Wednesday, January 14, 2009

कंधमाल हिंसा के बाद बहुत बदल चुके हैं बीजद और भाजपा के समीकरण

आम चुनाव करीब आते जा रहे हैं, लेकिन उड़ीसा में सत्तारूढ़ बीजद के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि कंधमाल में हुई हिंसा के बाद प्रदेश में एक दशक पुराने बीजद-भाजपा गठबंधन के बने रहने के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।बीजद से राज्यसभा के सांसद प्यारी मोहन महापात्र ने बोलांगीर जिले में एक रैली को संबोधित करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि राजनीतिक समीकरण पहले कभी इतने अस्थिर नहीं रहे। उन्होंने कहा कि बहरहाल, मुझे गठबंधन के भविष्य के बारे में कुछ भी कहने का अधिकार नहीं है। राजनीतिक पर्यवेक्षक महापात्र को अक्सर पार्टी के विचार समूह का नेतृत्वकर्ता कहते हैं। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व में बीजद ने 1998-1999 और 2004 में लोकसभा चुनाव तथा 2000 और 2004 में विधानसभा चुनाव लड़ा। इन चुनावों में पार्टी का भाजपा से गठबंधन रहा है। राज्य में इस साल फिर विधानसभा चुनाव होने हैं।भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष सुरेश पुजारी को हालांकि गठबंधन बने रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि हम इस बारे में बीजद से बातचीत शुरू कर चुके हैं। हमें नहीं लगता कि इस बार भी कोई समस्या होगी। पटनायक इस मुद्दे पर खामोश हैं, लेकिन महापात्र ने एक माह में दूसरी बार संकेत दिया कि बीजद अगले कदम के बारे में आश्वस्त नहीं है।पूर्व में 26 दिसंबर को बीजद के स्थापना दिवस पर हुई बैठक में महापात्र ने केंद्र में बनने वाली सरकारों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि न तो कांग्रेस ने और न ही किसी अन्य दल ने उड़ीसा की ओर ध्यान दिया। स्पष्ट तौर पर महापात्र का संकेत पूर्ववर्ती भाजपा नीत राजग सरकार की ओर था। मुख्यमंत्री के करीबी समझे जाने वाले बीजद के ही एक अन्य नेता ने कहा कि पार्टी के कुछ सदस्यों ने भाजपा को एक राजनीतिक जिम्मेदारी मानना शुरू कर दिया है। कई स्थानों पर भाजपा का जनाधार घट रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में संपन्न स्थानीय निकाय और पंचायत चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन बहुत खराब था। बदलती स्थित को देखते हुए पटनायक सहित बीजद के कई सदस्य भाजपा के साथ गठबंधन बनाए रखने के पक्ष में नहीं हैं। बीजद सूत्रों ने बताया कि कंधमाल में ईसाइयों पर हुए हमलों ने पहली बार पटनायक की धर्मनिरपेक्ष छवि पर सवाल उठाए हैं। उन्हे देश के सामने जवाब देना पड़ा। ऊपर से हालांकि सब कुछ सामान्य प्रतीत होता है, लेकिन बीजद और भाजपा के समीकरण कंधमाल हिंसा के बाद बहुत बदल चुके हैं।

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