Saturday, January 31, 2009

प्रेम प्रसंग कांग्रेस के कल्चर में है कई दिग्गज नेताओं ने ऐसे कारनामें किए

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने कहा है कि हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री की तरह कांग्रेस के ऐसे कई नेता है जिनकी कल्चर में इस तरह के प्रेम प्रसंग के मामले है।चित्तौड़ दुर्ग भ्रमण के लिए अचानक बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के यहां पहुंचे चौटाला ने बातचीत करते हुए हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री चन्द्रमोहन उर्फ चांद मोहम्मद की प्रेम कहानी के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह देश सेक्युलर देश है, जहां हर महजब के लोग निवास करते है एवं कोई चन्द्रमोहन, चांद मोहम्मद बन जाता है तो कोई चांद मोहम्मद चन्द्र मोहम्मद बन जाता है, लेकिन किसी को कोई आपत्ति नहीं होती है।उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रेम प्रसंग कांग्रेस के कल्चर में है एवं अतीत में झाककर देखे तो यह स्पष्ट हो जाता है एवं कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने ऐसे कारनामें किए है लेकिन चांद मोहम्मद का यह दुर्भाग्य रहा कि उसका प्रेम प्रसंग पिक्चर में आ गया एवं बाकी सब पर्दे के पीछे रह गए।उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव की चर्चा करने पर कहा कि देश के मतदाता इस इंतजार में है कि कब चुनाव कार्यक्रम घोषित हो एवं कांग्रेस का सूपड़ा साफ किया जाए। उन्होंने कहा कि एन.डी.ए. ही पुनः सत्ता में आएगी। यह पूछे जाने पर कि भाजपा के बड़े नेताओं के बीच जिस तरह खींचतान चल रही है, उससे एन.डी.ए. को भी नुकसान होने की संभावना तो नहीं है। इस पर चौटाला ने कहा कि सभी पार्टी में आंतरिक कलह एवं मतभेद चलते रहते है तथा बाद में शांत हो जाते है, हालांकि उन्होंने यह माना कि किसी भी कार्यकर्ता के पार्टी से चले जाने पर पार्टी को नुकसान तो होता है लेकिन नुकसान कवर हो जाता है। चौटाला ने कहा कि देश के मतदाताओं की एक ही सोच चल रही है कि चुनाव में कांग्रेस का सफाया हो जाए। मेवाड़ भ्रमण के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने इसे सामान्य बताते हुए कहा कि आगामी चुनाव से इसका कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि मेवाड़ काफी सुन्दर है।इससे पूर्व चौटाला जब अपने कुछ खास परिचितों के साथ दो टैक्सी कार से यहां पहुंचे तो दुर्ग भ्रमण के लिए आए पर्यटक चोटाला को बिना किसी तामझाम के इस सादगी के साथ देख कर चौंक पड़े। पूर्व मुख्यमंत्री का दर्जा होने के बावजूद कोई भी वर्दीधारी उनके साथ नहीं था। दुर्ग भ्रमण के बाद चौटाला डबोक के लिए प्रस्थान कर गए।

मुख्यमंत्री नहीं बने राणे अब लोकसभा चुनाव के लिए टिकट की कतार में

मुख्यमंत्री बनने के इच्छुक कांग्रेस नेता नारायण राणे को कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में कोंकण से खड़ा करने की संभावना व्यक्त की जा रही है। पिछले दिनों दिल्ली गए भूतपूर्व मुंख्यमंत्री नारायण राणे ने पार्टी वरिष्ठ नेताओं के साथहुई बैठक के बाद कांग्रेस नही छोड़ने की घोषणा की साथ ही लोकसभा के चुनाव में पार्टी को जिताने के लिए पूरा प्रयास करने को कहा।नारायण राणे ने भूतपूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख और प्रदेश अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे के साथ विवाद को नासमझी होना स्वीकार किया। लोकसभा के चुनाव पूर्व महाराष्ट्र कांग्रेस के आंतरिक मत भेदों को दूर करने के लिए राणे के साथ पार्टी का वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और महाराष्ट्र के प्रभारी ए.के एंटोनी के साथ बैठक की। कांग्रेस पार्टी और पार्टी के नेताओंके बीच मतभेद होने पर भी राणे कांग्रेस में ही रहने के निर्णय कैसे लिया है। इस विषय पर कोई जानकारी नही दी। मुख्यमंत्री पद नहीं मिलने से पार्टी के विरुद्ध टिप्पणी करने वाले राणे को पिछली दिसबंर में पार्टी से सस्पेंड कर दिया था। उसके बाद अकेले पड़े राणे तीन बार दिल्ली जा कर महाराष्ट्र के प्रभारी ए.के. एंटोनी से मुलाकात की। फिर भी उन्हें मत्रिमंडल में नही लिया गया। अभी तक कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने भी उन्हें मुलाकात के लिए समय नही दिया। नारायण राणे को कांग्रेस शिवसेना का गढ़ माने जाने वाले कोकंणसे लोक सभा चुनाव में खड़ा करने की संभावना व्यक्त की जा रही है। नारायण राणे की दिल्ली मुलाकात के बाद मुख्य मंत्री अशोक चव्हाण भी दिल्ली जा कर पार्टी के नेताओं के साथ राणे मुद्दे पर चर्चा की थी।

कांग्रेस ने कल्याण सिंह को लेकर जाहिर की समाजवादी पार्टी से नाराजगी

कांग्रेस में कल्याण सिंह को लेकर समाजवादी पार्टी से अपनी नाराजी को औपचारिक कर दिया है। कल कांग्रेस कार्यसमिति बैठक में दिग्विजय सिंह ने इस नाराज मुद्रा की शुरूआत की और ज्यादातर नेताओं ने इसका समर्थन किया। सबसे महत्वपूर्ण समर्थन राहुल गांधी की तरफ से आया। राहुल ने कहा कि समाजवादी पार्टी अभी से ऐसा आचरण कर रही है तो आगे उस पर कैसे भरोसा किया जा सकता है।कल वैसे भी समाजवादी पार्टी का बुरा दिन था। गोरखपुर में अमर सिंह और अभिनेता से नेता बनने वाले मनोज तिवारी जिस मंच पर मौजूद थे वही गिर गया। गनीमत है कि इन दोनों को चोट नहीं आई। मगर अमर सिंह तो अमर सिंह ठहरे। उन्होंने आरोप लगा ही दिया कि मंच बनाने वाला ठेकेदार बसपा का कार्यकर्ता है। वैसे अमर सिंह ने तो समाजवादी पार्टी के मंच से लाल कृष्ण आडवाणी को भी अपनी पार्टी में आमंत्रित करने वाला भाषण दिया था।समाजवादी पार्टी की कल्याण सिंह से नजदीकियों से कांग्रेस नाराज है। कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्लूसी) की बैठक में भी इसका असर नजर आया। बैठक में कई सदस्यों ने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की कल्याण सिंह से दोस्ती पर चिंता जताई। सदस्यों का कहना था कि इस पूरे घटनाक्रम से अल्पसंख्यकों में गलत संदेश गया है। सपा नेतृत्व उम्मीदवारों का ऐलान कर कांग्रेस के लिए मुश्किल पैदा कर रहा है। इसलिए, पार्टी नेतृत्व को सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए फैसला करना चाहिए।बैठक में उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले ज्यादातर सदस्यों का कहना था कि मौजूदा स्थिति में सपा को साफ संदेश देते हुए समझौता किया जाना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह, मोहसिना किदवई, देवेंद्र द्विवेदी और सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कल्याण सिंह से सपा की दोस्ती पर चिंता जताई। सत्यव्रत चतुर्वेदी सपा महासचिव अमर सिंह के खिलाफ कड़े बयान देते रहे हैं।इसकी शिकायत अमर सिंह ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष से भी की थी। उप्र कांग्रेस कमेटी मौजूदा स्थितियों में सपा के साथ गठबंधन के हक में नहीं है। पर उसने अंतिम फैसला पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ दिया है। पार्टी का एक तबका कल्याण सिंह को मुद्दा बनाकर सपा से पल्ला झाड़ने की वकालत करता रहा है। पार्टी के मुसलिम नेता भी कांग्रेस अध्यक्ष से सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए गठबंधन की मांग कर चुके हैं।

राजनाथ बने रहेंगे पद पर

नागपुर में होने वाली भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को इस पद पर एक और साल का विस्तार दिया जा सकता है। सत्तावन वर्षीय सिंह का वर्तमान कार्यकाल दिसंबर 2009 को समाप्त हो रहा है और पूरी तरह चुनावी मोड में आ चुकी भाजपा उन्हें अध्यक्ष पद पर दिसंबर 2010 तक विस्तार देने का मन बना चुकी है।पार्टी सूत्रों ने बताया चूंकि अध्यक्ष पद के लिए चुनाव प्रक्रिया पूरी होने में एक साल का समय लग जाता है इसलिए लोकसभा चुनाव के करीब आते देख यह चुनाव कराना व्यवहारिक नहीं होगा। उन्होंने बताया कि अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए पहले सदस्यता अभियान शुरू करना होता है। उसके बाद ब्लॉक स्तर से प्रारंभ होकर केन्द्रीय स्तर तक के संगठनात्मक चुनाव कराने होंगे। सूत्रों के अनुसार छह फरवरी से नागपुर में शुरू होने जा रही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव लाया जा सकता है कि बिना चुनाव कराए वर्तमान अध्यक्ष को एक वर्ष का और विस्तार दे दिया जाए।भाजपा के कुछ नेताओं का मानना है कि राजनाथ सिंह को एक साल का अतिरिक्त विस्तार देने के फैसले का राष्ट्रीय कार्यकारिणी से अनुमोदन लेने की भी आवश्यकता नहीं है। पार्टी विधान के अनुरूप अध्यक्ष के लिए अगला चुनाव होने तक वह अपने पद पर बने रह सकते हैं। इनका कहना है कि अध्यक्ष पद के चुनाव को केवल इसलिए टाला जा रहा है कि लोकसभा चुनाव बहुत समीप हैं और अध्यक्ष पद की चुनाव प्रक्रिया बहुत लंबा समय लेगी। पार्टी अपनी पूरी ऊर्जा लोकसभा चुनाव में लगाना चाहती है।

फिरकी से नचाने वाले कुम्बले को भाजपा ने दिया मौका

भाजपा ने आज संकेत किया कि वह लंबे समय तक खेल मैदान में बल्लेबाजों को अपनी फिरकी गेंदों से नचाने वाले विश्व के धुरंधर गेंदबाज अनिल कुंबले को चुनाव मैदान में उतारने की योजना बना रही है। चर्चा है कि वह पार्टी उन्हें कर्नाटक की बेंगलूर (उत्तर) लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाना चाहती है।इन खबरें का खंडन किए बिना भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, घोषणा का इंतजार कीजिए। बेंगलूर (उत्तर) सीट के उम्मीदवार के नाम की घोषणा किया जाना अभी बाकी है। पार्टी द्वारा फैसला करते ही आपको सूचना दे दी जाएगी। उन्होंने इस बात से इंकार किया कि कुंबले जैसे अराजनीतिक व्यक्ति को टिकट देने को लेकर पार्टी में कुछ लोग विरोध कर रहे हैं। जावडेकर ने कहा, हमारी पार्टी के द्वार सभी के लिए खुले हैं। हम जीवन के हर क्षेत्र के लोगों को पार्टी में शामिल होने के लिए उत्साहित करते हैं। हमारे यहां फिल्म खेल और अन्य कई क्षेत्रों के लोग हैं।

वनाधिकार अधिनियम के तहत त्वरित कार्यवाही निर्देश

जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालविया ने कहा है कि वनाधिकार अधिनियम के तहत पात्र व्यक्तियों को पट्टे प्रदान करने को सरकार ने सौ दिवसीय कार्ययोजना में प्राथमिकता दी है।जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री शुक्रवार को उदयपुर संभागीय आयुक्त कार्यालय सभागार में आयोजित जनजाति विकास की योजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वनाधिकार अधिनियम के तहत वर्षो से काबिज आदिवासी लोगों को उनका हक दिलाने के लिए शिविरों का आयोजन किया जाए तथा समयबद्घता के साथ कार्य सम्पादित किया जायें। भारत सरकार द्वारा बनाए गये इस अधिनियम के लागू होने से समस्त आदिवासी लोगों को लाभ मिल सकेगा। इस कार्य को गंभीरता से करें।उन्होंने निर्माण कार्यों की समीक्षा के दौरान स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी कार्य का प्रस्ताव तैयार होने पर उसकी प्रशासनिक स्वीकृति जारी हो उसके पश्चात तकनिकी तथा अंत में वित्तीय स्वीकृति जारी होते ही कार्य प्रारंभ कर दिया जाए।जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने छात्रावास व्यवस्था सुधारने के क ड़े निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक छात्रावास में बिजली, पानी, पलंग, बिस्तर की पुख्ता व्यवस्था हें। उन्होंने निर्देश दिए कि इस वर्ष समस्त छात्रावासों की उन्होंने छात्रावासों के सुदृढ़ीकरण एवं साज-सज्जा कार्य के प्रस्ताव पन्द्रह दिवस में भेजने के निर्देश दिए।उन्होंने छात्रावासों में बालकों को गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने पर भी जोर देते हुए कहा कि इस निमित्त बजट प्रावधानों में भी संशोधन किया जा रहा है। उन्होंने छात्रावास अधीक्षकों को मुख्यालय पर रहने के निर्देश दिए।जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं की समीक्षा की तथा उन्हें प्रभावी ढंग से लागू करने तथा निर्धारित लक्ष्य समय पर पूर्ण करने के भी क.डे निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से ही जनजाति क्षेत्रों में खुशहाली आयेगी।बैठक में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की आयुक्त एवं संभागीय आयुक्त अपर्णा अरोड़ा ने सभी परियोजना अधिकारियों को वनाधिकार अधिनियम के तहत शीघ कार्य सम्पादन के लिए कार्ययोजना बनाने तथा उसे अभियान के रूप में पूर्ण करने के निर्देश दिए तथा कहा कि इस कार्य को परियोजना अधिकारी स्वयं देखे।उन्होंने कहा कि आवासीय विद्यालयों में प्रतिनियुक्ति पर लगे कर्मियों को भत्ता देने के भी प्रस्ताव तैयार किये जाएं। आवासीय विद्यालय में यदि शिक्षक के रहने का स्थान बना हुआ है तो वह वही निवास करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक छात्रावास में बालकों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए बजट में अतिरिक्त राशि का प्रावधान किया जायेगा। उन्होंने परियोजना अधिकारियों को छात्रावासों के निरीक्षण के लिए टैक्सी सुविधा प्रदान करने प्रस्ताव तैयार करने के भी निर्देश दिए।बैठक में राजससंघ, स्वच्छ एवं माडा योजना के तहत भी कराये जा रहे कार्यों की विस्तार से समीक्षा की गयी।आगामी बजट प्रस्तावों पर चर्चा ः बैठक में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के आगामी बजट वर्ष 2009-10 के प्रस्तावों पर भी चर्चा की गयी।चर्चा दौरान जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालविया ने पानी पर जोर देते हुए ऐसे कार्यों को कराए जाने पर बल दिया जिनसे पेयजल एवं सिंचाई सुविधाओं की उपलब्धता बनी रहें। इसके लिए उन्होंने बडे-बडे एनिकट एवं जलग्रहण कार्य कराने की आवश्यकता जतायी। जनजाति विकास मंत्री ने बजट प्रावधानों में मेलों एवं उत्सव पर भी पृथक राशि का प्रावधान करने के निर्देश दिए तथा कहा कि माही महोत्सव, वेणेश्वरधाम एवं मानग.ढ पर शहीद स्थल के संबंध में बजट प्रावधान करने के भी निर्देश दिए। दो मिनिट का मौन रखा ः शहीदों की स्मृति में शुक्रवार को संभागीय आयुक्त कार्यालय में प्रातः 11 बजे समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने दो मिनिट का मौन रखा। इस मौके पर जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालविया, संभागीय आयुक्त अपर्णा अरोड़ा सहित समस्त अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे। इसी प्रकार जिला कलक्ट्रेट कार्यालय सहित समस्त विभागों में भी शहीदों की स्मृति में दो मिनिट का मौन रखा।

Thursday, January 29, 2009

नकारने वाली याचिका पर सहमति नहीं देगी कांग्रेस

अगर चुनाव में खड़ा कोई उम्मीदवार मतदाताओं को पसंद नहीं है तो उसे नकारने का हक दिए जाने के पक्ष में केंद्र सरकार नहीं है। बुधवार को केंद्र सरकार ने इस तरह का हक मांगने वाली याचिका का सुप्रीम कोर्ट में जम कर विरोध किया और कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है। चुनाव आयोग ने एक बार फिर मतदाताओं को यह अधिकार दिए जाने की वकालत की।सुप्रीम कोर्ट में पिछले पांच वर्षो से `पीपुल्स यूनियन फार सिविल लिबर्टीज' की एक याचिका लंबित है। इस संस्था ने याचिका में मतदाताओं को उम्मीदवारों को नकारने का हक दिए जाने की मांग की है। बुधवार को इस पर बहस शुरू हुई।केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सालीसिटर जनरल अमरेन्द्र शरण ने याचिका का विरोध किया और उसकी सुनवाई के औचित्य पर भी सवाल उठा दिया। उन्होंने कहा कि यह रिट याचिका अनुच्छेद 32 के तहत दाखिल की गई है, लेकिन इसमें उठाया गया मुद्दा मौलिक अधिकार के हनन का नहीं है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट इस पर सुनवाई नहीं कर सकता है। मत देने का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं, बल्कि नागरिकों को प्राप्त विधायी अधिकार है। वैसे भी याचिका स्वीकार किए जाने लायक नहीं है, क्योंकि इसमें की गई मांग अव्यावहारिक है। उन्होंने संविधान समीक्षा आयोग की राय को उद्धृत करते हुए याचिका के अव्यावहारिक होने के कारण भी गिनाए। शरण ने नियम 49 (ओ) को असंवैधानिक घोषित किए जाने की पीठ की टिप्पणी पर कहा कि यह नियम संविधान सम्मत है। यह मौजूदा कानून के खिलाफ नहीं है। इसमें व्यवस्था है कि यदि कोई व्यक्ति अपना मत नहीं देना चाहता है तो वह चुनाव अधिकारी के पास जाकर अपनी इच्छा बता सकता है और चुनाव अधिकारी उसकी राय को एक रजिस्टर में दर्ज कर हस्ताक्षर कराता है। अनुच्छेद 128 के तहत चुनाव अधिकारी उस राय को गोपनीय रखने के लिए बाध्य है। अन्यथा उसे तीन महीने तक की कैद हो सकती है। उम्मीदवार को नकारने की राय चुनाव अधिकारी को बताए जाने से मत की गोपनीयता के अधिकार का हनन होता है। चुनाव आयोग की वकील ने नकारात्मक अधिकार की पैरवी करते हुए कहा कि आयोग यह अधिकार मतदाताओं को दिए जाने के संबंध में केंद्र सरकार को पहले भी दो-तीन बार लिख चुका है।

