Sunday, January 31, 2010

महाराष्ट्र में जन्मे लोगों को ही दो नौकरी: राज ठाकरे

खुद को मराठियों का सबसे बड़ा हितैषी साबित करने में जुटे राज ठाकरे ने एक और शगूफा छोड़ा है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना(एमएनएस) के प्रमुख राज ने कहा कि महाराष्ट्र में नौकरी केवल उन्हीं लोगों को दो जो इस राज्य में जन्मे हैं। अपनी पार्टी की एक बैठक में राज ठाकरे ने कहा, 'मराठी भाषा बोलना, लिखना और पढ़ना आने से ही केवल काम नहीं चलेगा। मुंबई में उसे ही नौकरी दी जानी चाहिए जो इस राज्य में जन्मे हैं।' इसके साथ ही राज ने पार्टी के उन सदस्यों की आलोचना की, जिन्होंने पिछले सप्ताह उत्तर भारतीय टैक्सी ड्राइवरों को मराठी सिखाने के लिए किताबें बांटी थीं। उन्होंने कहा, 'आप खुद ही सोचिये आप किस प्रकार का विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आप से किसने कहा था मराठी की शिक्षा देने को।' गौरतलब है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की परिवहन इकाई ने पिछले सप्ताह मराठी भाषा सिखाने के लिए टैक्सी ड्राइवरों के बीच किताबें बांटते हुए उन्हें 40 दिन का समय दिया था और कहा था इस दौरान इस भाषा को सीखने में असफल रहने वालों का यहां से टिकट कटवा दिया जाएगा। राज ने कहा कि वह आगामी 13 फरवरी से राज्यभर का दौरा करेंगे। इस दौरे के बाद पार्टी के सदस्य बनाने का अभियान शुरू किया जाएगा।

शिवसेना, एमएनएस पर राहुल का हमला

बिहार में समय पूर्व चुनाव की संभावनाओं के बीच कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने जात-पात की और धर्म की राजनीति पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि युवा और महिलाएं देश का भविष्य हैं और यही बिहार में कांग्रेस को वापस लाएंगे। बिहार का दो दिन का दौरा शुरू करते हुए राहुल ने उत्तर प्रदेश की तरह यहां भी कांग्रेस की वापसी के लिए जोरदार अभियान शुरू कर दिया है। बिहार में सत्तारूढ़ जेडीयू में विभाजन के आसार के बीच राहुल का दौरा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए बड़ी चुनौती बन गया। दरभंगा में राहुल के कार्यक्रम में कुछ लोगों ने बाधा पहुंचाने की कोशिश की। ये लोग राहुल से महाराष्ट्र में बिहारियों के खिलाफ शिवसेना और एमएनएस की नफरत भरी मुहिम पर सवाल कर रहे थे। राहुल ने इसका जवाब देते हुए कहा कि जो लोग नफरत फैलाते हैं, वह नहीं जानते कि देश की एकता लोगों की एकता से जुड़ी हुई है।
राहुल ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि ठाकरे के लोग मुंबई से बिहारियों को भगा रहे हैं, लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि मुंबई में जब आतंकवादी हमला हुआ तो एनएसजी में शामिल बिहार, यूपी और पूरे देश के जवानों ने ही उन आतंकवादियों से लोहा लिया था। कांग्रेस का आरोप है कि राहुल के कार्यक्रम में गड़बड़ी फैलाने की कोशिश विपक्ष के लोगों ने की। राहुल ने यहां बोधगया में दलित युवाओं का सम्मेलन करके संकेत दिए कि वे कांग्रेस के पुराने जनाधार दलित, मुस्लिम और सवर्ण को वापस पार्टी की तरफ खींचने की कोशिश कर रहे हैं। बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि मुख्यमंत्री नीतिश कुमार 4-5 महीने पहले, अप्रैल-मई में चुनाव करवा सकते हैं। राहुल ने कांग्रेसियों को चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा। उन्होंने खास तौर से यूथ कांग्रेस के लोगों से कहा कि उन्हें बिहार में कांग्रेस को वापस लाने के लिए जनता के मुद्दों पर संघर्ष करना होगा। उन्होंने कांग्रेसियों को खुद को बदलने की और जनता से जोड़ने की बात कहते हुए कहा कि पार्टी भी खुद को बदल रही है। पहले जमीन पर काम करने वाले को टिकट नहीं मिल पाता था। उम्मीदवार पैराशूट से उतर जाते थे। जिसके रिश्तेदार होते थे वह पार्टी संगठन में पद और चुनाव में उम्मीदवारी पाने में कामयाब हो जाता था। उन्होंने कहा कि हमने यूथ कांग्रेस के संगठन के दरवाजे सामान्य युवा के लिए खोले और अब राजनीति से चुनाव लड़ने में भी उन्हें प्राथमिकता मिलेगी। राहुल ने साफ कहा कि जो काम करेगा, वह आगे जाएगा। यूथ कांग्रेस के इंचार्ज महासचिव राहुल गांधी ने कहा कि संगठन में मनोनयन पूरी तरह बंद किया जाएगा। संगठन के चुनाव पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से करवाए जा रहे हैं। राहुल ने दलित युवाओं से पूछा कि वे 40 साल से कम के 5 दलित नेताओं के नाम बताएं। कोई जवाब न मिलने पर राहुल ने कहा कि किसी भी पार्टी से कमजोर वर्ग के दलितों के युवाओं को आगे बढ़ने के मौके नहीं मिल रहे हैं। हम जात-पात और धर्म की राजनीति के खिलाफ हैं। लेकिन, समाज के जिस वर्ग को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है, उसे देने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल ने युवाओं से बिहार में कांग्रेस के कमजोर होने के कारण पूछे और कहा कि कमियों को दूर करके अब आगे बढ़ने का समय आ गया है।

दलबदलुओं के मामले में स्पीकर से मांगा जवाब

राजस्थान उच्च न्यायालय ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के दलबदलू विधायकों को कांग्रेस में शामिल करने के मामले में विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत से जवाब तलब किया है। न्यायाधीश एनके जैन एवं न्यायाधीश आर. एस. राठौड की खण्डपीठ ने श्रीकृष्ण की याचिका पर सोमवार को यह आदेश दिया।
मामले की सुनवाई के बाद न्यायालय ने शेखावत, सचिव एचआर कुडी, तीन मंत्रियों एवं तीन संसदीय सचिवों को रजिर्स्टड डाक से कारण बताओं नोटिस भेजने का आदेश दिया। इस आदेश से एक बार फिर विधायिका एवं न्यायपालिका में टकराव के हालात पैदा हो गए
याचिका में बसपा टिकट पर जीतकर आए छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल करने को असंवैधानिक बताते हुए चुनौती दी गई थी। इन विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने से कांग्रेस के विधानसभा में 102 सदस्य हो गए। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इन दल बदलुओं में से तीन को मंत्री और तीन को संसदीय सचिव बनाया गया। याचिका में उच्च न्यायालय की एकलपीठ के गत 18 दिसंबर के आदेश को चुनौती दी गई है।

पूर्व विधायक पर मामला दर्ज

बीकानेर। हनुमानगढ-जयपुर ट्रेन में गोली चलाकर रेलकर्मी की हत्या के प्रयास के आरोप में श्रीगंगानगर के पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह राठौड के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। राजकीय रेलवे पुलिस गिरफ्तारी के लिए राठौड की तलाश में जुटी हुई है। गौरतलब है कि रविवार रात लूणकरनसर व महाजन रेलवे स्टेशन के बीच हुई इस घटना में गोली लगने से घायल एसी कोच के अटेंडेंट जयपुर निवासी अशोक कुमार बैरवा का यहां पीबीएम अस्पताल में इलाज चल रहा है।
बैरवा ने सोमवार को रेलवे पुलिस को पर्चा बयान में बताया कि पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह राठौड की ट्रेन में सेना के एक जवान से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। इस दौरान वह बीच-बचाव के लिए उनके पास गया। तभी राठौड ने रिवॉल्वर निकाल कर गोली चला दी, जो उसके होठ को छूकर गाल को चीरते हुए निकल गई। गोली के छर्रे उसकी आंखों पर भी लगे। नेत्र अस्पताल में उसका इलाज कराया गया। उसके जबडे का ऑपरेशन भी किया गया है।
पुलिस के मुताबिक पूर्व विधायक राठौड के साथ महिला व एक अन्य व्यक्ति भी था। रेलवे पुलिस ने राठौड व उसके साथी के खिलाफ हत्या के प्रयास व आम्र्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
रेलकर्मी का ऑपरेशनबीकानेर। हनुमानगढ-जयपुर एक्सप्रेस में रविवार रात गोली लगने से घायल एसी अटैण्डेंट अशोक कुमार बैरवा की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है। पीबीएम अस्पताल में सोमवार शाम लगभग दो घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद उसके चेहरे से बुलेट की कैप को निकाल दिया गया। ऑपरेशन के दौरान छर्रे भी निकले हैं।

40 वर्ष बाद बना दूसरे गांव का सरपंच

रेलमगरा। ग्राम पंचायत के चुनावों में पिछले चालीस सालों से सादडी गांव सरपंच के रूप में गांव का स्थानीय निवासी ही चुनता आया है। इस ग्राम पंचायत में कारोलिया, मेणिया, भराई व बनजारों का खेडा गांव शामिल है।
पहली बार ऎसा मौका आया है कि सरपंच सादडी गांव का नहीं होकर मेणिया के भगवान लाल गमेती निर्वाचित हुआ है। कारोलिया के वार्ड संख्या10 से वार्डपंच गोपाललाल आमेटा को उपसरपंच चुना गया। ऎसे में लोगों में भारी खुशी का माहौल है। गिलूण्ड। गवारडी ग्राम पंचायत में सरपंच पद पर निर्वाचित हुए उदयराम भील का सोमवार को हर्षोल्लास से जुलूस निकाला गया। जुलूस में पृथ्वीराज वकील, अम्बालाल मेनारिया, भरत मेनारिया, पूर्व सरपंच शंकरलाल जाट आदि ने पटाखे छोडकर खुशी का इजहार किया।

