Wednesday, December 31, 2008

विधानसभा का सत्र शुरू

तेरहवीं विधानसभा का पहला सत्र आज प्रोटेम स्पीकर देवी सिंह भाटी की अध्यक्षता में शुरू हुआ। सदन की कार्यवाही शुरू होते विधायकों को शपथ दिलाने का काम भी शुरू हो गया है। सबसे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण किया। उनके बाद मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। शपथ ग्रहण का सिलसिला कल तक जारी रहेगा। विधानसभा में कुल 200 सदस्य हैं। सत्ता परिवर्तन के कारण आज सदन का नजारा बिल्कुल बदला हुआ है। कांग्रेस व समर्थक निर्दलीय जहां सत्ता पक्ष में नजर आ रहे हैं, वहीं भाजपा प्रतिपक्ष में मोर्चा संभाल रही है। विधानसभा सचिवालय ने सदन में सदस्यों की सीटों के आवण्टन की कार्रवाई बुधवार को पूरी कर दी थी। आतंकी घटनाओं के मद्देनजर सत्र के दौरान विधानसभा भवन के भीतर और बाहर सुरक्षा के कडे बंदोबस्त किए गए हैं।

मायावती की माया बटोरने से कार्यकर्ता नाराज

उत्तरप्रदेश में 402 विधायकों की जीत दर्ज कर बहुमत का अपना जादू दिखाने वाली मुख्यमंत्री मायावती का पार्टी चलाने का फार्मूला राजस्थान में नहीं चल सका है। वैसे तो हर राजनीतिक दल पार्टी चलाने के लिए कई तरह से कोष एकत्रित करता है, लेकिन इस मामले में यहां मायावती के तरीके को खुद उनकी पार्टी कार्यकर्ताओं ने नकार दिया है और उनके बडे नेताओं के आर्थिक रवैये के विरोध में इस्तीफे दे दिये हैं।बसपा नेता मायावती अपना जन्म दिन `आर्थिक सहयोग दिवस' के रूपमें मनाती है और इसके लिए कार्यकर्ताओं से सहयोग लिया जाता है। इसके लिए बसपा की कन्द्रीय ईकाई द्वारा सौ-सौ रूपये के कूपन जारी किये गए है। यह तरीका पहले ही चुनावों में बसपा नेताओं से आर्थिक चोंट खाए स्थानीय कार्यकर्ताओं को एकदम नागवारा लगा हैं और खीज कर कईयों ने पार्टी से इस्तीफे दे दिये हैं। मायावती का जन्म दिन अगली 15 जनवरी को है जिसके लिए पार्टी को सहयोग के रूपमें यह राशि वसूली जा रही है। इसमें काफी घोटाले की शंका भी व्यक्त की जारही है। इस तरह चुनावों से कुछ समय पहले ही बांसवाड़ा में जन्मी बसपा ने अपने शैशवकाल में दम तोड़ दिया है। यही हालत उदयपुर, डूंगरपुर, भीलवाडा आदि जिलों की बताई जाती है।चुनावों में उम्मीदवारों को पार्टी द्वारा दिये जाने वाली सहायता राशि के मामले में बडे नेताओं द्वारा बाद में उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं को अंगूठा दिखा दिये जाने से आक्रोशित कार्यकर्ता इसके तुरन्त बाद अब मायावती के जन्म-िदन के नाम से चन्दा उगाही से अधिक तैश में आ गए हैं। इस चुनावों में तो कुछ उम्मीदवार व कार्यकर्ता कर्ज के बोझ से भी दब गए तथा उन्हें दिया जाने वाला पैसा नहीं मिला।बसपा के जिला कोषाध्यक्ष युनुसअली झझा ने मायावती को कार्यकर्ताआंð के साथ हुए धोखे की जानकारी देते हुए लिखा है कि चुनावों में पार्टी के नेताओं द्वारा भुगतान का भरोसा दिये जाने पर उम्मीदवरों व कार्यकर्ताओं ने करीब 18 लाख रूपया जुटा कर खर्च कर दिया व अब बाजार मे उनकी ईज्जत खराब हो रही है। इस आर्थिक गडबडियों को लेकर कार्यकर्ता पार्टी द्वारा चुनावों में नियुक्त जिला प्रभारी चरणसिंह नौनिया व प्रेम बारूपाल पर आरोपों की अंगूली उठा रहे हैं।बसपा के जिलाध्यक्ष ईश्वरसिंह पटीदार ने इस स्थिति से खीज कर पार्टी से इस्तीफा देते हुए लिखा है कि नौनिया व बारूपाल यहां चुनाव के दिनों में प्रचार के नाम पर दौरे करते रहे और चुनाव कार्य में दिलचस्पी लेने के बजाय कार्यकर्ताओं व सरकारी कर्मचारियों से चुनाव और मायावती के जन्मदिन के कूपन दे कर पैसा बटोरने का काम ही करते रहे। इसके लिए कर्मचारियों को धमकियां भी दीगई, जिससे कर्मचरियों में पार्टी के पक्ष में बन रहा माहौल बिगड गया। इस ओर जब उदयपुर जोन के समंवयक युनूस अली झझा ने आलाकामान का ध्यान दिलाया तो उन्हें पार्टी से निष्कसित कर दिया गया। इस रवैये से असंतुष्ट जिलाध्यक्ष पाटीदार के अलावा जिला उपाध्यक्ष राजकुमार जैन व रमणलाल, कोषाध्यक्ष झझा, विजयकुमार यादव व अन्य कई कार्यकर्ता बसपा से अपना इस्तीफा दे चुके हैं।मायावती की वह ऐतिहासिक सभा ः चुनावों से चार दिन पूर्व 30 नवंबर को यहां कुशलबाग मैदान में भीड के लिहाज से मायावती की ऐतिहासिक सभा हुई। इसका इतिहास अब सामने आ रहा है। चुनाव खर्च को लेकर उम्मीदवारों से कहा गया था कि बहनजी पैसे लेकर आ रही हैं। आप तो बढिया आमसभा आयोजित करा देंवें। बस सभी लोग सभा में भीड जुटाने के काम में लग गए। इधर बहनजी खाली हाथ आई। तब कहा गया कि वे जाकर पैसा भिजवा रही हैं। पर पैसा नहीं आया।बांसवाड़ा से बसपा उम्मीदवार भाणजीभाई, घांटोल से दिनेश पुरी, गढी से नाथुलाल भगत व प्रमुख कार्यकर्ता चुनाव में खर्च हो गए पैसे व कर्ज का रोना अब भी रो रहे हैं।जबरन चन्दा वसूली की शिकायत आम ः सूत्रों के अनुसार बसपा व मायावती के नाम से सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों, उद्योगपतियों आदि से जबरन चन्दा वसुली की शिकायत आम है। उत्तरप्रदेश में तो हालत अधिक खराब बताई जाती है। यहां कुछ समय पहले ही लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता मनोज गुप्ता की मौत तथा इसके बाद उत्तरप्रदेश में बसपा विधायक शेखर तिवारी की गिरफ्तारी को जोड कर देखा जारहा हैं। सूत्रों के अनुसार बसपा विधायकों, सांसदों व अन्य बडे पदाधिकारियों को एक बडी निश्चित रकम अनिवार्य रूपसे देनी पडती है।

भाजपा अनुजा मोर्चा की बैठक 12 को जयपुर में

भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक 12 जनवरी को जयपुर प्रदेश कार्यालय में होगी, जिसमें विधान चुनावों की समीक्षा की जायगी। इसमें यहां से भी मोर्चा के कार्यकर्ता भाग लेंगें। भाजपा के प्रवक्ता राजीव ओझा ने बताया कि बैठक को बांसवाड़ा के सांसद धनसिंह रावत व पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धराजे सिंधिया, प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर व महामंत्री रामपाल जाट आदि नेता सम्बोधित करेंगें। इसमें मोर्चा के पदाधिकारियों के अलावा विधायक, सांसद, जिलाध्यक्ष व जिला महामंत्री भाग लेंगें।

रघु मंत्री बनेगे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिए संकेत

सलूम्बर विधायक रघुवीर मीणा को उप मुख्य सचेतक बनाए जाने के बाद से कार्यकर्ताओं में ऊपजे असंतोष व मेवाड़वासियों की भावना मुख्यमंत्री तक पहुंचाने के बाद अब गहलोत सरकार द्वारा रघुवीर को केबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने की संभावना प्रबल होती नजर आने लगी है।जनजाति क्षेत्र व कार्यकर्ताओं में अच्छी पकड़ रखने के साथ ही इस बार विधानसभा चुनावों में भारी मतांतर से जीत दर्ज करने के बावजूद सलूम्बर विधायक रघुवीर मीणा को उप मुख्य सचेतक बनाए जाने से असंतुष्ट संभाग के कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं-पदाधिकारियों ने जयपुर पहुंच बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भेंट की।जानकारी अनुसार भेंट के दौरान कार्यकर्ताओं ने साफ शब्दों में यह कहते हुए मुख्यमंत्री के समक्ष अपना व मेवाड़ की जनता का आक्रोश व्यक्त किया कि रघु को जो पद आपने दिया है वह कार्यकर्ताओं को कतई स्वीकार नहीं है। रघुवीर को यह पद देने से संभाग में इस कदर आक्रोश है कि कार्यकर्ताओं को जवाब देना भारी पड़ रहा है।इस भेंट के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सकारात्मक रूख अपनाते हुए मेवाड़ के कार्यकर्ताओं को विश्वास दिलाया कि विधानसभा में सरकार का बहुमत साबित होने के बाद इस मामले पर गंभीरता से विचार किया जाएगा ।मुख्यमंत्री के इस संकेत से यह संभावना प्रबल होती नजर आ रही है कि अतिशीघ रघुवीर मीणा को गहलोत सरकार केबिनेट मंत्री का दर्जा देकर मेवाड़ का मान रख सकती है।

Sunday, December 28, 2008

कांग्रेस के स्थापना दिवस पर विविध कार्यक्रम

कांग्रेस पार्टी का स्थापना दिवस रविवार को उदयपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के चेटक सर्कल स्थित कार्यालय पर शहर जिला अध्यक्ष डॉ. मधुसुदन शर्मा की अध्यक्षता में मनाया गया। दिनेश दवे ने बताया कि कार्यक्रम में सर्वप्रथम जिला अध्यक्ष डॉ. मधुसूदन शर्मा ने पार्टी ध्वज फहराया एवं वन्दे मातरम् गीत का गायन हुआ। तत्पश्चात आतंकवाद पर विचार गोष्ठी एवं स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान समारोह हुआ। सम्मान समारोह में स्वतंत्रता सेनानी प्रेमशंकर रावल, पुरूषोतम शर्मा, केशर सिंह सिसोदिया, जगन्नाथ प्रसाद चौबे, मनोहर लाल याज्ञनिक का माल्यार्पण व गांधी टोपी पहनाकर सम्मान किया गया। इसके पश्चात शहर जिला अध्यक्ष द्वारा सज्जन कटारा के विधायक बनने पर एवं त्रिभुवन पुरोहित व कैलाश भारद्वाज के बार ऐसोसिएशन का अध्यक्ष व सचिव बनने पर उनका माला पहनाकर स्म्मान किया गया। आतंकवाद पर आयोजित विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने एक मत होकर कहा कि सभी कांग्रेस जन आज के दिन यह संकल्प ले कि हम आतंकवाद का मुकाबला मरते दम तक करेंगे। पार्टी वक्ताओं ने आहवान किया कि जिस तरह विधान सभा चुनाव में सभी के सहयोग से राजस्थान में पाटी की सरकार बनी उसी तरह आगामी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की सरकार केन्द्र में पुनः बने। यह संकल्प लेकर हमें आज से ही जी जान से जुट जाना होगा।देहात जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा कांग्रेस स्थापना दिवस आर.एम.वी. स्थित कांग्रेस कार्यालय पर मनाया गया। अध्यक्षता देहात जिलाध्यक्ष छगनलाल जैन ने की। मुख्य अतिथि सलुम्बर विधायक एवं प्रदेश कांग्रेस महामंत्री रघुवीर सिंह मीणा थे। विचार गोष्ठी में विधायक रघुवीर सिंह मीणा ने कहा कि कांगेस ने आजादी की लड़ाई से लेकर देश के सर्वागीण विकास तक अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।देहात जिलाध्यक्ष छगनलाल जैन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्र के विकास में अपनी महती भूमिका निभाई है। गोष्ठी में अन्य कई वक्ताओं ने भी विचार रखे।युवक कांग्रेस द्वारा सेक्टर 4 स्थित चौराहे पर युवक कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री सुधीर जोशी के नेतृत्व में 128 दीपक जलाए गए। साथ ही अम्बामाता के मूक बधिर विद्यालय में प्रदेश प्रतिनिधि दिनेश राजपुरोहित के नेतृत्व में फल वितरण किया गया।देहलीगेट स्थित सिटी कांग्रेस मीडिया सेन्टर कार्यालय पर राजेश नागौरी की अध्यक्षता में संकल्प सभा का आयोजन कर स्थापना दिवस मनाया। धानमण्डी स्थित कांग्रेस मीडिया सेंटर पर स्वतंत्रता सेनानी जगन्नाथ प्रसाद चौबे की अध्यक्षता में एवं पंकज शर्मा के सानिध्य में संगोष्ठी हुई। जिसमें आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता से लड़ने का आहवान किया।राजीव बिग्रेड की ओर से के..के. शर्मा के मुख्य आतिथ्य में श्रद्धांजलि सभा व संगोष्ठी हुई। मुख्य वक्ता हरीश आर्य थे।सौम्य भारत राष्ट्रीय संस्थान की ओर से युधिष्ठिर सिंह खूंटेला के सानिध्य में कांग्रेस का स्थापना दिवस मनाया ।जिला कांग्रेस कच्ची बस्ती प्रकोष्ठ अध्यक्ष रीना यदुवंशी के नेतृत्व में संगोष्ठी हुई जिसमें कांग्रेस का स्थापना दिवस मनाया।देहात जिला कांग्रेस अनु. जाति विभाग की ओर से सुखदेवी नगर बेदला में प्रकोष्ठ अध्यक्ष कमल तंवर के मुख्य आतिथ्य व उंकार लाल के विशिष्ट आतिथ्य में कांग्रेस का स्थापना दिवस मनाया। कांग्रेस के स्थापना दिवस पर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन राजसमन्द ने एनएसयूआई कार्यकर्ता सम्मान समारोह जलचक्की स्थित गांधी कार्यालय पर आयोजित किया।विधानसभा चुनाव में श्रेष्ठ कार्य करने वाले छात्र कार्यकर्ताआंð को एनएसयूआई जिलाध्यक्ष शकर सचदेव ने उपरना ओढा एवं श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। एनएसयूआई जिलाध्यक्ष शंकर सचदेव ने कार्यकर्ता, पदाधिकारियें को पूरी ऊर्जा, नवीन उत्साह के साथ लोकसभा चुनाव में कार्य करते हुए संगठन को जीत दिलाने का संकल्प दिलाया।प्रारंभ में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किया और राष्ट्रीय एकता, अखण्डता, साम्प्रदायिक सद्भावना की शपथ लेकर राष्ट्र विकास में अपना योगदान करने का संकल्प लिया।

राज्य की कल्याणकारी योजना पर सेवादल कार्यकर्ता नजर रखे : अशोक गहलोत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सेवादल कार्यकर्ताओं का आह्वान किया है कि वे राजस्थान सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का जरूरतमंद को लाभ दिलाने के लिये इस पर निगरानी रखे।गहलोत आज यहां सेवादल दिवस पर बनीपार्क मुख्यालय में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. सी पी जोशी तथा डा. महेश जोशी के विशिष्ठ आतिथ्य में आयोजित समारोह में गहलोत ने ध्वजारोहण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया । तीनों नेताओं को सामूहिक गार्ड आफ आनर दिया गया।सेवादल की परंपरा कार्यशैली की सराहना करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि सेवादल के कार्यकर्ता गांव गांव ढाणी-ढाणी पहुंचकर जनहित की योजनाओं को लागू कराने में अपनी भागीदारी निभायें । इसके लिये प्रशिक्षण शिविर भी लगाये जाये।अध्यक्षीय संबोधन में डा. सी पी जोशी ने कहा कि सादगी पसंद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश के विकास तथा आमजन के हित के लक्ष्य के लिये ट्रस्टी के रूप में कार्य कर रहे है। उन्होंने विश्वास जताया कि गहलोत के कुशल प्रशासन और कार्यकर्ताओं की मेहनत से लोकसभा चुनाव में सफलता मिलेगी।डा.महेश जोशी ने विधानसभा चुनाव में सेवादल की भूमिका की चर्चा की और कहा कि गहलोत के शासन में पिछले पांच साल से अवरूद्ध विकास की गति दुगनी रफ्तार से बढ़ेगी।

लोकसभा चुनाव मई और जून में होंगे : चुनाव आयुक्त

मुख्य चुनाव आयुक्त एन गोपालस्वामी ने आज कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव अगले साल अप्रैल मई में होंगे। उन्होंने कहा, इस बात की काफी संभावना नज़र आ रही है कि चुनाव अप्रेल मई में हों। इस संदर्भ में किए गए सवालों के जवाब में मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह बात कही। उनसे पूछा गया था कि क्या चुनाव अप्रैल-मई में होंगे उन्होंने कहा, मार्च में परीक्षाएं होती हैं। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि चुनाव उसके बाद होने की काफी संभावना है। इस बारे में और पूछे जाने पर गोपालस्वामी ने कहा, मेरे लिए इस विषय पर बात करना अभी जल्दबाजी होगी। जनवरी के मध्य तक 2009 के लिए मतदाता सूची आ जाएगी। तब हम इस बारे में विचार विमर्श करेंगे।जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनावों के बारे में उन्होंने कहा कि सात चरण में वहां जिस तरह चुनाव हुए उससे वह संतुष्ट हैं। इस राज्य में बड़ी संख्या में मतदाताओं के अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बारे में उन्हेंने कहा कि भय के वातावरण की कमी और अच्छा मौसम इसके मुख्य कारण रहे। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि भाग्य ने भी बड़ी भूमिका निभाई। वहां उग्रवाद में कमी आई और मौसम खुशगवार रहा।

