बनाया जाए। उन्होंने कहा कि इससे मेरी छवि को नुकसान पहुंचता है। जनमानस में मेरे बारे में भ्रम पैदा होता है और मेरे काम में भी रुकावट पैदा होती है। वह और उनकी पार्टी के पदाधिकारी मेरे बारे में बीजेपी के प्रति मेरी अरुचि देखते हुए टिप्पणी करना बंद कर दें। एक समाचार पत्र में प्रकाशित गडकरी के इंटरव्यू का जिक्र करते हुए गोविंदाचार्य ने अपने पत्र में गडकरी को अपनी वाणी पर संयम रखने की भी सलाह दी है। उन्होंने लिखा है कि उन्हें (गडकरी को) अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए जिससे उनकी छवि अनर्गल बोलने वाले सतही एवं अक्षम नेता की न बने। पार्टी के प्रति अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए गोविंदाचार्य ने कहा है कि मैं न तो पार्टी से निष्कासित किया गया हूं और न ही मैंने पार्टी से इस्तीफा दिया है। मैंने 9 सितंबर 2000 को अध्ययन अवकाश लिया था। 2003 में बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता का पुन: नवीकरण नहीं कराया था। अत: मैंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से खुद को मुक्त कर लिया था। उन्हें (गडकरी को) और उनकी पार्टी (बीजेपी) के पदाधिकारियों को बयान या इंटरव्यू देने से पहले मेरी विशिष्ट स्थिति का ज्ञान होना चाहिए और वाणी संयम करना चाहिए। गोविंदाचार्य ने यह भी लिखा है कि मैं संघ का स्वयंसेवक हूं और बौद्घिक, रचनात्मक और आंदोलनात्मक तरीकों से देश हित में सक्रिय हूं। बीजेपी की दशा और दिशा के संबंध में मेरा अपना आकलन है। पिछले 10 साल से मैं दर्जन बार कह चुका हूं कि मैं पार्टी या सत्ता का हिस्सा नहीं बनूंगा। लेकिन मेरे कार्य का राजनीति पर प्रभाव पड़ेगा।