भाजपा कैडरों का तीन साला ट्रेनिंग कार्यक्रम

इस बार के आम चुनाव में खराब प्रदर्शन का सामना करने वाली भाजपा ने अगले लोकसभा चुनावों से पहले अपने कार्यकर्ताओं को तीन साल की टे्रनिंग देने की योजना बनाई है।भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के राजनीतिक सलाहकार विनय सहस्त्रबुद्धे ने बताया, इस मुद्दे पर नीतिगत फैसला ठोस विवेचना के बाद लिया जाएगा। अभी कुछ भी निश्चित नहीं है, लेकिन भाजपा ही ऐसी पार्टी है जहां प्रशिक्षण विभाग है और कैडर से लेकर मंत्रियों तक को प्रशिक्षण दिया जाता है। महाराष्ट्र में प्रायोगिक आधार पर चले तीन साल के प्रशिक्षण कार्यक्रम को भाजपा अब पूरे देश में लागू करने की योजना बना रही है।सहस्त्रबुद्धे ने बताया, महाराष्ट्र में पार्टी के 17 चयनित नेताओं का २००७ से २००९ तक प्रायोगिक तौर पर रामभाऊ म्हाल्गी प्रोबोधिनी में प्रशिक्षित किया गया। अगर सब तैयार हों तो इस कार्यक्रम को संस्थागत बनाया जा सकता है। संघ के प्रभाव से अध्यक्ष बने गडकरी के नेतृत्व में भाजपा की योजना अपने नेताओं को प्रशिक्षण देने की है। विचारधारा और नीतिगत मुद्दों पर प्रशिक्षण का यह चलन संघ परिवार में आम है। उन्होंने कहा, ट्रेनिंग का लक्ष्य विचारधारा की स्पष्टता और नीतिगत मुद्दों पर जानकारी देना होगा। इसमें दूसरे दलों की नीतियों के बारे में बताया जाएगा, साथ ही कार्यकर्ताओं की जनसंबोधन और प्रचार क्षमताओं को बढ़ाने के साथ उनकी अन्य निपुणता को निखारा जाएगा।विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवर और प्रबंधन विशेषज्ञ भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देंगे। संघ के भी कुछ नेता इसमें प्रशिक्षक के तौर पर शरीक होंगे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि राजनीतिक समझ की बेहतर जानकारी के लिए इस ट्रेनिंग कार्यक्रम के लिए भाजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने भी 'हां' कह दी है। भाजपा ने पिछले छह साल में दो प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया जिसमें भाजपा शासित राज्यों के सभी मंत्रियों को प्रशिक्षण दिया गया था। संघ और पार्टी के शीर्ष नेताओं द्वारा नई पीढ़ी के नेताओं में विचारधारा के स्तर पर प्रतिबद्धता में कमी पाए जाने के बाद इस प्रशिक्षण की आवश्यकता महसूस की गई।गडकरी से पूर्व अध्यक्ष रहे राजनाथ सिंह ने भी हाल में वैचारिक प्रतिबद्धता को मजबूत करने पर काम किए जाने की जरूरत बताई थी। इसमें हिंदुत्ववादी विचारधारा को मजबूत किया जाना शामिल है। पिछले साल मई में लोकसभा चुनावों में लगातार दूसरी हार का सामना करने के बाद भाजपा आगे के सफर के लिए रास्ता तलाश रही है और २०१४ के चुनाव के लिए जमीन मजबूत करने की तैयारी कर रही है।

फाल्दू होंगे गुजरात भाजपा अध्यक्ष

जामनगर में कालावाड से तीन बार के विधायक आर सी फाल्दू का प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा है क्योंकि इस पद के लिए नामांकन भरने वाले वह एक मात्र व्यक्ति हैं। फाल्दू राज्य विधानसभा में सत्ताधारी भाजपा के मुख्य सचेतक हैं। उन्होंने आज गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा महासचिव गोपीनाथ मुंडे की उपस्थिति में राज्य भाजपा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया। राज्य भाजपा के सूत्रों ने बताया कि कल राज्य कार्यकारी समिति की बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष की औपचारिक घोषणा की जाएगी।

मतदाता नहीं, गोटियों से चुने वार्ड पंच

राजसमंद। जिले की रेलमगरा पंचायत समिति की मेहंदुरिया ग्राम पंचायत के तीन वार्ड में मतदाता नहीं होने पर वार्ड पंच के लिए चुनाव अधिकारियों ने गोटी डालकर वार्ड पंच का निर्धारण किया। सूत्रों ने बताया कि मेहंदुरिया ग्राम पंचायत के वार्ड आठ, 11 व 16 के वार्ड पंच निर्धारण के लिए गोटियां डाली गई जिसके तहत वार्ड आठ में पुष्पा पत्नी रमेश, वार्ड 11 में राजेन्द्र वैष्णव एवं वार्ड 16 में गिरिराज कैलाश का भाग्य खुला। सूत्रों ने बताया कि तीनों वार्ड पंच उन वार्डो का प्रतिनिधित्व करेंगे जहां पर मतदाता ही नहीं है। बताया गया कि यहां के तीनों वार्ड में रहने वाले मतदाता हिन्दुस्तान जिंक की दरीबा इकाई में कार्यरत थे लेकिन उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली और घर चले गए।

सरपंच-पंच चुनाव में 72.64 प्रतिशत मतदान

पंचायत उप चुनाव के तहत रविवार को जिले की भीम, देवगढ़ एवं रेलमगरा पंचायत समिति क्षेत्र में सरपंच एवं वार्ड पंच के चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुए। शाम पांच बजे समाप्त हुई मतदान प्रक्रिया में कुल 72.64 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया। सर्वाधिक मतदान प्रतिशत रेलमगरा का 79.19 रहा। इधर मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के साथ ही मत गणना भी शुरू हो गई है। सूचना के अनुसार रविवार को रेलमगरा, भीम एवं देवगढ़ पंचायत समिति में सरपंच एवं वार्ड पंच चुनाव को लेकर मतदाताओं में खासा उत्साह देखा गया। शाम पांच बजे सम्पन्न हुए मतदान में भीम पंचायत समिति में 69.76 प्रतिशत मतदान हुआ। भीम के शेखावास में सर्वाधिक 76.29 प्रतिशत तथा सबसे कम थानेटा में 61.70 प्रतिशत मतदान हुआ। इसी प्रकार देवगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र में 68.99 प्रतिशत मतदान हुआ। यहां सर्वाधिक मतदान कालेसरिया ग्राम पंचायत में 76.34 एवं सबसे कम लसानी ग्राम पंचायत में 57.09 रहा। इसी प्रकार रेलमगरा पंचायत समिति क्षेत्र में 79.19 मतदान हुआ। यहां सर्वाधिक मतदान जीतावास ग्राम पंचायत में 88.66 तथा चौकड़ी में 72.03 रहा। सरपंच एवं वार्ड पंच चुनावों के लिए रविवार सुबह से तीनों पंचायत समिति क्षेत्र के विभिन्न बूथों पर महिला एवं पुरूषों की लम्बी कतारे लगी हुई थी। बन गये सरपंच : जिले की भीम, देवगढ़ एवं रेलमगरा पंचायत समिति क्षेत्र में रविवार को सरपंच एवं वार्ड पंच के लिए हुए मतदान के पश्चात मतगणना जारी है। वहीं देवगढ़ के कालेसरिया ग्राम पंचायत में हरदेव गुर्जर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 101 वोट से पराजित किया जबकि मदारिया में आशादेवी 298 मतों से विजयी रही। इसी प्रकार भीम के थानेटा ग्राम पंचायत में कंकू देवी ने डूंगर को पराजित किया। खीमा खेड़ा ग्राम पंचायत में गेहरी देवी ने कुसुम को पराजित किया।

कांग्रेस शासन में दो वक्त की रोटी मुश्किल : माहेश्वरी

भाजपा महिला मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष व राजसमंद विधायक श्रीमती किरण माहेश्वरी ने अपने क्षेत्र में पंचायत राज चुनाव प्रचार के अंतिम दिन क्षेत्र के विभिन्न गांवों का सघन दौरा कर क्षेत्र की जनता से भाजपा के पक्ष में मतदान कर भाजपा प्रत्याशियों को जिताने का आह्वान किया। विधायक माहेश्वरी ने अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार कार्यक्रम का समापन मुण्डोल गांव स्थित प्रताप सर्कल पर आमसभा को सम्बोधित कर किया। माहेश्वरी ने इस अवसर पर कहा कि कांग्रेस राज में आम आदमी का जीना दुभर हो गया है। आज कांग्रेस के शासन में महंगाई से गरीब व्यक्ति की दो वक्त की रोटी मुश्किल हो गई है, आमजन बढती महंगाई से त्रस्त है। उन्होंने कांग्रेस के कड़ी से कड़ी जोडऩे की अपील पर चुटकी लेते हुए कहा कि आम जनता समझ चुकी है कि उन्होंने पहले भी कांग्रेस की प्रदेश व केन्द्र में कड़ी से कड़ी जोडकर बड़ी भूल की है और इस भूल से आज आमजन कांग्रेस शासन में चरम जा पहुंची महंगाई का सामना कर खामियाजा भुगत रही है। विधायक किरण ने कांग्रेस राज में बिगड़ती कानून व्यवस्था, बीपीएल परिवारों की सूचियों में गडबडी, नरेगा में व्याप्त भ्रष्टाचार व प्रदेश भर में बिजली,चारा, पानी की बिगडती व्यवस्था पर सीधे कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया। विधायक माहेश्वरी ने कहा कि वसुंधरा राजे सरकार के समय ग्रामीण विकास को तवज्जो देने वाली भामाशाह योजना, गुरु गोवलकर योजना सहित अन्य योजनाओं को कांग्रेस ने बंद करवा दिया या ठण्डे बस्ते में डाल दिया। प्रवक्ता किशोर गुर्जर ने बताया कि चुनाव प्रचार के अंतिम दिन विधायक माहेश्वरी ने गांव सादडा, मादडा, वणाई, देवरी खेडा, करणपुरिया, बिनोल, ढूलियाणा, मादडी, देवथडी, सुंदरचा, डिप्टी खेडा एवं मुण्डोल क्षेत्र का दौरा किया। विधायक के साथ नगरपालिका उपाध्यक्ष सत्यप्रकाश काबरा, जिला परिषद के भाजपा प्रत्याशी बंशीलाल सालवी, भगा भील, पूर्व मण्डल अध्यक्ष सत्यनारायण पूर्बिया, ओंकार गुर्जर, भंवर लाल गुर्जर सहित कई भाजपा पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।

Saturday, January 30, 2010

महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों की ढाल बनेगा संघ

महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों के खिलाफ हिंसा के मुद्दे पर शिवसेना और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस)आमने-सामने आ गए हैं। आरएसएस ने साफ कर दिया है कि महाराष्ट्र में शिवसेना व एमएनएस की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी और संघ के स्वयंसेवक उत्तर भारतीयों के खिलाफ हिंसा का विरोध करेंगे। उत्तर भारतीयों पर हमले के बावजूद हिंदू एकता की बात करने वाले संघ की चुप्पी को लेकर स्वयंसेवकों में काफी समय से बेचैनी महसूस की जा रही थी। संघ की जड़ें भले ही महाराष्ट्र में हो लेकिन उसकी शाखाओं को बल हिंदी पट्टियों से ही मिलता है। स्वयंसेवकों की बेचैनी को समझते हुए संघ नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि मुंबई और महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों के खिलाफ हिंसा को वह कतई स्वीकार नहीं करेगा। संघ के प्रवक्ता राम माधव ने शनिवार को दो-टूक कहा कि अब मराठी के मुद्दे पर राजनीति करने वालों की मनमानी नहीं चलेगी। हमारे कार्यकर्ता महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों पर हो रहे हमले रोकने की कोशिश करेंगे।

''तानाशाही करते हैं नीतीश''

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तानाशाह की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए जदयू के प्रदेश अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है।ललन सिंह ने नीतीश पर निर्णयों में विचार-विमर्श नहीं करने का आरोप लगाते हुए शनिवार को कहा कि पार्टी के निर्णयों के बारे में उन्हें जानकारी अखबारों के माध्यम से मिलती है। ऐसे में उनकी जगह किसी अन्य व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर लिया जाए।मुंगेर संसदीय क्षेत्र से जदयू सांसद ललन सिंह ने बताया कि उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव से उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से मुक्त करने का अनुरोध किया है।उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष से कल तक किसी और को प्रदेश अध्यक्ष पद पर नियुक्त करने का आग्रह किया है ताकि वह एक फरवरी से उक्त पद से मुक्त हो सकें।ललन ने कहा कि पार्टी को खड़ा करने में उनका योगदान किसी अन्य नेता से कम नहीं है। ललन ने जदयू में उपेंद्र कुशवाहा को दोबारा शामिल किए जाने पर एतराज जताते हुए कहा कि उस समय नीतीश कहां थे जब कुशवाहा ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा था।

