Saturday, July 25, 2009

सांप्रदायिक दंगों में मोदी के रोल की जांच

गुजरात में 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए सांप्रदायिक दंगों में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के रोल की जांच होगी। गुजरात हाई कोर्ट ने दंगों में मोदी और 62 अन्य के खिलाफ स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) की जांच को चुनौती देने वाली पिटिशन को खारिज कर दिया। यह पिटिशन बीजेपी के पूर्व एमएलए कालू मालिवाड ने दायर की थी। वह जांच के दायरे में आए 62 लोगों में से एक हैं। उनकी मांग थी कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपॉइंट की गई एसआईटी की जांच पर स्टे लगाया जाए और सबकी संभावित गिरफ्तारी पर भी रोक लगे। जस्टिस डी. एच. वाघेला ने पिटिशन को यह कहकर डिसमिस कर दिया कि इस मामले में कोई राहत नहीं दी जा सकती, क्योंकि एसआईटी सीधे सुप्रीम कोर्ट के सुपरविजन में काम कर रही है। एसआईटी की जांच जकिया जाफरी की शिकायत पर शुरू की गई थी। जकिया के पति और पूर्व एमपी अहसान जाफरी दंगों की दौरान गुलबर्ग सोसाइटी में मारे गए 39 लोगों में से एक थे। मालिवाड का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी को सिर्फ मामले को देखने के लिए कहा था, इसका मतलब यह नहीं निकलता कि वह केस की जांच करें, क्योंकि अब तक इसमें कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। एसआईटी की ओर से सीनियर वकील के.जी.मेनन ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के मुताबिक एसआईटी से जकिया की शिकायत पर सच का पता लगाकर जरूरी कदम उठाने के लिए कहा गया था। शुरुआती जांच की अनुमति दी गई थी, वही एसआईटी कर रही है। अगर इसमें कोई दोषी पाया जाता है तो एसआईटी उसके खिलाफ केस दर्ज कर जांच आगे बढ़ाएगी निशाने पर मोदी दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसाइटी में मारे गए पूर्व एमपी अहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने आरोप लगाया था कि मोदी और उनकी कैबिनेट के सहयोगियों, पुलिस अफसरों और आला ब्यूरोक्रैट्स ने गोधरा कांड के बाद हुए दंगों को हवा दी। जकिया ने मांग की कि मोदी और 62 अन्य के खिलाफ नए सिरे से जांच की जाए।

राजस्थानी भाषा को संविधान में सम्मिलित की मांग की

सांसद प्रभा ठाकुर ने शुक्रवार को राज्यसभा में राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित किए जाने की मांग की। उन्होंने विशेष उल्लेख में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि लंबे समय से संसद के दोनोे सदनों में यह मांग उठाई जाती रही है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने राजस्थानी और भोजपुरी भाषा को संवैधानिक स्वीकृति दिए जाने पर अपनी सहमति जताई थी तथा सबको उम्मीद थी कि इस बार यह मांग पूरी हो जाएगी किंतु निराशा की बात है कि अभी तक राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता नहीं मिल पाई है। भाषा के स्वरूप को लेकर उठाई जा रही निराधार आपत्तियों को महत्व देते हुए अनुसूचि में स्थान नहंीं दिया जा रहा है। राजस्थान में दूरदर्शन एवं आकाशवाणी से राजस्थानी भाषा में समाचारों एवं कार्यक्रमों का प्रसारण किया जा रहा है। बढ़ते सांप व दवाओं की कमीसांसद अर्जुन सिंह मेघवाल ने शुक्रवार को लोकसभा में राजस्थान में बढ़ते सांपों व दवाई की कमी होने का मुद्दा उठाया। शून्यकाल में बोलते हुए उन्होंने कहा कि वर्षा के साथ ही रेगिस्थानी इलाकों में धरती के अंदर रहने वाले सांप बाहर निकल आते हैं एवं सांपों द्वारा आदमी को काटने की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। उनके संसदीय क्षेत्र बीकानेर एवं आसपास के इलाकोे में सांप के काटने पर उपचार हेतु लगाए जाने वाले इंजेक्शनों की भारी कमी है साथ ही चिकित्सालय भी दूर-दूर स्थित हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं स्वास्थ्य उपकेन्द्रों में उपचार हेतु एंटी स्नेक विनोम इंजेक्शन भी उपलब्ध नहीं होते हैं। उन्होंने मांग की कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से स्नेक बाईट के इंजेक्शन खरीदे जाएं तथा बीकानेर सहित राजस्थान के अन्य रगिस्तानी जिलों में तत्काल उपलब्ध कराई जाएं।

राष्ट्रपति से ऑनलाइन दर्ज कराइए कंप्लेंट

सामान्य आदमी की सुविधा के लिए राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने राष्ट्रपति भवन में हेल्प लाइन पोर्टल http://helpline.rb.nic.in की शुरुआत की। देश भर में कहीं से भी इस पोर्टल पर शिकायत दर्ज की जा सकती है। शिकायत के अलावा इसी हेल्प लाइन पर नागरिकों को अपनी शिकायतों या अर्जियों की नवीनतम स्थिति की भी जानकारी मिलेगी। इस पोर्टल की विशेषताओं में बड़ी ई-याचिकाओं को दर्ज करना, स्कैन किए दस्तावेज भेजना और ईमेल से शिकायत प्राप्ति की सूचना भेजना शामिल है। शिकायतों की जांच राष्ट्रपति भवन की हेल्पलाइन डेस्क करेगी और इसके बाद उसे संबंधित विभागों को भेज दिया जाएगा। बाद में इस बात की जानकारी भी ली जाएगी कि शिकायत पर क्या कार्रवाई हो रही है। राष्ट्रपति भवन में अभी तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी, जिससे यह पता चल सके कि याची की शिकायतों पर क्या कार्रवाई हुई। राष्ट्रपति भवन को हर रोज 750 शिकायतें मिलती हैं, जिनमें से आधी डाक से आती हैं। बाकी ईमेल और फैक्स से। शिकायतें पुलिस के खिलाफ, सरकारी मदद के लिए, जन सुविधाओं के न होने और निजी समस्याओं के बारे में भी होती हैं।

राजस्थान के रूख से केन्द्र नाराज

राजस्थान में आईआईटी की स्थापना के लिए राज्य सरकार की ओर से स्थल चयन में देरी को लेकर केन्द्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय ने कड़ी नाराजगी जताई है। शुक्रवार को विज्ञान भवन में आयोजित राज्यों के शिक्षा सचिवों के सम्मेलन में प्रभारी सचिव ने साफ कहा कि राजस्थान का रिस्पांस तो बिल्कुल शून्य है, जबकि वहां तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में अब एक नए आईआईएम की भी स्थापना होनी है।राज्य सरकार का 15 दिन का आश्वासनसम्मेलन में कहा गया कि आईआईटी के लिए जमीन अधिग्रहण का मसला कई अन्य राज्यों में भी लम्बित है, लेकिन राजस्थान में अभी तक स्थल चिन्हित कर केन्द्र को रिपोर्ट भेजने जैसी शुरूआती प्रक्रिया भी प्रारम्भ नहीं हो सकी है। मंत्रालय की ओर से बताया गया कि इस मामले में स्वयं केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात भी की थी। राज्य सरकार की ओर से अगले 15 दिन में इसे पूरा करने का भरोसा भी दिया गया था।कानपुर में भारी परेशानीअतिरिक्त सचिव अशोक ठाकुर ने बताया कि अस्थाई परिसर के तौर पर आईआईटी कानपुर परिसर में आईआईटी राजस्थान के संचालन को लेकर काफी दिक्कतें पेश आ रही है। लगातार दूसरे साल छात्रों की संख्या दुगूनी होने के कारण आईआईटीजे के छात्रों का आवासीय ठिकाना परिसर से बाहर किया गया है। आईआईटी कानपुर के अपने छात्रों की संख्या पिछले दो साल में 31 प्रतिशत ज्यादा हो गई है। ऎसे में राजस्थान सरकार को जल्द से जल्द अस्थाई व पूर्ण परिसर के लिए स्थल चयन की प्रक्रिया को पूरी करनी होगी। अस्थाई व पूर्ण परिसर एक शहर में होंउच्चतर शिक्षा सचिव आरपी अग्रवाल ने इस सम्बंध में सुझाव दिया कि राज्य सरकार जहां पूर्ण परिसर के लिए जमीन का चयन करे, वहीं अस्थाई परिसर के लिए भी किसी उपयुक्त भवन का अधिग्रहण कर लिया जाए तो ठीक रहेगा। पूर्ण परिसर को विकसित होने में बरसों लगेंगे, ऎसे में उसी शहर में आईआईटी होने से कि बेहतर ढंग से निगरानी हो सकेगी।अकेले राजस्थान अधर मेंएचआरडी सूत्रों के मुताबिक राजस्थान देश के उन तीन पहले राज्यों में शामिल है जिसके लिए प्रधानमंत्री की वैज्ञानिक सलाहकार समिति ने वर्ष 2006 में नई आईआईटी की स्थापना की सिफारिश की थी। इसके अगले साल मंत्रालय ने क्षेत्रीय असंतुलन और ध्यान में रखकर योजना आयोग से पांच और आईआईटी की स्थापना की मंजूरी ले ली। अब जबकि सभी नई आईआईटी के लिए सम्बद्ध राज्य ने स्थल चयन को लगभग अंजाम दे दिया है, और कई में पूर्ण परिसर के निर्माण की प्रकिया भी प्रारम्भ हो चुकी है। अकेले आईआईटी राजस्थान के छात्र बीते दो सालों में आईआईटी कानपुर परिसर में पढ़ाई पूरी करने को मजबूर हैं।जितना जल्दी उतना बेहतरकानपुर से अपनी आईआईटी को जल्द से जल्द स्थानान्तरित करना नितांत आवश्यक है। स्थाई जगह पर जाने के बाद पोस्ट ग्रेजुएट और दूसरे कोर्स प्रारम्भ किए जा सकेंगे। इसके अलावा छात्रों में निश्चिन्तता का भाव आएगा।-प्रो. पे्रमकुमार कालरा, निदेशक आईआईटी राजस्थान

Friday, July 24, 2009

लोकसभा सीटें दोगुनी करने की मांग

33 प्रतिशत कोटा दिए जाने की मांग को लेकर देशभर से आई महिलाओं ने गुरुवार को जंतरमंतर पर प्रदर्शन किया। भारतीय स्त्री शक्ति के बैनर तले जमा हुई इन महिलाओं ने राष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष को ज्ञापन भी दिया। भारतीय स्त्री शक्ति की अध्यक्ष डॉ. मेघा नानिवडेकर और महासचिव नयना सहस्त्रबुद्धे ने इस मौके पर कहा कि 13 साल से यह विधेयक लंबित है। अब इसमें बदलाव की बात कही जा रही है। 33 प्रतिशत को घटाकर 15 प्रतिशत करने का सुझाव दिया जा रहा है। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं। इससे बेहतर होगा कि हर लोकसभा क्षेत्र से एक महिला और एक पुरुष के चुने जाने की व्यवस्था की जाए। यानी लोकसभा सीट दोगुनी हों। इससे स्त्री और पुरुष बराबर संख्या में चुने जाएंगे। उन्होंने कहा कि लोकसभा और देश की सभी विधानसभाओं में चुनाव क्षेत्रों की संख्या बढ़ाने या सीमाओं में बदलाव किए बिना यह काम आसानी से किया जा सकता है। इससे स्त्रियों को बराबरी का हक मिल जाएगा। भारतीय स्त्री शक्ति के इस आंदोलन में कई अन्य महिला संगठन ने भी भाग लिया।

धार तराश रहे हैं आडवाणी

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष लालकृष्ण आडवाणी चुनावी हार के बाद एक बार संसद के अंदर और बाहर विपक्षी राजनीति की धार तराश रहे हैं। एक तरफ वे सदन में राष्ट्रीय हित से जुड़े हर मसले पर सधे अंदाज में सरकार को घेर रहे हैं तो दूसरी ओर पराजय से निराश पार्टी सांसदों कोे बीती ताहि बिसार कर आगे की सुध लेने का पाठ भी पढ़ा रहे हैं।पहले के मुकाबले इस सत्र में सुचारू रूप से चल रही संसद की कार्रवाई पर संतोष जताते हुए उन्होंने पत्रिका से कहा कि संसदीय लोकतंत्र के लिए यह अच्छा संकेत है। साथ ही अपनी रणनीति का खुलासा करते नेता प्रतिपक्ष ने यह भी बताया कि अब वे तब बोलेंगे जब सत्र समाप्त होने वाला होगा।सवाल था कि भाजपा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के हाल के विदेश दौरों और उससे जुड़े मामलों जिनमें पाकिस्तान के साथ साझा बयान भी शामिल है, पर चर्चा की मांग की थी। कब होगी? आडवाणी ने कहा कि कल सम्पन्न बैठक में निचले सदन की परामर्शदात्री समिति ने 29 जुलाई की तारीख तय की है। प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह इस पर जवाब भी देंगे। विपक्ष की ओर से बहस आप शुरू करेंगे? यह पूछने पर उन्होंने कहा कि नहीं।जो भी कहना है अब अंत में ही कहेंगे। नेता प्रतिपक्ष के हाव-भाव उसी पुराने तेवर की याद दिला गए जब विपक्ष के हमलों से सत्ता पक्ष बगलें झांकने पर मजबूर हो जाया करता था। किस विषय पर बोलेंगे अथवा हस्तक्षेप करेंगे इसका ब्यौरा न देते हुए उन्होंने यह अवश्य जता दिया कि चुनावी हार ने कुछ दिनों के लिए भले निराश कर दिया हो लेकिन विपरीत परिस्थितियों से जूझने का माद्दा अब भी बाकी है।हार के बाद भाजपा में घमासान मच गया। अपने हों या पराए सबके निशाने पर खुद आडवाणी थे। बावजूद इसके वे मौन रहे। एकबारगी लगा कि उनका हौसला चुक गया हो लेकिन उन्होंने न सिर्फ खुद यह सब बर्दाश्त किया बल्कि पराजित पार्टी में नई जान फूंकने के लिए दोबारा उठ खड़े हुए। हर बैठक अथवा सम्मेलन में कार्यकर्ताओं को संदेश देने की कोशिश की कि राजनीति में हार-जीत होती रहती है। हाथ पर हाथ धरे रहकर बैठने के बजाय पार्टी अनुशासन में बंधे रहकर उसे मजबूत बनाने का काम करें। संसद सत्र खत्म होने के बाद अगस्त माह में मुंबई में होने वाली चिंतन बैठक में वे अपने वरिष्ठ साथियों के साथ बैठक कर इस बात की थाह लेंगे कि आखिर हारे क्यों? हो सकता है कि उनके नेतृत्व पर भी तीखे सवाल खड़े हों लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि आडवाणी राष्ट्रीय राजनीति की उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं जो कड़े संघर्ष के बाद जमीन से आसमान तक का सफर तय किया।

महिला सशक्तिकरण आयोग, पीएम होंगे अध्यक्ष

महिला सशक्तिकरण के लिए केन्द्र सरकार प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में ''महिला सशक्तिकरण आयोग'' की स्थापना करने जा रही है। इसके साथ ही रेप की शिकार महिलाओं को जल्द न्याय दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों की स्थापना भी की जाएगी। महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने गुरुवार को लोकसभा में अपने मंत्रालय की वर्ष 2009-10 की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित किए जाने वाले इस आयोग में विभिन्न मंत्रालयों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी और इसके लिए तेजी से काम किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रेप की शिकार महिलाओं को मुआवजा देने के बजाय उन्हें तेजी से न्याय दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि बलात्कार का मुआवजा देना सम्मानजनक नहीं है और ऐसी महिलाओं को जल्द न्याय दिलाना अधिक महत्वपूर्ण है।

सुरक्षा में कटौती नहीं : सरकार

नई दिल्ली। सरकार ने गुरूवार को लोकसभा में ऎलान किया कि उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती, वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी, सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की सुरक्षा में कोई कमी नहीं की जाएगी।
इन नेताओं की सुरक्षा घटाने की खबरों पर संसद के दोनों सदनों में गुरूवार को भारी हंगामे से कार्रवाई ठप होने के बाद केन्द्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को लोकसभा में यह आश्वासन देना पडा। सदन के नेता मुखर्जी ने साफ किया कि इन नेताओं की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सरकार ने इन आरोपों को गलत बताया कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती , एसपी के मुखिया मुलायम सिंह , आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद और बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी आदि की सुरक्षा व्यवस्था में कटौती की जा रही है।

संसद के दोनों सदनों में इन दलों के सदस्यों ने अपने नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था में कथित कटौती के मुद्दे को लेकर भारी हंगामा किया जिसके कारण लोकसभा की बैठक तीन बार और राज्यसभा की बैठक दो बार स्थगित करनी पड़ी। सदस्यों के हंगामे के कारण गुरुवार को किसी भी सदन में प्रश्नकाल नहीं हो सका।

लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सदस्य मायावती की सुरक्षा में कटौती का मुद्दा उठाते हुए अध्यक्ष के आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे। अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदस्यों को शून्यकाल में यह मुद्दा उठाने को कहा , लेकिन सदस्यों ने शोरशराबा और नारेबाजी जारी रखी। इस वजह से कुछ ही मिनट बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही साढ़े 11 बजे तक स्थगित कर दी।

सदन की बैठक साढ़े 11 बजे फिर शुरू होने पर सदन के नेता प्रणव मुखर्जी ने स्पष्टीकरण दिया कि अभी किसी नेता की सुरक्षा कम करने का फैसला नहीं किया गया है। मुखर्जी ने कहा कि गृह मंत्री पी चिदम्बरम ने बताया है कि नेताओं तथा अन्य अति विशिष्ट लोगों को दी जाने वाली सुरक्षा की समय - समय पर समीक्षा करना नियमित प्रक्रिया है। लेकिन , फिलहाल जो समीक्षा की गई है उसकी रिपोर्ट अभी तक उन्हें नहीं मिली है। इसलिए किसी नेता की सुरक्षा में कटौती के फैसले का सवाल ही नहीं उठता है।

