Saturday, July 25, 2009
सांप्रदायिक दंगों में मोदी के रोल की जांच
राजस्थानी भाषा को संविधान में सम्मिलित की मांग की
राष्ट्रपति से ऑनलाइन दर्ज कराइए कंप्लेंट
राजस्थान के रूख से केन्द्र नाराज
Friday, July 24, 2009
लोकसभा सीटें दोगुनी करने की मांग
धार तराश रहे हैं आडवाणी
महिला सशक्तिकरण आयोग, पीएम होंगे अध्यक्ष
सुरक्षा में कटौती नहीं : सरकार
इन नेताओं की सुरक्षा घटाने की खबरों पर संसद के दोनों सदनों में गुरूवार को भारी हंगामे से कार्रवाई ठप होने के बाद केन्द्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को लोकसभा में यह आश्वासन देना पडा। सदन के नेता मुखर्जी ने साफ किया कि इन नेताओं की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सरकार ने इन आरोपों को गलत बताया कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती , एसपी के मुखिया मुलायम सिंह , आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद और बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी आदि की सुरक्षा व्यवस्था में कटौती की जा रही है।
संसद के दोनों सदनों में इन दलों के सदस्यों ने अपने नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था में कथित कटौती के मुद्दे को लेकर भारी हंगामा किया जिसके कारण लोकसभा की बैठक तीन बार और राज्यसभा की बैठक दो बार स्थगित करनी पड़ी। सदस्यों के हंगामे के कारण गुरुवार को किसी भी सदन में प्रश्नकाल नहीं हो सका।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सदस्य मायावती की सुरक्षा में कटौती का मुद्दा उठाते हुए अध्यक्ष के आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे। अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदस्यों को शून्यकाल में यह मुद्दा उठाने को कहा , लेकिन सदस्यों ने शोरशराबा और नारेबाजी जारी रखी। इस वजह से कुछ ही मिनट बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही साढ़े 11 बजे तक स्थगित कर दी।
सदन की बैठक साढ़े 11 बजे फिर शुरू होने पर सदन के नेता प्रणव मुखर्जी ने स्पष्टीकरण दिया कि अभी किसी नेता की सुरक्षा कम करने का फैसला नहीं किया गया है। मुखर्जी ने कहा कि गृह मंत्री पी चिदम्बरम ने बताया है कि नेताओं तथा अन्य अति विशिष्ट लोगों को दी जाने वाली सुरक्षा की समय - समय पर समीक्षा करना नियमित प्रक्रिया है। लेकिन , फिलहाल जो समीक्षा की गई है उसकी रिपोर्ट अभी तक उन्हें नहीं मिली है। इसलिए किसी नेता की सुरक्षा में कटौती के फैसले का सवाल ही नहीं उठता है।
Wednesday, July 22, 2009
विधानसभा में विपक्ष उबल पड़ा
पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार के बारे में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी गंभीर है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी 6 माह में अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं हो पाना गंभीर है। पुलिस की इस नाकामी के लिए गृहमंत्री को त्यागपत्र देना चाहिए। इस पर भाजपा के सदस्यों ने खड़े होकर बोलना शुरू कर दिया और वैल में आकर नारेबाजी की।
इसके बाद जब सदन की बैठक शुरू हुई तो गृहमंत्री धारीवाल ने अपने जवाब में पुलिस की नाकामी की बात स्वीकारी। उन्होंने जैसे ही पूर्व डीआईजी मधुकर टंडन और उड़ीसा के डीआईजी के पुत्र बिट्टी मोहंती की गिरफ्तारी नहीं होने और गुर्जर आंदोलन के समय सुप्रीम कोर्ट द्वारा तत्कालीन सरकार पर राष्ट्रीय शर्म जैसी टिप्पणी करने और भवानीमंडी नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन रामलाल गुर्जर की गिरफ्तारी नहीं होने का जिक्र किया तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष चाहता था कि गृहमंत्री केवल उदयपुर के मामले तक ही अपना जवाब सीमित रखें पुरानी घटनाओं का जिक्र यहां नहीं करें। हंगामे के कारण धारीवाल अपना वक्तव्य पूरा नहीं पढ़ पाए। बाद में धारीवाल ने बताया कि उन्होंने सदन में यह भी कहा था कि हत्या के एक अभियुक्त झालरापाटन निवासी अमित शर्मा को तो पूर्व मुख्यमंत्री ने छुड़वाया था, वह आज तक फरार है। मैं दोषी हूं तो मुझे यहीं सजा दें : गृहमंत्री धारीवाल की इस टिप्पणी से कि हाईकोर्ट ने जब अभियुक्त पर्वतसिंह को जमानत दी तब किसकी सरकार थी और उसके लिए कौन जिम्मेदार था, पूर्व गृहमंत्री कटारिया नाराज हो गए। उन्होंने कहाकि हाईकोर्ट से जमानत होना क्या मेरे अधिकार क्षेत्र में था? यदि इसके लिए भी मैं दोषी हूं तो मुझे यहीं सजा दे दी जाए। कटारिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से राज्य पर जो कलंक लगा है, उसे धोने के लिए सरकार ने क्या प्रयास किया, यह बताया जाए।