माया की मूर्ति दुनिया की सबसे बदसूरत मूर्तियों में

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमो मायावती की एक मूर्ति दुनिया की सबसे बदसूरत
मूर्तियों की लिस्ट में शामिल की गई है। अमेरिका से प्रकाशित होने वाली एक मैगजीन ने दुनिया की सबसे बदसूरत मूर्तियों की लिस्ट छापी है। इस लिस्ट में मायावती की एक मूर्ति छठे स्थान पर रखी गई है। इस मूर्ति में मायावती के बगल में बीएसपी के संस्थापक कांशीराम और पीछे बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की मूर्तियां भी हैं। दुनिया की सबसे बदसूरत मूर्तियों के नाम से जारी इस लिस्ट के उपशीर्षक में लिखा गया है - निकृष्ट कला और स्तरहीन राजनीति का मिलन होता है। मैगजीन की इस लिस्ट में मायावती की मूर्ति को शामिल किए जाने के बाबत जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के फाइन आर्ट्स एजुकेशन और स्कल्पटर डिपार्टमेंट के हेड ऑफ डिपार्टमेंट प्रफेसर एम. जी. किदवई ने कहा मायावती की मूर्ति बदसूरत है तो इसमें मायावती का क्या कसूर है? मूर्ति तो मायावती ने नहीं बनायी। और जहां तक मायावती की खूबसूरती का सवाल है तो वह दिखने में काफी अच्छी हैं।
जेएनयू के प्रफेसर एम. एन. ठाकुर ने कहा कि अमेरिका के लोगों को हर चीज मापने की बीमारी है। वह हर चीज को मापते हैं। उन्होंने कहा कि मैं इसे मापने की बीमारी कहता हूं। 11 सबसे बदसूरत मूर्तियों में छठे स्थान पर रखी गई मायावती की मूर्ति के बारे में पत्रिका लिखती है - लीडर: भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री कुमारी मायावती को दलितों के अधिकार के लिए काम करने वाले के तौर पर जाना जाता है लेकिन मायावती की लोकप्रिय छवि को पिछले साल उस वक्त धक्का लगा जब भारत के सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें लोक निधि से 42 करोड़ 50 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 18.86 अरब रुपये) खर्च कर खुद की और दूसरे लोकप्रिय दलितों की मूर्तियों के निर्माण के लिए फटकार लगाई। इस बारे में प्रफेसर ठाकुर ने कहा कि लोक निधि के नाम पर पैसे की बर्बादी को जायज़ नहीं ठहराया जा सकता लेकिन इस काम में वह अकेली नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मूर्तियों की यह सूची उनके एलीटिस्ट नजरिये को दिखाती है। मायावती की मूर्तियों की आलोचना का आधार दूसरे मानदंडों पर हो सकता है लेकिन उसे सबसे बदसूरत बताना नस्लवाद का उदाहरण कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मायावती जहां से ताल्लुक रखती हैं वह तबका पहली बार सत्ता में आया है और उस तबके के लिए प्रतीकों की राजनीति जरूरी है। सबसे बदसूरत प्रतिमाओं की लिस्ट में पहले स्थान पर सेनेगल की एक मूर्ति को रखा गया है जिसका इस हफ्ते ही अनावरण किया गया है। करीब 160 फुट ऊंची इस मूर्ति में एक पुरुष, महिला और एक बच्चा ज्वालामुखी से निकल रहे हैं। दूसरी सबसे खराब प्रतिमा जॉर्जिया के गोरी शहर में स्टालिन चौराहे पर स्टालिन की मूर्ति को माना गया है। पत्रिका के मुताबिक, 20वीं सदी का सबसे बड़ा जनसंहारक आज भी यहां गर्व से खड़ा है।

राहुल आंबेडकर को माला नहीं पहना सकते

बीएसपी सुप्रीमो मायावती को उनके गढ़ उत्तर प्रदेश में चुनौती देने की कांग्रेस की राह उतनी
आसान नहीं है। राहुल गांधी के रास्ते में मुश्किल खड़ी करते हुए मायावती ने बुधवार को राहुल को बाबा साहब आंबेडकर की मूर्ति पर माला पहनाने की इजाजत देने से इनकार कर दिया है। प्रशासन ने यहां सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए कांग्रेस के कार्यक्रम और बाबा साहेब आंबेडकर की मूर्ति को माला पहनाने की इजाजत नहीं दी। डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती के मौके पर यहां दो अलग-अलग मैदानों पर बीएसपी और कांग्रेस के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। बीएसपी जिस मैदान में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक कार्यक्रम आयोजित कर रही है वहां बाबा साहेब की प्रतिमा है, लेकिन एक दूसरे मैदान पर कांग्रेस ने भी 10 बजे से 2 बजे तक एक कार्यक्रम का आयोजन किया है।
कांग्रेस ने उसी मैदान में बाबा साहब की प्रतिमा पर माला पहनाने की इजाजत मांगी थी, जहां बुधवार को बीएसपी का कार्यक्रम है, लिहाजा प्रशासन ने कांग्रेस को इसकी इजाजत देने से इनकार कर दिया और कहा कि बीएसपी के कार्यक्रम के बाद कांग्रेस को माल्यार्पण की इजाजत दी जा सकती है। कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रमोद तिवारी का आरोप है कि इस कार्यक्रम के संयोजक एवं फैजाबाद के सांसद निर्मल खत्री द्वारा अनुमति मांगे जाने के बावजूद प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार कर दिया। वहीं आंबेडकर नगर के डीएम कुंवर विक्रम सिंह ने कहा कि उन्होंने कार्यक्रम के लिए अनुमति देने से मना नहीं किया लेकिन सुरक्षा कारणों से जब तक बीएसपी का कार्यक्रम चलेगा, तब तक दूसरे कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जा सकती।