Wednesday, July 22, 2009

विधानसभा में विपक्ष उबल पड़ा

उदयपुर में ब्रिटिश युवती से ज्यादती के मामले में फरार अभियुक्त पर्बतसिंह की गिरफ्तारी नहीं होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से राज्य सरकार के बारे में की गई टिप्पणी पर मंगलवार को विधानसभा में विपक्ष उबल पड़ा। पुलिस की नाकामी के बारे में गृहमंत्री शांति धारीवाल के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी और जमकर हंगामा किया। इस वजह से सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी और बाद में हंगामे के बीच ही उद्योग तथा पर्यटन विभाग की अनुदान मांगें पारित की गईं। भाजपा के राजेन्द्र राठौड़ और डॉ. दिगंबरसिंह ने पहले तो स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से यह मामला उठाने का प्रयास किया। अध्यक्ष दीपेन्द्रसिंह शेखावत ने जब इसकी अनुमति नहीं दी तो राजेन्द्र राठौड़ ने पाइंट ऑफ इनफॉर्मेशन पर खड़े होकर बोलना शुरू कर दिया।
पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार के बारे में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी गंभीर है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी 6 माह में अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं हो पाना गंभीर है। पुलिस की इस नाकामी के लिए गृहमंत्री को त्यागपत्र देना चाहिए। इस पर भाजपा के सदस्यों ने खड़े होकर बोलना शुरू कर दिया और वैल में आकर नारेबाजी की।
इसके बाद जब सदन की बैठक शुरू हुई तो गृहमंत्री धारीवाल ने अपने जवाब में पुलिस की नाकामी की बात स्वीकारी। उन्होंने जैसे ही पूर्व डीआईजी मधुकर टंडन और उड़ीसा के डीआईजी के पुत्र बिट्टी मोहंती की गिरफ्तारी नहीं होने और गुर्जर आंदोलन के समय सुप्रीम कोर्ट द्वारा तत्कालीन सरकार पर राष्ट्रीय शर्म जैसी टिप्पणी करने और भवानीमंडी नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन रामलाल गुर्जर की गिरफ्तारी नहीं होने का जिक्र किया तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष चाहता था कि गृहमंत्री केवल उदयपुर के मामले तक ही अपना जवाब सीमित रखें पुरानी घटनाओं का जिक्र यहां नहीं करें। हंगामे के कारण धारीवाल अपना वक्तव्य पूरा नहीं पढ़ पाए। बाद में धारीवाल ने बताया कि उन्होंने सदन में यह भी कहा था कि हत्या के एक अभियुक्त झालरापाटन निवासी अमित शर्मा को तो पूर्व मुख्यमंत्री ने छुड़वाया था, वह आज तक फरार है। मैं दोषी हूं तो मुझे यहीं सजा दें : गृहमंत्री धारीवाल की इस टिप्पणी से कि हाईकोर्ट ने जब अभियुक्त पर्वतसिंह को जमानत दी तब किसकी सरकार थी और उसके लिए कौन जिम्मेदार था, पूर्व गृहमंत्री कटारिया नाराज हो गए। उन्होंने कहाकि हाईकोर्ट से जमानत होना क्या मेरे अधिकार क्षेत्र में था? यदि इसके लिए भी मैं दोषी हूं तो मुझे यहीं सजा दे दी जाए। कटारिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से राज्य पर जो कलंक लगा है, उसे धोने के लिए सरकार ने क्या प्रयास किया, यह बताया जाए।

रमन सिंह से इस्तीफे की मांग

मदनवाड़ा की नक्सली घटना पर मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह से इस्तीफे की मांग कर रहे कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में दूसरे दिन भी जमकर हंगामा किया। नारेबाजी, शोर शराबे के बीच सदन की कार्यवाही चली। इस दौरान तीन दफा कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। मंगलवार को सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही पूर्व मंत्री नंदकुमार पटेल ने मदनवाड़ा की घटना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की। उनके साथ अन्य कांग्रेस विधायकों ने नारे लगाने शुरू कर दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगने वाले पर्चे लहराए।

भाजपा विधायक भी खड़े होकर विरोध करने लगे। उन्होंने कांग्रेसियों पर आरोप लगाया कि वे शहीदों के नाम पर आपत्ति कर रहे हैं। नगरीय प्रशासन मंत्री राजेश मूणत ने नारे शुरू कर दिए। दोनों पक्षों से हो रही नारेबाजी के बीच विधानसभा अध्यक्ष धरम कौशिक ने उनको शांत कराने का प्रयास किया। मुख्यमंत्री आज सदन में मौजूद नहीं थे, इस कारण कांग्रेस विधायकों ने उन पर सदन से पलायन करने का आरोप लगाया। हंगामे के बीच ही विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू कर दिया और बसपा विधायक दूजराम बौद्ध को अपना सवाल करने का निर्देश दिया। स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल ने अपना जवाब भी दिया लेकिन शोरगुल के चलते कुछ भी सुनाई नहीं दिया। प्रश्नकाल की कार्यवाही में भाग लेने के लिए अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायकों के नाम भी लिए लेकिन एक भी विधायक ने इसमें भाग नहीं लिया। संसदीय कार्यमंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे सदन में चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव देते हैं और चर्चा में भाग नहीं लेते। सदन को नियम प्रक्रिया के तहत ही संचालित किया जा सकता है। हंगामे की वजह से अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।

दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस विधायकों ने फिर नारे लगाने शुरू कर दिए। अध्यक्ष ने प्रश्नकाल की कार्यवाही जारी रखी। इसमें केवल भाजपा और बसपा विधायकों ने भाग लिया। कांग्रेस के विधायक केवल नारे लगाते खड़े रहे। भाजपा विधायकों ने खड़े होकर शोर मचाया। नारेबाजी के बीच 30 मिनट के लिए फिर कार्यवाही रद्द कर दी गई। प्रश्नकाल के बाद अध्यक्ष ने कार्यसूची के तमाम विषयों पर कार्यवाही शुरू कर दी। इसी दौरान संसदीय कार्यमंत्री श्री अग्रवाल ने अनुपूरक बजट भी प्रस्तुत कर दिया।

अंत में मदनवाड़ा की घटना पर गृहमंत्री ननकीराम कंवर का वक्तव्य भी दिलवा दिया। इससे नाराज नेता प्रतिपक्ष रविंद्र चौबे ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि इतने गंभीर मामले पर कल मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं बोला और आज जब मुख्यमंत्री नहीं हैं तो गृहमंत्री से वक्तव्य दिलाया जा रहा है। सरकार को घटना के 11 दिन बाद होश आ रहा है। इसके साथ ही कांग्रेस विधायकों ने नारे तेज कर दिए। उसके बाद अध्यक्ष ने गुरुवार तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। 22 जुलाई को हरेली पर्व की वजह से सदन में अवकाश घोषित कर दिया गया।

वरिष्ठ मंत्री ने से जेल में मुलाकात की अजमल कसाब से

मुंबई पर आतंकी हमले के आरोपी अजमल कसाब को आर्थर रोड जेल में स्थानांतरित किए जाने के बाद महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ मंत्री ने उससे जेल में मुलाकात की थी। यह जानकारी गृह विभाग से जुड़े भरोसेमंद सूत्रों ने दी है। इनके मुताबिक, इस मंत्री ने पुलिस महकमे के आला अफसरों को इस बारे में सूचित किया था। कसाब से मुलाकात के दौरान मंत्री ने अपनी पहचान भी उससे छिपाई थी।

सूत्रों के अनुसार, जेल में सुरक्षा इंतजामों का जायजा लेने आए इस मंत्री ने कसाब को बताया था कि उसका देश पाकिस्तान उसे अपना नागरिक मानने को तैयार नहीं है। यह सुनने के बाद कसाब के चेहरे पर चौंकाने वाले भाव थे।

अबू जिंदाल पर सस्पेंस

कसाब ने सोमवार को गुनाह कबूलते समय मुंबई हमले में एक भारतीय नागरिक अबू जिंदाल के शामिल होने का सनसनीखेज खुलासा किया था। मुंबई क्राइम ब्रांच के संयुक्त पुलिस आयुक्त राकेश मारिया का कहना है कि पुलिस अब जिंदाल के बारे में पता लगा रही है कि आखिर यह शख्स है कौन? उन्होंने शक जाहिर किया कि हो सकता है कि अबू जिंदाल नाम किसी आतंकवादी का छद्म नाम हो। अदालत में दायर ११,२८क् पन्नों की चार्जशीट में जिंदाल के नाम का कहीं भी उल्लेख नहीं है।

डेकोरेटर से डाकू , फिर आतंकी

अजमल कसाब ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकी के रूप में कुख्यात होने से पहले पाकिस्तान स्थित झेलम शहर में कुछ समय तक डेकोरेटर का काम किया था। कसाब ने अदालत को बताया कि वह डेकोरेटर के काम से होने वाली थोड़ी सी कमाई से नाखुश था। ऐसे में उसने अपने दोस्त मुजफ्फर के साथ मिलकर डकैती डालने का फैसला किया। कसाब के मुताबिक, फिर वह डेकोरेटर का काम छोड़कर मुजफ्फर के साथ रावलपिंडी आ गया। इसी दौरान वह मुजाहिदीनों के संपर्क में आया। बाद में मुजाहिदीनों ने उसे मुरीदके, मुजफ्फराबाद और मस्कर अक्सा में ट्रेनिंग के लिए भेजा।

Monday, July 20, 2009

जेल में मुझसे आतंकियों जैसा सलूक हुआः रीता बहुगुणा

उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने आरोप लगाया है कि मुरादाबाद जेल में उनके साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बहुजन समाज पार्टी के लोगों के साथ राज्य पुलिस की मिलीभगत के चलते उनकी जान को खतरा है। डॉ. जोशी ने यह आरोप लखनऊ पहुंचने पर संवाददाताओं से बातचीत में लगाया। उन्होंने कहा कि जेल में उनसे आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया गया और उनके परिवार वालों को भी उनसे मिलने नहीं दिया गया। यहां तक कि कानूनी सहायता देने से भी इनकार कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में मुझे अपने जीवन के लिए गंभीर खतरा महसूस हो रहा है क्योंकि राज्य सरकार किसी भी हद तक जा सकती है। डॉ. जोशी ने आरोप लगाया कि लखनऊ में उनके घर पर राज्य सरकार के कहने पर हमला किया गया। सरकार की मंशा ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें राज्य पुलिस व सीआईडी पर कोई विश्वास नहीं है इसलिए घटना की जांच सीबीआई से कराई जाए।

राजस्थान में कानून का शासन नहीं

उदयपुर में ब्रिटिश पर्यटक से हुए दुष्कर्म मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि राजस्थान में कानून का शासन नहीं है और ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है, जो अदालत के आदेशों की पालना नहीं करवा सकती हो। शीर्ष कोर्ट ने 16 जनवरी 09 को राजस्थान पुलिस को आरोपी की गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे।

लगभग छह माह बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर अदालत ने सोमवार को सुनवाई के दौरान नाराजगी जताई। जस्टिस मार्कण्डेय काटजू और अशोक कुमार गांगुली की बेंच ने राजस्थान पुलिस को आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एक हफ्ते का और समय दिया है। राज्य के प्रमुख गृह सचिव को अगली सुनवाई में स्पष्ट करने के लिए तलब किया है कि सरकार आदेशों का पालन क्यों नहीं कर पाई?

‘मुख्यमंत्री तक संदेश पहुंचा दें’ : बेंच एक बार तो जांच करने वाले पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश देने वाली थी लेकिन राजस्थान सरकार के वकील द्वारा बार-बार समय बढ़ाने की मांग करने पर अदालत थोड़ा नरम हुई।

इससे पूर्व अदालत ने पुलिस अधिकारियों से कहा- तमाशा कर रहे हैं आप, शर्म नहीं आती आपको? आरोपी के साथ अवश्य ही आपकी सांठगांठ है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोर्ट के आदेश का अनादर किया जा रहा है। बेंच ने जांच अधिकारियों को एक हफ्ते की और मोहलत देते हुए कहा कि अगर एक हफ्ते में आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जाता तो राजस्थान पुलिस मुश्किल में आ जाएगी। यह संदेश आप मुख्यमंत्री तक पहुंचा दें। राजस्थान पुलिस के लिए यह आखिरी मौका है, इसके बाद आवश्यक निर्देश जारी किए जाएंगे।

पर्बतसिंह की हर हाल में गिरफ्तारी के निर्देश

राज्य के प्रमुख गृह सचिव एस. एन. थानवी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है। अफसरों को सोमवार को ही निर्देश दिए गए हैं कि अभियुक्त पर्बतसिंह को हर हाल में गिरफ्तार किया जाए। पर्बतसिंह को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। नियमानुसार उसकी संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई की जा रही है।

क्या है मामला : उदयपुर में ब्रिटिश पर्यटक से दुष्कर्म के आरोपी पर्बत सिंह राणा को फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा 1 मई 08 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी लेकिन जुलाई 08 में उसे राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। 16 जनवरी 09 को शीर्ष कोर्ट ने आरोपी की गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे। आरोपी की संपत्ति कुर्क करने को भी कहा गया था।

जहां बसपा होगी, वहां सपा नहीं: अमर

समाजवादी पार्टी केंद्र सरकार को समर्थन भले कर रही हो, लेकिन उसका मन कांग्रेस से अब भर गया है। कांग्रेस से रोज-रोज के गिले-शिकवे से आजिज सपा महासचिव अमर सिंह ने दो टूक कह दिया है कि जहां बसपा होगी, वहां सपा नहीं रह सकती। सिंगापुर में अपना इलाज करा रहे सिंह कांग्रेस से इतने आहत हैं कि इस मसले पर फैसले के लिए वह अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक बुलाए जाने की कोशिशों में जुट गए हैं।
अमर सिंह ने सोमवार को सिंगापुर के अस्पताल से ही वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए दिल्ली में पत्रकारों से वार्ता की। उन्होंने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन कहा, 'इस बार बात सत्यव्रत चतुर्वेदी और दिग्विजय सिंह के बयानों की नहीं है। एक बड़े नेता ने सपा और बसपा को एक तराजू में तौला है। इसलिए फैसले की घड़ी आ गई है। इसके लिए वह सपा प्रमुख मुलायम सिंह से राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक बुलाने की मांग करेंगे।'
गौरतलब है कि बीते दिनों राहुल गांधी अमेठी दौरे पर गए थे। उनसे मुख्यमंत्री मायावती के उस बयान पर सवाल पूछा गया था जिसमें उन्होंने अमर सिंह और दिग्विजय सिंह के मिल जाने और कांग्रेस को सतर्क रहने की बात कही थी।
अमर सिंह को कांग्रेस महासचिव का वह बयान नागवार गुजरा है, जिसमें सपा या बसपा में से किसी एक के साथ रहने के सवाल पर कहा गया था कि कांग्रेस गरीबों के साथ है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह सरकार से समर्थन वापसी के लिए सपा कार्यसमिति की बैठक बुलवाना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि बैठक का एजेंडा मीडिया को नहीं बताएंगे, लेकिन उनका निजी विचार है कि जहां बसपा रहे, वहां सपा को नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मसले पर बातचीत के लिए सपा के उत्तार प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव को सिंगापुर बुलाया गया है। जरूरत होगी तो मुलायम सिंह को भी बुला कर बात की जाएगी, क्योंकि इलाज के चलते वह अभी देश वापस लौटने की स्थिति में नहीं हैं। इस मुद्दे पर यहां मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और प्रो. रामगोपाल यादव कुछ नहीं कह रहे हैं।
बीते छह साल से सपा और बसपा केंद्र में कांग्रेस सरकार को समर्थन कर रही है। अब क्या दिक्कत आ गई है? इस सवाल के जवाब में अमर सिंह ने कहा, 'संसद में कैश फार वोट कांड में मुकदमा हम पर हुआ। समर्थन कराने के कारण सपा में लानत-मलानत मेरी हो रही है। कांग्रेस सत्ता सुख भी ले रही है और हमारे लिए ऊल-जलूल बातें भी कर रही है। इसलिए बुरा लग रहा है।' अमर सिंह ने मायावती पर रीता बहुगुणा जोशी के बयान पर कहा, 'रीता ने जो कुछ कहा ठीक है, क्योंकि मायावती वही भाषा समझती हैं।' सिंह ने कहा कि मायावती ने अपना काला धन कैसे सफेद किया, उसका सारा रिकार्ड वह सोनिया गांधी को सौंप चुके हैं।

कांग्रेस को माफी दिवस मनाना चाहिए

मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता जोशी के अंतरिम जमानत पर रिहा होने पर 'विजय दिवस' मना रहे कांग्रेसियों को वास्तव में 'माफी दिवस' मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रीमती जोशी ने अपनी अमर्यादित टिप्पणी से अपने परिवार की प्रतिष्ठा तथा देशवासियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई। बसपा सरकार प्रभावी पैरवी करके उन्हें उनके कृत्य की सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को जारी एक वक्तव्य में कहा कि बसपा सरकार लोकतांत्रिक मान्यताओं का सम्मान करती है, तथा कानून व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने दोहराया कि श्रीमती जोशी के आवास पर आगजनी की घटना में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसी के साथ उन्होंने कहा कि श्रीमती जोशी के खिलाफ भी विधिक कार्यवाही जारी रहेगी।
उधर, बसपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से जारी एक अन्य वक्तव्य में कहा गया कि रीता जोशी को वास्तव में 'शर्म दिवस' मनाना चाहिए। उन्होंने श्रीमती जोशी पर एससी-एसटी एक्ट तामील किए जाने को पूरी तरह विधिसम्मत ठहराते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को अपने वचन के मुताबिक राजनीति से सन्यास ले लेना चाहिए। वक्तव्य में उप्र अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति [अत्याचार निवारण] अधिनियम, 1989 के दूसरे अध्याय की धारा तीन की उपधारा एक के उपबंध संख्या दस का उल्लेख करते हुए दावा किया गया कि मुख्यमंत्री मायावती के बारे में श्रीमती जोशी की टिप्पणी एससी-एसटी एक्ट के अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आती है।
मौर्य ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सिर्फ अंतरिम जमानत पर रिहा हुई हैं। बसपा सरकार इस मामले की प्रभावी पैरवी करके उन्हें सजा अवश्य दिलाएगी। श्रीमती जोशी की टिप्पणी से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। उनका कृत्य माफ करने लायक नहीं है।

