Monday, December 15, 2008

कचरूलाल के उप जिला प्रमुख बनने की संभावना

कांग्रेस के उप जिला प्रमुख के विधायक बनने से उदयपुर जिला परिषद से इस्तीफा देने की स्थिति में प्रतिपक्ष नेता कचरूलाल चौधरी के उप जिला प्रमुख पद पर आसीन होने की संभावना प्रबल होती नजर आने लगी है।उप जिला प्रमुख पुष्कर लाल डांगी के विधानसभा चुनाव जीत कर विधायक बनने से उन्हें निर्धारित समय अवधि में जिला परिषद से इस्तीफा देकर उप जिला प्रमुख का पद छोड़ना पड़ेगा।डांगी द्वारा इस्तीफा देने के बाद होने वाले रिक्त पद को लेकर अभी से राजनैतिक सुगबुगाहट सुनाई देने लगी है।बात मौजूदा कांग्रेसी जिला परिषद सदस्यों के राजनैतिक कद एवं दबदबे की करें तो इस मामले में प्रतिपक्ष नेता कचरूलाल चौधरी सबसे भारी पड़ते नजर आ रहे है। चौधरी वहीं शख्स है जो वर्ष 2005 में जिला प्रमुख के चुनाव में महज एक वोट (गोटी से फैसला) से जिला प्रमुख पद पर आसीन होने से वंचित रह गए।उस दौरान कहने को जिला परिषद में कांग्रेस का स्पष्ट बहुमत था मगर जिला प्रमुख बनने की राह में रोड़ा अटकता देख कांग्रेस के ही केवल चन्द लबाना ने भाजपा का दामन थाम बगावत की राह पकड़ ली। उस कारण कांग्रेस को लबाना के सामने कचरूलाल चौधरी को मैदान में उतारना पड़ा। मगर इस पद के लिए जो वोट पड़े उसमें मामला बराबरी पर अटक गया। इस कारण गोटी निकाल प्रमुख पद के लिए फैसला करना पड़ा। इसमें भाग्य ने लबाना का साथ दिया और कचरूलाल प्रमुख बनने से वंचित रह गए। मगर एक बार फिर चौधरी का भाग्य प्रबल होता नजर आ रहा है तथा वे उप जिला प्रमुख पद के प्रबल दावेदार के रूप में कांग्रेस के सामने खड़े हैं। राजनैतिक जानकारों का भी मानना है कि आज की तारीख में कचरूलाल चौधरी ही उप प्रमुख के प्रबल दावेदार है। उनकी मजबूत दावेदारी क ðपीछे तर्क ये दिए जा सकते है कि जिला परिषद में प्रतिपक्ष नेता के रूप में सक्रिय भूमिका अदा करने के ही उन्होंने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस प्रत्याशियों (सलूम्बर व उदयपुर ग्रामीण विधानसभा सीट) को विजय दिलाने में अहम् भूमिका अदा की।इस मेहनत के बदले पार्टी उन्हें तोहफे के रूप में उप जिला प्रमुख पद पर काबिज कर सकती है। इसके अलावा बात जातिगत समीकरणों की करे तो पुष्कर डांगी ओबीसी वर्ग से है तथा कचरूलाल चौधरी भी ओबीसी वर्ग से है। ऐसेमें कहीं न कहीं जातिगत समीकरण भी चौधरी के पक्ष में बनते नजर आ रहे है।

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