रमन सिंह से इस्तीफे की मांग
भाजपा विधायक भी खड़े होकर विरोध करने लगे। उन्होंने कांग्रेसियों पर आरोप लगाया कि वे शहीदों के नाम पर आपत्ति कर रहे हैं। नगरीय प्रशासन मंत्री राजेश मूणत ने नारे शुरू कर दिए। दोनों पक्षों से हो रही नारेबाजी के बीच विधानसभा अध्यक्ष धरम कौशिक ने उनको शांत कराने का प्रयास किया। मुख्यमंत्री आज सदन में मौजूद नहीं थे, इस कारण कांग्रेस विधायकों ने उन पर सदन से पलायन करने का आरोप लगाया। हंगामे के बीच ही विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू कर दिया और बसपा विधायक दूजराम बौद्ध को अपना सवाल करने का निर्देश दिया। स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल ने अपना जवाब भी दिया लेकिन शोरगुल के चलते कुछ भी सुनाई नहीं दिया। प्रश्नकाल की कार्यवाही में भाग लेने के लिए अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायकों के नाम भी लिए लेकिन एक भी विधायक ने इसमें भाग नहीं लिया। संसदीय कार्यमंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे सदन में चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव देते हैं और चर्चा में भाग नहीं लेते। सदन को नियम प्रक्रिया के तहत ही संचालित किया जा सकता है। हंगामे की वजह से अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस विधायकों ने फिर नारे लगाने शुरू कर दिए। अध्यक्ष ने प्रश्नकाल की कार्यवाही जारी रखी। इसमें केवल भाजपा और बसपा विधायकों ने भाग लिया। कांग्रेस के विधायक केवल नारे लगाते खड़े रहे। भाजपा विधायकों ने खड़े होकर शोर मचाया। नारेबाजी के बीच 30 मिनट के लिए फिर कार्यवाही रद्द कर दी गई। प्रश्नकाल के बाद अध्यक्ष ने कार्यसूची के तमाम विषयों पर कार्यवाही शुरू कर दी। इसी दौरान संसदीय कार्यमंत्री श्री अग्रवाल ने अनुपूरक बजट भी प्रस्तुत कर दिया।
अंत में मदनवाड़ा की घटना पर गृहमंत्री ननकीराम कंवर का वक्तव्य भी दिलवा दिया। इससे नाराज नेता प्रतिपक्ष रविंद्र चौबे ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि इतने गंभीर मामले पर कल मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं बोला और आज जब मुख्यमंत्री नहीं हैं तो गृहमंत्री से वक्तव्य दिलाया जा रहा है। सरकार को घटना के 11 दिन बाद होश आ रहा है। इसके साथ ही कांग्रेस विधायकों ने नारे तेज कर दिए। उसके बाद अध्यक्ष ने गुरुवार तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। 22 जुलाई को हरेली पर्व की वजह से सदन में अवकाश घोषित कर दिया गया।
वरिष्ठ मंत्री ने से जेल में मुलाकात की अजमल कसाब से
सूत्रों के अनुसार, जेल में सुरक्षा इंतजामों का जायजा लेने आए इस मंत्री ने कसाब को बताया था कि उसका देश पाकिस्तान उसे अपना नागरिक मानने को तैयार नहीं है। यह सुनने के बाद कसाब के चेहरे पर चौंकाने वाले भाव थे।
अबू जिंदाल पर सस्पेंस
कसाब ने सोमवार को गुनाह कबूलते समय मुंबई हमले में एक भारतीय नागरिक अबू जिंदाल के शामिल होने का सनसनीखेज खुलासा किया था। मुंबई क्राइम ब्रांच के संयुक्त पुलिस आयुक्त राकेश मारिया का कहना है कि पुलिस अब जिंदाल के बारे में पता लगा रही है कि आखिर यह शख्स है कौन? उन्होंने शक जाहिर किया कि हो सकता है कि अबू जिंदाल नाम किसी आतंकवादी का छद्म नाम हो। अदालत में दायर ११,२८क् पन्नों की चार्जशीट में जिंदाल के नाम का कहीं भी उल्लेख नहीं है।
डेकोरेटर से डाकू , फिर आतंकी
अजमल कसाब ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकी के रूप में कुख्यात होने से पहले पाकिस्तान स्थित झेलम शहर में कुछ समय तक डेकोरेटर का काम किया था। कसाब ने अदालत को बताया कि वह डेकोरेटर के काम से होने वाली थोड़ी सी कमाई से नाखुश था। ऐसे में उसने अपने दोस्त मुजफ्फर के साथ मिलकर डकैती डालने का फैसला किया। कसाब के मुताबिक, फिर वह डेकोरेटर का काम छोड़कर मुजफ्फर के साथ रावलपिंडी आ गया। इसी दौरान वह मुजाहिदीनों के संपर्क में आया। बाद में मुजाहिदीनों ने उसे मुरीदके, मुजफ्फराबाद और मस्कर अक्सा में ट्रेनिंग के लिए भेजा।
Monday, July 20, 2009
जेल में मुझसे आतंकियों जैसा सलूक हुआः रीता बहुगुणा