नगरपालिका में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण

स्वायत्ता शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा है कि नगरपालिकाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए सरकार कटिबद्ध है और नए नगरपालिका अधिनियम, 2009 में इसका प्रावधान किया जा रहा है। राज्य विधानसभा में सोमवार को शून्यकाल के दौरान इस संबंध में हुई चर्चा के दौरान हस्तक्षेप करते हुए स्वायत्ता शासन मंत्री ने कहा कि नया नगरपालिका अधिनियम 2009 जल्द ही सदन में लाया जाएगा और यदि सदन में उसे पारित कर दिया गया तो सभापति व 183 नगरपालिकाओं के पार्षदों के लिए लॉटरी फिर से निकाली जाएगी। उन्होंने कहा कि नए नगरपालिका अधिनियम के सदन में पारित होने में अगर देर भी होती है तो नवंबर में प्रस्तावित नगरपालिकाओं के चुनाव कुछ आगे बढ़ाए जा सकते हैं। धारीवाल ने कहा कि नए नगरपालिका अधिनियम, 2009 में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान होने पर नगर निकायों में वार्डो की संख्या में बढ़ोतरी नहीं होगी।
उन्होंने बताया कि 189 नगरपालिकाओं में अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए जितनी सीटे होंगी उनमें से आधी के लिए उसी वर्ग की महिलाओं की लॉटरी निकाली जाएगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं को पंचायत राज व नगरपालिकाओं में 50 प्रतिशत आरक्षण के बारे में जो अध्यादेश पिछली सरकार ने लागू किया था उसमें 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान नहीं था। उन्होंने कहा कि नगरपालिका सभापति के लिए लॉटरी 11 जुलाई 2007 को तत्कालीन सरकार ने निकाली थी और 183 नगरपालिकाओं के पार्षदों की लॉटरी भी उसी आधार पर निकाली गई है।


Sunday, July 19, 2009

खबर असत्य एवं मानहानिकारक : भाया

जयपुर। राजस्थान पत्रिका जयपुर संस्करण के 19 जुलाई के अंक में पृष्ठ 13, राय मंच पर 'मैं मंत्री बोल रहा हूं' शीर्षक से प्रकाशित खबर को सार्वजनिक निर्माण रायमंत्री श्री प्रमोद जैन भाया ने सर्वथा असत्य एवं मानहानिकारक बताया है।
खबर में सार्वजनिक निर्माण राय मंत्री द्वारा फोन पर 15 जुलाई को माही परियोजना बांध स्थल पर कार्यरत सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता को ठेकेदार के भुगतान हेतु धमकाने की असत्य घटना के बारे में लिखा गया है। इस अवधि में श्री 'भाया' अहमदाबाद में ऑपरेशन के बाद स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे और चिकित्सकीय सलाह से उनका बोलना भी बंद था। श्री 'भाया' ने इस मामले में दोषियों के खिलाफ जांच एवं सख्त कार्रवाई के लिए बांसवाड़ा के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए हैं। SUJAS

रामायण की आलोचना करना जारी रखेंगे

भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठा कर विवाद पैदा करने वाले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि ने कहा कि वह रामायण की आलोचना करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, 'मैं बचपन में भी रामायण का आलोचक था। मैं ऐसा करना जारी रखूंगा।' वह केंद्रीय कानून मंत्री एम. वीरप्पा मोइली की किताब 'रामायण पेरूंथेदलै' (रामायण की तलाश) का अनावरण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस किताब में मोइली की अलग व्याख्या को देखते हुए उन्होंने इसके अनावरण का फैसला किया। उन्होंने कहा कि मोइली की किताब रामायण के मूल संस्करण से अलग है और इसमें मोइली ने निर्भयतापूर्वक अपने विचार व्यक्त किए हैं। मोइली ने कहा कि उनकी किताब सिर्फ रामायण का वर्णन नहीं है, बल्कि इसमें हर पेज में पाठकों के लिए एक संदेश है। मोइली महाभारत की प्रमुख किरदार द्रौपदी पर भी एक किताब लिख रहे हैं। यह किताब अगले साल आने की संभावना है।

रीता को मध्य प्रदेश से समर्थन

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के संबंध में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस भले ही असमंजस में हो, पर रीता को मध्य प्रदेश से समर्थन मिल गया है। मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग विकास एवं कल्याण परिषद ने न केवल रीता बहुगुणा को सम्मानित करने का ऐलान किया है, बल्कि केंद्र सरकार से मायावती सरकार को बर्खास्त करने की भी मांग की है। परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री अखंड प्रताप सिंह यादव ने रविवार को दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि मायावती ने जिस बयान के लिए रीता बहुगुणा का घर जलवाया और उन्हें जेल भेजा, उसकी शुरुआत उन्होंने स्वयं 2007 में की थी। तब उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के बहाने पूरे यादव समाज की बहू-बेटियों के लिए अपशब्द कहे थे। मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी सरकारों में मंत्री रहे अखंड प्रताप सिंह यादव का कहना है कि देश के कई हिस्सों में अनुसूचित जाति के लोग भी 'यादव' शब्द का इस्तेमाल करते हैं। ऐसी स्थिति में मायावती के खिलाफ भी उन्हीं धाराओं का इस्तेमाल किया जाना चाहिए जो रीता के खिलाफ की गई है।

लालू का कांग्रेस से मोहभंग नहीं हुआ

राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष एवं पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव से कांग्रेस ने भले ही किनारा कर लिया हो लेकिन अभी भी उसके साथ मिलकर चुनाव लडऩे के पक्ष में हैं।यादव ने एक अंग्रेजी दैनिक को दी गयी भेंटवार्ता में कहा है कि वह अभी भी कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लडऩे के पक्ष में हैं, लेकिन यह उस पर निर्भर करता है कि कांग्रेस हमारे साथ मिलकर चुनाव लड़े या नहीं। उन्होंने कहा कि झारखंड में राजद के बगैर कोई सरकार नहीं बन सकती और कांग्रेस अकेले वहां सरकार नहीं बना सकती। हम चाहते हैं कि धर्मनिरपेक्ष वोटों का बंटवारा न हो और कांग्रेस का वामदलों के साथ मिलकर एक धर्मनिरपेक्ष मोर्चा बने।उन्होंने माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को इस बात के लिए आड़े हाथों लिया कि परमाणु करार पर उसने कांग्रेस से समर्थन वापस लिया और यह अपने अंहकार के कारण चुनाव में हारी। राजद नेता ने यह भी कहा कि वह एक किताब लिखेंगे और कई राजनीतिक मुद्दों पर अपनी बात खुलकर कहेंगे। वह अपनी किताब में बताएंगे कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार न करने के लिये उन पर कुछ लोगों ने किस तरह दबाव डाला था और किस तरह मंडल आयोग को लागू किया गया था।रेल मंत्री कार्यकाल में उनके मंत्रालय के मुनाफे के दावे को गलत बताये जाने के बारे में उन्होंने कहा, अगर मेरे कार्यकाल के रेल बजट के मुनाफे का दावा गलत है तो रेल मंत्री ममता बनर्जी ने जो बजट पेश किया है वह भी गलत है और भारत सरकार पिछले पांच साल से जो बजट पेश कर रही है वह भी गलत है। यादव ने कहा कि प्रो. रघुराम ने एक किताब लिखी है जिसमें कहा गया है कि अगर रेलवे एक निजी कंपनी होती तो नीतिश कुमार को खराब प्रदर्शन के लिये रेल मंत्री के पद से बर्खास्त कर दिया गया होता।पूर्व रेल मंत्री ने कहा, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एक अच्छी महिला हैं और उन्होंने कभी मुझे अलग नहीं किया। मैं उनसे मिला लेकिन मीडिया ने दावा किया कि श्रीमती गांधी ने सरकार बनने के समय मुझसे मिलने से मना कर दिया, यह गलत है।

आडवाणी की एक और यात्रा की तैयारी

लोकसभा चुनावों में भाजपा की करारी हार ने भी पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के हौंसले पस्त नहीं किए हैं। देश भर के पार्टी कार्यकर्ता पूरे उत्साह के साथ अगली लड़ाई के लिए तैयार हो सकें, इसके लिए आडवाणी अब एक और ''यात्रा'' करने की तैयारी कर रहे हैं। आडवाणी ने कहा कि मैं पिछली बार की रथयात्रा की तरह इस बार सार्वजनिक बैठकें नहीं करूंगा। मेरी योजना देश भर में जाकर पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने और उन्हें समझाने की है कि चुनाव में हार कोई असामान्य बात नहीं है। यात्रा के दौरान वरिष्ठ नेता आडवाणी पार्टी कार्यकर्ताओं से मिल कर उनकी समस्याओं को सुनेंगे और पार्टी के खराब प्रदर्शन पर विचार करेंगे। पार्टी कार्यकर्ताओं की अपील पर लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने के लिए तैयार हुए 81 वर्षीय आडवाणी एक बार फिर अपनी पुरानी ऊर्जा में वापस आते दिखाई दे रहे हैं। लोकसभा चुनावों के बाद से ही उनकी दिनचर्या काफी व्यस्त है। आडवाणी की यात्रा 21 अगस्त को खत्म होने वाली पार्टी की तीन दिवसीय ''चिंतन बैठक'' के बाद सितंबर में शुरू होने की संभावना है। आडवाणी की अतीत की रथयात्राओं ने पार्टी के भविष्य को संवार दिया था।

आडवाणी ने स्वीकार किया कड़वा सच

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने देश में द्विध्रुवीय राजनीति के लिए बीजेपी को श्रेय देते हुए स्वीकार किया कि जनता ने जनादेश में बीजेपी के बजाय कांग्रेस को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि चुनाव नतीजों ने दिखा दिया है कि वोटरों ने छोटे दलों को नकार कर सिर्फ बड़े दलों को स्वीकार किया है। केवल कांग्रेस और बीजेपी ही लोकसभा की 100 से अधिक सीटें जीत सकीं। बीजेपी की केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल की 150 सीटों में कम ही उपस्थिति दर्ज है इसलिए लोगों ने बीजेपी की तुलना में कांग्रेस को अधिक पसंद किया। अनुसूचित जाति-जनजाति मोर्चा की कार्यकारिणी बैठक में आडवाणी ने कहा कि बीजेपी समाज के सभी तबकों को समाहित कर देश की टॉप पार्टी बन सकती है। उन्होंने कहा कि लोकसभा के पिछले चुनावों में अपने राज्यों में मजबूत रहने वाली छोटी पार्टियां समझ रही थीं कि वे केंद्र में सरकार बना सकती हैं। लेकिन जनता ने उन्हें नकार कर केवल दो बड़ी पार्टियों को वोट दिए। बीजेपी की सबसे बड़ी उपलब्धि देश में द्विध्रुवीय राजनीति बनाना है। बीजेपी ने कांग्रेस का दबदबा खत्म कर दिया। इससे पहले चुनावी संघर्ष कांग्रेस बनाम छोटी पाटिर्यां हुआ करता था। आडवाणी का कहना था कि कुछ राजनीति दल कुछ वर्गों को वोट बैंक की तरह प्रयोग करते रहे हैं लेकिन बीजेपी उन्हें देश के विकास में शामिल करने में विश्वास करती है। किसी पार्टी विशेष का नाम लिए बगैर आडवाणी ने यहां तक कहा कि कुछ पार्टियां तो वोटों की खातिर डकैतों और लुटेरों का भी लाभ उठा सकती हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास का अर्थ है कि अनुसूचित जाति-जनजाति, ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को विकास के फल का स्वाद मिले। आज हर कोई देश के चहुंमुखी विकास की बात करता है लेकिन अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों की बड़ी जनसंख्या विकास की दौड़ में पीछे रह गई है, जिसे आगे बढ़ाए बगैर चहुंमुखी विकास के बारे में सोचा नहीं जा सकता।


सिद्धू को मनाने में भाजपा नाकाम

भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व शनिवार को क्रिकेट की दुनिया से राजनीति में आए सांसद नवजोत सिंह सिद्धू को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने में नाकाम रहा। सिद्धू पार्टी में अपने विरोधी की शह पर हुई एक स्थानीय नियुक्ति को लेकर खफा हैं।
भाजपा नेता अरुण जेटली ने अमृतसर से सांसद सिद्धू को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश की। उन्होंने शुक्रवार को भी ऐसी कोशिश की थी, लेकिन नाकाम रहे थे।
जेटली के एक निकटवर्ती सूत्र ने कहा, 'यह स्थानीय मुद्दा है और इसका एक या दो दिन में समाधान निकल जाएगा। चिंता की कोई बात नहीं है।'
सिद्धू ने पूर्व भाजपा विधायक राजिन्दर मोहन चिन्ना को उनकी स्वीकृति के बिना अमृतसर सुधार न्यास का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर भाजपा संसदीय दल के प्रमुख लालकृष्ण आडवाणी को शुक्रवार को अपना त्यागपत्र सौंप दिया था। सिद्धू ने आडवाणी को भेजे अपने पत्र में चिन्ना की नियुक्ति पर नाराजगी जताई थी।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि हाल के आम चुनाव के दौरान सिद्धू अमृतसर विधानसभा क्षेत्र में 30 हजार मतों से पीछे रह गए थे। वहां से पिछली दफा चिन्ना ने चुनाव लड़ा था। पूर्व क्रिकेटर का मानना है कि चिन्ना ने चुनाव के दौरान उनके विरोध में काम किया था।

हरियाणा में समय से पहले चुनाव चाहती है कांग्रेस

कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा की राजनीतिक मामलों को देखने के लिए पार्टी के महासचिव बीके हरिप्रसाद की अगुवाई में पांच सदस्यीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया है।
पार्टी के इस फैसले को हरियाणा विधानसभा का चुनाव समय से पहले कराने की पुख्ता तैयारी का संकेत माना जा रहा है। हरियाणा विधानसभा का चुनाव वैसे तो फरवरी 2010 में होना है। लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दमदार प्रदर्शन को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा हाईकमान को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के साथ ही हरियाणा में भी चुनाव कराने की सलाह दे रहे हैं। प्रदेश की सियासत में ओम प्रकाश चौटाला की कमजोर पड़ती पकड़ और इनेलो में मची भगदड़ को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान भी समय से पहले चुनाव कराने का मन लगभग बना चुका है। पार्टी में चुनावी विशेषज्ञ माने जाने वाले हरिप्रसाद को हरियाणा की कमान सौंपना इसी तैयारी का हिस्सा है।

'यूपी की समस्याओं के लिए कांग्रेस जिम्मेदार'

उत्तर प्रदेश में व्याप्त विद्युत संकट और विकास की कथित अनदेखी के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी की आलोचना के एक दिन बाद मुख्यमंत्री मायावती ने प्रदेश में बिजली की स्थिति पर एक 'श्वेत पत्र' जारी करते हुए बिजली संकट के साथ ही देश एवं प्रदेश के पिछड़ेपन एवं अन्य सभी समस्याओं के लिए पूर्ववर्ती सरकारों मुख्यत: कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया है।उत्तर प्रदेश में 'बिजली की दयनीय और खराब स्थिति के लिए जिम्मेदार और दोषी कौन' शीर्षक से सात पृष्ठों का श्वेत पत्र जारी करते हुए मायावती ने संवाददाताओं से कहा कि श्वेत पत्र में दिए आंकड़ों से यह साबित हो जाएगा कि प्रदेश में मौजूदा विद्युत संकट के लिए पूर्ववर्ती सरकारें ही जिम्मेदार रही हैं और उनमें से अधिकांश कांग्रेस की सरकारें ही थीं। मायावती ने कहा कि श्वेत पत्र से यह भी साबित हो जाएगा कि हमारे विरोधी दल किस तरीके से झूठ का सहारा लेकर हमारी सरकार की छवि बिगाड़ने की कोशिश में लगे हैं। प्रदेश में मौजूदा विद्युत संकट के लिए बहुत हद तक केन्द्र में सत्तारूढ़ संप्रग सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अपने सीमित संसाधनों में बसपा सरकार विद्युत संकट से निपटने में लगी है और विद्युत उत्पादन में बढ़ोत्तरी करके वर्ष 2014 तक प्रत्येक घर में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए समयबद्व लक्ष्य लेकर चल रही है। अमेठी के एक दिवसीय दौरे के दौरान शुक्रवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी की इस टिप्पणी का संदर्भ लेते हुए कि बसपा सरकार का सारा ध्यान मूर्तियों एवं स्मारकों पर है और इसके एजेन्डे पर बिजली और विकास के लिए कोई जगह नहीं है पर मायावती ने देश एवं प्रदेश में व्याप्त सभी समस्याओं के लिए आजादी के बाद से अधिकांश समय तक केन्द्र और राज्य में सत्तारूढ़ रही कांग्रेस पाटी को जिम्मेदार ठहराया।कांग्रेस पर पूंजीपतियों का हितपोषी होने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की सरकारों ने हमेशा पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए समाज के हर वर्ग के गरीबों की उपेक्षा की और पूंजीपतियों के पैसे से गरीबों का वोट खरीद कर सत्ता में आती रही। चाहे दलित व पिछड़े हों, अल्पसंख्यक अथवा सवर्ण कांग्रेस ने सभी वर्गों के गरीबों के साथ धोखा किया है।

