Saturday, January 24, 2009

जेटली खुद चुनाव लड़ेंगे तो चुनावों का इंतजाम कौन करेगा?

भाजपा ने हालांकि लाल कृष्ण आडवाणी को अपना भावी प्रधानमंत्री पहले से ही घोषित कर दिया है लेकिन भैरो सिंह शेखावत और कल्याण सिंह की बगावती मुद्राएं आडवाणी के भविष्य के लिए अच्छी नजर नहीं आ रही। इसके अलावा पार्टी के सबसे कुशल चुनाव मैनेजर अरूण जेटली को लोकसभा चुनाव लड़ाने के लिए पार्टी में दबाव बढ़ता जा रहा है और भाजपा में ये चिंता भी व्याप गई है कि अगर जेटली खुद चुनाव लड़ेंगे तो चुनावों का इंतजाम कौन करेगा?कांग्रेस में आम धारणा यही है कि वर्तमान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ही अगले प्रधानमंत्री के तौर पर पार्टी पेश करे। लेकिन एक बार बाई पास ऑपरेशन करवा चुके मनमोहन सिंह एक तो लोकसभा के लिए बहुत उपयोगी पात्र नहीं माने जाते और दूसरे हाल ही में हुई मेडीकल जांच के दौरान जाहिर हुआ है कि उनके दिल का एक ऑपरेशन और करना पड़ सकता है। इसके अलावा मनमोहन सिंह की पौरूष ग्रंथी का ऑपरेशन हो चुका है और फिर से उसमें गड़बड़ी के लक्षण नजर आ रहे हैं। ऐसे में बीमार प्रधानमंत्री के तौर पर मनमोहन सिंह को पेश करना कांग्रेस के लिए आसान काम नहीं होगा। दरअसल कांग्रेस में प्रधानमंत्री पद के दावेदारों के प्रस्ताव अलग-अलग तरीकों से सामने आते जा रहे हैं। एनसीपी नेता शरद पवार ने खुद कुछ कहने की बजाय अपनी पार्टी की ओर से एक प्रस्ताव पारित करवाया है जिसके अनुसार एनसीपी अध्यक्ष भी प्रधानमंत्री पद के सबसे काबिल दावेदार हो सकते हैं। 1991 में राजीव गांधी की हत्या हो गई थी तो पीवी नरसिंह राव अपने आप प्रधानमंत्री पद के दावेदार बन गए थे। पीवी नरसिंह राव कांग्रेस के अध्यक्ष थे उस समय शरद पवार का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे आगे था मगर अर्जुन सिंह और पवार के बीच झगड़ा करवा कर पीवी नरसिंह राव ने प्रधानमंत्री पद खुद हासिल कर लिया। अब शरद पवार के भक्तों को याद आया है कि राजनीति के वर्तमान अस्थिर दौर में उनके नेता पीवी नरसिंह राव प्रधानमंत्री पद के आदर्श पात्र हो सकते हैं। आखिर देश के रक्षा मंत्री वे रह चुके हैं। देश के कृषि मंत्री हैं ही और तीन बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। इसके अलावा कांग्रेस हालांकि उन्होंने सोनिया गांधी का विरोध करके छोड़ी थी मगर बाद में अपने सारे राजनैतिक कार्यक्रम उन्होंने कांग्रेस के साथ ही संपन्न किए। वे यूपीए सरकार में मंत्री हैं और उनकी पार्टी महाराष्ट्र मिल कर सरकार चला रही है। शरद पवार अगर प्रधानमंत्री पद के दावेदारी पेश करते हैं तो उन्हें वाम मोर्चा का समर्थन भी आसानी से मिल सकता है।

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