भाजपा ने जारी की उम्मीदवारों की सूची

भारतीय जनता पार्टी ने अगले लोकसभा चुनाव के लिए बृहस्पतिवार को उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, अंडमान निकोबार और गोवा से अपने 23 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। पार्टी ने अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज जसपाल राणा को टिहरी से चुनाव लड़ाने की घोषणा की है।भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में यहां हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इन उम्मीदवारों के नाम तय किए गए। पार्टी महासचिव और चुनाव समिति के सचिव अनंत कुमार ने बताया कि उत्तराखंड की शेष चार सीटों के नाम तय कर लिए गए हैं।उन्होंने बताया कि राणा के अलावा अल्मोडा (सुरक्षित) से उत्तराखंड सरकार में मंत्री अजय टम्टा (नैनीताल), उधमसिंह नगर से पूर्व केंद्रीय मंत्री बच्ची सिंह रावत और हरिद्वार (सु.) से मदन कौशिक को चुनाव लड़ाया जाएगा। पार्टी पौड़ी से वर्तमान सांसद मेजर जनरल सेवानिवृत टीपीएस रावत को पहले ही फिर लड़ाने का ऐलान कर चुकी है।भाजपा ने पश्चिम बंगाल के 17 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की जिसमें प्रदेश अध्यक्ष सत्यब्रत मुखर्जी को कृष्णानगर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी छोड़कर आए ब्रतिन सेनगुप्त को बारासात, सुभाष चंद्र बर्मन को बरलुरघाट, के तथागत राय को कोलकोता उत्तर, राहुल सिन्हा को बांकुरा, दीपेन प्रमाणिक को जलपाईगुड़ी (सु.), नबेंदू महाली को (झारगाम), प्रभाकर तिवारी को बराकपोर, दावा शेरपा को दार्लीलिंग, राहुल चक्रवर्ती को उलूबेरिया, स्वप्न कुमार दास को बसीरहाअ, देबव्रत चौधरी को श्रीरामपुर अमलेश मिश्रा को कंठी, राजश्री चौधरी को तमलुक, मोहितोष बौरी को बर्धमान पूर्व (सु.),भवेन्द्रनाथ बर्मन को कूचबिहार (सु.), पौली मुखर्जी को हावड़ा से टिकट दिया गया है। पार्टी ने अंडमान निकोबार से पूर्व सांसद बिष्णु पद रे और गोवा की मुर्मुगाव सीट से नगेंद्र साविरकर को प्रत्याशी घोषित किया है।

कांग्रेस के 30 प्रतिशत टिकट युवा उम्मीदवारों को दिए जाएंगे

आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के 30 प्रतिशत टिकट युवा उम्मीदवारों को दिए जाएंगे। इस तरह की मांग कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने की थी। सूत्रों के मुताबिक राहुल की बात पर अंतिम मोहर कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में लगा दी गई है। कार्य समिति की बैठक में यह फैसला भी हुआ है कि कांग्रेस इस बार के चुनाव में राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी तरह का गठबंधन नहीं करेगी। राज्यों में गठबंधन स्थिति को देखते हुए किए जाएंगे।कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने कार्य समिति के सामने युवाओं को महत्व देने का मुद्दा जोरदार ढंग से उठाया। शुरू में युवाओं को 10 प्रतिशत टिकट देने की बात कही गई। लेकिन, लंबी बहस के बाद यह प्रतिशत 30 तक पहुंचा गया।युवाओं को लुभाने के लिए कांग्रेस की ओर से इस बार नया नारा दिया जा रहा है। हमेशा कांग्रेस का हाथ गरीबों के साथ वाला नारा देने वाली कांग्रेस इस बार के चुनाव में `कांग्रेस युवाओं के साथ' का नारा दे रही है। कार्य समिति के सामने राहुल गांधी ने अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का भी जिक्र किया। राहुल का कहना था कि इस बारे में विचार करने की जरूरत है कि ओबामा को जीत कैसे हासिल हुई।

भाजपा ने किया घोषणापत्र पर विचार

भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियो ं और वरिष्ठ नेताओं की पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी के साथ आज हुई बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी घोषणापत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं को चिन्हित किया गया।बैठक के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू ने संवाददाताओं को बताया, बैठक में आडवाणी ने आगामी लोकसभा चुनाव में संप्रग सरकार की विफलताओं को लोगों के सामने आक्रमक रूप से प्रस्तुत करने को कहा। बैठक उन्हीं के निवास पर हुई। नायडु ने बताया कि बैठक में शामिल गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री वी एस एद्दयूरप्पा, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैव्हाण हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूरी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमण सिंह समेत कई प्रदेशों के मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं ने आडवाणी के विचारों से सहमति व्यक्त करते हुए अपने सुझाव रखे।नायडू ने कहा, संप्रग की विफलता आतंकवाद, कृषि, महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक नीतियों को घोषणापत्र में शामिल करने का सुझाव आया। उन्होंने कहा कि बैठक में संप्रग की विघटनकारी एजेंडे उसकी विफलता और राजग शासित राज्यों के साथ किए जा रहे कथित सौतेले व्यवहार को लोगों के सामने रखने पर सहमति बनी।नायडु के अनुसार बैठक के दौरान आडवाणी ने सुशासन और सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि चुनाव में हमें लोगों को बताना होगा कि हम दूसरों के मुकाबले देश को बेहतर ढंग से चला सकते हैं।बैठक में महिलाओं युवाओं और किसानों पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया गया। इसके अलावा राजग सरकार द्वारा नदियों को जोड़ने की महत्वाकांक्षी परियोजना को भी घोषणा पत्र में विशेष स्थान देने का सुझाव आया। नायडू ने बताया कि मुख्यमंत्रियों की बैठक में पार्टी उम्मीदवारों का नाम जल्द तय करने पर भी जोर दिया गया। अप्रैल में लोकसभा चुनाव की संभावना को देखते हुए आडवाणी की ``िवजय संकल्प यात्रा`` को मार्च के मध्य तक पूरा करना भी तय हुआ।

जसोल में राजनीतिक हलचल बढ़ गई

भ्रष्टाचार के खिलाफ देशव्यापी मुहिम से राजनीतिक गलियारों में चर्चा में आये पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार सहित कई दिग्गज नेताओं के राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता जसवंत सिंह के पैतृक गांव जसोल में दो फरवरी के प्रस्तावित आगमन की चर्चा से राजनीतिक हलचल बढ़ गई है ।शेखावत और पंवार के अलावा भारतीय जनता पार्टी छोड़ चुके उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह सहित अन्य कई नेताओं के रावली ढाणी में जुटने की चर्चा है । प्रस्तावित जमावड़े के मुख्य आयोजक जसवंत सिंह पिछले दो दिनों से जसोल में है ।हालांकि स्वयं जसवंत सिंह इस आयोजन की पुष्टि नहीं कर रहे है लेकिन उनके नजदीकी सूत्रों ने बताया कि जसोल गांव को सजाया संवारा जा रहा है । रावली ढाणी में जिस तरह की तैयारियां चल रही है उससे स्पष्ट है कि वहां कोई बड़ा आयोजन होने वाला है ।यह उल्लेखनीय है कि पिछले भाजपा शासन के दौरान करीब डेढ वर्ष पूर्व जसवंत सिंह ने जसोल में ``िरयाण'' का आयोजन किया था जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री वंसुधरा राजे से असंतुष्ट कई नेता एकत्रित हुये थे । अब राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के जमावड़े से राष्ट्रीय राजनीति में नये समीकरण बनने की अटकले लगाई जा रही है ।

राष्ट्रीय स्तर पर न तो कोई गठबंधन होगा और न साझा घोषणापत्र : सप्रंग

केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (सप्रंग) सरकार का नेतृत्व कर रही कांग्रेस ने आज साफ किया कि वह अगले लोकसभा चुनाव में अपने सहयोगी दलों के साथ राज्य स्तर पर तालमेल करेगी लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर न तो कोई गठबंधन होगा और न साझा घोषणापत्र।पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कार्यसमिति की आज यहां हुई बैठक में आगामी चुनाव के लिये पार्टी की रणनीति पर विस्तृत चर्चा के बाद कांग्रेस ने कहा कि संप्रग के घटक दलों के साथ राज्य स्तर पर पिछले चुनाव की ही तरह इस बार भी सीटों का तालमेल किया जायेगा। इसके अलावा समाजवादी पार्टी जैसे अन्य दलों के साथ भी तालमेल हो सकता है लेकिन इस बारे में कोई भी फैसला प्रदेश इकाई को विश्वास में लेकर ही किया जायेगा।पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कार्यसमिति की दो घंटे चली बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि जिन राज्यों में हमारा किसी अन्य दल के साथ तालमेल नहीं होगा वहां पार्टी अपने बूते पर जनता से वोट मांगेगी। तृणमूल कांग्रेस जैसे संप्रग से बाहर के दलों को साथ लाने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में आज चर्चा नहीं हुई लेकिन स्थानीय परिस्थितियों और प्रदेश इकाई की राय के आधार पर कोई कदम उठाने का रास्ता खुला हुआ है।यह पूछे जाने पर कि राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन नहीं करने का क्या यह मतलब निकाला जाये कि चुनाव के दौरान संप्रग का अस्तित्व नहीं रहेगा, द्विवेदी ने कहा कि संप्रग का अस्तित्व तो है लेकिन न तो पिछला चुनाव संप्रग के बैनर तले लड़ा गया था और न ही इस बार ऐसा होगा। उन्होंने कहा कि संप्रग के घटक दलों की ओर से भी इस तरह का प्रस्ताव नहीं आया है।अगला चुनाव संप्रग बैनर के तले लड़ने के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुझाव की ओर ध्यान दिलाये जाने पर द्विवेदी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर हमारा कोई गठबंधन नहीं है और इस बार भी इस तरह का गठबंधन करने का सवाल नहीं उठता । उनका कहना था कि ऐसा कोई औपचारिक प्रस्ताव पार्टी को नहीं मिला है।उन्होंने कहा कि अगले चुनाव में संप्रग का कोई साझा घोषणा पत्र नहीं होगा। सभी घटक दल अपने-अपने घोषणा पत्र पर चुनाव लड़ेंगे । उन्होंने तमिलनाडु, बिहार और महाराष्ट्र का नाम लेते हुये कहा कि इन राज्यों में हमारा अलग-अलग दलों के साथ तालमेल है जो अगले चुनाव में भी जारी रहेगा। यह पूछे जाने पर कि इन राज्यों में सीटों का बंटवारा क्या पिछले चुनाव के फार्मूले के आधार पर होगा उन्होंने कहा कि यह स्थानीय परिस्थितियों के हिसाब से तय किया जायेगा।उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ तालमेल के बारे में उन्होंने कहा कि इस संबंध में उसके साथ बातचीत चल रही है और हाईकमान प्रदेश इकाई की राय के अनुरूप कोई फैसला करेगी । वह इस प्रश्न को टाल गये कि क्या सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और कल्याण सिंह की दोस्ती को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई। यह पूछे जाने पर कि इस दोस्ती के बाद भी कांग्रेस सपा से तालमेल करेगी उन्होंने कहा कि अभी बातचीत चल रही है और इसमें सभी मुद्दों पर चर्चा की जायेगी।संप्रग से बाहर के अन्य दलों का साथ लेने से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि चुनाव बाद क्या होगा इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। उस समय के गठबंधन की तस्वीर सीटों की संख्या पर निर्भर करेगी। उन्होंने गठबंधन को संख्या का खेल बताते हुये कहा कि अगर कांग्रेस को अगले चुनाव में पूर्ण बहुमत मिलता है तो स्थिति अलग होगी। इस प्रश्न पर कि क्या ऐसी स्थिति में कांग्रेस अपने सहयोगी दलों का साथ छोड़ देगी द्विवेदी ने कहा, हम किसी को धोखा नहीं देते ।कांग्रेस अध्यक्ष ने कार्यसमिति की ओर से प्रधानमंत्री के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने सदस्यों को आगामी आठ फरवरी को दिल्ली में प्रखंड और जिला स्तर के नेताओं के सम्मेलन के बारे में भी जानकारी दी। द्विवेदी ने बताया कि बैठक में 29 सदस्यों ने हिस्सा लिया जिनमें से 17 सदस्यों ने अपने-अपने विचार रखे। बैठक का कोई फिक्स एजेंडा नहीं था। बैठक में मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की गई।

Wednesday, January 28, 2009

निलंबन की समाप्ति के लिये पार्टी आलाकमान ने कोई शर्त नहीं रखी

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री तथा वरिष्ठ कांग्रेस नेता नारायण राणे ने कहा है कि पार्टी से उनके निलंबन की समाप्ति के लिये पार्टी आलाकमान ने कोई शर्त नहीं रखी है और इस संबंध में अगले चार-पांच दिन के भीतर फैसला किया जायेगा।कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल और महाराष्ट्र के प्रभारी तथा रक्षामंत्री ए के एन्टनी से आज यहां मुलाकात के बाद राणे ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेताओं को कांग्रेस पार्टी में ही बने रहने के अपने फैसले से अवगत करा दिया है। उन्होंने कहा कि एंटनी ने उन्हें बताया है कि उनके निलंबन की समाप्ति के बारे में जल्द ही कोई ``सकारात्मक'' फैसला किया जायेगा जिसकी अगले कुछ दिनों में औपचारिक घोषणा की जायेगी।उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार में मंत्री अथवा पार्टी संगठन में कोई जिम्मेदारी सौंपने के बारे में उनकी किसी से कोई बातचीत नहीं हुई है । उन्होंने यह भी स्पष्ट किया पार्टी से उनके निलंबन के समाप्ति के लिये कांग्रेस आलाकमान के किसी वरिष्ठ नेता ने उनसे माफी मांगने के लिये नहीं कहा है।राणे ने यह भी कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे के साथ उनके कोई मतभेद नहीं है और सभी के साथ मित्रता और सौहार्दपूर्ण संबंध बने रहेंगे। राणे ने कहा कि निलंबनअ समाप्ति संबंधी औपचारिक फैसला हो जाने के बाद वह आगामी लोकसभा चुनाव में सक्रिय भूमिका निभायेंगे और राज्य से ज्यादा लोकसभा सीटों पर पार्टी की भारी जीत सुनिश्चित करने के उद्देश्य से काम करेंगे।यह पूछे जाने पर कि क्या वह महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र के सिंधुदुर्ग संसदीय क्षेत्र से चुनाव लडेंगे राणे ने कहा कि उनका ऐसा कोई इरादा नहीं है लेकिन यदि पार्टी के नीति सिध्दान्तों और कार्यक्रम पर चलना है और पार्टी निर्देशानुसार काम करना है तो पार्टी जो फैसला करेगी उस पर अमल किया जायेगा।

बिहारी बाबू ने उड़ाई भाजपा नेताओं की निंद

शत्रुघ्न सिन्हा ने भाजपा नेताओं की नींद पिछले काफी समय से उड़ाई हुई थी। बीच में समाजवादी पार्टी नेता अमर सिंह और मुलायम सिंह से उनकी मुलाकात ने भाजपा ही नहीं संघ परिवार की हालत भी खराब कर दी थीं। शत्रुघ्न सिन्हा भाजपा में सबसे पहले शामिल होने वाले फिल्म स्टार रहे हैं और वे ही दो बार केंद्रीय मंत्री रह चुकने वाले अकेले फिल्म स्टार हैं।उनकी पार्टी और उनका दोनों का दावा है कि वे जहां से चुनाव लड़ेंगे, जीत जाएंगे लेकिन पटना साहिब सीट के लिए ज्यादा आसान इसलिए थी क्योंकि वहां कायस्थ बहुल मतदाताएं और यही कारण है कि भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद भी कायस्थ होने के बहाने इस सीट पर जोर लगा रहे थे। रविशंकर प्रसाद सुषमा स्वराज के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री बने थे और उन्होंने सुषमा जी के ज्यादातर फैसलों को उलट कर रख दिया था। इसलिए भी सुषमा स्वराज ने शत्रुघ्न सिन्हा का साथ दिया।भैरोसिंह शेखावत और कल्याण सिंह की नाराजी के बाद भाजपा अब और नेताओं को नाराज करने का जोखिम नहीं उठाना चाहती। फिल्म स्टार और पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा की धमकी के सामने घुटने टेकते हुए पार्टी ने उन्हें पटना साहिब से उम्मीदवार बनाए जाने के संकेत दिए हैं। इस बाबत औपचारिक घोषणा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद की जाएगी। उधर, 28 और 29 तारीख को पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उत्तर प्रदेश की 30 और दिल्ली की पांच लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा होने की संभावना है।पार्टी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि शत्रुघ्न सिन्हा को राज्यसभा के लिए टिकट नहीं दिया गया था। पार्टी नेतृत्व ने उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा था। ऐसी स्थिति में अमूमन प्रत्याशी को पसंद वाली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए कहा जाता है। यदि प्रदेश द्वारा पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा का नाम विचार के लिए चुनाव समिति के सामने आएगा तो उस पर विचार जरूर किया जाएगा। शत्रुघ्न सिन्हा सार्वजनिक रूप से पटना साहिब लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त कर चुके हैं। इसे लेकर पार्टी के कुछ नेता नाराज थे। सिन्हा ने इस दौरान यह जताने में कोई झिझक नहीं दिखाई कि उन्हें यदि पटना साहिब से उम्मीदवार नहीं बनाया गया तो वे पार्टी भी छोड़ सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि शीर्ष नेतृत्व ने सिन्हा को इस बात के लिए आश्वस्त किया कि उन्हें पटना साहिब से ही उम्मीदवार बनाया जाएगा।