भारी पड़ेगी किसानों की अनदेखी: राजनाथ

सूखे से बदहाल खेती और मुरझाए किसानों के चेहरे से चिंतित भाजपा ने केंद्र सरकार पर किसानों की अनदेखी का तीखा आरोप लगाया है।
कृषि मंत्रालय की अनुदान मांगों पर लोकसभा में बहस की शुरुआत करते हुए शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने सूखे के हालात को देखते हुए खेती के लिए प्रोत्साहन पैकेज देने और कृषि क्षेत्र पर समग्र चर्चा के लिए अलग से सत्र बुलाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जिन किसानों की फसल सूखे के कारण नष्ट हो गई है, उनके कर्ज पर इस साल का ब्याज माफ किया जाना चाहिए।
राजनाथ ने कहा कि किसानों के लिए बातें तो बहुत हुई, लेकिन उन्हें उत्पादन बढ़ाने की नई प्रौद्योगिकी से अवगत कराने, उपज का उचित मूल्य देने और सस्ता कर्ज मुहैया कराने की कोई गंभीर कोशिश नहीं की गई।
राजनाथ ने कहा कि देश में सैकड़ों निजी व सरकारी चैनल हैं, लेकिन कृषि के लिए एक भी नहीं। राजग सरकार ने एक चैनल शुरू किया था, लेकिन उसे भी संप्रग सरकार ने आते ही बंद कर दिया। उन्होंने इस चैनल को फिर से शुरू करने की मांग की।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि देश को एक-दो हरित क्रांतियों की नहीं, बल्कि सदाबहार हरित क्रांति की जरूरत है। उन्होंने इसके लिए उत्पादकता को सीधे बाजार व उपभोक्ता से जोड़ने की जरूरत बताई। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने कृषि के लिए बजट में नाम मात्र की वृद्धि की है। उन्होंने सवाल उठाया कि महज 550 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी से क्या होने वाला है?
पहली बार लोकसभा पहुंचे राजनाथ ने कहा कि फसल बीमा योजना लागू तो है, लेकिन उसका लाभ बहुत कम लोगों को मिल रहा है। उसे व्यापक बनाने की जरूरत है। भाजपा नेता ने सरकार से पूछा कि क्या फसल बीमा योजना को मोटर वाहन बीमा योजना की तरह अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता है?
उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य नीति में तत्काल बदलाव की मांग करते हुए कहा कि लागत से पचास फीसदी ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाना चाहिए। इसकी घोषणा भी फसल आने के बाद नहीं, बल्कि फसल लगाते समय की जानी चाहिए। किसानों को कर्ज चार फीसदी की दर पर दिया जाना चाहिए और कर्ज वसूल करते समय सूखा व बाढ़ की स्थितियों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
राजनाथ सिंह ने जमीन की उर्वरा शक्ति कम होने पर भी चिंता जताई और कहा कि इस क्षेत्र में नए अनुसंधान पर जोर देने के साथ उनको किसान तक पहुंचाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने सरकार को चेताया कि अगर उसने समय रहते जरूरी कदम नहीं उठाए तो कृषि की यह उपेक्षा बहुत भारी पडे़गी।

Saturday, July 18, 2009

निशाने पर मोदी और आडवाणी

बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य समेत देश के पांच बड़े नेता माओवादियों के निशाने पर हैं। आंध्रप्रदेश के इंटेलिजंस अधिकारियों की सूचना के मुताबिक लालगढ़ और छत्तीसगढ़ में कोहराम मचाने के बाद माओवादी कुछ ऐसा करना चाहते हैं, जिससे इंटरनैशनल कम्यूनिटी का ध्यान इनकी ओर खींचा चला आए। इसीलिए वे देश के पांच बड़े नेताओं को निशाना बनाना चाहते हैं। इंटेलिजंस की सूचना के मुताबिक लालकृष्ण आडवाणी, गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी, उड़ीसा के सीएम नवीन पटनायक और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को माओवादी निशाना बनाना चाहते हैं।
एक सीनियर इंटेलिजंस अफसर ने बताया कि माओइस्ट सेंट्रल मिलिशिया के सदस्य टेकलपल्ली वासुदेव राव उर्फ आचन्ना ने आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएसआर पर हमला करने का जिम्मा लिया है। पुलिस के मुताबिक, माओवादियों की पोलित ब्यूरो की बैठक में गृहमंत्री पी.चिदंबरम के उस फैसले पर चर्चा की गई जिसमें उन्होंने माओवादी हिंसा से प्रभावित इलाकों में अर्द्धसैनिक बलों की 44 बटालियन तैनात करने की बात कही थी। मीटिंग में यह कहा गया कि अब सुरक्षाबलों से निपटना आसान नहीं होगा। इसी के मद्देनजर माओवादी वीवीआईपीज़ पर हमला करने की योजना बना रहे हैं, ताकि हमले के बाद पूरा फोकस उधर हो जाए और वे अपना काम आसानी से जारी रख सकें। सूत्रों के मुताबिक, अगर इन पांचों बड़े नेताओं पर उनका हमला नाकाम भी रहता है, तो भी उनका मकसद बहुत हद तक कामयाब हो जाएगा। NBT

बीएसपी विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज

लखनऊ पुलिस ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी के घर पर हुई आगजनी और तोड़फोड़ की घटना में शुक्रवार की रात बीएसपी विधायक जितेंद्र सिंह उर्फ बबलू व स्थानीय बीएसपी नेता इंतजार आब्दी उर्फ बॉबी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर ली। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस प्रकरण में पहले पुलिस ने अज्ञात लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की थी, मगर बाद में कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. जोशी और प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव द्वारा नामजद किए जाने पर सत्तारुढ़ दल के विधायक बबलू एवं बॉबी के विरुद्ध भी केस दर्ज कर लिया गया। सूत्रों के अनुसार यदि दोनों बीएसपी नेता जांच में दोषी पाए गए तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। जितेंद्र सिंह फैजाबाद जिले की बीकापुर विधानसभा क्षेत्र से बीएसपी विधायक हैं, जबकि बॉबी स्थानीय शिया डिग्री कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष है।

जोशी के समर्थन में अजहरुद्दीन ने दी गिरफ्तारी

कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई की अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी की गिरफ्तारी के विरोध में मुरादाबाद से पार्टी के सांसद एवं भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने शुक्रवार दोपहर बाद सैकड़ों समर्थकों के साथ गिरफ्तारी दी। मुरादाबाद में जुमे की नमाज के बाद अजहरुद्दीन ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जोशी के खिलाफ की गई कार्रवाई के विरोध में हुए प्रदर्शन का नेतृत्व किया और शहर के मुगलपुरा थाने में गिरफ्तारी दी। विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने सभी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से संयम बनाए रखने की अपील की। मुरादाबाद स्थित डीआईजी ऑफिस ने अजहरुद्दीन के गिरफ्तारी देने की पुष्टि की है। राज्य की मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ कथित अपमानजनक बयानबाजी करने के आरोप में जोशी को बुधवार देर रात गाजियाबाद से गिरफ्तार करने के बाद गुरुवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। फिलहाल वह मुरादाबाद की जेल में हैं।

कांग्रेस तय करे सपा चाहिए या बसपा

संप्रग सरकार के बुरे दिनों में उसके साथ खड़ी समाजवादी पार्टी का मन अब उससे भरने लगा है। सरकार और कांग्रेस के एक साथ बदले रुख से भी उसे पीड़ा पहुंची है। लिहाजा उसने सरकार से साफ शब्दों में पूछा है कि अब वह सपा से कैसे रिश्ते रखना चाहती है? सपा नेता अमर सिंह ने तो यहां तक कहा कि अब कांग्रेस को तय कर लेना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में उसे सपा और बसपा में से किसका साथ चाहिए।
सिंगापुर में इलाज करा रहे सपा महासचिव अमर सिंह ने दैनिक जागरण से फोन पर बातचीत में कहा कि संप्रग सरकार के अमेरिका से परमाणु समझौते के बाद समाजवादी पार्टी के समर्थन का कोई मूल्य नहीं रह गया है। सिंह ने कहा कि इलाज के लिए सिंगापुर रवाना होने के पहले उन्होंने कांग्रेस के बड़े नेताओं से मिलकर कांग्रेस-सपा समन्वय समिति बनाने की मांग फिर की थी। उन नेताओं ने सीधा जवाब दिया कि समन्वय समिति बनी तो सपा के साथ बसपा को भी उसमें रखना होगा, क्योंकि वह भी सरकार का समर्थक दल है।
अमर सिंह ने कहा कि कांग्रेस के इस जवाब से साफ हो गया है कि संप्रग सरकार को गिराने का प्रयास करने वाली बसपा और उसे बचाने वाली सपा को अब वह एक ही तराजू में तौला जा रहा है। सिंह ने कहा कि अगर कांग्रेस उत्तर प्रदेश में ईमानदार प्रतिपक्ष की भूमिका निभाना चाहती है तो यह कैसे हो सकता है कि दिल्ली में हाथी [बसपा] कांग्रेस का साथी और उत्तर प्रदेश में वह दुश्मन व उसके खिलाफ सड़कों पर। यह समर्थन और विरोध की दोहरी राजनीति है। जब तमिलनाडु में जयललिता और करुणानिधि, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और वामपंथी एक साथ नहीं रह सकते तो उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा एक साथ कैसे रह सकते हैं। लिहाजा उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को तय कर लेना चाहिए कि उसे वहां सपा या बसपा में से किसका साथ चाहिए।
सपा नेता ने कहा कि कांग्रेस का यह कौन सा चरित्र है कि संयुक्त रूप से उसकी सरकार गिराने में जुटी बसपा प्रमुख मायावती, माकपा के प्रकाश करात और भाजपा के लालकृष्ण आडवाणी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी की प्रतिष्ठा की रक्षा करने वाली सपा में अब कोई फर्क ही नहीं रह गया है। इन्हीं वजहों से संप्रग सरकार से अलग होने के लिए पार्टी पर कार्यकर्ताओं का बड़ा दबाव है, लेकिन अमर सिंह के विदेश में होने के कारण फैसला नहीं हो पा रहा है।
सिंह ने कहा कि सपा कांग्रेस-बसपा दोनों को बड़ा खतरा मानती है। बसपा जब भाजपा के साथ थी तो उसने वरुण गांधी को प्रसिद्धि दी, अब रीता बहुगुणा को गिरफ्तार कर कांग्रेस को प्रसिद्धि दे रही है। साफ है कि यह दोनों की नूराकुश्ती है। इसलिए सपा की मांग है कि या तो कांग्रेस बसपा के समर्थन को लौटा दे या फिर खुद मायावती समर्थन की चिट्ठी वापस ले लें।

नाराज सिद्धू ने आडवाणी को भेजा इस्तीफा

नगर सुधार ट्रस्ट का चेयरमैन राजिंदर मोहन सिंह छीना को बनाने के विरोध में नवजोत सिंह सिद्धू ने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इस्तीफा पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भेजा है।
पार्टी हाईकमान द्वारा की गई किरकिरी से आहत नवजोत सिंह सिद्धू ने यह कदम उठाया है। सिद्धू के इस्तीफे की पुष्टि उनके कार्यालय के इंचार्ज मणी ने भी की है। सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने भी इस्तीफे की खबर को स्वीकार किया है। सिद्धू ने इस्तीफे में लिखा है कि एक ऐसे कार्यकर्ता को चेयरमैन पद का सम्मान दिया गया, जिसने लोकसभा चुनाव में अपने ही विधानसभा क्षेत्र 34 हजार मतों से उन्हें हरा दिया। आम कार्यकर्ता जिसने पार्टी के लिए पसीना बहाया, उसकी अनदेखी की गई।
पार्टी के कार्यकर्ताओं का सम्मान बहाल करना प्रत्येक नेता का क‌र्त्तव्य है। इस घटनाक्रम से वह आहत हैं, इसलिए वह अपने सांसद पद से इस्तीफा देते हैं।
इससे पूर्व छीना ने शुक्रवार सुबह लगभग आठ बजे नगर सुधार ट्रस्ट का कार्यभार संभाल लिया। लगभग जिला इकाई के सभी पदाधिकारियों ने छीना की ताजपोशी का बायकाट किया।
बताया जाता है कि सिद्धू और प्रदेश भाजपा हाईकमान में दूरियां उस समय बढ़नी शुरू हो गई जब नगर निगम चुनाव के बाद अमृतसर व जालंधर के मेयर के पद के लिए सिद्धू ने राजनीतिक टांग अड़ाई। मामला उस समय बिगड़ गया, जब अमृतसर जिला अध्यक्ष के चयन को लेकर भी प्रदेश हाईकमान व सिद्धू के बीच घमासान छिड़ा था। तब सिद्धू कर्नल अमरीक सिंह को अध्यक्ष बनाने में सफल रहे थे, लेकिन प्रदेश हाईकमान ने सिद्धू से दूरी बढ़ानी शुरू कर दी थी। यह दूरी छीना की नियुक्ति तक एक ऐसी चौड़ी दीवार बन गई, जिसकी भरपाई करने में भाजपा राष्ट्रीय हाईकमान विफल रहा।

और भाजपाईयों का विवाद सड़क पर

सिद्धू अस्पताल प्रकरण में डाक्टरों और भाजपाईयों का विवाद सड़क पर आ गया है। पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक डाक्टरों ने शुक्रवार को स्वास्थ्य सेवाएं ठप रखीं। आईएमए का बत्रा होटल से मिनी सचिवालय तक रोष मार्च डिप्टी कमिश्नर को ज्ञापन सौंपे जाने का ही प्लान था। मामला तब बढ़ा, जब ज्ञापन लेने वाले आला अफसर नदारद थे और जो मौजूद थे, उन्होंने ज्ञापन लेने से इंकार कर दिया। इससे भड़के डाक्टर मिनी सचिवालय के सड़क बीच बैठ गए और एक घंटे तक ट्रैफिक जाम कर दिया। डेढ़ घंटे जाम के बाद एसडीएम प्रेम चंद ने आकर ज्ञापन लेकर जाम खुलवाया। आईएमए के बैनर तले डाक्टर ओपीडी सेवाएं ठप कर शुक्रवार सुबह बत्रा होटल के बाहर एकत्रित हो गए। इसके बाद रोष मार्च करते हुए डाक्टर मिनी सचिवालय पहुंचे। यहां डा.अरुण मित्रा, डा.मनोज सोबती, डा.नरोत्तम दीवान समेत करीब दस सदस्यों का शिष्टमंडल ज्ञापन देने के लिए सचिवालय के भीतर गया। लेकिन वे अफसरों को ढूंढते रहे। थक-हार कर वे डीआरओ पिंकी देवी के दफ्तर में चले गए। डीआरओ ने ज्ञापन लेने से यह कहते हुए मना कर दिया कि वे रेवेन्यू मामले डील करती हैं। शिष्टमंडल एसडीएम पूर्वी के दफ्तर में गया तो वे भी मौजूद नहीं थे। इस पर डाक्टर भड़क गए, उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी। पहले तय हुआ कि डीसी को डाक के जरिए ज्ञापन भेज दिया जाए या फिर डीसी आफिस की दीवार पर ज्ञापन चिपका दिया जाए। इस पर डाक्टरों का एक ‘गर्म दल’ राजी नहीं था। कुछ देर बहस के बाद मिनी सचिवालय के बाहर ट्रैफिक जाम की ‘सर्वसम्मति’ बनी। डाक्टर सड़क के बीचों-बीच बैठ गए। वाहनों की लंबी कतारें लग गई। कैदियों की बस, एंबुलेंस, बसें भी जाम में फंसी रहीं। डाक्टरों ने डिप्टी स्पीकर सतपाल गोसरई के खिलाफ भी नारेबाजी की। इसके अलावा माइक से अनाउंसमेंट कर डीसी को मौके पर पहुंचने के लिए आमंत्रित करते रहे। मामला बिगड़ता देख भारी संख्या में पुलिसबल मौके पर पहुंच गया। आखिरकार पौने एक बजे एसडीएम प्रेम चंद ने धरनास्थल पर पहुंचकर डाक्टरों से ज्ञापन लिया। धरने में डीएमसी के प्रिंसिपल डा.दलजीत सिंह, डा.राजू सिंह छीना, ओसवाल अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डा.सतीश जैन, डा.अमित सोफ्त, पीसीएमएस एसोसिएशन के प्रधान डा.हरदीप सिंह, डा.बलविंदर सिंह, डा.नरजीत कौर समेत शहर के सीनियर डाक्टर भी शामिल थे। ठप रही स्वास्थ्य सेवाएं, मरीज करते रहे इंतजारशुक्रवार को मरीज डाक्टरों का इंतजार करते रहे जबकि मिनी सचिवालय के बाहर जाम में फंसे वाहन चालक भी परेशान हुए। आईएमए की हड़ताल के बाद अब भाजपा की बारी है, जिसने रविवार को सिद्धू अस्पताल घेरने का ऐलान कर रखा है। शुक्रवार को धरने में संबोधन के दौरान कुछ डाक्टरों ने तैश में आकर यहां तक कह दिया कि भाजपा नेताओं ने घेराव के दौरान अस्पताल को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया तो उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उधर, धरनास्थल के आसपास डिप्टी स्पीकर का एक ‘दूत’ भी पूरे घटनाक्रम पर नजर रखता दिखा। पंजाब में वैसे तो सुबह 9 से 12 बजे तक हड़ताल की कॉल थी। लुधियाना के मिनी सचिवालय में घटनाक्रम की वजह से यहां ओपीडी सेवाएं करीब-करीब पूरा दिन ही बंद रहीं। ओपीडी टाइमिंग दो बजे तक होने की वजह से मरीजों को आस थी कि डाक्टर बारह बजे के बाद ज्वाइन कर लेंगे। ट्रैफिक जाम एक बजे तक खिंच गया। यहां से फ्री होकर भी गर्मी से त्रस्त ज्यादातर डाक्टर ओपीडी में लौट नहीं सके। बड़े अस्पतालों से लेकर र्न्िसग होम्स व क्लीनिकों तक पर बुधवार सुबह कामकाज बंद रहा। डीएमसी के ओपीडी ब्लाक में सन्नाटा छाया रहा। जो मरीज रूटीन चेकअप के लिए आए थे, वे तो खैर वापस लौट गए लेकिन जरूरी जांच के लिए आए मरीज डाक्टरों की हड़ताल खत्म होने का इंतजार करते रहे। सिविल अस्पतालों में भी कामकाज पर ज्यादा असर नहीं पड़ा।


Thursday, July 16, 2009

सरकार ने लगाए बाल मजदूर

साबरकांठा अक्सर बाल मजदूरी के खिलाफ कार्रवाई करने की पहली जिम्मेदारी सरकार की होती है, लेकिन शामलाजी में करोड़ों रूपए की लागत से बन रहे श्यामल वन में गुरूवार को आदिवासी बालिकाओं को काम करते देखा गया। इस वन का उद्घाटन शनिवार को मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी करने वाले हैं। तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे आदिजाति विकास राज्यमंत्री जसवंतसिंह भाभोर से जब मीडिया ने इस बाबत स्पष्टीकरण चाहा, तो भाभोर बिना जवाब दिए रवाना हो गए।जानकारी के अनुसार राजय में आगामी शनिवार से शुरू हो रहे वन महोत्सव के तहत प्रसिद्ध तीर्थधाम शामलाजी में प्रकृति की गोद में श्यामल वन का निर्माण कार्य चल रहा है। तैयारियों का जायजा लेने के लिए मीडियाकर्मी भी पहुंच गए। मीडियाकर्मियों ने वहां देखा कि श्यामल वन में पाछू स्कूल में पढ़ने वाली12-13 वर्षीय कन्याएं मजदूरी कर रही हैं। इसी दौरान तैयारियों का जायजा लेन पहुंचे प्रभारी मंत्री भाभोर से जब मीडिया ने बाल मजदूरी के बारे में पूछा, तो मंत्री बिना कोई टिप्पणी किए कलक्टर, जिला भाजपा अध्यक्ष और जिला विकास अधिकारी के साथ वहां से रवाना हो गए।

