विधानसभा चुनावों में भीतरघात करने वाले 38 लोगों को भाजपा द्वारा पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया उसमें मेवाड़ क्षेत्र में भीतरघात करने वाले किसी शख्स का नाम नहीं होने से कई निष्ठावान भाजपायी सन्न रह गए हैं।उल्लेखनीय है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भीतरघात कर पार्टी को नुकसान पहुंचाने के आरोप में भाजपा ने मंगलवार शाम 38 लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।पार्टी अनुशासन के नाम पर हुई कार्यवाही ने संबंधित क्षेत्रों के उन निष्ठावान कार्यकर्ताओं के मन को एक बारगी शांति प्रदान कर दी जो भीतरघात के कारण हार का दर्द भोग रहे थे मगर पार्टी के इस कदम से मेवाड़ क्षेत्र के वे भाजपायी सन्न रह गए जो विधानसभा चुनावों में भीतरघात करने वालों की लिखित में प्रदेश पदाधिकारियों व अनुशासन समिति को शिकायत दर्ज करवा कर ऐसे लोगों के खिलाफ भी एक्शन की उम्मीद लगाए बैठे थे क्योंकि भाजपा ने अनुशासन के नाम पर जिन लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया उसमें मेवाड़ क्षेत्र के किसी व्यक्ति का नाम शामिल नहीं था। पार्टी के इस कदम के बाद भीतरघात की पीड़ा सहन कर रहे मेवाड़ क्षेत्र के कुछ भाजपायियों के मन को टटोला गया तो उनके मन की पीड़ा खुलकर सामने आ गई। ऐसे निष्ठावान कार्यकर्ताओं का तर्क था कि भीतरघात करने वालों की प्रदेश भाजपा को लिखित में शिकायत कर उनका कच्चा चिट्ठा सामने रखने के बावजूद उनके खिलाफ पार्टी ने कोई एक्शन नहीं लेकर निष्ठावान कार्यकर्ताओं के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा काम किया है।कुछ लोग यह तर्क देने में भी पीछे नहीं रहे कि भीतरघात करने वालों के खिलाफ एक्शन नहीं होना यह साफ करता है कि कहीं न कहीं भीतरघात करने वालों को उपरी स्तर पर प्रोटेक्शन मिला हुआ है।उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनावों में भाजपा को मेवाड़ में करारी हार का सामना करना पड़ा था। चुनाव परिणाम के बाद हार के लिए भीतरघात को प्रमुख कारण बताते हुए निष्ठावान कार्यकर्ताओं ने ऐसे लोगों के खिलाफ तुरंत एक्शन लेने की खुब मांग की थी। यहा तक लोकसभा प्रत्याशी को लेकर कार्यकर्ताओं की राय जानने पहुंचे पार्टी प्रभारियों के समक्ष भी भीतरघात करने वालों के खिलाफ एक्शन लेने की पुरजोर मांग उठी थी। इसके बावजूद ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही नहीं होने से कई कार्यकर्ता सन्न रह गए हैं।
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