अमर को अब समझ आया माया का दर्द

मुलायम सिंह से नाता तोडऩे के बाद अमर सिंह अब मायावती को खुश करने में लगे हैं। कुछ इसी अंदाज में अमर सिंह ने शनिवार को कहा कि बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने तमाम विषम परिस्थितियों में खुद को साबित किया है और वह उनका दर्द समझ सकते है जब मुलायम सिंह ने उन्हें अपमानित किया था। सिंह ने कहा कि वह विकल्प विहीन नहीं हैं। उन्होंने संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी की भी सराहना की। राज्यसभा की सीट छोडऩे के लिए दबाव का सामना कर रहे अमर सिंह ने कहा कि सोनिया गांधी और मायावती दोनों ने तमाम दुष्वारियों में स्वयं को साबित किया है। सीएनएन-आईबीएन के साथ एक मुलाकात में अमर सिंह ने कहा कि दोनों ने अपने दम पर राजनीति में अपनी जगह बनाई। एक ने उत्तर प्रदेश में खुद को साबित किया तो दूसरी ने पूरे देश के सामने अपनी पहचान बनाई। मायावती का जिक्र करते हुए अमर सिंह ने कहा, अब मैं गेस्ट हाउस प्रकरण की उनकी पीड़ा समझ सकता हूं। 1995 की इस घटना में बसपा द्वारा मुलायम सिंह यादव सरकार से समर्थन लेने के बाद सपा के कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश का सरकारी गेस्ट हाउस घेर लिया और मायावती के साथ बदसुलूकी की। उधर, अमर सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया करते हुए सपा के प्रवक्ता और महासचिव मोहन सिंह ने कहा कि अमर सिंह सोनिया गांधी और मायावती की सराहना इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनके पास अब कोई विकल्प नहीं बचा। मोहन सिंह ने कहा, मुझे लगता है कि उनकी तारीफ करने के बाद वह उन्हें गाली देंगे। इस बारे में कोई प्रतिक्रिया देना बेवकूफी करना होगा। उनके व्यक्तित्व में दोष है और यह दोष आज का नहीं है।

Wednesday, January 27, 2010

राहुल गांधी दो दिवसीय दौरे पर

कांग्रेस महासचिव एवं सांसद राहुल गांधी दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी पहुंच रहे हैं। दो दिवसीय दौरे के दौरान वह अपने संसदीय क्षेत्र में विकास योजनाओं का जायजा लेंगे। उत्तर प्रदेश कांग्रेस समिति के सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि 28 जनवरी को राहुल लखनऊ के अमौसी हवाई अड्डे उतरेंगे और यहां से सड़क मार्ग से अमेठी के लिए रवाना होंगे। सूत्रों के मुताबिक राहुल पहले दिन महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा), राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना, इंदिरा गांधी आवास योजना सहित केंद्र सरकार की अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं की हकीकत जानने के लिए अपने संसदीय क्षेत्र के गांवों का औचक दौरा करेंगे।

महंगाई के मुद्दे पर बिहार बंद

बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने गुरुवार को एक दिवसीय राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है। लोक जनशक्ति पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बंद का समर्थन किया है। पटना में गुरुवार आरजेडी के कार्यकर्ता सुबह से ही सड़कों पर उतरने लगे हैं। राज्य के कई जगहों पर सड़क जाम कर दिया गया है हालांकि कहीं से कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। पटना में कई जगहों पर प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरकर आए। पटना-हाजीपुर मार्ग पर महात्मा गांधी सेतु को बंद समर्थकों ने तीन स्थानों पर जाम कर दिया है, जिससे इस मार्ग पर आवागमन पूरी तरह ठप हो गया। इधर, पुलिस का कहना है कि बंद को लेकर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। पुलिस के अनुसार बंद के दौरान अब तक कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

''नहीं दूंगा राज्यसभा से इस्तीफा''

समाजवादी पार्टी में नए महासचिवों व प्रवक्ता की नियुक्ति के बाद शाम बीतते-बीतते अमर सिंह ने भी पलटवार कर दिया। उन्होंने दो टूक कहा कि वे राज्यसभा से इस्तीफा नहीं देंगे। साथ ही यह भी साफ किया कि उन्हें सपा के 'पंच प्यारे' मुलायम, शिवपाल, रामगोपाल, अखिलेश और धर्मेंद्र के फैसलों की कोई परवाह नही है। अमर सिंह ने बुधवार की शाम पत्रकारों से कहा, उधार का सिंदूर नहीं लगाता हूं। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के पोस्टरों में उनकी फोटो सपा प्रमुख मुलायम सिंह के साथ छपी थी। उसी चुनाव में जीते विधायकों ने अपना वोट देकर राज्यसभा पहुंचाया है। इसलिए राज्यसभा से इस्तीफा नहीं दूंगा। दूसरी बात मुलायम सिंह ने बुधवार को ही फोन करके जन्मदिन की बधाई दी, तब उन्होंने भी इस्तीफा देने को नहीं कहा। ऐसे में किसी के इस्तीफा मांग लेने से इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता। यह पूछने पर कि राजनीति का अगला पड़ाव क्या होगा? अमर ने कहा, 'त्रिया चरित्रम् पुरूषस्य भाग्यम् दैवो न जानति' अर्थात् स्त्री के चरित्र व पुरूष के भाग्य के बारे में भगवान भी नहीं जानते।

पद्म श्री की राजनीति पर एक और बवाल

सैफ अली खान को पद्म श्री मिल गई। उनके पिता और मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी नवाब पटौदी और उनकी मां मशहूर फिल्म अभिनेत्री शर्मिला टैगोर को कभी इस सम्मान के लायक नहीं समझा गया। नवाब पटौदी तो खैर वन्य जीवन कानून के अभियुक्त हैं इसलिए उनका नाम नहीं सोचा गया लेकिन शर्मिला टैगोर को तो भारत सरकार ने बाल फिल्म विकास निगम और सेंसर बोर्ड तक की जिम्मेदारियां दी थी जिनमें कभी कोई शिकायत नहीं मिली फिर भी उन्हें कभी पद्म पुरस्कारों के लायक नहीं समझा गया। इस बात पर सवाल उठने लगे हैं। सैफ अली खान को पुरस्कार देना कोई ऐसी घटना नहीं हैं जिसको लेकर सवाल उठाया जाए मगर यह जरूर है कि पद्म पुरस्कारों के लिए चयन की प्रक्रिया पर इससे सवाल जरूर उठते हैं। ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिन्होंने अपना पूरा जीवन अपने क्षेत्र में शानदार काम करते हुए बिता दिया है लेकिन उन्हें कभी पद्म पुरस्कारों के योग्य नहीं समझा गया। यह सूची बहुत लंबी है। पत्रकारिता में बरखा दत्त जैसे युवा पत्रकारों को पद्म श्री मिली लेकिन प्रभाष जोशी, राजेंद्र माथुर और हिंदी को मान्यता दिलवाने वाले वेद प्रताप वैदिक के नाम पर कभी विचार नहीं किया गया। फिल्मों में भी बहुत सारे महान संगीतकार और अभिनेता पूरा जीवन समर्पण भाव से बिताने के बाद भी पद्म श्री के योग्य नहीं माने गए। खेलों में भी अब ज्यादातर क्रिकेट खिलाडिय़ों को पद्म पुरस्कार मिलते हैं। बाकी तो ज्यादातर अर्जुन पुरस्कार से ही संतोष कर लेते हैं। सैफ अली खान का नाम पद्म श्री पाने वाले 130 शख्सियतों में ऐलान किया है। लेकिन नाम क्या आया कि इस पर विवाद शुरू हो गया है। शिवसेना, भाजपा और एमएनएस ने जवाब मांगा है कि आखिर सैफ ने ऐसा क्या किया है जिसकी वजह से उन्हें इतने बडे सम्मान से नवाजा गया है। भाजपा नेत्री शाईना एनसी का कहना है कि सैफ से पहले उनके मां और पिता को ये सम्मान क्यों नहीं मिला। सैफ ने ऐसा क्या योगदान दिया है जो उन्हें पद्मश्री पुरस्कार दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ये सम्मान देश के सबसे ज्यादा क्रेडिबल और सम्मानित व्यक्तियों को दिया जाता है। सैफ को दिया जाना बेहद गलत है क्योंकि सैफ ने ना सिर्फ अपनी पहली पत्नी अमृता को छोड़ दिया बल्कि करीना कपूर के साथ बिना शादी के उनके संबंध भारतिय संस्कृति को ही बदनाम कर रहे हैं। सिर्फ बीजेपी ही नहीं बल्कि उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना और राज ठाकरे की पार्टी मनसे को भी सैफ को पद्यश्री देना अखर रहा है। हालांकि सैफ का इस बारे में अब तक कोई रिएक्शन नहीं आया है कि आखिर क्यों एक साथ इतनी राजनीतिक पार्टियां उनके पद्मश्री सम्मान को लेकर इतना विरोध जता रही है।

Sunday, January 24, 2010

कांग्रेस प्रत्याशी को जिताएं : गिरिजा

प्रदेश में विकास की लहर लाने हेतु कांग्रेस प्रत्याशियों को ही विजयी बनावें क्योंकि कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है जो सबको साथ लेकर चलती है।यह बात सांसद गिरिजा व्यास ने बबराणा में आयोजित मतदाताओं की बैठक मेें जिला परिषद सदस्य वार्ड ७ की आशा बाई बैरवा एवं पं.स. सदस्य वार्ड १३ की कांग्रेस प्रत्याशी सुन्दर बाई गुर्जर के समर्थन में चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए कही। कार्यक्रम मेें विधायक शंकर लाल बैरवा, कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ता-हिलाल अब्बास, उंकार गुर्जर, ब्लोक अध्यक्ष सुशीला बुनकर, इंकाकर्मी संग्रामसिंह राणावत, सुरेशचन्द्र चण्डालिया, भेरूलाल गाडरी, कैलाश सालवी, देवेन्द्र सुखवाल सहित क्षेत्र केअनेक कांग्रेस कार्यकर्ता, ब्लॉक क्षेत्र के व पं.स. सदस्य के कांग्रेस उम्मीदवार उपस्थित थे।

कठपुतली नहीं नितिन गडकरी

बीजेपी के नए अध्यक्ष नितिन गडकरी ने दावा किया है कि उन्हें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का पूर्ण रूप से सहयोग और समर्थन मिल रहा है और वह किसी वरिष्ठ नेता की कठपुतली भर नहीं हैं। 20 दिसंबर को बीजेपी के सबसे युवा अध्यक्ष के तौर पर शपथ ग्रहण करने वाले गडकरी ने कहा है कि वह अपने फैसले खुद करते हैं, अलबत्ता इस दौरान वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं से परामर्श अवश्य लेते हैं। गडकरी ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि चार साल में महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष के तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मेरे जीवन का हिस्सा रहा है। लेकिन संघ नेताओं ने कभी मुझे निर्देश नहीं दिया। गडकरी ने इस बात पर जोर दिया कि सबसे पहले बीजेपी
नेता लालकृष्ण आडवाणी और पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने ही सुझाव दिया था कि मुझे बीजेपी अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए। गडकरी ने इस बात से इनकार किया कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने उन्हें बीजेपी पर थोपा है। उन्होंने कहा कि लोगों के दिमाग में धारणा बनी हुई है कि संघ बीजेपी पर नियंत्रण कर रहा है। यह बात सही नहीं है। वे हमारी दिन-ब-दिन की गतिविधियों में, उम्मीदवारों के चयन में और राजनीति में कोई हस्तक्षेप नहीं करते। गडकरी ने हालांकि कहा कि संघ और बीजेपी में सैद्धांतिक रिश्ता है और पार्टी अक्सर कई मुद्दों पर संघ से चर्चा करती है। जब गडकरी से पूछा गया कि क्या बीजेपी संघ की किसी सलाह को खारिज कर सकती है तो उन्होंने कहा- कई बार। संघ में लोकतंत्र है। मैं भी जब संघ में सर्वोच्च नेता के पास जाता हूं, तो उनसे चर्चा कर सकता हूं और उनके साथ अपने विचारों को साझा कर सकता हूं। बीजेपी अध्यक्ष ने भागवत और पूर्व संघ प्रमुख के.एस. सुदर्शन को लोकतांत्रिक नेता करार दिया, जिनके साथ वह अक्सर कई मुद्दों पर बातचीत करते हैं और कई मौकों पर मतभेद भी रहे हैं। उड़ीसा में कंधमाल के दंगों, कर्नाटक में राम सेना और वरुण गांधी के कथित भड़काऊ भाषणों से बीजेपी की पहचान होने के सवाल पर गडकरी ने कहा, बीजेपी एक लोकतांत्रिक पार्टी हैं। पार्टी में अनेक नेता हैं, जिनके विचार अलग-अलग हैं। उन्होंने तर्क दिया कि ये पार्टी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते। जहां तक राम सेना की बात है, यह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर बीजेपी से नहीं जुड़ी। गडकरी ने कहा कि वह बीजेपी का मत प्रतिशत कांग्रेस से 10 प्रतिशत बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने हिंदुत्व को जीवनशैली की संज्ञा दी और इसे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद से जुड़ा बताया।

