राजस्थान वसुन्धरा राजे सरकार में जल संसाधन राज्यमंत्री रहे कुम्भलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी सुरेन्द्रसिंह राठौड़ को जिन पदाधिकारियों पर नाज था, उन्हीं के गांव में उन्हें कम वोट मिलने के समाचार है।जानकारी अनुसार भाजपा प्रत्याशी राठौड़ को जिताने के लिये आमेट कुंभलगढ़ दोनों तहसीलों में कई भाजपा पदाधिकारी पूरे विधान सभा क्षेत्र में चुनाव-प्रचार की दौड़ में थे। उस समय उनके अपने ही गांवों में राठौड़ की लुटिया डूब रही थी। आलम यह रहा कि यह पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता अपने ही गांव से पार्टी को विजयश्री नहीं दिलवा सके।सरपंच रामालाल कुमावत के गांव सेलागुडा, उप प्रधान शांतिलाल हिरण के गृह क्षेत्र टीकर, नगर भाजपा (आमेट) अध्यक्ष धर्मचन्द्र खाब्या के नगर आमेट, कुंभलगढ़ प्रधान कमला जोशी के गांव रीछेड़, उप प्रधान निर्भय सिंह झाला के गांव जड़फा, भाजयुमो ब्लॉक अध्यक्ष प्रेमसुख शर्मा के गांव केलवाड़ा, भाजपा ब्लॉक महामंत्री बब्बरसिंह के गांव मोरचा, पूर्व जिला प्रमुख स्व. नरेन्द्रसिंह सोलंकी के गांव झीलवाड़ा, पंचायत राज प्रकोष्ठ जिला महामंत्री विकास दवे के गांव कसार, कुंभलगढ़ भाजपा ब्लॉक अध्यक्ष नाथूलाल गुर्जर के गांव चारभुजा आदि में राठौड को हार का सामना करना पड़ा। यही आलम कांग्रेस प्रत्याशी गण्ðाश सिंह परमार के समर्थन में आमेट तहसील क्षेत्र में नजर आया। पूर्व कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष रामसिंह राव व पार्टी की ओर से टिकिट के प्रबल दावेदार रहे दिलीप सिंह राव के गांव गुगली-आईड़ाणा, प्रदेश प्रतिनिधि गोपाल जोशी के गांव सरदारगढ़, ब्लॉक उपाध्यक्ष शंकरलाल कुमावत के गांव ढेलाणा, ठाकुर खुमाणसिंह के गांव आगरिया, आदि में कांग्रेस की लुटिया डूबती नजर आई। क्षेत्र के ग्रामीणों का अनुमान है कि कांग्रेस प्रत्याशी परमार की शानदार विजय आमेट तहसील क्षेत्र की बजाय केलवाड़ा तहसील क्षेत्र से हुई है।
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