भाजपा ने 12 नामों की दूसरी सूची जारी की

उत्तर प्रदेश में जिताऊ उम्मीदवारों की कमी से जूझ रही भाजपा ने राज्य के लिए लोकसभा उम्मीदवारों की 12 नामों की दूसरी सूची जारी की है। केंद्रीय चुनाव समिति की लगभग डेढ़ घंटे चली बैठक में पार्टी ने उन्हीं सीटों पर चर्चा की जहां ज्यादा विवाद नहीं था।सूत्रों के अनुसार ज्यादा जिद्दोजहद वाली व रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सीटों पर केंद्रीय नेतृत्व ने ज्यादा माथापच्ची करना ठीक नहीं समझा। इसके बजाय उन पर पैनल छोटे करने व आम राय बनाने के लिए प्रदेश नेतृत्व को एक दिन का समय और दिया है।उत्तर प्रदेश में तीसरे नंबर पर खिसक चुकी भाजपा लोकसभा चुनाव से अपनी खोई साख व केंद्रीय सत्ता की तरफ मजबूती से कदम बढ़ाने के लिए फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रही है। रालोद के साथ तालमेल को लेकर बुधवार को महत्वपूर्ण चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, पार्टी दो-तीन दिन में दोनों दलों के बीच तालमेल की विधिवत घोषणा कर सकती है। ज्यादातर सीटें बंट गई हैं और अब मामला खास कर मेरठ व बिजनौर सीटों को लेकर अटका हुआ है।बैठक में लगभग दो दर्जन सीटों पर चर्चा हुई, लेकिन घोषित सिर्फ 12 ही की गईं। इनमें भी चार अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीटें हैं, जहां पर ज्यादा दिक्कत नहीं थी। बारह नामों की सूची में दो विधायक कैराना के हुकुम सिंह को कैराना लोकसभा सीट से व मुहम्मदी की विधायक कृष्णा राज को शाहजहांपुर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। मशहूर लोक गायिका तृप्ति शाक्य को मैनपुरी से उम्मीदवार बना कर भाजपा ने सपा को उसके गढ़ में चुनौती देने की कोशिश की है।बारह नामों की इस दूसरी सूची के साथ पार्टी ने सूबे के लिए अब तक 22 नामों की घोषणा कर दी है। कल्याण सिंह के पार्टी छोड़ने से उसे एटा सीट के लिए नए उम्मीदवार की तलाश भी है।पार्टी ने बुधवार को केरल से तीन और दमन दीव की एक सीट के लिए भी उम्मीदवार घोषित कर दिया।

लोकसभा चुनाव अप्रेल और मई में होंगे

भारत में यह साल लोकतंत्र के महापर्व यानी आम चुनाव का है। वहां इसकी तारीखों को लेकर अटकलें तेज हैं। इस बीच एक चुनाव आयुक्त ने इसके संकेत दे दिए। उन्होंने कहा कि आठ अप्रैल से 15 मई के बीच लोकसभा चुनाव कराए जाएंगे। लेकिन यह बयान आने के कुछ घंटों बाद दिल्ली से चुनाव आयोग ने सफाई जारी कर दी। इसमें कहा गया कि चुनाव की तारीखों को लेकर आयोग में अभी चर्चा तक नहीं हुई है।चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने कहा, तारीखों को लेकर अभी चुनाव आयोग में चर्चा नहीं हुई है, लेकिन चुनाव आठ अप्रैल से 15 मई के बीच कराए जाएंगे। कुरैशी ने यहां इंडिया हाउस में एक व्याख्यान देने के बाद यह बात कही। वह जम्मू-कश्मीर चुनाव, 2008 विषय पर व्याख्यान देने आए थे। इस मौके पर ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त शिव शंकर मुखर्जी भी मौजूद थे। दिल्ली में चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने कुरैशी की बात का खंडन किया। प्रवक्ता ने स्पष्ट किया, आम चुनाव की तारीख तय करने के लिए अभी तक आयोग में बैठक भी नहीं हुई है। इसलिए चुनाव की तारीख बताती कोई भी रिपोर्ट हकीकत से परे है। भारत में लोकसभा का कार्यकाल इस साल मई में खत्म होना है। इसलिए चुनाव की घोषणा जल्द ही होने के आसार हैं। चुनाव आयुक्त कुरैशी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में सात चरणों में चुनाव कराना कठिन तो रहा, लेकिन इसके नतीजे काफी अच्छे रहे। उन्होंने कहा कि प्रतिकूल मौसम के बावजूद 61.5 फीसदी मतदान होना इस फैसले को सही ठहराता है। साथ ही, मतदान स्वतंत्र और निष्पक्ष तो हुए ही। उन्होंने कहा, भारत के चुनाव आयोग की साख दुनिया में सबसे ज्यादा है। उन्होंने बताया कि भारतीय चुनाव में 67.1 करोड़ मतदाता भाग लेते हैं। इस तरह यह दुनिया के किसी भी देश की तुलना में बड़ा चुनाव होता है। इसके बावजूद भारत दुनिया का पहला देश है, जिसने इतने बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल किया है। वह भी मतदान की गोपनीयता बरकरार रखते हुए।

समाजवाद पार्टी राजस्थान में दो लाख से ज्यादा सदस्य बनाएगी

समाजवाद पार्टी इस वर्ष राजस्थान में अपना सदस्यता अभियान चलाकर दो लाख से ज्यादा सदस्य बनाने का लक्ष्य प्राप्त करना चाहती है। उक्त विचार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश यादव ने पत्रकार सम्मेलन में व्यक्त किये।उन्होंने बताया कि राजस्थान में पार्टी व संगठन को मजबूत करने के लिए राजस्थान के हर जिले में जिलाध्यक्ष बनाकर शीघ कार्यकारिणी की घोषणा की जाएगी। प्रदेश सचिव देवीलाल यादव एवं मधु परमार ने आगामी लोकसभा चुनावों में प्रदेशभर की पच्चीस सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने की सम्भावना व्यक्त की।प्रदेश अध्यक्ष यादव ने उदयपुर के जिलाध्यक्ष पद पर सुखदेवसिंह अनेजा (चांग)को पुनः निर्वाचित करने की घोषणा की। यादव ने बताया कि पार्टी शीघ ही राजस्थान में 15 फरवरी से राजस्थान जागो यात्रा एक माह तक निकाल कर तीसरी ताकत को उभारने का प्रयास करेगी। इस यात्रा का शुभारम्भ राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायमसिंह यादव करेंगे।

भीतरघात करने वालों को भाजपा दुलार रही है

विधानसभा चुनावों में भीतरघात करने वाले 38 लोगों को भाजपा द्वारा पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया उसमें मेवाड़ क्षेत्र में भीतरघात करने वाले किसी शख्स का नाम नहीं होने से कई निष्ठावान भाजपायी सन्न रह गए हैं।उल्लेखनीय है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भीतरघात कर पार्टी को नुकसान पहुंचाने के आरोप में भाजपा ने मंगलवार शाम 38 लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।पार्टी अनुशासन के नाम पर हुई कार्यवाही ने संबंधित क्षेत्रों के उन निष्ठावान कार्यकर्ताओं के मन को एक बारगी शांति प्रदान कर दी जो भीतरघात के कारण हार का दर्द भोग रहे थे मगर पार्टी के इस कदम से मेवाड़ क्षेत्र के वे भाजपायी सन्न रह गए जो विधानसभा चुनावों में भीतरघात करने वालों की लिखित में प्रदेश पदाधिकारियों व अनुशासन समिति को शिकायत दर्ज करवा कर ऐसे लोगों के खिलाफ भी एक्शन की उम्मीद लगाए बैठे थे क्योंकि भाजपा ने अनुशासन के नाम पर जिन लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया उसमें मेवाड़ क्षेत्र के किसी व्यक्ति का नाम शामिल नहीं था। पार्टी के इस कदम के बाद भीतरघात की पीड़ा सहन कर रहे मेवाड़ क्षेत्र के कुछ भाजपायियों के मन को टटोला गया तो उनके मन की पीड़ा खुलकर सामने आ गई। ऐसे निष्ठावान कार्यकर्ताओं का तर्क था कि भीतरघात करने वालों की प्रदेश भाजपा को लिखित में शिकायत कर उनका कच्चा चिट्ठा सामने रखने के बावजूद उनके खिलाफ पार्टी ने कोई एक्शन नहीं लेकर निष्ठावान कार्यकर्ताओं के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा काम किया है।कुछ लोग यह तर्क देने में भी पीछे नहीं रहे कि भीतरघात करने वालों के खिलाफ एक्शन नहीं होना यह साफ करता है कि कहीं न कहीं भीतरघात करने वालों को उपरी स्तर पर प्रोटेक्शन मिला हुआ है।उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनावों में भाजपा को मेवाड़ में करारी हार का सामना करना पड़ा था। चुनाव परिणाम के बाद हार के लिए भीतरघात को प्रमुख कारण बताते हुए निष्ठावान कार्यकर्ताओं ने ऐसे लोगों के खिलाफ तुरंत एक्शन लेने की खुब मांग की थी। यहा तक लोकसभा प्रत्याशी को लेकर कार्यकर्ताओं की राय जानने पहुंचे पार्टी प्रभारियों के समक्ष भी भीतरघात करने वालों के खिलाफ एक्शन लेने की पुरजोर मांग उठी थी। इसके बावजूद ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही नहीं होने से कई कार्यकर्ता सन्न रह गए हैं।

Tuesday, January 27, 2009

आतंवाद को देश के साथ प्रत्यक्ष युद्ध

राजसमन्द। भारतीय जनता महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और राजसमन्द विधायक किरण माहेश्वरी ने आतंवाद को देश के साथ प्रत्यक्ष युद्ध के समाज बताया है। आतंवाद का सामना पूरी सख्ती के साथ करके हम ही देश की अखण्डता बनाए रख सकते हैं।किरण रेलमगरा पंचायत समिति में गणतंत्र दिवस समारोह को सम्बोधित कर रही थी। उन्होने नागरिकें से छल कपट एवं अनैतिकता से अर्जित सफलता को सम्मान नहीं देने का अनुरोध किया। जीवन मे सत्यनिष्ठा, शुचिता एवं परिश्रम से अर्जित सफलता को सम्मानित करके ही हम समाज एवं देश को आगे बढा सकते हैं। किरण ने रेलमगरा पंचायत के विकस में भी झण्डारोहरण किया। किरण ने परिजनो के निधन पर शोक संतप्त बाडिया निवासी मोहनलाल माली, कुरज निवासी मोहनलाल सुखवाल, जावद निवासी हीरालाल पालीवाल, पीपरडा निवासी मोहन जोशी, मजा बडारडा सरपंच मोहन श्रीमाली के यहां जाकर संवेदन व्यक्त की। वे सायंकाल मेवाड एक्सप्रेस से केन्द्रीय चुनाव समिति की सभा में भाग लेने नई दिल्ली गई।

लोकसभा चुनावों में बिहार से सिन्हा को टिकट

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पूर्व केंद्रीय मंत्री और फिल्म अभिनेता शत्रुठघ्न सिन्हा को आगामी लोकसभा चुनावों में बिहार से टिकट देगी।पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सिंह यहां राज्य में पार्टी प्रत्याशी तय करने के लिए आयोजित प्रदेश में पार्टी के नेताओं की बैठक में भाग लेने आए थे।सिन्हा द्वारा पार्टी छोड़ने की अफवाह के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंनें कहा कि सिन्हा बिहार से पार्टी टिकट की मांग कर रह थे और उनकी यह मांग पार्टी ने पहले ही मान ली है। सिंह ने स्पष्ट किया कि सिन्हा पार्टी नहीं छोड़ेंगे।

धन और शराब बांटे जाने पर निर्वाचन आयोग चिंता जता

विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव के दौरान मतदाताओं को रिझाने के लिए धन और शराब बांटे जाने पर चिंता जताते हुए निर्वाचन आयोग ने इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने और मतदान को सही तरीके से सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को सुरक्षाकर्मियों को प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया है।निर्वाचन आयोग ने कहा है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए धन का दुरूपयोग एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आया है। इस बात की जानकारी मिली है कि मतदाताओं को फुसलाने के लिए उम्मीदवार कई प्रक्रियाओं का सहारा लेते हैं। वे नकद राशि देते हैं और प्रलोभन देने के लिए शराब बांटने जैसे अन्य तरीके अपनाते हैं। निर्वाचन आयोग ने हाल ही में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को लिखे एक पत्र में कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसमें चुनाव संपन्ना कराने के कार्य से जुड़े पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण देने पर जोर दिया गया है। आयोग ने बताया है कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान पुलिस अधिकारियों को इस बारे में समुचित जानकारी दी जाएगी। निर्वाचन आयोग ने अपने पत्र में कहा है कि केवल हिंसामुक्त और शांतिपूर्ण चुनाव को स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं कहा जा सकता। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इसका खासा महत्व है। आयोग ने लिखा है कि प्रलोभन में जन्मदिन और वर्षगांठ के नाम पर खाद्य सामग्री के पैकेट देना, दोपहर एवं रात्रि का भोज आयोजित करना और सामूहिक विवाह के नाम पर उपहारों का बांटा जाना तथा इस तरह के अन्य कार्य शामिल हैं।आयोग ने कहा है, निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान इस तरह के भुगतान और प्रलोभन के अन्य तरीकों पर हर थाना अधिकारी द्वारा अपने स्तर से करीबी नजर रखना जरूरी है। जहां कहीं भी इस तरह की घटनाएं होती हैं वहां पर्याप्त सबूत जुटाने के लिए वीडियो कवरेज सुनिश्चित की जानी चाहिए।पत्र में यह उल्लेख किया गया है कि दूरदराज के राज्यों से चुनाव क्षेत्रों में शराब की आपूर्ति होती है। इसलिए अंतरराज्यीय सीमाओं और व्यवसायिक कर जांच चौकियों पर पर्याप्त जांच शराब की इस तरह के परिवहन को खोज निकालने में मददगार होगा। यह कहा गया कि जब कभी इस तरह के माल को पकड़ा जाता है उसके बाद यह जांच की जानी चाहिए कि इसे कहां से लाया जा रहा था और कहां भेजा जा रहा था।आयोग ने यह भी कहा है कि स्टार प्रचारकों के लिए मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के खर्च और किसी उम्मीदवार के हित में किसी व्यक्ति द्वारा अवैध भुगतान का जांच कार्य करने के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।

असंतोष रहा तो लोकसभा चुनाव के दौरान दिक्कते

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह वैसे भी मंत्रिमंडल और पार्टी फेरबदल के पक्ष में नहीं थे। अब दिल के ऑपरेशन के बाद आराम के दौरान ये दोनों काम नहीं हो पाएंगे और इससे कम से कम मनमोहन सिंह के काम काज से नाराज रहने वालों की नाराजी और बढ़ गई है। कांग्रेस कोर कमेटी की पिछली बैठक प्रधानमंत्री निवास पर लगभग दस दिन पहले हुई थी तो उसमें मंत्रिमंडल और पार्टी दोनों के संगठन में फेरबदल करने की आम तौर पर सहमति बन गई थी। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री ने उस समय भी कहा था कि लोकसभा चुनाव के लिए समय बहुत अधिक नहीं रह गया है इसलिए बेहतर होगा कि संगठन और पार्टी के फेरबदल को नए सिरे से निर्धारित करने के लिए छोड़ दिया जाए। इस सलाह पर श्रमती सोनिया गांधी तो सहमत थी लेकिन उन्हें यह समझाया गया कि अगर पार्टी में असंतोष रहा तो लोकसभा चुनाव के दौरान दिक्कते आ सकती है। तो अब जाहिर है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की हार्ट सर्जरी की वजह से अब केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना नहीं है। प्रधानमंत्री की अस्पताल से छुट्टी तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) का पुनर्गठन भी टल सकता है। पर पार्टी ने आठ फरवरी को होने वाले जिला और ब्लॉक अध्यक्षों के सम्मेलन को बरकरार रखा है। राजधानी के रामलीला मैदान में होने वाले इस सम्मेलन को प्रधानमंत्री को भी संबोधित करना था। पर बीमारी की वजह से मनमोहन सिंह सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे।मनमोहन सिंह के पास वित्त, सूचना एवं प्रसारण और कोयला मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार है। हार्ट सर्जरी के लिए एम्स रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने वित्त मंत्रालय विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी को सौंप दिया था। प्रधानमंत्री के स्वस्थ होने तक प्रणब मुखर्जी ही मंत्रालय का कामकाज संभालेंगे। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय पहले ही विदेश राज्यमंत्री आनंद शर्मा और कोयला मंत्रालय राज्यमंत्री संतोष बगरोड़िया के पास है। प्रधानमंत्री को स्वस्थ होने में करीब एक माह लगेगा।तब तक चुनाव आयोग चुनाव की घोषणा कर देगा। ऐसे में अब केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना बहुत कम है। चुनाव के मद्देनजर एआईसीसी का फेरबदल तय है। वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत के राजस्थान के मुख्यमंत्री बनने और मार्गेट अल्वा के इस्तीफे के चलते महासचिव के दो पद खाली हैं। पार्टी महासचिव राहुल गांधी को छोड़कर लोकसभा चुनाव लड़ने वाले पदाधिकारियों को भी पार्टी की जिम्मेदारियों से मुक्त किया जाना है। कांग्रेस महासचिव और बिहार के प्रभारी किशोर चंद्र देव पहले ही महासचिव पद छोड़ने की इच्छा जता चुके हैं।

अड़तीस कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों को पार्टी से छह वर्षों के लिये निष्कासित

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर ने विधानसभा चुनाव में अनुशासन हीनता करने वाले अड़तीस कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों को पार्टी से छह वर्षों के लिये निष्कासित किया है । भारतीय जनता पार्टी की विज्ञप्ति के अनुसार जोधपुर में नारायणराम डाबडी एवं बिरमाराम बरेड तथा लक्ष्मणराम, बाड़मेर में पहाड़ सिंह, एवं प्राग सिंह, पाली में श्रीमती अम्बा देवी रावल, मदन राठौड़, जयंति लाल जैन तथा मांगीलाल जैन, नागौर में रपाराम मुरावतिया, गंगानगर में श्रीमती रीतू भाटी, जगतार सिंह, गुरूबल पाल सिंह, मनवीर सिंह तथा कुंदन लाल मिगलानी, हनुमानगढ़ में माणक धानका, केदार बियाणी, पूरण विश्नोई तथा बाबू लाल भारती, सवाई माधोपुर में हंसराज शर्मा, श्रीमती प्रेम देवी मीणा, दीनदयाल मीणा, हनुमान मंगल, रमेश गोयल, चंदन सिंह, शंकर लाल सैनी,भवानी सिंह मीणा, भगवती सिंह, कैलाश मीणा, दीनदयाल मथुरिया, राजेन्द्र नरका ÷ शिव राज मीणा तथा जगदीश मीणा, करौली में हरीसिंह बारोलिया, श्रीमती कमलेश डिकोलिया,बृजलाल डिकोलिया, हरीसिंह बैरवा तथा रामगोपाल मीणा को अनुशासनहीनता बरतने के कारण छह वर्ष के लिये भाजपा से निष्कासित कर दिया गया है ।