विकास के नाम पर मिले 'जख्म'

गांव के विकास के भरोसे ग्रामीणों ने गांव की सरकार चुनी। दावों, वादों और इरादों से जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों को विकास का आईना दिखाया। विकास का यह आईना कई जनप्रतिनिधियों ने एक झटके में तोडकर रख दिया। हालांकि गांवों में विकास तो हुआ, लेकिन वह ग्रामीणों की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं हो पाया। विकास कार्य में भेदभाव और अनियमितताओं का जोर रहा।
हालत यह रही कि ज्यों-ज्यों गांव के विकास की राशि आती गई, जनप्रतिनिधियों की अनियमितताएं भी बढती गई। इससे गांवों में विकास की लहर तो पूरी तरह नहीं आ पाई, लेकिन कई जनप्रतिनिधियों ने अनियमितताओं के गहरे जख्म जरूर दे दिए। ग्रामीणों के विकास की जो योजनाएं बनाई गई, उनमें ही सेंधमारी कर ली गई। मिलीभगत की चीनी अफसरों को भी इतनी मीठी लगी कि उन्होंने कार्रवाई करने की अपनी जवाबदेही भी भूला दी।
हालत यह हो गई कि गांव की सरकार की सबसे बडी जिला प्रमुख की सीट भी अनियमितताओं के घेरे में आ गई। निवर्तमान जिला प्रमुख की पुत्रवधू ने एक ही समय में दो जगह कार्य दर्शाकर सरकारी राशि उठा ली। जिले में गांवों की सरकार के पिछले कार्यकाल पर नजर डालें तो कुछ ऎसा ही सामने आता है।
n 16 अयोग्य, 12 लाए स्थगन आदेश
गत कार्यकाल में गंभीर शिकायतों के चलते जिले के 16 सरपंचों को राज्य सरकार ने अयोग्य घोषित कर दिया था। इनमें से 12 जनों ने न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया। अयोग्य घोषित किए गए सरपंचों में से कोई भ्रष्टाचार में लिप्त रहा तो किसी ने गैर मुमकिन भूमि में पंचायत भवन बना दिया।
किसी ने संतान की गलत सूचना देकर चुनाव लड लिया तो किसी ने पट्टा वितरण में हेराफेरी कर ली। अधिकाशं शिकायतें निर्माण सामग्री और निर्माण कार्य की अनियमितताओं से जुडी है। राज्य सरकार तक मामला जाने पर हालांकि कई सरपंचों को निलंबित कर दिया गया, लेकिन अधिकांश ग्राम पंचायतों से संबंधित शिकायतें प्रशासन के कागजों में दबी पडी है। जिले में 339 ग्राम पंचायतें हैं। इनसे संबंधित करीब 165 शिकायतें जिला प्रशासन को मिल चुकी है, जिनमें से जिला स्तर पर मात्र 14 पर कार्रवाई की गई है।
n पूर्व सरपंच भी डिफाल्टर
कई पूर्व सरपंच भी अनियमितताओं के बाद राज्य सरकार की ओर से अयोग्य घोषित किए जा चुके हैं। श्रीमाधोपुर पंचायत समिति में बागरियावास के पूर्व सरपंच भंवर सिंह को डिफाल्टर घोषित किया गया है। वहीं विकास अधिकारी ने फुटाला के पूर्व सरपंच कल्याण सहाय जाट को भी अयोग्य माना है। इसी तरह पंचायतराज विभाग ने राधाकिशनपुरा के पूर्व सरपंच सीताराम सैनी, माकडी के पूर्व सरपंच जगदीशप्रसाद यादव, पचार के पूर्व सरपंच कृष्णादेवी, भादवाडी के पूर्व सरपंच चंदगीलाल, मलिकपुर के पूर्व सरपंच जगदीशप्रसाद शर्मा, कोछोर के पूर्व सरपंच सालिगराम तथा बुर्जा की ढाणी के पूर्व सरपंच सुण्डाराम को भी अयोग्य घोषित किया जा चुका है।
*n शिकायतों की बानगी
जिला प्रशासन को मिली अधिकांश शिकायतें घटिया निर्माण सामग्री, गलत भुगतान, नरेगा में अनियमितता, सरकारी धन के दुरूपयोग, विकास योजनाओं में कागजी निर्माण कार्य और गलत पट्टा जारी करने से संबंधित हैं।
* नरेगा के बाद बढी शिकायतेंराष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) में हर हाथ को कार्य का वायदा भले ही साकार रूप नहीं ले पाया, लेकिन जिले में शिकायतों का ग्राफ जरूर बढ गया है। अधिकांश शिकायतें सरपंचों से जुडी हैं। कहीं सरपंचों ने अपने परिवार को ही नरेगा में लगा दिया है तो कहीं सरपंचों के परिजनों के नाम तो मस्टररोल में दर्ज है, लेकिन वे कार्य पर आते ही नहीं है। इसके अलावा फर्जी हाजरी दर्ज कर मजदूरों के खाते में सेंध लगाना भी आम बात है। नरेगा में निर्माण सामग्री और कार्य में भी कई सरपंचों ने जमकर चांदी कूटी

मंत्री ने सुनी समस्याएं

जयपुर। यातायात मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक बृज किशोर शर्मा ने रविवार को हवामहल क्षेत्र की जनता की समस्याएं सुनी और उनके हल के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। वार्ड 73, 74, 75 व 76 के लिए प्रतापेश्वर महादेव मंदिर पार्क में जनसुनवाई कार्यक्रम रखा गया। जिसमें नगर निगम, जलदाय विभाग, विद्युत निगम एवं अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे। कांग्रेस मानवाधिकार विभाग के प्रदेश प्रभारी शैलेश भार्गव ने बताया कि कार्यक्रम में लोगों ने अपनी समस्याएं बताई। यातायात मंत्री ने मौजूद सम्बंधित अधिकारियों को समस्या का निस्तारण करने के निर्देश दिए।

सी.पी. की सभा में नरेगा श्रमिक!

राजसमंद । जिले के कुंवारिया तथा रेलमगरा क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर रविवार को केन्द्रीय पंचायती राजमंत्री डॉ. जोशी की सभाओं में भीड दिखाने के लिए बडी तादाद में नरेगा श्रमिकों को बुलाने का आरोप लगा है। भाजपा जिला अध्यक्ष नंदलाल सिंघवी एवं रेलमगरा मण्डल अध्यक्ष गोविंद सोनी ने आरोप लगाया है कि रेलमगरा क्षेत्र में हुई सभा को सरकारी सभा करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सत्ता के नशे में डूब कर नरेगा श्रमिकों को चुनावी सभाओं में एकत्र कर रही है।
जिला परिषद् व पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव को लेकर भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में रविवार को भाजपा नेता कर्नल देशबंधु आचार्य, मोही के पूर्व भापना अध्यक्ष जगदीश आचार्य, मोही इकाई अध्यक्ष विष्णुकुमार, मंत्री शम्भुलाल ने एमडी, नौ गांमा, अमलोई, राज्यावास, शनिमहाराज आदि गांवों का दौरा कर मतदाताओं से जनसम्पर्क कर भाजपा प्रत्याशियों को विजयी बनाने की अपील की।

'गरीबों को लाभान्वित करेंगे'

राजसमंद। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की केन्द्र व राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र के उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, आने वाले समय में भी अन्य योजनाओं के माध्यम से ग्रामीणों को लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों को जीत दिला कर कडी से कडी जोडने व क्षेत्र के विकास में सहयोग करने का आह्वान किया।
उन्होंने जनसभा के दौरान पंचायत राज के चुनावों में जिला परिषद व पंचायत समिति के वार्डो में कांग्रेस प्रत्याशियों को जिताने की अपील की, वहीं पंच-सरपंच बनने की आशा लगाए बैठे उम्मीदवारों को चेताया कि नरेगा के दम पर पंच-सरपंच नहीं बनें। उन्होंने कहा कि नरेगा में कार्य कराने के बाद में सूचना के अघिकार व सामाजिक अंकेक्षण के तहत फर्जीवाडा नहीं चल सकता है। जोशी ने कहा कि लाभ की आशा लेकर पंच-सरपंच नहीं बने, सेवा के भाव से पंच-सरपंच बनेंगे, वे ही फायदे मे रहेंगे।
आन्ध्र प्रदेश से लें प्रेरणा
जोशी ने जनसभा के दौरान क्षेत्र में अकाल की भयावहता को देखते हुए आन्ध्र प्रदेश से प्रेरणा लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में महिला स्वयं सहायता समूह बना कर स्वरोजगार के नए अवसरों को तलाश करने की आवश्यकता है। उन्होंने आधुनिक तकनीकी के माध्यम से पशुपालन व खेती करने की सलाह दी। जनसभा को वरिष्ठ नेता हरिसिंह राठौड, पार्टी जिलाध्यक्ष नारायणसिंह भाटी, देवकीनंदन गुर्जर आदि ने भी संबोघित किया। संचालन अशोक कुमार पालीवाल ने किया।
प्रत्याशियों को कराया जनता से रूबरू
जनसभा के दौरान जिला परिषद व पंचायत समिति राजसमंद के कांग्रेस प्रत्याशी पंचायत समिति के वार्ड 14 से मीठू बाई गुर्जर, 12 से भगवतसिंह, 13 से ममता कुंवर चारण, 15 से किशनलाल भील, सात से प्रेमी बाई, 10 से यादवेन्द्रसिंह भाटी, दो से किरण भार्गव, जिला परिषद वार्ड 17 से मांगीलाल सालवी, 13 से गणेशलाल भील को मंच पर बुलाकर सभा में उपस्थित लोगों से रूबरू कराया गया।
ये थे उपस्थित
जनसभा के दौरान मंच पर पूर्व विधायक बंशीलाल गहलोत, पूर्व प्रधान रघुवीर सिंह, शांतिलाल कोठारी, प्रधान गणेशलाल भील, युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष युवराज चौधरी, चौबीस खेडा गुर्जर समाज के अध्यक्ष भंवरलाल गुर्जर, ओबीसी प्रकोष्ठ के जिला संयोजक नारायणलाल गुर्जर, देवीलाल गुर्जर, पूर्व सरपंच मानाराम गुर्जर, भैरूलाल गुर्जर, नाथूलाल गुर्जर आदि।
'झांसे में न आएं'
रेलमगरा । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. सी.पी.जोशी ने यहां खेल मैदान पर आयोजित जनसभा में वार्डपंच, सरपंच, पंचायत समिति व जिला परिषद के सदस्यों को जनता व सरकार के बीच की अहम कडी बताया। जोशी ने महानरेगा श्रमिकों से कहा कि उन्हें कार्य का पूरा भुगतान मिलेगा। आगामी दिनों में मजदूरी का ब्यौरा मोबाइल पर भी देखा जा सकेगा। उन्होंने भावी सरपंचों को दिए जाने वाले अघिकारों की जानकारी दी कि वे गरीब परिवारों को चयनित का लाभ दिला सकेंगे, बारिश का पानी संग्रहित कर जलाशयों का निर्माण करा सकेंगे व गांवों को बिजली-सडकों की सुविधा से जोडने का कार्य करेंगे।
जोशी ने जनता का आह्वान किया कि वे किसी भी झांसे में आए बिना गरीब हित को सर्वोपरि मानने वाले और आमजन की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की योग्यता रखने वाले प्रत्याशी को ही जिताएं। सभा के दौरान खण्ड कांग्रेस अध्यक्ष कालूराम रेगर ने उनका स्वागत किया। सभा को पूर्व विधायक बंशीलाल गहलोत, मदनलाल चौहान, वरिष्ठ नेता हरिसिंह राठौड, देवकीनंदन गुर्जर, राजसमंद के पूर्व प्रधान रघुवीरसिंह राठौड, पार्टी के जिला उपाध्यक्ष भेरूलाल जाट आदि हने भी संबोघित किया। आभार राजसमंद प्रधान गणेशलाल भील ने ज्ञापित किया।

