Friday, December 19, 2008

निर्दलीय विधायकों की पौ बारह

गहलोत मंत्रिमंडल के गठन में विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने की प्राथमिकता के चलते निर्दलीय विधायकों की पौ बारह रही ।गहलोत मंत्रिमंडल में दो निर्दलीय विधायकों को केबीनेट, दो को राज्यमंत्री तथा तीन निर्दलीय विधायकों को संसदीय सचिव बनाया गया है । गहलोत सरकार को राज्यपाल ने एक माह के भीतर बहुमत सिद्ध करने के निर्देश दिये हे । कांग्रेस सरकार के पास बहुमत से पांच सदस्य कम है।केबीनेट मंत्री बनने वाले परसादी लाल मीणा पूर्व में गहलोत सरकार में मंत्री रह चुके है जबकि हरजीराम बुरडक को यह मौका पहली बार मिला है । इन दोनों ने कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय की हैसियत से चुनाव लड़ा था।राज्यमंत्री बनने वाले रामकिशोर सैनी तथा श्रीमती गोलमा देवी पहली बार विधायक चुने गये है । इसी तरह निर्दलीय विधायक ब्रह्मदेव कुमावत, नानालाल निनामा तथा दिलीप चौधरी को कांग्रेस सरकार को समर्थन देने के कारण संसदीय सचिव बनने का मौका मिला है।केबीनेट मंत्रियों की शपथ लेने वालों में कांग्रेस के एमामुद्दीन अहमद उर्फ दुर्रू मियां, भरतसिंह, बृजकिशोर शर्मा, महिपाल मदेरणा, महेन्द्रजीत मालवीय,पहली बार मंत्री बने है जबकि मास्टर भंवरलाल,बीना काक, हेमाराम चौधरी और शांति धारीवाल पूर्व में मंत्री रह चुके है1मंत्रिमंडल के गठन में आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति की झलक भी देखी जा रही है। इसी कारण जाट एवं मीणा तबके को प्राथमिकता दी गयी है। मंत्रिमंडल में एक अल्पसंख्यक वर्ग तथा दो महिलाओं को स्थान दिया गया है।

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