वसुंधरा राजे के फोटो उतारने का काम शुरू

सर्व शिक्षा अभियान के तहत खरीदे गये स्कूली बस्तों पर अंकित तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे के फोटो उतारने का काम शुरू कर दिया गया है । राज्य सरकार के आदेश पर पूगल रोड स्थित पुराने डाइट भवन में दिल्ली स्थित एक कंपनी के कारीगर इस काम में लगे हुये है । इस कंपनी ने लगभग 50 हजार बैग तैयार किये थे जिन पर वसुंधरा राजे का फोटो अंकित था ।पिछली सरकार के निर्णय अनुसार अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की छात्राओं को चिंहित कर हर जिले में स्कूली बस्ते उपलब्ध कराये जाने थे । जिला स्तर पर ही इसके टेंडर कर बस्ते खरीदने की कार्यवाही की गई ।राज्य में सिर्फ जालौर जिले के अलावा कहीं भी स्कूली बस्तों का वितरण नहीं हो पाया । स्कूली बस्तों की गुणवत्ता को लेकर उठे सवालों पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कार्यवाही के चलते इनके वितरण का काम अटक गया ।सर्व शिक्षा अभियान के अतिरिक्त परियोजना समन्वयक सूर्यनारायण सिंह के अनुसार अभी बस्तों के वितरण के आदेश नही है लेकिन इन बस्तों पर लगे तत्कालीन मुख्यमंत्री के फोटो हटाये जा रहे है ।

राजस्थान में एक सेटेलाईट रिजनल चैनल

केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री आनंद शर्मा ने कहा है कि राजस्थान में क्षेत्रीय चैनल प्रारंभ करने पर विचार किया जाएगा तथा जल्द ही इसके बारे में निर्णय लिया जाएगा ।शर्मा ने यह जानकारी आज यहां दूरदर्शन के स्वचालित समाचार केन्द्र का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों को दी । उन्होंने कहा कि देश में 11 स्थानों पर स्वचालित केन्द्र स्थापित करने की योजना है । जयपुर में यह सेंटर पांचवा है तथा अगला भोपाल में स्थापित किया जाएगा ।उन्होंने कहा कि राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में दूरदर्शन और आकाशवाणी का विशेष महत्व है तथा इसे ध्यान में रखते हुए संचार के साधनों को और आधुनिक बनाया जाएगा ।उन्होंने कहा कि देश के सबसे बड़े राज्य में स्थित जयपुर दूरदर्शन केन्द्र को और अधिक संसाधन उपलब्ध करवाएं जायेंगे तथा 24 घंटे का ``डीडी अरावली'' क्षेत्रीय चैनल प्रारंभ करने पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाएगा । उन्होंने कहा कि इस बारे में अधिकारियों की एक बैठक दिल्ली में बुलाई गई है जिसमें शीघ निर्णय लिया जाएगा ।उन्होंने कहा कि संचार के साधनों को और आधुनिक बनाने की मांग उनसे की गई है । जिस पर शीघ निर्णय लेंगे ।इससे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री आनंद शर्मा से अनुरोध किया है कि राजस्थान में एक सेटेलाईट रिजनल चैनल स्थापित किया जाये।जयपुर दौरे पर आये सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री ने आज शासन सचिवालय में मुख्यमंत्री से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भू-भाग की दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य में सिर्फ एक ही केन्द्र जयपुर में स्थापित है। प्रदेश का एक बड़ा भू-भाग पड़ेसी देश पाकिस्तान सीमा से जुड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री ने शर्मा से अनुरोध किया है कि ब्राडकास्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को सीमाई क्षेत्रों में और मजबूत किया जाये।

कटारिया सहित 11 लोगों ने आपत्तियां दर्ज कराई

उदयपुर नगर परिषद के वार्ड पुनर्गठन की प्रक्रिया के तहत आपत्तियां दर्ज कराने की समयावधि मंगलवार को पूरी हो गई। प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि वार्ड पुनर्गठन को लेकर शहर विधायक गुलाबचन्द कटारिया सहित 11 लोगों ने अतिरिक्त जिला कलक्टर रामजीवन मीणा के समक्ष अपनी आपत्तियां दर्ज कराई। इनमें एक पूर्व पार्षद भी शामिल है।निर्धारित समयावधि में वार्ड पुनर्गठन को लेकर पूर्व शहर विधायक त्रिलोक पूर्बिया, पार्षद नानालाल बया, बंशीलाल सोनी, कमला मीणा, गीता पालीवाल, दिग्विजय श्रीमाली (पूर्व पार्षद), प्रमोद सामर, फतहसिंह राठौड़, विजय आहूजा व भाजपा शहर जिलाध्यक्ष ताराचन्द जैन ने अपनी आपत्ति दर्ज करवाई।एडीएम प्रशासन राम जीवन मीणा ने बताया कि प्राप्त आपत्तियों पर अब सुनवाई कर योग्य आपत्तियों का निस्तारण कर वार्ड पुनर्गठन की रिपोर्ट राज्य सरकार के पास भेज दी जाएगी।उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने निर्देशानुसार वार्ड पुनर्गठन के रूप में नगर परिषद के मौजूदा 50 वार्डों को बढ़ाकर 55 किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के तहत गत 21 जनवरी को प्रारुप प्रकाशन कर सात दिन में आपत्तियां मांगी गई थी यह अवधि आज पूरी हो गई।

Monday, January 26, 2009

जनजाति विकास के लिए आवंटित राशि का पूरा-पूरा उपयोग किया जाएगा : मालवीया

प्रदेश के जनजाति क्षेत्रीय विकास, जन अभाव अभियोग निराकरण एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री महेन्द्रजीतसिंह मालवीया ने कहा है कि जनजाति उपयोजना क्षेत्र के विकास के लिए आवंटित राशि का पूरा-पूरा उपयोग किया जाएगा और समान वितरण करते हुए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस क्षेत्र का कोई भी व्यक्ति आधारभूत साधनसुविधाओं से विहीन न रहे। डूंगरपुर भी विकास प्रक्रिया में पीछे नहीं रहेगा। मालवीया रविवार को यहां वागड़ गांधी वाटिका सभागार में चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित वार्षिक अधिवेशन और नवनिर्वाचित विधायकों के अभिनन्दन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आश्वस्त किया कि क्षेत्र के दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में चिकित्सकों और शिक्षकों के रिक्त पदों को भरा जाएगा और हर हाल में डूंगरपुर में पॉलिटेक्निक कॉलेज और बांसवाड़ा में बिजलीघर स्थापित किया जाएगा। समारोह की अध्यक्षता जिला प्रमुख ताराचंद भगोरा ने की जबकि विशिष्ट अतिथि जिला कलक्टर डॉ. आरूषी ए.मलिक, डूंगरपुर विधायक लालशंकर घाटिया, चौरासी विधायक शंकरलाल अहारी, सागवाड़ा विधायक सुरेन्द्र बामणिया, आसपुर विधायक राईया मीणा और नगरपालिका अध्यक्ष शंकरसिंह सोलंकी थे। समारोह को सभी विधायकें, नपाध्यक्ष सोलंकी ने भी संबोधित किया। आरंभ में अतिथियों के यहां पहुंचने पर चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रमेश जैन, संरक्षक महेश के.गर्ग, मदन मित्तल, कोषाध्यक्ष डूंगरलाल पटेल, रोशन दोषी, गजेन्द्र, लक्ष्मीलाल काका ऋषभलाल दावड़ा सहित कई सदस्यों ने पुष्पहार पहना कर स्वागत किया। अतिथियों ने वाग्देवी सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलन कर समारोह का शुभारंभ किया। समारोह का संचालन पूरणमल दावड़ा ने किया, आभार प्रदर्शन उप जिला प्रमुख प्रेमकुमार पाटीदार ने किया।

पहले से ही बदनाम हैं उनको क्या बदनाम किया जाएगा : अशोक गहलोत

पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल की जांच के लिए गठित आयोग पर भाजपा नेताओं के सवाल उठाने पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि जो पहले से ही बदनाम हैं उनको क्या बदनाम किया जाएगा। बदनामी के कारण ही भाजपा की सरकार गई है। विधानसभा के अंदर और बाहर कांग्रेस तथा मीडिया ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, उन्हीं की जांच हो रही है। गहलोत शनिवार को यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में माणिक्यलाल वर्मा की पुण्यतिथि पर श्रध्दांजलि कार्यक्रम में भाग लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा सरकार में रहते हुए ही इन आरोपों की जांच करवा ली जाती और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा लिया होता तो भाजपा की आज यह दुर्गति नहीं होती। पीसीसी ने जो आरोप पत्र जारी किया और उनके ही मंत्रियों और पार्टी नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री पर जो आरोप लगाए, उनकी ही जांच की जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री पर पारदर्शी नहीं होने का आरोप मंत्रियों ने लगाया था। पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा आयोग की वैधानिकता पर सवाल उठाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शिकायत तो उनको होनी ही नहीं चाहिए। हम नहीं चाहते कि राजस्थान में गलत परम्परा की शुरुआत हो, इसीलिए हमने कमिश्नर ऑफ इन्क्वायरीज एक्ट के तहत आयोग नहीं बनाया। यदि ऐसा होता तो आयोग सम्मन जारी करता और हाजिर नहीं होने वालों के खिलाफ गिरफ्तारी वारण्ट जारी होते। उन्होंने कहा कि कर्नल किरोड़ीसिंह बैंसला और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे गुर्जर और मीणा जातियों को आपस में लड़ाने का षडयंत्र कर रहे हैं। गुर्जरों के साथ हमारी पूरी सहानुभूति है और हमने भाजपा की तरह गुर्जरों से ङाूठे वादे नहीं किए हैं। क्या है आयोग की वैधानिकता: वसु : जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे ने उनकी सरकार के कामों की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित जस्टिस माथुर आयोग की वैधानिकता पर ही सवालिया निशान लगा दिया है। भाजपा के प्रदेश कार्यालय में पत्रकाराें से बातचीत करते हुए राजे ने कहा कि इस आयोग का दायरा और वैधानिकता क्या है। स्वस्थ लोकतंत्र में यह परम्परा सही नहीं है। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान जो भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, वे बेबुनियाद हैं।

जसवंत ने नाराज लोगों को मनाने की कूटनीति शुरू की

भाजपा के दिग्गज नेता एवं राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता जसवंत सिंह ने अपने सांसद पुत्र मानवेन्द्र सिंह की आगामी लोकसभा चुनावों में मजबूत स्थिति करने के उद्देश्य से भाजपा के नाराज नेताओं तथा अल्पसंख्यक समुदाय को मनाने का प्रयास शुरू कर दिया है।अपने गृह जिले बाडमेर प्रवास पर पहुंचे जसवंत सिंह ने सबसे पहले दिग्गज जाट नेता गंगाराम चौधरी को बुलाकर लगभग एक घंटे तक बंद कमरे में बातचीत की। इस मुलाकात के बाद गंगाराम की नाराजगी काफी हद तक दूर हो गयी।जसवंत सिंह ने लम्बे समय से नाराज चल रहे वरिष्ठ नेता जोगराज सिंह राजपुरोहित को भी बुलाया तथा उनके साथ आधा घंटा तक बातचीत की तथा उनकी पीडा को सुना।मुलाकात के बाद राजपुरोहित सहज लगे तथा उन्होंने संकेत दिया कि उनकी भाजपा से नाराजगी दूर हो गयी है। जसंवत ने गत लोकसभा चुनावों में उनके पुत्र मानवेन्द्र को रिकार्ड मतों से जिताने में अहम भूमिका निभाने वाले अल्प संख्यक समुदाय के वरिष्ठ नेताओं से भी लंबी चर्चा की। अल्पसंख्यक समुदाय के सैकडों कार्यकर्ताओं ने जसवंत का सम्मान किया। जसवंत ने कहा कि हिन्दू मुसलमान मेरी दो बांहें है।

फूंक-फूंक कर कदम रख रही है भाजपा

हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार के जो कारण रहे वे कहीं आगामी लोकसभा चुनावों में दोहराये नहीं जाएं, इसको लेकर पार्टी फूंक-फूंक कर कदम रखती नजर आने लगी है।पार्टी सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर नियुक्त प्रदेश पर्यवेक्षक यशवंत सिन्हा पूर्व केन्द्रीय मंत्री तथा थावरचंद गहलोत राष्ट्रीय महामंत्री ने रविवार को जयपुर स्थित पार्टी कार्यालय में हाल ही में विधानसभा चुनाव लड़ चुके प्रत्याशियों के साथ ही संबंधित जिलाध्यक्षों से पार्टी के हार के जिम्मेदार कारणों की जानकारी लेते हुए फीड बैक लिया।सूत्रों ने बताया कि इस प्रक्रिया के तहत गहलोत व सिन्हा ने मौखिक फीड बैक लेने की बजाय विधानसभा चुनावों में हार के जो भी कारण रहे उनको पराजित प्रत्याशियों, जिलाध्यक्षों से कलमबद्ध करवाया ।सूत्रों ने बताया कि दोनों ही पर्यवेक्षकों ने आज पार्टी के जिलाध्यक्ष-महामंत्री, विधानसभा चुनाव जीतने वाले व पराजित प्रत्याशियों से अलग-अलग चर्चा कर तथ्यात्मक व जमीनी फीड बैक लेने की कवायद की। इस प्रक्रिया के बाद सिन्हा व गहलोत ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए प्रत्याशी तय करने कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों से राय लेने के लिए संसदीय सीटवार नियुक्त पर्यवेक्षकों से चर्चा भी की।इस चर्चा के रूप में उदयपुर जिले से भाजपा विधायक गुलाबचन्द कटारिया (उदयपुर शहर), बाबुलाल खराड़ी (झाड़ोल), पराजित प्रत्याशी रणधीर सिंह भीण्डर (वल्लभनगर), धर्मनारायण जोशी (मावली), नरेन्द्र मीणा (सलूम्बर), नानालाल अहारी (खेरवाड़ा), वंदना मीणा (उदयपुर ग्रामीण) के साथ ही शहर जिलाध्यक्ष ताराचन्द जैन व देहात जिलाध्यक्ष गुणवंत सिंह झाला फीड बैक देने पर्यवेक्षकों के समक्ष उपस्थित हुए । यहां उल्लेखनीय है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में आपसी फूट व भीतरघात के कारण भाजपा को उदयपुर जिले में करारी हार का सामना करना पड़ा था ।

Saturday, January 24, 2009

दिल्ली व राजस्थान राज्यों की समीक्षा दो टीमें

बीते साल के आखिर में हुए छह राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा को सबसे ज्यादा धक्का दिल्ली व राजस्थान में ही लगा था। केंद्रीय नेतृत्व ने दोनों राज्यों की अपने स्तर पर समीक्षा करने के साथ दो-दो नेताओं की दो टीमें दोनों राज्यों की समीक्षा के लिए भेजी थीं। सूत्रों के अनुसार इन टीमों ने दोनों राज्यों के स्थानीय नेताओं को आपसी कलह के लिए कड़ी फटकार लगाते हुए लोकसभा चुनाव के लिए नसीहत भी दी थी। बाद में अपनी रिपोर्ट से केंद्रीय नेतृत्व को भी अवगत करा दिया था। लेकिन दोनों राज्यों ने इससे कोई सबक सीखा हो ऐसा नजर नहीं आ रहा है। सबसे ज्यादा समस्या राजस्थान से आ रही है। वहां पूर्व उप राष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत के तेवरों से तो समस्या है ही, प्रदेश के नेताओं के आपसी झगड़े भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहे।दिल्ली में हालात सुधारने के लिए भाजपा अपने प्रमुख नेता राष्ट्रीय महासचिव अरूण जेटली को नई दिल्ली सीट से चुनाव मैदान में उतार सकती है, लेकिन बाकी सीटों के लिए उसके पास वही पुराने घिसे-िपटे नाम ही हैं। जेटली चुनाव लड़ते हैं तो उनका पहला लोकसभा चुनाव होगा। ऐसे में उन्हें पूरे क्षेत्र में जाना ही पड़ेगा। उन पर चुनाव प्रबंधन, विभिन्ना राज्यों के उम्मीदवार तय करने से लेकर गठबंधन संभालने तक की जिम्मेदारियां हैं। हालत यह है कि लोकसभा चुनाव के लिए भी पार्टी जिस राज्य में थोड़ा भी उलझती है, वहां जेटली को लगा दिया जाता है। ऐसे में उनके पास जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, दिल्ली व पंजाब जैसे छह राज्यों की जिम्मेदारी है। उनके पास पार्टी के लिए संसाधन जुटाने से लेकर विज्ञापन व मीडिया को संभालने का भी अतिरिक्त दायित्व है। अगले सप्ताह होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में पार्टी उत्तर प्रदेश के लिए दूसरी सूची जारी करेगी। इसमें उसका इरादा चालीस उम्मीदवार तय करने का है। इसके अलावा मध्य प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक व जम्मू-कश्मीर के लिए भी उम्मीदवार तय किए जाएंगे।

सरकार में नेतृत्व परिवर्तन से इनकार

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बीमारी के बाद उपजे सवालों को स्पष्ट करते हुए कांग्रेस ने शनिवार को सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की बात से इनकार किया। कांग्रेस ने कहा कि यह सवाल अप्रासंगिक है।पार्टी के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने संवाददाताओं से कहा कि दो प्रधानमंत्री नहीं हो सकते और संविधान के अनुसार सिर्फ एक प्रधानमंत्री हो सकता है। उनसे जब पूछा गया कि क्या पार्टी नेतृत्व परिवर्तन के बारे में विचार कर रही है खासकर जब देश में चुनाव की स्थिति है तो उन्होंने कहा कि यह सवाल पूरी तरह अप्रासंगिक है।यह पूछने पर कि विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी को क्यों नहीं कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाया गया तो मोइली ने कहा कि दो प्रधानमंत्री नहीं हो सकते और परंपरा के अनुसार जब प्रधानमंत्री विदेश में या अन्यत्र होते हैं तो कुछ कार्यों का निष्पादन वरिष्ठतम मंत्री करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं ऐसा नहीं मानता इसलिए इस बार जो किया गया है वह असामान्य नहीं है।हृदय का आपरेशन होने के बाद मनमोहन के दो हफ्ते में काम पर लौटने का विश्वास व्यक्त करते हुए मोइली ने कहा कि नया नेता नियुक्त करने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि दो हफ्ते में वह अधिक ऊर्जा के साथ काम पर लौटेंगे।