Sunday, December 21, 2008

अभाव अभियोग सुनाने के लिए मुख्यमंत्री आवास पर उमडा सैलाब

राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 49 सिविल लाईन्स स्थित आवास पर शनिवार को प्रात: 9 बजे उन्हें मुख्यमंत्री बनने पर बधाई देने वालों के साथ ही अपने अभाव अभियोग प्रकरणों के निस्तारण के लिये आये आम आवाम का रेला उमड़ पड़ा।गहलोत को प्रदेश के कोने-कोने से आये सामाजिक और कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी एवं उनके नेतृत्व में प्रदेश की खुशहाली की कामना की। गहलोत सभी आगंतुकों से आत्मीय भाव से मिले और उनके अभाव अभियोग प्रकरणों की जानकारी लेकर उचित समाधान के उन्होंने निर्देश दिये। मुख्यमंत्री से शनिवार प्रात: नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर के पद्मकैलाश मानव ने भेंट की और अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कीं। ओम राजौरिया के नेतृत्व में आये माली समाज के प्रतिनिधि मण्डल ने उन्हें साफा पहनाया व स्मृतिचिन्ह के साथ ही 21 किलोग्राम वजन के फूलों की माला पहनाई। रामचरण बैरवा के नेतृत्व में बैरवा समाज के प्रतिनिधि मण्डल ने मुख्यमंत्री को बधाई और शुभकामनाएं दीं। पूर्व विधायक श्रीमती ममता शर्मा के नेतृत्व में आये साड़ी संघ के प्रतिनिधि मण्डल ने भी उन्हें बधाई दी। स्वेज फार्म विकास समिति, माली सेवा संस्थान, राजस्थान जैन समाज, चौमू माली समाज, मरूधर केसरी संस्थान, करौली समाज, रमेशचन्द्र जैन के नेतृत्व में अखिल भारतीय रचनात्मक समाज, सीकर समाज, राजस्थान नेत्रहीन कल्याण संघ, घाटोल से आये आदिवासी समिति ने भी मुख्यमंत्री को बधाई दी। मेड़ता मण्डल के अध्यक्ष सतीश पुरोहित के नेतृत्व में आये प्रतिनिधि मण्डल ने भी उन्हें बधाई दी। शाहपुरा विकास समिति, आमेर नागरिक संघ, रावत समाज ब्यावर, राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रतिनिधि मण्डल ने भी मुख्यमंत्री को बधाई दी। मालवीय नगर थड़ी फुटपाथ होल्डर्स यूनियन ने उन्हें बधाई दी व अपनी समस्याएं बतायीं। गहलोत से हज यात्रा कर लौटे हाजियों के प्रतिनिधि मण्डल ने भेंट की एवं मुबारकबाद दी। जाकिर खान ने मुख्यमंत्री का इस्तकबाल किया। हाजिया टोंक रूबान की ओर से साहबजादा अमानत अली खान व स्वतंत्रता सेनानी छोटू खां मैकेनिक ने मुख्यमंत्री को मुबारकबाद दी।राजस्थान काजी कौंसिल एवं ऑल इण्डिया काजी बोर्ड के प्रतिनिधि मण्डल ने भी मुख्यमंत्री से भेंट की। कौंसिल की ओर से मौलाना फजले हक, चमन कादरी व मुफ्ती अबुल सत्तार ने उन्हें शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। डॉ. मुफ्ती मुकर्रम अहमद के नेतृत्व में आये प्रतिनिधि मण्डल ने भी उन्हें मुबारकबाद दिया।कर्मचारी संगठनों ने बधाई दी : राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ लोकतांत्रिक के प्रतिनिधि मण्डल ने सूरज प्रकाश टांक के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से भेंट कर उन्हें बधाई दी। कर्मचारी महासंघ (जैन) के प्रतिनिधि मण्डल ने रमेश दाधीच व रामगोपाल शर्मा के नेत्त्वृ में राजस्थान नर्सिंग कर्मचारी संघ, राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन, राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ, प्रांतीय नल मजदूर एसोसिएशन, राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने भगवंत सिंह राजावत के साथ राजस्थान अनुदानित शिक्षक संघ ने बी.डी. तिवाड़ी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से भेंट कर उन्हें बधाई दी।

गहलोत के मुख्यमंत्री बनने पर पेश की चादर

राजस्थान के मण्डफिया में अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने की मन्नत पूरी होने पर मण्डफिया (सांवलियाजी) के ग्रामीणों ने कपासन स्थित दीवानाशाह बाबा के दरबार में चादर पेश की। शैतानसिंह पुत्र हनुमन्त सिंह (पूर्व उपप्रधान) के नेतृत्व में हेमराज तेली, मंसुर खां पुत्र अल्लाबक्ष, लियाकत हुसैन, शंकरलाल गुर्जर, दशरथलाल खटीक, फिरोज खान, बाबू खां, सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने कपासन जाकर प्रसिद्ध सूफी संत दीवानाशाह बाबा की मजार पर चादर पेश की।गहलोत को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर मण्डफिया, भादसोड़ा, चिकारड़ा, मंगलवाड़, बानसेन, भदेसर सहित अन्य क्षेत्रों में क्षेत्रवासी जुलूस निकाल कर खुशी का इजहार कर रहे है।

सरकार नहीं बनी तो गम न करे लोकसभा में जुटे कार्यकर्ता : कटारिया

राजस्थान के उदयपुर शहर विधायक गुलाबचन्द कटारिया ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे प्रदेश में भाजपा की सरकार नहीं बनने का गम नहीं पाल अभी से लोकसभा चुनावों की तैयारियों में जुट जाए।कटारिया ने शनिवार को विभिन्न शक्ति केन्द्रों की बैठकों को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। कटारिया ने कहा कि शहर सीट पर पार्टी की भारी जीत हमारे लिये चुनौती है इसे बनाये रखने की और दूसरी छः विधानसभा क्षैत्रों में पार्टी को बढत दिलाने की ।भाजपा मिडिया प्रभारी चंचल अग्रवाल ने बताया कि गुलाबचंद कटारिया ने डॉ. श्यामप्रसाद मुखर्जी मण्डल के शक्ति केन्द्र की ब्रहमपुरी स्थित बीस भूजा माता मंदिर में वार्ड 47, 48, 50 के प्रमुख कार्यकर्ताओं की बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंच कार्यकर्ताओं का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया। कटारियां ने कहा कि विकास के साथ प्रत्याशी व कार्यकर्ताओं का व्यवहार, उसकी छवी, उसका आमजन के साथ जुड़ाव जीत हार का सबसे बड़ा कारक होता है।बैठक में कुंतीलाल जैन, शहर जिला गृहमंत्री लोकेश द्विवेदी, ललित पगारिया, जे.पी. जैन, अर्चना शर्मा, पार्षद मनोरमा गुप्ता, सुरेन्द्र कुमावत उपस्थित थे। इससे पूर्व भीमराव अम्बेडकर मण्डल के शक्ति केन्द्र वार्ड 1, 20, 32 की बैठक देवाली स्थित शम्भुदादा सामुदायिक केन्द्र पर की बैठक में गुलाबचंद कटारिया ने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुये लोकसभा चुनावों हेतु कमर कसने की अपील की। बैठक में दिनेश गुप्ता, पार्षद गिरिश श्रीमाली, गजेन्द्र जैन, मण्डल महामंत्री महेश पोरवाल सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।

शिवराज के मंत्रीमण्डल में पांच नए चेहरों को शामिल किया

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज 14 कैबिनेट और आठ राज्य मंत्रियों को शामिल करते हुये मंत्रिमंडल का गठन किया, जिसमें पांच नये चेहरे शामिल हैं।चौहान ने पूर्व सरकार के चार कैबिनेट और इतने ही राज्य मंत्रियों को नये मंत्रिमंडल में स्थान नहीं दिया है । विवादों के कारण चर्चा में रहे एक पूर्व मंत्री तुकोजीराव पवार को इस बार कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलायी गयी है । पूर्व भाजपा सरकार में वह राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे । बाइस सदस्यीय मंत्रिमंडल में दो महिलाओं अर्चना चिटनिस और रंजना बघेल को भी स्थान मिला है।सांसद रहते हुये विधानसभा का चुनाव जीतने वाले गौरीशंकर बिसेन और रामकृष्ण कुसमारिया को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है, जबकि सांसद से विधायक बने एक अन्य नेता सरताज सिंह को मंत्री नहीं बनाने से नाराज कार्यकर्ताओं ने यहां प्रदेश मुख्यालय पर पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा को लक्ष्य करते हुये जमकर नारेबाजी की।नये चेहरों के रूप में कुसमारिया और बिसेन के अलावा कन्हैया लाल अग्रवाल, देवी सिंह सैयाम और हरिशंकर खटीक शामिल हैं, जो पहली बार मंत्री बने हैं।पूर्व सरकार के संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा, वन मंत्री विजय शाह, जेल मंत्री अंतर सिंह आर्य और राजस्व मंत्री कमल पटेल भी तमाम प्रयासों के बावजूद नये मंत्रिमंडल में स्थान नहीं पा सके । कथित तौर संगठन की नाराजगी के चलते यह नेता मंत्री पद पाने में नाकाम रहे।

दुरू मियां ने अजमेर में की जियारत

राजस्थान राज्य के नवनियुक्त केबिनेट मंत्री एमादुद्दीन अहमद खान उर्फ दुर्रू मियां ने माना कि अल्पसंख्यक वर्ग की आबादी और जिम्मेदारियों के हिसाब से मंत्रिमंडल में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिला। उन्हें उम्मीद है कि विधानसभा सत्र के बाद मंत्रिमंडल विस्तार में अन्य अल्पसंख्यक विधायकों को प्रतिनिधित्व मिलेगा। मंत्री पद की शपथ लेने के दूसरे दिन शनिवार को दुर्रू मियां ने गरीब नवाज की चौखट चूमी। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत की उम्मीद थी। जहां कमी रही, वहां परिणामों की समीक्षा की जाएगी। कांग्रेस सरकार की पहली प्राथमिकता घोषणा पत्र को लागू करना है। इस दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। हालांकि सरकारी कोष में धन का अभाव है। इसकी पूर्ति का तरीका खोजा जाएगा। दुर्रू मियां ने कहा कि चुनावों में पार्टी के जिन वरिष्ठ नेताओं को हार का सामना करना पडा। उनकी कमी खलेगी। उन्होंने इस बात इनकार किया कि मौजूदा विधायकों में अनुभव की कमी है। केकडी से कांग्रेस के प्रत्याशी रघु शर्मा के खिलाफ बागी होकर चुनाव मैदान में उतरे कांग्रेस के पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया फिर से पार्टी का दामन थामने की तैयारी कर रहे हैं। सिंगारिया दरगाह जियारत के दौरान दुर्रू मियां के साथ चिपके रहे। उनकी मौजूदगी पार्टी कार्यकर्ताओं में चर्चा का विषय बनी रही।

Friday, December 19, 2008

चिकित्सालय में अव्यवस्था के चलते बरस पडे जाडावत

चितौडगढ नवनिर्वाचित विधायक सुरेन्द्रसिंह जाडावत ने बुधवार को श्री सांवलिया राजकीय सामान्य चिकित्सालय की व्यवस्थाओं को लेकर चिकित्सालय प्रबंधन को आडे हाथ लिया। जाडावत ने मौजूदा चिकित्सा व्यवस्था एवं विकास की गति पर चिंता जताते हुए एक माह के भीतर चिकित्सा व्यवस्था को सुधारने के निर्देश दिए। उन्होंने बीमार नहीं, स्वस्थ चिकित्सालय की कामना की। शाम को उन्होंने चिकित्सालय की व्यवस्था को लेकर जिला कलक्टर डा.समित शर्मा से भी चर्चा की। चुनाव जीतने के बाद चुनावी घोष्ाणापत्र पर खरा उतरने के लिए जाडावत जनता का दुख दर्द सुनने के लिए बुधवार को सडक पर उतर आए। उन्होंने सर्वप्रथम श्री सांवलिया राजकीय सामान्य चिकित्सालय की सुध ली। जाडावत दोपहर साढे तीन बजे अपने वरिष्ठ साथियों व कार्यकर्ताओं के संग चिकित्सालय पहुंचे। प्रमुख चिकित्साधिकारी डा. रमेशचन्द्र माहेश्वरी व अन्य चिकित्सक भी वहां आ गए। जाडावत ने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी के कक्ष में चिकित्सालय की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। इस दौरान विस्तार एवं चिकित्सा सुविधाओं में कमी सामने आने पर चिकित्सकों की क्लास लेने से भी नहीं चूके। लोक निर्माण विभाग के अभियन्ताओं ने भी चिकित्सालय में कराए जा रहे निर्माण कार्यों की जानकारी दी। जाडावत ने आम जन को बेहतर सुविधा मिलने और तुरन्त चिकित्सा सुविधा मिलने की जरूरत जताई। उन्होंने कहा कि चिकित्सालय से स्थानांतरित हो कर गए अनुभवी चिकित्सक व नर्सेज वापस आना चाहेंगे तो उन्हें वह ले आएंगे। जाडावत ने चिकित्सालय को विभिन्न मदों से मिले बजट व सरकारी सुविधाओं की भी जानकारी ली। जनाना चिकित्सालय में भी सुविधाओं को लेकर चर्चा की। तीन माह के दौरान जिले के एक मात्र ए श्रेणी के श्री सांवलिया राजकीय सामान्य चिकित्सालय की चिकित्सा व्यवस्था का खाका बदल दिया जाएगा। चितौडगढ के नवनिर्वाचित विधायक सुरेन्द्रसिंह जाडावत ने बुधवार दोपहर चिकित्सालय का आकस्मिक निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से यह बात कही।

कभी कुख्यात रहे विधायक नरेन्द्र कुमार ने हासिल की महावीर पर पीएचडी

कुख्यात विधायक नरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ स्निल पांडेय ने महावीर के अहिन्सत्माक उपदेशों पर पीएचडी हास्ला की है। स्निल पांडेय के पीएचडी करने का विषय है महावीर के उपदेश आधुनिक परिप्रेक्ष्य में।अब तक तो स्निल को लोग झगड़ालू दबंग एवं मारपीट करने वाले व्यक्ति के रूप में ही जानते थे। स्ना 2006 में तो वह ही उलझ गया था एवं एक फोटो ग्राफर को जान सो् मारने की धमकी भी दी थी। वहां मुख्यमंत्री नितीश कुमार की एक स्भा चल रही थी। स्भी सो् नीतिश कुमार के निकलते ही किसी् बात को लेकर वह उनसो् उलझ गया था। अभी कुछ दिन पहले की बात है इसी् वर्ष के शुरुआत में वह भोजपुर में एक कोर्ट के जज को ही कोर्ट कार्रवाई के दौरान धमकी दे दिया था। जिस्के बाद कोर्ट की अवहेलना के जुर्म में स्निल को गिरफ्तार कर लिया गया था एवं उसो् पटना हाईकोर्ट द्वारा तीन महीने कारावासा् की स्जा स्नाई गई थी। हाल ही में उसो् दर्जनों आपराधिक घटनाओं जिस्में हत्या अपहरण व छिनैती के आरोप हैं। पांडे की एक डाक्टर के अपहरण के जुर्म में आजीवन कारावासा् की स्जा स्नाई गई है एवं वह इन दिनो उसी् की स्जा काट रहा है। इस्सो् पहले भी वह कानून के उल्लंघन के जुर्म में दो वर्ष की स्जा काट चुका है। स्निल पांडेय को आरार के वीर कुंवर स्हां विश्वविद्यालय ने महावीर के उपदेशों पर पीएचडी की डिग्री प्रदान की है। विश्वविद्यालय के उप कुलपति डा. रामपाल स्हां ने कहा कि यह घटना कोई पहली घटना जब किसी् आपराधिक पष्ठिभूमि के व्यक्ति ने महावीर के अहिंसा् के उपदेश पर पीएचडी हास्ला किया हो। वहीं स्निल पांडेय के एक परिचित ने कहा है, पांडेय को महावीर के विषय में काफी कुछ जानकारी है। अपने जुबानी (वोखा) परीक्षा के दौरान किया। 25 नवंबर को स्निल ने परीक्षकों को तर्कों के स्था उत्तर देकर स्तुंष्ट किया है। उनके महावीर के उपदेश स्निल पांडेय के आचरण में परिवर्तन ला स्काते हैं। ज्ञात हो कि जेल में स्जा काट रहे स्निल 5 दिन के पेरोल पर थोड़ा गया है। ताकि वह परीक्षा में शामिल हो स्के। विगत 25 दिस्बांर को स्निल ने जुबानी परीक्षा में शामिल हुए थे। स्निल एस्बी कालेज के प्रोफेस्रा रामजी राय के निर्देशन पर पीएचडी की डिग्री हास्ला कर रहे हैं। पिछले पांच दिनों सो् स्निल पेरोल पर छूटकर जेल सो् बाहर है। मात्र खुशी मनाना बाकी है।

निर्दलीय विधायकों की पौ बारह

गहलोत मंत्रिमंडल के गठन में विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने की प्राथमिकता के चलते निर्दलीय विधायकों की पौ बारह रही ।गहलोत मंत्रिमंडल में दो निर्दलीय विधायकों को केबीनेट, दो को राज्यमंत्री तथा तीन निर्दलीय विधायकों को संसदीय सचिव बनाया गया है । गहलोत सरकार को राज्यपाल ने एक माह के भीतर बहुमत सिद्ध करने के निर्देश दिये हे । कांग्रेस सरकार के पास बहुमत से पांच सदस्य कम है।केबीनेट मंत्री बनने वाले परसादी लाल मीणा पूर्व में गहलोत सरकार में मंत्री रह चुके है जबकि हरजीराम बुरडक को यह मौका पहली बार मिला है । इन दोनों ने कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय की हैसियत से चुनाव लड़ा था।राज्यमंत्री बनने वाले रामकिशोर सैनी तथा श्रीमती गोलमा देवी पहली बार विधायक चुने गये है । इसी तरह निर्दलीय विधायक ब्रह्मदेव कुमावत, नानालाल निनामा तथा दिलीप चौधरी को कांग्रेस सरकार को समर्थन देने के कारण संसदीय सचिव बनने का मौका मिला है।केबीनेट मंत्रियों की शपथ लेने वालों में कांग्रेस के एमामुद्दीन अहमद उर्फ दुर्रू मियां, भरतसिंह, बृजकिशोर शर्मा, महिपाल मदेरणा, महेन्द्रजीत मालवीय,पहली बार मंत्री बने है जबकि मास्टर भंवरलाल,बीना काक, हेमाराम चौधरी और शांति धारीवाल पूर्व में मंत्री रह चुके है1मंत्रिमंडल के गठन में आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति की झलक भी देखी जा रही है। इसी कारण जाट एवं मीणा तबके को प्राथमिकता दी गयी है। मंत्रिमंडल में एक अल्पसंख्यक वर्ग तथा दो महिलाओं को स्थान दिया गया है।

डॉ. व्यास चितौडगढ में 21 को

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. गिरिजा व्यास आगामी 21 दिसम्बर को चित्तौड़गढ़ आ रही है।जानकारी के अनुसार, डॉ. व्यास इस दिन प्रातः 10ः30 बजे चित्तौड़गढ़ पहुंचने के पश्चात यहां महिला समूह के साथ गृह हिंसा अधिनियम पर एक बैठक में भाग लेगी, एवं बैठक के पश्चात पुनः उदयपुर के लिए प्रस्थान कर जाएगी।बंद रहेगी दुकाने - जिला कलेक्टर ने एक आदेश जारी कर आगामी रविवार को जैन धर्म के 23वें तीर्थकर भगवान पार्श्वनाथ के जन्म दिवस को पशु वध निषेध दिवस घोषित किए जाने के कारण बूचड़खाने, मांस, मछली की दुकाने बंद रखने के आदेश दिए है।

