Saturday, January 31, 2009

मुख्यमंत्री नहीं बने राणे अब लोकसभा चुनाव के लिए टिकट की कतार में

मुख्यमंत्री बनने के इच्छुक कांग्रेस नेता नारायण राणे को कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में कोंकण से खड़ा करने की संभावना व्यक्त की जा रही है। पिछले दिनों दिल्ली गए भूतपूर्व मुंख्यमंत्री नारायण राणे ने पार्टी वरिष्ठ नेताओं के साथहुई बैठक के बाद कांग्रेस नही छोड़ने की घोषणा की साथ ही लोकसभा के चुनाव में पार्टी को जिताने के लिए पूरा प्रयास करने को कहा।नारायण राणे ने भूतपूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख और प्रदेश अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे के साथ विवाद को नासमझी होना स्वीकार किया। लोकसभा के चुनाव पूर्व महाराष्ट्र कांग्रेस के आंतरिक मत भेदों को दूर करने के लिए राणे के साथ पार्टी का वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और महाराष्ट्र के प्रभारी ए.के एंटोनी के साथ बैठक की। कांग्रेस पार्टी और पार्टी के नेताओंके बीच मतभेद होने पर भी राणे कांग्रेस में ही रहने के निर्णय कैसे लिया है। इस विषय पर कोई जानकारी नही दी। मुख्यमंत्री पद नहीं मिलने से पार्टी के विरुद्ध टिप्पणी करने वाले राणे को पिछली दिसबंर में पार्टी से सस्पेंड कर दिया था। उसके बाद अकेले पड़े राणे तीन बार दिल्ली जा कर महाराष्ट्र के प्रभारी ए.के. एंटोनी से मुलाकात की। फिर भी उन्हें मत्रिमंडल में नही लिया गया। अभी तक कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने भी उन्हें मुलाकात के लिए समय नही दिया। नारायण राणे को कांग्रेस शिवसेना का गढ़ माने जाने वाले कोकंणसे लोक सभा चुनाव में खड़ा करने की संभावना व्यक्त की जा रही है। नारायण राणे की दिल्ली मुलाकात के बाद मुख्य मंत्री अशोक चव्हाण भी दिल्ली जा कर पार्टी के नेताओं के साथ राणे मुद्दे पर चर्चा की थी।

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