Friday, January 22, 2010

'बेहतर सुविधा ही सरकार का ध्येय'

केन्द्रीय प्रौद्योगिकी एवं संचार राज्यमंत्री तथा सांसद सचिन पायलट ने कहा कि डाकघरों का आधुनिकीकरण करने का ध्येय आम जनता को बेहतर सुविधाएं देना हैं, जिससे वे कम समय में डाक विभाग संबंधी कार्य निपटा सकें। पायलट शुक्रवार प्रोजेक्ट ऎरो के तहत नवीनीकृत सिटी डाकघर के लोकार्पण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि बदलते परिवेश के चलते लोगों की जरूरतों में भी बदलाव आया है। उन्हीं के अनुरूप डाकघरों में बदलाव करने की योजना बनाकर उसे मूर्त रूप दिया गया। ऎरो प्रोजेक्ट के अन्तर्गत सभी कार्य एक ही खिडकी से होंगे।
इसकी जिम्मेदारी विभाग की होगी। उन्होंने कहा कि आचार संहिता के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में ऎरो प्रोजेक्ट के तहत बनाए गए डाकघरों को शुरू नहीं किया जा सका, लेकिन यह कार्य भी चुनाव बाद जल्द शुरू किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि कि योजना में देश के कुल 50 डाकघरों को चयनित किया गया। इसमें राजस्थान के 5 और अजमेर जिले के 2 डाकघर शामिल हैं।
विधायक नाथूराम सिनोदिया ने कहा कि सचिन पायलट ने जिले को प्राथमिकता देकर सराहनीय कार्य किया है। चीफ पोस्टमास्टर जनरल एस. गौरियार ने बताया कि जिन डाकघरों में ऎरो प्रोजेक्ट सेवा शुरू की गई है वहां शाम को खाते से संबंघित पूरी जानकारी ली जा सकती है। इस अवसर पर पोस्ट मास्टर जनरल अजमेर बी. एन. त्रिपाठी भी मौजूद थे। संचालन रेल डाक सेवा अजमेर के अधीक्षक मोहम्मद हनीफ ने किया।
'आरक्षण गुर्जरों का हक'
किशनगढ में शुक्रवार शाम भगवान देवनारायण जयंती के मौके पर सावंतसर स्थित गुर्जर छात्रावास में समाज के लोगों को सम्बोघित करते हुए कहा कि आरक्षण गुर्जर समाज का हक है और उसे यह मिलना चाहिए। पायलट ने कहा कि इसका हल योजनाबद्ध तरीके से निकालेंगे। पांच प्रतिशत आरक्षण का मसला न्यायालय में चला गया है। अब न्यायालय में राज्य सरकार का पक्ष रखा जाएगा। इस अवसर पर विधायक नाथूराम सिनोदिया ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता नई दिल्ली के आयकर आयुक्त अरूणकुमार गुर्जर ने की। समाज के लोगों ने अतिर्थियों का साफा पहनाकर स्वागत किया। इससे पूर्व देवडूंगरी स्थित भगवान देवनारायण मंदिर में पूजा की गई। इसके साथ ही पायलट ने किशनगढ व गुलाबपुरा में देवनारायण जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने अरांई और मसूदा में जनसभा को भी सम्बोधित किया।

सोनिया के खिलाफ याचिका खारिज

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को वह याचिका खारिज कर दी जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को बेल्जियम सरकार द्वारा दी गई उपाघि स्वीकार करने की वजह से लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी।
न्यायाधीश संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता पी. राजन पर 10 लाख रूपए का जुर्माना भी लगाया है।

16 माकपा समर्थकों को उम्रकैद

हावडा। हावडा के आमता की एक अदालत ने कांग्रेस समर्थक मो. मुकीम की हत्या के मामले में शुक्रवार को 16 माकपा समर्थकों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने सभी अभियुक्तों पर एक-एक हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया। जुर्माने की राशि भुगतान नहीं करने पर सजा एक माह बढ जाएगी।

Thursday, January 21, 2010

* सांप्रदायिक ताकतों को उखाड फेंके: शर्मा

सरदारशहर। पूर्व मंत्री भंवरलाल शर्मा व सांसद नरेन्द्र बुडानियां ने बुधवार को उडसर, भोलूसर, भींवसर, पूनसीसर, बुकनसर, ढाणी दूदगिर, ढाणी पांचेरा, कानडवास, डालमाण, मेहरी, राजास, मेलूसर, जोरावरपुरा, नैयासर, फोगां नैणासर आदि गांवों का दौरा कर सभाएं की और कांग्रेस के प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे।
सभा में पूर्व मंत्री भंवरलाल शर्मा ने कहा कि कांग्रेस एक ऎसी पार्टी है जो सभी कोमो को साथ लेकर जोडने और देश के विकास की बात करती है। इसलिए हमें चाहिए की हम सांप्रदायिक ताकतों को मुंहतोड जवाब दें। सांसद नरेन्द्र बुडानियां ने कहा कि कांग्रेस ने ग्रामीण विकास को महत्व दिया है। जिसकी वजह से आज गांवों में सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि गांव के विकास के लिए प्रत्येक ग्रामवासी को सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए।

पंचायत राज कांग्रेस की देन

ऑल इण्डिया हैण्डीक्राफ्ट डवलपमेंट बोर्ड के उपाध्यक्ष व कांग्रेस के नेता रफीक मण्डेलिया पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव के लिए ग्रामीणों से किए सम्पर्क के बाद अब दूसरे चरण में चूरू पंचायत समिति क्षेत्र की चुनाव कमान संभालेंगे।
विधायक हाजी मकबूल मण्डेलिया के साथ रफीक गुरूवार को चूरू पंचायत समिति क्षेत्र के गांवों का दौरा करेंगे। वे गांव सहजूसर, झारिया, आसलखेडी, चन्देलनगर, ढाणी नायकान, खींवासर, जोडी, चलकोई ढाणी नरसिंहपुरा, मठौडी, थालोडी, इन्द्रपुरा, भैरूसर, भौलुसर व गिनडीताल में जिला परिषद व पंचायत समिति ब्लॉक के कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में होने वाली चुनावी सभा को संबोघित करेंगे। उनके साथ नगर परिषद के सभापति गोविन्द महनसरिया व नवनिर्वाचित पंचायत समिति सदस्य रणजीत सातडा भी होंगे।
* किया जनसम्पर्क
चूरू। कांग्रेस की जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्यों के समर्थन में हुई चुनावी सभा में कांग्रेस के जिला प्रवक्ता उमाशंकर शर्मा ने कहा है कि पंचायत राज व्यवस्था कांग्रेस की देन है।
बुधवार को गांव गाजवास में जिला परिषद सदस्य पद की कांग्रेस प्रत्याशी संतोष मेघवाल व पंचायत समिति सदस्य पद की उम्मीदवार कमलेश देवी के समर्थन में हुई सभा के अलावा पंचायत समिति सदस्य पद के प्रत्याशी लीलाधर नैण व रामकुमार प्रजापत के लिए गांव किलीपुरा रेडी व भालेरी में जिला प्रवक्ता शर्मा ने ग्रामवासियों से सम्पर्क कर कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने की अपील की। इस अवसर पर ग्राम सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष शंकर अग्रवाल, पुनरास अध्यक्ष उदमीराम खाती,सुरेन्द्र सहारण, पतराम मेघवाल व अनिल शर्मा सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे ।

अरूण चतुर्वेदी से उलझ गए

अजमेर। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता मुलाकात नहीं करने से नाराज होकर प्रदेश अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी से ही उलझ गए। कार्यकर्ताओं की नुक्ता-चीनी से खफा चतुर्वेदी ने उन्हें अनुशासन में रहने की चेतावनी दी तो भी कार्यकर्ता नहीं मानें। नेताओं की समझाइश से कार्यकर्ता शांत हुए लेकिन नाराज अध्यक्ष उनसे मिले बिना ही निकल गए।
भाजपा अध्यक्ष चतुर्वेदी गुरूवार को अजमेर के अल्प प्रवास पर थे। उनका होटल एम्बेसी में मीडिया से मुलाकात के बाद जालौर जाने का कार्यक्रम था। मीडिया से मिलने के बाद चतुर्वेदी पास ही एक शोरूम में शहर जिला अध्यक्ष शिव शंकर हेडा तथा दूसरे नेताओं से मिले।
नेताओं से मिलने के बाद चतुर्वेदी निकलने लगे तो बाहर खडे इंतजार कर रहे दीपक जीनगर, सुरेश चारभुजा, अशोक शर्मा आदि ने कहा कि नेताओं से तो मिल लिए, कार्यकर्ताओं और जिला पदाधिकारियों से से भी मिल लो। चतुर्वेदी ने कहा कि यहां कार्यकर्ताओं से मुलाकात का कार्यक्रम नहीं था।
इस पर कार्यकर्ता भडक गए और बोले कि हमसे नहीं मिलोंगे तो पार्टी पुराने ढर्रे पर आ जाएगी। एक उत्तेजित कार्यकर्ता ने टिप्पणी की कि ऎसे तो पार्टी निपट जाएगी। टिप्पणी सुन चतुर्वेदी खफा हो गए और उन्होंने कार्यकर्ताओं को अनुशासन में रहने की नसीहत दी। इस पर कार्यकर्ता भी चिल्लाने लगे। माहौल गर्माते देख मौके पर मौजूद नेताओं ने कार्यकर्ताओं को शांत कराया। चतुर्वेदी भी तुरंत मौके से रवाना हो गए।
यह भी बोले कार्यकर्ता
- सत्ता में नहीं हो तो यह हाल है। सत्ता में आओंगे तो क्या करोंगे।
- आप ने बुलाया था इसलिए खडे हैं।
- अनपेक्षित नेताओं से तो मुलाकात कर ली, हम से नहीं मिल रहे हो।
कद्र करनी चाहिए
हमारा मतलब सिर्फ इतना था कि कार्यकर्ताओं की कद्र करनी चाहिए। जिला व मंडल पदाधिकारी मुलाकात के लिए अपेक्षित थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस से सभी को बाहर कर दिया और बाद में चेहरे देख कर नेताओं को अंदर भेजा जाने लगा। हम एक घंटे से ज्यादा समय से इन्तजार कर रहे थे। हमने बात रखी और अध्यक्ष बोले कि आप हमें राजनीति सिखाओंगे क्या।
- दीपक जीनगर, पार्षद व जिला मंत्री
छोटी सी बात
छोटी सी बात है। कार्यकर्ताओं ने उत्तेजना में कह दिया। ऎसी जगहों पर विवेक का इस्तेमाल कर बात करनी चाहिए।
- अरूण चतुर्वेदी, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा