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने आरोप लगाया है कि मुरादाबाद जेल में उनके साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बहुजन समाज पार्टी के लोगों के साथ राज्य पुलिस की मिलीभगत के चलते उनकी जान को खतरा है। डॉ. जोशी ने यह आरोप लखनऊ पहुंचने पर संवाददाताओं से बातचीत में लगाया। उन्होंने कहा कि जेल में उनसे आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया गया और उनके परिवार वालों को भी उनसे मिलने नहीं दिया गया। यहां तक कि कानूनी सहायता देने से भी इनकार कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में मुझे अपने जीवन के लिए गंभीर खतरा महसूस हो रहा है क्योंकि राज्य सरकार किसी भी हद तक जा सकती है। डॉ. जोशी ने आरोप लगाया कि लखनऊ में उनके घर पर राज्य सरकार के कहने पर हमला किया गया। सरकार की मंशा ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें राज्य पुलिस व सीआईडी पर कोई विश्वास नहीं है इसलिए घटना की जांच सीबीआई से कराई जाए।
राजस्थान में कानून का शासन नहीं
उदयपुर में ब्रिटिश पर्यटक से हुए दुष्कर्म मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि राजस्थान में कानून का शासन नहीं है और ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है, जो अदालत के आदेशों की पालना नहीं करवा सकती हो। शीर्ष कोर्ट ने 16 जनवरी 09 को राजस्थान पुलिस को आरोपी की गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे।
लगभग छह माह बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर अदालत ने सोमवार को सुनवाई के दौरान नाराजगी जताई। जस्टिस मार्कण्डेय काटजू और अशोक कुमार गांगुली की बेंच ने राजस्थान पुलिस को आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एक हफ्ते का और समय दिया है। राज्य के प्रमुख गृह सचिव को अगली सुनवाई में स्पष्ट करने के लिए तलब किया है कि सरकार आदेशों का पालन क्यों नहीं कर पाई?
‘मुख्यमंत्री तक संदेश पहुंचा दें’ : बेंच एक बार तो जांच करने वाले पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश देने वाली थी लेकिन राजस्थान सरकार के वकील द्वारा बार-बार समय बढ़ाने की मांग करने पर अदालत थोड़ा नरम हुई।
इससे पूर्व अदालत ने पुलिस अधिकारियों से कहा- तमाशा कर रहे हैं आप, शर्म नहीं आती आपको? आरोपी के साथ अवश्य ही आपकी सांठगांठ है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोर्ट के आदेश का अनादर किया जा रहा है। बेंच ने जांच अधिकारियों को एक हफ्ते की और मोहलत देते हुए कहा कि अगर एक हफ्ते में आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जाता तो राजस्थान पुलिस मुश्किल में आ जाएगी। यह संदेश आप मुख्यमंत्री तक पहुंचा दें। राजस्थान पुलिस के लिए यह आखिरी मौका है, इसके बाद आवश्यक निर्देश जारी किए जाएंगे।
पर्बतसिंह की हर हाल में गिरफ्तारी के निर्देश
राज्य के प्रमुख गृह सचिव एस. एन. थानवी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है। अफसरों को सोमवार को ही निर्देश दिए गए हैं कि अभियुक्त पर्बतसिंह को हर हाल में गिरफ्तार किया जाए। पर्बतसिंह को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। नियमानुसार उसकी संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई की जा रही है।
क्या है मामला : उदयपुर में ब्रिटिश पर्यटक से दुष्कर्म के आरोपी पर्बत सिंह राणा को फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा 1 मई 08 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी लेकिन जुलाई 08 में उसे राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। 16 जनवरी 09 को शीर्ष कोर्ट ने आरोपी की गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे। आरोपी की संपत्ति कुर्क करने को भी कहा गया था।
जहां बसपा होगी, वहां सपा नहीं: अमर
अमर सिंह ने सोमवार को सिंगापुर के अस्पताल से ही वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए दिल्ली में पत्रकारों से वार्ता की। उन्होंने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन कहा, 'इस बार बात सत्यव्रत चतुर्वेदी और दिग्विजय सिंह के बयानों की नहीं है। एक बड़े नेता ने सपा और बसपा को एक तराजू में तौला है। इसलिए फैसले की घड़ी आ गई है। इसके लिए वह सपा प्रमुख मुलायम सिंह से राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक बुलाने की मांग करेंगे।'
गौरतलब है कि बीते दिनों राहुल गांधी अमेठी दौरे पर गए थे। उनसे मुख्यमंत्री मायावती के उस बयान पर सवाल पूछा गया था जिसमें उन्होंने अमर सिंह और दिग्विजय सिंह के मिल जाने और कांग्रेस को सतर्क रहने की बात कही थी।
