Thursday, January 22, 2009

परिसीमन के बाद अजमेर संसदीय क्षेत्र का भूगोल बदलने से रासासिंह रावत की बैचेनी

परिसीमन के बाद अजमेर संसदीय क्षेत्र का भूगोल बदलने से भारतीय जनता पार्टी और उसके सांसद रासासिंह रावत की बैचेनी बढ गई है।रावत वोट बैंक के बूते हर चुनाव में विजय पताका फहराने वाले रासासिंह इस बार संकट में है। ब्यावर विधानसभा क्षेत्र के रावत बहुल्य मगरा क्षेत्र के राजसमंद जिले में चले जाने से जातिय गणित गड़बड़ा गया है।परिसीमन के बाद अजमेर लोकसभा क्षेत्र में अजमेर उत्तर, दक्षिण, नसीराबाद, मसूदा, किशनगढ़, पुष्कर और जयपुर जिले के दूदू तथा टोंक संसदीय क्षेत्र के केकड़ी विधानसभा क्षेत्र को शामिल किया गया है। एक तरह से यह सीट भाजपा की परम्परागत सीट बन चुकी है लेकिन बदली परिस्थिति ने उसे सोचने पर मजबूर कर दिया है।राजनीतिक समीकरण और जातिय गणित के चलते जहां ब्यावर क्षेत्र का रावत वोट बैंक भाजपा से दूर हो गया वहीं केकड़ी और दूदू के जुड़ने से कांग्रेस का वोट बैंक बढ़ने के संकेत है । जाट, गुर्जर, दलित और वैश्य वर्ग के वोटो में इजाफे से भाजपा को तालमेल बनाने में जोर लगाना पड़ेगा।लोकसभा उम्मीदवार के पैनल के लिए भाजपा ने प्रदेश महामंत्री रामपाल जाट और स्थानीय विधायक प्रोफेसर वासुदेव देवनानी को प्रभारी बनाया है। रासासिंह का जातिय समीकरण बिगड़ने की आशंका को देखते हुए पूर्व मंत्री सांवरलाल जाट को भी मैदान में उतारा जा सकता है। पूर्व केन्द्रीय उप मंत्री जगदीप धनखड, जिला प्रमुख सरिता गैना, पूर्व विधायक भागीरथ चौधरी और देवीशंकर भूतडा भी दावेदारी की लाइन में है।उधर कांग्रेस में सांसद सचिन पायलट को सशक्त दावेदार माना जा रहा है। पूर्व विधायक डा. गोपाल बाहेती, विष्णु मोदी, पूर्व जिला प्रमुख राम स्वरुप चौधरी और डेयरी फैडरेशन के प्रमुख रामचन्द्र चौधरी के नाम भी चर्चा में है।

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