Friday, January 16, 2009

समाजवादी पार्टी ने दत परिवार में करवा दी कलह

चुनाव शुरु होने वाले है। सीटों को लेकर कांग्रेस राकांपा और सपा के बीच रस्साकशी शुरु हो गयी है। इन पार्टियों की निगाहें हैं मुंबई के उत्तरी इलाके पर जहां से अपनी जीत को सुनिश्चत करने के लिए इन्होंने चुना है दत्त परिवार को।कांग्रेसी सूत्रों का मानना है कि सपा चुनावी मैदान में दत्त परिवार का नाम लाकर मुंबई व महाराष्ट्र की लोकसभा सीटों के लिए कांग्रेस पर दबाव बनाना चाहती है। वहीं 2004 में मुंबई की 6 में से 5 सीटों पर विजयी कांग्रेस कोई भी सीट छोड़ना नहीं चाहती है। दूसरी ओर राष्ट्रवादी कांग्रेस मुंबई में एक लोकसभा सीट चाहती है। महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी प्रमुख अबु असीम आजमी ने मुंबई के उत्तर पश्चिम इलाके से अपना प्रत्याशी चुनावी सफर में उतरने का संकेत देकर कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस गठबंधन के समक्ष कड़ी चुनौती खड़ीकर दी है। मुंबई के उत्तर पश्चिम इलाके पर दत्त परिवार का दबदबा रहा है वहां से सुनील दत्त पांच बार विजी रह चुके हैं। सूत्रों की माने तो उत्तर पश्चिम सीट को लेकर हो रही उठापटक की देखते हुए प्रिया दत्त उत्तर मध्य से लड़ने का मन बना रही है। उनके भाई संजय की नामौजूदगी से भी उनकी जीत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। एक कांग्रेसी नेता के अनुसार परिसीमन के बाद उत्तर पश्चिम सीट के समीकरण में उलटफेर हुआ है। उत्तर मध्य से प्रिया दत्त को जीतने में कोई मुश्किल नहीं होगी क्योंकि इस क्षेत्र की जनता सुनिल दत्त की कट्टर समर्थक रही है। इस पूरे प्रकरण में संजय दत्त की भूमिका को लेकर कांग्रेस का मानना है कि सपा मुन्नाभाई को रीयल लाइफ में मामू बना रही है। प्रिया व संजय से जब उनकी राय पूछी गयी और जानने का प्रयास किया गया कि उनका अगला कदम क्या होगा तो प्रिया दत्तने कहा मैं कांग्रेस का साथ दूंगी और मुझे खुशी होगी अगर संजय हमारे लिए (कांग्रेस) के लिए काम करेगा। वहीं संजय दत्त का कहना था में अभी कुछ नहीं कहूंगा। मैं अपने राजनीतिक कदम के बारे में एक या दो दिन में बात करुंगा। भले ही चुनाव का परिणाम कुछ भी हो कोई भी पार्टी जीते परंतु सत्ता की चाहतने भाई बहन के प्यार को जरुर खत्म व पराजित कर दिया है।

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