अमर सिंह को कांग्रेस महासचिव का वह बयान नागवार गुजरा है, जिसमें सपा या बसपा में से किसी एक के साथ रहने के सवाल पर कहा गया था कि कांग्रेस गरीबों के साथ है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह सरकार से समर्थन वापसी के लिए सपा कार्यसमिति की बैठक बुलवाना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि बैठक का एजेंडा मीडिया को नहीं बताएंगे, लेकिन उनका निजी विचार है कि जहां बसपा रहे, वहां सपा को नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मसले पर बातचीत के लिए सपा के उत्तार प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव को सिंगापुर बुलाया गया है। जरूरत होगी तो मुलायम सिंह को भी बुला कर बात की जाएगी, क्योंकि इलाज के चलते वह अभी देश वापस लौटने की स्थिति में नहीं हैं। इस मुद्दे पर यहां मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और प्रो. रामगोपाल यादव कुछ नहीं कह रहे हैं।
बीते छह साल से सपा और बसपा केंद्र में कांग्रेस सरकार को समर्थन कर रही है। अब क्या दिक्कत आ गई है? इस सवाल के जवाब में अमर सिंह ने कहा, 'संसद में कैश फार वोट कांड में मुकदमा हम पर हुआ। समर्थन कराने के कारण सपा में लानत-मलानत मेरी हो रही है। कांग्रेस सत्ता सुख भी ले रही है और हमारे लिए ऊल-जलूल बातें भी कर रही है। इसलिए बुरा लग रहा है।' अमर सिंह ने मायावती पर रीता बहुगुणा जोशी के बयान पर कहा, 'रीता ने जो कुछ कहा ठीक है, क्योंकि मायावती वही भाषा समझती हैं।' सिंह ने कहा कि मायावती ने अपना काला धन कैसे सफेद किया, उसका सारा रिकार्ड वह सोनिया गांधी को सौंप चुके हैं।
कांग्रेस को माफी दिवस मनाना चाहिए
मुख्यमंत्री ने सोमवार को जारी एक वक्तव्य में कहा कि बसपा सरकार लोकतांत्रिक मान्यताओं का सम्मान करती है, तथा कानून व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने दोहराया कि श्रीमती जोशी के आवास पर आगजनी की घटना में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसी के साथ उन्होंने कहा कि श्रीमती जोशी के खिलाफ भी विधिक कार्यवाही जारी रहेगी।
उधर, बसपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से जारी एक अन्य वक्तव्य में कहा गया कि रीता जोशी को वास्तव में 'शर्म दिवस' मनाना चाहिए। उन्होंने श्रीमती जोशी पर एससी-एसटी एक्ट तामील किए जाने को पूरी तरह विधिसम्मत ठहराते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को अपने वचन के मुताबिक राजनीति से सन्यास ले लेना चाहिए। वक्तव्य में उप्र अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति [अत्याचार निवारण] अधिनियम, 1989 के दूसरे अध्याय की धारा तीन की उपधारा एक के उपबंध संख्या दस का उल्लेख करते हुए दावा किया गया कि मुख्यमंत्री मायावती के बारे में श्रीमती जोशी की टिप्पणी एससी-एसटी एक्ट के अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आती है।
मौर्य ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सिर्फ अंतरिम जमानत पर रिहा हुई हैं। बसपा सरकार इस मामले की प्रभावी पैरवी करके उन्हें सजा अवश्य दिलाएगी। श्रीमती जोशी की टिप्पणी से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। उनका कृत्य माफ करने लायक नहीं है।
नगरपालिका में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण
स्वायत्ता शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा है कि नगरपालिकाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए सरकार कटिबद्ध है और नए नगरपालिका अधिनियम, 2009 में इसका प्रावधान किया जा रहा है। राज्य विधानसभा में सोमवार को शून्यकाल के दौरान इस संबंध में हुई चर्चा के दौरान हस्तक्षेप करते हुए स्वायत्ता शासन मंत्री ने कहा कि नया नगरपालिका अधिनियम 2009 जल्द ही सदन में लाया जाएगा और यदि सदन में उसे पारित कर दिया गया तो सभापति व 183 नगरपालिकाओं के पार्षदों के लिए लॉटरी फिर से निकाली जाएगी। उन्होंने कहा कि नए नगरपालिका अधिनियम के सदन में पारित होने में अगर देर भी होती है तो नवंबर में प्रस्तावित नगरपालिकाओं के चुनाव कुछ आगे बढ़ाए जा सकते हैं। धारीवाल ने कहा कि नए नगरपालिका अधिनियम, 2009 में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान होने पर नगर निकायों में वार्डो की संख्या में बढ़ोतरी नहीं होगी।
उन्होंने बताया कि 189 नगरपालिकाओं में अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए जितनी सीटे होंगी उनमें से आधी के लिए उसी वर्ग की महिलाओं की लॉटरी निकाली जाएगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं को पंचायत राज व नगरपालिकाओं में 50 प्रतिशत आरक्षण के बारे में जो अध्यादेश पिछली सरकार ने लागू किया था उसमें 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान नहीं था। उन्होंने कहा कि नगरपालिका सभापति के लिए लॉटरी 11 जुलाई 2007 को तत्कालीन सरकार ने निकाली थी और 183 नगरपालिकाओं के पार्षदों की लॉटरी भी उसी आधार पर निकाली गई है।