युकां कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज की विधान सभा में गूंज

युवक कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज का मुद्दा गुरूवार को शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष जमुना देवी ने उठाया। उन्होंने कहा कि बुधवार को भोपाल में शांतिपूर्वक तरीके से प्रदर्शन करने वाले युकां कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने बर्बरतापूर्वक लाठियां बरसाई। कांग्रेस के ही महेंद्र सिंह कालूखेड़ा ने भी आरोप लगाया कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है। इन्हीं मुद्दों को लेकर प्रदर्शन करने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर नाहक लाठियां बरसाई गई। इसी दौरान संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय की एक टिप्पणी पर कांग्रेस सदस्यों ने एतराज जताया और दोनों पक्षों के सदस्य जोर-जोर से बोलने लगे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव की एक टिप्पणी ने विपक्ष को और उžोजित कर दिया। कांग्रेस सदस्य रामनिवास रावत ने कहा कि युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज से जुड़े मुद्दे पर उन्होंने स्थगन प्रस्ताव की सूचना दी है। इस बीच विजयवर्गीय ने फिर टिप्पणी की कि युवक कांग्रेस के प्रदर्शन में केवल 1500 कार्यकर्ता ही थे। इस पर फिर दोनों पक्ष के सदस्य जोर-जोर से बोलने लगे। सदस्यों के व्यवहार से नाराज अध्यक्ष ने टिप्पणी की "तो चलने दीजिए फ्री स्टाइल।" अध्यक्ष की इस समझाइश के बाद सदस्य शांत हुए।

निगम चुनाव अकेले लड़ेगी भाजपा

भारतीय जनता पार्टी ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में सोमवार को पार्टी की कोर समिति की बैठक में नगर निगम चुनाव में किसी के साथगठबंधन नहीं करने का निर्णय लिया गया। बैठक में शामिल पार्टी के अधिकांश नेताओं का मानना था कि पार्टी को निगम चुनाव अकेले ही लड़कर किस्मत आजमाना चाहिए।बैठक में हाल ही लोकसभा चुनाव में प्रदेश में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा की गई। बैठक में शामिल नेताओं का मानना था कि पार्टी का प्रदेश में प्रदर्शन आशा के अनुरूप नहीं रहा। इसके लिए पार्टी के सांगठनिक ढांचे को तत्काल मजबूत किया जाना चाहिए। जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को तैयार किएबिना पार्टी का ठोस आधार व सफलता का रास्ता तैयार नहीं किया जा सकता।भाजपा सूत्रों ने बताया कि बैठक में अनेक नेताओं ने पार्टी के नेताओं से आपसी मतभेद से ऊपर ऊठकर पार्टी के हित में काम करने का अनुरोध किया। बैठक में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण, वी रामा राव, एन. इंद्रसेना रेड्डी व जी किशन रेड्डी उपस्थित थे।

जाट को कैबिनेट मंत्री बनाने की मांग

अखिल भारतीय जाट महासभा ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में जाट नेता को कैबिनेट मंत्री बनाने की मांग की है। राष्ट्रीय प्रवक्ता व हरियाणा जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक ताराचन्द मोर ने गुरूवार को जारी बयान में कहा है कि जाटों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है। जबकि इससे पहले हर सरकार में तीन-चार जाट कैबिनेट मंत्री व राज्यमंत्री बनते रहे हैं। उन्होंने कहा कि बजट सत्र के बाद होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में जाट नेता को कैबिनेट मंत्री बनाया जाना चाहिए। मोर ने बताया कि पिछली संप्रग सरकार में नटवर सिंह और शीशराम ओला दो कैबिनेट मंत्री थे। नटवर सिंह को हटाए जाने के बाद ओला ही एकमात्र जाट नेता मंत्रिमंडल में रह गए थे। जिन्हें इस बार मंत्रिमंडल में जगह ही नहीं दी गई। ओला कांग्रेस में जाट समाज के कद्दावर नेता हैं और उनको समाज सेवा के लिए राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। उनको मंत्रिमंडल में शामिल न करने से जाट समुदाय को भारी दुख पहुंचा है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और मध्यप्रदेश से किसी भी जाट को कैबिनेट मंत्री नहीं बनाने से जाटों में रोष है। जबकि इस बार 12 जाट सांसद जीत कर आए हैं। जाटों को हमेशा से प्रत्येक सरकार में उचित प्रतिनिधित्व मिलता रहा है। मोर ने बताया कि जाटों की उपेक्षा को लेकर जाट महासभा का एक शिष्टमंडल प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह, यूपीए की प्रमुख सोनिया गांधी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव राहुल गांधी से मिलेगा और इस बारे में अवगत कराएगा।

भाजपा के लिए भारी दुविधा

मायावती बनाम रीता बहुगुणा जोशी की जुबानी जंग जब संसद में हंगामे की वजह बनी तब तीसरे पक्ष यानी भाजपा के लिए भारी दुविधा खड़ी हो गई कि किसका साथ दे। लोकसभा में उपनेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने मामले को नारी की गरिमा से जोड़कर बसपा का साथ दिया लेकिन, उत्तर प्रदेश से भाजपा सांसद मेनका गांधी ने दो-टूक कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए। उधर, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरूण जेटली ने सधे लहजे में बसपा और कांग्रेस दोनों को निशाने पर लेते हुए कहा कि यह संसदीय लोकतंत्र के इम्तिहान की घड़ी है। रीता ने जानबूझकर भड़काऊ बयान दिया और मायावती सरकार ने कानून अपने हाथ में लिया। भाजपा समाज और संसद में तनाव बढ़ाने के लिए इन दोनों की निंदा करती है।सदन के भीतर और हंगामे को शांत करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष के कक्ष में हुई राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक के दौरान सुषमा स्वराज ने बहुजन समाज पार्टी का जमकर समर्थन किया। उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री पवन बंसल और स्पीकर मीरा कुमार से भी कहा कि आज सदन चलाने की कोशिश व्यर्थ होगी। बसपा सांसद किसी भी सूरत में सुचारू कार्रवाई नहीं होने देंगे। यह उनके नेता से जुड़ा हुआ मामला है। इस तरह की स्थिति किसी भी पार्टी के सामने खड़ी हो सकती है। जब राज्यसभा कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है तो लोकसभा भी दो बजे के बाद स्थगित कर देना चाहिए। उनके इस तर्क को सबने माना और सदन की बैठक न हो सकी। इसके बाद लोकसभा में बसपा नेता दारा सिंह ने इस समर्थन के लिए उनका आभार भी जताया।बाद में पार्टी की नियमित ब्रीफिंग के दौरान भी सुषमा बसपा के प्रति नरम और कांग्रेस के प्रति तल्ख नजर आई। उन्होंने बसपा सुप्रीमो के खिलाफ उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक बताते हुए नारी की गरिमा का अपमान करार दिया। उन्होंने रीता के साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी माफी की मांग की। उनसे मेनका गांधी के बयान के बाबत पूछा गया तो टालते हुए कहा कि यह उनकी अपनी राय हो सकती है।

भाजपा हमेशा से छोटे राज्यों की पक्षधर

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र से सांसद जसवंत सिंह ने गोरखालैण्ड का समर्थन करते हुए कहा है कि भाजपा हमेशा से छोटे राज्यों की पक्षधर रही है। उन्होंने बताया कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में भी गोरखालैण्ड की मांग पर विचार का आश्वासन दिया था।वे गुरूवार को गोरखालैण्ड जन मुक्ति मोर्चा के महासचिव रोशन गिरी की ±वाय गोरखालैण्ड नामक पुस्तक का विमोचन कर रहे थे। पुस्तक छोटे राज्यों की उपयोगिता पर केन्द्रित है। भाजपा नेता ने कहा कि छोटे राज्यों में विकास की सम्भावनाएं बड़े राज्यों के मुकाबले ज्यादा होती हैं। यही कारण था भाजपानीत राजग के कार्यकाल में देश में एक साथ तीन राज्य झारखण्ड, उत्तराखण्ड और छत्तीसगढ़ बनाए गए।समारोह में उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री भगतसिंह कोश्यारी, राजस्थान से भाजपा सांसद अर्जुन मेघवाल और भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी समेत बड़ी संख्या में गोरखालैण्ड समर्थक नेता व कार्यकर्ता शामिल हुए।

आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद मामला गर्मा गया

मायावती के खिलाफ रीता बहुगुणा द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद मामला बेहद गर्मा गया है। कांग्रेस की यूपी अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी की गिरफ्तारी और उनके घर पर आगजनी के विरोध में कांग्रेसी सांसदों ने सदन का कार्यवाही नहीं चलने दी। थोड़ी देर के लिए लोकसभा स्थगित की गई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह सारा उपद्रव राज्य सरकार के निर्देश पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रीता बहुगुणा के घर रात हुए हमले में एक बीएसपी विधायक भी शामिल था। साथ ही कहा कि कांग्रेस रीता के बयान से असहमत है, परंतु जरूरी है कि उस परिपेक्ष्य को भी समझा जाए, जिस बावत रीता बहुगुणा ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि रीता बहुगुणा पहले ही इसके लिए माफी मांग चुकी है। एससी/एसटी ऐक्ट लगाने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस रीता बहुगुणा के घर हुई आगजनी की घोर निंदा करती है। सरकार कानूनी कार्यवाई करे, लेकिन गुंडागर्दी करना कौन सा कानून है। मुरादाबाद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मायावती के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जिला जेल का घेराव किया। कांग्रेसी जेल के अंदर रीता बहुगुणा से मिलने को लेकर जेल प्रशासन से भिड़े । वहीं दूसरी ओर गुरुवार को पुलिस ने यूपी कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी को सीजेएम के घर पर पेश किया। सीजीएम ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने रीता बहुगुणा को जेल में बंद कर दिया है । सूत्रों के अनुसार यह न्यायिक हिरासत 14 दिनों की है। साथ ही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रीता को अभी दो दिन तक जेल की हवा खानी पड़ सकती है । उन पर एससी / एसटी ऐक्ट के अलावा धारा 152 और 509 के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया है। ये धाराएँ किसी वर्ग विशेष की भावनाएं आहत करने से संबंधित है । जानकारों के अनुसार एससी / असटी ऐक्ट में आसानी से जमानत नहीं मिलती है , इसलिए रीता को एक - दो दिन जेल में ही रहना पड़ सकता है। सुबह से मुरादाबाद सहित प्रदेश के कई जिलों में यूपी कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी के पुलते फूंके जा रहै हैं।

यूपी में राष्ट्रपति शासन लगना ही चाहिए : गांधी

बीजेपी नेता मेनका गांधी ने उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि देर रात जिस तरह रीता बहुगुणा के घर पर हमला हुआ है,उसके बाद यूपी में राष्ट्रपति शासन लगना ही चाहिए। गौरतलब है कि मेनका गांधी का मायवती के साथ पुराना विवाद है। वरुण गांधी पर भड़काऊ भाषण देने पर माया सरकार द्वारा उन पर रासुका लगाने के बाद मेनका ने माया को जमकर कोसा था.

झारखंड में जल्द हों चुनाव: मरांडी

झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने मांग की है कि राज्य में विधानसभा चुनाव जल्द कराए जाएं, जिससे राज्य में विकास की गति बनाई जा सके। मरांडी का आरोप है कि राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्य का विकास थम गया है और जनाकांक्षाओं को दरकिनार कर दिया गया है। मरांडी का कहना था कि 19 जनवरी 2009 को झारखंड की जनता ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने पर राहत की सांस ली थी और राज्य की जनता को विश्वास था कि विधानसभा भंग कर राज्य में लोकसभा चुनावों के साथ ही विधानसभा के चुनाव कराए जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और जनता सोचने के लिए मजबूर हो गई कि विधानसभा भंग नहीं की गई, तो सत्ता के लिए सौदेबाजी हो सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार का बोलबाला है लेकिन भ्रष्टाचार की शुरुआत तो सत्ता के खेल के साथ 2003 में हो गई थी। वही खेल अब भी चल रहा है। राज्य में नई रेल लाइन डालने की परियोजना के अधर में लटके रहने और उसकी अनुमानित राशि बढ़ जाने का उल्लेख करते हुए मरांडी ने कहा कि 550 किलोमीटर लंबी नई रेललाइन डाले जाने की जो परियोजना 2002 में शुरू की गई थी उस वक्त अनुमानित लागत दो हजार करोड़ रुपये थी जिसे 2007 में पूरा होना था। लेकिन वह परियोजना अब तक पूरी नहीं हुई और उसकी अनुमानित लागत बढ़ कर 3,300 करोड़ रुपये हो गई। कैबिनेट सचिव के राज्य के दौरे के वक्त राज्य सरकार ने बढ़ी हुई राशि देने से इनकार कर दिया। इसमें रेल मंत्री, कैबिनेट सचिव और वित्त सचिव के बीच तालमेल का अभाव दिखाई देता है। रेल मंत्री गरीबों तक रेल पहुंचाने की बात करती हैं तो वह झारखंड में तो पूरी होती नहीं दिखती। केंद्र को संसद में अपने वादे के मुताबिक झारखंड में मॉनसून के बाद विधानसभा चुनाव कराने चाहिए। सरकार ने मॉनसून के बाद राज्य में चुनाव कराने का वादा किया है लेकिन बीजेपी राज्य में तुरंत चुनाव कराने की मांग कर रही है। झारखंड में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने के लिए सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में प्रस्ताव रखा था जिस पर बहस के दौरान राज्य के अन्य पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने भी कहा था कि झारखंड को राष्ट्रपति शासन से कोई लाभ नहीं हुआ है। राज्य में अपराध बढ़े हैं और राजभवन राजनीति का केंद्र बन गया है। उन्होंने आशंका प्रकट की कि केंद्र में कांग्रेस नीत यूपीए राष्ट्रपति शासन के विस्तार का लाभ अपने राजनीतिक हितों के लिए कर सकती है। कांग्रेस ने 2005 में बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए राजभवन का उपयोग किया था। वहीं इस मामले में कांग्रेस अपनी नेता का बचाव करते हुए उनके साथ किए जा रहे बर्ताव और उनके घर पर की गई आगजनी को घोर निंदा कर रही है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और बहुजन समाजवादी पार्टी ( बीएसपी ) की लड़ाई अब सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। कथित रूप से मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा को गाजियाबाद में गिरफ्तार कर लिया गया है , जबकि लखनऊ में उनके बंगले पर हमला कर देर रात 150-200 लोगों की भीड़ ने आग लगा दी। आरोप लगाया जा रहा है कि आग लगाने वालों में बीएसपी के कार्यकर्ता और नेता शामिल थे। रीता बहुगुणा का बंगला पॉश इलाके में सरोजिनी नायडू मार्ग पर है। उनके मकान के ठीक पीछे बीएसपी के कद्दावर नेता सतीश मिश्रा का बंगला भी है।

चिदम्बरम ने मानी "चूक

केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने नक्सलियों के खतरनाक इरादे को आंकने में हुई "चूक" के लिए खुद के साथ राज्य सरकारों को भी लपेट लिया है। सरकार का कहना है कि जिस दौरान इस चुनौती को कमतर देखा जा रहा था उस वक्त वह अपनी ताकत और प्रभाव बढ़ाने में जुटे थे। चिदम्बरम की मानें तो अब इस मसले पर नए सिरे से मशक्कत शुरू हो गई है। अगस्त में नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की होने वाली बैठक में पुरानी रणनीति को धारदार करने के साथ नक्सलियों के इरादे को नेस्तनाबूद करने के नए उपाय भी खोजे जाएंगे। कार्य योजना में अब कोई भूल-चूक न होने पाए इसके लिए केन्द्र ने सैन्य सलाहकार नियुक्त किया है।बुधवार को राज्यसभा में नक्सली समस्या को लेकर केन्द्र सरकार पर सदस्यों ने ऎसा हमला बोला कि उसे बचाव की मुद्रा में आना पड़ा। अंतत: चिदम्बरम को मानना पड़ा कि पिछले कुछ सालों में नक्सलियों से निपटने के जो उपाय किए जाने चाहिए थे, वह नहीं हुए। उसका उन्होंने जो कारण बताया उसमें केन्द्र सरकार की ही गलती सामने आई।उन्होंने कहा कि सरकार वामपंथी और चरमपंथियों के खतरे को नहीं आंक पाई। हालांकि नक्सलवाद बढ़ने के पीछे केन्द्र की गलती मानने के साथ चिदम्बरम राज्य सरकारों को जिम्मेदार ठहराने से नहीं चूके।वह बोले कि जब राज्य सरकारें विकास संबंधी जरूरत को नजरअंदाज करती हैं तब हताशा और अलगाव उत्पन्न होता है और इसके उदाहरण के तौर पर उन्होंने लालगढ़ और राजनांदगांव की घटना को पेश किया। उन्होंने कहा कि केन्द्र ऎसी समस्या से निपटने के लिए दो उपायों के पक्ष में है। पहला पुलिस की कार्रवाई से नक्सलियों की पकड़ वाले इलाकों पर नियंत्रण किया जाए और इन इलाकों में विकास कार्यो को अंजाम देने के कार्यो में गति लाई जाए। चिदम्बरम ने बताया कि इसके लिए कुछ ऎसी योजनाएं बनाई जा रही हैं जिसे केन्द्रीय योजनाओं के साथ समेकित किया जाएगा।छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे सलवा जुडूम आंदोलन को चिदम्बरम ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इस समस्या से निपटने के लिए वह किसी भी गैर सरकारी तंत्र के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि इससे सरकार खुद निपटे। सदन में चिदम्बरम ने बताया कि देश के सामने चुनौती बने नक्सलवाद को खत्म करने के लिए नक्सली हिंसा प्रभावित उड़ीसा और छत्तीसगढ़ की सरकारों के साथ मिलकर संयुक्त कार्ययोजना बनाई जा रही है।उन्होंने बताया कि अगस्त में नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है जिसमें इस समस्या से निपटने के लिए नए सिरे से विचार-विमर्श किया जाएगा। चिदम्बरम ने बताया कि नक्सल समस्या से निपटने के लिए कार्य योजना बनाने में सहायता के लिए केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने एक सैन्य सलाहकार की नियुक्त भी की है।

अपमान के बाद भी हम तैयार’

भाजपा विधायक दल की नेता वसुंधरा राजे ने गतिरोध के लिए सत्तापक्ष को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि राजस्थान की जनता के हित में वे अपमान का घूंट पीकर भी सदन चलाने को तैयार हैं, लेकिन सत्तापक्ष उनसे बातचीत तो करे।

उन्हें इस मुददे का राजनीतिकरण नहीं करना है, क्योंकि राज्य की जनता के हितों का सवाल है। सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद वसुंधरा राजे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमने भी 5 साल सदन चलाया है। जब-जब भी इस तरह के हालात बने हैं तब भी आगे से पहल करके कई-कई बार विपक्ष के साथ वार्ता करके मामले को सुलझाया है।

सदन के नेता और मुख्यमंत्री बातचीत करने को ही तैयार नहीं हैं। पिछले तीन दिन में सदन के नेता ने बस एक बार उनके साथ बमुश्किल 10 मिनट बात की है। सदन में जाकर भी उन्होंने केवल प्रश्न पूछने के अंदाज में ही कहा था कि अगर कोई आपकी पत्नी के बारे में ऐसा कहे तो कैसा लगेगा?