Thursday, December 18, 2008

गहलोत ने अपनी टीम में शामिल किया 11 मंत्री और दो राज्यमंत्री, शपथ ग्रहण समारोह

राजस्थान विधानसभा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल का गठन आज हो गया। इसमें 11 केबिनेट और दो राज्यमंत्रियों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। चुनाव में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिलने पर समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों में से दो को केबिनेट और दो को राज्यमंत्री बनाया गया है। तीन निर्दलीय विधायकों को संसदीय सचिव बनाया गया है। जयपुर से बृजकिशोर शर्मा को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। नवगठित मंत्रिमण्डल की पहली बैठक शाम चार बजे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शासन सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में होगी। सूत्रों के अनुसार बैठक में विधानसभा सत्र बुलाने की तिथि पर चर्चा होगी। राज्यपाल ने नई सरकार को बहुमत साबित करने के लिए एक महीने का समय दिया है। राज्यपाल एस.के. सिंह ने मंत्री बनने वाले विधायकों को राजभवन लॉन में पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। अंग्रेजी अक्षर की वर्णमाला के अनुसार शपथ दिलाई गई। इस क्रम में सबसे पहले एमामुद्दीन खान उर्फ दुर्रू मियां ने शपथ ली। केबिनेट मंत्रियों में आखिर में शांति धारीवाल ने शपथ ली। आखिर में राज्य मंत्री के रूप में राम किशोर सैनी और गोलमा देवी और ने शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान रह—रह कर नारे लगते रहे। मंत्रिमंडल में बीना काक (केबिनेट) और गोलमा देवी (राज्यमंत्री) के रूप में महिला मंत्रियों ने शपथ ली। केबिनेट मंत्री : शांति धारीवाल मास्टर भंवरलाल हेमाराम चौधरी महिपाल मदेरणा हरजीराम बुरडक दुर्रू मियां महेन्द्रजीत सिंह मालवीय भरतसिंह शांति धारीवाल बीना काक परसादी लाल राज्य मंत्री : गोलमा देवी राम किशोर सैनीसंसदीय सचिव : तीन निर्दलीय विधायकों को संसदीय सचिव बनाया गया है। इनको मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शपथ दिलाएंगे। ये हैं दिलीप चौधरी, नाना लाल और ब्रह्मदेव कुमावत।

मेवाड से नहीं शामिल हुए रघु मीणा

गहलोत मंत्रीमण्डल में रघु मीणा को शामिल नहीं जाने पर लोगों में रोष जताया। उन्होंने कहा गहलोत ने मेवाड क्षेत्र को कोई प्रतिनिधित्व नहीं दिया। लेकिन इसको लेकर अटकलें तेज हो गई है।28 में से 20 सीटें कांग्रेस की झोली में डालने वाले मेवाड़ को गहलोत से काफी उम्मीदें थी लेकिन उदयपुर संभाग से फिलहाल बांसवाड़ा से बागीदौरा विधायक महेन्द्रजीत सिंह मालवीया के नाम मंत्रिमंडल में शामिल किया गया

हत्या के आरोपी भाजपा जिलाध्यक्ष के लिए भाजपा खामोश

भाजपा जिलाध्यक्ष पर लगे हत्या के आरोप के बाद पार्टी ने पूरी तरह चुप्पी साध ली है लेकिन दबी जुबान से अब भी कई तरह की चर्चाएं हैं।आजादनगर की रहने वाली गायत्री देवी द्वारा अपने पति सत्यनारायण की हत्या का आरोप भाजपा जिलाध्यक्ष दामोदर अग्रवाल पर लगाए जाने के बाद भाजपा नेता चुप्पी साधे हुए हैं । अग्रवाल के दिए बयान के अलावा किसी नेता ने कुछ नहीं बोला लेकिन कई चर्चाएं चल पड़ी है। अग्रवाल के साथ एक युवती, पुलिसकर्मी सहित 4 लोगों पर हत्या के आरोप के बाद कोर्ट के आदेश पर मामला तो दर्ज हो गया पुलिस जांच में गति नहीं प.कड पाई है।

विधानसभा में हारे सुरेन्द्र सिंह राठौड अपने सपने लोकसभा चुनाव जीतने के देख रहे है

राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने से भाजपा के लिए और राजसमंद जिले की चार में से तीन सीटों और शेष सभी चार सीटों पर भाजपा के विधायक निर्वाचित होने से कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव में राजसमन्द की सीट जीतना टेढी खीर है।करीब तीन माह उपरांत प्रस्तावित लोक सभा चुनाव के मद्देनजर राजसमंद लोकसभा सीट पर शुरु हो चुकी चर्चाओं में भाजपा की और से पूर्व जल संसाधन राज्य मंत्री सुरेन्द्र सिंह राठौड़ का नाम राजनैतिक गलियारें में तेजी से उभर रहा है जबकि नाथद्वारा से डॉ. सी.पी. जोशी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जैसे कद्दावर नेता की हार के बाद कांग्रेस की ओर से बहरहाल किसी भी नेता का नाम सामने नहीं आ रहा है। उदयपुर राजसमंद लोकसभा सीट पर पिछली बार चुनाव लड़ी कांग्रेस व भाजपा दोनों महिला नैत्रियां इस सीट की चुनावी राजनीति से फिलहाल मुक्त है। वर्तमान सांसद किरण माहेश्वरी भाजपा उम्मीदवार के रूप में राजसमंद जिला मुख्यालय की सीट पर विधायक चुनी जा चुकी है। वैसे लोकसभा का कार्यकाल चार माह बाद समाप्त होने जा रहा है। इसी तरह गत चुनाव में यह सीट खो चुकी डॉ. गिरिजा व्यास इस सीट पर सात भाजपा विधायकों के होते हुए कांग्रेस की ओर से पुन: खड़ी होने का साहस नहीं करेगी। डॉ. व्यास अपनी लोकसभा सीट की सम्भावना चित्तौड़गढ़ जिले में तलाश रही है। यहां जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं ऐसी स्थिति में डॉ. व्यास राजसमंद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना स्वीकार नहीं करेंगी। राजसमंद सीट पर सुरेन्द्र सिंह राठौड़ के नाम की चर्चा इसलिए चल पड़ी है। उदयपुर के साथ राजसमंद से भाजपा के सांसद रहे भानु कुमार शात्री और शांतिलाल चपलोत चुनावी राजनीति से अलग होकर पार्टी संगठन का काम कर रहे है। गुलाबचन्द कटारिया व किरण माहेश्वरी जैसे भाजपा के कद्दावर नेता अभी के चुनाव में विधायक चुने जा चुके है। भाजपा यदि राजसमंद के अलावा अन्य जिलों से उम्मीदवार तय करती है तो पार्टी की जीत का समीकरण उलझ जाता है चूंकि राजसमंद जिले की सीमा से लगे पाली जिले की एकमात्र सीट जैतारण है तो अजमेर की एक सीट ब्यावर। नागौर जिले की दो सीटें मेड़ता और डेगाना है। सुरेन्द्र सिंह राठौड़ के पक्ष में सबसे मजबूत तथ्य यह है कि उनके गृह जिले राजसमंद में ही चार में से तीन सीटें एक मुश्त भाजपा के कब्जे में है तथा शेष जैतारण, ब्यावर, मेड़ता और डेगाना की सीटों पर भी भाजपा ने ही अपना परचम लहराया है।भाजपा सरकार में राज्य मंत्री के रूप में सुरेन्द्र सिंह राठौड़ ने इन कृर्षि प्रधान क्षैत्रों की सिंचाई एवं जलसंसाधन योजनाओं को पूरी करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और यहां के भाजपा विधायकों एवं कार्यकत्ताओं में राठौड़ की अच्छी पकड़ है। अभी हुए राज्य विधान सभा चुनाव के परिणामों में यहां भाजपा नाथद्वारा में 1 वोट से, राजसमंद जिला मुख्यालय में 5458, भीम देवगढ़ में 730, ब्यावर में 33533, जैतारण में 7903, मेड़ता में 24040 और डेगाना में 474 वोटों के अंतराल से कांग्रेस से आगे नजर आई। यह अन्तर 68665 वोटों का है जिसे मात्र 4 माह में होने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के किसी भी उम्मीदवार के लिये पाटना आसान नहीं है।

देशद्रोही अंतुले को बर्खास्त करने की मांग

भारतीय जनता पार्टी शहर जिला ने मुंबई आतंकी हमलों में मारे गये ए.टी.एस. प्रमुख हेमन्त करकरे के बारे में केन्द्रीय मंत्री ए.आर. ंअंतुले की अपमानजनक टिप्पणी की निन्दा करते हुये इस अपराध को देशद्रोही की संज्ञा देते हुये अंतुले को तुरन्त प्रभाव से बर्खास्त करने व देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।मिडिया प्रभारी चंचल अग्रवाल ने बताया कि देश भक्त करकरे को सम्मान देने के बजाय उनको अपमानित करने की नीयत से जैसा चाहा बयान देकर केन्द्रीय मंत्री ने बुरा कृत्य किया है।इधर केन्द्रीय मंत्री ए.आर. अतुले द्वारा मुम्बई में हुये आतंकवादी हमलों में शहिद हुये पुलिस कर्मियों की शहादत पर सवाल उठाने के विरोध में आज शिवदल कार्यकर्ताओं ने रामपुरा चौराहे पर जिलाध्यक्ष मनीष मेहता के नेतृत्व में अतुले का पुतला फंक विरोध प्रदर्शन किया।

लोकसभा चुनाव के लिए कवायद शुरू

सत्ता के फाइनल की तैयारी में जुटे चुनाव आयोग ने सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें लोकसभा चुनावों के लिए कमर कसने को कह दिया है। इसी कवायद के तहत आयोग द्वारा 16 दिसंबर से बुलाया गया सम्मेलन गुरूवार को पूरा हो गया।चुनाव आयोग ने सभी राज्यों को केंद्रीकृत डाटाबेस, मतदाता सूचियों के प्रबंधन, विशेष कम्युनिकेशन प्लान और जीआईएस सिस्टम में निपुण हो जाने के लिए कहा है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने दूसरे राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को ब्रीफ किया कि कैसे उन्होंने हाल में हुए विधानसभा चुनावों में इसका सफल इस्तेमाल किया है।सरकार की ओर से फरवरी में फिर संसद सत्र बुलाने का संकेत देने के बाद चुनाव मार्च-अप्रैल में संभावित नजर आ रहे हैं। इससे पहले आयोग तैयारी में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता। गुरूवार को खत्म हुए सम्मेलन के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त एन गोपालस्वामी एवं दोनों आयुक्तों नवीन चावला और एसवाई कुरैशी ने कार्यक्रम तैयार किया था।आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक 16 दिसंबर को महानगरों में चुनाव प्रबंधन की तैयारियों पर विचार किया गया था। इसमें दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ चर्चा हुई थी। इस दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारियों व आयुक्तों ने महानगरों में हुए चुनाव व अपनाई गई रणनीति को सामने रखा। उसके आधार पर महानगरों में चुनाव प्रबंधन के लिए अलग योजना तैयार की गई।आयोग ने इनसे कहा कि चुनाव सूची और चुनाव प्रबंधन लोगों की सहूलियत के हिसाब से होनी चाहिए। 17 और 18 दिसंबर को अलग-अलग राज्यों के अनुरूप चुनाव प्रबंधन पर चर्चा हुई। इसमें मतदाता सूचियों की समीक्षा, फोटो मतदाता सूची, फोटो मतदाता पहचान पत्र, डाटाबेस मैनेजमेंट व दूसरे संबंधित पहलुओं पर चर्चा की गई।इसी दौरान राजस्थान व मध्य प्रदेश में चुनावों के दौरान इस्तेमाल किए गए जीआईएस सिस्टम के बारे में भी बाकी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को बताया गया।

Wednesday, December 17, 2008

केन्द्र के कुशासन से बढ रहा आतंकवाद : हरिओम सिंह राठौड

राजसमन्द। भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष हरिओम सिंह राठौड ने कहा कि संप्रग सरकार के कुशासन में आतंकवाद का विष वेल फल-फूल रहा है, आतंकवाद से निपटने को लेकर संप्रग सरकार में प्रारम्भ से ही इच्छाशक्ति का नितान्त अभाव रहा है।भाजपा के आतंवाद मिटाओ - देश बचाओ अभियान के तहत बुधवार को राजसमन्द पुरानी कलेक्ट्री के बाहर आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम की अध्यक्षता करते राठौड ने कहा कि जब से केन्द्र की कांग्रेस सरकार ने पोटा जैसे कानून को वापस लिया है तब से ही देश में आतंकी हमलों की बाढ आ गई है इसे रोकने के लिए पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई के साथ ही पोटा जैसे कानून को तुरन्त प्रभाव से लागू करना चाहिए।सभा को जिला प्रमुख नन्दलाल सिंघवी, पूर्व विधायक बंशीलाल खटीक, जिला महामंत्री महेश पालीवाल, नपा अध्यक्ष अशोक रांका, अनुसूचित जनजाति मोर्चा के नेताराम, आमेट मंडल महामंत्री अरूण मिश्रा, शांतिलाल हिंगड, देवगढ मंडल अध्यक्ष अमर सिंह चौहान, रेलमगरा मंडल अध्यक्ष शंकर सुथार, मीडिया प्रकोष्ठ जिला संयोजक मधुप्रकाश लड्ढा, ग्रामीण मंडल अध्यक्ष श्रीकृष्ण पालीवाल, जिला महिला मोर्चा महामंत्री लता मादरेचा, किसान मोर्चा के अध्यक्ष भानु पालीवाल, उद्योग प्रकोष्ठ अध्यक्ष नन्दलाल पालीवाल, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष सुनील जोशी, सत्यनारायण पूर्बिया, ग्रामीण मंडल महामंत्री गोपालकृष्ण पालीवाल ने सम्बोधित किया।कार्यक्रम के पश्चात मुम्बई में आतंकी हमले में शहीद हुए सैनिकें एवं जनमानस को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई तत्पश्चात नगर पालिका अध्यक्ष अशोक रांका के नेतृत्व में आतंकवाद मिटाओ-देश बचाओ, पोटा कानून लागे करो, पाकिस्तान को सबक सिखाओं-देश बचाओ, आतंकवादियें सावधान-जाए रहा है हिन्दुस्तान, हारेगा आतंकवाद जितेगा भारत आदि प्रस्तावित नारें का आगाज किया गया।

चुनाव जीतने के बाद कल्याण सिंह चौहान मत्था टेकने निकले

नाथद्वारा विधानसभा चुनाव में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी को परास्त कर जीत का सेहरा पहनने वाले भाजपा विधायक कल्याण सिंह चौहान सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ पदयात्रा के रूप में अपनी कुलदेवी आशापुरा माताजी के दरबार (नाड़ोल) में मत्था टेंकने के लिये बुधवार को प्रातः 5 बजे डगवाड़ा से रवाना हुए। आशापुरा माताजी मंदिर में मन्नत पूरी करने के उद्देश्य को लेकर पदयात्रा के रूप में अपने गांव डगवाड़ा से रवाना होकर चौहान कोठारिया, कल्लाखेड़ी, गुडपला, कुंचोली, कूंठश, चिकलवास, सायों का खेड़ा, घाटा, थोरिया, रिछेड़ होकर झीलवाड़ा पहुंचे जहां सैकड़ें कार्यकर्ताओं के साथ रात्रि विश्राम किया। इस दौरान रिछेड़ में कुम्भलगढ़ पंचायत समिति की प्रधान कमला जोशी के नेतृत्व में भाजपाइयों ने चौहान का स्वागत किया। इस अवसर पर रामचन्द्र पालीवाल, पं.स. सदस्य हिम्मत कोठारी, रिछेड़ सरपंच नाथूभाई, कुन्दन कोठारी सहित सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहें। चौहान का पदयात्रा मार्ग में जगह-जगह ग्रामीणों तथा भाजपाइयों ने गर्मजोशी से स्वागत कर उन्हें फूल-मालाओं से लाद दिया।चौहान के साथ पदयात्रा में कूंठवा सरपंच केसरसिंह चुण्डावत, युवा नेता मानसिंह बारहठ, पं.स. सदस्य बलवीरसिंह बारहठ, बागोल सरपंच हिम्मतसिंह चुण्डावत, सत्यनारायण पालीवाल (सालोर), हिम्मतसिंह चौहान, सुरेश आचार्य सहित सैकड़ों कार्यकता मौजूद रहें। चौहान गुरूवार को प्रातः झीलवाड़ा से प्रस्थान कर सायं तक नाड़ोल स्थित आशापुरा दरबार में पहुंच कर मन्नत पूरी करेंगे।

कांग्रेस के लिए बांटे परचे से हडकम्प

राजस्थान राज्य के उदयपुर हाल ही सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव के दौरान करबला शरीफ कौमी कमेटी की ओर से शहर के कांग्रेस प्रत्याशी की पैरवी में छापे गये परचे को शहर में वितरित करने को लेकर हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है।एक ओर जहां करबला शरीफ इस पर्चे को फर्जी बता रहा है वहीं कांग्रेस प्रत्याशी ओम नाराणीवाल ने भी अज्ञात असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है । जानकारी के अनुसार कोतवाली में बुधवार को करबला सोसायटी भीलवाड़ा के सचिव अब्दुल रशीद पठान ने एक रिपोर्ट दी जिसमें गलत व आपत्तिजनक पर्चे छपवाकर चुनाव के दौरान वितरित करने वाले अज्ञात असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है वहीं नगर परिषद सभापति व चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में खड़े हुए ओम प्रकाश नाराणीवाल ने भी एक रिपोर्ट कोतवाली में दर्ज कराई है जिसमें बताया कि ऐसे पर्चे बांटने से हिन्दू-मुस्लिम की भावनाओं पर प्रभाव पड़ा है । यही नहीं पर्चों में मुद्रक व प्रकाशक का नाम नहीं होना भी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है । पुलिस ने दोनों रिपोर्टों को परिवाद में ले जांच शुरू की है । उल्लेखनीय है कि उक्त पर्चे में कांग्रेस प्रत्याशी नाराणीवाल के पक्ष में वोट देने की अपील की थी जिसको लेकर शुरू से ही बवाल खड़ा हो गया था ।

