सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, सांसद ओमप्रकाश माथुर समेत कई भाजपा नेताओं की सुरक्षा हटा ली है।अचानक सुरक्षाकर्मी बुलाए जाने से नाराज भाजपा नेताओं ने सरकार पर ओछी मानसिकता का आरोप लगाया है। सूत्रों के अनुसार 2 सितंबर को सरपंचों के आंदोलन का समर्थन करने के बाद विधायकों और सांसदों की गिरफ्तारी से ठीक पहले देर रात सभी सुरक्षा गार्डो को वापस बुला लिया गया था। इसके बाद अभी तक ये गार्ड वापस नहीं लौटे हैं।गृहमंत्री और डीजी ने कहा-हमें पता ही नहीं: गृहमंत्री शांति धारीवाल ने इस बारे में कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। वे फिलहाल कोटा में हैं, इसलिए पुलिस महानिदेशक हरीशचंद्र मीना ही कुछ बता सकते हैं। मीना ने कहा कि उन्हें भी इस बारे में कुछ नहीं पता। वे फाइल देखकर ही बता सकते हैं। शेष x पेज ४मैं तो कल भी अकेला ट्यूर करके आया हूं: ओमप्रकाश माथुर का कहना है कि मुझे वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। मेरे सभी सुरक्षाकर्मी 2 सितंबर की रात्रि वापस बुला लिए गए। कारण मुझे पता नहीं है। मैं तो शनिवार को भी अकेला ही टूर करके आया हूं। सरकार की ओछी मानसिकता: पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़ का कहना है कि उन्हें धमकियां मिली हुई हैं। सीआईडी सीबी की रिपोर्ट पर उन्हें दो सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराए गए थे। सरपंच आंदोलन के समर्थन में हमारी गिरफ्तारी से पहले इन गार्डो को अचानक बुला लिया गया। यह सरकार की ओछी मानसिकता है। अब कुछ हुआ तो सरकार की जिम्मेदारी: पूर्व मंत्री डॉ. दिगंबरसिंह ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक वातावरण को देखते हुए उन्हें सीआईडी की रिपोर्ट पर सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। सरकार ने सरपंच आंदोलन के कारण उनके सभी सुरक्षाकर्मी वापस बुला लिए। अब यदि उनके साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। इनके हटाए सुरक्षाकर्मीराज्यसभा सांसद ओमप्रकाश माथुर, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधराराजे, सांसद डॉ. किरोड़ीलाल, पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़, डॉ. दिगंबरसिंह के सभी सुरक्षाकर्मी वापस बुला लिए गए हैं। इनमें से माथुर, वसुंधरा और किरोड़ीलाल को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली है। इन नेताओं का कहना है कि उन्हें लिखित या मौखिक आदेश भी नहीं दिया गया।
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