किसके सिर ताज, फैसला आज

राजसमंद जिले की खमनोर व कुंभलगढ पंचायत समिति की 78 ग्राम पंचायतों में सरपंची का ताज पहनने के लिए गुरूवार को बडी तादाद में दावेदारों का सैलाब उमड पडा। प्रत्येक सीट के लिए वार्ड पंचों के दावेदार कम और सरपंचों के एकाघिक दावेदार गाजे-बाजे और ढोल-ढमाकों के संग ग्राम पंचायत मुख्यालय पहुंचे और नामांकन पत्रों की खाना-पूर्ति की।
कई प्रत्याशी अपने साथ भीड दिखाने के लिए परिजनों-रिश्तेदारों को भी लेकर पहुंचे तो बहुत से उम्मीदवार समर्थकों के समूह के साथ दुपहिया-चार पहिया वाहनों से पहुंचे। ग्राम पंचायत मुख्यालयों के बाहर दिन भर मेले जैसा माहौल रहा। आसपास ठेला- थडियों पर भी खूब रौनक रही। इधर, पंचों-सरपंचों के पहले चरण का मतदान शुक्रवार को होगा।
दोनों ही पंचायत समिति की सभी ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर पिछले कई दिनों से दावेदारी का मन बना रहे प्रत्याशी सुबह आठ बजे से पहले ही समर्थकों की फौज के साथ पंचायत मुख्यालय पहुंच गए। निर्घारित समय के साथ ही नामांकन पत्र लेने वालों की भीड लग गई। कई जगह पहले नामांकन पत्र लेने को लेकर धक्का-मुक्की भी हुई। ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर पहुंचने वालों में महिला प्रत्याशियों और उनकी महिला समर्थकों का रेला भी पहुंचा था।
बाहरी समर्थक भी पहुंचे
भावी सरपंचों का हौसला बढाने के लिए पडोसी राज्य महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश सहित अन्य स्थानों पर रहने वाले कई लोग भी पहुंचे थे। ग्राम पंचायत मुख्यालयों के बाहर प्रत्याशियों और उनके समर्थकों के वाहनों का जमावडा लग गया। हालांकि नामांकन पत्र जमा करवाने का निर्घारित समय सुबह 11 बजे तक ही था, लेकिन कक्ष में प्रवेश करने के बाद प्रत्याशियों ने निर्घारित समय के बाद भी नामांकन जमा करवाए।
कई जगह दोपहर बारह बजे तक नामांकन जमा करवाने वालों की कतार लगी रही। खमनोर पंचायत समिति मुख्यालय की सरपंच सीट अजा के लिए आरक्षित होने के बावजूद यहां से पांच दावेदारों ने सरपंच पद के लिए नामांकन पेश किया। इसी प्रकार सेमल में ओबीसी महिला की सीट पर तीन प्रत्याशियों ने दावेदारी पेश की।
सेवंत्री में निर्विरोध चुनाव
कुंभलगढ पंचायत समिति में सेवंत्री ग्राम पंचायत के सभी वार्डपंच व सरपंच निर्विरोध घोषित हो गए। यहां भंवरलाल भील सरपंच चुने गए तो सभी ग्यारह वार्ड वार्ड पंचों को भी निर्विरोध घोषित किया गया। पंचायत समिति की उमरवास व खरनोटा ग्राम पंचायतों में सरपंचों का चुनाव निर्विरोध हो गया। जबकि शेष ग्राम पंचायतों में बहुकोणीय मुकाबला होना तय है। उमरवास ग्राम पंचायत की एसटी पुरूष सीट से चतराराम के अलावा तेरह में से ग्यारह वार्ड पंच निर्विरोध निर्विरोध चुन लिए गए।
इसी प्रकार खरनोटा ग्राम पंचायत की जजा पुरूष सीट से चुनाराम भील निर्विरोध सरपंच बने। ग्राम पंचायत के ग्यारह में से दो वार्ड पंच भी निर्विरोध चुने गए। पंचायत समिति की लाम्बोडी ग्राम पंचायत में सरंपच के तीन दावेदार होने के कारण मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
जनावद ग्राम पंचायत में सरपंच पद के तीन उम्मीदवार, धानींन में दो, टाडावाडा गुजरान में छह, साथिया में पांच, चारभुजा में तीन, झीलवाडा में पांच, मानावता का गुडा में दस, सूंखार में तीन, अंटालिया में पांच, रिछेड में चार, थूरावड में दो, ओलादर में दो, मजेरा में दो, केलवाडा में तीन, गवार में छह, कडिया में आठ, आंतरी में आठ, तलादरी में सात, कांकरवा में चार, ओडा में दो, कणुजा में चार, कुंचौली में सात, बनोकडा में दो, पीपला में सात, उसर में दो, समीचा में तीन, मोरचा में चार, बडगांव में पांच, गजपुर में दो, कालिंजर में आठ व कोयल में दो उम्मीदवारों के बीच सरपंची का मुकाबला होगा।

Tuesday, January 19, 2010

आडवाणी को है युवाओं पर भरोसा

बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने देश के युवाओं पर भरोसा जताते हुए कहा है कि अगली सदी में युवा ही देश का नेतृत्व करेंगे। रविवार को विवेकानंद एजुकेशन सोसाइटी और भारतीय सिंधु सभा द्वारा चेम्बूर में आयोजित एक समारोह के दौरान आडवाणी ने कहा कि अगली सदी भारत की है और मुझे युवाओं से काफी उम्मीदें हैं। बीजेपी ने कहा कि उन्हें देश की युवा पीढ़ी पर पूरा विश्वास है, जिस पर वे खरे उतरेंगे। उन्होंने सिंधियों द्वारा समाज को दिए गए योगदान की सराहना करते हुए कहा कि सिंधी पूरे विश्व में फैले हैं और वे कठोर परिश्रम करने वाले व्यावसायिक समुदाय के रूप में जाने जाते हैं।

है केन्द्र सरकार सट्टेबाजी कर रही

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने आसमान छूती महंगाई के लिए केन्द्र की आर्थिक नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि कई बार लगता है केन्द्र सरकार खुद योजनाबद्ध तरीके से सट्टेबाजी कर रही है। कोटा में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान चतुर्वेदी ने कांग्रेस की केन्द्र और राज्य सरकार को जमकर घेरा।
उन्होंने कहा कि जब एक ओर दाल, चीनी, तेल और अन्य चीजों के दाम बेतहाशा बढ रहे हों, तब दूसरी ओर प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री यह वक्तव्य दे कि कीमतें और बढेंगी, तो यह केन्द्र की योजनाबद्ध तरीके से सट्टे की बात सामने आती है।
विदेशियों को 12 रूपए किलो चीनीउन्होंने कहा कि केन्द्र ने 48 लाख टन चीनी विदेश में 12 रूपए किलो के भाव से निर्यात कर दी। आज जब चीनी के भाव 50 रूपए हो गए, तब केन्द्र सरकार 70 लाख टन चीनी आयात करने की बात कह रही है।
जनता के साथ छलावाचतुर्वेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री लोकसभा से लेकर पंचायत चुनाव तक कडी से कडी जोडने के नाम पर वोट मांगकर जनता के साथ छलावा कर रहे हैं। तेरह माह के शासन में कांग्रेस कुछ नहीं कर पाई।
पिछली हार से सबकप्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि पिछले चुनावों में मिली हार से सबक लेकर आगे की रणनीति बना रहे हैं। पंचायत चुनाव में सब एकजुट हैं।
संवेदनहीन सरकारचतुर्वेदी ने कहा कि जयपुर के आईओसी अग्निकांड और कोटा के चम्बल पुल हादसे में राज्य सरकार की संवेदनहीनता नजर आई। आईओसी कांड में केन्द्र का सहयोग लेने में राज्य सरकार विफल रही, जबकि कोटा में चम्बल पुल हादसे की जिम्मेदारी लेने से राज्य सरकार ने पल्ला झाड लिया।

गहलोत सरकार पर बरसे तिवाडी

जोधपुर। भाजपा के वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाडी ने प्रदेश में गहलोत सरकार के कार्यकाल को अकर्मण्यता का प्रतीक बताते हुए इसे हर मोर्चे पर विफल बताया है।

तिवाडी ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि सरकार के साल भर के कार्यकाल में ही लोग त्रस्त हो चुके हैं। न लोगों को पर्याप्त पानी-बिजली मिल रहे हैं और न ही अभावग्र्रस्त क्षेत्रों में चारे-पानी का इन्तजाम हो पाया है। नरेगा के तहत काम कर रहे ग्रामीणों को गत छह माह से मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने भाजपा शासन में शुरू हुई करोडों रूपए की महत्वाकांक्षी योजनाएं बंद कर दी और नई भर्ती पर रोक लगाई है। विकास के सभी कार्य बंद है। चालू है तो केवल युवक कांग्रेस की भर्ती।
पंचायत चुनाव में मिलेगा लाभ तिवाडी ने दावा किया कि इन स्थितियों का आसन्न पंचायत चुनाव में निश्चित रूप से भाजपा को फायदा मिलेगा और वह विजयश्री हासिल करेगी। भाजपा में फूट को लेकर पूछे गए सवाल पर तिवाडी ने इतना ही कि भाजपा एकजुट है। कहीं कोई मतभेद नहीं है।
ब्यूरोक्रेसी भ्रष्ट!तिवाडी ने कहा कि गत भाजपा सरकार के कामकाज की जांच के लिए कांग्रेस सरकार ने माथुर आयोग गठित किया। न्यायालय ने आयोग को असंवैधानिक घोषित कर दिया। आयोग अध्यक्ष तक को कहना पडा कि राज्य की ब्यूरोक्रेसी में भ्रष्टाचार है।
महंगाई ने जीना किया मुहालतिवाडी ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार महंगाई नहीं रोक पा रही। इससे आमजन विशेषकर ग्रामीणों का जीना मुश्किल हो गया है। साथ ही तिवाडी ने माना कि भाजपा भी महंगाई के मुद्दे को सही ढंग से नहीं भुना पाई।