अशोक गहलोत से मेवाड का मान रखने की उम्मीद

राज्य में नई सरकार बनने के बाद अब गहलोत मंत्रिमण्डल का गठन कब होगा इसको लेकर फिलहाल तस्वीर साफ नहीं हो पाई है मगर मेवाड़वासियों की निगाहें इस बात पर जा टिकी है कि मंत्रिमण्डल में प्रतिनिधित्व देने के मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, वसुन्धरा सरकार की तरह ही मेवाड़ का मान बरकरार रख पाएंगे या नहीं ।बात राज्य में सत्ता परिवर्तन की हो या फिर किसी पार्टी को सत्तासीन करनेक की । इस मामले में मेवाड़ का योगदान किसी से छिपा नहीं है। इसी बात को पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे व उनकी पार्टी ने दिलोदिमाग से समझा और जाना । उसी के चलते गत चुनाव में राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद जब मौका मंत्रिमण्डल गठन का आया तो वसुन्धरा राजे व उनकी पार्टी ने सत्ता का सुख दिलाने में महत्ती भूमिका अदा करने वाली मेवाड़ की धरा का ऋण चुनाने में न तो कोई देरी की नहीं कंजूसीवसुन्धरा राजे ने मेवाड़ का मान रखने चार विधायकों गुलाबचन्द कटारिया, नरपतसिंह राजवी, कनकमल कटारा व नंदलाल मीणा को न केवल अपनी केबिनेट में जगह दी बल्कि सत्ता एवं प्रदेश को चलाने वाले चार अहम् मंत्रालय इन चारों के जिम्मे सौंप दिए । इसी तरह चुन्नीलाल धाकड़ भवानी जोशी व सुरेन्द्र सिंह राठौड़ को राज्यमंत्री बनाकर वसुन्धरा सरकार ने मेवाड़वासियों का सिर गर्व से और ऊंचा कर दिया। इसके बाद फिर मौका आया तो वसुन्धरा सरकार मेवाड़ को कुछ देने में पीछे नहीं रही । उन्होंने चुन्नीलाल गरासिया को जनजाति आयोग का उपाध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्रियों के रूप में मेवाड़ के प्रतिनिधियों की संख्या बढ़ाने के साथ ही जनजाति बाहुल्य क्षेत्र को एक तोहफा भी दे दिया ।मेवाड़ का ऋण चुकाने का सिलसिला वसुन्धरा सरकार ने यही बंद नहीं किया बल्कि राज्य के एक बार फिर विधानसभा चुनाव (2008) होने की आहट सुनाई पड़ी तभी जाते-जाते उन्होंने धर्मनारायण जोशी को राज्य क्रीड़ा परिषद का अध्यक्ष बनाकर उन्हें भी राज्य मंत्री का दर्जा दे डाला ।मेवाड़ की जनता को तोहफा देने का यह रिपोर्ट कार्ड पिछली सरकार का है। अब राज्य में सत्ता परिवर्तन होकर प्रदेश की बागडोर अशोक गहलोत के हाथ में आ गई है । गहलोत व उनकी पार्टी की इस कामयाबी के पीछे मेवाड़ का योगदान किसी से छिपा हुआ नहीं है। यहां की जनता इस चुनाव में थोड़ी सी भी डगमगा जाती तो शायद गहलोत व उनकी पार्टी सत्ता के करीब पहुंचने में सफल नहीं हो पाती।यहां की जनता ने तो अपना फर्ज निभा दिया मगर अब लोगों की निगाहें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उनकी पार्टी पर जा टिकी है कि अतिशीघ गठित होने वाले राज्य मंत्रिमंडल में मेवाड़ को उचित प्रतिनिधित्व देने के मामले में गहलोत व उनकी पार्टी वसुन्धरा सरकार की बराबरी कर इस धरा का मान बरकरार रख पाते हैं या नहीं । यदि ये लोग मेवाड़ का मान बरकरार रखने में संवेदनशीलता बरतते है तो मेवाड़ की जनता आने वाले चुनावों में भी कांग्रेस को सिर-आंखों पर बैठाने में शायद कतई पीछे नहीं रहेगी।

नव निर्वाचित विधायक पहुंचे अस्पताल

राजस्थान राज्य के चित्तौड़गढ़ के नव निर्वाचित विधायक सुरेन्द्र सिंह जाड़ावत बुधवार को श्री सांवलिया सामान्य चिकित्सालय का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए।जानकारी के अनुसार, अपनी जीत के बाद जयपुर के लिए प्रस्थान कर गए विधायक जाड़ावत ने मंगलवार देर रात्रि को चित्तौड़गढ़ लौटने के पश्चात् बुधवार सवेरे से ही अपने निवास पर कार्यकर्ताओं एवं नगरवासियों से भेंट करना शुरु कर दिया तथा इस दौरान सभी के प्रति आभार व्यक्त किया गया। जाड़ावत ने इस दौरान विभिन्न समस्याओं से रूबरु होने के पश्चात उसका समाधान करने का आश्वासन देते हुए कहा कि नगर एवं चित्तौड़गढ़ विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए किसी तरह की कोई कमी उनकी और से नही आने दी जाएगी, एवं वे लोगो के लिए सदैव तत्पर एवं उपलब्ध रहेंगे। जाड़ावत ने बुधवार सांय श्री सांवलिया सामान्य चिकित्सालय का निरीक्षण भी किया, एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रमेश माहेश्वरी आदि से चर्चा कर चिकित्सालय में निर्माणाधीन कार्यों को शीघ ही पूर्ण करने पर बल देते हुए कहा कि मरीजो की और अधिक सुविधाओं के लिए तत्परता से कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। जाड़ावत ने इस दौरान दो टूक शब्दो में कहा कि मरीजो के प्रति संवेदनहीनता की स्थिति किसी भी सूरत मे बर्दाश्त नही की जाएगी एवं चिकित्सकों तथा नर्सिंग स्टाफ को मरीजो के प्रति और अधिक सेवा भाव उत्पन्न किया जाना चाहिए।जाड़ावत ने इस दौरान कहा कि चिकित्सालय में और अधिक आधुनिक सुविधाओं एवं उपकरणो के लिए आवश्यकता पड़ने पर उद्यमियों की सहायता भी ली जा सकती है।

सता जाने के साथ भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ चलेगा हत्या का मुकदमा

विधानसभा चुनावों से पहले राजस्थान राज्य के भीलवाड़ा की एक अदालत ने हत्या के मामले में सत्तारूढ भाजपा के जिलाध्यक्ष दामोदर अग्रवाल, एक पुलिसकर्मी सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। लेकिन पुलिस चुनाव के चलते उसे टालती रही और अब सत्ता परिवर्तन के बाद मामला कायम कर जांच शुरू की है।आजाद नगर में रहने वाली भगवती देवी ने भीलवाड़ा की एक अदालत में भाजपा के जिला अध्यक्ष दामोदर अग्रवाल, अपनी पुत्रवधु मनीषा उसके भाई आशीष और एक पुलिसकर्मी प्रभुसिंह के खिलाफ अपने पति सत्यनारायण अग्रवाल के अपहरण और बाद में उसकी हत्या कर लाश को लावारिसा् बता जला देने का मामला दर्ज कराया था।उस समय पुलिस ने उन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया और उसे लटकाये रखा। इसके पीछे सत्तारूढ़ पार्टी को नुकसान हो सकता था। चुनाव के बाद अब सत्ता बदली और इसी के साथ पुलिस भी बदल गई और अग्रवाल सहित चार लोगों के खिलाफ सत्यनारायण की हत्या व अपहरण का मामला प्रतापनगर थाने में दर्ज कर जांच शुरू की है।उधर दामोदर अग्रवाल ने इस मामले में कहा कि पुलिस जांच कर रही है वास्तविकता जो भी होगी सामने आ जायेगी।इस बीच अग्रवाल पर हत्या का आरोप लगने से पार्टी के अन्य नेता सकते में है और वे इस मामले में चुप्पी साधे है।

Tuesday, December 16, 2008

जांच एजेंसी को कानूनी अधिकार देने की मांग की उपेक्षा

भारतीय जनता पार्टी ने आतंकवाद से लड़ने के लिये संसद में आज पेश राष्ट्रीय जांच एजेंसी विधेयक को समर्थन देने की घोषणा की लेकिन कहा कि जांच एजेंसी को जो कानूनी अधिकार देने की पार्टी मांग करती रही है उसकी लगभग उपेक्षा की गई है।भाजपा महासचिव अरूण जेटली ने कहा कि पार्टी ने सरसरी तौर पर विधेयक को देखा जिसके अनुसार जमानत के प्रावधान थोड़े कड़े जरूर किये गये हैं लेकिन पुलिस के समक्ष की गई स्वीकारोक्तियां अदालत में सबूत के तौर पर नहीं मानी जाएगी।उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर मुंबई आतंकवादी हमले के मामले में गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकवादी आमिर अजमल कसाब ने पुलिस के सामने जो बयान दे रहा हैं वे नये कानून के तहत अदालत में सबूत नहीं माने जाएंगे। इसके अलावा किसी अन्य तरीके से उसे आतंकवादी साबित करना बहुत मुश्किल है।उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्टों में कहा गया हैं कि नये केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम और कड़े कानून के पक्ष में थे लेकिन सहयोगी दलों के मंत्रियों के साथ सहमति नहीं बन पाने के कारण कांग्रेस ने उसे मान लिया। एक राष्ट्रवादी दल होने के नाते कांग्रेस से इस तरह के व्यवहार की अपेक्षा नहीं की जा सकती है।

राजस्थान विधानसभा में समान नाम वाले 34 विधायक

राजस्थान विधानसभा में इस बार करीब एक दर्जन समान नाम वाले 34 विधायक चुने गए है जिनमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शामिल है । तेरहवीं विधानसभा में अशोक नाम के चार विधायक है । इनमें अशोक गहलोत (सरदारपुरा), ÷ अशोक .खंडार. कांग्रेस तथा भाजपा के अशोक परनामी (आदर्शनगर) व अशोक डोगरा (बूंदी) शामिल है । इतनी संख्या में बाबू नाम के विधायक है । कांग्रेस के बाबूलाल नागर (दूदू),÷ भाजपा के बाबूलाल (कठूमर), बाबूलाल खराडी (झाडोल) तथा बाबूसिंह राठौड (शेरगढ़) से चुने गए है । गंगा नाम के चार विधायक कांग्रेस के है । इनमें गंगाजल (सूरतगढ़), गंगासहाय (आमेर) गंगा (िपण्डवाडा आबू ) तथा गंगादेवी (बगरु) से है 1 गजेन्द्र सिंह .वल्लभनगर . कांग्रेस तथा गजेन्द्र सिंह (लोहावट) और अर्जुनसिंह (बासवाड़ा, एवं अर्जुन लाल (िबलाड़ा) से निर्वाचित हुए है ।सदन में शंकर और रामलाल नाम से भी तीन-तीन विधायक होगे । इनमें कांग्रेस के शंकर लाल (चौरासी), शंकर (कपासन), भाजपा के शंकर सिंह (ब्यावर),. ÷ कांग्रेस के रामलाल मेघवाल (जालौर), रामलाल (मांडल), भाजपा के रामलाल गुर्जर (आसींद) शामिल है । कांग्रेस के सुरेन्द्र सिंह (िचतौड़) और सुरेन्द्र कुमार (सागवाड़ा), कैलाश चंद त्रिवेदी (सहाड़ा), कैलाश चंद मीना (मनोहरथाना) तथा भाजपा के कैलाश भंसाली (जोधपुर) भी एक नाम राशि के है । सदन में राजेन्द्र नाम के पांच विधायक होगे । इनमें भाजपा के राजेन्द्र राठौड़ (तारानगर), राजेन्द्र सिंह (शाहपुरा), कांग्रेस के राजेन्द्र पारीक (सीकर), राजेन्द्र सिंह (बेंगू) तथा बसपा के राजेन्द्र सिंह (उदयपुरवाटी) से निर्वाचित हुए है । रतनगढ़ से भाजपा के राजकुमार रिणवा और बसपा के राजकुमार शर्मा (नवलगढ़) का प्रतिनिधित्व करते है ।

एक सिपाही की तरह पार्टी व कार्यकर्ताओं के लिए काम करूंगा : गरासिया

नव निर्वाचित गोगुन्दा विधायक मांगीलाल गरासिया ने अपनी जीत का श्रेय कांग्रेस कार्यकर्ताओं को देते हुए कहा है कि वे हमेशा एक सिपाही की तरह पार्टी व कार्यकर्ताओं के लिए काम करते रहेंगे । गरासिया ने मंगलवार को अपने विजय जुलूस के अवसर पर गोगुन्दा में आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए यह भावना व्यक्त की। चुनावी हैट्रिक बनाने वाले गरासिया ने कार्यकर्ताओं की मेहनत व लगन की सराहना करते हुए कहा कि इस मेहनत के कारण ही यह जीत संभव हो सकी । उन्होंने कार्यकर्ताओं को विश्वास दिलाया कि वे हमेशा एक आम कार्यकर्ता की तरह सभी के मध्य बने रहेंगे । सभा को सम्बोधित करते हुए गोगुन्दा प्रधान लालसिंह झाला ने कहा कि विषम परिस्थितियों में भी कार्यकर्ताओं ने मेरी लाज रखने जो मेहनत की उसे मैं जीवन भर भुला नहीं पाऊं गा। सभा को जिला प्रमुख केवलचन्द लबाना, बड़गाँव के पूर्व प्रधान किशन त्रिवेदी, गुलाब सिंह राव, युवक कांग्रेस के देहात जिलाध्यक्ष नारायण पालीवाल सहित कई वक्ताओं ने सम्बोधित किया ।इससे पूर्व मांगीलाल गरासिया का भव्य विजय जुलूस निकाला गया । जिसकी शुरूआत बड़गाँव पंचायत समिति मुख्यालय के गांधी चौक से हुई। यहां कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ों व आतिशबाजी के साथ गरासिया का भावभीना स्वागत किया । स्वागत रस्म के समय जिला परिषद सदस्य विद्या शर्मा, उप सरपंच बड़गाँव भुवनेश व्यास, सहकारी समिति के उपाध्यक्ष विनय शर्मा, इंटक के मणी भाई, दिनेश श्रीमाली अजय पोरवाल, जगदीश राज श्रीमाली, सुनील शर्मा, किशनलाल सुथार, धनपतराय गुप्ता, रमेश पालीवाल, मोहनलाल शर्मा सहित सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे । गरासिया का विजय जुलूस यहां से रवाना होकर चिकलवास पहुंचा जहां उम्मेद सिंह राव के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी के साथ गरासिया का स्वागत किया । इसके पश्चात् विजय जुलूस के मार्ग में लोयरा में गुलाब सिंह राव, सरपंच प्रमिला शर्मा व लक्ष्मण मेघवाल के नेतृत्व में, थूर में रमेश डांगी, रमेश पूर्बिया, पुरालाल डांगी, जालम सिंह व भैरूलाल डांगी के नेतृत्व में, कविता में सरपंच देवीलाल पालीवाल, बरोडिया में सरपंद उदयसिंह, पूर्व सरपंच माना गमेती, ईसवाल में नरपत सिंह झाला, चम्पासिंह व रतनसिंह के नेतृत्व में, कुमावतों का गुड़ा में कानसिंह, लोगर मेघवाल, कड़िया-लोसिंग में भीमराज गमेती, आनंद सिंह, बाबुलाल श्रीमाली, हेमंत श्रीमाली, अम्बालाल गमेती के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने गरासिया का स्वागत किया। इसके अगले क्रम में पछोकड़ा में तुलसीराम पालीवाल, नाथु गमेती, भुताला में सरपंच अम्बालाल नवलखा, लक्ष्मीलाल जैन व भीमराज मेहता के नेतृत्व में गरासिया का कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया।गरासिया का विजय जुलूस इसके पश्चात गणेशजी का गुड़ा पहुंचा, यहां गरासिया ने मंदिर में पूजा-अर्चना कर सफल राजनैतिक भविष्य की कामना की। उसके पश्चात वे अपने समर्थकों के साथ गोगुन्दा के लिए रवाना हुए। गोगुन्दा पहुंच कर विजय जुलूस सभा में परिवर्तित हो गया।

उप जिला प्रमुख ने दिया इस्तीफा, मन्नत पूरी होने पर परसादी की तैयारी तेज

विधानसभा चुनावों में विधायक के रूप में निर्वाचित होने के बाद उप जिला प्रमुख पुष्करलाल डांगी ने मंगलवार को जिला परिषद से इस्तीफा दे दिया । वर्ष 2005 में हुए पंचायती राज चुनाव में मावली पंचायत समिति क्षेत्र से ओबीसी कोटे से जिला परिषद सदस्य के रूप में निर्वाचित होने के बाद उप जिला प्रमुख पद पर काबिज हुए कांग्रेस के पुष्करलाल डांगी ने मंगलवार दोपहर जिला परिषद पहुंच मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.आर. भाटी को अपना इस्तीफा सौंप दिया । डांगी के इस्तीफा देने से अब उप चुनाव के तहत नए जिला परिषद सदस्य का चुनाव होगा। इसके अलावा यह बात भी स्पष्ट हो गई है कि आने वाले दिनों में जिला परिषद में उप जिला प्रमुख के रूप में एक नया चेहरा सामने आएगा। इस पद के लिए फिलहाल प्रतिपक्ष नेता कचरूलाल चौधरी की प्रबल दावेदारी मानी जा रही है । अब तैयारी परसादी की : विधायक बनने व जिला परिषद से इस्तीफा देने की कार्यवाही पूरी करने के बाद मावली विधायक पुष्करलाल डांगी अब सांवलिया सेठ के दरबार में परसादी करने की तैयारियों में जुट गए हैं। डांगी ने विधानसभा चुनाव लड़ने टिकिट मिलने व चुनाव में विजय होने की मन्नत पूरी होने पर सांवलिया सेठ के श्री चरणों में शीश नवा कर वहां परसादी करने का व्रत लिया था। यह मन्नत पूरी होने पर डांगी ने परसादी की तैयारियां तेज कर दी है ।

छोटे-छोटे प्रकरणों के लिए जनता दफ्तरों के चक्कर नहीं काटे अधिकारी इस बात का ध्यान रखे : अशोक गहलोत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने छोटे-छोटे प्रकरणों में भी जनता को न्याय के लिए राज्य स्तर पर चक्कर कटवाने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने मंगलवार को पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनता की जिला स्तर पर हर हाल में सुनवाई होनी चाहिए। पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को संवेदनशील बनने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि जनसुनवाई के मामलों में लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।सामाजिक वैमनस्यता कम हो-
गहलोत ने मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रदेश की कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करते कहा कि आमजन एवं ग्रामीणों की फरियाद संवेदनशीलता से सुनकर समस्याओं का समाधान तत्काल किया जाए। इसके लिए पुलिस अधीक्षकों एवं महानिरीक्षकों को पाबंद किया जाए। उन्होंने गुर्जर आरक्षण आन्दोलन के दौरान उत्पन्न हालात की चर्चा करते हुए कहा कि सामाजिक वैमनस्यता कम करने के लिए विशेष सतर्कता से काम करें। संभावित मुद्दों की करें पहचान- प्रशासन में बैठे लोगों का दायित्व है कि वे अपने क्षेत्र के संभावित मुद्दों की पहचान कर संबंद्ध पक्षों से बातचीत करें और यह संदेश दें कि प्रशासन उनकी समस्याओं के समाधान को तत्पर है। गंभीर अपराधों की रोकथाम हो-गहलोत ने गंभीर अपराधों की रोकथाम के लिए पुख्ता कदम उठाने के निर्देश देते हुए कहा कि सीमावर्ती जिलों में होने वाली घटनाओं पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। इसके लिए अधिकारियों को विशेष सावधानी से काम करना चाहिए, ताकि लोगों में व्यवस्था के प्रति विश्वास हो और अपराधियों में सरकारी तंत्र का खौफ हो। प्रदेश के पुलिस अधिकारियों की कार्यशैली का बडा सम्मान रहा है, लेकिन बदले माहौल में चुनौतियों को देखते हुए अधिकारियों को इच्छाशक्ति को और मजबूत बनाने की जरूरत है। दुर्घटनाओं पर चिन्ता-मुख्यमंत्री ने बैठक में बढती दुर्घटनाओं पर चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आमदमी की जान काफी कीमती है। दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए पुख्ता बंदोबस्त किए जाए। समझौता नहीं करें कप्तान-उन्होंने साफ किया कि कप्तान अच्छा हो और किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करे तो कानून-व्यवस्था की स्थिति स्वत: अच्छी हो जाएगी। खुफिया तंत्र की खामियां दूर हों-मुख्य सचिव डी.सी. सामंत ने अधिकारियों को सुरक्षा का वातावरण बनाने और खुफिया तंत्र की खामियों को दूर करने के निर्देश दिए। प्रमुख गृह सचिव एस.एन.थानवी ने बताया कि केन्द्र सरकार पासा कानून में कडे प्रावधान करने पर विचार कर रही है। पुलिस महानिदेशक के.एस. बैंस का कहना था कि वाहन चोरी, चेन खींचने एवं अवैध शराब की रोकथाम के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।