Sunday, July 19, 2009
खबर असत्य एवं मानहानिकारक : भाया
खबर में सार्वजनिक निर्माण राय मंत्री द्वारा फोन पर 15 जुलाई को माही परियोजना बांध स्थल पर कार्यरत सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता को ठेकेदार के भुगतान हेतु धमकाने की असत्य घटना के बारे में लिखा गया है। इस अवधि में श्री 'भाया' अहमदाबाद में ऑपरेशन के बाद स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे और चिकित्सकीय सलाह से उनका बोलना भी बंद था। श्री 'भाया' ने इस मामले में दोषियों के खिलाफ जांच एवं सख्त कार्रवाई के लिए बांसवाड़ा के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए हैं। SUJAS
रामायण की आलोचना करना जारी रखेंगे
रीता को मध्य प्रदेश से समर्थन
लालू का कांग्रेस से मोहभंग नहीं हुआ
आडवाणी की एक और यात्रा की तैयारी
आडवाणी ने स्वीकार किया कड़वा सच
सिद्धू को मनाने में भाजपा नाकाम
भाजपा नेता अरुण जेटली ने अमृतसर से सांसद सिद्धू को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश की। उन्होंने शुक्रवार को भी ऐसी कोशिश की थी, लेकिन नाकाम रहे थे।
जेटली के एक निकटवर्ती सूत्र ने कहा, 'यह स्थानीय मुद्दा है और इसका एक या दो दिन में समाधान निकल जाएगा। चिंता की कोई बात नहीं है।'
सिद्धू ने पूर्व भाजपा विधायक राजिन्दर मोहन चिन्ना को उनकी स्वीकृति के बिना अमृतसर सुधार न्यास का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर भाजपा संसदीय दल के प्रमुख लालकृष्ण आडवाणी को शुक्रवार को अपना त्यागपत्र सौंप दिया था। सिद्धू ने आडवाणी को भेजे अपने पत्र में चिन्ना की नियुक्ति पर नाराजगी जताई थी।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि हाल के आम चुनाव के दौरान सिद्धू अमृतसर विधानसभा क्षेत्र में 30 हजार मतों से पीछे रह गए थे। वहां से पिछली दफा चिन्ना ने चुनाव लड़ा था। पूर्व क्रिकेटर का मानना है कि चिन्ना ने चुनाव के दौरान उनके विरोध में काम किया था।
हरियाणा में समय से पहले चुनाव चाहती है कांग्रेस
पार्टी के इस फैसले को हरियाणा विधानसभा का चुनाव समय से पहले कराने की पुख्ता तैयारी का संकेत माना जा रहा है। हरियाणा विधानसभा का चुनाव वैसे तो फरवरी 2010 में होना है। लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दमदार प्रदर्शन को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा हाईकमान को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के साथ ही हरियाणा में भी चुनाव कराने की सलाह दे रहे हैं। प्रदेश की सियासत में ओम प्रकाश चौटाला की कमजोर पड़ती पकड़ और इनेलो में मची भगदड़ को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान भी समय से पहले चुनाव कराने का मन लगभग बना चुका है। पार्टी में चुनावी विशेषज्ञ माने जाने वाले हरिप्रसाद को हरियाणा की कमान सौंपना इसी तैयारी का हिस्सा है।
'यूपी की समस्याओं के लिए कांग्रेस जिम्मेदार'
भारी पड़ेगी किसानों की अनदेखी: राजनाथ
कृषि मंत्रालय की अनुदान मांगों पर लोकसभा में बहस की शुरुआत करते हुए शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने सूखे के हालात को देखते हुए खेती के लिए प्रोत्साहन पैकेज देने और कृषि क्षेत्र पर समग्र चर्चा के लिए अलग से सत्र बुलाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जिन किसानों की फसल सूखे के कारण नष्ट हो गई है, उनके कर्ज पर इस साल का ब्याज माफ किया जाना चाहिए।
राजनाथ ने कहा कि किसानों के लिए बातें तो बहुत हुई, लेकिन उन्हें उत्पादन बढ़ाने की नई प्रौद्योगिकी से अवगत कराने, उपज का उचित मूल्य देने और सस्ता कर्ज मुहैया कराने की कोई गंभीर कोशिश नहीं की गई।
राजनाथ ने कहा कि देश में सैकड़ों निजी व सरकारी चैनल हैं, लेकिन कृषि के लिए एक भी नहीं। राजग सरकार ने एक चैनल शुरू किया था, लेकिन उसे भी संप्रग सरकार ने आते ही बंद कर दिया। उन्होंने इस चैनल को फिर से शुरू करने की मांग की।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि देश को एक-दो हरित क्रांतियों की नहीं, बल्कि सदाबहार हरित क्रांति की जरूरत है। उन्होंने इसके लिए उत्पादकता को सीधे बाजार व उपभोक्ता से जोड़ने की जरूरत बताई। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने कृषि के लिए बजट में नाम मात्र की वृद्धि की है। उन्होंने सवाल उठाया कि महज 550 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी से क्या होने वाला है?