Sunday, January 17, 2010

मुलायम ने मंजूर किया अमर सिंह का इस्तीफा

समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह ने पार्टी के सभी पदों से अमर सिंह के इस्तीफे को मंजूर कर लिया है। अमर सिंह ने 6 जनवरी को दुबई से ही फैक्स के जरिए समाजवादी पार्टी के महासचिव, प्रवक्ता और संसदीय बोर्ड के सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया था। समाजवादी पार्टी के सूत्रों ने बताया कि अमर सिंह को मनाने की कोशिशें विफल होने के बाद मुलायम ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया। मुलायम सिंह ने अमर सिंह के इस्तीफे को स्वीकार करते हुए उन्हें एक पत्र भी भेजा है। इसमें उन्होंने लिखा है,' प्रिय अमर सिंह जी, 6 जनवरी 2010 को आपने समाजवादी पार्'r के सभी पदों से इस्तीफा दिया था। मैं दुखी मन से आपके इस्तीफे को स्वीकार करता हूं। आपने समाजवादी पार्टी को मजबूत करने में अथक प्रयास किया है, इसके लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं।
अपने इस्तीफे की वजह अमर सिंह ने खराब स्वास्थ्य को बताया था, लेकिन बाद में यह साफ हो गया था कि रामगोपाल यादव और समाजवादी पृष्ठभूमि वाले कुछ नेताओं से उनके गहरे मतभेद हो गए थे। रामगोपाल यादव ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि अमर सिंह का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है और उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाए। रामगोपाल ने लोकसभा चुनावों में एसपी के खराब प्रदर्शन के लिए परोक्ष रूप से अमर सिंह को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा कि अमर सिंह ने कल्याण सिंह को पार्टी को साथ जोड़ा जिससे हमें नुकसान हुआ। उनका यह भी कहना है कि बॉलिवुड वालों से भी पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ। रामगोपाल यादव के इस बयान के बाद संजय दत्त ने भी पार्टी महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था। संजय दत्त के अलावा जया बच्चन, जयाप्रदा और मनोज तिवारी भी अमर सिंह के साथ जाने के संकेत दे चुके हैं।

बसु की अंतिम यात्रा मंगलवार को

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु के पार्थिव शरीर की अंतिम यात्रा मंगलवार सुबह शुरू होगी। बसु अपना शरीर दान कर चुके थे इसलिए उनका अंतिम संस्कार नहीं होगा। बसु का आखिरी सफर श्रद्धांजलि के बाद एक अस्पताल में खत्म होगा। बसु ने करीब सात साल पहले ऐलान किया था कि उनकी मौत के बाद 'गणदर्पण' नामक एनजीओ को उनकी बॉडी डोनेट कर दी जाए। सीपीएम स्टेट कमिटी के मेंबर रबिन देब ने बताया कि उनकी इस इच्छा के मद्देनजर मंगलवार को 'पीस ऑफ हेवन' नामक फ्यूनरल पार्लर से उनका आखिरी सफर शुरू होगा। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर सचिवालय, असेंबली होते हुए पार्टी हेडक्वॉर्टर और फिर एसएसकेएम अस्पताल ले जाया जाएगा।
सीपीएम के प्रदेश सचिव बिमान बोस ने बताया कि बसु के पार्थिव शरीर को 10.30 बजे से दोपहर ढाई बजे तक प्रदेश विधानसभा परिसर में रखा जाएगा, ताकि लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें। उन्होंने बताया कि इस दौरान बांग्लादेश समेत देश-विदेश के नेता बसु को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। बोस ने बताया कि इसके बाद उनकी देह को दोपहर 3 बजे अलीमुद्दीन स्ट्रीट स्थित पार्टी मुख्यालय ले जाया जाएगा, जहां से उनकी अंतिम यात्रा के तौर पर उन्हें एसएसकेएम अस्पताल ले जाएंगे। बसु की देह को पार्टी मुख्यालय में एक घंटे के लिए रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि इस दौरान वहां सीपीएम पोलित ब्यूरो और केंद्रीय समिति के सभी सदस्य आएंगे।

भाजपा ने प्रशासन पर मढा आरोप

राजसमंद। भारतीय जनता पार्टी ने केरोट गांव में सरस डेयरी प्लांट के भूमि पूजन को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया है। राजसमंद पंचायत चुनाव प्रभारी प्रमोद सामर व जिलाध्यक्ष नंदलाल सिंघवी ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन एक तरफ निष्पक्ष चुनाव कराने का दावा कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ एमडी पंचायत के केरोट गांव में खुले रूप से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है।
भाजपा मीडिया जिला संयोजक मधुप्रकाश लड्ढा ने बताया कि डेयरी प्लान्ट के भूमि पूजन में निदेशक व सरकारी अघिकारी डेयरी महाप्रबन्धक पी.के. शर्मा सम्मिलित हुए, जो सरासर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। भाजपा जिला महामंत्री महेश पालीवाल, पालिका अध्यक्ष अशोक रांका, ग्रामीण मण्डल अध्यक्ष गोपाल कृष्ण पालीवाल, नगर मण्डल अध्यक्ष प्रवीण नन्दवाना ने चुनाव आयोग से सरस डेयरी आचार संहिता उल्लंघन में सम्मिलित हुए अघिकारी के खिलाफ मामला दर्ज करवा कर जांच करवाने की मांग की है।

आचार संहिता का उल्लंघन

राजसमंद के नजदीक केरोट के समीप उदयपुर डेयरी के किराए पर चल रहे अवशीतन केन्द्र को रविवार को आनन-फानन में उद्घाटन कर नए भवन में स्थानांतरित कर दूध संकलन का कार्य शुरू कर
दिया गया।
इधर, जहां एक ओर भाजपा इसे आचार संहिता का उल्लंघन बता रही है, वहीं डेयरी प्रभारी इसे किसानों के हित के तहत महज भवन स्थानांतरित करने का कार्य बता रहे हैं। शिकायत मिलने पर उपखण्ड अघिकारी राजसमंद डेयरी परिसर पहुंचे और तीन जनों को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
विरोध के स्वर होने लगे मुखर
भाजपा के ग्रामीण मण्डल अध्यक्ष गोपालकृष्ण पालीवाल, पूर्व अध्यक्ष कृष्ण पालीवाल व भाजपा नेता भूपेन्द्र पालीवाल ने उदयपुर डेयरी संयंत्र के प्रबंधक द्वारा सरकार के दबाव में आनन-फानन उद्घाटन करने का आरोप लगाया है। तीनों नेताओं ने यहां जारी बयान में कहा कि पंचायतीराज चुनाव के तहत वोटरों को लुभाने के उद्देश्य से ऎसा किया गया है, जबकि कांग्रेस के दबाव में इसे पहले ही अन्यत्र ले जाने का प्रस्ताव किया गया था। सदस्यों ने चुनाव आयोग को इस पर स्वत: प्रसंज्ञान लेते हुए दोषी अघिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
आचार संहिता के दौरान उद्घाटन करने की शिकायत मिली थी। घटना स्थल पर जाने पर पूजन कार्य होना पाया गया। संचालक व दो अन्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। रामनारायण बडगुर्जर, एसडीएम
कोई उद्घाटन नहीं हुआ है। सामान्य पूजन का कार्य हुआ। डेयरी किसान व पशुपालक भाइयों की संस्था है। नए अवशीतन केन्द्र पर दूध संकलन का कार्य जरूर शुरू किया है। भवन में इस कार्य को शुरू करने के उद्देश्य से मुहूर्त निकाल पूजन किया गया। डॉ. पी.के. शर्मा, प्रभारी अवशीतन केन्द्र, राजसमंद

Tuesday, January 5, 2010

भाजपा का छह महीनों से चला आ रहा विवाद हल

नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के प्रयासों और स्पष्ट रूख से राजस्थान भाजपा का छह महीनों से चला आ रहा विवाद हल हो गया है। पंचायत चुनावों के बाद संगठनात्मक चुनावों में अरूण चतुर्वेदी पार्टी के विघिवत अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे, जबकि वसुंधरा राजे को पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव बनाया जा रहा है। भले ही फिलहाल वसुंधरा राजे विपक्ष की नेता नहीं रहेंगी, लेकिन अगले चुनावों में मुख्यमंत्री पद की दावेदार वही होंगी।

जानकार सूत्रों के अनुसार पार्टी के दिग्गज नेताओं ने 23 दिसम्बर को हुई बैठक में इस आशय की सहमति दे दी है। विपक्ष के नेता का विवाद भी करीब-करीब हल हो गया है। फरवरी में बजट सत्र से ठीक पहले विपक्ष के नेता का चुनाव किया जाएगा, जिसमें वसुन्धरा राजे की सलाह को महत्व दिया जाएगा। लगभग उसी समय भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन होगा, जिसमें राजे को महासचिव बनाया जाएगा। नितिन गडकरी मध्यप्रदेश में होने वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक में अपनी नई टीम का परिचय करवाएंगे।
नेता प्रतिपक्ष गैर ब्राह्मण!राजस्थान में विपक्ष के नेता पद पर किसी गैर ब्राह्मण को ही चुने जाने के आसार हैं। इस पद पर गुलाबचंद कटारिया, दिगम्बर सिंह या राव राजेन्द्र सिंह में से किसी एक का चुनाव हो सकता है। वसुंधरा राजे को भले ही राजस्थान का प्रभारी महासचिव नहीं बनाया जाए, लेकिन राजस्थान में पार्टी मामलों में उनकी अहम भूमिका रहेगी।

दिल्ली में मिलेंगे तीन देशों के माओवादी नेता

जहां गृह मंत्री पी. चिदंबरम नक्सली समस्या से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां कर रहे हैं, वहीं माओवादी अपनी गतिविधियों का विस्तार पूरे दक्षिण एशिया में करने की तैयारी कर रहे हैं। इस सिलसिले में तीन देशों के माओवादी नेता इस महीने दिल्ली में इकट्ठा होने वाले हैं। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार नेपाल, श्रीलंका और भारत की माओवादी पार्टियों के प्रमुख नेता इस महीने के अंत में दिल्ली में मिलेंगे। इस बैठक में पाकिस्तान से भी माओवादी प्रतिनिधियों को आना था। लेकिन, वीजा न मिलने के कारण वे नहीं आ पाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, नेपाल की माओवादी पार्टी के प्रमुख नेता बसंत अपने साथियों के साथ भारत पहुंचेंगे। श्रीलंका की सीलोन माओइस्ट पार्टी के प्रतिनिधि भी आएंगे। भारत की ओर से माओवादी नेता किशनजी और अनंत बैठक में शामिल होंगे।