छात्र समस्या को लेकर मीणा मिले गहलोत से

प्री बीएड परीक्षा में शामिल छात्रों को जनजाति उप योजना में 45 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलने में आ रही परेशानियों को लेकर मंगलवार को सलूम्बर विधायक रघुवीर मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भेंट कर छात्र समस्या के शीघ निवारण की पैरवी की।कांग्रेस विधायक रघुवीर मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अवगत कराया कि सरकारी प्रावधान होने के बावजूद प्री बीएड परीक्षा में शामिल होने वाले जन जाति छात्रों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलने से उन्हें परेशान होना पड़ रहा है। इस लापरवाही के पीछे क्या कारण रहे, इसकी जांच करवा कर छात्रों को लाभ दिलवाया जाए।मीणा ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव श्रीमत पाण्डे को बुलाकर इस प्रकरण की समग्र जानकारी उन्हें देने तथा समस्या का समाधान सुझाने को कहा।उल्लेखनीय है कि इस विषय को लेकर जन जाति छात्रों ने सोमवार को ही संभागीय आयुक्त कार्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद छात्रों ने जिला कलेक्ट्री बाहर क्रमिक अनशन भी शुरू कर दिया था।

राजस्थान सीमा पर तैनात अधिकारी सतर्कता बरते

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सीमावर्ती जिलों में तैनात अधिकारियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए कार्य करना चाहिए जिससे लोगों में व्यवस्था के प्रति विश्वास हो तथा अपराधियों में सरकारी तंत्र का खौफ हो। कानून एवं व्यवस्था से जुडे वरिष्ठ अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि आमजन एवं ग्रामीणों की फरियाद को संवेदनशीलता से सुनकर स्थानीय स्तर पर उनका समाधान हो।मुख्यमंत्री ने आतंकवादी घटनाओं की रोकथाम में एहतियाती सतर्कता बरतने और प्रभावी कार्यवाही के निर्देश देते हुए कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को चुस्त दुरूस्त बनाये रखने पर बल दिया है।शासन सत्ता की बागडोर संभालने के बाद आज यहां प्रदेश की कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करते हुए गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार ने आतंकवाद को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए राज्यों से इस बारे में विशेष सतर्कता बरतने एवं सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये है।उन्होंने कहा कि मुंबई की हाल की घटना ने हमारी आंखे खोल दी है इसलिए पुलिस अधिकारियों का यह दायित्व है कि प्रदेश में भविष्य में किसी भी कीमत पर ऐसी घटनाएं नहीं हो। उन्होंने प्रमुख स्थलों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत बताई। उच्च स्तरीय बैठक में मुख्य सचिव डी सी सामंत, गृह विभाग के प्रमुख शासन सचिव एस एन थानवी, पुलिस महानिदेशक के एस बैंस सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।गहलोत ने स्पष्ट किया कि पुलिस बल का इकबाल एवं अधिकारिता बनी रहनी चाहिए। अपराधिक घटनाओं की रोकथाम में पुलिस अधिकारियों की भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक अपने कार्यकाल के दौरान ऐसी छाप छोड़ें की क्षेत्र की जनता उन्हें याद करें। जिले में होने वाली घटना की तह में जाकर एहतियात के ऐसे उपाय किये जाये कि अपराध घटित नहीं हो।मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी स्तर के अधिकारी अपने कार्यक्षेत्र में अपनी उपस्थिति का अहसास करायें। उन्होंने स्पष्ट किया कि कप्तान अच्छा हो और किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करें तो कानून एवं व्यवस्था की स्थिति स्वतः अच्छी हो सकती है। उन्होंने फर्जी मुठभेड़, फोन टेपिंग इत्यादि आरोपों पर तत्परता से कार्रवाई कर स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिये।गहलोत ने कहा कि प्रशासन में बैठे लोगों का यह दायित्व है कि वे संवेदनशीलता एवं सतर्कता के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन करें अपने कार्यक्षेत्र में संभावित मुद्दों की पहचान कर संबंद्ध पक्षों से बातचीत कर यह संदेश दें कि उनकी समस्याओं के समाधान के लिए प्रशासन तत्पर है।

Monday, December 15, 2008

किरण माहेश्वरी सहित सात सांसद देंगे इस्तीफा

भाजपा संसदीय दल की बैठक के बाद वरिष्ठ नेता एम वेंकैया नायडू ने आज यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि श्री मलहोत्रा के साथ राजस्थान और मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों में विजयी रहे सांसद सरताज सिंह, गौरी शंकर बिसेन, पुन्नालाल मोहाले, रामचंद्र कुसमारिया, श्रीमती किरण माहेश्वरी और नीता पटेरिया लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे।
दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पराजय के बाद वरिष्ठ नेता विजय कुमार मलहोत्रा अब प्रदेश की राजनीति करेंगे। उनके साथ अन्य राज्यों में विधानसभा चुनावों में विजयी रहे पार्टी के और छह सांसदों ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इन सांसदों ने अपना इस्तीफा लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी को भेज दिया है। मल्होत्रा दिल्ली की ग्रेटर कैलाश सीट से विधायक चुने गए थे।

कचरूलाल के उप जिला प्रमुख बनने की संभावना

कांग्रेस के उप जिला प्रमुख के विधायक बनने से उदयपुर जिला परिषद से इस्तीफा देने की स्थिति में प्रतिपक्ष नेता कचरूलाल चौधरी के उप जिला प्रमुख पद पर आसीन होने की संभावना प्रबल होती नजर आने लगी है।उप जिला प्रमुख पुष्कर लाल डांगी के विधानसभा चुनाव जीत कर विधायक बनने से उन्हें निर्धारित समय अवधि में जिला परिषद से इस्तीफा देकर उप जिला प्रमुख का पद छोड़ना पड़ेगा।डांगी द्वारा इस्तीफा देने के बाद होने वाले रिक्त पद को लेकर अभी से राजनैतिक सुगबुगाहट सुनाई देने लगी है।बात मौजूदा कांग्रेसी जिला परिषद सदस्यों के राजनैतिक कद एवं दबदबे की करें तो इस मामले में प्रतिपक्ष नेता कचरूलाल चौधरी सबसे भारी पड़ते नजर आ रहे है। चौधरी वहीं शख्स है जो वर्ष 2005 में जिला प्रमुख के चुनाव में महज एक वोट (गोटी से फैसला) से जिला प्रमुख पद पर आसीन होने से वंचित रह गए।उस दौरान कहने को जिला परिषद में कांग्रेस का स्पष्ट बहुमत था मगर जिला प्रमुख बनने की राह में रोड़ा अटकता देख कांग्रेस के ही केवल चन्द लबाना ने भाजपा का दामन थाम बगावत की राह पकड़ ली। उस कारण कांग्रेस को लबाना के सामने कचरूलाल चौधरी को मैदान में उतारना पड़ा। मगर इस पद के लिए जो वोट पड़े उसमें मामला बराबरी पर अटक गया। इस कारण गोटी निकाल प्रमुख पद के लिए फैसला करना पड़ा। इसमें भाग्य ने लबाना का साथ दिया और कचरूलाल प्रमुख बनने से वंचित रह गए। मगर एक बार फिर चौधरी का भाग्य प्रबल होता नजर आ रहा है तथा वे उप जिला प्रमुख पद के प्रबल दावेदार के रूप में कांग्रेस के सामने खड़े हैं। राजनैतिक जानकारों का भी मानना है कि आज की तारीख में कचरूलाल चौधरी ही उप प्रमुख के प्रबल दावेदार है। उनकी मजबूत दावेदारी क ðपीछे तर्क ये दिए जा सकते है कि जिला परिषद में प्रतिपक्ष नेता के रूप में सक्रिय भूमिका अदा करने के ही उन्होंने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस प्रत्याशियों (सलूम्बर व उदयपुर ग्रामीण विधानसभा सीट) को विजय दिलाने में अहम् भूमिका अदा की।इस मेहनत के बदले पार्टी उन्हें तोहफे के रूप में उप जिला प्रमुख पद पर काबिज कर सकती है। इसके अलावा बात जातिगत समीकरणों की करे तो पुष्कर डांगी ओबीसी वर्ग से है तथा कचरूलाल चौधरी भी ओबीसी वर्ग से है। ऐसेमें कहीं न कहीं जातिगत समीकरण भी चौधरी के पक्ष में बनते नजर आ रहे है।

गोगुंदा से विजय प्रत्याशी का जुलूस

विधानसभा चुनावों में हैट्रिक बनाने वाले गोगुन्दा विधायक मांगीलाल गरासिया का मंगलवार को विजय जुलूस निकलेगा।जिला परिषद सदस्य विद्या शर्मा ने बताया कि गरासिया का विजय जुलूस मंगलवार सुबह बड़गांव से आरम्भ होगा। यहां गरासिया का कार्यकर्ताओं द्वारा भव्य स्वागत किया जाएगा।उप सरपंच बड़गांव भुवनेश व्यास ने बताया कि स्वागत रस्म के बाद मांगीलाल गरासिया का विजय जुलूस चिकलवास, लोयरा, थूर, कविता, बरोडिया, ईसवाल, कड़िया, भूताला, गणेशजी का गुड़ा होते हुए गोगुन्दा बाईपास चौराहे पर पहुंच सभा में परिवर्तित हो जाएगा।

बांसवाडा जिले की नजर लगी है गहलोत के मंत्रीमण्डल पर

बांसवाडा जिले की नजर राज्य में गहलोत द्वारा सत्ता सम्हालने के बाद अब मंत्री मण्डल पर सभी की नजरें लगी हैं कि पहली खेप में क्या बांसवाडा से किसी को जगह मिलेगी? यहां से पार्टी टिकिट पर तीन व एक बागी इन्काई विधायक चुना गया है और सभी के पास मंत्री पद पाने की योग्यता सम्बन्धी अपनी-अपनी दलीलें हैं। पहले नम्बर पर जिला प्रमुख महेन्द्रसिंह मालवीया का नाम चर्चा में है। वे एनएसयुआई के जमाने से ही छात्र नेता के रूपमें कांग्रेस से जुडे है व पांच साल आनन्दपुरी के प्रधान व दस साल जिला प्रमुख के पद पर काम करने के कारण उन्हें प्रशासनिक द्रष्टि से सबसे उपयुक्त माना जा रहा है। उन्होंने जद के तीन बार विधायक रहे जीतमल खांट को सर्वाधिक 44,689 मतों से पराजित करने का रिकार्ड भी कायम किया है।दूसरे गढी से इन्का विधायक श्रीमती कांता गरासिया युवा कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष हैं तथा शिक्षित, युवा इन्का व आदिवासी महिला होने के आधार पर वे भी मंत्री पद के लिए हक बता सकती हैं। उनके समर्थन में कांग्रेस का एक बडा तबका है। इसके अलावा बांसवाडा सीट से निर्वाचित अर्जुन बामनिया इस आधार पर दावा कर रहे हैं कि उन्होंने आजादी के बाद से अभेद्य जनता दल के दानपुर गढ पर दूसरी बार लगातार जीत दर्ज कर राजनीतिक परिपक्वता का सबूत दिया है और जद को पछाड दिया है। तीसरे घांटोल से निर्वाचित बागी पूर्व इन्का विधायक नानालाल निनामा पूर्ण बहुमत से कुछ पीछे रह गई कांग्रेस को अपनी सरकार बनाने में मदद देने की एवज में लालबत्ती का तोहफा प्राप्त करना चाहेंगें। टिकिट नहीं मिलने के बाद भी अपनी पुरानी सीट पर निर्दलीय रूपसे जीत दर्ज कर उन्होंने क्षेत्र में अपनी पकड टिकिट वितरण में लापरवाही का प्रमाण दे दिया है। देखना है कि आला कमान से खुली छूट लेकर लौटे अशोक गहलोत बांसवाडा से किसे अहमियत देतें हैं अथवा बाद में देखेंगें।यहां कुछ राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि अब लोकसभा चुनाव भी नजदीक हैं। इसे देखते गहलोत व कांगेस आलाकमान अभी से सभी को मंत्रिमण्डल में लेकर दूसरे लोगों को नाराज नहीं करेंगें व अभी इस मामले को लालीपाप देकर लटकता ही रखेंगें। ध्यान देने की बात है कि राज्य में कांग्रेस को जो सीटें मिली हैं वे किसी लहर का नतीजा नहीं है, बल्कि भाजपा की अन्दरूनी भीतरघात का नतीजा है। यह बात कांग्रेस आलाकमान समझ रहा है। इसके बावजूद कांग्रेस पूर्ण बहुतम से वंचित रह गई। 33 सीटों पर तो भाजपा के बागी ही खडे थे जिनसे उसे काफी नुकसान उठाना पडा। अन्य सीटों पर भीतरघात भी हुआ। अभी मंत्रिमण्डल के गठन को लेकर उत्पन्न कोई विवाद व मनमुटाव लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पर विपरित असर डाल सकता है।

कार्यकर्ता मायूसी छोडे और जुटे लोकसभा चुनाव में : सीपी जोशी

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं कांग्रेस के पराजित प्रत्याशी डॉ. सी.पी. जोशी ने आव्हान किया कि कार्यकर्ता अपनी मायूसी छोड़ कर लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाए। विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी कल्याणसिंह चौहान से मात्र एक मत से परास्त होने के बाद मायूस कार्यकर्ताओं की हौसला अफजाई के लिए रविवार को नाथद्वारा आए डॉ. सी.पी. जोशी ने होटल उत्सव में उपस्थित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव में हार जीत का दौर चलता रहता है । इसलिए कार्यकर्ताओं को मायूस होने की जरूरत नहीं है। जोशी ने कहा कि जितनी अपनी क्षमता थी उतने वोट हमें मिले है साथ ही कहा कि नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी को 62 हजार वोट नहीं मिले है। जोशी ने एक वोट के महत्व को समझने की आवश्यकता पर जोर दिया। जोशी ने कहा कि हमें किसी ने नहीं हराया है । भीतरघात के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम को लेकर एक दूसरे पर दोषारोपण करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि एक वोट से हार के पीछे हो सकता है कि मेरी चुनावी रणनीति में कोई कमी रही होगी। साथ ही कहा कि जो कुदरत के मंजूर होता है उसके आगे किसी की भी नहें चलती।जोशी ने कहा कि मैं हार गया तो क्या हुआ । प्रदेश में कांग्रेस के नेतृत्व में तो सरकार बनी है । इसलिये कार्यकर्ताओं को मायूसी छोड़ कर आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट कर कांग्रेस प्रत्याशी को जिताने का संकल्प लेना चाहिए। जोशी ने कहा कि जनता के वोटों से तो मैं जीता हूं लेकिन सरकारी कर्मचारियों के वोटों से मुझे हार का सामना करना पड़ा। जोशी ने कहा कि मैं जिन्दगी भर कांग्रेस की सेवा करता रहूंगा तथा प्रत्यक एक माह में क्षेत्र की जनता के बीच पहुंच कर सुख दुख में भागीदार बनने का प्रयास करूंगा।जोशी ने कहा कि आज मैं सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली जा रहा हूं तथा राज्य में लोकसभा चुनाव लड़ाने की जिम्मेदारी वहन करने का प्रस्ताव रखूंगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राजस्थान से कांग्रेस के 4 लोकसभा सदस्य है लेकिन सभी की मेहनत से 25 में से 20 सीटें कांगेस जीतेगी।इस दौरान नगर कांग्रेस अध्यक्ष एल.एन. गुर्जर ने कहा कि आज बड़ी दुख की बात है कि प्रदेश में कांग्रेस नेतृत्व की सरकार का गठन हुआ है और विकास के पर्याय माने जाने वाले सी.पी. जोशी मात्र एक वोट से चुनाव हार गए वरना जोशी अशोक गहलोत के स्थान पर मुख्यमंत्री बनते।गुर्जर ने कांग्रेस के साथ भीतरघात व गद्दारी करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी मां (कांग्रेस) के साथ गद्दारी की है इसलिये अब वो संभल जाए वरना आने वाला वक्त उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।इस दौरान जिला कांगेस कमेटी के अध्यक्ष नारायणसिंह भाटी, आजाद मोहम्मद सिलावट, राजसमंद क्षेत्र के पराजित कांग्रेस प्रत्याशी हरिसिंह राठौड़, रेलमगरा ब्लॉक अध्यक्ष ने संबोधित करते हुए सी.पी. जोशी की मात्र एक वोट से हार पर गहरा दुख जताते हुए सम्पूर्ण मेवाड़ का नुकसान बताया।

हाडी रानी का शहीदी प्रसंग याद किया लखावत ने

वीर रावत रतनसिंह चुण्डावत के युद्ध में जाने से पूर्व अपनी नई नवेली दुल्हन में प्रीत रखते हुए उससे सैलानी (नीशानी) मांगने पर अपना शीश सैलानी के रूप में अपने प्रीतम को देने वाली वीर क्षत्राणी हाड़ी रानी का बलिदान इतिहास की एक घटना नहीं अपितु सलूम्बर के साथ-साथ पूरे देश का गौरव है। यह विचार राजस्थान धरोहर संरक्षण प्रोन्नति प्राधिकरण संस्थान के अध्यक्ष औंकार सिंह लखावत ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में राजमहल प्रांगण में आयोजित हाड़ी रानी पुष्पांजलि कार्यक्रम में व्यक्त किए।राजमहल में पहुंची मोहाली चण्डीगढ़ से बनवाई गई हाड़ी रानी की दो आदम कद प्रतिमा के समक्ष लखावत व स्थानीय हाड़ी रानी गौरव संस्थान के अध्यक्ष भगवती लाल सेवक ने दीप प्रज्जवलित किया। लखावत ने कहा कि हाड़ी के इतिहास से आज की नई पीढ़ी को वाकिफ करना होगा, जिससे वो जिस नगर में रह रहे है उसकी गौरव गाथा से भली भांति परिचित हो सके।लखावत ने कहा कि प्रशासन तो इन महलों व धरोहर की देखरेख करेगा ही लेकिन स्थानीय सामाजिक संगठन आगे आकर इस प्राचीन धरोहर को संरक्षित करे। लखावत ने कहा कि इस धरोहर को जिला पर्यटन विकास समिति को सौंपने के आदेश कर दिए गए है।लखावत ने कहा कि राजस्थान राज्य में इस संस्थान द्वारा प्राचीन धरोहर को संरक्षण प्रदान करने के लिए 11 स्थानों पर प्राचीन धरोहर का संरक्षण कर उन्हें नवीन रूप दिया। इस राज्य के पर्यटन को देखते हुए राज्य की नवगठित सरकार इस संस्थान का संरक्षण कर राज्य में पर्यटन क्षेत्र का मजबूती प्रदान करे।लखावत ने हर 14 दिसम्बर को हाड़ी दिवस नगर में मनाने की बात कही। लखावत ने प्रथम हाड़ी की पूर्ण प्रतिमा व दूसरी अपने हाथ में खड्ग लिए मुण्डदान की प्रतिमा को पुष्पांजलि अर्पित की। वहां उपस्थित लोगों ने हाड़ी की प्रतिमा को पुष्पांजलि अर्पित कर राजमहल में जाने की स्वीकृति प्रदान करने की बात कही।संस्थान अध्यक्ष भगवती लाल सेवक ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन संस्थान सचिव वैणीराम सुथार ने किया। कार्यक्रम में पूर्व विधायक अर्जुन लाल मीणा, कैलाश गांधी, लव व्यास, पार्षद राजकुमारी कोठारी, पूंजी लाल वरनोती सहित कई नागरिक गण उपस्थित थे।

