Thursday, January 22, 2009

अटल बिना सभी टल रहे है काम : भाजपा

भारतीय जनता पार्टी समझ नहीं पा रही कि वह अपने सर्वोच्च नेता अटल बिहारी वाजपेयी की छवि के बगैर क्या करेगी? वाजपेयी ने एक बार नहीं कई बार साफ कर दिया है कि वे राजनीति में किसी भी हैसियत से वापस आने के लिए तैयार नहीं हैं लेकिन भाजपा के लिए यह सोचना भी कठिन है कि बगैर वाजपेयी के वह चुनाव मैदान में किस चेहरे से उतरेगी?लखनऊ में लालजी टंडन चाहे जितने बयान देते रहे लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी के सबसे विश्वास पात्र और लखनऊ में उनका काम धाम देख रहे शिव कुमार शर्मा का साफ कहना है कि सिर्फ स्वास्थ के कारणों से ही नहीं बल्कि अपने निजी विकल्पों के कारण वाजपेयी ने राजनीति से अलग रहने का फैसला किया है और इस फैसले को शायद कोई नहीं टाल सकता। शर्मा ने कहा कि श्री वाजपेयी बहुत समय से कहते आ रहे हैं कि भाजपा में नए चेहरों को प्रोत्साहन मिलना चाहिए लेकिन हर बार उनकी अनिवार्यता का बहाना करके उन्हें राजनीति में उतार दिया जाता है। शर्मा इस बात का कोई जवाब नहीं दे पाए कि नए चेहरों की बात जब वाजपेयी करते हैं तो क्या उनका मतलब लालकृष्ण आडवाणी से होता है? पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भाजपा नेतृत्व को संकेत दे दिया है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं। अलबत्ता, प्रदेश इकाई ने संभावित प्रत्याशियों की जो सूची तैयार की है उसमें लखनऊ से बतौर प्रत्याशी वाजपेयी का नाम शामिल किया गया। वाजपेयी के नजदीकी समझे जाने वाले भाजपा महासचिव विजय गोयल ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री अब लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।स्वास्थ्य कारणों से वाजपेयी ने सक्रिय राजनीति से खुद को दूर रखा है। सूत्रों का कहना है कि यदि उनके लड़ने की संभावना होती तो लोक सभा चुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची में ही उनका नाम होता। गत वर्ष जब भाजपा ने पहली सूची जारी की थी तो उससे पहले वाजपेयी से उनकी इच्छा जानने की कोशिश स्वयं आडवाणी और राजनाथ सिंह ने की थी। लेकिन, वाजपेयी चुनाव लड़ने के मुद्दे पर चुप्पी साध गए थे। हालांकि, औपचारिक रूप से न तो भाजपा ने और न ही वाजपेयी ने चुनाव लड़ने या नहीं लड़ने की घोषणा नहीं की है। ऐसे में उत्तर प्रदेश इकाई ने प्रदेश के संभावित भाजपा उम्मीदवारों की जो सूची जारी की है उसमें वाजपेयी का नाम लखनऊ लोकसभा सीट के लिए शामिल किया गया है।इस सूची पर 28 और 29 जनवरी को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में विचार किया जाएगा। पार्टी नेतृत्व का कहना है कि लखनऊ के बारे में अंतिम रूप से फैसला स्वयं वाजपेयी करेंगे। केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से पहले उनसे विचार-िवमर्श किया जाएगा। यदि वाजपेयी स्वयं नहीं लड़ते हैं तो उनकी जगह प्रत्याशी कौन होगा यह वाजपेयी ही तय करेंगे। भाजपा महासचिव विजय गोयल का कहना है कि वाजपेयी चुनाव नहीं लड़ेंगे इसका फैसला हो चुका है। उनकी जगह कौन प्रत्याशी होगा इसका फैसला स्वयं वाजपेयी करेंगे।

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