Tuesday, April 13, 2010

राहुल पर गडकरी के कॉमेंट को भाव नहीं देना चाहती कांग्रेस

पूर्व बीजेपी नेता गोविंदाचार्य द्वारा बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी को जबान संभालकर बोलने की
सलाह देने के बाद कांग्रेस ने भी गडकरी को हल्का नेता बताते हुए उनकी राहुल पर की गई टिप्पणी को महत्व देने से इनकार कर दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि हम प्रमुख विपक्षी दल के अध्यक्ष का सम्मान करते हैं। मगर गडकरी वह राजनीतिक मैच्योरिटी हासिल नहीं कर पाए हैं कि उनकी टिप्पणी पर कॉमेंट किया जाए। मनीष से गडकरी के उस बयान के बारे में पूछा गया था जिसमें गडकरी ने कहा था कि राहुल इन्फ्रास्ट्रक्चर (ढांचागत मुद्दों) के बारे में कुछ नहीं जानते। मनीष ने कहा कि गडकरी आरएसएस के एक्सटेंशन बोर्ड हैं। वे बीजेपी के दूसरे दर्जे के नेता हैं, जिनके जरिए संघ बीजेपी पर नियंत्रण की कोशिश कर रहा है। उनके बयान पर टिप्पणी करने का कोई अर्थ नहीं है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि गडकरी बीजेपी में जगह मजबूत करने के लिए ऐसी अनावश्यक बयानबाजी कर रहे हैं। बीजेपी के तमाम बड़े नेता उन्हें स्वाभाविक नेता के तौर पर स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इस वजह से वे राहुल पर हमला करके पार्टी में महत्व पाना चाहते हैं।

महिला आरक्षण पर मुंडे की मांग खारिज

महिला आरक्षण विधेयक पर वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे के विचारों को सिरे से खारिज करते हुए भाजपा ने आज कहा कि पार्टी विधेयक पर अपने पूर्व के रूख पर कायम है और लोकसभा इसे अपना समर्थन देगी।भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से कहा, महिला आरक्षण विधेयक पर पार्टी का आधिकारिक रूख स्पष्ट है। विधेयक को राज्यसभा में जिस रूप में पास किया गया है, उस रूप में हम लोकसभा में इसका समर्थन करने को तत्पर है। इसमें कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा कि मुंडे ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वह इस विषय पर पार्टी के रूख के साथ है। यह पूछे जाने पर कि क्या इस विषय पर मीडिया में अपनी बात रखने पर मुंडे के खिलाफ कोई कार्रवाई की जा सकती है, भाजपा प्रवक्ता ने कहा, इस विषय पर किसी तरह के अनुशासन का उल्लंघन नहीं हुआ है और यह बात यहीं समाप्त हो जाती है।

ईरान पर नए प्रतिबंध लाभकारी नहीं होंगे: प्रधानमंत्री

ईरान पर नए प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर पश्चिमी देशों की मुहिम के बीच भारत ने अमेरिका को साफ कर दिया है कि यदि तेहरान परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) के तहत अपनी जिम्मेदारियों के प्रति दृढ़ रहेगा, तो ऐसे में उस पर प्रतिबंध लगाना लाभकारी नहीं होगा। ईरान का परमाणु मुद्दा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच रविवार को ब्लेयर हाउस में हुई बातचीत के दौरान उठाया गया। विदेश सचिव निरुपमा राव ने दोनों नेताओं की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि नेताओं के बीच चर्चा न्यूयॉर्क में जारी उस बातचीत के जिक्र के साथ शुरू हुई, जिसमें कहा गया था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ईरानी परमाणु मुद्दे से निपटने के लिए कोई प्रस्ताव पारित कर सकता है। राव ने कहा, "इसलिए ओबामा ने प्रधानमंत्री सिंह को उन चर्चाओं के बारे में बताया। हमारे प्रधामंत्री ने इस संदर्भ में भारत के रुख को बहुत स्पष्ट कर दिया।"राव ने कहा, "आप उस सच के बारे में जानते हैं कि हमने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि एनपीटी के सदस्य के नाते परमाणु मुद्दे पर ईरान को कुछ खास जिम्मेदारियां निभानी हैं।"प्रतिबंध के मुद्दे पर मनमोहन सिंह ने ओबामा से कहा कि प्रतिबंधों से चूंकि आम जनता प्रभावित होती है, लिहाजा इसका हमेशा प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

