लोकसभा चुनावों में भाजपा की करारी हार ने भी पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के हौंसले पस्त नहीं किए हैं। देश भर के पार्टी कार्यकर्ता पूरे उत्साह के साथ अगली लड़ाई के लिए तैयार हो सकें, इसके लिए आडवाणी अब एक और ''यात्रा'' करने की तैयारी कर रहे हैं। आडवाणी ने कहा कि मैं पिछली बार की रथयात्रा की तरह इस बार सार्वजनिक बैठकें नहीं करूंगा। मेरी योजना देश भर में जाकर पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने और उन्हें समझाने की है कि चुनाव में हार कोई असामान्य बात नहीं है। यात्रा के दौरान वरिष्ठ नेता आडवाणी पार्टी कार्यकर्ताओं से मिल कर उनकी समस्याओं को सुनेंगे और पार्टी के खराब प्रदर्शन पर विचार करेंगे। पार्टी कार्यकर्ताओं की अपील पर लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने के लिए तैयार हुए 81 वर्षीय आडवाणी एक बार फिर अपनी पुरानी ऊर्जा में वापस आते दिखाई दे रहे हैं। लोकसभा चुनावों के बाद से ही उनकी दिनचर्या काफी व्यस्त है। आडवाणी की यात्रा 21 अगस्त को खत्म होने वाली पार्टी की तीन दिवसीय ''चिंतन बैठक'' के बाद सितंबर में शुरू होने की संभावना है। आडवाणी की अतीत की रथयात्राओं ने पार्टी के भविष्य को संवार दिया था।
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