समाजवादी पार्टी केंद्र सरकार को समर्थन भले कर रही हो, लेकिन उसका मन कांग्रेस से अब भर गया है। कांग्रेस से रोज-रोज के गिले-शिकवे से आजिज सपा महासचिव अमर सिंह ने दो टूक कह दिया है कि जहां बसपा होगी, वहां सपा नहीं रह सकती। सिंगापुर में अपना इलाज करा रहे सिंह कांग्रेस से इतने आहत हैं कि इस मसले पर फैसले के लिए वह अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक बुलाए जाने की कोशिशों में जुट गए हैं।
अमर सिंह ने सोमवार को सिंगापुर के अस्पताल से ही वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए दिल्ली में पत्रकारों से वार्ता की। उन्होंने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन कहा, 'इस बार बात सत्यव्रत चतुर्वेदी और दिग्विजय सिंह के बयानों की नहीं है। एक बड़े नेता ने सपा और बसपा को एक तराजू में तौला है। इसलिए फैसले की घड़ी आ गई है। इसके लिए वह सपा प्रमुख मुलायम सिंह से राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक बुलाने की मांग करेंगे।'
गौरतलब है कि बीते दिनों राहुल गांधी अमेठी दौरे पर गए थे। उनसे मुख्यमंत्री मायावती के उस बयान पर सवाल पूछा गया था जिसमें उन्होंने अमर सिंह और दिग्विजय सिंह के मिल जाने और कांग्रेस को सतर्क रहने की बात कही थी।
अमर सिंह को कांग्रेस महासचिव का वह बयान नागवार गुजरा है, जिसमें सपा या बसपा में से किसी एक के साथ रहने के सवाल पर कहा गया था कि कांग्रेस गरीबों के साथ है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह सरकार से समर्थन वापसी के लिए सपा कार्यसमिति की बैठक बुलवाना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि बैठक का एजेंडा मीडिया को नहीं बताएंगे, लेकिन उनका निजी विचार है कि जहां बसपा रहे, वहां सपा को नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मसले पर बातचीत के लिए सपा के उत्तार प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव को सिंगापुर बुलाया गया है। जरूरत होगी तो मुलायम सिंह को भी बुला कर बात की जाएगी, क्योंकि इलाज के चलते वह अभी देश वापस लौटने की स्थिति में नहीं हैं। इस मुद्दे पर यहां मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और प्रो. रामगोपाल यादव कुछ नहीं कह रहे हैं।
बीते छह साल से सपा और बसपा केंद्र में कांग्रेस सरकार को समर्थन कर रही है। अब क्या दिक्कत आ गई है? इस सवाल के जवाब में अमर सिंह ने कहा, 'संसद में कैश फार वोट कांड में मुकदमा हम पर हुआ। समर्थन कराने के कारण सपा में लानत-मलानत मेरी हो रही है। कांग्रेस सत्ता सुख भी ले रही है और हमारे लिए ऊल-जलूल बातें भी कर रही है। इसलिए बुरा लग रहा है।' अमर सिंह ने मायावती पर रीता बहुगुणा जोशी के बयान पर कहा, 'रीता ने जो कुछ कहा ठीक है, क्योंकि मायावती वही भाषा समझती हैं।' सिंह ने कहा कि मायावती ने अपना काला धन कैसे सफेद किया, उसका सारा रिकार्ड वह सोनिया गांधी को सौंप चुके हैं।
अमर सिंह ने सोमवार को सिंगापुर के अस्पताल से ही वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए दिल्ली में पत्रकारों से वार्ता की। उन्होंने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन कहा, 'इस बार बात सत्यव्रत चतुर्वेदी और दिग्विजय सिंह के बयानों की नहीं है। एक बड़े नेता ने सपा और बसपा को एक तराजू में तौला है। इसलिए फैसले की घड़ी आ गई है। इसके लिए वह सपा प्रमुख मुलायम सिंह से राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक बुलाने की मांग करेंगे।'
गौरतलब है कि बीते दिनों राहुल गांधी अमेठी दौरे पर गए थे। उनसे मुख्यमंत्री मायावती के उस बयान पर सवाल पूछा गया था जिसमें उन्होंने अमर सिंह और दिग्विजय सिंह के मिल जाने और कांग्रेस को सतर्क रहने की बात कही थी।
अमर सिंह को कांग्रेस महासचिव का वह बयान नागवार गुजरा है, जिसमें सपा या बसपा में से किसी एक के साथ रहने के सवाल पर कहा गया था कि कांग्रेस गरीबों के साथ है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह सरकार से समर्थन वापसी के लिए सपा कार्यसमिति की बैठक बुलवाना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि बैठक का एजेंडा मीडिया को नहीं बताएंगे, लेकिन उनका निजी विचार है कि जहां बसपा रहे, वहां सपा को नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मसले पर बातचीत के लिए सपा के उत्तार प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव को सिंगापुर बुलाया गया है। जरूरत होगी तो मुलायम सिंह को भी बुला कर बात की जाएगी, क्योंकि इलाज के चलते वह अभी देश वापस लौटने की स्थिति में नहीं हैं। इस मुद्दे पर यहां मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और प्रो. रामगोपाल यादव कुछ नहीं कह रहे हैं।
बीते छह साल से सपा और बसपा केंद्र में कांग्रेस सरकार को समर्थन कर रही है। अब क्या दिक्कत आ गई है? इस सवाल के जवाब में अमर सिंह ने कहा, 'संसद में कैश फार वोट कांड में मुकदमा हम पर हुआ। समर्थन कराने के कारण सपा में लानत-मलानत मेरी हो रही है। कांग्रेस सत्ता सुख भी ले रही है और हमारे लिए ऊल-जलूल बातें भी कर रही है। इसलिए बुरा लग रहा है।' अमर सिंह ने मायावती पर रीता बहुगुणा जोशी के बयान पर कहा, 'रीता ने जो कुछ कहा ठीक है, क्योंकि मायावती वही भाषा समझती हैं।' सिंह ने कहा कि मायावती ने अपना काला धन कैसे सफेद किया, उसका सारा रिकार्ड वह सोनिया गांधी को सौंप चुके हैं।
No comments:
Post a Comment