Wednesday, January 14, 2009

राजस्थान मंत्रीमण्डल का एक्सटेंशन जल्द ही

अशोक गहलोत सरकार की मंत्रिपरिषद का `मेगा एक्सटेंशन' लोकसभा चुनाव की गणित में उलझता दिखाई दे रहा है। जातीय समीकरणों को `बैलेंस' करने के लिए इसे एक-दो विधायकों को मंत्री बनाने तक ही सीमित रखा जा सकता है। इस सप्ताह के अंत तक संभावित इस मामूली विस्तार के बाद बड़ा फेरबदल लोकसभा चुनाव से निपट कर ही होगा।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी मंत्रिपरिषद में अभी 13 मंत्री बनाए हैं, इसमें 2 राज्यमंत्री भी शामिल हैं। मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री ने संकेत दिए थे कि अगला विस्तार विधानसभा सत्र के बाद किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार इस विस्तार में डॉ.िजतेन्द्र सिंह रामनारायण मीणा, बाबूलाल नागर, भरोसीलाल जाटव, अशोक बैरवा, भंवरू खां, जकिया इमाम, कर्नल सोनाराम, दयाराम परमार, भगराज चौधरी, उदयलाल आंजना, प्रमोद जैन, कैलाश त्रिवेदी, मांगीलाल गरासिया, रघु शर्मा एवं प्रतापसिंह खाचरियावास को शामिल किए जाने की चर्चा जोरों पर है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि अब यह योजना बदली जा रही है। यदि विस्तार किया जाता है तो गहलोत पर सभी जातियों और जिलों को प्रतिनिधित्व देना बड़ी चुनौती रहेगी। जिस जाति या जिले को प्रतिनिधित्व नहीं मिलेगा वहां नाराजगी पैदा होने की स्थिति में लोकसभा का `टारगेट-25' प्रभावित होगा। समस्या यह है कि यदि सभी जिला-संभागों के प्रतिनिधित्व का ध्यान रखा जाता है तो कई जिले-संभागों से पहली बार जीते विधायकों को मंत्री बनाना पड़ेगा। इस स्थिति में वरिष्ठ विधायकों को बाहर बैठना पड़ सकता है। यदि सभी जातियों के प्रतिनिधित्व एवं वरिष्ठ विधायकों का ध्यान रखा जाता है तो कई जिलों एवं संभागों का प्रतिनिधित्व मंत्रिपरिषद में नहीं झलक पाएगा। सूत्रों का कहना है कि इस समस्या से बचने के लिए यह रणनीति बनाई जा रही है कि मंत्रिपरिषद गठन के समय मलमास होने के कारण शपथ नहीं ले पाए डॉ.िजतेन्द्र सिंह एवं एक अन्य वरिष्ठ विधायक को मंत्रिपरिषद में शामिल करने के लिए मामूली विस्तार किया जाए। डॉ.िजतेन्द्र सिंह को शामिल करने से गुर्जर समाज का प्रतिनिधित्व हो जाएगा एवं एक अन्य वरिष्ठ विधायक को शामिल कर गहलोत अपने पास रखे 37 विभागों के काम का बंटवारा कर सकेंगे।सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री मकर सक्रांति के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे और इस सप्ताह के अंत तक मंत्रिपरिषद विस्तार करने के लिए हरी झंडी लेंगे।

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