मायावती के खिलाफ रीता बहुगुणा द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद मामला बेहद गर्मा गया है। कांग्रेस की यूपी अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी की गिरफ्तारी और उनके घर पर आगजनी के विरोध में कांग्रेसी सांसदों ने सदन का कार्यवाही नहीं चलने दी। थोड़ी देर के लिए लोकसभा स्थगित की गई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह सारा उपद्रव राज्य सरकार के निर्देश पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रीता बहुगुणा के घर रात हुए हमले में एक बीएसपी विधायक भी शामिल था। साथ ही कहा कि कांग्रेस रीता के बयान से असहमत है, परंतु जरूरी है कि उस परिपेक्ष्य को भी समझा जाए, जिस बावत रीता बहुगुणा ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि रीता बहुगुणा पहले ही इसके लिए माफी मांग चुकी है। एससी/एसटी ऐक्ट लगाने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस रीता बहुगुणा के घर हुई आगजनी की घोर निंदा करती है। सरकार कानूनी कार्यवाई करे, लेकिन गुंडागर्दी करना कौन सा कानून है। मुरादाबाद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मायावती के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जिला जेल का घेराव किया। कांग्रेसी जेल के अंदर रीता बहुगुणा से मिलने को लेकर जेल प्रशासन से भिड़े । वहीं दूसरी ओर गुरुवार को पुलिस ने यूपी कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी को सीजेएम के घर पर पेश किया। सीजीएम ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने रीता बहुगुणा को जेल में बंद कर दिया है । सूत्रों के अनुसार यह न्यायिक हिरासत 14 दिनों की है। साथ ही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रीता को अभी दो दिन तक जेल की हवा खानी पड़ सकती है । उन पर एससी / एसटी ऐक्ट के अलावा धारा 152 और 509 के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया है। ये धाराएँ किसी वर्ग विशेष की भावनाएं आहत करने से संबंधित है । जानकारों के अनुसार एससी / असटी ऐक्ट में आसानी से जमानत नहीं मिलती है , इसलिए रीता को एक - दो दिन जेल में ही रहना पड़ सकता है। सुबह से मुरादाबाद सहित प्रदेश के कई जिलों में यूपी कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी के पुलते फूंके जा रहै हैं।
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