एटनी करेंगे प्रधानमंत्री का नेतृत्व

केंद्रीय रक्षामंत्री एके. एंटनी गणतंत्र दिवस समारोह में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्थान पर मौजूद रहेंगे।रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि सोमवार सुबह `अमर जवान ज्योति' पर राष्ट्र की ओर से श्रद्धांजलि इस बार एंटनी प्रदान करेंगे। बाईपास सर्जरी की वजह से प्रधानमंत्री इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीतांशु कार ने बताया, ये समारोह रक्षा मंत्रालय की ओर से आयोजित किए जाते हैं और प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति में उनकी भूमिका का निर्वाह करना रक्षामंत्री के लिए सामान्य बात है।सोमवार को परेड के अवसर पर रक्षामंत्री ही राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल और समारोह के मुख्य अतिथि कजाकिस्तान के राष्ट्रपति नुरसुल्तान नजरबायेव की अगवानी करेंगे।एंटनी 28 जनवरी को नेशनल कैडेट कार्प्स (एनसीसी) की रैली की भी अध्यक्षता करेंगे।रक्षामंत्री ही इस बार तीन मूर्ति भवन के लाउंज में एनसीसी कैडेट्स और गणतंत्र दिवस की झांकी के सदस्यों के जलपान का आयोजन करेंगे।

लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने तैयारियां शुरू की

भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश चुनाव समिति की बैठक आज यहां प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में भाजपा के सह राष्ट्रीय संगठन मंत्री सौदान सिंह एवं विधानसभा में विरोधी दल की नेता वसुंधरा राजे भी उपस्थित थी।भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता अरूण चतुर्वेदी ने बताया कि बैठक में पर्यवेक्षकों के दौरे के संबंध में चर्चा कर प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, अखिल भारतीय सह संगठन महामंत्री सौदान सिंह एवं प्रदेश महामंत्री (संगठन) प्रकाश चन्द को सभी पर्यवेक्षकों से राय लेने के लिए अधिकृत किया गया।चतुर्वेदी ने बताया कि आज लोकसभा क्षेत्र उदयपुर, भीलवाड़ा, धौलपुर, करौल, भरतपुर, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, चुरू, झुंझनूं ,पाली, जोधपुर, बाडमेर. बीकानेर और श्रीगंगानगर के पर्यवेक्षकों से रिपोर्ट पर सुनवाई आज पूरी हो गई। बाकी 12 लोकसभा क्षेत्रों के पर्यवेक्षकों से सुनवाई कल प्रदेश कार्यालय पर होगी।उन्होंने बताया कि प्रदेश चुनाव समिति की बैठक कल दोपहर 12.00 बजे प्रदेश कार्यालय पर होगी। जिसमें लोकसभा क्षेत्रों के पर्यवेक्षकों के द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर प्रत्याशियों के संबंध में ंचर्चा की जायेगी।

जनजाति छात्रों के लिए मुख्यमंत्री गहलोत ने शुरू की पैरवी

बी.एड. में प्रवेश से वंचित रहे जनजाति छात्रों के लिए विशेष बैच आरम्भ कर उन्हें ट्रेनिंग दिलाने गहलोत सरकार ने अपनी कोशिशें तेज कर दी है।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह को पत्र लिखकर जनजाति छात्रों के लिए विशेष बैच आरंभ कराने की मान्यता प्रदान करने एनसीटीई को आवश्यक निर्देश देने का आग्रह किया है।गहलोत ने बीएड में प्रवेश से वंचित रहे जनजाति छात्रों की समस्या की तरफ केन्द्रीय मंत्री अर्जुन सिंह का ध्यान दिलाते हुए उन्हें अवगत कराया है कि राज्य सरकार प्रवेश से वंचित रहे अधिसूचित जनजातिय क्षेत्र (टीएसपी) के छात्रों को अधिसूचित क्षेत्र में स्थित 6 महाविद्यालयों के हिसाब से विशेष बैच के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाना चाहती है। इसकी केन्द्रीय सरकार द्वारा इजाजत दी जाए ।उल्लेखनीय है कि प्रवेश से वंचित रहे जनजाति छात्र पिछले लंबे समय से उदयपुर संभाग में आंदोलनरत है। छात्रों ने कई बार जंगी प्रदर्शन कर घंटों तक हाईवे जाम करने का कदम तक उठा लिया था। इसी आंदोलन के मद्देनजर गहलोत सरकार ने विशेष बैच आरंभ करने की इजाजत देने केन्द्र सरकार से आग्रह किया है।इधर इस विषय को लेकर शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ उदयपुर संभाग के जनजाति क्षेत्र के विधायकों रघुवीर मीणा, महेन्द्रजीत मालवीय व सुरेन्द्र बामणिया ने लंबी चर्चा कर इस मामले को शीघ निपटाने की पैरवी की। इस चर्चा के समय प्रमुख शासन सचिव श्रीमत पाण्डे सहित कई उच्च अधिकारी मौजूद थे ।

राजस्थान विधानसभा में छह सदस्यों ने करवाया अपने नाम में संशोधन

तेरहवीं राजस्थान विधानसभा में छह सदस्यों ने अपने नाम में संशोधन करवाया है। अब इन्हें उनके परिवर्तित नाम से ही सम्बोधन व पत्र व्यवहार किया जाए।विधानसभा के सचिव एच.आर.कुडी ने परिपत्र के माध्यम से यह जानकारी दी है। विश्वनाथ का संशोधित डा.िवश्वनाथ मेघवाल, रघुनंदन अब डा.रघु शर्मा,अनिल कुमार का नाम अनिल जैन, गोपाल कृष्ण अब डा. गोपाल जोशी, छोटूसिंह अब छोटूसिंह भाटी तथा श्रीमती प्रोमिला अब श्रीमती प्रोमिला कुण्डारा के नाम से जानी जायेगी।

कुरैशी के बयान कूटनीतिकार सफलता

पाकिस्तानी विदेश मंत्री महमूद शाह कुरैशी ने दरअसल वह कर दिया जिसमें भारत अभी हाथ ही नहीं डालना चाहता था। उन्होंने अपने मुल्क और चीन के बीच बढ़ती उस गुप्त साझेदारी का खुलासा कर दिया, जो एशिया में अगुआई करने की चीनी मुहिम का अहम हिस्सा थी।कुरैशी के बयान को भारतीय कूटनीतिकार एक ऐसी सफलता के तौर पर देख रहे हैं, जिसकी अभी उम्मीद ही नहीं थी। यह सफलता दोहरी है। पाकिस्तान और चीन के बीच गुपचुप दोस्ती का भान भारत को था। वह फिलहाल इसे दुनिया के सामने लाने के लिए कोई कदम उठाना नहीं चाहता था। पाकिस्तान के खुलासे से भारत का काम अपने आप हो गया है। यही नहीं, अब मुंबई हमलों को लेकर कूटनीतिक प्रहार से बचने के लिए चीन को साथ लाने में पाकिस्तान को नए सिरे से मशक्कत करनी होगी।भारतीय कूटनीतिकार मान रहे हैं कि कुरैशी के बयान से पूरी दुनिया के सामने साफ हो गया है कि एशिया में दबदबा बढ़ाने की कोशिश के तहत इस्लामाबाद और बीजिंग के नेताओं ने कोई समझौता कर रखा है। यह भी कि मुंबई हमलों के बाद भारत के तेवर नरम करने की चीन की कोशिश इसी समझौते के तहत शुरू की हुई थी। चीन के हरकत में आते ही युद्धोन्माद भड़काने में लगे पाकिस्तान ने अपने तेवरों में नरमी दिखा कर इस गुप्त कूटनीतिक समझौते की पुष्टि कर दी थी।फिलहाल भारतीय कूटनीतिकार चीन और पाकिस्तान के बीच पैदा हुई इस गलतफहमी पर चुप रहने को ही उपयुक्त मान रहे हैं। मुंबई हमले के मद्देनजर पाक को अलग-थलग करने में जुटा भारत तत्काल किसी दूसरे प्रकरण में उलझना नहीं चाहता। वैसे, नई दिल्ली के कूटनीतिकारों को भरोसा है कि पाक के साथ साझेदारी बढ़ाने को चीन ने भले ही प्राथमिकता दी हो, लेकिन वह खुले तौर पर किसी भी तरह आतंकवाद को बढ़ावा देने में लिप्त मुल्क के साथ होने का ठप्पा नहीं लेना चाहेगा। शायद चीन की बेचैनी की वजह भी यही है।

जेटली खुद चुनाव लड़ेंगे तो चुनावों का इंतजाम कौन करेगा?

भाजपा ने हालांकि लाल कृष्ण आडवाणी को अपना भावी प्रधानमंत्री पहले से ही घोषित कर दिया है लेकिन भैरो सिंह शेखावत और कल्याण सिंह की बगावती मुद्राएं आडवाणी के भविष्य के लिए अच्छी नजर नहीं आ रही। इसके अलावा पार्टी के सबसे कुशल चुनाव मैनेजर अरूण जेटली को लोकसभा चुनाव लड़ाने के लिए पार्टी में दबाव बढ़ता जा रहा है और भाजपा में ये चिंता भी व्याप गई है कि अगर जेटली खुद चुनाव लड़ेंगे तो चुनावों का इंतजाम कौन करेगा?कांग्रेस में आम धारणा यही है कि वर्तमान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ही अगले प्रधानमंत्री के तौर पर पार्टी पेश करे। लेकिन एक बार बाई पास ऑपरेशन करवा चुके मनमोहन सिंह एक तो लोकसभा के लिए बहुत उपयोगी पात्र नहीं माने जाते और दूसरे हाल ही में हुई मेडीकल जांच के दौरान जाहिर हुआ है कि उनके दिल का एक ऑपरेशन और करना पड़ सकता है। इसके अलावा मनमोहन सिंह की पौरूष ग्रंथी का ऑपरेशन हो चुका है और फिर से उसमें गड़बड़ी के लक्षण नजर आ रहे हैं। ऐसे में बीमार प्रधानमंत्री के तौर पर मनमोहन सिंह को पेश करना कांग्रेस के लिए आसान काम नहीं होगा। दरअसल कांग्रेस में प्रधानमंत्री पद के दावेदारों के प्रस्ताव अलग-अलग तरीकों से सामने आते जा रहे हैं। एनसीपी नेता शरद पवार ने खुद कुछ कहने की बजाय अपनी पार्टी की ओर से एक प्रस्ताव पारित करवाया है जिसके अनुसार एनसीपी अध्यक्ष भी प्रधानमंत्री पद के सबसे काबिल दावेदार हो सकते हैं। 1991 में राजीव गांधी की हत्या हो गई थी तो पीवी नरसिंह राव अपने आप प्रधानमंत्री पद के दावेदार बन गए थे। पीवी नरसिंह राव कांग्रेस के अध्यक्ष थे उस समय शरद पवार का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे आगे था मगर अर्जुन सिंह और पवार के बीच झगड़ा करवा कर पीवी नरसिंह राव ने प्रधानमंत्री पद खुद हासिल कर लिया। अब शरद पवार के भक्तों को याद आया है कि राजनीति के वर्तमान अस्थिर दौर में उनके नेता पीवी नरसिंह राव प्रधानमंत्री पद के आदर्श पात्र हो सकते हैं। आखिर देश के रक्षा मंत्री वे रह चुके हैं। देश के कृषि मंत्री हैं ही और तीन बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। इसके अलावा कांग्रेस हालांकि उन्होंने सोनिया गांधी का विरोध करके छोड़ी थी मगर बाद में अपने सारे राजनैतिक कार्यक्रम उन्होंने कांग्रेस के साथ ही संपन्न किए। वे यूपीए सरकार में मंत्री हैं और उनकी पार्टी महाराष्ट्र मिल कर सरकार चला रही है। शरद पवार अगर प्रधानमंत्री पद के दावेदारी पेश करते हैं तो उन्हें वाम मोर्चा का समर्थन भी आसानी से मिल सकता है।

कांग्रेस के सामने बहुत बड़ी मुसीबत कल्याण सिंह और राजवीर

कांग्रेस के सामने बहुत बड़ी मुसीबत हैं। बाबरी मस्जिद ध्वंस में जिन कल्याण सिंह को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाते तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव ने विश्वासघाती करार दिया था, अब कांग्रेस को समाजवादी पार्टी से तालमेल रखने के लिए उन्हीं कल्याण सिंह और उनके पुत्र राजवीर सिंह की मदद करनी पड़ेगी।समाजवादी पार्टी का गणित साफ है। इस गणित में यह भी शामिल है कि यादव और लोध वोट बैंक मिल कर उत्तर प्रदेश पर कब्जा कर सकते हैं। बसपा में एक के बाद एक स्कैंडल होते जा रहे हैं और उनका असर लोकसभा चुनावों पर भी पड़ेगा। जाहिर है कि कमजोर भाजपा और काफी हद तक कमजोर कांग्रेस की तुलना में समाजवादी और कल्याण सिंह का यह तालमेल काफी गंभीर साबित होगा। कांग्रेस के सामने समाजवादियों के साथ तालमेल करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं हैं।समाजवादी पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की दोस्ती से बनी असहज स्थिति के बावजूद कांग्रेस नेतृत्व उत्तर प्रदेश में चुनावी गठबंधन की संभावनाएं बनाए रखने के पक्ष में है। पार्टी के महासचिव और राज्य के प्रभारी दिग्विजय सिंह शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर इस संबंध में उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से मिल रहे फीडबैक से अवगत कराएंगे। मोटे तौर पर यह तय है कि पार्टी फिलहाल गठबंधन के विकल्प को बंद नहीं करना चाहती।सपा और कल्याण की दोस्ती के कारण मुसलिम समुदाय के कांग्रेस से भी किनारा करने की आशंका का जवाब देते हुए पार्टी के एक महासचिव व रणनीतिकार की टिप्पणी थी कि कल्याण सिंह यदि भाजपा को हराने के लिए सपा से हाथ मिला रहे हैं तो इससे मुसलिम समुदाय को क्या परेशानी हो सकती है। इसके अलावा कल्याण सिंह सपा में शामिल नहीं हुए हैं और न ही कांग्रेस कल्याण सिंह के साथ कोई तालमेल करने जा रही है। हालांकि, कल्याण सिंह की ओर से कांग्रेस से भी दोस्ती की पेशकश की गई है।पार्टी नेताओं ने स्वीकार किया कि सपा व कल्याण की दोस्ती के बाद उत्तर प्रदेश से कार्यकर्ताओं का फीडबैक सपा के साथ तालमेल के पक्ष में नहीं है। खुद महासचिव राहुल गांधी इस नए घटनाक्रम से बहुत उत्साहित नहीं है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने उनसे इस मसले पर राय पूछी थी तो उन्होंने कहा कि आप कांग्रेस अध्यक्ष से संपर्क करिए। समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर पार्टी में मतभेद हैं। एक तबका सपा के साथ समझौते में चुनाव लड़ना चाहता है। जबकि दूसरे तबके का मानना है कि कांग्रेस को एकला चलो की रणनीति अपनानी चाहिए। वह बाबरी मसजिद गिराए जाने के लिए जिम्मेदार कल्याण सिंह की सपा से नजदीकियों को मुद्दा बनाकर बातचीत खत्म करने की दलील दे रहा है। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक, सपा के साथ गठबंधन पर अंतिम फैसला प्रधानमंत्री की मर्जी पर है। मनमोहन सिंह समझौते की वकालत करते रहे हैं।

भाजपा नेता सरकार के खिलाफ रच रहे है षडयंत्र ।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज यहां कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा सरकार गिराने के षडयंत्र को गंभीर बताते हुये कहा है कि भाजपा नेताओं की ऐसी कोशिशें उजागर होने से उनके आरोप सही साबित हो गये है कि भाजपा नेता सरकार के खिलाफ षडयंत्र रच रहे है ।गहलोत ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि उन्होंने पहले भी कहा था कि भाजपा नेता विधानसभा चुनाव में अपनी हार नहीं पचा पा रहे है तथा षडयंत्र रच रहे है । भाजपा नेताओं की ऐसी कोशिशें उजागर हो गयी है । उन्होंने दावा किया कि सरकार को कोई खतरा नहीं है तथा अपना कार्यकाल पांच वर्ष पूरा करेगी ।मंत्रिमंडल विस्तार के संबंध में पूछे प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल ऐसा कोई इरादा नहीं है ।उन्होंने बताया कि फरवरी के अंत में विधानसभा सत्र बुलाया जाएगा जिसमें लेखानुदान पारित होगा

मंत्रियों को किया राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए अधिकृत

गणतंत्र दिवस पर राज्य मंत्रिमण्डल के मंत्रियों को विभिन्न जिला मुख्यालयों पर आयोजित होने वाले समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए अधिकृत किया गया है।चिकित्सा मंत्री एमामुद्दीन अहमद उर्फ दुर्रूमियां अलवर जिला मुख्यालय पर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री भरतसिंह झालावाड़ में, महिला व बाल विकास और पर्यटन मंत्री श्रीमती बीना काक पाली में, यातायात मंत्री ब्रजकिशोर शर्मा अजमेर में, कृषि मंत्री हरजीराम बुरडक नागौर में, राजस्व मंत्री हेमा राम चौधरी बाड़मेर में और महेन्द्रजीत सिंह मालविया बांसवाड़ा में ध्वजारोहण करेंगे।इसी प्रकार जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा जोधपुर में, शिक्षा मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल चूरू में, सहकारिता मंत्री परसादी लाल मीना दौसा में, उद्योग मंत्री शांतिकुमार धारीवाल कोटा में, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामकिशोर सैनी करौली में और खादी एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री श्रीमती गोलमा देवी सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगी।