पहली बार लोकसभा पहुंचे राजनाथ ने कहा कि फसल बीमा योजना लागू तो है, लेकिन उसका लाभ बहुत कम लोगों को मिल रहा है। उसे व्यापक बनाने की जरूरत है। भाजपा नेता ने सरकार से पूछा कि क्या फसल बीमा योजना को मोटर वाहन बीमा योजना की तरह अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता है?
उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य नीति में तत्काल बदलाव की मांग करते हुए कहा कि लागत से पचास फीसदी ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाना चाहिए। इसकी घोषणा भी फसल आने के बाद नहीं, बल्कि फसल लगाते समय की जानी चाहिए। किसानों को कर्ज चार फीसदी की दर पर दिया जाना चाहिए और कर्ज वसूल करते समय सूखा व बाढ़ की स्थितियों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
राजनाथ सिंह ने जमीन की उर्वरा शक्ति कम होने पर भी चिंता जताई और कहा कि इस क्षेत्र में नए अनुसंधान पर जोर देने के साथ उनको किसान तक पहुंचाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने सरकार को चेताया कि अगर उसने समय रहते जरूरी कदम नहीं उठाए तो कृषि की यह उपेक्षा बहुत भारी पडे़गी।
Saturday, July 18, 2009
निशाने पर मोदी और आडवाणी
एक सीनियर इंटेलिजंस अफसर ने बताया कि माओइस्ट सेंट्रल मिलिशिया के सदस्य टेकलपल्ली वासुदेव राव उर्फ आचन्ना ने आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएसआर पर हमला करने का जिम्मा लिया है। पुलिस के मुताबिक, माओवादियों की पोलित ब्यूरो की बैठक में गृहमंत्री पी.चिदंबरम के उस फैसले पर चर्चा की गई जिसमें उन्होंने माओवादी हिंसा से प्रभावित इलाकों में अर्द्धसैनिक बलों की 44 बटालियन तैनात करने की बात कही थी। मीटिंग में यह कहा गया कि अब सुरक्षाबलों से निपटना आसान नहीं होगा। इसी के मद्देनजर माओवादी वीवीआईपीज़ पर हमला करने की योजना बना रहे हैं, ताकि हमले के बाद पूरा फोकस उधर हो जाए और वे अपना काम आसानी से जारी रख सकें। सूत्रों के मुताबिक, अगर इन पांचों बड़े नेताओं पर उनका हमला नाकाम भी रहता है, तो भी उनका मकसद बहुत हद तक कामयाब हो जाएगा। NBT
बीएसपी विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज
जोशी के समर्थन में अजहरुद्दीन ने दी गिरफ्तारी
कांग्रेस तय करे सपा चाहिए या बसपा
सिंगापुर में इलाज करा रहे सपा महासचिव अमर सिंह ने दैनिक जागरण से फोन पर बातचीत में कहा कि संप्रग सरकार के अमेरिका से परमाणु समझौते के बाद समाजवादी पार्टी के समर्थन का कोई मूल्य नहीं रह गया है। सिंह ने कहा कि इलाज के लिए सिंगापुर रवाना होने के पहले उन्होंने कांग्रेस के बड़े नेताओं से मिलकर कांग्रेस-सपा समन्वय समिति बनाने की मांग फिर की थी। उन नेताओं ने सीधा जवाब दिया कि समन्वय समिति बनी तो सपा के साथ बसपा को भी उसमें रखना होगा, क्योंकि वह भी सरकार का समर्थक दल है।
अमर सिंह ने कहा कि कांग्रेस के इस जवाब से साफ हो गया है कि संप्रग सरकार को गिराने का प्रयास करने वाली बसपा और उसे बचाने वाली सपा को अब वह एक ही तराजू में तौला जा रहा है। सिंह ने कहा कि अगर कांग्रेस उत्तर प्रदेश में ईमानदार प्रतिपक्ष की भूमिका निभाना चाहती है तो यह कैसे हो सकता है कि दिल्ली में हाथी [बसपा] कांग्रेस का साथी और उत्तर प्रदेश में वह दुश्मन व उसके खिलाफ सड़कों पर। यह समर्थन और विरोध की दोहरी राजनीति है। जब तमिलनाडु में जयललिता और करुणानिधि, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और वामपंथी एक साथ नहीं रह सकते तो उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा एक साथ कैसे रह सकते हैं। लिहाजा उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को तय कर लेना चाहिए कि उसे वहां सपा या बसपा में से किसका साथ चाहिए।