पदाधिकारियों के गांव से हारी भाजपा

राजस्थान वसुन्धरा राजे सरकार में जल संसाधन राज्यमंत्री रहे कुम्भलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी सुरेन्द्रसिंह राठौड़ को जिन पदाधिकारियों पर नाज था, उन्हीं के गांव में उन्हें कम वोट मिलने के समाचार है।जानकारी अनुसार भाजपा प्रत्याशी राठौड़ को जिताने के लिये आमेट कुंभलगढ़ दोनों तहसीलों में कई भाजपा पदाधिकारी पूरे विधान सभा क्षेत्र में चुनाव-प्रचार की दौड़ में थे। उस समय उनके अपने ही गांवों में राठौड़ की लुटिया डूब रही थी। आलम यह रहा कि यह पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता अपने ही गांव से पार्टी को विजयश्री नहीं दिलवा सके।सरपंच रामालाल कुमावत के गांव सेलागुडा, उप प्रधान शांतिलाल हिरण के गृह क्षेत्र टीकर, नगर भाजपा (आमेट) अध्यक्ष धर्मचन्द्र खाब्या के नगर आमेट, कुंभलगढ़ प्रधान कमला जोशी के गांव रीछेड़, उप प्रधान निर्भय सिंह झाला के गांव जड़फा, भाजयुमो ब्लॉक अध्यक्ष प्रेमसुख शर्मा के गांव केलवाड़ा, भाजपा ब्लॉक महामंत्री बब्बरसिंह के गांव मोरचा, पूर्व जिला प्रमुख स्व. नरेन्द्रसिंह सोलंकी के गांव झीलवाड़ा, पंचायत राज प्रकोष्ठ जिला महामंत्री विकास दवे के गांव कसार, कुंभलगढ़ भाजपा ब्लॉक अध्यक्ष नाथूलाल गुर्जर के गांव चारभुजा आदि में राठौड को हार का सामना करना पड़ा। यही आलम कांग्रेस प्रत्याशी गण्ðाश सिंह परमार के समर्थन में आमेट तहसील क्षेत्र में नजर आया। पूर्व कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष रामसिंह राव व पार्टी की ओर से टिकिट के प्रबल दावेदार रहे दिलीप सिंह राव के गांव गुगली-आईड़ाणा, प्रदेश प्रतिनिधि गोपाल जोशी के गांव सरदारगढ़, ब्लॉक उपाध्यक्ष शंकरलाल कुमावत के गांव ढेलाणा, ठाकुर खुमाणसिंह के गांव आगरिया, आदि में कांग्रेस की लुटिया डूबती नजर आई। क्षेत्र के ग्रामीणों का अनुमान है कि कांग्रेस प्रत्याशी परमार की शानदार विजय आमेट तहसील क्षेत्र की बजाय केलवाड़ा तहसील क्षेत्र से हुई है।

प्रधान पद के लिए दौड भाग शुरू

राजस्थान 13 वी विधान सभा चुनावों में डूंगरपुर विधान सभा क्षेत्र से कांगेस प्रत्याशी व बिछीवाडा प्रधान लालशंकर घाटिया के विधायक चुने जाने के पश्चात अब बिछीवाडा पंचायत समिति का प्रधान का पद किसे सौंपा जाये उसको लेकर संभावित उम्मीदवारों ने कवायदें प्रारंभ कर दी है। इसके संबंध में प्रदेश कार्यालय तक भी समर्थकों के साथ अपनी दावेदारी जताने का सिलसिला प्रारंभ हो गया है।बिछीवाडा पंचायत समिति में 48 ग्राम पंचायतें है तथा 28 पंचायत समिति सदस्य है तथा वर्तमान में प्रधान की दौड में सुन्दरपुर पंचायत समिति सदस्य लक्ष्मण केटेड तथा पूर्व प्रधान रूपलाल मीणा प्रबल दावेदार है। जिसको लेकर लामबंद्घ हेने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। दोनों सदस्यों को हालांकि अभी तक जिला कांग्रेस कमेटी की तरफ से कोई संकेत नहीं मिला है। लेकिन जिला प्रमुख ताराचन्द भगोरा, जिलाध्यक्ष शंकर यादव, नव निर्वाचित विधायक लालशंकर घाटिया सर्व सम्मति बनाने में लगे हुए है। ताकि किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न न हो। हालांकि दोनो दावेदार पंचायत समिति सदस्यों ने लगातार सम्पर्क साधे हुए है। और कब पद रिक्त घोषित कर चुनावों की घोषणा होती है उसी आधार पर भावी रणनीति तय होगी।

जीतने के बाद जाडावत का निकला जुलूस

चित्तौड़गढ़ से नव निर्वाचित सुरेन्द्र सिंह जाड़ावत की जीत की खुशी एवं उनके मंत्री बनने की कामना को लेकर अरनिया पंथ, मायरा, ढिकरीया, माताजी की ओरड़ी के युवा कार्यकर्ता जोगणिया माता के दरबार में मनौती कामना को लेकर अरनिया पंथ से रवाना हुए, जिन्हे ग्रामीण ब्लॉक अध्यक्ष त्रिलोकचन्द जाट एवं इकाई अध्यक्ष घीसूदास ने माला पहना कर रवाना किया।युवक कांग्रेस उपाध्यक्ष जगदीश जाट ने बताया कि दो दर्जन से अधिक युवा कांग्रेस कार्यकर्ता अरनिया पंथ से जोगणिया माता के मन्दिर में जाड़ावत के मंत्री बनने की अरदास लेकर पैदल रवाना हुए, जो मंगलवार दोपहर तक जोगणिया माता मंदिर पहुंच जाड़ावत के मंत्री बनने की अरदास करेंगे।

Saturday, December 13, 2008

विधायक बन गए अब मंत्री बनने के लिए दौड शुरू

अशोक गहलोत द्वारा मुख्यमंत्री के रुप में शपथ लेने के बाद मंत्रिमण्डल में स्थान पाने के लिए राज्य के अन्य विधायको के साथ ही जिले के पांच में से चार विधायको द्वारा काफी अधिक प्रयास करने के साथ ही राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को अपने पक्ष में करने के लिए दौड़ धूप शुरु कर दी गई है।जानकारी के अनुसार, राजस्थान के मंत्रिमण्डल में केबिनेट अथवा राज्य मंत्री के रुप में स्थान पाने के लिए चित्तौड़गढ़, निम्बाहेड़ा, बड़ीसादड़ी एवं बेगूं सीट से निर्वाचित कांग्रेस प्रत्याशी दौड़ में बताए जाते है। महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभा ठाकुर के चित्तौड़गढ़ से निर्वाचित सुरेन्द्र सिंह जाड़ावत के रिश्ते करीबी हेने की वजह से जाड़ावत, प्रभा ठाकुर के सम्पर्क में निरन्तर बने हुए है।इसी तरह निम्बाहेड़ा से निर्वाचित उदयलाल आंजना के पूर्व में भी विधायक होने के साथ ही सांसद, कांग्रेस जिलाध्यक्ष होने एवं यह चुनाव 38 हजार से भी अधिक मतो से जीतने एवं कांग्रेस के कई प्रमुख नेताओं के साथ आंजना के ताल्लुकात अच्छे एवं बेहतर होने की वजह से आंजना का नाम भी प्रमुखता से शामिल है। आंजना समर्थको को उम्मीद है कि पहले गठन में ही आंजना को शामिल किया जा सकता है।इधर, बड़ीसादड़ी से निर्वाचित प्रकाश चौधरी के ताल्लुकात केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री प्रकाश जायसवाल जैसे कुछ नेताओं के साथ होने की वजह से चौधरी भी अपनी पूरी ताकत लगाए हुए है। जानकारी यह भी है कि वे ऐसे कुछ नव निर्वाचित राज्य के प्रत्याशियों का भी समर्थन हासिल कर रहे है, जो कि स्वंय मंत्री की दौड़ में शामिल न हो कर प्रकाश चौधरी के नाम पर अपनी सहमति व्यक्त कर रहे है।जिले की बेगूं विधानसभा सीट से निर्वाचित राजेन्द्र विदुड़ी वैसे ही अपने आप को दस, जनपथ से जुड़ा होने का प्रचार विधानसभा चुनाव में भी कर चुके है, तथा मंत्री बनने के लिए काफी अधिक प्रयासो में लगे हुए है, लेकिन यह भी तय है कि मंत्रिमण्डल में यदि जिले के विधायको को स्थान दिया जाता है तो अधिक से अधिक दो विधायको को ही इस जिले से स्थान मिल सकता है। वसुन्धरा के मंत्रिमण्डल में जिले से नरपत सिंह राजवी, नन्द लाल मीणा को स्थान मिला हुआ था, जबकि चुन्नीलाल धाकड़ को खादी ग्रामोद्योग का चेयरमेन बनाए जाने की वजह से केबिनेट स्तर का दर्जा मिला हुआ था।

हारे मगर सीपी जोशी में आत्म विश्वास बरकरार

विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी कल्याण सिंह चौहान से मात्र एक वोट से परास्त होने के बावजूद भी कर्म में विश्वास रखने वाले कांगेस प्रत्याशी डॉ.सी.पी.जोशी आत्म विश्वास से लबरेज नजर आ रहे हैं।डॉ.जोशी ने बड़े आत्म विश्वास से लबरेज होकर कहा कि राजनीति में हार या जीत तो चलती रहती है, व्यक्ति को आने वाले कल को देखते हुए निरन्तर अपने कर्म में लगा रहना चाहिये तथा अपने मन में जन सेवा की भावना रखनी चाहिये। हालांकि यह माना जा रहा है कि जोशी के मन में यह टीस जरूर होगी कि नाथद्वारा क्षेत्र में अपार विकास कार्य करवाने के बावजूद भी मात्र एक मत से हार का सामना कैसे करना पड़ा है। इस बीच नगर में आम चर्चा है कि जोशी की एक मत से हार की स्थिति को लेकर यह सिद्ध हो गया है कि नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव जीतने के लिये विकास कार्य का कोई आधार नहीं है। उधर राज्य में अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने को लेकर प्रदेश के अधिकांश उत्साह का माहौल बना हुआ है वहीं नाथद्वारा क्षेत्र में उत्साह की लहर बिल्कुल नजर नहीं आ रही है बल्कि डॉ. जोशी के मुख्यमंत्री नहीं बनने से मायूसी छायी हुई है ।इसमें कांग्रेस के साथ-साथ क्षेत्र के विकास की सोच रखने वाले भाजपाई भी शामिल है। इस बीच एक भाजपा नेता ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर राजनीति भावना से उपर अपनी सोच रखते हुए बताया कि अगर डॉ. जोशी को मुख्यमंत्री का पद मिलता तो निश्चित रूप से विकास को लेकर नाथद्वारा क्षेत्र की तस्वीर बदल जाती जिसका लाभ वर्तमान पीढ़ी के साथ-साथ आने वाली पीढ़ी को मिलता। इस बीच चुनाव परिणाम के बाद डॉ. जोशी जयपुर से पहली बार रविवार को अपने गृह क्षेत्र में पहुंच कर कार्यकर्ताओं से रूबरू होंगे।इस दौरान कुछ इंका नेता ऐसे भी जोशी से मिलने पहुंचेंगे जिनके क्षेत्र में कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा है, तथा कुछ ऐसे भी होंगे जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर भाजपा प्रत्याशी कल्याण सिंह चौहान को फायदा पहुंचाया। निष्ठावान कांग्रेसजनों का मानना है कि ऐसे लोगों का कांगेस में कोई स्थान नहीं होना चाहिये। कार्यकर्ताओं का तर्क है कि प्रदेश में कांग्रेस की लहर के बावजूद विकास पुरूष माने जान वाले डॉ. जोशी के एक मत से हराने के कारणों को लेकर कांग्रेस पार्टी को चिन्तन, मनन व मंथन करने की आवश्यकता है।बहरहाल राजनैतिक पण्डितों का मानना है कि इस चुनाव के परिणाम को गंभीरता से लेते हुए डॉ. जोशी को कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि आने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस इस हार का बदला ले सके।

राजस्थान में वियजी होने के बाद कांग्रेस में आया जोश अहमदाबाद में निकालेंगे अभय उडान यात्रा

आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर कांग्रेस 28 दिसम्बर से अभय उडान यात्रा शुरू करेगी। 26 जनवरी तक चलने वाली यह यात्रा गुजरातराज्य भर में घूमेगी। यात्रा का उद्देश्य युवा एवं महिलाओं में राष्ट्रभावना एवं एकता को जागरूक करना है। उडान यात्रा का समापन समारोह नवरंगपुरा स्थित सरदार पटेल स्टेडियम में होगा, जिसमें कांग्रेस के युवा नेता राहुल गांधी के आने की उम्मीद है। राज्य के 18 हजार गांवों में यह यात्रा घूमेगी। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सिद्धार्थ पटेल की अगुवाई में पालडी स्थित प्रदेश कांग्रेस में 16 दिसम्बर को आयोजित होने वाली बैठक में अभय उडान यात्रा पर रणनीति तैयारी की जाएगी। पडोसी राज्य राजस्थान में फतह होने के बाद अब गुजरात कांग्रेस में भी जोश जगा है। आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस मजबूती से उभरकर आए, इसके लिए अभय उडान यात्रा शुरू की जाएगी। उत्तर, मध्य, दक्षिण एवं सौराष्ट्र-कच्छ जोन समेत चार जोनों में अभय उडान यात्रा शुरू होगी। उत्तर जोन में अम्बाजी से, दक्षिण में दांडी, सौराष्ट्र-कच्छ में सोमनाथ तथा द्वारका से यात्रा शुरू होगी।युवा कांग्रेस, महिला इकाई, एनएसयूआई एवं सेवा दल को इस यात्रा की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसके लिए कार्यक्रम कमेटी, स्थल कमेटी, प्रोग्राम कमेटी समेत चौदह कमेटियों का गठन किया गया है। यात्रा के दौरान देशभक्ति गीत, नाटक एवं खेलकूद समेत कार्यक्रम आयोजित होंगे। राज्यभर में शुरू होने वाली अभय उडान यात्रा का समापन 26 जनवरी को अहमदाबाद में होगा। इस समारोह में कांग्रेस के युवा नेता एवं सांसद राहुल गांधी आएंगे।

अशोक के गदृदी संभालते ही होने लगी आतिशबाजी

अशोक गहलोत के राजस्थान राज्य के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की कमान संभालने पर शहर के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारीयों ने हर्ष व्यक्त करते हुए आतिशबाजी कर खुशी का इजहार किया।गहलोत की ताजपोशी पर आज राजस्थान परिवहन निगम मजदूर कांग्रेस इन्टक के अध्यक्ष जीतमल चौहान व दिलीप पानेरी के नेतृत्व में कर्मचारियों ने आतिशबाजी कर जश्न मनाया। इस दौरान नरपत सिंह झाला, कल्लु सिंह राठौड़, महेश व्यास, मो. जफ्फर, ईकबाल, मो. इकरार सहित कई कर्मचारी उपस्थित थे।युथ कांग्रेस के गिर्वा ब्लॉक के अध्यक्ष दुर्गाशंकर नायक के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने नाई क्षेत्र में आतिशबाजी कर गहलोत की ताजपोशी पर खुशी का इजहार किया।अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस के बाबूलाल घावरी ने फेक्स भेजकर दुबारा मुख्यमंत्री बनने पर गहलोत को शुभकामनाएं प्रेषित की।इधर शक्ति नगर में प्रतापराय चुघ, नानिकराम कस्तुरी, गोविन्दराम कालरा सहित वार्ड 40 में समाज के कांग्रेसजनों ने आतिशबाजी की।शहर जिला कांग्रेस कमेटी ओबीसी प्रकोष्ठ के शहर जिलाध्यक्ष रोशनलाल साहू के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्थानीय धानमण्डी जीवनदाता हनुमान चौक में आतिशबाजी कर व्यापारियों को मिठाई वितरित की।राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के मुख्य महामंत्री बाबूलाल जैन, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष लच्छीराम गुर्जर ने अशोक गहलोत को बधाई संदेश प्रेषित कर राज्य के सर्वांगिण विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है।प्रान्तीय नल मजदूर फैडरेशन इन्टक उदयपुर के वरिष्ठ नेता किशन सुराला, मनोहर लाल पालीवाल, ख्याली लाल मालवीय, शंकरलाल पालीवाल, सुरेश श्रीमाली तथा स्थानीय संगठन राष्ट्रीय जल विभाग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष इन्द्र सिंह, अख्तर राही, हरिसिंह, अशोक तम्बोली, सुभाष आचार्य, मुरलीधर माली, रघुवीर सिंह ने समस्त कर्मचारियों की ओर से राजस्थान के मुख्यमंत्री बनने पर गहलोत को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।इधर देहात जिला कांग्रेस अभाव अभियोग प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष रमेश शुक्ला के नेतृत्व में आज सुबह अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री पद के शपथ ग्रहण के बाद कार्यकर्ताओं ने पटाखे छोड़ कर एवं लड्डू वितरण कर बधाईयां दी। इस अवसर पर राजेश नगौरी, पूर्व पंचायत समिति सदस्य धर्मनारायण डांगी, जगदीश नागदा, रोशन शर्मा, विरेन्द्र कुमार प्रजापति सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।कांग्रेस देहात अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के महासचिव मोहम्मद छोटू कुरैशी व राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ (रेसला) के प्रांतीय महामंत्री मनोहर सिंह राजपूत ने अशोक गहलोत की ताजपोशी पर शुभकामनाएं प्रेषित की है।शहर जिला कांग्रेस बी-ब्लॉक की ओर से चेटक सर्कल स्थित चौराहे पर कांग्रेस कमेटी के जिला व. उपाध्यक्ष एम.जफर जिलानी के नेतृत्व में आतिशबाजी की गई। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में त्रिलोक पूर्बिया उपस्थित थे। अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर जगदीश चौक में प्रशान्त श्रीमाली एवं भारत रामानुज के नेतृत्व में आतिशबाजी की गई एवं जगदीश चौक प्रांगण में मिठाई का वितण किया गया। चित्रकार कैलाश जीनगर ने रंगोली का प्रदर्शन किया।कार्यक्रम में मनोज वैष्णव, शिवशंकर मेनारिया, कमलेश चौधरी, जय किशन चोबे, गोपाल नागर, भूपेन्द्र सिंह चौहान सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे। कांग्रेस कमेटी कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ अध्यक्ष कृष्णकुमार हरिव्यसी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने धानमण्डी बडलेश्वर महादेव मार्ग पर आतिशबाजी की।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बन गए प्रोफेसर फिर संभाली नौकरी