भाजपा शासन में हुये भ्रष्टाचार के लिये माथुर की अध्यक्षता में आयोग का गठन

राजस्थान सरकार ने पिछले भाजपा शासन में हुये भ्रष्टाचार, दुराचरण, लापरवाही, पक्षपात तथा सत्ता के दुरूपयोग एवं राजकोष को हानि पहुंचाने के मामले में जांच के लिये जस्टिस एन एन माथुर की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया है।इस आयोग में भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी इन्द्रजीत खन्ना तथा भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी एच.एन. मीणा सदस्य होंगे । यह आयोग वर्ष 2004 से 2008 तक की अवधि के दौरान के मामलें की जांच कर राज्य सरकार को छह माह में अपनी रिपोर्ट देगा ।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आयोग के बारे में बताया कि यह कमीशन आफ इन्क्वारिज एक्ट के तहत गठित नहीं किया गया है । सरकार का उद्देश्य आम जन के सामने सच्चाई लाना है । सच्चाई सामने आने पर जनता अपने आप सजा देती है ।यह आयोग जयपुर विकास प्राधिकरण, आवासन मंडल, राजस्व विभाग के संबंधित संस्थाओं द्वारा किये गये भू-उपयोग परिवर्तन तथा भूराजस्व अधिनियम की धारा 90 बी के तहत निस्तारित प्रकरण, विभिन्न संस्थाओðं, व्यक्तियों, ट्रस्ट आदि को नियमों के विरूद्ध किये गये भू-आवंटन एवं वित्तीय लाभ- अनुचित लाभ के लिये भूमि अधिग्रहण से मुक्ति, अवांछित लाभ के लिये मास्टर प्लान में संशोधन के संबंध में राज्य सरकार को कार्यवाही करने के संबंध में परामर्श देगा ।

लोकसभा चुनाव की तैयारियों में भाजपाइयों को जुटने का आह्वान किया

भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों में भाजपाइयों को जुटने का आह्वान किया। माहेश्वरी शुक्रवार को होटल न्यू महाराजा में उपस्थित भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रही थी।माहेश्वरी ने कहा कि लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट कर भाजपा प्रत्याशी को विजयी बनाने का कार्यकर्ता संकल्प ले। उन्होंने जन समस्याओं को पुख्ता रूप से उठा कर आम जनता के सुख दुख में भागीदारी निभाने का आह्वान किया।इस अवसर पर भाजयुमो जिला महामंत्री हेमन्त पालीवाल, भाजपा प्रवक्ता जनक सिंह देवड़ा, राकेश सोनी, अजय कनेरिया, सुनील पालीवाल ने किरण माहेश्वरी व विधायक कल्याण सिंह चौहान का श्रीजी की छवि, उपरना भेंट कर स्वागत किया गया।इस बीच जावद गांव के भाजपा कार्यकर्ता सुरेश पालीवाल की ओर से चौहान व माहेश्वरी की जीत की खुशी में श्रीनाथजी मंदिर में राजभोग मनोरथ करवाया गया। पालीवाल के नेतृत्व में जावद से पैदल आए पदयात्रियों तुलसीराम, गिर्राज, रमेश, महेश (पालीवाल) का किरण माहेश्वरी ने उपरना पहना कर स्वागत किया। इस दौरान पार्षद कालूलाल कुमावत, मोहम्मद असलम, सुभाष सामोता सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

Thursday, January 22, 2009

अटल बिना सभी टल रहे है काम : भाजपा

भारतीय जनता पार्टी समझ नहीं पा रही कि वह अपने सर्वोच्च नेता अटल बिहारी वाजपेयी की छवि के बगैर क्या करेगी? वाजपेयी ने एक बार नहीं कई बार साफ कर दिया है कि वे राजनीति में किसी भी हैसियत से वापस आने के लिए तैयार नहीं हैं लेकिन भाजपा के लिए यह सोचना भी कठिन है कि बगैर वाजपेयी के वह चुनाव मैदान में किस चेहरे से उतरेगी?लखनऊ में लालजी टंडन चाहे जितने बयान देते रहे लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी के सबसे विश्वास पात्र और लखनऊ में उनका काम धाम देख रहे शिव कुमार शर्मा का साफ कहना है कि सिर्फ स्वास्थ के कारणों से ही नहीं बल्कि अपने निजी विकल्पों के कारण वाजपेयी ने राजनीति से अलग रहने का फैसला किया है और इस फैसले को शायद कोई नहीं टाल सकता। शर्मा ने कहा कि श्री वाजपेयी बहुत समय से कहते आ रहे हैं कि भाजपा में नए चेहरों को प्रोत्साहन मिलना चाहिए लेकिन हर बार उनकी अनिवार्यता का बहाना करके उन्हें राजनीति में उतार दिया जाता है। शर्मा इस बात का कोई जवाब नहीं दे पाए कि नए चेहरों की बात जब वाजपेयी करते हैं तो क्या उनका मतलब लालकृष्ण आडवाणी से होता है? पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भाजपा नेतृत्व को संकेत दे दिया है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं। अलबत्ता, प्रदेश इकाई ने संभावित प्रत्याशियों की जो सूची तैयार की है उसमें लखनऊ से बतौर प्रत्याशी वाजपेयी का नाम शामिल किया गया। वाजपेयी के नजदीकी समझे जाने वाले भाजपा महासचिव विजय गोयल ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री अब लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।स्वास्थ्य कारणों से वाजपेयी ने सक्रिय राजनीति से खुद को दूर रखा है। सूत्रों का कहना है कि यदि उनके लड़ने की संभावना होती तो लोक सभा चुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची में ही उनका नाम होता। गत वर्ष जब भाजपा ने पहली सूची जारी की थी तो उससे पहले वाजपेयी से उनकी इच्छा जानने की कोशिश स्वयं आडवाणी और राजनाथ सिंह ने की थी। लेकिन, वाजपेयी चुनाव लड़ने के मुद्दे पर चुप्पी साध गए थे। हालांकि, औपचारिक रूप से न तो भाजपा ने और न ही वाजपेयी ने चुनाव लड़ने या नहीं लड़ने की घोषणा नहीं की है। ऐसे में उत्तर प्रदेश इकाई ने प्रदेश के संभावित भाजपा उम्मीदवारों की जो सूची जारी की है उसमें वाजपेयी का नाम लखनऊ लोकसभा सीट के लिए शामिल किया गया है।इस सूची पर 28 और 29 जनवरी को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में विचार किया जाएगा। पार्टी नेतृत्व का कहना है कि लखनऊ के बारे में अंतिम रूप से फैसला स्वयं वाजपेयी करेंगे। केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से पहले उनसे विचार-िवमर्श किया जाएगा। यदि वाजपेयी स्वयं नहीं लड़ते हैं तो उनकी जगह प्रत्याशी कौन होगा यह वाजपेयी ही तय करेंगे। भाजपा महासचिव विजय गोयल का कहना है कि वाजपेयी चुनाव नहीं लड़ेंगे इसका फैसला हो चुका है। उनकी जगह कौन प्रत्याशी होगा इसका फैसला स्वयं वाजपेयी करेंगे।

भाजपा डूबता जहाज : कांग्रेस

कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी को डूबते जहाज की संज्ञा देते हुये आज कहा कि पहले उसके सहयोगी दल उससे किनारा कर गये और अब उसके नेता पार्टी छोड़ रहे हैं।कांग्रेस की प्रवक्ता जयंती नटराजन ने यहां पार्टी की नियमित ब्रीफिंग में कल्याण सिंह के भाजपा से इस्तीफा देने के मद्देनजर यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के कई घटक दल भाजपा को या तो छोड़ दिया है या उसे पूरी तरह से अनदेखा कर रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण पंजाब के शिरोमणि अकाली दल है जिसने भाजपा से पूछे बिना सुखबीर सिंह बादल को उप मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है।उन्होंने कहा कि पूर्व उप राष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के खुल कर सामने आने के बाद कल्याण सिंह ने भाजपा छोड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के डूबते जहाज को देखते हुये उसके नेताओं ने उससे किनारा करना शुरू कर दिया है।

विलासराव देशमुख सोलापुर से लोकसभा चुनाव लडेंगे

पूर्व मुख्यमंत्री विलास राव देशमुख ने लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस राकांपा के बीच सींटों के बटवारे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी 25 मिनट तक बातचीत की। मुलाकात के बाद विलासराव देशमुख ने राज्य की वर्तमान राजनीतिक हालत पर चर्चा होने की बात पत्रकारों से कहा लेकिन सूत्रों की माने ते मुलाकात में विलासराव देशमुख के उस्मानाबाद एवं सुशील कुमार शिंदे सोलापुर से लोकसभा चुनाव लड़ने की खबर सामने आई थी कल तक कोई भी चुनाव लड़ने का राग अलापते राकांपा अध्यक्ष शरद पवार बारामती सीट अपनी पुत्री सुप्रिया सुले के लिए छोड़ शिरुर से चुनावी मैदान में उतरने की चौंकाने वाली खबर भी सूत्रों के हवाले से प्राप्त हुई है। गौरतलब हो कि मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद देशमुख लगातार दिल्ली का चक्कर लगाते रहे हैं। पिछले कुछ समय से राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दिये जाने की भी चर्चा होती रही है। दिल्ली छोड़ने से पूर्व देशमुख की अहमद पटेल एवं दिग्विजय सिंह से मुलाकात ने आशंकाओं को और बल दिया है।

परिसीमन के बाद अजमेर संसदीय क्षेत्र का भूगोल बदलने से रासासिंह रावत की बैचेनी

परिसीमन के बाद अजमेर संसदीय क्षेत्र का भूगोल बदलने से भारतीय जनता पार्टी और उसके सांसद रासासिंह रावत की बैचेनी बढ गई है।रावत वोट बैंक के बूते हर चुनाव में विजय पताका फहराने वाले रासासिंह इस बार संकट में है। ब्यावर विधानसभा क्षेत्र के रावत बहुल्य मगरा क्षेत्र के राजसमंद जिले में चले जाने से जातिय गणित गड़बड़ा गया है।परिसीमन के बाद अजमेर लोकसभा क्षेत्र में अजमेर उत्तर, दक्षिण, नसीराबाद, मसूदा, किशनगढ़, पुष्कर और जयपुर जिले के दूदू तथा टोंक संसदीय क्षेत्र के केकड़ी विधानसभा क्षेत्र को शामिल किया गया है। एक तरह से यह सीट भाजपा की परम्परागत सीट बन चुकी है लेकिन बदली परिस्थिति ने उसे सोचने पर मजबूर कर दिया है।राजनीतिक समीकरण और जातिय गणित के चलते जहां ब्यावर क्षेत्र का रावत वोट बैंक भाजपा से दूर हो गया वहीं केकड़ी और दूदू के जुड़ने से कांग्रेस का वोट बैंक बढ़ने के संकेत है । जाट, गुर्जर, दलित और वैश्य वर्ग के वोटो में इजाफे से भाजपा को तालमेल बनाने में जोर लगाना पड़ेगा।लोकसभा उम्मीदवार के पैनल के लिए भाजपा ने प्रदेश महामंत्री रामपाल जाट और स्थानीय विधायक प्रोफेसर वासुदेव देवनानी को प्रभारी बनाया है। रासासिंह का जातिय समीकरण बिगड़ने की आशंका को देखते हुए पूर्व मंत्री सांवरलाल जाट को भी मैदान में उतारा जा सकता है। पूर्व केन्द्रीय उप मंत्री जगदीप धनखड, जिला प्रमुख सरिता गैना, पूर्व विधायक भागीरथ चौधरी और देवीशंकर भूतडा भी दावेदारी की लाइन में है।उधर कांग्रेस में सांसद सचिन पायलट को सशक्त दावेदार माना जा रहा है। पूर्व विधायक डा. गोपाल बाहेती, विष्णु मोदी, पूर्व जिला प्रमुख राम स्वरुप चौधरी और डेयरी फैडरेशन के प्रमुख रामचन्द्र चौधरी के नाम भी चर्चा में है।

जान की बाजी लगाने वाले पुलिसकर्मी सच्चे नायक : राहुल गांधी

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने मुंबई जैसी घटनाओं से पुलिस और प्रशासन के लिए सबक करार दिया है। जयपुर दौरे पर आए राहुल गांधी ने जनता और पुलिस के संबंधों पर आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि कहा कि `देश और जनता की रक्षा के लिए जान की बाजी लगाने वाले पुलिसकर्मी सच्चे नायक हैं।'राहुल गांधी ने पुलिस में सुधार पर जोर देते हुए कहा कि जब तक प्रशासनिक और नैतिक स्तर पर कार्यप्रणाली और व्यक्तिगत भावनाओं में बदलाव नहीं किया जाएगा समस्या का समाधान संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग की समस्याओं का कोई एक समाधान नहीं है। कांग्रेस महासचिव ने कहा, `हम अपने नायकों को यूं ही नहीं खो सकते। उन्होंने स्पष्ट किया हमारी नजरों में किसी व्यक्ति की जान का मूल्य नहीं है, उनकी शहादत का मूल्य नहीं है इसलिए हम छोटी-छोटी समस्याओं को नजरअंदाज करते हैं और एक दिन यह समस्याएं विकराल रूप धारण कर लेती हैं।कांग्रेस महासचिव राजस्थान पुलिस अकादमी में एक सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। इस सेमिनार में देश भर के पुलिस अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस बीच राहुल गांधी ने पुलिस अधिकारियों से सीधा संवाद स्थापित करते हुए उनके सवालों का भी जवाब दिया।इससे पहले राहुल एक दिवसीय यात्रा पर आज सुबह जयपुर पहुंचे। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद राहुल पहली बार प्रदेश के दौरे पर आए हैं। सांगानेर एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, केंद्रीय मंत्री नमोनारायण मीणा सहित प्रमुख कांग्रेसी नेताओं ने राहुल का स्वागत किया। इसके बाद वे राजस्थान पुलिस अकादमी पहुंचे। यहां उन्होंने पुलिस परफॉरमेंस एंड पब्लिक रिलेशन विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित किया।

Wednesday, January 21, 2009

कल्याण और राजवीर समाजवादी पार्टी में शामिल

भारतीय जनता पार्टी से आज इस्तीफा देने वाले कल्याण सिंह के पुत्र और राज्य के पूर्व मंत्री राजवीर सिंह के जल्दी ही समाजवादी पार्टी में शामिल होने की संभावना है।सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने इस आशय का संकेत देते हुए पत्रकारों से कहा कि कल्याण सिंह देश के बड़े नेता हैं और उनके प्रति उनके दिल में बहुत सम्मान है।यादव ने कहा कि राजवीर सिंह के पास गजब की क्षमता है और भविष्य में वह बड़ा राजनेता बनेंगे।सपा सूत्रों के अनुसार राजवीर सिंह आगामी गुरूवार को सपा में शामिल हो सकते हैं । दूसरी ओर सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह का कहना है कि कल्याण सिंह का भाजपा से इस्तीफा देना लोकसभा चुनाव में सपा के लिए फायदेमंद होगा।

कल्याण सिंह करेंगे वाजपेयी का चुनाव प्रचार

भाजपा से आज त्यागपत्र देने वाले कल्याण सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के लोकसभा चुनाव लखनऊ से लड़ने पर प्रचार करने की घोषणा की है।सिंह ने भाजपा से इस्तीफा देने के तुरंत बाद कहा, वाजपेयी के लिए मेरे मन में अपार श्रद्धा है । यदि वह लखनऊ से चुनाव लड़ते हैं तो पार्टी लाइन से ऊपर उठकर उनका चुनाव प्रचार करेंगे । उन्होंने कहा कि वाजपेयी को पता था कि पार्टी में उनकी लगातार उपेक्षा की जा रही है, फिर भी भाजपा में वाजपेयी ही ऐसे नेता हैं जिन्हें वह बेहद पसन्द करते हैं। उन्होंने कहा कि 2004 में भाजपा में शामिल होना उनकी राजनीतिक भूल थी। दिवंगत प्रमोद महाजन पार्टी के वरिष्ठ नेता बलवीर पुंज और दीनानाथ मिश्र ने वाजपेयी के कहने पर उन्हें भाजपा में शामिल करवाने की पहल की थी।उन्होंने कहा कि वह भाजपा नेताओं का आग्रह टाल नहीं सके थे. लेकिन वह मानते है कि भाजपा में शामिल होकर उन्होंने राजनीतिक भूल की थी।सिंह ने कहा कि वह लोकसभा का चुनाव नहीं लडेंगें, लेकिन यदि इस मसले पर अपना फैसला बदलते हैं तो उनका चुनाव क्षेत्र एटा ही होगा।उन्होंने कहा कि वह तो भाजपा नेतृत्व से सिर्फ बुलंदशहर सीट पर अपनी राय मानने का आग्रह कर रहा था, लेकिन उन्हें अफसोस है कि अशोक प्रधान को उनसे ज्यादा तरजीह दी गयी।उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनाव में भाजपा उत्तर प्रदेश में पांच और पूरे देश में 118 सीटों से ज्यादा हासिल नहीं कर पायेगी ।

डूंगरपुर जिला एवं ब्लॉक कार्यकारिणी भंग

डूंगरपुर जिला कांगेस सेवादल की जिला एवं ब्लॉक कार्यकारिणी को प्रदेश मुख्य संगठक सुरेश चौधरी के निर्देश पर भंग करते हुए नई कार्यकारिणी का शीघ गठन किया जायेगा।जिला मुख्य संगठक बच्चूलाल खराडी ने बताया कि प्रदेश संगठक चौधरी के निर्देश पर कार्यकारिणी को भंग किया गया है। साथ ही उन्होंने बताया कि आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सक्रिय सदयों व पदाधिकारियों को उच्च पदों से नवाजा जायेगा। खराडी ने बताया कि सेवादल कार्यकर्ता आगामी लोकसभा चुनाव में जी जान के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगा।

वीर प्रताप का जीवन सदैव प्रेरणास्पद : विधायक कल्याणसिंह चौहान

प्रातः स्मरणीय महाराणा प्रताप की 412वीं पुण्यतिथि पर सुबह से देर रात्रि तक कई कार्यक्रम सम्पन्न हुए। इस अवसर पर नाथद्वारा विधायक कल्याणसिंह चौहान ने कहा कि वीर प्रताप का जीवन सदैव प्रेरणास्पद है।चौहान ने कहा कि नाथद्वारा तहसील क्षेत्र की प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर प्रताप प्रतिमा स्थापित की जाएगी। ताकि आने वाली पीढ़ी प्रताप के आदर्शों एवं सिद्धांतों को जीवन में उतार सके। चौहान सोमवार को देर सायं प्रताप के सहयोगी रणबाकुरों की स्मारकों पर पुष्पाजंलि कर आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।प्रताप मंच मेवाड़ के तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी में स्वतत्रता सेनानी मदन मोहन सोमटिया, लीलाधर गुर्जर, सौभाग्यमल सिंघवी, ज्योतिषाचार्य रामदेव दीक्षित ने विचार व्यक्त किए। प्रताप मंच मेवाड़ के सचिव एडवोकेट संजय माण्डोत ने रक्त तलाई स्थित रणक्षेत्र में महाराणा प्रताप व इनके सहयोगी रणबाकुरों की प्रतिमाएं स्थापित कराने की बात कही। संगोष्ठी में शिक्षाविद् मुकेश राही ने भी विचार व्यक्त किए। आभार आयोजक प्रताप मंच मेवाड़ के अध्यक्ष कृष्णकांत पालीवाल ने व्यक्त किया।