इस बात को मीडिया में इस तरह प्रचारित किया गया जैसे कि उन्होंने कोई आरोप लगाया हो। जबकि आरोप लगाने वालों को सत्तापक्ष माफ कर देना चाहता है। वसुंधरा ने कहा कि यदि आपत्तिजनक शब्दों को उसी दिन कार्यवाही से निकाल दिया जाता तो शायद बात इतनी नहीं बढ़ती। सत्तापक्ष ने मंगलवार को तो गतिरोध दूर करने के कुछ प्रयास किए थे, लेकिन बुधवार को वह भी नहीं किए। भाजपा के सचेतक राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि विपक्ष सदन चलाने में सहयोग करना चाहता है। लेकिन सत्तापक्ष की शर्तो पर नहीं। सत्तापक्ष बार-बार अपनी बात कहकर उससे मुकर रहा है।

सत्तापक्ष की ओर से 5 सूत्री फामरूला विपक्ष को कतई नहीं दिया गया। गतिरोध को दूर करने के लिए उन्हें अध्यक्ष के माध्यम से बात करनी चाहिए। गाली-गलौज की भाषा न बोलेंगे और न बोलने देंगे : इससे पहले विधानसभा परिसर में हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में यह तय किया गया कि सदन में गाली-गलौज की भाषा न तो विपक्ष बोलेगा और न ही किसी को बोलने देगा। नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे की अध्यक्षता में हुई बैठक में कहा गया कि सत्तापक्ष की ओर से अशोभनीय टिप्पणियां नेता प्रतिपक्ष अथवा व्यक्ति विशेष पर नहीं बल्कि पार्टी, नेतृत्व और पूरे विधायक दल पर की गई हैं। हमें एकजुट होकर सदन में सत्तापक्ष का पुरजोर मुकाबला करना

सरकार के लिए सिरदर्द बनता जा रहा प्रदर्शन

तमिलनाडु में विभिन्न मसलों पर हो रहा प्रदर्शन सरकार के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। विधानसभा में मंगलवार को प्रशिक्षु शल्य चिकित्सकों और गैर-सेवारत परास्नातकों की हड़ताल का मामला गूंजा तो बाहर इस मसले समेत विभिन्न मुद्दों पर सात जगह विरोध प्रदर्शन हुए। सचिवालय के बाहर बिना इजाजत के छात्र संघ द्वारा रैली निकालने की कोशिश पर पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी, जिसमें बारह छात्रों को चोटें आई। ये सभी घटनाएं एक दिन में घटी। वजीफे की मांगप्रशिक्षु शल्य चिकित्सकों और गैर-सेवारत परास्नातकों से वार्ता के लिए जहां विधानसभा में प्रतिपक्ष ने दबाव बनाया, वहीं इन लोगों ने वजीफे की मांग को लेकर अपनी भूख हड़ताल जारी रखी और नारेबाजी की।मूल्य वृद्धि की खिलाफतमेमोरियल हाल के पास भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष एल. गणेशन व कार्यकर्ताओं ने पेट्रोल व डीजल की मांगों में वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वह बढ़ोतरी को वापस ले।केन्द्र के समान मिले वेतनमद्रास जिमखाना क्लब के पास तमिलनाडु प्राइमरी टीचर्स एसोसिएशन ने केंद्र सरकार के कार्मिकों के समक्ष वेतनमान की मांग को लेकर धरना दिया।वेतनवृद्धि की मांग पर प्रदर्शनइसी तरह तमिलनाडु स्कूली शिक्षा अंशकालिक कर्मचारी संघ के सदस्यों ने वेतनवृद्धि की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।नोटिस के विरोध में धरनाफोरशोर स्टेट के सरकारी रहवासी इलाके के निवासियों ने धरना देकर विरोध जताया। इन्हें वहां से जगह खाली करने का नोटिस थमाया गया है। ये लोग नोटिस की खिलाफत कर रहे थे।सड़क पर बनाई रसोईपेरिस स्थित कुरलगम के बाहर तमिलनाडु खादी बोर्ड के स्टाफ ने तनख्वाह में बढ़ोतरी को लेकर सरकार का ध्यान खींचने के लिए सड़क पर ही रसोई बनानी शुरू कर दी।

Tuesday, July 14, 2009

'अंग्रेजी तो इटली में भी नहीं बोली जाती'

इटली में अंग्रेजी नहीं बोली जाती। यह जानकारी लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एसपी नेता मुलायम सिंह यादव ने मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल को दी। मुलायम का कहना था कि यह गलत है कि अंग्रेजी पूरी दुनिया में बोली जाती है। इटली भी उन देशों में है, जहां अंग्रेजी नहीं बोली जाती। मुलायम ने जब यह टिप्पणी की तो सदन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद थीं। उस वक्त सोनिया गांधी अपने पास बैठे कैबिनेट मंत्री आनंद शर्मा से कुछ बात कर रहीं थीं। उन्होंने ऐसा दिखाने की कोशिश की जैसे उन्होंने इटली पर मुलायम की टिप्पणी सुनी नहीं है। आनंद शर्मा ने उनसे कुछ कहा, जिस पर वह अपना सिर हिलाती दिखीं। सदन में प्रश्नकाल के दौरान सिब्बल ने एक सवाल के जवाब में जब सदन को बताया कि विदेशी यूनिवर्सिटीज़ को ऐसे कोर्सेज के बारे में आमंत्रित किया जा रहा है, जो कोर्स भारत में नहीं चलाए जा रहे और उन्हें विदेशी भाषाओं को सिखाने के लिए बुलाया जा रहा। साथ ही सिब्बल ने कहा कि अंग्रेजी इंटरनैशनल लैंग्विज है। लोग अन्य विदेशी भाषा सीखने के बजाय अंग्रेजी सीख रहे हैं। इस पर मुलायम सिंह ने भारत में विदेशी यूनिवर्सिटियों की शाखाएं खोले जाने की अनुमति दिए जाने का विरोध करते हुए कहा कि इससे देश में असमानता का माहौल पैदा होगा और विदेशी यूनिवर्सिट अंग्रेजी फैलाएंगी। अंग्रेजी विश्व के केवल सात देशों में बोली जाती है, यहां तक कि अंग्रेजी तो इटली में भी नहीं बोली जाती।

राहुल के चॉकलेटी चेहरे पर मत जाओ : सुषमा स्वराज

'युवाओं को राहुल के चॉकलेटी फेस पर सम्मोहित नहीं होना चाहिए', युवाओं से यह कहना है बीजेपी की सीनियर लीडर सुषमा स्वराज का। सुषमा स्वराज ने कहा- युवाओं को राहुल गांधी के चॉकलेटी फेस पर मरने की बजाए यह समझना चाहिए कि कांग्रेस में सिर्फ उन्हीं का भविष्य उज्ज्वल हो सकता है, जिन्हें राजनीति विरासत में मिली है। जबकि बीजेपी में कोई भी व्यक्ति सफलता की सीढ़ी चढ़ सकता है और टॉप पर पहुंच सकता है। युवा कांग्रेस, एनएसयूआई और दूसरे कांग्रेसी नेताओं पर निशाना साधते हुए सुषमा स्वराज ने कहा- कांग्रेस पहले अपने नेताओं के पोस्टरों और हॉर्डिंग्स को पूरे शहर की दीवारों पर चिपकवा देती है और फिर इन चॉकलेटी सूरत वाले नेताओं को शहर में ले आती है। अब इसमें कोई शंका नहीं कि युवाओं में ग्लैमर का अपना आकर्षण है और वह इसी कारण वह कांग्रेस जॉइंन करते हैं। सुषमा स्वराज बीजेपी के युवा नेताओं और पार्टी की युवा ईकाई भारतीय युवा मोर्चा को संबोधित कर रही थीं। अपने संबोधन में उन्होंने कांग्रेस को निशाना बनाया और कहा कि यहां राजनीतिक विरासत वालों का ही भविष्य उज्ज्वल है, जबकि बीजेपी में झुग्गियों में जन्म लेने वाला व्यक्ति भी टॉप पर पहुंचने की उम्मीद कर सकता है। सुषमा स्वराज, जो खुद 25 साल की उम्र में हरियाणा सरकार में मंत्री चुनी गई थीं, ने कहा कि बीजेपी में हमेशा युवा नेताओं को प्रोत्साहित किया जाता है। लेकिन हम इसका गुणगान नहीं करते, बल्कि हम इसे स्वभाविक तरीके से लेते हैं। कांग्रेस अपने युवा चॉकलेटी चेहरों का जमकर इस्तेमाल करती है, जबकि हमारे युवा नेताओं को मीडिया द्वारा भी नोटिस नहीं किया जाता।

परमाणु मुद्दे पर लेफ्ट-भाजपा ने घेरा

परमाणु प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर जी-आठ समूह के देशों के इस रूख पर कि सिर्फ उस देश को प्रौद्योगिकी देंगे जो परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर करेगा, सोमवार को भाजपा और माकपा ने सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया। राज्यसभा में भाजपा सांसद अरूण शौरी और माकपा सांसद वंृदा कारत ने दो-टूक आरोप लगाया कि उनकी आशंकाएं सही साबित हुई और सरकार ने अमरीकी दबाव में घुटने टेक दिए हैं। सफाई देते वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि भारत को असैनिक परमाणु कार्यक्रम के लिए परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) से पूरी छूट मिली हुई है, जी-आठ क्या कहता है इस पर चिंतित होने की जरूरत नहीं।प्रणव ने यह कहकर विपक्ष को आश्वस्त करना चाहा कि परमाणु प्रौद्योगिकी हस्तांरण में जी-आठ की कोई भूमिका नहीं है। इसके निकाय अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) और एनएसजी हैं लेकिन विपक्ष संतुष्ट न हो सका। शौरी ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि जी-आठ ने स्पष्ट कर दिया है कि एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले देशों को संवेदनशील परमाणु प्रौद्योगिकी हस्तांतरित नहीं की जाएगी। दरअसल यह अमरीकी दबाव है जिसे पहले ही स्पष्ट कर दिया गया था। इसी दबाव के चलते प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बार-बार अपना रूख बदल रहे हैं।पहले उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान के साथ तब तक बात नहीं करेंगे जब तक वह आतंकवाद की आधारभूत अवसंरचना नष्ट नहीं कर देता और, मुंबई हमले के दोषी लोगों को न्याय के कठघरे में नहीं ले आता लेकिन अब उन्होंने अपना रूख नरम कर लिया है। यह उम्मीद जताते हुए कि पाकिस्तान कोई न कोई कदम अवश्य उठाएगा मनमोहन सिंह पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से मुलाकात को तैयार हो गए हैं। भाकपा की वंृदा कारत ने भी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उनकी पार्टी परमाणु समझौते का शुरू से विरोध कर रही थी, जी-आठ के ऎलान के बाद सारे शक सही हो गए।

नक्सल पर केन्द्र ने साधी चुप्पी

नक्सलियों से केन्द्र अपने तरीके से निपटेगा। उसे जड़ से मिटाने का प्लान भी बन गया है। परन्तु उसके क्रियान्वयन तक न जाने कितनी जानें जा चुकी होंगी। छत्तीसगढ़ में रविवार के नक्सली हमले ने केन्द्रीय गृहमंत्रालय को यह सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि अब और देर करना ठीक नहीं होगा। सोमवार को इस मुद्दे पर केन्द्र सरकार पूरी तरह खामोश रही। नार्थ ब्लाक में बैठक कर इस मसले पर गहन मंत्रणा की गई। जिस तरह के संकेत मिले हैं उससे नाक में दम करने वाले नक्सलवाद पर सरकार सख्ती का रूख अपना सकती है।संप्रग सरकार ने अपनी दूसरी पारी शुरू होते ही सबसे पहले आतंक और नक्सलवाद पर अपना रूख साफ किया था। राष्ट्रपति के अभिभाषण में नक्सलवाद को देश का सबसे बड़ा खतरा बताया जाना, उसके बाद केन्द्रीय गृहमंत्री पी. चिदम्बरम का हथियार छोड़े बगैर बातचीत नहीं की घुड़की के बाद छत्तीसगढ़ में जो हुआ वह केन्द्र के लिए चुनौती से कम नहीं है। विगत कुछ माह में केन्द्र सरकार की तरफ से नक्सलवाद को कसने की जितनी कोशिश हुई, वातदातें भी उसी रफ्तार से बढ़ी हैं।चालू साल के छह माह के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। इस दरमियान नक्सलियों के हमले से 230 सुरक्षा कर्मियों की जान जा चुकी है जबकि 2008 में नक्सल वारदात में 231 तथा इसके पहले 2007 में मरने वालों की संख्या 236 रही है। ये तब है जब केन्द्र नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने को अपनी पहली प्राथमिकता में लेकर चल रही है। सूत्रों के अनुसार इस वारदात को केन्द्रीय गृहमंत्री पी. चिदम्बरम ने भी काफी गंभीरता से लिया है। सोमवार को नार्थ ब्लाक में उन्होंने पूरे मामले की खुद समीक्षा की। मुख्य पेंच राज्य और केन्द्र के बीच अलग-अलग दलों की सरकार को लेकर फंस रही है।राज्य सरकार काफी समय से केन्द्रीय सुरक्षा बल को बढ़ाने की मांग कर रही है जबकि केन्द्र सरकार समूचे देश का हवाला देते हुए कम उपलब्धता की विवशता बताकर उसे टाल रही है। रविवार की घटना के बाद उस मुद्दे पर नए सिरे से विचार शुरू हो गया है। सूत्रों ने बताया कि केन्द्रीय गृहमंत्रालय नक्सलियों की इस बड़ी वारदात से सबक लेते हुए नक्सल प्रभावित राज्यों के बीच आपसी सामंजस्य बनाकर उनसे निपटने की रणनीति को धारदार बनाने में जुटेगी। इसके लिए मुख्यमंत्रियों की संभावित बैठक को जल्द बुलाने के साथ राज्यों को पर्याप्त बल मुहैया कराने की दिशा में भी तेजी से सोचा जा रहा है। छत्तीसगढ़ के मुद्दे पर नार्थ ब्लाक सोमवार को पूरी तरह खामोश रहा। न चिदम्बरम बोले, न माकन। केन्द्रीय गृह सचिव भी दिनभर बैठकों में व्यस्त रहे। सूत्रों की मानें तो मंगलवार को नक्सल पर केन्द्रीय गृहमंत्रालय का नया रूख सामने आ सकता है

Sunday, July 12, 2009

अनैतिक अवरोध उत्पन्न करने का आरोप

उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने मुख्यमंत्री मायावती पर रायबरेली में बन रहे राजीव गांधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान (आरजीआईपीटी) के निर्माण में अनैतिक अवरोध उत्पन्न करने का आरोप लगाया है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी ने लखनऊ में शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि मायावती अनावश्यक रूप से आरजीआईपीटी की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में देरी करवाकर अवरोध उत्पन्न कर कर रही है, जिस कारण 95 एकड़ भूमि का संस्थान के नाम हस्तांतरण नहीं हो पा रहा है।जोशी ने जोर देते हुए कहा कि यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री मायावती लाखों रूपए केवल मूर्तियाें और पार्को में खर्च कर रही है। उन्हें राज्य के चहुंमुखी विकास में कोई दिलचस्पी नहीं है। इस विश्व स्तरीय संस्थान के लिए भूमि अधिग्रहण में राज्य सरकार द्वारा की जा रही देरी से यह बात स्पष्ट हो जाती है।उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआईडीसी) पिछले 18 महीने से भूमि अधिग्रहण में जानबूझकर देरी कर रहा था। यूपीएसआईडीसी भूमि अधिग्रहण और हस्तांतरण करने में पूरी तरह सक्षम है। लेकिन उसने अपने दायित्व का निर्वाह न करके मामले से खुद को दूर रखकर राज्य सरकार के पास भेज दिया।वर्तमान में आरजीआईपीटी ने अपना खुद का कोई भी निर्माण नहीं किया है। फिलहाल यह फिरोज गांधी पॉलिटेकनिक परिसर से संचालित होता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की तर्ज पर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस संस्थान की स्थापना करने का फैसला किया है। शैक्षणिक सत्र 2008-09 से इसकी शुरूआत हो चुकी है।