Tuesday, April 6, 2010

विधायक के घर आग लगाई, भाई झुलसा

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की महसी विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुरेश्व
र सिंह के घर को मंगलवार तड़के कुछ बदमाशों ने फूंक दिया। उन्होंने आग किसी ज्वलनशील पदार्थ की मदद से लगाई। घटना में विधायक के भाई बुरी तरह से झुलस गए हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एसपी और लखनऊ से आई फरेंसिक एक्सपर्ट्स की टीम ने मौके का मुआयना किया है। बीजेपी विधायक सुरेश्वर सिंह ने बताया है कि शहर के काजीपुरा मोहल्ला स्थित उनके आवास पर सड़क से लगे कमरे में उनके भाई दिनेश्वर सिंह सो रहे थे। मंगलवार सुबह करीब 4:30 बजे कुछ लोगों ने ज्वलनशील पदार्थ छिड़कर कमरे में आग लगा दी। आगजनी की घटना में उनके भाई बुरी तरह से झुलस गए हैं। एसपी लालजी शुक्ल ने मौके का दौरा करने के बाद बताया कि मामले की जांच चल रही है और लखनऊ स्थित फरेंसिक साइंस लैब की टीम बुला ली गई है। विधायक ने बताया कि इससे पहले भी 6 फरवरी की शाम दो मोटरसाइकल सवारों ने उनके मकान में आग लगा दी थी। उसके बाद से उन्हें और उनके परिजनों को जान से मार डालने, बम से उड़ा देने की धमकी दी जा रही है। उन्हें धमकी भरे कई पत्र मिल चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (गृह), डीजीपी, विधानसभा स्पीकर को सूचित करने के बावजूद सरकार व प्रशासन ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया है। इस वजह से बदमाशों के हौसले बुलंद हो गए हैं।

अब साइकल से संसद आएंगे लोकसभा सदस्य

दौसा से लोकसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा 15 अप्रैल से शुरू हो रहे संसद सत्र में शामिल होने साइकल से आएंगे। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने उनके इस आग्रह को मंजूरी दे दी है। लोकसभा के महासचिव पी.डी.टी. आचार्य ने बताया कि पिछले महीने कुछ सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष से मिलकर संसद आने के लिए इको फ्रेंडली वाहन की अपील की थी। बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी, बीजेडी के भर्तहरि महताब और कांग्रेस के संदीप दीक्षित साइकल से संसद आने के इच्छुक हैं। लेकिन केवल मीणा ने इस बारे में लोकसभा अध्यक्ष को लिखित आवेदन दिया था।

