Monday, January 12, 2009

समाजवादी पार्टी कांग्रेस के दिल से साफ

कांग्रेस में कथित निरादर एवं तिरस्कार से दुखी समाजवादी पार्टी ने आज स्पष्ट कर दिया कि हालांकि अब भी दोनों राजनीतिक दलों में समझौते की पूरी गुंजाइश है फिर भी अगर कांग्रेस समझौता तोड़ना चाहे तो वह तोड़ सकती है।सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की उपस्थिति में पार्टी महासचिव अमर सिंह ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्हें पार्टी की ओर से कांग्रेस से समझौता करने को अधिकृत किया गया है । कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह और प्रवक्ता सत्यव्रत चतुर्वेदी के तिरस्कारपूर्ण बयानों से आहत होने और सपा के लगभग सभी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं क समझौता तोड़ने के दबाव के बावजूद वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का हाथ नहीं छोड़ना चाहते । उन्होंने कहा कि अब इन्हीं दोनों नेताओं पर कांग्रेस-सपा समझौता बनाये रखना निर्भर करता है।उन्होंने कहा कि मनमोहन सरकार से उनकी पार्टी का समर्थन वापस लेने की अभी कोई औपचारिक बातचीत नहीं है। फिर भी वह इस मामले पर पहले पार्टी की 14 जनवरी को कार्यसमिति में और फिर कांग्रेस-सपा समन्वय समिति की बैठक में मंत्रणा करेंगे । इस पर भी अगर कांग्रेस समझौता तोड़ना चाहे तो तोड़ सकती है।सपा महासचिव ने कहा कि कांग्रेस से सपा को सदैव निरादर और तिरस्कार के अलावा कुछ नहीं मिला है । हमने मनमोहन सरकार को बचाने के लिए राष्ट्रहित में उसे समर्थन दिया था। पर अब दिग्विजय सिंह ने यह बयान दिया है कि कांग्रेस के लिये विकल्प खुले हैं और सपा ``फ्लॉप'' हो रही है1 उन्होंने कहा कि सपा न फ्लाप हुई है होगी। कांग्रेस चाहे तो समझौता तोड़ सकती है।उन्होंने कहा कि मनमोहन सरकार को बचाने के बाद दिग्विजय सिंह ने सपा प्रमुख को झूठा और बेईमान बताया था जबकि सत्यव्रत चतुर्वेदी ने हमें पागल कहा था। इसका मैंने विरोध किया था और श्रीमती गांधी एवं राहुल गांधी तथा सिंह ने स्थिति संभाली थी।सपा महासचिव ने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिये उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने 80 में से 31 सीटें मांगी हैं और उन्हें कांग्रेस की परम्परागत सीटें बताया है। हमारा कहना है कि पूरे देश में सभी सीटें कभी न कभी कांग्रेस की सीट रही है पर अब कांग्रेस महासचिव को जमीनी हकीकत समझनी चाहिए और सपा को भी मध्यप्रदेश में सीटें देनी चाहिए जिसके लिये साफ इन्कार कर दिया गया है।

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