राजस्थान विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की रस्म पूरी करवा कर शनिवार को कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डा. सी.पी. जोशी एक बार फिर एक प्रोफेसर के रूप में सुखाड़िया विश्वविद्यालय में अपनी ड्यूटी जोईन करने पहुंचे । मनोविग्यान विषय के प्रोफेसर डा. सी. पी. जोशी, जो विधायक चुने जाने के बाद से अवैतनिक अवकाश पर चल रहे थे, अवकाश समय समाप्त होने के मद्देनजर डा. जोशी शनिवार को जयपुर के राजभवन में नवनियुक्त मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शपथ ग्रहण समारोह में शरीक होने के बाद सीधे उदयपुर के लिए रवाना हुए ।उदयपुर आने के पश्चात वे सुखाड़िया विश्वविद्यालय कैम्पस में स्थित आर्ट्स कॉलेज पहुंचे एवं यहां जोशी ने एक प्रोफेसर के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की प्रक्रिया पूरी की।इस दौरान गोगुन्दा प्रधान लालसिंह झाला, जिला प्रमुख केवलचन्द लबाना, वीरेन्द्र वैष्णव, देवकीनंदन गुर्जर `काका', हरिसिंह, गिर्वा प्रधान श्यामलाल चौधरी, बाबुलाल श्रीमाली, जिला परिषद सदस्य विद्या शर्मा, गुलाबसिंह राव सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।डा. जोशी के ड्यूटी जोईन करने के बाद आर्ट्स कॉलेज परिसर में युवक कांग्रेस के शहर जिलाध्यक्ष दिनेश श्रीमाली व उप सरपंच बड़गांव-भुवनेश व्यास के नेतृत्व में कार्यकर्ताओðं ने गर्मजोशी के साथ प्रदेशाध्यक्ष सी. पी. जोशी का स्वागत किया। इसके पश्चात यहां से जोशी सीधे सर्किट हाउस पहुंचे।

Friday, December 12, 2008

भाजपा ने सता में आते ही शुरू कर दी फिजुलखर्ची

मध्यप्रदेश कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सत्ता संभालते ही धन का दुरुपयोग किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक मिनट के शपथ ग्रहण कार्यक्रम पर करोड़ों रुपये फूंक दिए गए। अगर मुख्यमंत्री चाहते तो राजभवन में यह कार्यक्रम आयोजित कर फिजूलखर्ची रोक सकते थे। मप्र कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता मानक अग्रवाल ने कहा कि प्रदेशभर के दूरदराज के भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को सरकारी सुविधाओं से भोपाल लाने में करोड़ों रुपये खर्च किए गए। उन्होंने कहा कि भेल के जंबूरी मैदान में भी दो दिन में साज-सज्जा पर ही लाखों रुपये व्यय कर दिए। अग्रवाल ने राजभवन से हटकर अन्य स्थान पर शपथ ग्रहण करने की परंपरा को भाजपा के दिमाग की उपज बताते हुए कहा कि यदि राजभवन में यह कार्यक्रम आयोजित होता तो इस फिजूलखर्ची से बचा जा सकता था।

अशोक गहलोत ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ

अशोक गहलोत ने पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच आज राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राजभवन में आयोजित सादे समारोह में सुबह करीब सवा नौ बजे "सोनिया गांधी जिंदाबाद", "अशोक नहीं है आंधी है, राजस्थान का गांधी है" के नारों के बीच राज्यपाल एस. के. सिंह ने गहलोत को राज्य के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज अकेले ही शपथ ली। उनके साथ फिलहाल कोई मंत्री ने शपथ नहीं ली। मंत्रिमण्डल के गठन के बारे में गहलोत का कहना है कि इस बारे में जल्दी ही फैसला कर लिया जाएगा। यह दूसरा मौका है जब गहलोत ने राज्य के मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली है। इससे पूर्व वह 1998 से 2003 तक मुख्यमंत्री रहे थे। गहलोत ने आज अकेले ही शपथ ग्रहण की। मंत्रिमण्डल का गठन बाद में किया जाएगा। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद गहलोत ने पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच आकर उनसे मुलाकात की। पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों में भारी उत्साह देखा गया। सूत्रों के अनुसार गहलोत आज दिल्ली के लिए रवाना हो सकते हैं। गहलोत के शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत कई दिग्गज उपस्थित थे। इस मौके पर प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी मुकुल वासनिक, पूर्व उपराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सी.पी. जोशी के अलावा प्रशासन के आला अफसर भी मौजूद थे। इसके अलावा वसुंधरा केबिनेट के कई मंत्री भी समारोह में शामिल हुए। राजभवन में आयोजित सादे समारोह में पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सैलाब उमड पडा।

चितोडगढ चेयरमेन पद का मामला शीघ्र हल होगा

राजस्थान राज्य में कांग्रेस की सरकार के सत्ता में आने एवं चित्तौड़गढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी के निर्वाचित होने के बाद चित्तौड़गढ़ नगरपालिका के चेयरमेन को लेकर चल रहा मामला भी शीघ ही सुलटने की संभावना है।भाजपा सरकार द्वारा गत दिनो पार्षद सुरेश झंवर को कार्यवाहक चेयरमेन बनाए जाने पर गत 19 जून को नगरपालिका मण्डल की बैठक अध्यक्ष की शक्तियों आदि के लिए बुलाई गई थी। झंवर ने गत 24 मई को कार्यभार ग्रहण किया था एवं कार्यभार की अवधि 23 जून तक थी, तथा इससे पूर्व झंवर को पालिका बोर्ड की बैठक बुलानी थी।यह बैठक बुलाए जाने पर कांग्रेस की और से न्यायालय में इस बैठक को ही चुनौती देते हुए याचिका दायर की गई, जिस पर न्यायालय ने 19 जून को हुई इस बैठक में लिए गए प्रस्ताव की फैसला मूलवाद क्रियान्वति नही करने का आदेश जारी कर दिया। इधर, इस आदेश के खिलाफ नगरपालिका की और से उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई, जो कि अभी भी विचाराधीन होने से गत 6 माह से बोर्ड की बैठक आयोजित नही हो पा रही है।राज्य में अब कांग्रेस की सरकार आ जाने से यह माना जा रहा है कि शीघ ही यह मामला सुलझ सकता है, हालांकि कुछ जानकारों का यह भी कहना है कि यह मामला उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन होने की वजह से जब तक उच्च न्यायालय में प्रस्तुत याचिका पुनः नही ले ली जाती है, तब तक बैठक बुलाना कानूनी दृष्टि से संभव नही है, हालांकि निर्वाचन विभाग द्वारा विधानसभा चुनाव से पूर्व पालिकाध्यक्ष के उप चुनाव के लिए तारीख की घोषणा भी कर दी गई थी, लेकिन बाद में यह उप चुनाव स्थगित कर दिए गए।नगरपालिका बोर्ड की बैठक बुलाए जाने की मांग को लेकर कांग्रेस नेता सुरेन्द्र ंिसंह जाड़ावत के नेतृत्व में कार्यकर्ता एक माह से भी अधिक समय तक धरना दे चुके है, एवं अब जब की जाड़ावत यहां से विधायक के रुप में निर्वाचित हो चुके है, यह माना जा रहा है कि शीघ ही यह मामला सुलझ सकता है, जिसकी संभावना भाजपा को भी दिखाई दे रही है, लेकिन भाजपा सूत्रो के अनुसार, अब भाजपा अपनी और से चेयरमेन के लिए किसी को न तो मैदान में उतारेगी, और मौजूदा बोर्ड का कार्यकाल मात्र 8-10 माह का ही रह जाने से चेयरमेन के लिए यदि उप चुनाव होता है तो वह अपना प्रत्याशी उतारने के स्थान पर अन्य रणनीति पर विचार विमर्श कर सकती है।

शिवराज ने संभाली मध्यप्रदेश की कमान

मध्यप्रदेश के 13वें विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को ऐतिहासिक विजय दिलाने वाले शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की।राज्यपाल डा बलराम जाखड ने जम्बूरी मैदान पर आयोजित भव्य समारोह में करीब चार बजकर 45 मिनट पर चौहान को पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी । राज्य में यह पहला अवसर है कि जब भाजपा ने लगातार दूसरी बार सत्ता हासिल की है ।इस मौके पर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, जसवंत सिंह, डा. मुरली मनोहर जोशी, पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह, पूर्व अध्यक्ष वेंकैया नायडू , महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी अनंत कुमार, महासचिव थावरचंद गहलोत, रविशंकर प्रसाद, सचिव प्रभात झा, अनेक केंद्रीय नेता, प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, पूर्व मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा, कैलाश जोशी, सांसद, विधायक और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे । मंच पर बड़ी संख्या में विभिन्न धर्मों के साधु-संत भी विराजमान थे।राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन द्वारा शासित उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खण्डूरी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी उपस्थित थे। चौहान ने शपथ लेने के पूर्व वरिष्ठ नेताओं का आर्शीवाद लिया।इसके अलावा राज्य भर से आये हजारों कार्यकर्ताओं का हुजूम विशेष रूप से बनाये गये पांडाल और आसपास के मैदान में उपस्थित था । चौहान समेत वरिष्ठ पार्टी नेता पुष्पों से सजे भव्य मंच पर विराजमान थे।चौहान के शपथ ग्रहण करते ही मैदान भाजपा कार्यकर्ताओं के नारों और हर्ष ध्वनि से आसमान गूंज उठा। भगवा रंग में रंगे वातावरण में कार्यकर्ताओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। मैदान में मौजूद कुछ कार्यकर्ताओं कुर्सियां उठाकर फेंकना शुरू कर दिया। कुछ उत्साही कार्यकर्ता अतिविशिष्ट व्यक्तियों की दीर्घा में घुस गये । ऐसे उत्पातियों को नियंत्रित करने में पुलिस को काफी मशक्कत करना पड़ी।चौहान ने आज अकेले ही शपथ ग्रहण की। मंत्रिमंडल का गठन शीघ किया जाएगा।राज्य के संसदीय इतिहास में यह पहली बार हुआ, जब गैर कांग्रेसी सरकार लगातार दूसरी बार सत्ता में आयी है । यह भी एक कीर्तिमान है कि राज्य में पहली बार किसी गैर कांग्रेसी सरकार ने पूरे पांच वर्ष तक शासन चलाया।

टेण्डर वोट करेगे सीपी जोशी के भाग्य का फैसला

विधानसभा चुनाव की मतगणना के दौरान गणना सं वंचित रहे 10 टेण्डर वोट भाजपा प्रत्याशी कल्याण सिंह चौहान से मात्र एक वोट से परास्त हुए कांग्रेस प्रत्याशी डॉ.सी.पी. जोशी की किस्मत बदल सकेंगे। इस तरह की चर्चा को लेकर नगर एवं क्षेत्र में दिन भर राजनीतिक सरगर्मियां बनी रहीं जिसके चलते अलग-अलग कयास लगते रहें।4 दिस. को विधानसभा चुनाव के मतदान के दौरान नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र में 10 लोग फर्जी मतदान कर गये बाद में मूल मतदाता(असली) मताधिकार के लिये पोलिंग बूथ पर पहुंचे तो उन्हें पता चला कि हमारे वोट अन्य कोई लोग डाल गये। तत्पश्चात असली मतदाताओं ने रिटर्निंग अधिकारी को अपने-अपने पहचान पत्र दिखा कर मताधिकार का उपयोग करने का आग्रह किया, जिस पर रिटर्निंग अधिकारी ने संतुष्ट होकर असल मतदाताओं को वोट डालने की हरि झण्डी प्रदान कर दी बाद में उक्त मतदाताओं ने टेंडर वोट की प्रक्रिया के तहत मताधिकार का उपयोग किया। तत्पश्चात रिटर्निंग अधिकारी ने टेंडर वोटों को सील कर रख दिया।मतदान के पश्चात 8 दिस. को मतगणना हुई जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. सी.पी. जोशी को 62093 मत तथा भाजपा प्रत्याशी कल्याण सिंह चौहान को 61999 मत (ई.वी.एम.में पड़े मतों में से) प्राप्त हुए, 501 डाक मतपत्र में से 122 जोशी को तथा 217 चौहान को मिले जबकि 158 मतपत्र रद्द हुए। ई.वी.एम एवं डाकमत पत्रों की सम्पूर्ण गणना के बाद भाजपा प्रत्याशी कल्याण सिंह चौहान की एक मत से विजयी होने की अधिकृत घोषणा हुई।कांग्रेस के दिग्गज नेता सी.पी.जोशी की मात्र एक वोट से हार की खबर मिलते ही कांग्रेस खेमे के साथ-साथ भाजपा खेमे में हलचल शुरू हो गयी वहीं दिल्ली के राजनीति के गलीयारों में चर्चा का विषय बन गया साथ ही चौहान व जोशी के बीच एक वोट के अन्तर के फैसले पर एकाएक जनता को सहज विश्वास नहीं हो सका।इस बीच राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के समीकरण बनने लगे तो एक वोट से हारने के बावजूद भी डॉ. जोशी का नाम मुख्यमंत्री की रैस में शुमार हो गया। लेकिन हार तो हार ही होती है। इस परिस्थिति में जोशी की दावेदारी कमजोर साबित होने लगी तो मारवाड़ के गांधी माने जाने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री का ताज नसीब हो गया।इस बीच राजनैतिक पण्डितों का मानना है कि अगर वोट का कमाल कमल (भाजपा) के पक्ष में नहीं होता तो मेवाड़ में कांग्रेस को मिली अभूतपूर्व सफलता (20सीटे) के बलबूते सी.पी. जोशी की मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पुख्ता होती और नाथद्वारा का लाल प्रदेश का नेतृत्व निश्चित रूप से कर पाता।इस सम्बन्ध में जोशी ने बताया कि लिफाफे में बंद 10 टेंडर वोटो की गिनती के लिये हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। जोशी ने कहा कि वो आगामी एक या दो दिन में नाथद्वारा आ रहे है। ज्ञात रहें कि टेंडर वोट खुलवाने के लिये सम्बन्धित व्यक्ति को हाईकोर्ट में याचिका दायर करना आवश्यक है।भाजपा के विजयी प्रत्याशी कल्याण सिंह चौहान से दूरभाष पर सम्पर्क किया जिस पर चौहान ने बताया कि मतदान केन्द्र पर सभी प्रत्याशियों के दल के पोलिंग एजेन्ट तैनात रहते है। अगर किसी भी व्यक्ति द्वारा गलत वोट डाला जाता है तो एजेन्ट की जिम्मेदारी होती है साथ ही मतदाता सूची में भी सम्बन्धित मतदाता का फोटो अंकित होता है। बहरहाल टेंडर वोट को खुलवाने को लेकर सी.पी.जोशी द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर करने के निर्णय के चलते नाथद्वारा ही नहीं बल्कि प्रदेश में राजनैतिक सरगर्मियां पैदा हो गयी है जिससे यह कयास लगाये जा रहें है कि लिफाफे में बंद टेंडर वोट चौहान या जोशी के भाग्य का फैसला करेंगे। टेंडर वोट को लेकर कांग्रेस खेमें में उम्मीद बंधती नजर आ रहीं है वहीं भाजपा खेमे में हलचल शुरू हो गयी है।

Thursday, December 11, 2008

कांग्रेस सरकार 100 दिन में जनता को बता देगी अपना असली चेहरा : राठौड

आमेट-कुंभलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहां कि राज्य में नई सरकार का गठन होने जा रहा है, इसकी सत्ता के कामकाज को 100 दिन तक परखेंगे, इसके बाद जन समस्याओं के निवारण की दिशा में कोई काम नहीं हुआ, निर्माण विकास के कार्य रूके रहें या किसी राजकीय अधिकारी-कर्मचारी या पार्टी कार्यकर्ता को राजनैतिक द्वेषता से परेशान किया तो भाजपा के कार्यकर्ता और समर्थक सत्तापक्ष के खिलाफ आंदोलन के जरिए जनहित के मुद्दों पर जन संघर्ष करने को तैयार है।यह विचार राठौड़ ने गुरूवार को अपने आगरिया स्थित आवास पर कार्यकर्ताओं से बातचीत के दौरान व्यक्त किए। राठौड़ ने कहा कि भाजपा पूरे कुम्भलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 5 वर्ष तक सक्रिय बनी रहेगी और जहां भी अन्याय या उपेक्षा नजर आएगी, वहीं सरकार का विरोध किया जायेगा।

अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने पर खुश कार्यकर्ताओं ने की आतिशबाजी

मुख्यमंत्री पद के लिए अशोक गहलोत के नाम की घोषणा होने पर गुरूवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने यहां सूरजपोल चौराहे पर आतिशबाजी कर खुशी का इजहार किया।लम्बी जद्दोजहद के बाद गुरूवार देर शाम जैसे ही मुख्यमंत्री पद के लिए अशोक गहलोत के नाम की घोषणा हुई, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे को बधाई देते हुए इस घोषणा का स्वागत किया।इसके पश्चात् कार्यकर्ता सूरजपोल चौराहे पर एकत्रित हुए, यहां देहात प्रवक्ता कौशल नागदा के नेतृत्व में आतिशबाजी व गहलोत व सोनिया गांधी के समर्थन में नारेबाजी करते हुए कार्यकर्ताओं ने गहलोत के मुख्यमंत्री बनने पर जश्न मनाया। इस दौरान देहात जिला महामंत्री प्रफूल सिंयाल, शहर जिला उपाध्यक्ष चन्द्रसिंह कोठारी, महामंत्री भरत आमेटा, रोशनलाल साहू, सत्यनारायण मगरोरा, सुखलाल साहु, भगवती लाल साहू, दिनेश दवे, भूपेन्द्र सिंह, चेतन मेनारिया सहित कई कांग्रेस पदाधिकारी कार्यकर्ता उपस्थित थे।इसी क्रम में आज आसपास के ग्रामीण क्षैत्रों में भी कार्यकर्ताओं ने गहलोत के मुख्यमंत्री बनने पर आतिशबाजी कर खुशी जाहिर की। इसी क्रम में मण्डी क्षेत्र में पंकज शर्मा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी व मिठाई वितरित कर जश्न मनाया।

