Tuesday, December 9, 2008

कांग्रेस की जयपुर में हवा निकल गई

प्रदेश में कांग्रेस भले ही सरकार बनाने जा रही है लेकिन राजधानी में पार्टी की राजनीति गलत साबित हुई। तमाम सकारात्मक रुझानों के बावजूद कांग्रेस जयपुर शहर में महज दो सीटों तक ही सीमित होकर रह गई।राजधानी की विद्याधर नगर, सिविल लाइंस, हवामहल, किशनपोल, आदर्शनगर, झोटवाड़ा और मालवीय नगर जैसी सात सीटों में से पार्टी को महज हवामहल और सिविल लाइंस विधानसभा सीट पर ही जीत हासिल हुई। पार्टी ने इस बार दो अल्पसंख्यकों को चुनाव मैदान में उतारा लेकिन दोनों को ही हार का मुंह देखना पड़ा। आदर्शनगर से माहिर आजाद और किशनपोल से अश्क अली टाक को उतारने का पार्टी का दाव कारगर नहीं रहा। पार्टी स्तर पर भी अब माना जा रहा है कि यदि पार्टीश् ाहर में वैश्य समाज को प्रतिनिधित्व देती तो परिणाम कहीं बेहतर हो सकते थे। वैश्य समाज की नाराजगी का सर्वाधिक नुकसान पार्टी को किशनपोल, मालवीय नगर और विद्याधर नगर में उठाना पड़ा। जहां भाजपा को आसान जीत हासिल हुई। कांग्रेस को जिन दो सीटों पर जीत हासिल हुई है, उनमें भी हवामहल सीट पर बमुश्किल 580 मतों से जीत हासिल हुई। किशनपोल में अल्पसंख्यकों उम्मीदवार को उतारने पर कांग्रेस में खासा बवाल भी मचा लेकिन तमाम विरोध को दरकिनार कर मजबूत नेता महेश जोशी का टिकट काट कर अश्क अली टाक को दिया गया, जिन्हें हार का सामना करना पड़ा। वहीं आदर्श नगर जैसी मुस्लिम बहुल सीट पर भी पार्टी को जीत नसीब नहीं हो सकी। यहां से स्थानीय उम्मीदवार को उतारने की मांग की अनदेखी पार्टी को भारी पड़ गई। जहां मतदान प्रतिशत में इससे गिरावट आई, वहीं हिन्दू मतों में धुव्रीकरण भी हुआ, जिसका खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ा।

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