Monday, January 26, 2009

पहले से ही बदनाम हैं उनको क्या बदनाम किया जाएगा : अशोक गहलोत

पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल की जांच के लिए गठित आयोग पर भाजपा नेताओं के सवाल उठाने पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि जो पहले से ही बदनाम हैं उनको क्या बदनाम किया जाएगा। बदनामी के कारण ही भाजपा की सरकार गई है। विधानसभा के अंदर और बाहर कांग्रेस तथा मीडिया ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, उन्हीं की जांच हो रही है। गहलोत शनिवार को यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में माणिक्यलाल वर्मा की पुण्यतिथि पर श्रध्दांजलि कार्यक्रम में भाग लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा सरकार में रहते हुए ही इन आरोपों की जांच करवा ली जाती और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा लिया होता तो भाजपा की आज यह दुर्गति नहीं होती। पीसीसी ने जो आरोप पत्र जारी किया और उनके ही मंत्रियों और पार्टी नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री पर जो आरोप लगाए, उनकी ही जांच की जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री पर पारदर्शी नहीं होने का आरोप मंत्रियों ने लगाया था। पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा आयोग की वैधानिकता पर सवाल उठाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शिकायत तो उनको होनी ही नहीं चाहिए। हम नहीं चाहते कि राजस्थान में गलत परम्परा की शुरुआत हो, इसीलिए हमने कमिश्नर ऑफ इन्क्वायरीज एक्ट के तहत आयोग नहीं बनाया। यदि ऐसा होता तो आयोग सम्मन जारी करता और हाजिर नहीं होने वालों के खिलाफ गिरफ्तारी वारण्ट जारी होते। उन्होंने कहा कि कर्नल किरोड़ीसिंह बैंसला और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे गुर्जर और मीणा जातियों को आपस में लड़ाने का षडयंत्र कर रहे हैं। गुर्जरों के साथ हमारी पूरी सहानुभूति है और हमने भाजपा की तरह गुर्जरों से ङाूठे वादे नहीं किए हैं। क्या है आयोग की वैधानिकता: वसु : जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे ने उनकी सरकार के कामों की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित जस्टिस माथुर आयोग की वैधानिकता पर ही सवालिया निशान लगा दिया है। भाजपा के प्रदेश कार्यालय में पत्रकाराें से बातचीत करते हुए राजे ने कहा कि इस आयोग का दायरा और वैधानिकता क्या है। स्वस्थ लोकतंत्र में यह परम्परा सही नहीं है। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान जो भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, वे बेबुनियाद हैं।

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