नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के प्रयासों और स्पष्ट रूख से राजस्थान भाजपा का छह महीनों से चला आ रहा विवाद हल हो गया है। पंचायत चुनावों के बाद संगठनात्मक चुनावों में अरूण चतुर्वेदी पार्टी के विघिवत अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे, जबकि वसुंधरा राजे को पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव बनाया जा रहा है। भले ही फिलहाल वसुंधरा राजे विपक्ष की नेता नहीं रहेंगी, लेकिन अगले चुनावों में मुख्यमंत्री पद की दावेदार वही होंगी।
जानकार सूत्रों के अनुसार पार्टी के दिग्गज नेताओं ने 23 दिसम्बर को हुई बैठक में इस आशय की सहमति दे दी है। विपक्ष के नेता का विवाद भी करीब-करीब हल हो गया है। फरवरी में बजट सत्र से ठीक पहले विपक्ष के नेता का चुनाव किया जाएगा, जिसमें वसुन्धरा राजे की सलाह को महत्व दिया जाएगा। लगभग उसी समय भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन होगा, जिसमें राजे को महासचिव बनाया जाएगा। नितिन गडकरी मध्यप्रदेश में होने वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक में अपनी नई टीम का परिचय करवाएंगे।
नेता प्रतिपक्ष गैर ब्राह्मण!राजस्थान में विपक्ष के नेता पद पर किसी गैर ब्राह्मण को ही चुने जाने के आसार हैं। इस पद पर गुलाबचंद कटारिया, दिगम्बर सिंह या राव राजेन्द्र सिंह में से किसी एक का चुनाव हो सकता है। वसुंधरा राजे को भले ही राजस्थान का प्रभारी महासचिव नहीं बनाया जाए, लेकिन राजस्थान में पार्टी मामलों में उनकी अहम भूमिका रहेगी।
जानकार सूत्रों के अनुसार पार्टी के दिग्गज नेताओं ने 23 दिसम्बर को हुई बैठक में इस आशय की सहमति दे दी है। विपक्ष के नेता का विवाद भी करीब-करीब हल हो गया है। फरवरी में बजट सत्र से ठीक पहले विपक्ष के नेता का चुनाव किया जाएगा, जिसमें वसुन्धरा राजे की सलाह को महत्व दिया जाएगा। लगभग उसी समय भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन होगा, जिसमें राजे को महासचिव बनाया जाएगा। नितिन गडकरी मध्यप्रदेश में होने वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक में अपनी नई टीम का परिचय करवाएंगे।
नेता प्रतिपक्ष गैर ब्राह्मण!राजस्थान में विपक्ष के नेता पद पर किसी गैर ब्राह्मण को ही चुने जाने के आसार हैं। इस पद पर गुलाबचंद कटारिया, दिगम्बर सिंह या राव राजेन्द्र सिंह में से किसी एक का चुनाव हो सकता है। वसुंधरा राजे को भले ही राजस्थान का प्रभारी महासचिव नहीं बनाया जाए, लेकिन राजस्थान में पार्टी मामलों में उनकी अहम भूमिका रहेगी।
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