अखिल भारतीय जाट महासभा ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में जाट नेता को कैबिनेट मंत्री बनाने की मांग की है। राष्ट्रीय प्रवक्ता व हरियाणा जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक ताराचन्द मोर ने गुरूवार को जारी बयान में कहा है कि जाटों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है। जबकि इससे पहले हर सरकार में तीन-चार जाट कैबिनेट मंत्री व राज्यमंत्री बनते रहे हैं। उन्होंने कहा कि बजट सत्र के बाद होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में जाट नेता को कैबिनेट मंत्री बनाया जाना चाहिए। मोर ने बताया कि पिछली संप्रग सरकार में नटवर सिंह और शीशराम ओला दो कैबिनेट मंत्री थे। नटवर सिंह को हटाए जाने के बाद ओला ही एकमात्र जाट नेता मंत्रिमंडल में रह गए थे। जिन्हें इस बार मंत्रिमंडल में जगह ही नहीं दी गई। ओला कांग्रेस में जाट समाज के कद्दावर नेता हैं और उनको समाज सेवा के लिए राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। उनको मंत्रिमंडल में शामिल न करने से जाट समुदाय को भारी दुख पहुंचा है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और मध्यप्रदेश से किसी भी जाट को कैबिनेट मंत्री नहीं बनाने से जाटों में रोष है। जबकि इस बार 12 जाट सांसद जीत कर आए हैं। जाटों को हमेशा से प्रत्येक सरकार में उचित प्रतिनिधित्व मिलता रहा है। मोर ने बताया कि जाटों की उपेक्षा को लेकर जाट महासभा का एक शिष्टमंडल प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह, यूपीए की प्रमुख सोनिया गांधी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव राहुल गांधी से मिलेगा और इस बारे में अवगत कराएगा।
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