'ब्राह्मण जमा पार्टी' को भारतीय जवान पार्टी में बदलेंगे गडकरी

बीजेपी के नए प्रेजिडेंट नितिन गडकरी धीरे-धीरे बीजेपी को संघ के अनुरूप ढालने की कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आजकल मीडिया से खूब रूबरू हो रहे गडकरी बीजेपी को ब्राह्मण जमा पार्टी की संज्ञा दिए जाने से काफी असहज महसूस कर रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि कहीं न कहीं वह खुद भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। बीजेपी के ब्राह्मण जमा पार्टी का नाम इसलिए दिया गया है, क्योंकि बीजेपी के वर्तमान स्वरूप में पार्टी में संगठन और संसदीय दल दोनों ही जगह ब्राह्मणों का ही बोलबाला है। शुरुआत करते है संगठन से, तो बीजेपी के नजरिए से देखे तो आरएसएस का आशीर्वाद प्रात्त नए अध्यक्ष नितिन गडकरी स्वंय ब्राह्मण जाति से संबंधित है। उनके अलावा पार्टी के लोकसभा में नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में नेता अरुण जेतली भी ब्राह्मण वर्ग से ही आते हैं। वैसे कभी संघ की पसंद रह वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी भी उच्च कुलीन ब्राह्मण है। इसके अलावा दिल्ली में पार्टी की उठापटक में शामिल रहने वाले अनंत कुमार भी इसी जाति का प्रतिनिधित्व करते हैं। संगठन में संजय जोशी जैसे लोग भी हैं जिन्हें कुछ अपने ही लोगों ने मिल कर बाहर कर दिया था, संगठन में उनकी वापसी की संभावनाएं बनने लगी हैं, वह भी ब्राह्मण ही है। इसी तरह पार्टी की प्रदेश इकाइयों में भी अनेक पदों पर ब्राह्मणों का ही साम्राज्य ही है। इसलिए गडकरी को अब जिम्मेदारी के साथ संगठन यानी पार्टी की इमेज को सुधारना है। वैसे भी बीजेपी को अपर क्लास हिंदुओं की पार्टी ही माना जाता है । इसलिए अब आलोचक बीजेपी को ब्राह्मण जमा पार्टी कहने लगें हैं, तो इसमें कोई हैरानी नहीं है। लेकिन पार्टी को ज्यादा लोकप्रिय बनाने के लिए गडकरी को समाज के दूसरे वर्गों की हिस्सेदारी भी बढ़ानी होगी। वैसे ही बीजेपी की इमेज इस मामले में खराब है कि उसे ओबीसी या पिछड़ी जातियों के नेता हजम नहीं होते हैं। कल्याण सिंह,उमा भारती, अर्जुन मुंडा, बाबूलाल मरांडी से लेकर गोविदाचार्य तक यह बात फिट बैठती है। वैसे आजकल कभी बीजेपी में हिंदुत्व की सशक्त आवाज रहे विनय कटियार भी अब साइडलाइन हो गए है। उनकी पार्टी में कोई अहम भूमिका ही नहीं रही है।
लेकिन अब गडकरी ने बीजेपी के इस नए नाम की काट भी निकाल रही है। बीजेपी कैंप से आ रही खबरों के मुताबिक नागपुर में संघ की मुख्यालय की बगल की गली में रहने वाले गड़करी ने जब से संसद के बगल वाली सड़क पर बने बीजेपी के दफ्तर की कमान संभाली है, तभी से वह पार्टी को युवा चेहरा देने की वकालत में जुटे हुए हैं। तर्क दिया जा रहै है कि देश की आधी आबादी अब युवाओं की है, ऐसे में पार्टी में युवा चेहरे होना नितांत जरूरी है। वह बीजेपी को अब भारतीय जवान पार्टी बनाने की कसरत कर रहे है। वैसे बीजेपी को युवा बनाने की वकालत अनेक बार संघ प्रमुख मोहन भागवत भी कर चुके है और जहां तक गडकरी की सोच का सवाल है, तो इसमें कोई दो राय नहीं है कि संघ प्रमुख के दिल की बातें गडकरी के दिमाग तक स्वंय ही पहुंच जाती है। उम्मीद की जा रही है कि बीजेपी की नई कार्यकारिणी पहले की अपेक्षा ज्यादा युवा होगी और उसमें शामिल चेहरे 60 की उम्र के नीचे के ही होंगे। वैसे भी 52 वर्षीय नितिन गडकरी के कमान संभालने के बीद अब सही मायने में बीजेपी का नेतृत्व कमोबेश युवा पीढ़ी के हाथों में पहुंच गया हैं । वैसे गडकरी ने नवभारत टाइम्स से की गई विशेष बातचीत में भी साफ किया था कि समाज के जिन वर्गों और देश के जिन हिस्सों में पार्टी कमजोर है, वहां अपनी पैठ बनाने के लिए पार्टी विशेष कोशिश करेगी। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने गडकरी की योजना का खुलासा करते हुए नए साल को पार्टी के लिए सामाजिक विस्तार मिशन की संज्ञा दी है और दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ों और समाज के सभी कमजोर वर्गों में अपना आधार बढ़ाने के लिए युद्घस्तर पर व्यापक कार्यक्रम चलाने की घोषणा की है। यह सब गडकरी के बीजेपी में गैर ब्राह्मण और युवा चेहरों को शामिल करने की रणनीति का ही हिस्सा है।

Friday, January 1, 2010

बेसहारा लोगों के बीच पहुंचे मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार को नव वर्ष पर सी स्कीम स्थित मदर टेरेसा होम गए और वहां भर्ती मरीजों एवं बुजुर्गो से आत्मीयता से मिले और उनके हालचाल जाने। मुख्यमंत्री को नव वर्ष के पहले दिन ही अपने बीच पाकर होम में भर्ती बेसहारा लोग गद्गद् हो गए और उनकी सादगी एवं संवेदनशीलता मरीजों के दिल को छू गई। गहलोत प्रत्येक मरीज से व्यतिश: मिले और उनके दुख-दर्द को जाना। मुख्यमंत्री ने मरीजों से पूछा कि वे कहां से आए हैं और यहां उनकी सेवा किस तरह से हो रही है। गहलोत ने मरीजों से उनके परिजनों के बारे में भी जानकारी ली। होम में भर्ती मरीजों में से अधिकांश लोग राजस्थान से बाहर के थे। मुख्यमंत्री ने वहां बुजुर्गो एवं मरीजों को स्वेटर एवं फल वितरित किये। गहलोत के साथ उनकी धर्मपत्नी सुनीता गहलोत ने भी मुख्यमंत्री का मानवीय सेवा के कार्य में हाथ बंटाया। जिन बुजुर्गो को चलने-फिरने में तकलीफ थी, मुख्यमंत्री उनके पास खुद पहुंचे और उन्हें सामग्री का वितरण किया। गहलोत सबसे पहले सेंट जोसेफ वार्ड गए। इसके बाद गहलोत डिवाइन मर्सी वार्ड तथा सेक्रेड हार्ट वार्ड में गए। मुख्यमंत्री ने बिस्तर के पास जाकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। होम में भर्ती लोग इस बात से काफी खुश थे कि मुख्यमंत्री उनके दुख-दर्द जानने आए हैं।

कानून के लपेटे में किरोड़ी समर्थक, रिपोर्ट दर्ज

दौसा के सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की गिरफ्तारी के विरोध में नागंल राजावतान में 30 घंटे रास्ता जाम करने वाले करीब तीन सौ लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। इनमें से 12 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है। डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की गिरफ्तारी के बाद से ही सड़क रोक कर बैठे समर्थकों ने शुक्रवार शाम करीब छह बजे डॉ. मीणा से मोबाइल फोन पर बात होने के बाद ही जाम खोला। नांगल राजावतान को मीणा समाज की हाइकोर्ट भी कहा जाता है।

2010 में भाजपा की नजर 10 मुद्दों पर

आज से शुरू हुए नए साल 2010 के दौरान भाजपा दस मुद्दों पर सरकार के प्रदर्शन पर नजर रखेगी, जिनमें महंगाई, आतंकवाद और नक्सलवाद, पाकिस्तान सहित अन्य विदेशी मामले, कश्मीर को स्वायत्तता और महिला आरक्षण शामिल हैं।भाजपा ने कहा कि गुजरे साल 2009 में महंगाई को काबू करने में सरकार बुरी तरह असफल रही है और इसकी गलत नीतियां ही आवश्यक वस्तुओं के दाम बेलगाम होने की वजह हैं।आतंकवाद को वास्तविक खतरा बताते हुए भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने यहां कहा कि मुंबई आतंकी हमले के बाद सरकार देश की जनता का यह विश्वास अभी तक नहीं जीत पाई है कि वह ऐसी घटनाओं को रोक पाने या उनसे निपट सकने में अब सक्षम है।पाकिस्तान के हालात को गहरी चिंता का विषय बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को उस पर पैनी नजर रखनी चाहिए क्योंकि वहां की स्थिति का सीधा रिश्ता भारत की सुरक्षा से भी जुड़ा है।उन्होंने कहा कि राजग शासन में झारखंड, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ जैसे तीन नए राज्यों का सौहार्दपूर्ण गठन हो गया लेकिन संप्रग शासन एक तेलंगाना राज्य के गठन के मुद्दे से ठीक से नहीं निपट पाई, जिसके कारण पूरा आंध्रप्रदेश अशांत हो गया।अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने संबंधी रंगनाथ मिश्र आयोग की रिपोर्ट पर पार्टी ने सरकार को आगाह किया कि वह ऐसा कोई कदम नहीं उठाए, जिससे अनुसूचित जाति-जन जाति और अन्य पिछड़ों के आरक्षण का कोटा प्रभावित हो।

दिल्ली की पॉलिटिक्स के पचड़े में उलझे गडकरी

बीजेपी के नए प्रेजिडेंट नितिन गडकरी आजकल दिल्ली में बीजेपी पॉलिटिक्स के ऐसे बादशाह हैं, जिनके पास अपने सिपहासलार नहीं है। इसलिए नितिन गडकरी अब अपनी किचन कैबिनेट बनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं, उनकी कोशिश है कि पार्टी की नई कार्यकारिणी का गठन जनवरी के अंतिम हफ्ते तक हो जाए, क्योंकि फरवरी में पार्टी का राष्ट्रीय सम्मेलन होना है। लेकिन कार्यकारिणी गठन में दिल्ली के डी 4 नेता और संघ का एक गुट गडकरी के रास्ते में अपनी ओर से कांटे बिछाने की कोशिश कर रहे हैं। मामला कुछ यूं है कि नितिन गडकरी अपनी टीम में संघ के प्रचारक और बीजेपी के महासचिव रहे संजय जोशी को शामिल करना चाहते हैं। आपको याद दिला दें संजय जोशी वही शख्स हैं जो कुछ सालों पहले अश्लील सीडी प्रकरण को लेकर बीजेपी महासचिव पद से टाटा कह गए थे। लेकिन अब गडकरी के पार्टी प्रेजिडेंट बनने के बाद संजय जोशी की वापसी के काफी आसार दिख रहे हैं। संजय जोशी एक तरह से महाराष्ट्र में नितिन गडकरी के राजनैतिक आका रह चुके हैं और आज भी संघ में अच्छी पैठ रखते हैं। असली कहानी यहीं से शुरू होती है। संजय जोशी को लेकर बीजेपी के अंदर काफी विरोध है। सूत्रों के अनुसार आडवाणी और मोदी कैंप संजय जोशी की वापसी किसी भी हाल में नहीं चाहते हैं और इसके लिए आजकल दिल्ली के डी-4 कैंप खास तौर पर सक्रिय हो गया है।
यह कैंप भलीभांति जानता है कि संजय जोशी आज भी पॉलिटिकली काफी स्ट्रॉन्ग हैं और यदि एक बार वह फिर केन्द्रीय स्तर पर सक्रिय पॉलिटिक्स से जुड़ते हैं, तो कई लोगों को किनारे लगाने में कहीं चूकेंगे नहीं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संघ का एक गुट भी संजय जोशी की वापसी न हो, इसलिए नितिन गडकरी पर दवाब बनाए हुए हैं। यह गुट गडकरी को बता रहा है कि संजय जोशी की वापसी से शीर्ष केन्द्र गडकरी की बजाय जोशी हो जाएंगे। गौरतलब है कि संजय जोशी को एक समय बीजेपी के अंदर संघ की आवाज माना जाता था और उनकी शख्सियत भी बीजेपी में काफी स्ट्रॉन्ग थी । उन्हें सीडी कांड में फंसाने का आरोप भी बीजेपी के ही कुछ शीर्ष नेताओं पर लगा था। संजय जोशी की वापसी कर गडकरी जहां एक ओर अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं, वहीं संघ भी संजय जोशी की वापसी कर बीजेपी के दिल्लीछाप नेताओं पर कंट्रोल करना चाहता है। अब देखना यह है कि नितिन गडकरी की बीजपी में प्रेजिडेंट होते हुए भी कितनी चलती है, क्योंकि अभी तक बीजेपी लालकृष्ण आडवाणी के इशारों पर ही चलती दिखी है और कई बार संघ की सिफारिशों को इग्नोर भी किया जा चुका है । वैसे भगवा बिग्रेड संजय जोशी की वापसी को एक तरह से गडकरी का पहला टेस्ट मान रहा है और इस टेस्ट में उनकी सफलता या असफलता से यह आकलन लगाया जाएगा कि उनकी बीजेपी में अभी उनकी राजनैतिक हैसियत कितनी है।