कुराबड़ ग्राम में विधायक सम्मेलन

वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र के कुराबड़ ग्राम में कुराबड़िया भैरूजी बावजी प्रांगण में कांग्रेस के उपाध्यक्ष मेघराज स्वर्णकार द्वारा विधायक सम्मेलन का आयोजन किया गया। अध्यक्षता देहात जिला कांग्रेस अध्यक्ष छगनलाल जैन ने की। मुख्य अतिथि डॉ. गिरिजा व्यास थी। विशिष्ठ अतिथि जिला प्रमुख केवलचंद लबाना, विधायक वल्लभनगर गजेन्द्र सिंह शक्तावत, पूर्व प्रधान घनश्याम लाल दवे, करणसिंह कोठारी, ब्लॉक अध्यक्ष सुरजमल मेनारिया थे।विधायक शक्तावत ने कार्यकर्ताओं से कार्य करने के लिए सदैव तत्पर रहने का वादा किया तथा चित्तौड़गढ़ लोकसभा क्षेत्र से मतदाताओं के आग्रह पर अगला चुनाव डॉ. गिरिजा व्यास को लड़ाने की मांग की।डॉ. गिरिजा व्यास ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी गजेन्द्र सिंह शक्तावत को विजय बनाने पर कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया। व्यास ने कहा कि इसी प्रकार लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस के प्रत्याशी को विजय बनाने का संकल्प कुराबड़िया भैरूजी बावजी के प्रांगण में कार्यकर्ताओं को लेना चाहिए। संचालन गिरिजा शंकर चौबिसा ने तथा धन्यवाद मेघराज सोनी ने ज्ञापित किया।

वागड़ मजदूर किसान संगठन की बैठक

सागवाड़ा नगर में वागड़ मजदूर किसान संगठन की बैठक सामुदायिक भवन सागवाड़ा में आयोजित हुई जिसके बाद रैली निकाल कर उपखण्ड अधिकारी को अपनी मांगों का ज्ञापन दिया।संगठन के संरक्षक मानसिंह सिसोदिया, संयोजक देवीलाल अहारी, गोमती प्रसाद अहारी, के नेतृत्व में संगठन के सदस्यों व कार्यकर्ता ने सामुदायिक भवन से नारे बाजी करते हुए रेली निकाली। रैली के उपखण्ड कार्यालय पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने उपखण्ड अधिकारी रामावतार शर्मा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। ज्ञापन में अकाल राहत कार्य खुलवाने की मांग की गई वहें वन विभाग के अधिकारियों को वन अधिनियम के तहत वयक्तिगत व सामूहिक दावे तैयार कर कार्य करवाने के लिये पाबन्द करवाने की मांग की गई। इस अवसर पर हकराजी, दिनेश लिम्बोड़, शंकर भाई, पुंजीलाल डेण्डोर सहित कई कार्यकता उपस्थित थे।

देहात जिलाध्यक्ष सहित 19 कांग्रेसियों को कारण बताओ नोटिस जारी

विधानसभा चुनावों में उदयपुर जिले में परचम फहराने वाली कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष ने पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ काम किया तो यह आरोप आप एक बारगी पचा नहीं पाएंगे। मगर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने देहात जिलाध्यक्ष सहित 19 कांग्रेसियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर खलबली मचा दी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री मुमताज मसीह ने हाल ही में देहात जिलाध्यक्ष छगनलाल जैन, पूर्व जिलाध्यक्ष रोशनलाल नागदा, जिला परिषद सदस्य कचरूलाल चौधरी, सेवादल अध्यक्ष दयालाल चौधरी, गिर्वा की पूर्व प्रधान निर्मला चौधरी, देहात जिला कांग्रेस कमेटी के सदस्य केसुलाल मेहता, झाड़ोल ब्लॉक के महामंत्री अमरसिंह झाला, जिला परिषद सदस्य हेमन्त गरासिया, महेन्द्र मीणा, युवराज सिंह करीब 19 कांग्रेस पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं के नाम कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इन लोगों से हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ काम करने पर स्पष्टीकरण मांगा है।सूत्रों ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस के तहत देहात जिलाध्यक्ष छगनलाल जैन पर झाड़ोल विधानसभा क्षेत्र में पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया गया है। इसी क्रम में रोशनलाल नागदा व कचरूलाल चौधरी पर उदयपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र तथा अमरसिंह झाला पर झाड़ोल में कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया गया है।प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी नोटिस ने एक बारगी कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खलबली मचा दी है। पार्टी के कई लोग इस आरोप को पचा नहीं पा रहे है क्योंकि कार्यकर्ताओं का तर्क है कि देहात जिलाध्यक्ष छगनलाल जैन स्वयं इस तरह के पार्टी विरोधी काम में लिप्त रहते तो कांग्रेस विधानसभा चुनावों में जिले में इस तरह परचम नहीं फहरा पाती।इधर कांग्रेस के इस नोटिस से कई भाजपायी भी आश्चर्यचकित है क्योंकि विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद कई भाजपा कार्यकर्ता यह अनुमान लगाए बैठे थे कि पार्टी चुनावों में भीतरघात करने वालों के खिलाफ तत्काल सख्त एक्शन लेगी। मगर यहां तो उनसे पहले चुनाव में परचम फहराने वाली कांग्रेस में नोटिस जारी हो गए।

Tuesday, January 20, 2009

संप्रग की वैकल्पिक सरकार अभी भी बन सकती : मधु कोड़ा

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने राज्य में राष्ट्रपति शासन के लिए सोमवार को झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन को दोषी ठहराते हुए कहा कि संप्रग की वैकल्पिक सरकार अभी भी बन सकती है।कोड़ा ने कहा कि तमाड़ विधानसभा उप चुनाव में हारने के बाद 12 जनवरी को मुख्यमंत्री पद से हटने के समय से ही सोरेन से बात नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि सोरेन को सामने आकर सहयोगी दलों से वैकल्पिक सरकार बनाने के बारे में बातचीत करनी चाहिए थी।उन्होंने कहा कि अभी भी सभी विकल्प खुले हैं, क्योंकि विधानसभा को भंग नहीं किया गया है। रेल मंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद के साथ अपनी बैठक का जिक्र करते हुए कोड़ा ने कहा कि लालू राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू नहीं रखना चाहते बल्कि वह चाहते हैं कि वहां वैकल्पिक सरकार बने। कोड़ा ने कहा कि मौजूदा हालात के कारण सभी विकास कार्य रूक गए हैं और यदि सरकार जल्द से जल्द नहीं बनी तो हालात बद से बदतर हो जाएंगे।

महरानगढ की बात चली तो अशोक गहलोत रो पडे

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की आंखों से उस समय आंसू छलक पड़े जब वे मेहरानगढ़ दुखांतिका पर चर्चा कर रहे थे।मंच के सामने चिंता के भंवर में बैठी मासूम एवं नादान बालिकाओं को देखकर वे पूरी तरह भावनाओं में बह गये और उनकी आंखे नम हो गई।गहलोत आज जोधपुर में भारत सेवा संस्थान की ओर से आयोजित मेहरानगढ़ दुखांतिका पीड़ित परिवार की बहनों के एकमुश्त जमा राशि,(एफडीआर) वितरण कार्यक्रम में चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी विपदा थी जिसने जोधपुर ही नहीं पूरे देश को हिलाकर रख दिया। उन्होंने कहा कि जब इस हादसे की जानकारी उन्हें दिल्ली में मिली तो जैसे तैसे वे उसी दिन जोधपुर पहुंचकर पीड़ितों के घरों में गये। वहां एक एक घर की अलग कहानी मिलीमुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा हादसा इन आंखों से देखना पड़ा जिसको भूलना असंभव हैं। गमगीन हुये जोधपुर में जगह जगह भावांजलि के कार्यक्रम हुये। जो भारत सेवा संस्थान में भी हुआ जिसमें ऐसे परिवारों की बालिकाओं के लिये एकमुश्त जमा राशि (एफडीआर) बनाने की इमदाद का निर्णय किया।

आडवाणी से कोई विरोध नहीं : भैरोसिंह शेखावत

पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत ने आज फिर दोहराया कि कांग्रेस ने राजस्थान की भारतीय जनता पार्टी पर 22 हजार करोड़ रूपये के घोटाले के जो आरोप लगाये हैं उसकी जांच होनी चाहिए।शेखावत ने आज सर्कीट हाउस में पत्रकारों से चर्चा में कहा कि मैंने इस संबंध में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा हैं जिसमें कहा हैं कि कांग्रेस ने भाजपा पर जो 22 हजार करोड़ रूपये के घोटाले के आरोप लगाये वह उसकी जांच करें तथा आरोप सही पाये जाने पर उन पर कार्यवाही करें।पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा कि गहलोत ने मेरे पत्र के उत्तर में यह कहा हैं कि जांच की जायेगी, लेकिन आरोपियों को जेल भेजना न्यायालय का काम हैं।पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा कि जांच के लिए आयोग गठन की बात भी विश्वसनीय नहीं हैं, क्योंकि कई आयोगों के गठन की जांच आज तक पूरी नहीं हो पायी है। उन्होंने कहा कि भाजपा पर भ्रष्टाचार का कांग्रेस का यह आरोप एक नहीं हैं, अपितु कांग्रेस ने राजस्थान के भाजपा कुशासन पर 108 आरोप लगाये हैं। अब गहलोत को इसकी जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने इनकी जांच नहीं की तो वह गहलोत सरकार का पीछा नहीं छोड़ेंगे और जांच कराकर ही दम लेंगे।शेखावत ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि मेरा लालकृष्ण आडवाणी से कोई विरोध नहीं हैं अपितु आडवाणी जी और अटल जी और मैंने एक साथ मिलकर पार्टी के लिए काम किया हैं, मैं भला आडवाणी जी को कैसे चुनौती दे सकता हूँ।एक अन्य प्रश्न के उत्तर में शेखावत ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि विधानसभा चुनाव में जातिवाद और परिसीमन के आधार पर टिकट बंटे और पार्टी के सिद्धांतों को अलग कर दिया गया जो दुर्भाग्यपूर्ण था।

आंतकवाद और हिंसा के खिलाफ एक जुट हो : सुरेन्द्र सिंह जाड़ावत

क्षेत्रीय विधायक सुरेन्द्र सिंह जाड़ावत ने युवाओं का आव्हान किया कि वे देश में बढ़ते आंतकवाद और हिंसा के खिलाफ एक जुट हो कर देश को बचाने का दृढ़ संकल्प ले।विधायक जाड़ावत सोमवार को स्थानीय प्रताप पार्क में नेहरु युवा केन्द्र द्वारा आयोजित राष्ट्रीय युवा सप्ताह के समापन अवसर पर आयोजित युवाओं की रैली को संबोधित कर रहे थे। जाड़ावत ने रैली में भाग लेने वाले युवाओं को आंतकवाद और हिंसा के विरुद्ध प्रतिज्ञा दिलाते हुए बुलन्दियों के साथ राष्ट्र हित में कार्य करने का आव्हान किया। इस अवसर पर चित्तौड़गढ़ प्रधान राजेश्वरी मीणा भी उपस्थित थी।इससे पूर्व अतिरिक्त अधीक्षक प्रसन्न खमेसरा ने नेहरु युवा केन्द्र कार्यालय परिसर में आंतकवाद एवं हिंसा के विरुद्ध रैली को रवाना करने से पूर्व अपने उद्बोधन में कहा कि देश के युवा जागरुक हो कर असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही के लिए जिला एवं प्रशासन को सहयोग दे। उन्होने हरी झण्डी दिखा कर युवा रैली को रवाना किया।प्रारम्भ में नेहरु युवा केन्द्र के युवा समन्वयक एम.पी.ित्रवेदी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि देश के 500 जिला मुख्यालयों पर नेहरु युवा संगठन के निर्देशानुसार युवाओं द्वारा आतंकवाद एवं हिंसा के विरुद्ध अभियान चलाने के लिए रैलियों का आयोजन किया जा रहा है।राष्ट्रीय युवा सप्ताह के समापन अवसर पर नेहरु युवा केन्द्र परिसर में स्वतंत्रता सैनानी प्रभु दयाल जोशी, कवि अब्दुल जब्बार, प्रो. सुशीला लढ्ढा ने नेहरु युवा केन्द्र की आतंकवादियों के विरुद्ध इस मुहिम को गांव गांव, ढाणी ढाणी तक पहुंचाने पर बल दिया।

विधायक सज्जन कटारा ने किया विद्यालय का निरीक्षण

उदयपुर ग्रामीण विधायक सज्जन कटारा ने सोमवार को टीडी स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का आकस्मिक निरीक्षण में कई अव्यवस्थाएं देखने मिली ।निरीक्षण में विधायक ने पाया कि कालांश के दौरान विद्यालय के छात्र बाहर घूम रहे थे। वहीं विद्यालय में छात्र संख्या नगण्य थी। कई अध्यापक भी अवकाश पर थे। विधायक कटारा ने संस्था प्रधान से वार्ता कर अव्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए।

उदयपुर लोकसभा सीट से भाकपा के मेघराज तावड होंगे प्रत्याशी

भाकपा जिला कॉसिल की बैठक सोमवार को मोहनदास की अध्यक्षता में हुई।राज्य कार्यवाहक तारासिंह व राज्य कार्यकारिणी सदस्य कैलाश गहलोत की उपस्थिति में आयोजित बैठक में आगामी लोकसभा चुनावों पर चर्चा कर उदयपुर संसदीय सीट से मेघराज तावड़ को चुनाव लड़ाने का निर्णय लिया गया।बैठक में प्रेम सिंह राठौड़, रामचन्द्र पारगी, भोलीराम, गोविन्द, भीमदास सहित कई कार्यकर्ता पदाधिकारी उपस्थित थे।

वसुंधरा और बैंसला भडकाने में लगे है : अशोक गहलोत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राजस्थान गुर्जर आरक्षण आंदोलन के अध्यक्ष कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला प्रदेश में गुर्जर आरक्षण आंदोलन को फिर से भड़काने का षड्यंत्र रच रहे हैं।गहलोत सोमवार को यहां संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे और कर्नल बैंसला दोनों मिलकर प्रदेश में आरक्षण आंदोलन को फिर भड़काने का प्रयास कर रहे है क्योंकि भाजपा अपनी हार को पचा नहीं पा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इनके किसी षड्यंत्र को सफल नहीं होने देगी।मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार अपने गृह नगर आए गहलोत ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और कर्नल बैंसला दोनों मिलकर आरक्षण आंदोलन को हवा देने का प्रयास कर रहे हैं। उन्हेंने कहा कि गुर्जरों समेत अन्य समाज को अपना हक मांगने का अधिकार तो है लेकिन षड्यंत्र करने का नहीं।उन्होंने कहा कि तरह-तरह दुष्प्रचार के बावजूद जनता ने कांग्रेस के पक्ष में जनादेश दिया है और उनकी प्राथमिकता संवेदनशील और पारदर्शी सरकार चलाने की है। गहलोत ने कहा कि वे अपने कर्तव्य को अच्छी तरह समझते हैं तथा उसका पालन करेंगे। गहलोत ने यह भी कहा कि वे किसी भी तरह की बदले की भावना में विश्वास नहीं रखते इसलिए कोई भी कार्रवाई बदले की भावना से नहीं की जाएगी।गहलोत ने कहा कि प्रदेश में बड़ी मुश्किल से कानून व्यवस्था फिर से सुधरी है। अब फिर षड्यंत्र कर वातावरण बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। सरकार किसी भी कीमत पर इनके षड्यंत्र को विफल करेगी। उन्हेंने कहा कि कांग्रेस सरकार गुर्जर और मीणा समाज में फिर से भाईचारा और सद्भावना के लिए काम करेगी।शराब नीति की चर्चा करते हुए गहलोत ने कहा कि शराब नीति में अवैध शराब को रोकने के साथ धार्मिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं के आसपास खोली गई दुकानों को बंद कराने का प्रावधान किया जाएगा। जयपुर शहर में 156 ऐसी दुकानें है जो आबकारी नीति के विरुद्ध खोली गई है। उन्होंने बताया कि शराब की दुकानों पर विग्यापन की रोक लगाई जाएगी। अब इन दुकानों पर सिर्फ शराब की दुकान का ही नाम रहेगा।दुकानों के समय में परिवर्तन के निर्णय की चर्चा करते हुए गहलोत ने कहा कि शराब की दुकान बंद करने का समय घटाने का चौतरफा स्वागत हुआ है तथा लोग शराब संस्कृति के खिलाफ एकजुट हो रहे है1 उन्होंने बताया कि अवैध शराब से भी काफी नुकसान हो रहा है तथा पिछले दिनों शाहपुरा की शराब दुखान्तिका की जांच की जा रही है।

Monday, January 19, 2009

कल्याण सिंह के जल्द ही समाजवादी पार्टी में

भाजपा से नाराज चल रहे वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के जल्द ही समाजवादी पार्टी में शामिल होने की संभावना है।कल्याण से रविवार को यहां एक निजी निवास पर सपा के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और राष्ट्रीय महासचिव अमर सिंह ने मुलाकात की। तीनों नेताओं के बीच एक घंटे से भी ज्यादा समय तक मंत्रणा हुई। राजनीतिक हलकों में इस मुलाकात को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।उल्लेखनीय है कि कल्याण सिंह ने पूर्व में भी भाजपा छोड़ पहले अपनी राष्ट्रीय क्रांति पार्टी बनाई थी और फिर सपा में शामिल हो गए थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने उनके पुत्र राजू और उनकी निकटवर्ती विधायक कुसुम राय को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था।कुसुम राय हाल में उत्तरप्रदेश से भाजपा के टिकट पर राज्यसभा सदस्य बनी हैं। भाजपा के कई बार मान मुनव्वल ठुकरा दिए जाने पर अब पार्टी नेतृत्व भी कल्याण सिंह को खास तवज्जो नहीं दे रहा है और अपनी महत्वपूर्ण बैठकों में उन्हें नहीं बुला रहा है। कल्याण सिंह भी परिसीमन के बाद अब अपनी परंपरागत सीट अतरौली के बजाय अलीगढ़ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं और अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए सपा का सहारा तलाश रहे हैं।