बीएसपी के गढ़ में राहुल की सेंधमारी

कांग्रेस ने आंबेडकर नगर रैली में महात्मा गांधी की तस्वीर के साथ भीमराव आंबेडकर की फोटो लगाकर बी
एसपी के वोट बैंक को लुभाने की कोशिश की है। यही नहीं, कांग्रेस अब बाबू जगजीवन राम के नए अवतार को भी कैश कराने की कोशिश में हैं। रैली में राहुल गांधी पर फोकस किया गया है। दिल्ली से फैजाबाद-आंबेडकर नगर जाने वाली कैफियत एक्सप्रेस में लगाए गए पोस्टरों से यह साफ पता चलता है कि कांग्रेस लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार के पिता जगजीवन राम के नाम, स्मृति को भी अपने हक में भुनाने की कोशिश में है। पोस्टरों में आधुनिक भारत के निर्माता जवाहरलाल नेहरू से लेकर लाल बहादुर शास्त्री, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल और इंदिरा गांधी-राजीव गांधी के चित्रों के साथ नारे भी लिखे हुए हैं। इससे साफ है कि राहुल कोई मौका नहीं चूकेंगे। पोस्टरों में जिस तरीके से बाबू जगजीवन राम को तरजीह दी गई है, उससे यही अहसास हो रहा है कि इसका सीधा असर यूपी-बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में पड़ सकता है। बाबू जगजीवन राम का नाम आज भी दलित वर्ग में सम्मान के साथ लिया जाता है। राहुल के दलित प्रेम को लेकर पहले ही मायावती की भवें तनी हुई हैं। डॉ. आंबेडकर की जयंती पर कांग्रेस का इस तरह से रथयात्रा-रैली करके दलितों के बीच घुलना-मिलना राहुल की रणनीति का मुख्य हिस्सा माना जा रहा है। मायावती की बीएसपी इसी दिन महिला बिल के खिलाफ हर जिले में पर्दाफाश रैली कर रही है। कांग्रेस के सीनियर लीडर निर्मल खत्री जो फैजाबाद के सांसद भी हैं, इस मुहिम को अंजाम देने दिल्ली से फैजाबाद आ चुके हैं।

Monday, April 5, 2010

यूपी में पहले ही असेंबली चुनाव के आसार

विपक्ष को लगने लगा है कि मायावती सरकार यूपी असेंबली के चुनाव समय से पहले
करवा सकती हैं। इसी रणनीति को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी बीएसपी के गढ़ आंबेडकरनगर से कांग्रेस यात्रा शुरू कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी भी साइकल रैली और विभिन्न सम्मेलनों में सक्रिय होती जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष बदलने की कवायद में जुटी बीजेपी असेंबली इलेक्शन को ध्यान में रखकर ही गांवों से लेकर शहरों तक हस्ताक्षर अभियान चला रही है और 21 अप्रैल को दिल्ली में रैली करने जा रही है। यूपी में विधानसभा चुनाव 2012 में होने हैं। लेकिन एसपी के नैशनल प्रेजिडेंट मुलायम सिंह यादव व कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी का मानना है कि यूपी में समय से पहले असेंबली के चुनाव हो सकते हैं। डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल को यूपी में हाथी और हाथ की सियासी जंग देखने को मिलेगी। इसका गवाह बनेगा जिला आंबेडकर नगर। राहुल गांधी यहां से दलितों को पार्टी से जोड़ने के लिए कांग्रेस यात्रा शुरू करेंगे। बीएसपी इस दिन यूपी भर में महिला आरक्षण बिल के स्वरूप के विरोध में सभी जिला मुख्यालयों पर पर्दाफाश रैली करेगी। आंबेडकर नगर से मुख्यमंत्री मायावती खुद दो बार सांसद व एकबार विधायक रह चुकी हैं। कांग्रेस असेंबली चुनाव को ध्यान में रखते हुए यूपी के दलितों व आम जनता को कांग्रेस से जोड़ने के लिए यात्रा शुरू कर रही है। जबकि बीएसपी का प्रदर्शन दलित वोट बैंक को बचाए रखने व कांग्रेसी अभियान को फीका करने के लिए होगा। चंद दिन पहले कांग्रेस को रैली के लिए जगह देने के मामले में यूपी सरकार से कांग्रेसियों में तनातनी चल रही थी और आंबेडकर नगर प्रशासन ने राहुल की रैली के लिए हवाईपट्टी के बगल में पुलिस रिपोर्ट की आड़ लेकर जगह देने से मना कर दिया था। इसे कांग्रेसियों ने मुद्दा बना लिया था। लेकिन यूपी सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन ने आनन-फानन में रैली के लिए जगह दी। बीएसपी ने रैली के लिए पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों, विधान परिषद सदस्यों व संयोजकों को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन के दौरान अधिक से अधिक भीड़ जमा करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, कांग्रेस भी राहुल की रैली को सफल बनाने के लिए पूरा जोर लगा रही है। इस जिले में दोनों पार्टियों के बीच पोस्टर वॉर का नजारा अभी से दिखने लगा है। एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह चिलचिलाती गर्मी में चुनावी गर्मी की हवा मिलाने की तैयारी में हैं। वर्कर कॉन्फ्रेंस और साइकल रैली इसी कड़ी का अहम हिस्सा है। मोर्चा खुद मुलायम ने संभाला है। उनके दोनों पदाधिकारी भाई रामगोपाल यादव व शिवपाल सिंह यादव और सांसद पुत्र अखिलेश यादव इस काम में अपनी ताकत झोंक रहे हैं। इस कॉन्फ्रेंस व रैली से दो संदेश दिए जा रहे हैं। पहला, यूपी में असेंबली इलेक्शन अगले साल हो सकते हैं और वर्कर तैयार रहें। दूसरा, पार्टी अब जमीन से जुड़े वर्करों को ही वरीयता देगी और गगन पर चलने वालों को एक-एक करके किनारे किया जा रहा है।