सपा नेता ने कहा कि कांग्रेस का यह कौन सा चरित्र है कि संयुक्त रूप से उसकी सरकार गिराने में जुटी बसपा प्रमुख मायावती, माकपा के प्रकाश करात और भाजपा के लालकृष्ण आडवाणी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी की प्रतिष्ठा की रक्षा करने वाली सपा में अब कोई फर्क ही नहीं रह गया है। इन्हीं वजहों से संप्रग सरकार से अलग होने के लिए पार्टी पर कार्यकर्ताओं का बड़ा दबाव है, लेकिन अमर सिंह के विदेश में होने के कारण फैसला नहीं हो पा रहा है।
सिंह ने कहा कि सपा कांग्रेस-बसपा दोनों को बड़ा खतरा मानती है। बसपा जब भाजपा के साथ थी तो उसने वरुण गांधी को प्रसिद्धि दी, अब रीता बहुगुणा को गिरफ्तार कर कांग्रेस को प्रसिद्धि दे रही है। साफ है कि यह दोनों की नूराकुश्ती है। इसलिए सपा की मांग है कि या तो कांग्रेस बसपा के समर्थन को लौटा दे या फिर खुद मायावती समर्थन की चिट्ठी वापस ले लें।
नाराज सिद्धू ने आडवाणी को भेजा इस्तीफा
पार्टी हाईकमान द्वारा की गई किरकिरी से आहत नवजोत सिंह सिद्धू ने यह कदम उठाया है। सिद्धू के इस्तीफे की पुष्टि उनके कार्यालय के इंचार्ज मणी ने भी की है। सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने भी इस्तीफे की खबर को स्वीकार किया है। सिद्धू ने इस्तीफे में लिखा है कि एक ऐसे कार्यकर्ता को चेयरमैन पद का सम्मान दिया गया, जिसने लोकसभा चुनाव में अपने ही विधानसभा क्षेत्र 34 हजार मतों से उन्हें हरा दिया। आम कार्यकर्ता जिसने पार्टी के लिए पसीना बहाया, उसकी अनदेखी की गई।
पार्टी के कार्यकर्ताओं का सम्मान बहाल करना प्रत्येक नेता का कर्त्तव्य है। इस घटनाक्रम से वह आहत हैं, इसलिए वह अपने सांसद पद से इस्तीफा देते हैं।
इससे पूर्व छीना ने शुक्रवार सुबह लगभग आठ बजे नगर सुधार ट्रस्ट का कार्यभार संभाल लिया। लगभग जिला इकाई के सभी पदाधिकारियों ने छीना की ताजपोशी का बायकाट किया।
बताया जाता है कि सिद्धू और प्रदेश भाजपा हाईकमान में दूरियां उस समय बढ़नी शुरू हो गई जब नगर निगम चुनाव के बाद अमृतसर व जालंधर के मेयर के पद के लिए सिद्धू ने राजनीतिक टांग अड़ाई। मामला उस समय बिगड़ गया, जब अमृतसर जिला अध्यक्ष के चयन को लेकर भी प्रदेश हाईकमान व सिद्धू के बीच घमासान छिड़ा था। तब सिद्धू कर्नल अमरीक सिंह को अध्यक्ष बनाने में सफल रहे थे, लेकिन प्रदेश हाईकमान ने सिद्धू से दूरी बढ़ानी शुरू कर दी थी। यह दूरी छीना की नियुक्ति तक एक ऐसी चौड़ी दीवार बन गई, जिसकी भरपाई करने में भाजपा राष्ट्रीय हाईकमान विफल रहा।
और भाजपाईयों का विवाद सड़क पर
Thursday, July 16, 2009
सरकार ने लगाए बाल मजदूर
युकां कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज की विधान सभा में गूंज
निगम चुनाव अकेले लड़ेगी भाजपा
जाट को कैबिनेट मंत्री बनाने की मांग
भाजपा के लिए भारी दुविधा
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आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद मामला गर्मा गया
यूपी में राष्ट्रपति शासन लगना ही चाहिए : गांधी
झारखंड में जल्द हों चुनाव: मरांडी
चिदम्बरम ने मानी "चूक
अपमान के बाद भी हम तैयार’
उन्हें इस मुददे का राजनीतिकरण नहीं करना है, क्योंकि राज्य की जनता के हितों का सवाल है। सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद वसुंधरा राजे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमने भी 5 साल सदन चलाया है। जब-जब भी इस तरह के हालात बने हैं तब भी आगे से पहल करके कई-कई बार विपक्ष के साथ वार्ता करके मामले को सुलझाया है।
सदन के नेता और मुख्यमंत्री बातचीत करने को ही तैयार नहीं हैं। पिछले तीन दिन में सदन के नेता ने बस एक बार उनके साथ बमुश्किल 10 मिनट बात की है। सदन में जाकर भी उन्होंने केवल प्रश्न पूछने के अंदाज में ही कहा था कि अगर कोई आपकी पत्नी के बारे में ऐसा कहे तो कैसा लगेगा?