झारखंड में राष्ट्रपति शासन

झारखंड में राजनीतिक अनिश्चितता के माहौल को खत्म करने के राजनीतिक प्रयास विफल हो जाने के बाद आज वहां राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला ले लिया गया है।केन्द्रीय मंत्रिमंडल की प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में यहां हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं प्रणब मुखर्जी, एके एंटनी और अहमद पटेल के बीच रविवार को झारखंड के सवाल पर विचार-िवमर्श हुआ। तय हुआ कि सोमवार को यह मामला कैबिनेट के हवाले कर दिया जाएगा। कैबिनेट की मुहर लगते ही इसे राष्ट्रपति की औपचारिक मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। मंजूरी मिलते ही झारखंड में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाएगा।झारखंड में मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के उपचुनाव में हारने के बाद नए मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति न बन पाने से यह स्थिति बनी है। इस स्थिति में कांग्रेस की सबसे ज्यादा फजीहत हो रही है। इससे बचने के लिए कांग्रेस ने राष्ट्रपति शासन लगाने का मन बना लिया है।कांग्रेस नेतृत्व मान रहा है कि सत्ता में रहे बिना सत्ता विरोधी लहर से बचने के लिए सही रास्ता चुनाव का है। मगर, वह लोकसभा चुनाव के साथ झारखंड में विधानसभा चुनाव के पक्ष में नहीं है। इसीलिए, राष्ट्रपति शासन लगा कर विधानसभा को भंग नहीं किया जाएगा। अभी झारखंड विधानसभा का करीब डेढ़ साल का कार्यकाल बाकी है। विधानसभा को निलंबित रख कांग्रेस थोड़ा और इंतजार करेगी।सूत्रों के मुताबिक एक तरह से यह राजद, झामुमो व अन्य को कांग्रेस की चेतावनी है कि वे तत्काल नए मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति बनाएं।

लोकसभा चुनावों में परचम फहराने की मंशा लिए तैयारियां शुरू

विधानसभा चुनावों में बाजी हाथ से निकलने के बाद भाजपा ने लोकसभा चुनावों में परचम फहराने की मंशा लिए तैयारियां शुरू कर दी है।लोकसभा चुनावों की प्रारम्भिक तैयारियों के तहत भाजपा देहात जिला की बैठक आगामी 21 जनवरी को दोपहर साढ़े 12 बजे पटेल सर्कल स्थित पार्टी कार्यालय पर रखी गई है।देहात जिला प्रवक्ता वीरेन्द्रसिंह सौलंकी ने बताया कि देहात जिलाध्यक्ष गुणवंत सिंह झाला की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में लोकसभा चुनावों के मद्देनजर संगठनात्मक चर्चा की जाएगी। बैठक में उदयपुर संसदीय क्षेत्र के प्रभारी रामदास अग्रवाल व नन्दलाल मीणा विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।सौलंकी ने बताया कि बैठक में जिले के सभी विधानसभा चुनाव लड़ चुके प्रत्याशी, जिला पदाधिकारी, जिला कार्य समिति सदस्य, मण्डल अध्यक्ष महामंत्री व मोर्चा-प्रकोष्ठों के जिलाध्यक्ष महामंत्री तथा विशेष आमंत्रित सदस्य भाग लेंगे।

गहलोत के सािन्नध्य में होगा मानगढ धाम पर विशेष आयोजन

वागड के जलियावाला बाग के नाम से पहचाने जाने वाले मानगढ धाम पर फरवरी माह के पहले सप्ताह में होने वाले दो दिवसीय विशाल धार्मिक कार्यक्रम में राज्य के मुख्य मंत्री अशोक गहलोत सहित विख्यात संत, महंत एवं जनप्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। महर्षि दयानंद सेवाश्रम रातीतलाई बांसवाड़ा के तत्वावधान में कार्यक्रम की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं।कार्यक्रम के सफल आयोजन को लेकर गठित श्री गोविंद गुरू जयंती समारोह आयोजन समिति की रविवार को आनन्दपुरी पंचायत समिति सभागार में बैठक हुई। अध्यक्षता प्रधान श्रीमती सुभद्रा गरासिया ने की। मुख्य अतिथि समिति के अध्यक्ष एवं मानवाधिकार आयोग के प्रदेशाध्यक्ष खेमराज गरासिया थे। कार्यक्रम संयोजक जीववर्धन शात्री ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि पंजाब में हुए जलियावाला बाग कांड को पूरे राष्ट्र में जाना जाता हैं जबकि मानगढ धाम पर सरकारी आंकडों के हिसाब से लगभग 1500 आदिवासियों के नरसंहार को राजस्थान में भी नहीं जाना जाता हैं। उन्होनें बताया कि प्रसिद्व स्वतंत्रता सैनानी और आदिवासी समाज सुधारक गोविंद गुरू की 150वीं जयंती एवं मानगढ क्रांति के सौ वर्ष पुरे होने के उपलक्ष्य में 7 व 8 फरवरी को मानगढ बलिदान शताब्दी समारोह मनाया जाएगा। कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय आर्य समाज के प्रधान स्वामी अग्निवेश सहित कई संत हिस्सा लेंगे। कार्यक्रम में राज्य के मुख्य मंत्री अशोक गहलोत सहित केबिनेट के कई मंत्री, विधायक और जनप्रतिनिधि भी आ सकते हैं। इस दौरान 5 फरवरी से मानगढ धाम पर स्थानीय भजन मंडलियें द्वारा भजन गायन कार्यक्रम शुरू हो जाएगें। विशाल यज्ञ कार्यक्रम के अलावा श्री गोविंद गुरू की जीवनी पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी होगा। कार्यक्रम को लेकर दयानंद सेवाश्रम से जुडे उनके शिष्य जिलेभर में प्रचार प्रसार में जुट गए हैं। एक मोटे अनुमान के अनुसार इस कार्यक्रम में लगभग 20,000 लोगों की सहभागिता रहेगी। बैठक में सोमेश्वर पटेल, मणिलाल, मगनलाल पारगी, सुखलाल निनामा, करमचंद पारगी, लालसिंह पटेल, रकमचंद चरपोटा, शंभुलाल कटारा, परथा दायमा, योगेंद्र आर्य, रामचंद्र रावत, जोरावर पारगी, मोहनलाल ताबियार, रामेश्वर दयाल आर्य, गणेशलाल डामोर, कमलकिशोर पारगी, ओम लोदावरा सहित कई लोग मौजूद थे।

गहलोत मंत्रीमण्डल में भीलवाडा को प्रतिनिधित्व मिलना मुश्किल

गहलोत मंत्रिमंडल में भीलवाड़ा को प्रतिनिधित्व मिलना अब संभव नहीं लग रहा है। चुनाव जीतने के साथ ही मांडल क्षेत्र के विधायक रामलाल जाट का मंत्री बनना पक्का माना जा रहा था। लेकिन जिले के कुछ कद्दावर नेता अपने स्वार्थों के चलते राह में रोड़ा बने है। जिससे भीलवाड़ा विकास में भी पिछड़ेगा।जानकार सूत्रों की माने तो माण्डल क्षेत्र से पूर्व पंचायतराज मंत्री कालूलाल गुर्जर को पटखनी देने वाले डेयरी चेयरमेन और कांग्रेस के जमीन से जुड़े नेता रामलाल जाट का मंत्री बनना भीलवाड़ा में ही नहीं बल्कि प्रदेश की राजनीति में भी पक्का माना जा रहा था। लेकिन प्रथम सूची में रामलाल जाट को तो जगह नहीं मिल पाई। चार अन्य जाटों को मंत्री बना दिया गया। जिससे भीलवाड़ा को निराशा हाथ लगी और जाट समर्थक भी हताश हो गये। अब उम्मीद लगाई जा रही है कि अगले सप्ताह होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में जाट को झण्डी लगी कार मिल ही जायेगी। लेकिन उनकी राह में कांटे बिछाने वालों में और कोई नहीं बल्कि भीलवाड़ा के ही कांग्रेस के भीष्म पितामह और उनके कुछ चहेतों नेताओं के साथ ही दो विधायकों के नाम भी चर्चा में है।जानकारों की माने तो इन नेताओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने जाट को मंत्री नहीं बनाने की तिकड़म बाजी की है। अब देखना यह है कि तिकड़मबाज अपनी योजना में सफल होते है और भीलवाड़ा के विकास को ताक में रख देते है या फिर जाट मंत्री बन भीलवाड़ा के विकास में भागीदारी निभा पाते है।

Friday, January 16, 2009

भाजपा साफ करे आडवाणी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार है : शिवसेना

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के प्रमुख घटक दल शिवसेना ने कहा है कि लालकृष्ण आडवाणी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना भारतीय जनता पार्टी का ``अंदरूनी मामला'' है और राजग के सामने जब यह मुद्दा आयेगा तब पार्टी अपनी भूमिका स्पष्ट करेगी। शिवसेना के मुखपत्र मराठी दैनिक ``सामना'' के ताजा अंक के संपादकीय में कहा गया है कि भाजपा उनका निकटवर्ती सच्चा मित्र है और मित्र दल में प्रधानमंत्री पद को लेकर कोई तूफान उठता है तो शिवसेना बेचैन होती है । संसदीय चुनाव की अभी घोषणा भी नहीं हुई लेकिन कुछ राजनीतिक दल और नेता ``कौन बनेगा प्रधानमंत्री'' का खेल खेलने में मस्त है । भाजपा के ही कुछ नेता आडवाणी को प्रधानमंत्री बनने से रोकने के उद्देश्य से सक्रिय हो गये हैं । शिवसेना का मानना है कि आडवाणी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं लेकिन अन्य नेता भी प्रधानमंत्री पद की अपेक्षा रखते हैं,तो उसमें कोई गलत नहीं है। संपादकीय में कहा गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्वास्थ्य अगर ठीक रहता तो, ``प्रधानमंत्री कौन बने'' यह सवाल ही नहीं पैदा होता।शिवसेना ने कहा कि आडवाणी के अलावा भैरो सिंह शेखावत, राजनाथ सिंह। डा. मुरली मनोहर जोशी, अरूण जेटली और श्रीमती सुषमा स्वराज के नाम प्रधानमंत्री पद की दौड में है। इनके अलावा कांग्रेस में भी प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के अतिरिक्त अर्जुन सिंह से लेकर प्रणव मुखर्जी तक इस पद की आस लगाये बैठे है और हाल में मुखर्जी ने प्रधानमंत्री पद के लिये राहुल गांधी का नाम लेकर इस सर्वोच्च पद की गरिमा ही समाप्त कर दी है।शिवसेना ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा की तरह अपना भाग्य खुलने की प्रतीक्षा कर रहे है।शिवसेना ने कहा है कि राष्ट्रपति पद के चुनाव में उन्होंने श्रीमती प्रतिभा पाटिल को अपना समर्थन व्यक्त किया था लेकिन उस समय जनता दल (यू) के नेता दिग्विजय सिंह ने इसके विरोध में शिवसेना के साथ अपने संबंध तोड़ देने की चेतावनी दी थी । संपादकीय में कहा गया है राष्ट्रपति चुनाव में शेखावत के हार जाने से उनकी राजनीतिक पारी एकदम खत्म हो गई।शिवसेना ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को गुजरात का सर्वेसेवा करार देकर हिन्दुत्व की पताका बड़े साहस के साथ फहरायी है और गुजरात के मार्ग पर सबसे आगे निकल गयी है । संपादकीय में कहा गया है कि पूर्व में गुजरात को महात्मा गांधी अथवा सरदार पटेल के नाम से जाना जाता था लेकिन आज गुजरात को नरेन्द्र मोदी के नाम से जाना जाने लगा है।शिवसेना ने कहा है कि ऐसी स्थिति में जब भाजपा ने एक बार आडवाणी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने का फैसला कर लिया है तो इसके बाद प्रधानमंत्री कौन यह चर्चा बेमानी है और भाजपा को भी यह साफ कर देना चाहिये कि आडवाणी ही हमारे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार है और अन्य कोई नहीं, जिससे स्थायी रप से इस भ्रम को दूर किया जा सके।

असमानता और अवसरों की गैर बराबरी को कम करना महत्वपूर्ण : मनमोहन सिंह

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि असमानता और अवसरों की गैर बराबरी को कम करना देश के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रमुख विकास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।उन्होंने आगे कहा कि मेरे हिसाब से हमारे समक्ष सबसे महत्वपूर्ण मसला असमानता और अवसरों की गैर बराबरी को कम करना चुनौती के रूप में है। हमें विकास की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने की ओर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो मानव जाति के विकास के लिए आवश्यक हैं।मनमोहन सिंह यहां जिला योजना समिति के अध्यक्षों के पहले सम्मेलन का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों की ओर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है उनमें बीमारियों कुपोषण को समाप्त करना, स्वच्छ पेय जल की सुविधा प्रदान करना, अच्छी तथा सार्वभौमिक शिक्षा, आबादी को दक्ष बनाना, रोजगार के अवसर प्रदान करना और पर्यावरण की सुरक्षा करना शामिल है।सिंह ने कहा कि ग्रामीण जल आपूर्ति जैसे कार्यक्रम को योजनाबद्ध किया जाना चाहिए और जिला स्तर पर इसे अमल में लाया जाना चाहिए तथा शहरी क्षेत्रों में मध्यम अवधि वाले विकास योजनाओं को जारी रखना चाहिए।देश को आगे ले जाने में पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि पंचायतों के वास्तविक सशक्तिकरण की दिशा में प्रगति भले ही असमान रही हो लेकिन स्थानीय सरकारों के नियमित चुनाव कराके लोकतांत्रिक कार्यव्यवहार को बढ़ाया गया है।प्रधानमंत्री ने कहा कि स्थानीय संस्थानों में चुने हुए प्रतिनिधियों के क्षमता निर्माण की आवश्यकता है। हमने अभी तक इस पर अपना ध्यान केंद्रित नहीं किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने स्थानीय सरकारों को पुनर्जीवित करने के बारे में राष्ट्रीय सहमति कायम करने की पहल की अगुवाई की थी। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने केंद्र में पंचायती राज मंत्रालय को प्रतिष्ठापित किया ताकि लोक कल्याण के लिए मौन राजनीतिक और सामाजिक क्रांति को ठोस लक्ष्योन्मुख कार्रवाई में परिवर्तित किया जा सके।

समाजवादी पार्टी ने दत परिवार में करवा दी कलह

चुनाव शुरु होने वाले है। सीटों को लेकर कांग्रेस राकांपा और सपा के बीच रस्साकशी शुरु हो गयी है। इन पार्टियों की निगाहें हैं मुंबई के उत्तरी इलाके पर जहां से अपनी जीत को सुनिश्चत करने के लिए इन्होंने चुना है दत्त परिवार को।कांग्रेसी सूत्रों का मानना है कि सपा चुनावी मैदान में दत्त परिवार का नाम लाकर मुंबई व महाराष्ट्र की लोकसभा सीटों के लिए कांग्रेस पर दबाव बनाना चाहती है। वहीं 2004 में मुंबई की 6 में से 5 सीटों पर विजयी कांग्रेस कोई भी सीट छोड़ना नहीं चाहती है। दूसरी ओर राष्ट्रवादी कांग्रेस मुंबई में एक लोकसभा सीट चाहती है। महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी प्रमुख अबु असीम आजमी ने मुंबई के उत्तर पश्चिम इलाके से अपना प्रत्याशी चुनावी सफर में उतरने का संकेत देकर कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस गठबंधन के समक्ष कड़ी चुनौती खड़ीकर दी है। मुंबई के उत्तर पश्चिम इलाके पर दत्त परिवार का दबदबा रहा है वहां से सुनील दत्त पांच बार विजी रह चुके हैं। सूत्रों की माने तो उत्तर पश्चिम सीट को लेकर हो रही उठापटक की देखते हुए प्रिया दत्त उत्तर मध्य से लड़ने का मन बना रही है। उनके भाई संजय की नामौजूदगी से भी उनकी जीत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। एक कांग्रेसी नेता के अनुसार परिसीमन के बाद उत्तर पश्चिम सीट के समीकरण में उलटफेर हुआ है। उत्तर मध्य से प्रिया दत्त को जीतने में कोई मुश्किल नहीं होगी क्योंकि इस क्षेत्र की जनता सुनिल दत्त की कट्टर समर्थक रही है। इस पूरे प्रकरण में संजय दत्त की भूमिका को लेकर कांग्रेस का मानना है कि सपा मुन्नाभाई को रीयल लाइफ में मामू बना रही है। प्रिया व संजय से जब उनकी राय पूछी गयी और जानने का प्रयास किया गया कि उनका अगला कदम क्या होगा तो प्रिया दत्तने कहा मैं कांग्रेस का साथ दूंगी और मुझे खुशी होगी अगर संजय हमारे लिए (कांग्रेस) के लिए काम करेगा। वहीं संजय दत्त का कहना था में अभी कुछ नहीं कहूंगा। मैं अपने राजनीतिक कदम के बारे में एक या दो दिन में बात करुंगा। भले ही चुनाव का परिणाम कुछ भी हो कोई भी पार्टी जीते परंतु सत्ता की चाहतने भाई बहन के प्यार को जरुर खत्म व पराजित कर दिया है।

बंगला खाली नहीं करने वाले मंत्रियों को नोटिस

पद से हटने के बाद भी बंगले का मोह नहीं छोडने वाले तीन मंत्रियों को राज्य के जनरलएडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (जीएडी) ने बंगला खाली करने का नोटिस दिया है। राज्य में पिछले महिने मंत्रिमंडल में फेरफार किया था। नये मुख्य मंत्री अशोक चव्हाण के मंत्रिमंडल से अलग किए गए अनिल देशमुख (बांधकाम निर्माण विभाग), बाबा सिद्धिकी (अन्न एवं नागरी आपुर्ति मंत्री) तथा वसंत पुरके (िशक्षा विभाग) को अपने बंगले तत्काल खाली करने का नोटिस दिया है। यह बंगले नरीमन पॉईंट में मंत्रालय के सामने 2500 स्क्वायर फुट के क्षेत्र में है। नियमानुसार मंत्री पद छोडने के बाद मंत्रियों को 15 दिन में ही बंगला खाली करना होता है। ऐसी ही नोटिस पूर्व परिवहन मंत्री धर्मराव आत्राम को भी भेजी है। उनका मलबार हिल में सरकारी आवास खाली करना शेष है। आत्राम ने जुलाई 2008 में त्याग पत्र दिया था। चिंकारा की हत्या के प्रकरण में उन पर आरोप लगा था। कांग्रेस से सस्पेंड हुए नेता नारायण राणे ने भी मलबार हिल के निवास स्थान को खाली नहीं किया है। जी एडी के सूत्रों ने बताया कि अभी तक राणे को नोटिस नहीं भेजा है क्योंकि उनका राजनीतिक तौर पर निर्णय तय नहीं हुआ है।