मुंबई के कर्जदार हैं 'बिहारी बाबू' शत्रुघ्न सिन्हा

ऐक्टर से राजनेता बने शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा है कि वह मुंबई और महाराष्ट्र के कर्जदार हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें बिहारी बाबू कहलाना पसंद है पर मुंबई और महाराष्ट्र के वह कर्जदार हैं। शत्रुघ्न लोकसभा चुनाव जीतने की खुशी में उनकी पत्नी द्वारा दी गई पार्टी में बोल रहे थे। इस मौके पर रेखा के साथ उनकी नई फिल्म 'आज फिर जीने की तमन्ना है' के पूरा किए जाने की घोषणा भी की गई। शत्रुघ्न ने कहा कि मेरे सिलेब्रिटी होने का श्रेय फिल्म इंडस्ट्री को जाता है। रमेश तलवार के निर्देशन में बनी 'आज फिर जीने की तमन्ना है' उस वक्त शूट की गई थी, जब सिन्हा की राज्यसभा में दूसरी पारी खत्म हुई और वे लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी के उम्मीदवार बने। रेखा के बारे में उनका कहना था कि वे दोनों लंबे अरसे से दोस्त हैं। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने कई फिल्मों में साथ काम किया है, पर कुछ गलतफहमी की वजह से हमारे फासले बढ़ गए थे, लेकिन मेरी पत्नी ने उसे पाट दिया।

अच्युतानन्दन पोलित ब्यूरो से बाहर

केरल माकपा के सचिव पिनराई विजयन से लम्बे समय से शीतयुद्ध में उलझे राज्य के मुख्यमंत्री अच्युतानन्दन को पार्टी के सर्वोच्च नीति निर्धारक समूह पोलित ब्यूरो से बाहर कर दिया गया है।दिल्ली में शनिवार से शुरू माकपा की केंद्रीय समिति की बैठक में रविवार को यह फैसला किया गया। अच्युतानन्दन और विजयन के विवाद को सुलझाने के लिए यह बैठक बुलाई गई थी। मुख्यमंत्री ने शनिवार को बैठक में तो हिस्सा लिया, लेकिन रविवार को उन्होंने बैठक का बहिष्कार किया।

चुनाव परिणाम से सबक लें

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह सही है कि आम चुनाव के परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहे। इससे हमें निराश नहीं होकर सबक लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को 206 और भाजपा को 116 सीटें मिलीं जबकि अन्य सभीं दल 20 के आसपास रहे। यह इस बात का संकेत है कि देश दो ध्रुवीय राजनीति की ओर अग्रसर है। भाजपा फिर सत्ता में लौैटेगी। सिंह ने पार्टी के युवा मोर्चा से कहा कि वह सभी धर्मों में बड़े पैमाने पर अपना सदस्यता अभियान चलाए। सिंह ने कहा अगर समाज के कुछ वर्ग भाजपा के समर्थक नहीं हैं तो मोर्चा को पार्टी का आधार बढ़ाने के लिए उन वर्गों तक पहुंच बनाने का प्रयास करना चाहिए और उन्हें अपने विचारों से अवगत कराना चाहिए। भविष्य भाजपा काभाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मोर्चा के सदस्यों को सलाह दी कि इस संकट की घड़ी में मनोबल कम नहीं होंने दें। चुनावी हार के गम से पार्टी के युवा समर्थकों को उबारने के प्रयास में सिंह ने कहा कि महत्वाकांक्षी होना अच्छी बात है, लेकिन अपेक्षित परिणाम नहीं मिलने पर असुरक्षित भी महसूस नहीं करना चाहिए। संयम और कड़ी मेहत कीजिए। इससे पहले मोर्चा के अध्यक्ष अमित ठक्र ने कहा कि कार्यकर्ता सदस्यता अभियान चलाएंगे। 650 जिलों में अभ्यास वर्ग के जरिए 70 हजार कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा ।


भाजपा को साम्प्रदायिक कैसे कहा जा सकता

भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और हिन्दुत्व की पार्टी विचारधारा पर गर्व करते हुए कहा कि इसे चुनावी परिणामों के तराजू से नहीं तौला जा सकता। सिंह ने कहा कि हमें इस बात पर गर्व है कि हम एक ऎसी पार्टी से संबंध रखते हैं जिसका मजबूत विचारधारात्मक आधार है। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की विचारधारा पार्टी को प्रेरित करती है और इसे चुनावी हार या जीत के पैमाने पर नहीं तौला जा सकता है। भारतीय जनता युवा मोर्चा की यहां शुरू हुई दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के अपने संबोधन में पार्टी अध्यक्ष ने भाजपा को साम्प्रदायिक बताए जाने पर कड़ा ऎतराज जताया। उन्होंने कहा कि सशक्त राष्ट्र बनाने के लिए सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की विचारधारा को अंगीकार किया गया है। इसके साथ ही वसुधैव कुटुम्बक में भी विश्वास है। समाहित दृष्टिकोण और राष्ट्र निर्माण का सशक्त मार्ग अपनाने वाली भाजपा को साम्प्रदायिक कैसे कहा जा सकता है।

Thursday, July 9, 2009

चिदम्बरम ने निराश किया-सुषमा

लोकसभा में उपनेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने गुरूवार को पीलीभीत से भाजपा सांसद वरूण गांधी की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के लिए गृह मंत्री पी. चिदम्बरम से मुलाकात की। उन्होंने बातचीत का ब्योरा तो नहीं दिया लेकिन इतना अवश्य कहा कि वे निराश हैं। गृह मंत्री ने जो कुछ भी कहा उससे संतुष्ट नहीं। उन्होंने आग्रह किया है कि वरूण को माफिया सरगना छोटा शकील की ओर से मिली जान से मारने की धमकी को देखते हुए सरकार सुरक्षा के सवाल की गंभीरता को समझे। गृह मंत्री को किसी फैसले से पहले पुनर्विचार करना चाहिए। सुषमा ने गृह मंत्री से उस गोपनीय पत्र के लीक होने के बारे में भी जानकारी मांगी जिसे खुद चिदम्बरम ने उन्हें भेजा था।

एचआईवी-एड्स विधेयक जल्द पेश किए जाएं

एचआईवी पीडितों का उपचार, संरक्षण और समुचित देखभाल सुनिश्चित करने वाला विधेयक पिछले दो वर्षो से केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के चक्कर लगा रहा है।ऎसी आशंका है आम सहमति नहीं बन पाने से उसे संसद में पेश नहीं किया जा सका है। देशभर में बच्चों एवं महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर सक्रिय गैर सरकारी संगठन प्लान इण्डिया ने विधेयक के सम्बंध में मांग की है कि इसे पुराने रूप में ही पेश किया जाए। ऎसा नहीं हुआ तो इन बीमारियों से ग्रसित मरीजों एवं उनके परिजनों को समुचित सहायता नहीं उपलब्ध कराई जा सकेगी।गुरूवार को राजधानी में एक समारोह में इस विधेयक के अविलम्ब संसद में पेश किए जाने की मांग को लेकर अभियान में जुटे बच्चों एवं महिलाओं को पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता ऑस्कर फर्नाडीस, ग्रामीण विकास राज्यमंत्री अगाथा संगमा, क्रिकेट वीरेन्द्र सहवाग, फिल्म निर्देशक नागेश कुकनूर ने अपनी ओर से समर्थन दिया।प्लान इण्डिया की कार्यकारी निदेशक भाग्यश्री डेंग्ले ने बताया कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन के मुताबिक देश में 18 वर्ष से कम उम्र के एक लाख किशोर एचआईवी संक्रमित हैं। हर साल 70 हजार बच्चे इसकी चपेट में आते हैं।

कार्यशैली में बदलाव लाए एमसीडी : सीएम

कॉमनवेल्थ गेम्स के मद्देनजर मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने एमसीडी को ताकीद
किया है कि वह अपने कामकाज में बदलाव करे और रेवेन्यू इकट्ठा करने की गंभीर कोशिश करे, तभी उसे अलग-अलग प्रॉजेक्ट के लिए राशि देने में कोई देरी नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री का मानना है कि कॉमनवेल्थ की सफलता के लिए सरकार और एमसीडी को मिलकर प्रयास करने होंगे। कॉमनवेल्थ गेम्स को लेकर मेयर डॉ. कंवरसेन और एमसीडी कमिश्नर के. एस. मेहरा ने मुख्यमंत्री और शहरी विकास मंत्री डॉ. ए. के. वालिया से मुलाकात की और गेम्स को लेकर एमसीडी के चल रहे विभिन्न प्रॉजेक्ट को समय पर पूरा करने के लिए करीब 1 हजार करोड़ रुपये तुरंत जारी करने की मांग की। मेयर के अनुसार, अधिकतर प्रॉजेक्ट एंजीनियरिंग, सफाई और बागवानी विभाग से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने पहले दी गई राशि को खर्च किए जाने का ब्यौरा मांगा है। बताते हैं कि बैठक में मुख्यमंत्री ने एमसीडी के कामकाज पर नाखुशी जताई और कहा कि उसे खुद राजस्व इकट्ठा करने के लिए गंभीर प्रयास करने चाहिए। मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि एमसीडी को जिस काम के लिए फंड दिया जाता है, वह फंड वहां खर्च होने के बजाय सैलरी मद में खर्च किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के अनुसार एमसीडी को जिस प्रॉजेक्ट के लिए धनराशि चाहिए, उसकी पूरे डिटेल समेत सरकार को एक औपचारिक अनुरोध दिया जाए। उसके बाद फंड जारी करने की कवायद शुरू की जाएगी।

पीसी से मिलकर निराश हुईं सुषमा

बीजेपी के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी को 'पर्याप्त सुरक्षा' दिलाने के मुद्दे पर लोकसभा में पार्टी की उपनेता सुषमा स्वराज गृह मंत्री पी. चिदंबरम से मिलकर निराश ही हुईं। चिदंबरम ने बीजेपी के इस आरोप को नकार दिया कि वरुण गांधी की सुरक्षा व्यवस्था को हलके में लिया जा रहा है। चिदंबरम से मुलाकात के बाद स्वराज ने कहा कि जो कुछ गृह मंत्री ने वरुण गांधी को सरकार की ओर से दी जा रही सुरक्षा के बारे में कहा, उससे हम संतुष्ट नहीं हैं। हमें उलटे निराशा ही हाथ लगी है। सुषमा स्वराज ने चिदंबरम से बातचीत का ब्यौरा देने से इनकार कर दिया। स्वराज ने कहा कि कम से कम मैं (सुषमा स्वराज) तो उस भावना का सम्मान करूंगी, जिस भावना के साथ मुझे गृह मंत्री ने पत्र लिखा था। उन्होंने गृह मंत्री से अनुरोध किया कि वह भी ऐसा करें तो अच्छा होगा। खत लीक होने के आरोपों के बारे में सुषमा ने कहा कि जहां तक मेरे आरोप का सवाल है, उसे उन्होंने स्वीकार किया। सुषमा स्वराज का कहना था कि चिदंबरम ने यही कहा कि यह लीकेज नहीं था, बल्कि अधिकारिक रूप से वेबसाइट पर डाला गया था। गृह मंत्री ने बीजेपी के इस आरोप को नकार दिया कि वरुण गांधी की सुरक्षा व्यवस्था में ढील बरती जा रही है। गृह मंत्री ने उन्हें बताया कि इंटेलिजंस एजंसियों से मिली जानकारियों पर भी गौर करने के बाद वरुण गांधी को जो सुरक्षा व्यवस्था दी गई है वह पूरी तरह से पर्याप्त है।

अरूण चतुर्वेदी बने राजस्थान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष

राजस्थान भाजपा को भारी-भरकम नाम और अहं वाले नेताओं के शिकंजे से निकालकर आलाकमान ने प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी अपने युवा उपाध्यक्ष और प्रवक्ता अरूण चतुर्वेदी को सौंप दी है। अरूण पर केन्द्र अथवा राज्य दोनों स्तरों पर पार्टी के किसी गुट विशेष से सम्बद्ध होने का ठप्पा नहीं लगा है, लेकिन वे संघ के चहेते जरूर हैं। सूत्रों के अनुसार, अध्यक्ष पद से ओम माथुर के इस्तीफे के बाद किसी कर्मठ और जुझारू नेता की तलाश थी, जो अरूण चतुर्वेदी का नाम सामने आने पर पूरी हो गई। बताया जाता है कि केन्द्रीय नेतृत्व को उनका नाम संघ के सहसरकार्यवाह सुरेश सोनी ने सुझाया, जिस पर हर पहलू से विचार के बाद गुरूवार को राजनाथ सिंह ने मुहर लगा दी।चतुर्वेदी की नियुक्ति के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष ने माथुर का इस्तीफा भी मंजूर कर लिया

अरूण चतुर्वेदी बने राजस्थान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष

राजस्थान भाजपा को भारी-भरकम नाम और अहं वाले नेताओं के शिकंजे से निकालकर आलाकमान ने प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी अपने युवा उपाध्यक्ष और प्रवक्ता अरूण चतुर्वेदी को सौंप दी है। अरूण पर केन्द्र अथवा राज्य दोनों स्तरों पर पार्टी के किसी गुट विशेष से सम्बद्ध होने का ठप्पा नहीं लगा है, लेकिन वे संघ के चहेते जरूर हैं। सूत्रों के अनुसार, अध्यक्ष पद से ओम माथुर के इस्तीफे के बाद किसी कर्मठ और जुझारू नेता की तलाश थी, जो अरूण चतुर्वेदी का नाम सामने आने पर पूरी हो गई। बताया जाता है कि केन्द्रीय नेतृत्व को उनका नाम संघ के सहसरकार्यवाह सुरेश सोनी ने सुझाया, जिस पर हर पहलू से विचार के बाद गुरूवार को राजनाथ सिंह ने मुहर लगा दी।चतुर्वेदी की नियुक्ति के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष ने माथुर का इस्तीफा भी मंजूर कर लिया

बहिर्गमन

अहमदाबाद में जहरीली शराब दुखान्तिका के मसले पर विपक्ष ने बुधवार को सदन में हंगामा किया। राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की एवं प्रश्नोत्तरी व एजेण्डे की प्रतियां फाड़ीं। विरोध प्रदर्शन के दौरान गृह राज्य मंत्री के त्याग पत्र की मांग करते हुए प्रश्नकाल की कार्रवाई का बहिष्कार करते हुए पूरा विपक्ष करीब एक घण्टे के लिए सदन से बहिर्गमन कर गया।विधानसभा में अपरान्ह बारह बजे प्रश्नकाल की शुरूआत में विपक्ष के नेता शक्तिसिंह गोहिल ने शराब दुखान्तिका के मुद्दे पर सदन स्थगित करने की मांग की। अध्यक्ष अशोक भट्ट के विपक्ष की मांग को अस्वीकार कर प्रश्नकाल की कार्रवाई जारी रखी, तो पूरा विपक्ष एक साथ खड़ा हो गया। उसके बाद विपक्ष के सदस्य "लnा काण्ड बन्द करो, अमित शाह इस्तीफा दो, दारू हफ्ता बन्द करो..."आदि नारे लगाने लगे। करीब 15 मिनट तक सदन में चले हंगामे के दौरान विपक्ष के सदस्यों ने प्रश्Aोत्तरी व एजेण्डों की प्रतियां फाड़ कर अध्यक्ष की ओर फेंकी। इसी दौरान विपक्ष के सदस्य शैलेष परमार नारा लगाते हुए वेल में पंहुच गए। उनके पीछे कई अन्य सदस्य भी नाराबाजी करते हुए वेल तक जा पंहुचे। इससे अध्यक्ष ने गृह रक्षक को वेल में जा पंहुचे सदस्यों को बाहर निकालने का आदेश दिया तो परमार सहित कई जने जमीन पर लेट गए। बाद में गोहिल सहित विपक्ष के अन्य सभी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर गैलरी में विरोध प्रदर्शन किया। प्रशोत्तर काल पूरा होने के बाद अपरान्ह एक बजे विपक्ष सदन में वापस लौटा।

श्वेत पत्र आने से पहले लालू डरे-नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव रेलवे की स्थिति पर श्वेत पत्र लाने की घोषणा से इतना डर गए हैं कि वह अपना गुनाह कबूल कर रहे हैं। यादव से पहले रेल मंत्री रह चुके कुमार ने बुधवार को विधान सभा परिसर में संवाददाताओं से श्वेत पत्र जारी करने की रेल मंत्री ममता बनर्जी की घोषणा से "बड़े भाई" लालू यादव ने मंगलवार को संसद में अपना गुनाह स्वीकार किया कि उन्होंने विश्व स्तर का रेलवे स्टेशन बनाने की जो घोषणा की थी वह लागू होने वाली नहीं है। कुमार ने कहा कि विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन बनाने की घोषणा बिना किसी सोच के की गई थी। अब यादव की हवाबाजी और आंकड़ों की कलाबाजी धीरे-धीरे सामने आ जाएगी

श्वेत पत्र आने से पहले लालू डरे-नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव रेलवे की स्थिति पर श्वेत पत्र लाने की घोषणा से इतना डर गए हैं कि वह अपना गुनाह कबूल कर रहे हैं। यादव से पहले रेल मंत्री रह चुके कुमार ने बुधवार को विधान सभा परिसर में संवाददाताओं से श्वेत पत्र जारी करने की रेल मंत्री ममता बनर्जी की घोषणा से "बड़े भाई" लालू यादव ने मंगलवार को संसद में अपना गुनाह स्वीकार किया कि उन्होंने विश्व स्तर का रेलवे स्टेशन बनाने की जो घोषणा की थी वह लागू होने वाली नहीं है। कुमार ने कहा कि विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन बनाने की घोषणा बिना किसी सोच के की गई थी। अब यादव की हवाबाजी और आंकड़ों की कलाबाजी धीरे-धीरे सामने आ जाएगी

उप्र कांग्रेस में बदलाव की तैयारी

अपने "मिशन 2012" को हासिल करने के लिए उत्तर प्रदेश कांग्रेस इस माह के अन्त तक संगठन में बडे बदलाव की तैयारी कर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि अपनी इस योजना के तहत पार्टी 2012 में होने वाले विधान सभा चुनाव के पहले युवा तथा ऊर्जावान लोगों को और अधिक जिम्मेदारी देकर पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूती देगी।उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस में जुलाई के तीसरे सप्ताह से बदलाव शुरू हो जाएगा। पार्टी हाई कमान से अनुमोदन के बाद राज्य कार्यकारिणी और अन्य संगठनों में भी बदलाव किया जाएगा।डॉ. बहुगुणा जोशी ने कहा कि गत लोकसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम करने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं को दंडित किया जाएगा। इस बारे में प्रदेश पार्टी ने ऎसे लोगों का एक "ब्ल्यू प्रिन्ट" तैयार किया है जिन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। उन्होंने घोषणा की कि उपचुनावों में पार्टी न किसी से तालमेल करेगी और न ही किसी को समर्थन देगी। अगले एक-दो माह में फिरोजाबाद लोकसभा तथा 14 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस अपने उम्मीदवार खडे करेगी। उम्मीदवारों का चयन इस माह के अंत तक हो जाएगा।