इस बात को मीडिया में इस तरह प्रचारित किया गया जैसे कि उन्होंने कोई आरोप लगाया हो। जबकि आरोप लगाने वालों को सत्तापक्ष माफ कर देना चाहता है। वसुंधरा ने कहा कि यदि आपत्तिजनक शब्दों को उसी दिन कार्यवाही से निकाल दिया जाता तो शायद बात इतनी नहीं बढ़ती। सत्तापक्ष ने मंगलवार को तो गतिरोध दूर करने के कुछ प्रयास किए थे, लेकिन बुधवार को वह भी नहीं किए। भाजपा के सचेतक राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि विपक्ष सदन चलाने में सहयोग करना चाहता है। लेकिन सत्तापक्ष की शर्तो पर नहीं। सत्तापक्ष बार-बार अपनी बात कहकर उससे मुकर रहा है।
सत्तापक्ष की ओर से 5 सूत्री फामरूला विपक्ष को कतई नहीं दिया गया। गतिरोध को दूर करने के लिए उन्हें अध्यक्ष के माध्यम से बात करनी चाहिए। गाली-गलौज की भाषा न बोलेंगे और न बोलने देंगे : इससे पहले विधानसभा परिसर में हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में यह तय किया गया कि सदन में गाली-गलौज की भाषा न तो विपक्ष बोलेगा और न ही किसी को बोलने देगा। नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे की अध्यक्षता में हुई बैठक में कहा गया कि सत्तापक्ष की ओर से अशोभनीय टिप्पणियां नेता प्रतिपक्ष अथवा व्यक्ति विशेष पर नहीं बल्कि पार्टी, नेतृत्व और पूरे विधायक दल पर की गई हैं। हमें एकजुट होकर सदन में सत्तापक्ष का पुरजोर मुकाबला करना
सरकार के लिए सिरदर्द बनता जा रहा प्रदर्शन
Tuesday, July 14, 2009
'अंग्रेजी तो इटली में भी नहीं बोली जाती'
राहुल के चॉकलेटी चेहरे पर मत जाओ : सुषमा स्वराज
परमाणु मुद्दे पर लेफ्ट-भाजपा ने घेरा
नक्सल पर केन्द्र ने साधी चुप्पी
Sunday, July 12, 2009
अनैतिक अवरोध उत्पन्न करने का आरोप
मुंबई के कर्जदार हैं 'बिहारी बाबू' शत्रुघ्न सिन्हा
अच्युतानन्दन पोलित ब्यूरो से बाहर
चुनाव परिणाम से सबक लें
भाजपा को साम्प्रदायिक कैसे कहा जा सकता
Thursday, July 9, 2009
चिदम्बरम ने निराश किया-सुषमा
एचआईवी-एड्स विधेयक जल्द पेश किए जाएं
कार्यशैली में बदलाव लाए एमसीडी : सीएम
किया है कि वह अपने कामकाज में बदलाव करे और रेवेन्यू इकट्ठा करने की गंभीर कोशिश करे, तभी उसे अलग-अलग प्रॉजेक्ट के लिए राशि देने में कोई देरी नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री का मानना है कि कॉमनवेल्थ की सफलता के लिए सरकार और एमसीडी को मिलकर प्रयास करने होंगे। कॉमनवेल्थ गेम्स को लेकर मेयर डॉ. कंवरसेन और एमसीडी कमिश्नर के. एस. मेहरा ने मुख्यमंत्री और शहरी विकास मंत्री डॉ. ए. के. वालिया से मुलाकात की और गेम्स को लेकर एमसीडी के चल रहे विभिन्न प्रॉजेक्ट को समय पर पूरा करने के लिए करीब 1 हजार करोड़ रुपये तुरंत जारी करने की मांग की। मेयर के अनुसार, अधिकतर प्रॉजेक्ट एंजीनियरिंग, सफाई और बागवानी विभाग से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने पहले दी गई राशि को खर्च किए जाने का ब्यौरा मांगा है। बताते हैं कि बैठक में मुख्यमंत्री ने एमसीडी के कामकाज पर नाखुशी जताई और कहा कि उसे खुद राजस्व इकट्ठा करने के लिए गंभीर प्रयास करने चाहिए। मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि एमसीडी को जिस काम के लिए फंड दिया जाता है, वह फंड वहां खर्च होने के बजाय सैलरी मद में खर्च किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के अनुसार एमसीडी को जिस प्रॉजेक्ट के लिए धनराशि चाहिए, उसकी पूरे डिटेल समेत सरकार को एक औपचारिक अनुरोध दिया जाए। उसके बाद फंड जारी करने की कवायद शुरू की जाएगी।
पीसी से मिलकर निराश हुईं सुषमा
अरूण चतुर्वेदी बने राजस्थान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष
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बहिर्गमन
श्वेत पत्र आने से पहले लालू डरे-नीतीश
श्वेत पत्र आने से पहले लालू डरे-नीतीश
उप्र कांग्रेस में बदलाव की तैयारी
लालू अपने गुनाहों को स्वीकार करने लगे हैं: नीतीश
पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ने मंगलवार को लोकसभा में रेल बजट पर चर्चा के दौरान कहा था कि वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन बनाने की बात केवल काल्पनिक है, इसे हकीकत में तब्दील नहीं किया जा सकता। लालू प्रसाद ने कहा था कि रेल मंत्री के रूप में उनके पांच साल के कामकाज पर वाइट पेपर लाने की किसी भी चुनौती को वह स्वीकार करते हैं क्योंकि पूरी राशि का ऑडिट हो चुका और संसद में रखा जा चुका है।