आखिर अशोक को ही बनना था मुख्यमंत्री

राजस्थान के मुख्यमंत्री को लेकर पिछले कुछ दिनों से चल रहे विवाद का पटाक्षेप हो गया है। अशोक गहलोत राजस्थान के नए मुख्यमंत्री होंगे। राजस्थान कांग्रेस के विधायक दल ने सर्वसम्मति से यह फैसला किया है। गहलोत दूसरी बार प्रदेश की कमान संभालेंगे ।विधायक दल की बैठक में नेता पद के चयन के लिये विधायकों की राय लेने के बाद इस आशय की घोषणा की गई। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर केन्द्रीय पर्यवेक्षक दल के प्रमुख तथा महामंत्री दिग्विजय सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में इस आशय की घोषणा की । उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष डा. सी.पी. जोशी तथा प्रदेश प्रभारी भी उपस्थित थे ।सिंह ने कहा कि नेता के चयन का अधिकार कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को सौंपने के बारे में प्रस्ताव पारित किया गया था । इस बारे में श्रीमती गांधी ने कहा कि विधायकों की राय लेकर नेता का नाम घोषित कर दें । विधायकों ने गहलोत के पक्ष में राय दी हैं, लिहाजा विधायक दल के नेता गहलोत होंगे। बैठक में इससे पहले नेता पद के चयन के लिये श्रीमती सोनिया गांधी को अधिकार देने के सम्बंध में प्रस्ताव पारित किया गया । बाद में लोकतांत्रिक तरीका अपनाते हुये विधायकों की राय ली गई।इससे पूर्व कांग्रेस के विधायकों ने आज यहां विधायक दल के नेता के चयन का अधिकार पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया।पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह और अन्य केन्द्रीय पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में अपराह्न लगभग तीन बजे आयोजित कांग्रेस विधायक दल की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित किया गया।पिछली विधानसभा में विपक्ष के नेता हेमाराम चौधरी ने यह प्रस्ताव रखा, जिसका अन्य विधायकों ने समर्थन किया। प्रस्ताव में कहा गया है कि कांग्रेस विधायक दल की यह बैठक विधायक दल के नेता के चयन का अधिकार सर्वसम्मति से श्रीमती गांधी को सौंपती है। पारित प्रस्ताव के अनुसार श्रीमती गांधी जिसे विधायक दल का नेता घोषित करेंगी, वह सर्वमान्य होगा।कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पारित एक अन्य प्रस्ताव में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने के लिए राजस्थान की जनता का आभार व्यक्त किया गया। कांग्रेस ने विश्वास दिलाया है कि वह लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था को मजबूत करते हुए जनहित के कार्य करेगी।एक अन्य प्रस्ताव में कांग्रेस को मिले जनादेश के लिए श्रीमती गांधी महासचिव राहुल गांधी और प्रधान मंत्री डा. मनमोहन सिंह के कुशल मार्गदर्शन के प्रति विधायक दल ने आभार व्यक्त किया।बैठक में केन्द्रीय पर्यवेक्षक के रूप में राष्ट्रीय महासिचव र्दिग्विजय सिंह और मुकुल वासनिक, मधुसूदन मिस्त्री, चौधरी वीरेन्द्र सिंह तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. सी पी जोशी उपस्थित थे । इस दौरान प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के बाहर काफी संख्या में उपस्थित पार्टी कार्यकर्ता अपने-अपने नेताओं के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे।इससे पहले दिग्विजय सिंह तथा अन्य पर्यवेक्षकों ने खासा कोठी में कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों से मुलाकात की । दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता परसराम मदेरणा और केन्द्रीय खानमंत्री शीशराम ओला से भी भेंट की।

डॉ सीपी जोशी पर आलाकमान की नजरे इनायत है, मुख्यमंत्री बनाना तय

सीएम पद को लेकर जारी खींच-तान के बीच आज कांग्रेस के विधायक दल की बैठक शुरू हो गई है। बैठक में 12वीं विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता हेमाराम चौधरी ने विधायक दल के नेता के चयन का फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोडे जाने का प्रस्ताव रखा है। पार्टी आलाकमान की खासी सहानुभूति मात्र एक वोट से चुनाव हारे सीपी जोशी के साथ है। प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद गांधी परिवार में खासकर राहुल गांधी के साथ सीपी जोशी की निकटता बढी है। इस बीच प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सी. पी. जोशी ने कहा कि कांग्रेस का निष्ठावान कार्यकर्ता ही राजस्थान का मुख्यमंत्री होगा। केन्द्रीय पर्यवेक्षकों दिग्विजय सिंह, अविनाश पांडे और मधुसूदन मिस्त्री को लेने एयरपोर्ट पहुंचे जोशी ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि आज की बैठक में मुख्यमंत्री के नाम का ऎलान किए जाने की संभावना है। किसान मुख्यमंत्री के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का फैसला आलाकमान को करना है और उनका निर्णय सभी को मान्य होगा। जाटों के प्रमुख नेता परसराम मदेरणा भी उनके पक्ष में दिखाई दे रहे हैं। इस गठजोड के बाद सीपी को करीब 53 विधायकों का समर्थन मिल रहा है। विधायक दल के नेता के चयन के लिए जयपुर आए केन्द्रीय पर्यवेक्षकों ने विधायकों की रायशुमारी लेनी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि आज की बैठक में भावी मुख्यमंत्री का ऎलान भी कर दिया जाएगा। बैठक में विधायक अपने नेता का नाम सुझाएंगे। जिसके बाद पर्यवेक्षक उस नाम को आलाकमान के पास प्रेषित करेंगे और उनमें से किसी एक पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी। बैठक में केन्द्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर मधुसूदन मिस्त्री और दिग्विजय सिंह मौजूद हैं। इसके साथ मुकुल वासनिक भी भाग ले रहे हैं। राजस्थान में मुख्यमंत्री को लेकर घमासान से कांग्रेस आलाकमान खासा नाराज है। बताया जा रहा है कि सीएम के लिए कांग्रेस में हो रही लॉबिंग पर पार्टी आलाकमान ने नाराजगी जताई है। कांग्रेस मुख्यमंत्री के नाम पर सर्वसम्मति बनाने के प्रयास कर रही है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि यदि मुख्यमंत्री के नाम पर सर्वसम्मति नहीं बन पाई तो ऎसी स्थिति में कांग्रेस में शक्ति परीक्षण भी कराया जा सकता है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव में सबसे बडे दल के रूप में उभरी कांग्रेस पार्टी में अब विधायक दल के नेता पद के लिए शक्ति प्रदर्शन और खींचतान खुलकर सामने आ रही है। बंद कमरों में बैठकों का दौर जारी है। वहीं, आलाकमान प्रदेश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी के मद्देनजर जातिगत समीकरण के हिसाब से मुख्यमंत्री बनाने का मानस बना रही है। पहले किसान मुख्यमंत्री मुद्दे की हवा निकल जाने के बाद अब ये नेता जाट व ब्राह्मण गठजोड बनाकर आलाकमान पर दबाव बना रहे है। वहीं अशोक गहलोत के समर्थक लगातार अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। नेता के चयन के लिए गुरूवार दोपहर बाद प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में बैठक होने जा रही है। जानकारी के अनुसार, अब कांग्रेस के विजयी विधायक, बागी और समर्थन देने वाले निर्दलीय तीन अलग-अलग खेमों में बंट गए हैं। इन तीनों खेमों की ओर से शक्ति प्रदर्शन करने और विधायकों को अपनी ओर मिलाने की कार्यवाही शुरू हो गई है। एक खेमा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का है। दूसरा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी व तीसरा खेमा केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला और महिला आयोग अध्यक्ष गिरिजा व्यास का है। राज्य में मुख्यमंत्री बनाने के लिए इस बार जातिगत समीकरण पर निगाह रखी जा रही है। ब्राह्मण नेता सीपी जोशी व गिरिजा व्यास को जाट नेताओं की ओर से मिल रहे समर्थन को देखते हुए आलाकमान लोकसभा चुनाव में जाट व ब्राह्मण गठजोड के मुख्यमंत्री का दांव खेल सकता है।

Wednesday, December 10, 2008

जातिवाद से समाज टूटता है : अशोक गहलोत

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज यहां कहा कि जातिवाद का खतरा साम्प्रदायिकता की तरह खतरनाक है।जाति विशेष के व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाने की मांग के बारे में पूछे प्रश्न पर गहलोत ने कहा कि कांग्रेस को सभी जातियों ने जिताया है लिहाजा इस तरह की बातें समाज को तोड़ने का काम करती है जबकि आज सबसे ज्यादा जरूरत सौहार्द बनाये रखने की है।गहलोत ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कांग्रेस ने कभी भी जातिवाद को बढ़ावा नहीं दिया अलबत्ता उन छोटी जातियों अल्पसंख्यकों को संरक्षण देकर उनका वाजिब हक दिलाने का प्रयास किया है।गहलोत ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने भी जातिवाद को बढ़ावा दिया लेकिन कांग्रेस सरकार बनते ही सौहार्द का वातावरण बनने लगेगा।इधर गहलोत के सरकारी निवास पर कांग्रेस तथा निर्दलीय विधायकों के आने का सिलसिला दिन भर चलता रहा। 'छत्तीस कौम का नारा है गहलोत हमारा है' नारे के बीच आज आठ जाट विधायकों ने भी गहलोत से मुलाकात करने के बाद जातीय आधार पर मुख्यमंत्री बनाने की मांग को गलत बताया।आठ जाट विधायकों में रामलाल जाट, मंगलाराम, रूपाराम डूडी, रीटा चौधरी, नाथूराम सनोदिया, दिलीप चौधरी, गंगाजल मील तथा महेन्द्र चौधरी शामिल है।

गुलाबचंद कटारिया ने डूबा दी वसुंधरा और ओम माथुर की लुटिया

मेवाड़ में भाजपा की जिस तरह दुर्गति हुई है उससे साफ जाहिर है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर को मात देने के लिए विरोधियों ने पार्टी की बलि दे दी।मेवाड़ में जहां पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया की चली वहां पर तो पूरी तरह भाजपा का सफाया करवा दिया। सिवाय अपनी सीट बचाने के अलावा शेष जगह पर भाजपा का भट्टा बिठवाकर वसुंधरा व माथुर विरोधी यही चाहते है कि चाहे इस बार सरकार चली जाए लेकिन दोनों नेताओं का भी इसी बहाने पत्ता साफ हो जाए। भाजपा के शीर्ष नेता राजस्थान में हार का कारण टिकटों के गलत बंटवारे को मान रहे है। इसका तात्पर्य यही है कि टिकटों के बंटवारे में वसुंधरा एवं माथुर विरोधी नेता पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत, पूर्व मंत्री ललित किशोर चतुर्वेदी, कैलाश मेघवाल, गुलाबचंद कटारिया आदि की बिल्कुल नहीं चली।अपने समर्थकों को टिकट नहीं मिलने के कारण वसुंधरा व माथुर विरोधी नेता काफी नाराज थे। अगर वसुंधरा की चलती तो कटारिया का भी टिकट कटवा देती। असंतुष्ट नेताओं ने भी इसी वजह से वसुंधरा को सबक सिखाने की ठान ली और अपनी सीट के अलावा कहीं और ध्यान भी नहीं दिया। इसके अलावा वसुंधरा व माथुर के पसंदीदा प्रत्याशियों को भीतरघात कर हरवा दिया। टिकटों के बंटवारे में तो पूरी तरह माथुर की भी नहीं चली है लेकिन प्रदेशाध्यक्ष के नाते उनके सामने मुख्यमंत्री की जिद मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। इस लिहाज से माथुर भी वसुंधरा की प्रदेश से विदाई चाहते हैं लेकिन पार्टी की कीमत पर नहीं।मेवाड़ में कटारिया अपनी सीट के अलावा बड़ी सादड़ी को छोड़कर कहीं चुनाव प्रचार के लिए नहीं गए। सारी ताकत व पैसा उदयपुर शहर में ही झोंका गया। झाड़ोल की सीट कांग्रेस का बागी उम्मीदवार मैदान में होने से तथा भाजपा देहात जिलाध्यक्ष गुणवंत सिंह झाला की मेहनत के कारण मिली। सांसद महावीर भगोरा ने भी झाड़ोल में मेहनत की। राजसमंद की सीट महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद किरण माहेश्वरी के कारण मिली। कुंभलगढ़ के प्रत्याशी सुरेन्द्र सिंह राठौड़ मुख्यमंत्री के नजदीकी होने के कारण उनके विरूद्ध बागी लोगों को खुलेआम मैदान में उतार दिया और अंत में कांग्रेस को वोट डलवाए। हालांकि बागी प्रत्याशी की कुंभलगढ़ में जमानत जब्त हुई लेकिन कटारिया समर्थक अपने मकसद में कामयाब हो गए।प्रतापगढ़ में नंदलाल मीणा की व्यक्तिगत छवि के कारण सीट भाजपा को मिली।धरियावद और उदयपुर ग्रामीण की सीटों से आखिर में कटारिया समर्थकों ने हाथ खींच लिए जिसके कारण जीती हुई सीटें गंवानी पड़ी। आदिवासी अंचल में भाजपा का प्रचार तो भगवान भरोसे चल रहा था।आदिवासी क्षेत्र की सीटों पर प्रचार की कोई रणनीति जानबूझ कर नहीं बनाई गई। जो व्यक्ति प्रचार में उपयोगी साबित हो सकते थे उनकी जानबूझकर उपेक्षा की गई। अनुसूचित जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष चुन्नीलाल गरासिया उदयपुर ग्रामीण की सीट निकाल सकते थे उन्हें टिकट से वंचित किया गया। उन्हें प्रचार का कोई जिम्मा नहीं दिया । वैसे भी भाजपा के बड़े नेता नहीं चाहते थे कि कोई आदिवासी नेता पार्टी में अपना कद बढ़ाए जिससे उनकी पूछ खत्म हो जाए।आदिवासी अंचल में पार्टी को मुट्ठी में रखने के लिए किसी आदिवासी नेता को ऊ पर उठने नहीं दिया। कांग्रेस में रघुवीर मीणा, ताराचंद भगोरा, महेन्द्रजीत सिंह मालवीय जैसे नेता है। भाजपा के बड़े नेता अपने आदिवासी नेताओं को संसाधनों एवं वर्चस्व की दृष्टि से मोहताज रखना चाहते है। आदिवासी अंचल में भाजपा के प्रभावी नेताओं की इसी मानसिकता के चलते ही पार्टी का सफाया हुआ है।मावली विधानसभा से मेवाड़ के दिग्गज धर्मनारायण जोशी को कटारिया व शेखावत गुट ने भीतरघात करके हरवा दिया। कटारिया गुट के मांगीलाल जोशी व शेखावत गुट के शांतिलाल चपलोत ने पहले ही इतना बड़ा बखेड़ा खड़ा कर दिया कि उसे संभालने में धर्मनारायण की आधी उर्जा समाप्त हो गई। बची हुई कसर कटारिया व चपलोत समर्थकों ने भीतरघात कर पूरी कर दी। कहा तो यह भी जा रहा है कि कटारिया समर्थकों ने कुछ मतदान बूथ पर रहने वाले कार्यकर्ताओं को राशि देकर धर्मनारायण के खिलाफ काम करने की सुपारी दी।कायदे से धर्मनारायण जोशी का दावा राजसमंद से था वहां से उन्हें टिकट दिया जाता तो जोशी जरूर जीतते। मावली में उन्हें पहले से ही अंदेशा था भीतरघात का। वही हुआ। मावली से चपलोत को भी टिकट दे दिया जाता तो चपलोत शायद सीट निकाल लेते। धर्मनारायण के साथ भीतरघात और विश्वासघात दोनों हुआ। इसका श्रेय कटारिया को जाता है।सलूम्बर में भाजपा का जीतना तय नहीं था लेकिन भीतरघात के कारण कांग्रेस की लीड बढ़ गई। खैरवाड़ा में भाजपा की हार के जो कारण नजर आ रहे थे भाजपा ने उन पर विचार करने के बजाय नानालाल अहारी के चुनाव संयोजक व संचालक ऐसे व्यक्तियों को बनाया जिनसे ऋषभदेव मंदिर प्रकरण में आदिवासियों की नाराजगी थी। दयाराम परमार को बिना मेहनत के सीट मिल गई।गोगुन्दा में कांग्रेस के प्रत्याशी मांगीलाल गरासिया के समर्थन में कांग्रेस देहात अध्यक्ष लालसिंह झाला लगे हुए थे। गोगुन्दा में कांग्रेस का बागी होने के बावजूद भाजपा कोई तीर नहीं मार सकी। गोगुंदा में भाजपा को जिताने में कौन बड़ा नेता लगा ? सांसद महावीर भगोरा को भी विशेष तरजीह नहीं दी गई। भगोरा किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहते। उन्हें भी लोकसभा चुनाव लड़ना है।वल्लभनगर में तो रणधीर सिंह भीण्डर को हरवाने के लिए आरएसएस व कटारिया समर्थकों ने खुला ऐलान करवा दिया था । ऐसे में महाराज साहब को वापस महलों में जाना ही था। वल्लभनगर में रणधीर भी अति आत्मविश्वास में रहे या उन्हें भी विरोधियों के मंसूबों के चलते हार का अंदेशा हो गया था। रणधीर की गलती की सजा उन्हें भी दी गई और वसुंधरा को भी परोक्ष रूप से मिली।कहा तो यह भी जा रहा है कि अगर वसुंधरा सत्ता में वापस लौटती तो अपने विरोधियों का पूरी तरह सफाया कर देती। शेखावत जैसों को अपने दामाद के प्रचार तक सीमित करने वाली वसुंधरा के लिए कटारिया को पद विहीन करना कोई मुश्किल काम नहीं होता। ऐसे में अगर सरकार आ भी जाती तो क्या कर लेते। जलालत से तो विपक्ष में बैठना ही उचित समझा।बांसवाड़ा में तो कटारिया के शिष्य पूर्व मंत्री भवानी जोशी भाजपा को धूल चटाने के लिए खुद नेतृत्व कर रहे थे। जोशी ने बागी प्रत्याशियों को समर्थन देकर पार्टी के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोला। जोशी अपने मिशन में कामयाब भी हुए। भवानी जोशी ने भाजपा की हार पर अपनी मुहर लगाते हुए कहा कि निष्ठावान कार्यकर्ताओं को टिकट नहीं देने से पार्टी हारी। जोशी की निगाह में निष्ठावान का अर्थ अपने स्वयं और अपने चहेतों से है। पार्टी के खिलाफ खुलकर चुनाव में उतरना और अधिकृत प्रत्याशी को हरवाना जोशी की `िनष्ठा' की परिभाषा में आता है।डूंगरपुर में भाजपा की स्थिति पहले से ही बदतर थी। वहां पर भी बागी लोगों ने भाजपा का सफाया करवा दिया। बागी लोगों पर समय रहते कोई कार्यवाही नहीं होने के कारण भी भाजपा की मेवाड़ में भारी हार हुई है।मेवाड़ में भाजपा का पत्ता साफ होने के साथ ही भाजपा में मेवाड़ के नेताओं का वजूद भी खतरे में पड़ गया है। पार्टी में भीतरघात कर पार्टी प्रत्याशियों को हराने का श्रेय लेने वाले नेताओं का पार्टी नेतृत्व और पार्टी के हारे हुए प्रत्याशी दोनों पूरा ख्याल रखेंगे। मेवाड़ का नेता होने का दम भरने वालों ने अपनी ही पार्टी का भट्टा बिठा दिया है। इस सूरत में इनके नेतृत्व पर भी प्रश्न चिह्न लग गया है।प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर ने इस चुनाव में न तो मुख्यमंत्री पद की दावेदारी की और न ही मुख्यमंत्री के खिलाफ ऐसा कोई कदम उठाया जो उनके पद की गरिमा के प्रतिकूल हो। ऐसे में वसुंधरा के प्रति असंतोष का लाभ पार्टी में नुकसान करने वाले विरोधियों की बजाय माथुर को मिलेगा। वसुंधरा को हराने के लिए विरोधी किसी भी हद तक चले गए लेकिन इसके लाभ की बजाय विरोधियों को इसका नुकसान ही होगा। लाभ मिलेगा तो कर्मठता से चुनाव अभियान में जुटने वाले प्रदेशाध्यक्ष ओम माथुर को मिलेगा। मेवाड़ की लाज तो किरण माहेश्वरी ने रखी है। इसलिए आने वाले समय में कटारिया से सताए सभी प्रत्याशी किरण के नेतृत्व में एकजुट हो सकते हैं।