लालू अपने गुनाहों को स्वीकार करने लगे हैं: नीतीश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि जब से रेल मंत्री ममता बनर्जी ने विभाग की वर्तमान स्थिति पर वाइट पेपर जारी करने की घोषणा की है, तब से पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद धीरे-धीरे अपने गुनाहों को कबूलने लगे हैं। नीतीश ने कहा कि लालू ने अपने कार्यकाल में पटना को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का रेलवे स्टेशन बनाए जाने की घोषणा की थी, वह देश की जनता को मात्र गुमराह करने वाली घोषणा थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करने आए रेल पदाधिकारियों ने उन्हें बताया था कि रेलवे की इस योजना के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान वित्तीय बाजीगरी के जरिए रेलवे को मुनाफे में बताकर लालू ने देश की जनता की आंख में धूल का काम किया है। यही उचित समय है कि वह अपने गुनाह कबूल कर लें ताकि वह इस मामले में अपराध दंड संहिता के तहत कोई बडी सजा पाने से बच जाएं।
पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ने मंगलवार को लोकसभा में रेल बजट पर चर्चा के दौरान कहा था कि वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन बनाने की बात केवल काल्पनिक है, इसे हकीकत में तब्दील नहीं किया जा सकता। लालू प्रसाद ने कहा था कि रेल मंत्री के रूप में उनके पांच साल के कामकाज पर वाइट पेपर लाने की किसी भी चुनौती को वह स्वीकार करते हैं क्योंकि पूरी राशि का ऑडिट हो चुका और संसद में रखा जा चुका है।

विकास पर ज्यादा धन खर्च करें

बेंगलूरू। मुख्यमंत्री बी.एस. येडि्डयूरप्पा ने अधिकारियों को वैश्विक मंदी के मद्देनजर अनावश्यक गैर योजनागत खर्चो में कटौती करने तथा विकासपरक योजनागत कार्यक्रमों के क्रियान्वयन पर अधिक धन खर्च करने के निर्देश दिए हैं।मुख्यमंत्री मंगलवार को यहां कर्नाटक विकास कार्यक्रम समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों के तुलना की जाए तो प्रदेश में करों के संग्रहण की स्थिति बेहतर है। इस धन को फलप्रद कार्यक्रमों के लिए उपयोग में लाया जाना चाहिए। जो कार्यक्रम कम फलदायक हैं उनके खर्चो में कटौती करके अधिक फलदायक कार्यक्रमों में अधिक निवेश करने के मकसद से ही सरकार ने खर्च सुधार आयोग की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को आयोग के साथ सहयोग करके अधिक महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के लिए अधिक संसाधन मुहैया कराने में योगदान देना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अब तक दो बार मंथन बैठकें बुलाई हैं। बैठकों मे संसाधनों का प्रभावशाली सदुपयोग करने के साथ ही आय के नए स्त्रोतों को तलाशने पर विस्तार से चर्चा हुई है। यही कार्य विभागीय स्तर पर भी होना चाहिए और विकास कार्यो का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए नई रणनीति बनाई जानी चाहिए। सभी विभागों को जुलाई के अंत तक नई कार्यसूची तैयार करनी होगी। योजनागत कार्यक्रमों का क्रियान्वयन चार तिमाही में समान रूप से होना चाहिए लेकिन अंतिम तिमाही में क्रियान्वयन पर अधिक बल देने की परिपाटी रही है, जिस पर रोक लगनी चाहिए। इससे निर्माण कार्य की गुणवत्ता बढ़ेगी तथा भ्र्रष्टाचार पर भी रोक लगाई जा सकेगी।मुख्यमंत्री ने बताया कि ग्रामीण विकास व पंचायत राज, आईटी बीटी, प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा जैसे विभागों में 140 फीसदी प्रगति दर्ज की गई है जबकि पर्यटन, समाज कल्याण, कपड़ा व हथकरघा जैसे विभागों में 126 फीसदी प्रगति दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि जून के अंत तक योजनागत खर्च 2,651 करोड़ किया गया है, जो पिछले साल की तुलना में 65 फीसदी अधिक है।बैठक के बाद संवाददाताओं के साथ बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले बजट में घोषित नए कार्यक्रमों का क्रियान्वयन अगले चार- पांच दिनों में किया जाएगा। पिछले बजट में घोषित 65 नए कार्यक्रमों में से 50 फीसदी कार्यक्रमों को पहले ही लागू किया जा चुका है। शेष कार्यक्रमों के लिए चार-पांच दिनों में सरकारी आदेश जारी करने के साथ धन उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि राच्य में 3,389 लघु सिंचाई तालाबों पर लोगों ने अतिक्रमण कर रखे हैं इन अतिक्रमणों को जल्द हटाने के आदेश दिए गए हैं। इसी तरह बुनकरों व मछुआरों को भी 3 फीसदी ब्याज दर पर ऋण वितरित करने के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। अब से आगे अधिकारियों को एक माह में दो बार जिला स्तर पर जाकर प्रगति की समीक्षा करने को कहा गया है। मच्छरों के प्रको से फैल रहे संक्रामक रोगों की तरफ ध्यान आकृष्ट करने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में जल्द ही अधिकारियों की बैठक बुलाकर विचार किया जाएगा।

वरूण की सुरक्षा पर नया बवाल

भाजपा सांसद वरूण गांधी की सुरक्षा को लेकर उपजे विवाद ने बुधवार को नया मोड़ ले लिया। केन्द्र सरकार के पत्ते नहीं खोलने और पी. चिदम्बरम की ओर से सुषमा स्वराज को लिखे गोपनीय पत्र के लीक होने पर भाजपा भड़क गई है। भाजपा ने इस मुद्दे पर गृह मंत्रालय को सीधे कठघरे में खड़ा करते हुए साफ कर दिया कि उसे इस पूरे मामले में सरकार की नीयत संदिग्ध दिखाई दे रही है। सुषमा ने कहा भी कि सुरक्षा पर सरकार इतना ही गोपनीयता रखना चाहती थी तो पत्र लीक कैसे हो गया। वरूण की सुरक्षा के सवाल पर चल रहा शीतयुद्ध अब राजनीतिक शक्ल में बदल गया है। सुषमा ने बताया कि सुरक्षा संबंधी प्रश्न सदन में उठाए जाने पर चिदम्बरम ने सुरक्षा का हवाला देते हुए व्यक्तिगत तौर पर बैठकर इस मामले को सुलझाने का वादा किया था। उसके बाद ही चिदम्बरम ने पत्र लिखकर सुषमा को इस पर बातचीत करने का न्योता दिया। उसमें भी गोपनीयता की बात दोहराना वह नहीं भूले। अभी मुलाकात का समय तय नहीं हुआ था कि पत्र लीक हो गया।पत्र मीडिया के हाथ लगते ही सुषमा गरम हो गई। उन्होंने कहा कि जब चिदम्बरम सुरक्षा पर इतनी ही गोपनीयता चाहते थे तो पत्र लीक कैसे हो गया। सुषमा को इसमें राजनीति दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि यदि गृहमंत्री की नीयत साफ होती तो वह गंभीरता और गोपनीयता का पालन करने के प्रति सजग रहते, लेकिन जिस तरह से पत्र को लीक किया गया उससे साफ लग रहा है कि सरकार इस मामले को राजनीतिक रूप देना चाहती है।वरूण की सुरक्षा को लेकर नार्थब्लाक में अलग ही कहानी चल रही है। मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि गृहमंत्री चिदम्बरम को इसमें राजनीति नजर आ रही है इसलिए वह मामले की पूरी पड़ताल के बाद ही किसी ठोस निष्कर्ष पर जाना चाहते हैं। वैसे वरूण को सुरक्षा मुहैया कराने के आग्रह पर दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने मांगी गई जानकारी में अपनी जो रिपोर्ट दी है उसमें वरूण जेडप्लस की श्रेणी में आ पाएंगे इसमें संदेह है। बुधवार को इस मुद्दे पर नार्थब्लाक में माथाप“ाी चलती रही। चिदम्बरम सुरक्षा से इनकार नहीं कर रहे लेकिन इस पर कुछ भी साफ बोल भी नहीं रहे हैं।सुषमा को लिखे पत्र में उन्होंने भरोसा दिया था कि आप मिल लें आपको वरूण की सुरक्षा के मामले में विश्वास में लूंगा, परन्तु पत्र मीडिया के हाथ लगने के बाद गोपनीयता के मु्द्दे पर खुद गृहमंत्रालय की भूमिका संदिग्ध हो गई है। सूत्रों के अनुसार वरूण को अभी वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। इसके तहत उनकी सुरक्षा में तीन अधिकारी, एक एस्कार्ट, पायलट वाहन तथा 10 गार्ड तैनात किए गए हैं।

संस्थाओ की स्थापना में कुछ देरी हुई

केन्द्र सरकार ने माना कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान जैसी छह नई संस्थाओ की स्थापना में कुछ देरी हुई है। स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने लोकसभा में बताया कि प्रारंभिक देरी एकल परियोजना परामर्शदाता के चयन के लिए बोलियों की असफलता और एम्स जैसी सभी छह संस्थाओं के लिए प्रोटोटाइप वास्तुकीय डिजाइन के चयन न किए जा सकने के कारण हुई थी। संपूर्ण प्रक्रिया को दिसंबर 2006 में नए सिरे से शुरू किया जाना था और प्रत्येक स्थल को अब अलग से लिया गया है।उन्होंने सदन में बताया कि जनशक्ति की भर्ती इन संस्थाओं को कुशल ढंग से चलाने के लिए प्रमुख कार्य है, इसलिए संकाय और स्टाफ को घर दिलाने के लिए आवासीय परिसरों का प्राथमिकता के आधार पर निर्माण किया जा रहा है और ये आवासीय परिसर सभी छह स्थलों पर 2009-10 तक तैयार हो जाएंगे। अस्पताल महाविद्यालय के परिसर वर्ष 2011 तक तैयार हो जाने की आशा है। इनमें से एक एम्स की स्थापना जोधपुर में होनी है।नर्सिग कालेज का प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ- सांसद लालचंद कटारिया के सवाल के जवाब में आजाद ने बताया कि राजस्थान और गुजरात राज्य सरकारों से नर्सिग डिग्री कालेज स्थापित करने का कोई विशेष प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है तथापि उत्कृष्टता केंद्र जिसमें बी एस एसी (नर्सिग) डिग्री कार्यक्रम भी चलाए जाने का प्रस्ताव की स्थापना करने के लिए राजस्थान सहित कुछ राज्यों से प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।तापमान बढ़ रहा है - पर्यावरण और वन राज्यमंत्री जयराम रमेश ने माना कि वातावरण में ग्रीन हाऊस गैसों के सांद्रण के कारण ग्लोबल वार्मिग की समस्या पैदा हो रही है। आईएमडी द्वारा जुटाए डाटा विश्लेषण से पता चलता है कि समूचे देश का वार्षिक औसत तापमान 0.52 प्रतिशत तक बढ़ गया है। औसत वार्षिक तापमान में रूझानों का आकाशीय पैटर्न राजस्थान, गुजरात और बिहार के भागो, जहां घटते रूझान देखे गए थे, को छोड़कर देश के अघिकांश भागों में बढ़ते रूझान की ओर संकेत करता है।

Monday, July 6, 2009

प्रवक्ता गौर चक्रवर्ती के खिलाफ मामला दर्ज

माओवादियों के प्रवक्ता गौर चक्रवर्ती के खिलाफ अनलॉफुल एक्टिविटिज (प्रिवेन्शन) एक्ट की धारा 20 के तहत एक अन्य मामला दर्ज कर सोमवार को चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया। मजिस्ट्रेट एस.एस. अहमद ने उसे 12 दिनों तक पुलिस हिरासत में रखने का निर्देश दिया। गौर चक्रवर्ती को 14 दिनों तक पुलिस हिरासत में रखने के बाद सोमवार को पेश किया गया था। माओवादियों के साथ सम्पर्क होने के आरोप में चक्रवर्ती को 23 जून को मध्य कोलकाता से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस का दावा है कि चक्रवर्ती के पास से भारी संख्या में माओवादी पर्चे और दस्तावेज बरामद किए गए हैं। माओवादी दस्ते बरामद होने पर चक्रवर्ती के खिलाफ प्रिवेन्शन एक्ट की धारा 20 के तहत नए सिरे से एक और मामला दर्ज किया गया।इस धारा के तहत ही सोमवार को चक्रवर्ती को 12 दिनों तक पुलिस हिरासत में रखने का निर्देश दिया गया। मालूम हो लालगढ़ अभियान के बाद माओवादियों पर दबाव बनाने के लिए पुलिस ने गौर चक्रवर्ती को मध्य कोलकाता से गिरफ्तार किया। प्रिवेन्शन एक्ट के तहत गिरफ्तार होने वाले गौर चक्रवर्ती एक मात्र व्यक्ति हैं। उनके अलावा लालगढ़ से गिरफ्तार लगभग 28 लोगों में से अन्य किसी पर इस कानून के तहत मामला दर्ज नहीं किया गया है

कर्नाटक को केन्द्रीय बजट से मायूसी

केन्द्रीय बजट में राजधानी बेंगलूरू के ढांचागत विकास के लिए 8 हजार करोड़ रूपए की विशेष सहायता देने सहित विभिन्न बजट पूर्व मांगों को पूरा करने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाने के कारण कर्नाटक को केन्द्रीय बजट से मायूसी हाथ लगी है। कर्नाटक का मानना है कि वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने पश्चिम बंगाल व मुंबई शहर के बाढ़ प्रबंधन के लिए विशेष कोष मंजूर करके बड़ी उदारता दिखाई है, लेकिन विश्व के तेजी से विकसित हो रहे शहरों में शुमार बेंगलूरू शहर की ढांचागत विकास जरूरतों की बजट में अनदेखी की गई है। इसी तरह भारतीय तकनीकी संस्थान (आईआईटी) मंजूर करने की दृष्टि से भी प्रदेश की अनदेखी की गई है जबकि अन्य संप्रग शासित प्रदेशों में आईआईटी की स्थापना की जा रही है।देश के तकनीकी हब कहलाने वाले बेंगलूरू शहर में भारतीय तकनीकी संस्थान की स्थापना के लिए सारी संभावनाएं मौजूद होने के बावजूद केन्द्रीय बजट में इस मांग को पूरा नहीं करने से कर्नाटक को निराशा हाथ लगी है। कर्नाटक ने राज्य सरकार द्वारा किसानों के कर्ज माफ करने के मद में खर्च किए गए 1880 करोड़ रूपए की क्षतिपूर्ति करने की मांग की थी लेकिन इस मांग पर भी गौर नहीं किया गया। राज्य के 84 तालुकों में पिछले साल भीषण सूखा पड़ा था जबकि कई तालुक बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए थे। राज्य सरकार ने राहत कायोंü के लिए केन्द्र से 2,019 करोड़ रूपए की सहायता मंजूर करने की आग्रह किया था लेकिन इस मांग को भी पूरा नहीं किया गया। राज्य सरकार ने वैश्विक आर्थिक मंदी के परिप्रेक्ष्य में केन्द्र से केन्द्रीय करों में राज्यों के हिस्से को बढ़ाने की अपील की लेकिन बजट में इस बारे में कोई उल्लेख नहीं किया गया। कर्नाटक में देश का 70 फीसदी काफी उत्पादन होता है। प्राकृतिक प्रकोप व बाजार में उतार चढ़ाव के कारण राज्य के काफी उत्पादकों की स्थिति बदतर हो गई है। राज्य द्वारा बजट पूर्व ज्ञापन में काफी उत्पादकों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करने की मांग की गई थी लेकिन बजट में कोई राहत पैकेज घोषित नहीं किया गया। इसी तरह तटवर्ती कारवार व मंगलौर में समुद्री क्षरण की समस्या का स्थाई समाधान करने के लिए प्रदेश की तरफ से समुद्रतट पर दीवार बनाने की मांग सालों से की जा रही है लेकिन बजट में इस समस्या को दूर करने का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। राज्य के अत्यंत पिछड़े हैदराबाद कर्नाटक क्षेत्र को विशेष दर्जा देने के लिएसंविधान के अनुच्छेद 371 डी में संशोधन करने की मांग सालों से की जा रही है लेकिन बजट में इस बारे में कोई घोषणा नहीं की गई।कुल मिलाकर कहा जाए तो प्रदेश को केन्द्र सरकार के विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों के लिए अधिक धन का प्रावधान करने का लाभ तो मिलेगा लेकिन प्रदेश की लम्बित मांगों की अनदेखी से कर्नाटक मायूस है।

शिखर बैठक में भाग लेंगे मनमोहन

दुनिया के प्रमुख औद्योगिक देशों के संगठन ग्रुप-आठ (जी-8)की शिखर बैठक में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मंगलवार को इटली के ला एक्विला शहर रवाना होंगे। बैठक 8 से 10 जुलाई को होगी। भारत उभरती अर्थव्यवस्था वाले उन पांच देशों या ग्रूप-5 में शुमार है जिन्हें इस शिखर बैठक में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। ग्रुप-5 देशों में भारत के अलावा चीन,ब्राजील, मेक्सिको और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। इटली इस समय जी-8 का अध्यक्ष है और इसी नाते वह यह शिखर बैठक आयोजित कर रहा है। बैठक के दौरान मनमोहन सिंह अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात करेंगे। ओबामा इस बैठक में पहली बार हिस्सा लेंगे। इससे पहले मनमोहन सिंह और ओबामा की लंदन में जी-20 देशों की शिखर बैठक के दौरान मुलाकात हुई थी। सिंह चीन के राष्ट्रपति हू जिन्ताओ से भी मिलेंगे। एक ही महीने केे भीतर यह उनकी दूसरी मुलाकात होगी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 10 जुलाई को नई दिल्ली लौट आएंगे।बैठक में चर्चा के लिए संभावित मुद्दे-जलवायु परिवर्तन-वैश्विक आर्थिक मंदी- ईरान में परिवर्तन- अफगानिस्तान-पाकिस्तान संकट -उत्तर कोरिया के लगातार मिसाइल परीक्षण से उत्पन्न हालात