करीब दो साल बाद यह कामयाबी मिली

बीजेपी ने बेंगलुरु नगर निगम के चुनाव में पहली बार कब्जा जमाया है। साउथ में बीजेपी की पहली स
रकार बनने के करीब दो साल बाद यह कामयाबी मिली है। वृहत बेंगलुरु महानगर पालिका की 198 सीटों में 192 के जो नतीजे सामने आए हैं, उनमें बीजेपी को 110 सीटें मिली हैं। कांग्रेस को 68 और देवेगौड़ा की जेडी (एस) को 14 सीटें मिली हैं। जीत से उत्साहित मुख्यमंत्री बी. एस. येदयुरप्पा ने शहर का इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहतर बनाने के लिए अगले तीन साल में 22,500 करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया। पिछले साल के आखिर में येदयुरप्पा के खिलाफ कुछ विधायकों ने बगावत कर दी थी। कांग्रेस ने हार के लिए कम वोटिंग की वजह बताई है। चुनाव में 44 पर्सेंट लोगों ने वोट डाले थे।


लेकिन पार्षद बेचारे गरीब...

सैलरी और भत्तों के मामले में दिल्ली नगर निगम के 272 पार्षद खासे गरीब हैं। सैलरी के नाम पर पार्षदों को निगम की एक बैठक के लिए मात्र 300 रुपये भत्ता दिया जाता है। लैंडलाइन फोन के बिल के अलावा उनके मोबाइल फोन में हर माह एक हजार रुपये का टॉक टाइम डाला जाता है। सूत्र बताते हैं कि पिछले तीन माह से एमसीडी पार्षदों को उनका यह दुर्लभ वेतन भी नहीं मिल रहा है। वैसे पार्षदों को लैपटॉप तो मिला है लेकिन उसके साथ न तो प्रिंटर है और न ही इंटरनेट की सुविधा। जिस पार्षद को लैपटॉप चलाना नहीं आता, वह उसके घर की शोभा बढ़ा रहा है, क्योंकि उन्हें ऑपरेट करने के लिए कर्मचारी नहीं मिलता है। पिछले साल मेयर डॉ. कंवरसेन ने इस बाबत उपराज्यपाल तेजेंद्र खन्ना को पार्षदों का दुखड़ा सुनाया था और बताया महंगाई के इस दौर में पार्षदों को कुछ न मिलना उनके साथ अन्याय करना है। उन्होंने महामहिम को जानकारी दी थी कि पार्षद को लोगों चिट्ठी आदि लिखवाने के लिए ही हर माह करीब 15 हजार रुपये खर्च हो जाते हैं। इतना ही नहीं शादी और अन्य कार्यक्रमों में पार्षद को गिफ्ट देना होता है। गुजारिश की थी कि पार्षदों का वेतन कम से कम 30 हजार रुपये हो जाए तो उन्हें कई 'परेशानियों' से निजात मिल सकती है। बताते हैं कि उपराज्यपाल निवास से मेयर को आश्वासन तो मिला लेकिन सैलरी आदि नहीं मिले।